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02 दिसंबर 2012

महिला छेड़छाड़ मामलों पर क़ानून हेतु दिशा निर्देश


सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं से छेड़छाड़ को एक बड़ा अपराध बताते हुए सरकार से इस तरह की घटनाओं की रोकने के लिए कानून बनाने को कहा हैं।
कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न पर रोकने के लिए कानून लाया जा रहा है लेकिन यह छेड़छाड़ रोक पाने में असमर्थ है। इसलिए जब तक इस पर कानून नहीं बनता तब तक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें दिशा निर्देशों का पालन करेंगी।
30 नवंबर को यह फैसला देते हुए जस्टिस के.एस राधाकृष्णन की पीठ ने कहा कि काम और पढाई के सिलसिले में छात्राएं व महिलाओं बाहर निकल रही हैं। उन्हें सुरक्षा देना जरुरी हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि हर नागारिक को एक्ट 21 के तहत सम्मान व गरिमा के साथ जीवन जीने का मौलिक हक़ है।
यौन उत्पीडन जैसे छेड़छाड़ एक्ट 14 व 15 के तहत दी गयी गारंटियों का भी उल्लंघन हैं। कार्यस्थल पर छेड़छाड़ रोकने के लिए संसद में एक बिल पर विचार हो रहा हैं, इससे पहले छेड़छाड़ के मामले में कानून बने इसकी भयानकता कम करने के लिए प्रयास हो सकते है।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश-
  • सार्वजनिक स्थल जैसे- रेलवे स्टेशन, मॉल, पार्क, बस अड्डे पर सादे कपड़ों में महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती
  • सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जायें
  • शिक्षा संस्थान, पूजा स्थल, बस स्टेशन व प्रभारी परिसर में छेड़छाड़ की घटना की जानकारी पुलिस को तुरंत दें
  • बस में छेड़छाड़ होने पर चालक व कर्मचारी बस पुलिस थाने में ले जाकर सूचना दें ।
  • राज्य सरकार 3 महीने के अन्दर महिला हेल्प लाइन जारी करें
  • शहर में हर जगह महिला छेड़छाड़ संबधित दंड का बोर्ड लगवाएं
  • राहगीरों पर भी इसकी जिम्मेदारी रहेगी कि वह ऐसे मामलों में पुलिस को सूचित करें ।
  • जिला कलेक्टर व एसपी सम्बद्ध मुख्यालय मामले में दिशा निर्देश जारी करें।

छह आसान तरीके...और आपका भी होगा आधार कार्ड


छह आसान तरीके...और आपका भी होगा आधार कार्ड
इंदौर। अगर आपने आधार कार्ड बनवाने के लिए नामांकन करवाया है, लेकिन काफी समय गुजरने के बाद भी आपको कार्ड नहीं मिला है तो अब आप इसे इंटरनेट से भी डाउनलोड कर सकते हैं। अगर आधार कार्ड मिल गया है तब भी आप इसका उपयोग सहज करने के लिए डाउनलोड कर सकते हैं। 
 
केंद्र शासन ने http://eaadhaar.uidai.gov.in साइट पर आधार कार्ड डाउनलोड करने की व्यवस्था की है। गौरतलब है कि शहर में आधार कार्ड बनाने के लिए कई स्थानों पर कैम्प आयोजित किए गए, जिनमें हजारों लोगों ने नामांकन करवाया, लेकिन अब तक उन्हें कार्ड नहीं मिले हैं। कार्ड मिलने में हो रही देरी व कई दिक्कतों के बाद शासन ने कार्ड की अनिवार्यता को समझते हुए यह व्यवस्था शुरू की है। डीबी स्टार इस सुविधा को आपके लिए और भी सहज बनाने के लिए कार्ड डाउनलोड करने की प्रक्रिया को स्टेप-बाय-स्टेप समझाते हुए आप तक पहुंचा रहा है।
 
डीबी स्टार इंदौर ई-आधार कार्ड को ऑनलाइन डाउनलोड करने की यह व्यवस्था बहुत सुविधापूर्ण है। अब हम अपने आधार कार्ड को अपने ईमेल पर भी सुरक्षित कर सकते हैं। अब अपना कार्ड हमेशा साथ रखने की जरूरत नहीं है। जब भी जरूरत पड़े तो इसकी पीडीएफ से सारे काम किए जा सकते हैं। इस पीडीएफ से कार्ड का कलर्ड (रंगीन) प्रिंट भी लिया जा सकता है। इसे जेपीजी इमेज में परिवर्तित करके अपने मोबाइल की फोटो गैलरी में भी रख सकते हैं।
 

जिंदगी की कचहरी किसी को मोहलत नहीं देती .....


