जयपुर। हल्दीघाटी। एक ऐसा युद्ध जिसकी गाथा इतिहास के पन्नों पर
रक्तिम अक्षरों में लिखी है। यहां युद्ध के दौरान इतना खून बहा की मिट्टी
तक लाल हो चुकी है। आज भी यहां के बच्चे कखगघ के साथ युद्ध के बातें बोलना
सीखते हैं।राजस्थान का एक ऐसा इलाका जहां महिलाएं सिंदूर नहीं हल्दीघाटी की
लाल हो चुकी मिट्टी लगाती हैं।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस जगह का नाम हल्दीघाटी यहां की पीली मिट्टी की वजह से पड़ा था लेकिन अकबर और महाराणा प्रताप के युद्ध के बाद ये मिट्टी लाल हो चुकी है।
कहानी की शुरुआत हल्दीघाटी के युद्ध से करते हैं। 18 जून 1576। इस दिन मुगल सम्राट अकबर और मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के बीच खूनी संघर्ष हुआ।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस जगह का नाम हल्दीघाटी यहां की पीली मिट्टी की वजह से पड़ा था लेकिन अकबर और महाराणा प्रताप के युद्ध के बाद ये मिट्टी लाल हो चुकी है।
कहानी की शुरुआत हल्दीघाटी के युद्ध से करते हैं। 18 जून 1576। इस दिन मुगल सम्राट अकबर और मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के बीच खूनी संघर्ष हुआ।