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28 नवंबर 2012

बेटी और उनकी बहुओं ने दिया पिता को कंधा



 

कोटा. जिंदगीभर बेटों के लिए रातदिन एक करने वाले पिता को अंतिम समय अपने बेटों ने ही पराया कर दिया। गुमानपुरा में रहने वाले आरएसीबी के एक रिटायर्ड कर्मचारी लंबे समय से अपनी बेटी के सहारे पर ही थे।

उनकी मंगलवार तड़के मौत हो गई। पिता की इच्छा पर बेटी व बेटी की दो बहुओं  व एक बेटी ने उनकी अर्थी को कंधा दिया। बाद में बेटी ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी।

पाटनपोल निवासी शकुंतला पत्नी शिवसिंह ने बताया कि उनके पिता बंशीलाल (85) गुमानपुरा में रहते थे। उनके दो बेटे भैरोसिंह व इंद्रजीतसिंह तथा दो बेटियां और हैं। मां की 8 साल पहले मौत हो गई और तब से पिता की शकुंतला ही देखरेख कर रही है।

पिता व बेटों का मकान को लेकर विवाद है। इस संबंध में उनके बीच कई बार झगड़े भी हुए। 3 माह से पिता बंशीलाल को शकुंतला अपने साथ टिपटा ले आई। सोमवार सुबह उनकी तबीयत बिगड़ी तो उन्हें एमबीएस अस्पताल दिखाया गया। सोमवार रात को उनकी ज्यादा तबीयत बिगड़ी और मंगलवार को उनकी मौत हो गई।

पिता की इच्छा थी कि उनकी अर्थी को बेटी व उनकी बहुएं कंधा दे। इस पर शकुंतला व उनकी दो बहुएं चंचल, सोनिया व बेटी मीनाक्षी ने बंशीलाल की अर्थी को कंधा दिया। उनका अंतिम संस्कार रामपुरा मुक्तिधाम पर किया गया।

वहां उनकी बेटी शकुंतला ने ही चिता को मुखाग्नि दी। बेटी शकुंतला ने बताया कि दो बेटे व दो बेटियां अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए। अब वे ही पिता के सभी क्रियाकर्म करेंगी।

अटूट विश्वास: न हो कोई घटना इसलिए मछली को पहनाई सोने की नथ


अमृतसर। ऐतिहासिक श्री रामतीर्थ मेले के तीसरे दिन विजय दिवस मंगलवार को मनाया गया। श्री धुन्ना साहिब ट्रस्ट के गद्दी नशीन महंत मलकीयत नाथ और  चेयरमैन ओम प्रकाश गब्बर की अध्यक्षता में करवाए समारोह में संसदीय सचिव इंद्रबीर बुलारिया, विधायक गुलजार सिंह रणिके, तलवीर सिंह गिल विशेष तौर पहुंचे।
 
इस मौके पर  सुबह पहले श्री रामतीर्थ परिसर में हवन यज्ञ किया गया। इसमें सभी नेताओं ने  पूर्णाहुतियां डालीं। इसके बाद मछली को सोने की नथ पहनाकर सरोवर में छोड़ा गया।
 
इस मौके पर बुलारिया ने कहा कि सीएम परकाश सिंह बादल इस ऐतिहासिक तीर्थ पर करीब सवा करोड़ के विकास करवाएंगे। बुलारिया और रणिके ने हवन-यज्ञ में आहुतियां डालीं और धर्मशाला के लिए एक-एक लाख रुपए देने का ऐलान किया। इसके बाद उन्होंने सभी मंदिरों के दर्शन करके भगवान का आशीर्वाद लिया।
 
रणिके भूले विजय दिवस
 
धुन्ना साहिब ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में रणिके विजय दिवस को भूल गए। उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि दिवस की सभी को बधाई हो। इसे सुनकर वहां बैठे संसदीय सचिव इंद्रबीर बुलारिया ने उन्हें टोका। इसके बाद भी रणिके ने विजय दिवस के बारे में एक शब्द नहीं बोला।
 
यह है मान्यता
 
मान्यता है कि मेले के दौरान यहां सरोवर में स्नान करते समय लोग डूब जाते  थे। इसके बाद धुन्ना साहिब के सदस्यों ने ख्वाजा पीर को याद करके पूर्ण विधि विधान से मछली को सोने की  नथ पहनाई। इसके बाद से ऐसे हादसों पर रोक लग गई। तभी से हर साल यह परंपरा चलती आ रही है।