घर और गांव में होने वाले रामचरितमानस के अखण्ड पाठ, साल में कम से कम एक बार देखी जाने वाली रामलीला, ब्याह-शादियों में रामसीता के विवाह-गीत और शवयात्रा के समय का राम नाम सत्य है। राम की चेतना ही हमारे जीवन में कु छ इस तरह बस गई कि अनजाने में राम हमारे हीरो बन गए हैं लेकिन राम क्यों राम बनें वे क्यों हमारी चेतना बन गए?  पाठकों की इन जिज्ञासाओं को शांत करने के उद्देश्य से ही दैनिक भास्कर के जीवनमंत्र में आज से डॉ.विजय अग्रवाल की पुस्तक आप भी बन सकते हैं राम के कुछ खास अंश प्रकाशित किए जा रहे हैं....
 
कहते हैं जिंदगी की कचहरी में किसी के लिए भी कोई भी मोहलत नहीं होती है। जिंदगी किसी को भी रियायत नहीं देती है। फिर चाहे वे भगवान राम ही क्यों न हों। आपको जिंदगी को अपने ही हाथों बनाना पड़ता है, उसे संवारना पड़ता है और बदले में जिंदगी हमें वही देती है जो हम उसे देते हैं। यहां चमत्कार जैसा भी कुछ नहीं होता और जो चमत्कार हमें दिखाई देता है, वह इसलिए दिखाई देता है क्योंकि हमने ऐसा होते पहली बार देखा है। हमारी बुद्धि इस आश्चर्य को समझ पाने के मामले में अपने हथियार डाल देती है।
इसलिए हम उसे चमत्कार का नाम दे देते हैं और इसे करने वाले को भगवान या फिर ऐसा ही कुछ और। राम का अपना जीवन, यहां तक कि कृष्ण का भी जीवन हमारे सामने जीवन के  इसी विज्ञान की पुष्टि करते हैं। वहां हुआ कुछ नहीं है। सब कुछ किया गया है जो कुछ भी हुआ है करने से हुआ है, न कि अपने आप हो गया है। यदि वे चाहते तो बीच का रास्ता निकाल सकते थे लेकिन यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया , तो उसके पीछे उनकी गंभीर व यार्थाथवादी सोच काम कर रही थी। यह सोच थी-व्यक्तित्व के गढऩ के प्राकृतिक नियम को स्वीकार करने की। राम ने अपने भाइयों के साथ गुरुकुल में कम समय में ही सारी विद्या प्राप्त कर ली थी।
ज्ञान तो मिल गया था लेकिन व्यक्तित्व नहीं बना था। राम इस सत्य को बहुत अच्छी तरह जानते थे कि ज्ञान के दम पर राज्य को चलाया तो जा सकता है, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सकता है। ज्ञान की अपनी सीमा होती है। खासकर भौतिक जगत में। एक मजबूत और संतुलित व्यक्तित्व के अभाव में ज्ञान लंगड़ा होता है। ऐसे लंगड़े ज्ञान की रफ्तार कम हो जाती है। ऐसा लंगड़ा ज्ञान यदि मंजिल तक पहुंच भी जाता है तो तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। राम देरी से पहुंचने के पक्षधर नहीं थे क्योंकि वे जानते थे कि छुट्टी की घंटी बजने के बाद कक्षा में पहुंचने का कोई मतलब नहीं होता।

