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27 नवंबर 2012

अयोध्या जैसा है ठाकरे का समाधिस्थल, दूर रहे सरकार-कानून: शिवसेना


नई दिल्ली. मुंबई के शिवाजी पार्क में बाल ठाकरे का स्मारक बनाने पर तुली शिवसेना के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने ठाकरे का मंदिर बनाए जाने के संकेत देते हुए कहा कि ठाकरे के स्मारक का मामला शिवसैनिकों की श्रद्धा का मामला है। मंगलवार को संजय राउत ने कहा, 'यह लोगों की श्रद्धा का मामला है और श्रद्धा के मामले में कानून और न्यायपालिका को दूर रहना चाहिए। इस मामले में सरकार और कानून बीच में नहीं आ सकते।'
 
संजय राउत ने यह भी कहा कि ठाकरे का अंतिम संस्कार स्थल मंदिर जैसा है और शिवसैनिकों की श्रद्धा उसके साथ जुड़ी है इसलिए उस स्थल को शिवसैनिक किसी भी परिस्थिति में नहीं छोड़ेंगे। राउत ने ठाकरे के अंतिम संस्कार स्थल की तुलना अयोध्या से भी की। उन्होंने कहा कि यह स्थल अयोध्या जितना ही पवित्र है और इसकी पवित्रता के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। 
 
शिवाजी पार्क में ठाकरे के अंतिम संस्कार स्थल की शिवसैनिक बैरीकेडिंग लगाकर पहरा दे रहे हैं। शिवसेना का कहना है कि यदि स्मारक बनाने की इजाजत नहीं मिली तो वो स्थल को समाधि के रूप में बरकरार रखना चाहते हैं। यही नहीं ठाकरे के अंतिम संस्कार स्थल पर शिवसैनिकों ने अखंड ज्योति भी जला रखी है। 
 
 
बाल ठाकरे का स्मारक बनाए जाने को लेकर महाराष्ट्र में राजनीति भी तेज हो गई है। शिवाजी पार्क में ठाकरे का स्मारक बनाने के लिए कानून तोड़ने के मनोहर जोशी के बयान पर राज्य सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। मुख्यमंत्री प्रथ्वीराज ने बयान की जांच करवाकर कार्रवाई की बात कही है। जोशी के बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने भी ऐतराज जताया है।
 
माणिकराव ने कहा है कि जोशी शिवाजी पार्क पर जोर दे रहें हैं ताकि उनकी मिलकियत वाली कोहिनूर मिल की जमीन का हिस्सा कहीं स्मारक के लिए चला न जाए। नाशिक में जोशी ने कहा था कि  ठाकरे का स्मारक शिवाजी पार्क मैदान में ही बनेगा। यदि स्मारक के आड़े कानूनी पेंच आ रहा है तो शिवसैनिकों को कानून हाथ में ले लेना चाहिए। इससे पहले मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा था कि कानूनी अड़चनों के देखते हुए संभव नहीं है कि शिवाजी पार्क में ठाकरे के स्मारक के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाए। 
 
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी जोशी के बयान पर आपत्ति जताई है। सावंत के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष रह चुके जोशी को इस तरह का बयान शोभा नहीं देता। मुख्यमंत्री ने सरकार की भूमिका स्पष्ट कर दी है। जोशी कानून हाथ में लेने की भाषा बोल रहे हैं। जोशी का बयान राजनीति से प्रेरित है।

जी समूह के दो सम्पादक गिरफ्तार, आज होंगे अदालत में पेश



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नई दिल्ली. समाचार चैनल जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी और जी बिजनेस के संपादक समीर अहलूवालिया को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
 
उद्योगपति और कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल ने दोनों के खिलाफ 100 करोड़ रु. की उगाही के प्रयास का आरोप लगाया था। इसके मुताबिक पैसे के एवज में कोल ब्लॉक घोटाले की खबर रोकने का भरोसा दिलाया गया था।
 दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को पूछताछ के बाद दोनों पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया। जिंदल की कंपनी ने करीब 45 दिन पहले सुधीर और समीर के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
इस बीच जी न्यूज ने अपने पत्रकारों की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। चैनल ने कहा है कि कार्रवाई संपादकों के मौलिक अधिकारों का हनन है। लगाई गई धाराएं भी अनुचित हैं।
मामला अभी बॉम्बे हाईकोर्ट में है। इसलिए यह न्यायिक प्रक्रिया में व्यवधान भी है।  पिछले महीने जिंदल ने अपनी कंपनी की ओर से कराए स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जारी की थी। इसमें दिखाए गए फुटेज में दोनों पत्रकार कथित रूप से कंपनी प्रतिनिधि से कह रहे थे कि मांगी हुई रकम देने पर उनके खिलाफ चल रही खबरें रोक दी जाएंगी। 
हालांकि सुधीर चौधरी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया था। साथ ही कहा था कि सीडी से छेड़छाड़ की गई है। उनके मुताबिक जिंदल ग्रुप के प्रतिनिधि खबर रुकवाने के लिए रिश्वत देने की पेशकश कर रहे थे।
नवीन जिंदल का आरोप है कि दोनों पत्रकारों ने पहले कंपनी प्रतिनिधि से चार साल तक हर साल 20 करोड़ रुपए देने की मांग की थी। बाद में रकम सौ करोड़ रुपए तक बढ़ा दी गई। 
बीईए ने भी की थी कार्रवाई :
जिंदल की ओर से सीडी जारी होने के बाद न्यूज चैनलों के संपादकों की संस्था ब्रॉडकास्टर एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) ने सुधीर चौधरी की बीईए की सदस्यता खत्म कर दी थी।
बीईए के महासचिव एनके सिंह ने बाद में कहा था कि पेशेगत नैतिकता के तहत सुधीर चौधरी पर कार्रवाई की गई है।
मामले में तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी। जिन्होंने सीडी देखी और उन्हें लगा कि गड़बड़ी हुई है। फैसले से पहले सुधीर चौधरी का पक्ष भी सुना गया था।
दोनों पक्षों ने दिया मानहानि का नोटिस :
इस मामले में पिछले महीने जी न्यूज ने नवीन जिंदल के खिलाफ 150 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेजा था। जवाब में जिंदल ने भी जी ग्रुप के खिलाफ 200 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेजा।
 
कोल ब्लॉक आवंटन पर दी गई कैग की रिपोर्ट में जिंदल स्टील पावर लि. (जेएसपीएल) का भी नाम है। इसमें सरकार की ओर से अतिरिक्त फायदा पाने वालों में जेएसपीएल भी शामिल है।

कुरान का सन्देश


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