आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

11 दिसंबर 2012

मंगल प्रदोष : ये है इस व्रत की अनोखी कथा, आप भी जानिए




 

हिंदू धर्म शास्त्रों में अनेक व्रतों का उल्लेख है जिसे करने से भगवान शिव अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। ऐसा ही एक व्रत है प्रदोष। यह व्रत प्रत्येक मास की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। इस बार प्रदोष व्रत 11 दिसंबर, मंगलवार को है। मंगलवार के दिन प्रदोष व्रत होने से इस व्रत मंगल प्रदोष या भौम प्रदोष भी कहते हैं। इस व्रत की कथा इस प्रकार है-
व्रत कथा
एक नगर में एक वृद्धा रहती थी। उसका एक ही पुत्र था। वृद्धा की हनुमानजी पर गहरी आस्था थी। वह प्रत्येक मंगलवार को नियमपूर्वक व्रत रखकर हनुमानजी की आराधना करती थी। एक बार हनुमानजी ने उसकी श्रद्धा की परीक्षा लेने की सोची। हनुमानजी साधु वेश धारण कर वृद्धा के घर गए और पुकारने लगे- है कोई हनुमान भक्त जो हमारी इच्छा पूर्ण करे? पुकार सुन वृद्धा बाहर आई और बोली- आज्ञा महाराज। साधु वेशधारी हनुमान बोले- मैं भूखा हूं, भोजन करूंगा। तू थोड़ी जमीन लीप दे। वृद्धा दुविधा में पड़ गई। अंतत: हाथ जोड़कर बोली-महाराज। लीपने और मिट्टी खोदने के अतिरिक्त आप कोई दूसरी आज्ञा दें, मैं अवश्य पूर्ण करूंगी।
साधु ने तीन बार प्रतिज्ञा कराने के बाद कहा- तू अपने बेटे को बुला। मैं उसकी पीठ पर आग जलाकर भोजन बनाऊंगा। यह सुनकर वृद्धा घबरा गई परंतु वह प्रतिज्ञाबद्ध थी। उसने अपने पुत्र को बुलाकर साधु के सुपुर्द कर दिया। साधुवेषधारी हनुमानजी ने वृद्धा के हाथों से ही उसके पुत्र को पेट के बल लिटवाया और उसकी पीठ पर आग जलवाई। आग जलाकर दु:खी मन से वृद्धा अपने घर में चली गई । इधर भोजन बनाकर साधु ने वृद्धा को बुलाकर कहा- तुम अपने पुत्र को पुकारो ताकि वह भी आकर भोग लगा ले।
इस पर वृद्धा बोली-उसका नाम लेकर मुझे और कष्ट न पहुंचाओ लेकिन जब साधु नहीं माने तो वृद्धा ने अपने पुत्र को आवाज लगाई। अपने पुत्र को जीवित देख वृद्धा को सुखद आश्चर्य हुआ और वह साधु के चरणों मे गिर पड़ी। हनुमानजी अपने वास्तविक रूप में प्रकट हुए और वृद्धा को भक्ति का आशीर्वाद दिया। सूतजी के अनुसार मंगल प्रदोष व्रत से शंकर (हनुमान भी शंकर के ही अवतार हैं) और पार्वतीजी इसी तरह भक्तों को साक्षात दर्शन देकर कृतार्थ करते हैं।

भगवान की अनमोल देन इन 3 बातों की करें कद्र! नहीं होंगे नाकाम



इंसान जीवन में सुख-सुविधाओं से जीने के लिये कई चीजों को संभालने में बहुत ही ध्यान देता है। उसका मन उन चीजों से इतना गहरा जुड़ जाता है कि उनका थोड़ा भी नुकसान उसको परेशान कर देता है। किंतु वह सांसारिक जीवन से जुड़ी ऐसी बातों कद्र नहीं करता, जो ईश्वर कृपा के बिना संभव नहीं। इन पर अगर हर इंसान सोच विचार करे तो दु:खों से हमेशा बचा रह सकता है। 
शास्त्रों के मुताबिक इंसान को ईश्वर कृपा से ही तीन अनमोल बातें मिलती है। इसकी अहमियत हर इंसान को समझना चाहिए। अगली तस्वीर पर क्लिक कर जानिए ये तीन बाते- 
मनुष्य जन्म - शास्त्रों के मुताबिक भगवान की कृपा और पुण्य कर्म ही मनुष्य जन्म की वजह होती हैं। इसलिए सुखी जीवन के लिये अच्छे काम, सोच और व्यवहार को ही अपनाना चाहिए। 
सद्गुरु का साथ - सांसारिक जीवन में गुरु कृपा बहुत ही निर्णायक सबित होती है। एक अच्छे गुरु की कृपा इंसान को जमीन से उठाकर ऊंचाइयों पर पहुंचा सकती है। जीवन के हर कठिन हालात गुरु कृपा और सीख से आसान बन जाते हैं। 
मोक्ष या जन्म-मरण के बंधन से छुटकारे की चाह - इस कामना से इंसान बुरे कामों से दूर होकर संयम, नियम और अनुशासन से जीवन गुजारता है। यह इच्छा ईश्वर शक्ति और प्रेरणा से ही जागने वाली मानी गई है। 

कुरान का सन्देश

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...