मंदिर में भी पाप करने से बाज नहीं आए दुष्ट, पर सीसीटीवी ने कर लिया कैद


इंदौर। खजराना मेन रोड स्थित कालिका माता मंदिर में शनिवार देर रात चोर चांदी का मुकुट और छत्र चुरा ले गए। छत्र 11 किलो और मुकुट तीन किलो वजनी था। कुल चोरी 14 से 16 लाख तक की बताई जा रही है। दो चोर सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गए। फुटेज को देखकर पता चलता है कि चोरों ने माताजी की मूर्ति पर पैर रखकर मुकुट निकाला और छत्र भी तोड़ लिया। दोनों 2:59 बजे मंदिर में घुसे थे और 3:15 बजे बाहर निकल आए।
मंदिर की देखरेख करने वाले कमल वर्मा मंदिर परिसर में ही परिवार के साथ रहते हैं। वे रात को मंदिर का ताला लगाकर सो गए थे। सुबह पांच बजे पूजन करने उठे तो मंदिर के दरवाजे का नकूचा टूटा था। मूर्ति का मुकुट और ऊपर लगा छत्र गायब था।
वर्मा ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौका मुआयना कर चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मंदिर में न तो कोई गार्ड है और न ही परिसर में कोई गेट लगा है। आसपास की दीवारें भी छोटी हैं जिससे चोर आसानी से दीवार कूदकर भाग सकते हैं। चोरी हुआ छत्र ढाई महीने पहले अनजान भक्तने गुप्तदान में दिया था। मुकुट भी पांच साल पहले गुप्त दान में मिला था।
डीजे के कारण तोडफ़ोड़ की आवाज नहीं आई : मंदिर के व्यवस्थापक ने बताया कि रात को मंदिर के पीछे की कॉलोनी में कार्यक्रम चल रहा था। डीजे की आवाज का भी चोरों ने फायदा उठाया है। डीजे के कारण हमें चोरों द्वारा की गई तोडफ़ोड़ की आवाज सुनाई नहीं दी।
सीसीटीवी कैमरे में दिखे दो चोर
मंदिर में चार कैमरे लगे हैं। एक माताजी के गेट के ठीक सामने, दो मुख्य द्वार पर व एक मंदिर की घंटी के पास। दो चोर कैमरे में कैद हुए हैं। उनकी भीतर घुसने से लेकर बाहर आने तक की रिकॉर्डिंग हुई है। हालांकि जिस कैमरे में वे कैद हुए हैं उसमें उनके चेहरे स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहे हैं। परिसर में लगे बाकी कैमरों से वे बचते-बचाते पीछे की दीवार कूदकर भाग निकले। इससे पता चलता है कि चोरों ने रैकी कर घटना को अंजाम दिया है।  पुलिस फुटेज के आधार पर उनकी तलाश कर रही है। इसके अलावा क्षेत्र के डेरों में रहने वाले लोगों के घरों में भी पुलिस ने सर्चिंग की

रुद्राष्टक: रोज करें आसान शिव स्तुति, दूर होंगी मुश्किलें



हिन्दूग्रंथ रामचरितमानस के मुताबिक जब शिव भक्ति के घमण्ड में चूर काकभुशुण्डि गुरु का उपहास करने पर भगवान शंकर के शाप से अजगर बने। तब गुरु ने ही अपने शिष्य को शाप से मुक्त कराने के लिए शिव की स्तुति में रुद्राष्टक की रचना की। गुरु के तप व शिव भक्ति के प्रभाव से यह शिव स्तुति बड़ी ही शुभ व मंगलकारी शक्तियों से सराबोर मानी जाती है। साथ ही मन से सारी परेशानियों की वजह अहंकार को दूर कर विनम्र बनाती है।
शिव की इस स्तुति से भी भक्त का मन भक्ति के भाव और आनंद में इस तरह उतर जाता है कि हर रोज व्यावहारिक जीवन में मिली नकारात्मक ऊर्जा, तनाव, द्वेष, ईर्ष्या और अहं को दूर कर देता है।  
सरल शब्दों में यह पाठ  इसलिए  किसी भी दिन रुद्राष्टक का पाठ धर्म और व्यवहार के नजरिए से शुभ फल ही देता है। 

यह स्तुति सरल, सरस और भक्तिमय होने से शिव व शिव भक्तों को बहुत प्रिय भी है। धार्मिक नजरिए से शिव पूजन के बाद इस स्तुति के पाठ से शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं

कुम्हेर में फायरिंग: 2 की मौत, 5 घायल




कुम्हेर (भरतपुर).सिकरोरी व पिचूमर के बीच रविवार शाम करीब 5 बजे एक ट्यूबवैल पर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। विवाद में गोलियां चलने पर एक पक्ष के दो जनों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच जने घायल हो गए।

घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने डीग-भरतपुर रोड पर स्थित अस्पताल के सामने शवों को रखकर जाम लगा दिया। जाम देर शाम तक जारी था। हालांकि, घटना के संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है।

सिकरोरी के नंदराम का सिकरोरी व पिचूमर के बीच ट्यूबवेल है। यहां पिचूमर के युवकों ने शराब पीकर मोटरसाइकिल से झोपड़ी में टक्कर मार दी। इससे वाद-विवाद शुरू हो गया। झगड़ा बढ़ने पर पिचूमर के लोगों ने हथियारों से हमला कर दिया। इसी बीच, गोलियां चलने से सिकरोरी के 35 वर्षीय लच्छी पुत्र हुकम और 30 वर्षीय गोविंदराम पुत्र भजनलाल की मौके पर ही मौत हो गई।

सिकरोरी के ही 44 वर्षीय श्यामसुंदर पुत्र मोहन, 50 वर्षीय जगमोहन पुत्र सरमन, 35 वर्षीय चेतराम पुत्र खुन्नी, 40 वर्षीय ईश्वर पुत्र हरिराम व 60 वर्षीय भजनलाल पुत्र श्रीचंद घायल हो गए।

घायलों को उपचार के लिए कुम्हेर अस्पताल ले जाया गया। वहां से उन्हें आरबीएम अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। मृतकों के शवों को कुम्हेर अस्पताल ले जाया गया। जहां शाम करीब 6 बजे आक्रोशित सिकरोरी के ग्रामीण व अन्य लोगों ने डीग-भरतपुर रोड पर जाम लगा दिया। उनका आरोप था कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और उसकी मौजूदगी में ही गोलियां चलीं। उन्होंने दोषियों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की।

एडिशनल एसपी राजेश यादव, सीओ ग्रामीण मानवेंद्र सिंह, कुम्हेर थानाधिकारी महेश मीणा मय जाब्ता व कोबरा टीम के साथ मौके पर पहुंच गए और जाम खुलवाने के प्रयास करने लगे

नेहरू की प्रेमिका एडविना को पसंद था 'कैजुअल सेक्स'!



लंदन. आधुनिक भारत की नींव डालने वाले भारत के सबसे कद्दावर राजनेताओं में शुमार और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और भारत में ब्रिटेन के आखिरी वॉयसरॉय लॉर्ड माउंटबेटेन की पत्नी एडविना माउंटबेटेन के रिश्तों को लेकर इंग्लैंड में फिर से बहस छिड़ गई है।  बहस की शुरुआत एडविना की बेटी पामेला माउंटबेटेन ने खुद की है। लॉर्ड माउंटबेटेन और उनकी पत्नी एडविना की बेटी पामेला हिक्स ने हाल ही में प्रकाशित अपनी आत्मकथा 'डॉटर ऑफ एम्पायर' में नेहरू और अपनी मां के रिश्तों पर विस्तार से लिखा है।
डेली मेल से बातचीत में एडविना की बेटी पामेला ने कहा, 'पंडित जी (नेहरू) के रूप में उन्हें एक साथी मिला था। नेहरू के तौर पर उन्हें आध्यात्मिकता और ज्ञान वाला ऐसा साथी मिला था, जिसके लिए वे हमेशा ही बेचैन थीं।' खुद 83 साल की हो चुकीं पामेला को लगता है कि नेहरू ('माउंटबेटेन के प्रभाव में काम करते थे नेहरू') और एडविना के बीच रिश्ता आध्यात्मिक था न कि सेक्सुअल। पामेला ने लिखा है, 'एडविना और नेहरू के पास इतना वक्त नहीं था कि वे किसी जिस्मानी रिश्ते में उलझें। दोनों की ज़िंदगी बेहद सार्वजनिक थी और वे बहुत मुश्किल से अकेले होते थे।' पामेला के मुताबिक नेहरू की चिट्ठियों को देखने के बाद उन्हें पता चला कि उनकी मां और नेहरू के बीच कितना गहरा प्रेम था।

कुरान का सन्देश

मुझे तुम से प्यार है ..मुझे तुमसे प्यार है ..

