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17 दिसंबर 2012

यही है वह सरहद, जिस पर मोदी और केंद्र सरकार के बीच मचा है बवाल



अहमदाबाद। भारत और पाकिस्तान के बीच झगड़ों के कई वजहें हैं, जिसमें सरहदों का मुद्दा मुख्य है। इसमे भी सर क्रीक का मुद्दा बहुत पेचीदा है। सन् 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच जो युद्ध हुआ, उसमें गुजरात की यही सरहदी सीमा मुख्य केंद्र में थी।

पिछले कुछ दिनों से यह सीमा फिर से चर्चा में हैं। फिलहाल इस सरहदी सीमा के लिए झगड़ा भारत-पाकिस्तान के बीच नहीं, बल्कि गुजरात और दिल्ली के बीच हो रहा है। यानी कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के बीच। हाल ही में मोदी ने चुनावी प्रचार में इस मुद्दे को ऐसा उठाया कि अन्य मुद्दे जैसे दबकर ही रह गए।


मोदी ने एक चुनावी सभा में यह मामला उठाकर बवाल मचाया कि सर क्रीक का कुछ हिस्सा केंद्र सरकार पाकिस्तान के सुपुर्द करने जा रही है। कहा, 'इस संबंध में मैंने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पत्र भी लिखा था कि वे अपनी राय स्पष्ट करें।' 15 दिसंबर को पालनपुर में दिए अपने भाषण में मोदी ने फिर यही बाह दुहराई कि उन्होंने 5 दिन पहले प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन अब तक जवाब नहीं आया है। जबकि कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता मोदी की इस टिप्पणी पर जवाब देते आए कि केंद्र सरकार ऐसा कुछ नहीं करने जा रही है।

किस दिन किस देवता की पूजा व काम करना होता है बड़ा शुभ?



कर्म के प्रति निष्ठावान व समर्पित इंसान के लिए वक्त का हर लम्हा शुभ ही होता है। किंतु धर्म और ईश्वर से जुड़ी आस्था व विश्वास ही ईश्वर की कृपा से जीवन में कर्मों को   मंगलकारी बनाते हैं। कर्मबल भाग्य को भी संवारने वाला माना गया है। 
देव कृपा से ही कार्य विशेष करने और उसके शुभ फल पाने के लिए ही यहां बताई जा रही है शास्त्रों में लिखी वार विशेष पर की जाने वाली देव पूजा व उस दिन किए जाने वाले काम, जो बड़े ही मंगलकारी साबित होते हैं -

रविवार - भगवान सूर्य देव की पूजा। गृह प्रवेश कार्य, स्वास्थ्य संबंधी उपचार। 

सोमवार - शिव व अग्रिदेव पूजा। अग्रि से जुड़े कार्य, यज्ञ, हवन, लिपाई-पुताई, गृह निर्माण का आरम्भ आदि।

मंगलवार - मंगलदेव, श्री हनुमान पूजा। पदग्रहण, पराक्रम, शौर्य व शस्त्र अभ्यास से जुड़े काम।

बुधवार - श्रीगणेश पूजा। हर तरह की कार्यसिद्धि, सलाह-मन्त्रणा, यात्रा, कारोबार।

गुरुवार - गुरु, बृहस्पतिदेव, दत्तपूजा। धार्मिक व देव कार्य, वेदपाठ, नए वस्त्र व गहने पहनना।

शुक्रवार - देवी व शुक्र पूजा। दान, कन्यादान, स्त्री से जुड़े कार्य, वाहन संबंधी कार्य।

शनिवार - शनि, शिव पूजा। गृहस्थी से जुड़े कार्य, गृहप्रवेश, गृहारम्भ, व्यवसाय।

राजस्थान के एक मंत्री और भाजपा विधायक को 3 साल की सजा




जयपुर.महानगर की एसीजेएम कोर्ट (12) ने रास्ता रोकने, राजकार्य में बाधा डालने व ड्यूटी के दौरान लोक सेवकों से मारपीट के 15 साल पुराने मामले में चिकित्सा राज्य मंत्री राजकुमार शर्मा, विधायक हनुमान बेनीवाल व अन्य विजय देहडू को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इन पर 20,250 रुपए जुर्माना भी लगाया। हालांकि कोर्ट ने तीनों को 5,000 हजार रुपए की जमानत पर रिहा कर दिया।
 
