दोस्तों राजस्थान में कोटा सर जमीन पर अगले माह दिसम्बर में कबूतर बाजों के प्रशिक्षित कबूतरों का जमीन से आसमान तक सफर उनके मालिकों की आर जीत का फेसला करेगा ...जी हाँ दोस्तों राजस्थान के कबूतरबाजों ने तय किया है के कबूतरों की ऊँची उड़ान को लेकर अगले माह दिसम्बर में कोटा में एक राज्य स्तर कबूतरबाजी प्रतियोगिता का आयोजन रखा जाए इस प्रतियोगिता में जीतने वाले कबूतरों के मालिकों को भी मिलेगा और वोह भी महंगा इनाम बढ़ा सम्मान होगा ..कबूतर बाज़ी की प्रतियोगिता घोषणा के बाद सभी कबूतरबाज़ अपने कबूतरों को प्रशिक्षित करने में लग गए है ..इस प्रतियोगिता के नियमों के तहत सभी कबूतर बाज़ अपने अपने कबूतरों को ऊँची उड़ान के लियें प्रशिक्षित करते है और सुबह सात बजे से शाम छ बजे तक जिसका कबूतर जितनी देरी से वापस जमीन पर आता है उसे इतने ही अंक ज्यादा मिलते है ...नियमों के तहत कबूतर उढ़ कर सीधे आसमान पर जाना चाहिए और सीधे आसमान से जमीन पर आना चाहिए इधर उधर उधने वाले कबूतर को संदिग्ध मन जाता है क्योंकि कबूतर को दिन भर रोक कर वापस छोड़ कर बेईमानी करने की सम्भावनाये रहती है इस्लिएँ सीधे ऊपर उढ़ कर ऊपर से ही निचे आने वाले कबूतर को प्रतियोगिता में शामिल किया जाता है और वोह भी रेफरी के रूप में दुरे कबूतर बाजों के प्रतिनिधि एक दुसरे के घरों पर बेठ कर इस उड़ान का मूल्यांकन करते है ...अब देखते है के कोटा की सर जमीन पर होने वाली इस प्रतियोगिता में किसका कबूतर किसे कबूतरबाजी का सम्मान और पुरस्कार दिलाता है ...वेसे भारत में राजस्थान पब्लिक गेम्ब्लिंग ऑर्डिनेंस की धरा 13 में इसे करार दिया है ..अख्तर खान . अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
08 नवंबर 2012
कोटा की सर जमीन से आसमान की बुलंदी छूने वाले कबूतर को इनाम मिलेगा
दोस्तों राजस्थान में कोटा सर जमीन पर अगले माह दिसम्बर में कबूतर बाजों के प्रशिक्षित कबूतरों का जमीन से आसमान तक सफर उनके मालिकों की आर जीत का फेसला करेगा ...जी हाँ दोस्तों राजस्थान के कबूतरबाजों ने तय किया है के कबूतरों की ऊँची उड़ान को लेकर अगले माह दिसम्बर में कोटा में एक राज्य स्तर कबूतरबाजी प्रतियोगिता का आयोजन रखा जाए इस प्रतियोगिता में जीतने वाले कबूतरों के मालिकों को भी मिलेगा और वोह भी महंगा इनाम बढ़ा सम्मान होगा ..कबूतर बाज़ी की प्रतियोगिता घोषणा के बाद सभी कबूतरबाज़ अपने कबूतरों को प्रशिक्षित करने में लग गए है ..इस प्रतियोगिता के नियमों के तहत सभी कबूतर बाज़ अपने अपने कबूतरों को ऊँची उड़ान के लियें प्रशिक्षित करते है और सुबह सात बजे से शाम छ बजे तक जिसका कबूतर जितनी देरी से वापस जमीन पर आता है उसे इतने ही अंक ज्यादा मिलते है ...नियमों के तहत कबूतर उढ़ कर सीधे आसमान पर जाना चाहिए और सीधे आसमान से जमीन पर आना चाहिए इधर उधर उधने वाले कबूतर को संदिग्ध मन जाता है क्योंकि कबूतर को दिन भर रोक कर वापस छोड़ कर बेईमानी करने की सम्भावनाये रहती है इस्लिएँ सीधे ऊपर उढ़ कर ऊपर से ही निचे आने वाले कबूतर को प्रतियोगिता में शामिल किया जाता है और वोह भी रेफरी के रूप में दुरे कबूतर बाजों के प्रतिनिधि एक दुसरे के घरों पर बेठ कर इस उड़ान का मूल्यांकन करते है ...अब देखते है के कोटा की सर जमीन पर होने वाली इस प्रतियोगिता में किसका कबूतर किसे कबूतरबाजी का सम्मान और पुरस्कार दिलाता है ...वेसे भारत में राजस्थान पब्लिक गेम्ब्लिंग ऑर्डिनेंस की धरा 13 में इसे करार दिया है ..अख्तर खान . अकेला कोटा राजस्थान
सीढ़ियों से गिरे दूल्हे राजा तो अस्पताल में निभाई शादी की रस्में
पठानकोट. अपनी शादी की तैयारियों में जुटे गांव छोटेपुर निवासी
25 वर्षीय बबलू सीढिय़ों से गिरकर जख्मी हो गए। हालत गंभीर होने पर मजबूरन
उन्हें शादी की रस्में मामून स्थित रावी अस्पताल के वार्ड में लेटे-लेटे ही