हाँ वोह तुम ही तो थीं
जिसने
मुझे झकझोर कर कहा था
मुझे तुम से प्यार है ..मुझे तुमसे प्यार है ..
हाँ तुम ही तो थीं
जिसका चेहरा मुझे देखकर
गुलाब की तरह खिल उठता था
हाँ तुम ही तो थीं
जो तुम मेरी एक झलक देखने भर को तड़प उठती थीं
हाँ वोह तुम ही तो थीं
जो होल से मेरे बालों को सहला कर मुस्कुरा देती थी
हाँ वोह तुम ही थीं
मुझे देखते ही
जिसके चेहरे पर ताजगी
जिसकी मुस्कुराहट में खनखनाहट
जिसकी आवाज़ में मिठास आ जाती थी
लेकिन आज
जब में तुम्हारी इस अदा को
मुझ से प्यार करना समझ बेठा
में भी तुम्हारी अदा पर मर मिटा
तब  इस बीच मंझधार में
तुम मुझ से कहती हो
मुझे तुमसे प्यार नहीं मुझे तुमसे प्यार नहीं
वोह तो बस एक भटकाव था
जो किसी के मिल जाने से खत्म हो गया है ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

आज इस विधि से करें गणेश चतुर्थी व्रत, पूरी होगी हर मनोकामना




हिंदू महीने की प्रत्येक कृष्ण पक्ष की चंद्रोदयव्यापिनी चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश के लिए जो व्रत किया जाता है उसे गणेश चतुर्थी व्रत कहते हैं। जो भी यह व्रत करता है, भगवान श्रीगणेश उसकी हर इच्छा पूरी करते हैं। इस बार गणेश चतुर्थी व्रत 2 दिसंबर, रविवार को है। यह व्रत इस विधि से करें-
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि नित्यकर्म से शीघ्र निवृत्त हों।
- शाम के समय अपने सामथ्र्य के अनुसार सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
- संकल्प मंत्र के बाद श्रीगणेश की षोड़शोपचार पूजन-आरती करें। गणेशजी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। गणेश मंत्र (ऊँ गं गणपतयै नम:) बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं।
- गुड़ या बूंदी के 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू मूर्ति के पास ही रखें और 5 ब्राह्मण को दान कर दें। शेष लड्डू प्रसाद के रूप में बांट दें।
- पूजा में भगवान श्री गणेश स्त्रोत, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक स्त्रोत आदि का पाठ करें।
- चंद्रमा के उदय होने पर पंचोपचार पूजा करें व अध्र्य दें तत्पश्चात भोजन करें। 
व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर श्री गणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं और जीवन में निरंतर सफलता प्राप्त होती है।

बाल ठाकरे ही रहेंगे शिव सेना प्रमुख!



मुंबई. यहां के शिवाजी पार्क में शिव सेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ( के स्‍मारक को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। शिव सेना के कार्यकारी अध्‍यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी सुप्रीमो बाल ठाकरे के स्‍मारक को लेकर जारी विवाद को गैरजरूरी करार दिया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि बाल ठाकरे ही शिव सेना प्रमुख रहेंगे और उनके नाम के आगे 'पूर्व' का इस्‍तेमाल नहीं किया जाएगा।
 
शिव सेना के मुखपत्र 'सामना' को दिए इंटरव्‍यू में उद्धव ने कहा, 'मैं सभी से अपील करता हूं कि कोई भी इस मामले पर फिलहाल कोई विवाद खड़ा न करे। यह बड़ा मुद्दा क्यों हैं?' बाल ठाकरे के निधन के बाद 'सामना' में उद्धव का यह पहला इंटरव्‍यू है। उद्धव ने कहा कि बाल ठाकरे की जगह कोई नहीं ले सकता और वह हमेशा शिवसेना सुप्रीमो रहेंगे। उन्होंने कहा, 'बाला साहेब ने हमें रास्‍ता दिखाया है। शिव सेना मराठी मानुष और हिंदुत्व के लिए हमेशा लड़ती रहेगी

कुरान का सन्देश

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