न्यायिक मजिस्ट्रेट वंदना राठौड़ ने कहा कि विधानसभा व संसद में जिस तरह जन प्रतिनिधि आपस में गाली गलौज व मारपीट करते हैं, संभवत: वह इसी सारहीन राजनीति का परिणाम है। इस मामले में कानून- व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का जाब्ता रास्ते को खुलवाने में लगा था। लेकिन आरोपियों ने वहां पर जमाव किया और कानून के खिलाफ जाकर बैनर व ड़डों से पिटाई कर मानव जीवन पर संकट पैदा किया। 
 
 
कोर्ट ने तीन पुलिसकर्मियों मन्नालाल, खैराती लाल व नारायण के कोर्ट में सच बोलने संबंध में कहा कि आरोपियों की मौजूदा हैसियत को देखते हुए इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई व अनावश्यक ट्रांसफर कर इन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाए और डीजीपी व्यक्तिगत रूप से इनके मामले को देखें। 
 
 
ऐसे नेता नहीं चाहिए जो भ्रष्ट तरीके से आया हो : कोर्ट
 
कोर्ट ने कहा कि मौजूदा छात्र राजनीति का रचनात्मक कार्यो से सरोकार नहीं है। छात्र नेता बल प्रदर्शन व धन प्रयोग से राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति में लगे हैं, जिससे कि रातों रात राजनेताओं की नजर में आ जाएं व राजनीति में भविष्य सुनिश्चित करलें। लेकिन देश को ऐसे नेता नहीं चाहिए। 
 
मारपीट बर्दाश्त नहीं
 
कोर्ट ने कहा कि पुलिस का जाप्ता एसएमएस अस्पताल की ओर वाले रास्ते को खोलने में लगा था, ऐसे में उनके साथ मारपीट करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। युवाओं को कानून हाथ में लेने व जमा होने की अनुमति नहीं दी जा सकती जिसे पुलिस ने मौके से हटने का निर्देश दिया हो। ऐसे में पुलिस को उन्हें पीटने का अधिकार दिया जा सकता है।
 
यह है मामला
 
तत्कालीन एसआई लक्ष्मीनारायण ने 8 सितंबर 1997 को लालकोठी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि जयपुर बंद (जनता कफ्र्यू) के दौरान न्यूगेट से अजमेरी गेट तक जाम लगा हुआ था। महाराजा कॉलेज के सामने 70-80 लोग हनुमान बेनीवाल, राजकुमार शर्मा व विजय देहडू के नेतृत्व में सड़क पर तीन जीप खड़ी कर रास्ता रोक रखा था। 
 
पुलिसकर्मियों ने उन्हें हटाने का प्रयास किया तो वे बैनरों के डंडे लेकर पीछे भागे। इससे पुलिसकर्मियों के चोटें आई। पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ 20 अक्टूबर 1997 को चालान पेश किया।

उम्र के इस नाजुक पड़ाव पर मिला रत्न-सम्मान, तालियों से गूंज उठा मंच!


जयपुर.सोमवार को जवाहर कला केंद्र के मंच पर बुजुर्ग राजस्थानी साहित्यकार रानी लक्ष्मी कुमारी चूंडावत और विजय दान देथा को जब व्हील चेयर पर जतन के साथ राजस्थान रत्न अवार्ड के लिए लाया गया तो शब्दों के ये दोनों खिलाड़ी मंच की चमक और हॉल में गूंज रही तालियों की गड़गड़ाहट को बड़ी शिद्दत के साथ महसूस कर रहे थे, उनके रोम-रोम में बसा साहित्य का अकूत भंडार मानो यह सम्मान पाकर एक बार फिर से जीवंत हो उठा। ये बात दीगर है कि अस्वस्थता की वजह से  इस सम्मान को मिलने की चमक उनके चेहरों पर उन्हीं के साथ सम्मानित हुए पं. विश्वमोहन भट्ट की तरह उजागर नहीं हो पाई। 
 