निभानी पड़ीं। हाथ में कांच लगने के कारण डॉक्टरों को दूल्हे राजा के हाथ
का मेजर ऑपरेशन करना पड़ा।
बता दें कि बबलू की शादी नरोट जैमल सिंह के नजदीकी गांव फतेहपुर की निमृला देवी से 6 नवंबर को तय हुई थी और शादी से चार दिन पहले बबलू सीढिय़ों से गिर गया। इस दौरान नीचे पड़े शीशे से उसका दाहिना हाथ कट गया।
डॉ. चमन गुप्ता बताते हैं कि मेजर ऑपरेशन करके ही हाथ को कटने से बचाया जा सका है। हाथ तो बच गया, लेकिन शादी के लिए बबलू को अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया जा सकता था और न ही दोनों पक्ष शादी की तिथि बढ़ाने पर राजी थे, लिहाजा दूसरी मंजिल पर स्थित वार्ड में ही शादी की गई।
बताते हैं कि दो दिन पूर्व ही 4 नवंबर को बबलू की बहन की शादी उनकी मौजूदा पत्नी निमृला के भाई से की गई थी। बबलू उसमें भी शामिल नहीं हो सका था।
बता दें कि बबलू की शादी नरोट जैमल सिंह के नजदीकी गांव फतेहपुर की निमृला देवी से 6 नवंबर को तय हुई थी और शादी से चार दिन पहले बबलू सीढिय़ों से गिर गया। इस दौरान नीचे पड़े शीशे से उसका दाहिना हाथ कट गया।
डॉ. चमन गुप्ता बताते हैं कि मेजर ऑपरेशन करके ही हाथ को कटने से बचाया जा सका है। हाथ तो बच गया, लेकिन शादी के लिए बबलू को अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया जा सकता था और न ही दोनों पक्ष शादी की तिथि बढ़ाने पर राजी थे, लिहाजा दूसरी मंजिल पर स्थित वार्ड में ही शादी की गई।
बताते हैं कि दो दिन पूर्व ही 4 नवंबर को बबलू की बहन की शादी उनकी मौजूदा पत्नी निमृला के भाई से की गई थी। बबलू उसमें भी शामिल नहीं हो सका था।
एक सदी बाद बना '10.11.12' का संयोग,होगी सुख-समृद्धि की बारिश!
जोधपुर.दीपों के पांच दिवसीय पर्व से पहले शनिवार को अंकों का
एक अद्भुत संयोग 10.11.12 बन रहा है। एक सदी बाद बन रहा यह अनूठा संयोग आम
लोगों के लिए सुख-समृद्धि दायक रहेगा। ज्योतिष के अनुसार इस दिन लोहे से
जुड़ी वस्तुओं का खरीदना अति शुभ होगा। इस दिन रमा एकादशी व गोवत्स द्वादशी
का भी एक साथ संयोग बन रहा है।
ज्योतिषविदों के अनुसार 10 तारीख, 11वां महीना और 21वीं सदी के 12वें
वर्ष में इस तरह का अंक बढ़ते क्रम में हैं। यह दिन खरीदारी व नया
कार्यारंभ के लिए श्रेष्ठ रहेगा। इसके अलावा सौंदर्य प्रसाधन की ओर ध्यान
बढ़ेगा। इस दिन लोहे से जुड़ी कोई भी वस्तु लेना अत्यंत शुभ रहेगा।
इस दिन चार पहिया वाहन, दुपहिया वाहन, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद व मोबाइल
खरीदना शुभ साबित होगा। इस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र सूर्योदय से रात्रि
9.57 तक रहेगा। कन्या का चंद्रमा रहेगा जो बुध ग्रह के आधिपत्य में है। बुध
ग्रह व्यापारिक क्षेत्र में उन्नतिकारक माना गया है।
व्यापारिक कार्यो, लेन देन व स्थायी कार्यो के लिए यह दिन श्रेष्ठ
रहेगा। इसी तरह उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी शुक्र है और कन्या राशि
का स्वामी बुध है। बुध व शुक्र एक दूसरे के मित्र माने गए हैं। ये
श्रेष्ठता की ओर अग्रसर करेंगे। इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे सौभाग्यशाली
होंगे। जिन लोगों का मूलांक 6 है तथा जो शुक्र के आधिपत्य में आते हैं,
उनके लिए भी यह समय शुभ रहेगा।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त
धन त्रयोदशी से पहले 10 नवंबर को भी 10.11.12 को भी खरीदारी का
श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा। इस दिन रमा एकादशी व गोवत्स द्वादशी के साथ उत्तरा
फाल्गुनी नक्षत्र होगा, जिसके तहत चार पहिया वाहन, दुपहिया वाहन,
इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, बर्तन व मोबाइल खरीदना शुभ साबित होगा।
पं. रमेश भोजराज द्विवेदी, ज्योतिषविद्
अच्छे व्यापार की उम्मीद