बेहद शर्मनाक! कपड़े उतारकर दो लोगों को गांव में घुमाया




बैतूल। बैतूल जिले के आरुल गांव में जादू-टोने के शक में एक बुजुर्ग व उसके सहयोगी को कपड़े उतारकर गांव में घुमाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया है, जबकि एक युवक की तलाश जारी है।
आरुल गांव के बुजुर्ग फूलसिंह की दो दिन पहले बीमारी से मौत हो गई थी। उनके परिजन अंतिम क्रिया के लिए शव को नहला रहे थे, तभी गांव के बुजुर्ग चुन्नीलाल ने शव को नहलाने वाला पानी बोतल में रख लिया। इसके बाद फूलसिंह का परिजन ने अंतिम संस्कार कर दिया। मंगलवार को फूलसिंह के भाई ओझा आदिवासी के लड़कों अशोक, राजू और गुड्डू को गांव के दोनों बुजुर्गों पर जादू-टोना करने की आशंका हुई। उन्होंने चुन्नीलाल और उसके सहयोगी कोकी लाल को बुलाया और फिर आटा पीसने वाली पत्थर की चक्की गले में डालकर गांव में घुमाया। इस दौरान दोनों के कपड़े भी उतार दिए। मंदिर तक ले जाकर उनसे माफी भी मंगवाई।

19 साल की लड़की बन गई भगवान, डेली होती है पूजा


इंदौर। 12 साल पहले सड़क हादसे में बेटी को खो दिया, लेकिन मैथ्यू परिवार ने उसकी किडनी से किसी और की जिंदगी बचा ली। साहसिक कदम उठाया और अपनी मृत बेटी की किडनी अन्य युवक को दान कर दी। मृत व्यक्ति की किडनी किसी और को लगाकर जीवन देने का तब यह दूसरा मामला था। आज युवक की जिंदगी बेहतर चल रही है। वह किडनी देने वाली उस लड़की के प्रति आज भी आभारी है और उसकी तस्वीर को घर के मंदिर में रख कर रोज पूजा करता है। 
 
बात जून 2001 की है। सुखलिया निवासी वर्गीस मैथ्यू की 19 साल की बेटी सीजी का एक्सीडेंट हो गया था। उसे चोइथराम अस्पताल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। इधर बेटी मरणासन्न थी और उधर परिजनों को नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप सालगिया के माध्यम से पता चला कि उसी हॉस्पिटल में 20 साल का अंतिम वर्मा (परिवर्तित नाम) अपनी दोनों किडनी खराब होने से डायलिसिस पर है।  एक किडनी भी मिल जाए तो उसका जीवन बच सकता है। वो भी अपने परिवार का इकलौता बेटा था।  मैथ्यू परिवार बेटी की किडनी देने को तुरंत तैयार हो गया। 
 
दोनों का ब्लड ग्रुप भी संयोग से बी पॉजीटिव था। युवती की किडनी अंतिम को लगाई गई। उसे नया जीवन मिल गया। बारह बरस हो गए। अंतिम स्वस्थ और प्रसन्न हैं।  
 

इस डायरी में छि‍पा है भगवान राम से युधि‍ष्‍ठि‍र तक का रहस्‍य



इलाहाबाद. अयोध्या पर आज तक सूर्यवंश के 187 राजाओं ने शासन किया जिनमे 64 वें शासक थे मर्यादा पुरषोत्तम श्री रामचंद्र। कुरुक्षेत्र का युद्ध जितने के बाद राजा युधिष्ठिर ने कुल 24 साल, दस महीने और 18 दिन शासन किया था। ऐसे अनजान ऐतिहासिक पहलुओं का खजाना है एक अंग्रेज़ की डायरी, जिसमें छिपा हुआ है पांडवों, कुरुवंश, अयोध्या के सूर्यवंश समेत उत्तराखंड पर शासन कर चुके शासकों और उनकी वंशावली का पूरा लेखा-जोखा। स्टीफेन के नाम के अंग्रेज़ यात्री की डायरी में दर्ज है भारत के प्राचीन इतिहास के कुछ अनछुए तथ्य।
 
मर्यादा पुरुषोत्तम राजा रामचन्द्र जिस सूर्यवंश में जन्मे थे, उसने कितनी पीढ़ियों तक अयोध्या पर राज किया था। उनके किन-किन पूर्वजों और  वंशजों ने संभाली थी अयोध्या की राजगद्दी। भगवान राम उनके पिता राजा दशरथ और पुत्र कुश सूर्यवंशी राजाओं की पीढी में किस स्थान पर थे। महाभारत के कुरुक्षेत्र युद्ध में कौरवों को हराने के बाद धर्मराज युधिष्ठिर और उनके किन-किन वंशजों ने कितने सालों राज किया, कितनी पीढ़ियों तक रहा कौरवों का राज, क्या है चन्द्रवंश का इतिहास। इन सारे सवालों का जवाब छिपा है इस डायरी में जो एक पांडुलिपि के रूप में संरक्षित इलाहाबाद के राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय में।

