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07 नवंबर 2012

रमा एकादशी 10 को, सभी पाप नष्ट हो जाते हैं इस व्रत से



 

कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत रख भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार इस व्रत के प्रभाव से समस्त पाप नष्टï हो जाते हैं, यहां तक कि ब्रह्मïहत्या जैसे महापाप भी दूर होते हैं। सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए यह व्रत सुख और सौभाग्यप्रद माना गया है। इस बार यह व्रत 10 नवंबर, शनिवार को है। इस दिन इस विधि से भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करें।
पूजन विधि
यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस दिन उपवास रखकर सुबह के नित्य कर्म स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधानानुसार पूजा व आरती करें। नैवेद्य चढ़ाकर प्रसाद का वितरण भक्तों में करें। प्रसाद में माखन और मिश्री का उपयोग करें। दिन में एक बार फलाहार करें। अन्न का सेवन न करें।

पिता ने फेंका 40 फीट नीचे तभी हुआ एक चमत्कार और...



 

पुणे. पत्नी से झगड़ा होने के बाद पति ने शराब  के नशे में सात माह के बच्चे को रेलवे फ्लाईओवर से 40 फीट नीचे रेलवे मार्ग पर फेंक दिया। यह घटना बुधवार दोपहर पिंपरी में घटी। बच्चा बाल-बाल बच गया है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक दत्ता उर्फ युवराज अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया गया है। पिंपरी पुलिस थाने में उस पर मामला दर्ज किया गया है।

बुधवार की दोपहर पिंपरी के रेलवे फ्लाईओवर पर दत्ता ने शराब पी और अपनी पत्नी के साथ झगड़ा किया। झगड़ा इतना बढ़ गया किया कि वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई।

दत्ता की पत्नी बेटे शुभम को गोद में लिए हुई थी।  दत्ता ने शुभम को ब्रिज से नीचे फेंकने की धमकी दी। लोगों की भीड़ देख पुलिस भी आ गई।

पुलिस ने भी दत्ता को रोकने का प्रयास किया किंतु पत्नी पर गुस्साए दत्ता ने बिना कुछ सोचे शुभम को नीचे फेंक दिया। रेलवे पटरी के बीच शुभम गिर गया। पुलिस ने उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर ने जांच के दौरान शुभम के खतरे से बाहर होने की बात कही है। उसका अस्पताल में इलाज जारी है।


इस बीच ब्रिज पर जमा हुई भीड़ ने दत्ता की धुनाई कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने उस पर मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।

जेल में 10 माह से बंद महिला कैदी कैसे हुई गर्भवती?


 

इंदौर। झाबुआ जेल में 10 माह से बंद महिला कैदी के गर्भवती होने के मामले में एमवाय हॉस्पिटल प्रशासन ने अब एक और मोड़ दे दिया है। महिला की दो जांचें की गई थीं एक में उसे गर्भवती बताया, जबकि दूसरी में कहा गया था कि गर्भ नहीं है। एमवाय की दो अलग-अलग रिपोर्ट पर झाबुआ कलेक्टर, राज्य महिला आयोग सहित कई स्तरों पर जवाब मांगे थे। उसके बाद एमवाय प्रशासन ने हाल ही में मामले को नया मोड़ दे दिया। सूत्रों के मुताबिक उसने जवाब में कहा है कि पहली जांच होने से पहले ही उसका गर्भपात हो गया था, चूंकि तब तक गर्भ के लक्षण थे। लिहाजा, पहली रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी। दूसरी रिपोर्ट आने तक गर्भपात को लंबा समय गुजर गया था, इसलिए वह रिपोर्ट निगेटिव आई। यह जवाब एमवाय प्रशासन ने झाबुआ प्रशासन को भेजा है।
एमवाय के नए जवाब के बाद अब महिला आयोग भी झाबुआ जेल में महिला के गर्भवती होने और गर्भ गिराए जाने के बिंदु पर जांच कर रहा है। इस मामले में जब महिला आयोग की इंदौर की प्रभारी अधिकारी स्नेहलता उपाध्याय से बात की तो उन्होंने गर्भपात पर तो कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन यह जरूर कहा कि आयोग द्वारा की जा रही जांच में यह बिंदु भी शामिल है।