राजस्थान के इन रत्नों को उम्र के इस नाजुक पड़ाव पर रत्न सम्मान मिलते देखकर मन बरबस ही कह उठा.. लाना पड़ा मंच पर करके जिन्हें जतन, आयु के इस मोड़ पर समझा उनको रतन। मिलता समय पर मान तो प्रफुल्लित होता इनका भी मन, ना जाने इस मर्म को कब समझेंगे हुक्मरान।। 
 
राजस्थान सरकार द्वारा पिछले दिनों राजस्थान की कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को भारत रत्न की तर्ज पर राजस्थान रत्न अवार्ड से नवाजने की घोषणा की गई थी। 
 
उसी को अमली जामा पहनाने के लिए जवाहर कला केंद्र में राजस्थान रत्न सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर राजस्थानी साहित्यकार रानी लक्ष्मी कुमार चूंडावत, कथाकार विजय दान देथा और मोहनवीणा वादक पं. विश्वमोहन भट्ट के अलावा कन्हैयालाल सेठिया, कोमल कोठारी, जगजीत सिंह और अल्लाह जिलाई बाई को मरणोपरांत यह सम्मान प्रदान किया गया। 
 
जनगणमन के साथ शुरू हुए समारोह में राजस्थान के इन सातों रत्नों को राज्यपाल मार्गेट अल्वा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कला और संस्कृति मंत्री बीना काक ने एक लाख रुपए नकद, शॉल, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

दिल्ली गैंगरेप केस: लड़की के दोस्त ने जो बताया वह रोंगटे खड़े करने वाला है


दिल्ली गैंगरेप केस: लड़की के दोस्त ने जो बताया वह रोंगटे खड़े करने वाला है
नई दिल्ली. दक्षिण दिल्ली में एक फिजियोथेरेपिस्ट युवती के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने देश की राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा पर फिर सवालिया निशान लगा दिया है। युवती और उसके दोस्त को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

युवती की हालत नाजुक है। देहरादून में मेडिकल की छात्रा पीडि़ता दिल्ली के निजी अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही है। पुलिस ने बस बरामद कर ली है। बस के ड्राइवर और संदिग्ध मुख्य अभियुक्त समेत चार लोगों को पकड़ा है। मूलत: बरेली निवासी यह युवती फिलहाल द्वारका के मधुविहार इलाके में रहती है। उसका दोस्त मूलत: गोरखपुर का निवासी बताया जाता है।

घटना रविवार रात सवा नौ बजे से सवा दस बजे के बीच वसंत विहार थाने के इलाके में हुई। रात 10.20 बजे पुलिस को महिपालपुर में जीएमआर कंपनी के गेट के पास एक युवक और युवती के घायल और नग्न होने की सूचना मिली। पुलिस दोनों को अस्पताल ले गई। युवती के दोस्त ने पुलिस को जो बताया वह रोंगटे खड़े करने वाला है।

पुलिस के अनुसार, द्वारका निवासी 23 वर्षीय युवती की बेर सराय निवासी इस युवक से दोस्ती है। युवक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। दोनों ने साकेत में सलेक्ट सिटी मॉल में रविवार शाम 6.40 बजे के शो में फिल्म देखी। फिल्म 8.40 बजे खत्म हुई।

इसके बाद दोनों तिपहिया स्कूटर में मुनिरका तक आए। वहां से दोनों एक प्राइवेट बस में द्वारका जाने के लिए सवार हो गए। बस में ड्राइवर समेत 5-6 लोग थे। थोड़ी दूर जाने पर ही तीन लड़कों ने युवती के साथ छेडख़ानी शुरू कर दी।

युवती के दोस्त ने विरोध किया तो उसकी पिटाई करनी शुरू कर दी। युवती बीच-बचाव करने लगी तो उसकी भी पिटाई करने लगे। इसी दौरान उनमें से दो लड़के युवती को बस में पीछे वाली सीट पर ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया।

कुरान का सन्देश

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