फेसबुक पर राज ठाकरे को गालियां देने वाले के घर को कर्यकर्ताओं ने घेरा, युवक गिरफ्तार



मुंबई. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर गाली देने वाले युवक सुनिल विश्वकर्मा (19) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
सुनिल उसी पालघर इलाके का निवासी है, जहां कि दो लड़कियों ने 18 नवंबर को स्व. शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे और मुंबई बंद पर फेसबुक पर टिप्पणी करके बवाल खड़ा किया था। 
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिंदीभाषी युवक सुनिल द्वारा राज ठाकरे को फेसबुक पर गाली दिये जाने की जानकारी मनसे कार्यकर्ताओं को लगने पर उन्होंने इसकी शिकायत पालघर पुलिस से की।
इसके बाद बड़ी संख्या में मनसे कार्यकर्ता उसके घर के पास जमा हो गये। किंतु इससे पहले की बात बिगड़े पुलिस ने ऐतिहातन सुनिल को गिरफ्तार कर लिया। उस पर कौन सी धाराएं लगाई जायें। इस बारे में स्थानीय पुलिस ने विधि व न्याय विभाग से राय मांगी है।

कुरान का सन्देश

असहाबी क़ेस अब्दुल रशीद साहब से मुझ तक मेरे खानदान का मुख़्तसर सफर


दोस्तों आज में अपने एक पुराने कागज़ की तलाश में पुरानी फाइलें छान रहा था अचानक मेरे हाथ में मेरे खानदान का शिजरा यानी इतिहास आ गया .......में सोचा इस शिजरे से आप सभी भाइयों को भी अवगत करा दिया जाए ..इस्लाम का परचम जब लहराया जा रहा था तब हुजुर सललाहे वसल्लम के साथ साहिबे इकराम आली जनाब केस अब्दुल रशीद का निकाह जनाब खालिद बिन वलीद की साहिबजादी सायरा बेगम के साथ हुआ और उसके बाद उनके  घर में साहिबजादे महमूद खान का जन्म हुआ जो घोड़े के व्यापारी थे ..जिनके साहिबजादे  बर्मूल खान ने इस्लाम के प्रचार के साथ इस कारोबार को बढाया ..फिर इनके साहिबजादे शाहबुद्दीन इस्लाम के प्रचारक रहे और फकीरी में ही अरब से भारत आ गये जहां पेशावर में आज भी उनका कुट्टे शाह बाबा के नाम से मजार है उनके लियें मशहूर है के वोह हर लाइलाज बीमारी को खुदा के फ्ज्लो  करम से ठीक कर देते थे  खासकर उन दिनों कुत्तों के काटने से लोग मर रहे थे लेकिन जिस कुत्ते काटे के सर पर वोह हाथ फेर देते थे वोह भला चंगा हो जाता था .......कुट्टे शाह बाबा उर्फ़ शहाबुद्दीन के साहिबजादे शाह आलम खान वर्तमान उत्तरप्रदेश में आ गये जहां उनका बदायूं में मजार स्थापित है ..उनके साहिबजादे हाफ़िज़ रहमत खान रामपुर के नवाब बने और आज़ादी के आन्दोलन में अंग्रेजों के खिलाफ 1857 के गदर में  भारत की आज़ादी की लड़ाई लड़ते हुए एक टॉप का गोला सीने पर लगने से वोह शाहीद हो गए उनका मजार बरेली में स्थापित है ....उनके पुत्र इनायत खान और अकबर खान को अंग्रेजों की अधीनता स्वीकार नहीं करने पर अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन इस बीच रोहेला पठानों का रिश्ता टोंक के पिंडारी मीर खानी पठानों में हो जाने से अंग्रेजों के चंगुल से टोंक नवाब ने उन्हें मुक्त कराया और फिर वोह राजस्थान में आ गये जहाँ अकबर खान के पुत्र  मुख़्तार अली खान अंग्रेजी हुकूमत से प्रताड़ित लोगों की वकालत करते थे और आज भी माउंट आबू राजस्थान में उनका मजार बना हुआ है ..उनके पुत्र साबिर  अली खान थे और मुस्तुफा अली खान उनके पुत्र हुए जो भी   परगना तहसील मजिस्ट्रेट का पद छोड़ कर स्वतन्त्रता सेनानी होने से अन्रेजों द्वारा प्रताड़ित होते रहे बाद में भारत आज़ाद होने के बाद तात्कालिक प्रधानमन्त्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने उन्हें  बंदूक के कारतूसों की टोपियाँ बनाने के कारखाने का लाइसेंस दिया जो भारत गन केप के नाम से चलाया गया ..पिडावा तहसील के  कडोदिया  गाँव की जागीरदारी उनकी पत्नी बदरुन्निसा के नाम पहले से ही थी ........मुस्तुफा अली खान के पुत्र मुर्तुजा खान जो मेरे ताऊ जी थे उनका स्वर्गवास हो गया उनके दो पुत्र सलीम खान और शाहिद खान झालावाड में रहते है दुसरे पुत्र इंजिनियर असगर अली खान है जिनके हम दो पुत्र एडवोकेट अख्तर खान अकेला और दुसरे परवेज़ खान है मेरे एक पुत्र शाहरुख़ खान ..दो पुत्रिया जवेरिया अख्तर ..सदफ अख्तर है जबकि परवेज़ खान के एक पुत्र शाज़िल खान पुत्री इश्बा है जो अभी पढ़ रहे है .............तो दोस्तों यह है हमारे खानदान का ऐतिहासिक सफर की दास्ताँ .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यहां हुआ था हनुमानजी का जन्म...ये रहे पुख्ता सुबूत!