'10.11.12 का संयोग काफी शुभ है। इसको लेकर बुकिंग का दौर शुरू हो गया
है। लोगों में धन त्रयोदशी के साथ इसका भी काफी उत्साह है। इस दिन अच्छा
व्यापार मिलने की उम्मीद है। इस बार दीपोत्सव के सभी दिनों में अच्छा
व्यापार होगा।'
राजीव मूंदड़ा, श्रीकृष्णा ऑटो सेल्स
ये होंगे शुभ मुहूर्त
दोपहर 12.01 से 12.43 बजे।
दोपहर 2.14 से शाम 4.32 बजे।
शाम 5.47 से रात 7.12 बजे।
रात 9.30 से 10.45 बजे।
बदलते मौसम अपनाएं ये टिप्स और रहे हेल्दी
मौसमी
रोगों में भी जुकाम एक ऐसा रोग है जो सबसे अधिक लोगों को प्रभावित करता
है। इसीलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे घरेलु नुस्खे जिन्हें
आजमाकर आप मौसमी जुकाम से जल्द ही छुटकारा पा सकते हैं।
-अधिक तेल घी युक्त पदार्थ, अधिक मसाले, मिर्च नहीं लें।
-ठंडे पदार्थ खाना तथा ठंडे पेय पीना भी रोग बढ़ाते हैं। इनसे बचें।
- नाक बंद है तो दालचीनी, कालीमिर्च, इलायची और जीरे के बीजों को बराबर मात्रा में लेकर एक सूती कपड़े में बांध लें और इन्हें सूंघें जिससे छींक आएगी।
- दो चम्मच गुनगुना पानी लें। इसमें चुटकी भर नमक डालें। इसे अपने दोनों नथुनों में चढ़ाएं।
- चनों की भाप या नाक को सेंक बहुत फायदा देती है। भुने गरम चने या जैसे भी हों, खाने से भी लाभ मिलता है।
- 10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और काढ़ा बनाएं। एक कप काढ़ा पीने से लाभ मिलेगा।
- सरसों के तेल को नाक में लगाने से भी काफी आराम मिलता है।
-अधिक तेल घी युक्त पदार्थ, अधिक मसाले, मिर्च नहीं लें।
-ठंडे पदार्थ खाना तथा ठंडे पेय पीना भी रोग बढ़ाते हैं। इनसे बचें।
- नाक बंद है तो दालचीनी, कालीमिर्च, इलायची और जीरे के बीजों को बराबर मात्रा में लेकर एक सूती कपड़े में बांध लें और इन्हें सूंघें जिससे छींक आएगी।
- दो चम्मच गुनगुना पानी लें। इसमें चुटकी भर नमक डालें। इसे अपने दोनों नथुनों में चढ़ाएं।
- चनों की भाप या नाक को सेंक बहुत फायदा देती है। भुने गरम चने या जैसे भी हों, खाने से भी लाभ मिलता है।
- 10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और काढ़ा बनाएं। एक कप काढ़ा पीने से लाभ मिलेगा।
- सरसों के तेल को नाक में लगाने से भी काफी आराम मिलता है।
कांग्रेस ने मोदी को तो वीके सिंह ने नेताओं को कहा 'कुत्ता'
नई दिल्ली। जैसे जैसे चुनाव के दिन करीब आ रहे हैं, नेताओं की
जुबान से अपशब्द निकलने शुरू हो गए हैं। इस बार इस लिस्ट में कांग्रेस
के एक वरिष्ठ नेता का नाम जुड़ गया है। गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष
अर्जुन मोढ़वाडिया ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बंदर कहा है।
हालांकि मोढ़वाडिया सिर्फ बंदर कहकर ही नहीं रुके। एक अन्य चुनावी सभा
में नरेंद्र मोदी को पागल कुत्ता करार दे दिया। मोढ़वाडिया ने कहा,
'नरेंद्र मोदी पागल कुत्ता हो गया है। पागल कुत्ता जब काटे तो 14 इंजेक्शन
लगवाने पड़ते हैं। लेकिन आपको ये इंजेक्शन लगवाने की जरूरत नहीं है। आप बस
पंजे के निशान पर वोट डालिए मोदी को इंजेक्शन लग जाएगा।'
वहीं बिहार के आरा पहुंचे पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने तो सभी नेताओं पर चुटकी लेते हुए उन्हें कुत्ते की दुम करार दे दिया।
इससे पहले दिल्ली महिला आयोग ने भी मोदी की तुलना बंदर से की
थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तुलना शेर से करते
हुए कहा कि बंदर पेड़ पर चढ़कर शेर को कहता है ऊपर आओ। लेकिन बंदर कभी शेर
नहीं बन सकता।
नरेंद्र मोदी पर कांग्रेसियों के हमले उसी वक्त से जारी हैं, जब
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश की एक चुनावी सभा में कांग्रेस के वरिष्ठ
नेता और केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी पर व्यक्तिगत टिप्पणी की थी।
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