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12 नवंबर 2012

इनकी याद में मनाते हैं दीपावली का त्योहार



दीपावली मनाने के पीछे कई मान्यताएं और किवदंतियां प्रचलित हैं। एक मान्यता यह भी है दीपावली का पर्व राजा बलि की स्मृति में मनाया जाता है। इसकी कथा इस प्रकार है-
दानवीर राजा बली की त्रिलोक विजय से भयभीत इंद्र ने भगवान विष्णु से उसे रोकने का अनुरोध किया। भगवान बौने(वामन) का रूप धारण कर बली के पास पहुंचे और कहा, मुझे अपने तीन कदम के बराबर भूमि दान चाहिए। फिर उन्होंने विराट रूप धारणकर एक कदम में पूरी धरती, दूसरे कदम में पूरा आकाश नाप लिया। बली को यह समझते देर नहीं लगी कि वे स्वयं नारायण हरि है।
उसने हाथ जोड़कर कहा कि तीसरे पग के लिए मेरा मस्तक प्रस्तुत है। भगवान ने उसके सिर पर पैर रखकर उसे पाताल में भेज दिया। उन्होंने बली की दानशीलता से प्रसन्न होकर यह वरदान दिया कि उसकी याद में धरती पर प्रतिवर्ष दीपोत्सव मनाया जाएगा।
 

391 साल बाद यह अद्भुत संयोग, जानिए लक्ष्मी प्रसन्नता के लिए क्या करें


इंदौर। 13 नवंबर और मंगलवार के दिन दीपावली। ऐसा संयोग 391 वर्ष बाद आया है। 13 तारीख को दीपावली का आना, रंगोली सजाना, दीये जलाना, मंगल आरती गाना संकेत है- संदेश है कि हर अंक, हर पल शुभ है।
 
किसके लिए कौन सा मुहूर्त
 
कौन करें-----कब-----मुहूर्त------------------------किस दिशा में
व्यापारी-----दोपहर-----2.56 से 4.18 व 7.17 से 8.52 तक-----पश्चिम
उद्योगपति-----सायंकाल-----7.17 से 8.52 व 10.31 से 12.08 तक-----पश्चिम
घरों में-----सायंकाल-----7.17 से 8.52 तक------------------पूर्व
विद्यार्थी-----अभिजीत-----11.47 से 12.35------------------उत्तर

73 साल के बूढ़े को हुआ प्यार, आठ दिन में हो गया झांसे का शिकार



अजमेर. मैरिज ब्यूरो के दलाल के साथ शादीशुदा युवती ने साजिश कर 73 वर्ष के बुजुर्ग को शादी के झांसे में लिया और करीब 5 लाख का चूना लगा दिया। विधुर बुजुर्ग ने सोमवार को इस संबंध में एसपी को शिकायती पत्र सौंपकर न्याय की गुहार की है।
शिकायती पत्र के जरिए 'बंटी और बबली' जैसे इस मामले में इसी तरह और भी कइयों को गुमराह कर ठगने की बात कही गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

एसपी को दिए शिकायती पत्र में फॉयसागर रोड स्थित (पत्र में पुष्कर रोड लिखा गया है) गीता कॉलोनी निवासी खुशीराम ने कहा है कि विगत दिनों उसकी पत्नी व पुत्र का देहांत हो गया।
अकेलेपन के मद्देनजर रिश्तेदारों ने किसी हम उम्र महिला से विवाह करने की सलाह दी थी। इस पर अखबार में विज्ञापन दिया गया। विज्ञापन देख भगतानी मैरिज ब्यूरो के संचालक नरेश भगतानी फोन पर संपर्क कर नरेश के घर पहुंच गया।
उसने आश्वस्त किया एक गरीब महिला है, जिसके कोई नहीं, जिसके पास खाने के वांदे और पहनने के कपड़े तक नहीं हैं। कुछ दिन बाद वह युवती को लेकर ही घर आ गया। वह करीब 32 वर्ष की थी।
नरेश के साथ चंदू उर्फ चंद्रप्रकाश नाम का युवक था जिसने खुद को युवती का भाई होना बताया। दोनों ने युवती से सगाई करवा दी।
चंदू ने हाथो हाथ दो स्टांप पेपर मंगवा दोनों की रजामंदी लिखवा ली और दबाव बनाकर 2.50 लाख रुपए के जेवरात बनवाने और 3 लाख नकदी देने को कहा। साथ ही दलाली के 25 हजार मांगे।
बहकावे में आकर उन्हें करीब पांच लाख रुपए के जेवर व नकदी दे दी। एक मंदिर में आपस में मालाएं पहनवा दी। विवाह के आठ दिन बाद युवती जेवर-नकदी लेकर रफू-चक्कर हो गई।

अविवाहित बताया, दो बच्चों की मां निकली : सिंचाई विभाग में ओए से रिटायर्ड पीडि़त खुशीराम ने बताया कि नरेश व चंदू ने युवती को अविवाहिता बताया था। बाद में मालूम चला कि युवती विवाहित ही नहीं, दो बच्चों की मां भी है।
और तो और पति भी जीवित है। असलियत का पर्दाफाश होने पर आरोपियों ने फोन पर धमकाना शुरू कर दिया। वे केस नहीं दर्ज कराने के लिए दबाव बनाने लगे। पीडि़त ने एसपी से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

मंदिर के लिए लड़ने वालों को भी नहीं है राम के समाधिस्‍थल की चिंता



अयोध्या. भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में रामलला का मंदिर बनवाने के लिए कई संगठनों, धर्माचार्यों और राजनीतिक पार्टियों द्वारा आंदोलन किया जाता रहा है। पर राम की समाधिस्थल गुप्तारघाट की सुध लेने वाला की कोई नहीं है। यह खंडहर में तब्दील हो रहा है। यहां के हालात देखकर लगता है कि भविष्य में यह प्राचीन धरोहर भी लुप्‍त हो जाएगा। बचेगा तो बस स्‍वामित्‍व को लेकर झगड़ा, जिसके लिए कई लोगों के बीच मुकदमेबाजी चल रही है।

कुरान का संदेश

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