भगवान करे किसी मां को कभी भी ऐसा न करना पड़े



भोपाल। भले ही कोर्ट ने मेरे पक्ष में फैसला सुनाया हो, लेकिन इससे एक मां का दिल तो टूटा ही है। भला ऐसी कौन मां होगी, जिसे बहू-बेटे को जेल होने पर खुशी होगी। लेकिन, मेरे पास और कोई चारा भी नहीं था। उन्होंने स्थिति ही ऐसी बना दी थी कि मुझे मजबूरन एफआईआर दर्ज कराना पड़ी। ईश्वर से यही कामना है कि मेरी तरह किसी और मां को बहू-बेटे के खिलाफ कानून का सहारा न लेना पड़े।
इतना कहते-कहते 65 वर्षीय कमलेश सुंचे रो पड़ीं। श्रीमती सुंचे को प्रताडि़त करने के आरोप में उनके बहू-बेटे को कोर्ट ने नौ महीने की जेल और 11 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। कमलेश ने बताया कि एफआईआर दर्ज कराने से पहले उनके मामले को परामर्श केंद्र में रखा गया था। बेटे-बहू की काउंसलिंग भी कराई गई थी। काउंसलिंग के दौरान उन्होंने समझौता तो कर लिया लेकिन बाद में फिर वही व्यवहार शुरू कर दिया। गत 23 मार्च को उन्हें बुरी तरह से पीटा और घर से निकाल दिया।
इसके बाद तंग आकर 24 मार्च को उन्होंने टीटी नगर थाने में बेटे पंकज और बहू बरखा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई। इसके बाद पंकज और बरखा के अत्याचार बहुत बढ़ गए। उनका कहना था कि एक बार मामला दर्ज हो ही गया है, अब पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। बढ़ते अत्याचार से परेशान होकर राज्य महिला आयोग में शिकायत की।
कमलेश ने बताया कि आयोग की अध्यक्ष उपमा राय ने इस मामले में टीटी नगर पुलिस को निर्देश दिए कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता, उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए। पुलिस ने घर पहुंचकर बेटे-बहू को समझाइश दी और उन्हें अलग रहने की सलाह दी। इसके बाद से कमलेश अलग रह रही हैं। गौरतलब है कि संपत्ति विवाद को लेकर कमलेश सुंचे ने 24 मार्च 2012 को टीटी नगर थाने में शिकायत की थी कि उनका बड़ा बेटा पंकज और बहू बरखा उसके साथ आए दिन मारपीट करते हैं और उन्हें अपने ही घर से निकाल दिया है।
उपेक्षा के शिकार हैं भोपाल के बुजुर्ग
हेल्प एज इंडिया के एक सर्वे में सामने आया है कि भोपाल में 56 प्रतिशत बुजुर्ग ऐसे हैं, जो अपने बेटों और बहुओं से प्रताडि़त हैं। हालत यह है कि देश के 20 बड़े शहरों में हुए सर्वे में बुजुर्गों की प्रताडऩा के मामले में भोपाल सबसे अव्वल रहा। यही नहीं सबसे ज्यादा प्रताडि़त बुजुर्ग उच्च और मध्यम वर्ग के हैं। भोपाल के 25 बुजुर्गों ने तो अपने बहू-बेटों के खिलाफ भरण-पोषण अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज कराया है।
बुजुर्गों के खिलाफ भोपाल में मामले
एसडीएम कोर्ट में आए मामले : 27
निराकृत प्रकरण : 12
लंबित मामले : 14
सजा : 1
प्रदेश में कुल मामले
एसडीएम कोर्ट पहुंचे प्रकरण : 295
निराकृत प्रकरण : 185
लंबित मामले : 86
सजा : 24
(स्रोत: सामाजिक न्याय विभाग, आंकड़े: मई 2011 से मई 2012 की अवधि के)

कुरान का संदेश


 

मुफ्त नहीं, आपके लिए काफी महंगा है फेसबुक



फेसबुक कहता है कि वो आपके लिए फ्री है और हमेशा रहेगा। लेकिन असल में ऐसा नहीं है। फेसबुक इस्तेमाल करने वालों से सीधे नहीं, अप्रत्यक्ष तौर पर काफी कुछ वसूलता है। वह आपका वक्त लेता है, जेब भी ढीली करता है और  कई बार  तो कीमत जान गंवाकर भी चुकानी पड़ती है। यही नहीं फेसबुक लोगों को  सेक्स एडिक्ट भी बना रहा है।  
 
 
फेसबुक के आंकड़ों पर नजर रखने वाली वेबसाइट सोशल बेकर्स के मुताबिक 6 नवंबर 2012 की शाम तक भारत में कुल 6 करोड 50 हजार 2800 फेसबुक यूजर थे। यानि यदि प्रत्येक प्रोफाइल को एक जीवित व्यक्ति माना जाए तो भारत की कुल आबादी का 5.19 प्रतिशत हिस्सा फेसबुक पर है। यही नहीं भारत में ऑनलाइन रहने वाले कुल लोगों में से 74.75 लोग फेसबुक पर हैं। पिछले 6 महीनों में ही एक करोड़ 47 लाख से अधिक नए भारतीय यूजर फेसबुक के साथ जुड़े हैं। भारत में लगभग आधे फेसबुक यूजर  18-24 आयु वर्ग के हैं। हालांकि कुल फेसबुक यूजर्स में से मात्र 26 प्रतिशत ही महिलाएं हैं। 
 
फेसबुक ने हाल ही में स्वीकार किया है कि जल्द ही मोबाइल पर फेसबुक करने वाले यूजर्स की संख्या कंप्यूटर पर फेसबुक इस्तेमाल करने वालों से ज्यादा हो जाएगी। फेसबुक फिलहाल कंप्यूटर यूजर्स से ही कमाई कर रहा है। मोबाइल प्लेटफार्म पर विज्ञापन देने में अभी वो कामयाब नहीं हो पाया है। अगर फेसबुक मोबाइल एप्लीकेशन पर भी विज्ञापन देता है तो इसकी कीमत भी यूजर्स को ही चुकानी पड़ेगी। अनचाहे क्लिक्स पर न सिर्फ यूजर का डाटा खर्च होगा बल्कि समय भी बर्बाद होगा।  
 
भारत में फेसबुक के 30 प्रतिशत यूजर सिर्फ मोबाइल पर ही फेसबुक करते हैं। यही नहीं भारत में 30 प्रतिशत से अधिक फेसबुक यूजर मोबाइल के जरिए ही अपना अकाउंट बनाते हैं। यानि उनके पास पीसी इंटरनेट कनेक्शन नहीं होता। पिछले एक साल के भीतर भारत में एक्टिव फेसबुक यूजर्स की संख्या में दोगुना इजाफा हुआ है। जिससे जाहिर है कि अब भारतीय यूजर फेसबुक पर ज्यादा वक्त बिता रहे हैं।
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