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21 दिसंबर 2012

जब मुफ़्ती और फतवे देने वाले इदारे चुप्पी साध लेते है तो उनकी विश्वसनीयता पर शक होना लाज़मी हो जाता है

हाल ही में फेसबुक और इंटरनेट पर फोटू अपलोड करने के मामले में एक जनाब ने फ़तवा जरी किया है ..फतवा देना अच्छी बात है लेकिन फतवों का आधार भी होना चाहिए पहली बात तो फतवा देने के नाम पर गली मोहल्लों में नाकाबिल लुटेरे और व्यापारी लोगों की दुकाने खुल गयी है जिनकी जिंदगी तकवे वाली नहीं होती है जो इस्लाम को नजदीक से नहीं समझते है वोह भी फत्वेबाज़ हो गए है हालात यह है के जिन्हें इस्लाम की ऐ बी सी दी नहीं आती वोह लोग भी फतवे दे रहे है इस्लामिक जिंदगी क्या है उसे जीने का सलीका जिसमे नहीं रूपये लेकर नमाज़ पढ़ने वालों की जो पेरवी करते है ..धर्म को खुद की आयतों का मोल कर जो व्यापार करते है वोह लोग अगर फतवा दे तो अजीब सा लगता है पिछले दिनों  फत्वेबाज़ों की हकीक़त टीवी चेनलों पर थी किस तरह से रुपयों का लेनदेन कर फतवे की रामकहानी इधर उधर कर रहे थे ऐसे लोगों पर किसी ने फ़तवा नहीं दिया यह सही है के इस्लाम में मुसव्विरी गलत है लेकिन मुसव्विरी और तस्वीर में फर्कसाफ़  है बेहयाई और जरूरत की तस्वीर में भी फर्क है अगर हज पर जाना है तो तस्वीर खिंचा कर पासपोर्ट बनाना होगा पहले यह जरूरी नहीं था लेकिन मुजद्दिद हालत हुए वक्त बदला और आज फोटू इम्तिहान का कार्ड हो फोटो पहचान पत्र हो या फिर जरूरी दस्तावेजात हो एक जरूरत है ...यही  हाल इंटरनेट पर है आपने और हमने देखा है के फतवा देने वाले मुफ़्ती लोग टीवी पर भी साक्षात्कार देते है इनके कार्यक्रमों के फोटू अख़बारों में भी छपते है इनके खुद के  राशन कार्ड ..फोटू पहचान पत्र ..आधार कार्ड है पासपोर्ट है कई इदारों में तो किसी न किसी नेता के साथ इन मुफ्तियों की तस्वीरे बढ़े गुरुर के साथ लगी हुई देखि जा सकती है ..कई मोलाना ...मोलवी ....  मुफ़्ती  ऐसे है जो अपना मूल धर्म का कम छोड़ कर राजनीती के बेहया काम में लग गये है मंत्रियों और सरकारों के तलवे चाटना इनका पेशा बन गया है अभी हल ही में राजस्थान में गोपालगढ़ में मस्जिदों में गोलीबारी कर कई कत्ल पुलिस की गोली से हुए लेकिन ऐसे मामलों में भी मोलाना ..मुफ़्ती सरकार के पक्ष में पेरवी करने से बाज़ नहीं आये तो दोस्तों कभी लगता है के हम धर्म के नाम पर जिस व्यापारिक माहोल में जी रहे है उससे तो अच्छा है के हम कुरान शरीफ का अनवाद और हदीस की किताबें हाथ में लेकर खुद आत्मचिंतन करे के हम खान और किस तरह की जिंदगी जी रहे है में पूंछता  हु क्या यह मुफ़्ती मोलाना लोग किसी पड़ोसी से उसकी तकलीफ उसकी भूख के बारे में पूंछते  है नहीं न तो फिर जो खुद तकवे पर नहीं चलते उनके फतवों का क्या करे भाई ..हमारे कोटा में मोलाना नजीर थे जिनकी आज भी मिसाल है वोह इस्लाम को जीते थे इमानदारी से परहेज़गारी बने रहने की कोशिश करते थे उनके चेहरे पर नूर था उनके घर में अगर आधा किलो सब्जी भी अगर बने तो पहले पडोस में बंटती थी फिर खुद चाहे शोरवा ही बचे उससे वोह खाना खाते थे  इसलियें फ्त्वेबाज़ों की फतवेबाजी अगर गलत गेर तार्किक हो तो नज़र अंदाज़ ही नहीं उसकी मज़म्मत भी करे और अगर इस्लामिक वाजिब फ़तवा है तो उसकी पालना भी करे वरना फतवों पर चेहरे पर दाडी लगाकर मोलाना मुफ्तियों का भेस  बनाने वाले इन दुनियावी लोगों द्वारा सियासत के नाम पर कोम की सोदेबाज़ी  कर राज्यसभा और कोर्पोरेशन बोर्डों के चेयरमेन की सीटें  अपने कब्जे में की जाती रहेंगी आज तक किसी भी मुफ़्ती ने यह फतवा क्यूँ जारी  नहीं किया के मोलाना ..मुफ्तियों का सियासत में आना गेर वाजिब है  है या फिर सरकार के गुलामी वाले पदों के लियें सरकर की चापलूसी कर उन पर बेठना भी हराम है इस मामले में इस्लाम क्या कहता है सभी जानते है लेकिन जब मुफ़्ती और फतवे देने वाले इदारे चुप्पी साध लेते है तो उनकी विश्वसनीयता पर शक होना लाज़मी हो जाता है .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कानून बनाने वाले ही कर रहे रेप, ये है उनकी लिस्ट!