PHOTOS: यहां हुआ था हनुमानजी का जन्म...ये रहे पुख्ता सुबूत!
नवसारी (गुजरात)। गुजरात स्थित डांग जिला रामायण काल में दंडकारण्य प्रदेश के रूप में पहचाना जाता था। डांग जिले के आदिवासियों की हमेशा से यह मानता रही कि भगवान राम वनवास के दरमियान पंचवटी की ओर जाते समय डांग प्रदेश से गुजरे थे। डांग जिला के सुबिर के पास भगवान राम और लक्ष्मण को शबरी माता ने बेर खिलाए थे। आज यह स्थल शबरी धाम नाम से जाना जाता है।


शबरी धाम से लगभग 7 किमी की दूरी पर पूर्णा नदी पर स्थित पंपा सरोवर है। यहीं मातंग ऋषि का आश्रम था। डांग जिले के आदिवासियों की सबसे प्रबल मानता यह भी है कि डांग जिले के अंजनी पर्वत में स्थित अंजनी गुफा में ही हनुमानजी का भी जन्म हुआ था।

गहलोत कभी कार्यकर्ता नहीं रहें तो चंद्रभान कभी कांग्रेसी नहीं रहे, कैसे समझें कार्यकर्ता का दर्द: सारस्वत




जयपुर. पार्टी में निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने के विरोध में पद और पार्टी से इस्तीफा देने के बाद सेवादल के पूर्व राष्ट्रीय संगठक विजय सारस्वत ने अब मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पर निशाना साधा है। सारस्वत ने बुधवार को पिंकसिटी प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस में अब कार्यकर्ताओं की कोई कद्र नहीं रह गई है।
राजस्थान में भी निष्ठावान कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हाल बेहाल है, उन्हें कोई पूछ नहीं रहा। अशोक गहलोत कभी कार्यकर्ता रहे ही नहीं, वे तो सीधे पदों पर पहुंच गए और चंद्रभान कभी कांग्रेसी नहीं रहे, ऐसे में राजस्थान में कौन कार्यकर्ता का दर्द समझे। कार्यकर्ता का तो दर्द वह समझे जिसने कभी कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के लिए दिन रात काम कर मुकाम हासिल किया हो।
उन्होंने कहा कि निष्ठावान कार्यकर्ताओं की बेकद्री के कारण ही कांग्रेस में आंतरिक तौर पर असंतोष बढ़ रहा है। पार्टी में यह जो कुछ चल रहा है वह गांधी परिवार तक नहीं पहुंच रहा है। कुछ निहित स्वार्थी नेताओं ने बिना जमीन पर काम किए धन बल और जोड़तोड़ के बल पर पार्टी और सरकार में सब कुछ हासिल कर लिया है। ऐसे नेताओं ने एक घेरा बना लिया है। जो कोई भी सही बात आगे तक नहीं जाने देते।
सेवादल का राष्ट्रीय संगठक रहते मैं निष्ठावान पार्टी कार्यकर्ता का कोई काम नहीं करा सका, तो फिर ऐसे पद और ऐसी पार्टी से क्या वास्ता रखना। अब राजस्थान में तीसरे मोर्चे की अच्छी संभावनाएं हैं, जितने भी उपेक्षित महसूस करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता हैं उन्हें साथ लेकर जल्द ही नई शुरुआत की जाएगी।
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