नई दिल्ली. गुजरात विधानसभा चुनाव के गुरुवार को आए परिणाम में जिन नेताओं की तकदीर का फैसला हुआ, उनमें दो ऐसे भी हैं जिन्होंने खुद अपने शपथ पत्र में रेप के आरोपों का जिक्र किया है।
इनमें एक जेठाभाई अहीर भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत गए जबकि बसपा उम्मीदवार प्रफुल्ला चंद्रा को हार मिली। दोनों एक ही विधानसभा क्षेत्र सेहरा से किस्मत आजमा रहे थे।
कहानी यहीं नहीं रुकती। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में कमोबेश सभी राजनीतिक दल ऐसे आरोपियों को टिकट देते हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं।
यूपी में सपा सरकार के ठीक पहले बसपा की सरकार में कई विधायकों पर रेप के आरोप लगे। मामले अभी भी चल रहे हैं।
हालांकि दिल्ली में गैंगरेप की घटना के बाद अब कांग्रेस ने हिमायत की है कि जिन पर रेप जैसे संगीन अपराधों के आरोप हैं उन्हें चुनाव लडऩे से रोकना चाहिए।
कांग्रेस संासद व प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि चुनाव आयोग को देखना चाहिए कि जिन पर ऐसे आरोप हैं वे लोग चुनाव नहीं लड़ पाएं।

शनिवार को करें इस मंत्र का जप, टल जाएगा हर संकट



 

हिंदू धर्म ग्रंथों में शनिदेव को न्यायाधीश कहा गया है यानी मनुष्य के अच्छे-बुरे सभी कर्मों का प्रतिफल शनिदेव उसे प्रदान करते हैं। यही कारण है कि शनिदेव की साढ़ेसाती या ढैय्या में मनुष्य को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि आप पर भी शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है तो नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान से जप करने से शनिदेव प्रसन्न होंगे और आपके सभी संकट टल जाएंगे।

वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।

जप विधि
- प्रति शनिवार सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ  वस्त्र पहनें।
- इसके बाद शनिदेव की पूजा करें और तेल व काले तिल अर्पित करें।
- इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश का आसन ग्रहण करें।
- तत्पश्चात रुद्राक्ष की माला से ऊपर लिखे मंत्र का जप करें।
- इस मंत्र का प्रभाव आपको कुछ ही समय में दिखने लगेगा।

31 जनवरी तक अभियोजन स्वीकृति तय करें, अन्यथा पेश हों सीएस


जयपुर.हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है वह 31 जनवरी, 2013 तक भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति तय करे, अन्यथा 1 फरवरी को मुख्य सचिव अदालत में पेश हों। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एनके जैन व न्यायाधीश मीना वी.गोम्बर की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश पीसी भंडारी की जनहित याचिका पर दिया।

मामले की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता आईआर सैनी ने जवाब के लिए समय मांगते हुए कहा कि 190 मामलों में से चार में हाई कोर्ट की रोक है और बाकी में से 39 मामलों को तय कर दिया है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि अदालत ने सरकार को 3 सितंबर के आदेश से ऐसे मामलों का निपटारा तीन महीने में करने का निर्देश दिया था, लेकिन उसने नहीं किया, जो अवमानना का मामला बनता है। अदालत ने सरकार को 31 जनवरी तक का समय देते हुए मामलों में अभियोजन स्वीकृति तय करने का निर्देश दिया।

गौरतलब है कि याचिका में कहा था कि सरकारी अफसर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाते हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही होती और सरकार मुकदमा चलाने की मंजूरी भी नहीं देती, लिहाजा ऐसे लंबित मामलों का निपटारा जल्द करवाया जाए।

सोशल साइट्स पर फोटो अपलोड करने के खिलाफ फतवा


बरेली। सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरुओं के एक संगठन ने वैवाहिक वेबसाइट तथा सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक इत्यादि पर फोटो अपलोड करने को नाजायज करार दिया है। इसने मुसलमानों को इससे परहेज करने की सलाह दी है। 
 
उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित दरगाह आला हजरत के मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के फतवा विभाग ने यह फतवा जारी किया है। कानपुर के इजहार नामक व्यक्ति ने इससे सवाल पूछा था कि वैवाहिक वेबसाइट और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर फोटो डालना किस हद तक जायज है। इस पर मुफ्ती सैयद मोहम्मद कफील ने कहा कि इस्लाम में तस्वीर को नाजायज करार दिया गया है। ऐसे में इंटरनेट पर शादी के लिए या फिर फेसबुक पर फोटो अपलोड करना हराम होगा। 
 
उन्होंने कहा कि शादी के लिए फोटो लगाना बेहयाई है और मुसलमानों को इससे बचना चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि बगैर तस्वीर वाला बायोडाटा इंटरनेट पर डाला जा सकता है। इसके अलावा पासपोर्ट, हज या फिर अन्य आवेदनों के लिए फोटो लगाई जा सकती है, बशर्ते ऐसा करना जरूरी हो। शाही जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने कहा कि इस संबंध में मुफ्ती आजम हिंद का फतवा पहले से है जिसमें बिना जरूरत तस्वीर को हराम बताया गया है। कफील ने कहा कि इस्लाम में तस्वीर की मनाही का मूल उद्देश्य किसी साकार चीज की पूजा-परस्तिश को रोकना है। 

कुरान का सन्देश

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