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22 दिसंबर 2012

एक-दूसरे के पति को किडनी देकर दी नई जिंदगी


फरीदाबाद.  पौराणिक कथाओं के अनुसार सावित्री यमराज के हाथों से अपने पति के प्राण छीन लाई थीं। वहीं आज 21वीं सदी में भी ऐसी महिलाएं हैं जो अपने सुहाग के लिए कोई भी कुर्बानी देने का साहस रखती हैं।
 
ऐसी दो महिलाओं ने अपने पति की जान बचाने के लिए मिसाल कायम की है।फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में आए दो अलग-अलग मामलों में महिलाओं ने अपने पति को जीवन देने के लिए एक-दूसरे के पति को किडनी डोनेट की। इससे आज दोनों महिलाओं के पति मौत को मात देकर स्वस्थ जिंदगी जी रहे हैं।
 
किडनी फेल, नहीं गंवाया हौंसला : केस-1: पहला मामला लखनऊ का है। लखनऊ के रहने वाले अंजनी कुमार तिवारी को कैंसर था। उनका इलाज पूरा हुआ तो इसके बाद दोनों किडनी फेल हो गईं। अंजनी कुमार का नियमित डायलिसिस चल रहा था।
 
पीजीआई में जांच कराने पर उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में कहा गया। अंजनी के परिवार में उनका ब्लड ग्रुप किसी से मैच नहीं कर रहा था। उनकी पत्नी रीता तिवारी अपने पति को किडनी डोनेट करना चाहती थीं, लेकिन उन दोनों का ब्लड ग्रुप आपस में मैच नहीं हुआ। 
 
केस-2 : दूसरा मामला फैजाबाद के रहने वाले अनिल कुमार सिंह का है। शुगर व ब्लड प्रेशर की वजह से अनिल की दोनों किडनियां फेल हो गईं। ट्रांसप्लांट की बात आई तो अनिल कुमार का ब्लड ग्रुप घर में किसी से मैच नहीं हुआ। पत्नी सरिता सिंह पति को अपनी किडनी देना चाहती थीं, लेकिन किस्मत उनके साथ न थी। ब्लड ग्रुप मैच नहीं हुआ। 
 
नहीं डिगा साहस, डटी रहीं अड़कर : डायलिसिस के दौरान यहां रीता व सरिता की मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों ने अपने पति की जिंदगी को बचाने के लिए एक अनोखा फैसला लिया। दोनों ने एक-दूसरे के पति को किडनी देने का निश्चय किया।
 
डॉक्टर से सलाह लेने के बाद दोनों पेशेंट को फरीदाबाद के एस्कॉर्ट्स फोर्टिस अस्पताल में लाया गया। यहां डॉक्टर ने पेशेंट की जांच की। दोनों मामलों में पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप आपस में मैच नहीं करता था। क्रॉस चेकिंग में पता चला कि रीता का ब्लड ग्रुप सरिता के पति के ग्रुप से मैच करता है। इसी तरह सरिता का ब्लड ग्रुप रीता के पति अंजनी के ग्रुप से मैच करता था। 

23 को ग्यारस : ये 3 कृष्ण मंत्र बोलने से होता है धनलाभ

हिन्दू धर्म परंपराओं में एकादशी तिथि भगवान विष्णु व उनके अवतारों की उपासना का शुभ दिन माना जाता है। श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना गया है। श्रीमद्भगवतगीता में श्रीकृष्ण को 'भगवान' पुकारा गया है। पुराणों के मुताबिक श्री और ऐश्वर्य भी भगवान की छ: शक्तियों में शामिल है। 
यही वजह है कि खासतौर पर धन कामना पूरी करने के लिए एकादशी की घड़ी में कुछ खास व असरदार कृष्ण मंत्र बोलना धनलाभ देने वाले माने गए हैं। अगली तस्वीर पर क्लिक कर जानिए ये कृष्ण मंत्र - 

- ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा

- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्रीं

- लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा

पहली बार युवती ने भरा कदम : पानी व जूस पीया और कहा, मैं अच्छी हूं



नई दिल्ली. आज वह उठ कर बैठी, फिर पानी व जूस पीया और कहा मैं अच्छी हूं। इसके बाद छात्रा ने खुद से चेस्ट और पैर की फिजियोथेरेपी भी की और कदम भी भरा। 
 
उसकी सेहत में यह सुधार जहां उसकी जीवटता को दिखा रहा है वहीं हमारे लिए एक उम्मीद जगा दी है। यह कहना है युवती के इलाज करने वाले डॉक्टरों की टीम में शामिल डॉ. एमसी मिश्रा का।
 
उनका कहना है कि उसकी सेहत में सुधार जारी है और वह अब बोल भी सकती है और हंस भी सकती है। लेकिन उसके प्लेटलेट्स में आई गिरावट और संक्रमण का डर अभी भी खत्म नहीं हुआ है, जो अभी तक चिंता का विषय बना हुआ है।
 
डब्ल्यूबीसी काउंट बढ़ा प्लेटलेट्स गिरे :
 
सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. बीडी अथानी के अनुसार सबसे अच्छी बात यह है कि शुक्रवार की तुलना में युवती का डब्ल्यूबीसी 1500 से बढ़कर 2600 तक पहुंच गया है।
 
अब उसे कभी-कभी ऑक्सीजन की जरूरत महसूस हो रही है। लेकिन शनिवार को प्लेटलेट्स काउंट गिरकर 20 हजार पर पहुंच गया जो चिंता की बात है। यही नहीं लीवर में बिलीरुबीन 5.9 हो गया है जो लीवर में संक्रमण बढ़ा रहा है।
 
डॉक्टर का कहना है उसका ब्लड ट्रांसफ्यूजन भी हुआ है जिसकी वजह से संक्रमण का भय बना हुआ है। सेपसिस उसे पहले से है, जिसका असर उसके लीवर तक पहुंच चुका है। उसे इससे बाहर करना ही डॉक्टर की पहली चुनौती है।
 
गिरते प्लेटलेट्स की वजह से शनिवार को युवती को चार यूनिट प्लेटलेट्स व प्लाजमा चढ़ाया गया। इससे इसमें सुधार की उम्मीद है। इसके अलावा संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लगातार एंटीबायोटिक्स का डोज दिया जा रहा है। 

कुरान का सन्देश

दिल्ली की बस में एक दिल हिला देने वाली दर्दनाक और खोफ्नाक घटना ने दिल्ली को ही नहीं पुरे देश को हिला कर रख दिया है

दोस्तों दिल्ली की बस में एक दिल हिला देने वाली दर्दनाक और खोफ्नाक घटना ने दिल्ली को ही नहीं पुरे देश को हिला कर रख दिया है ..लडकियों की इज्ज़त अस्मत सुरक्षित नहीं है चारो तरफ यही आवाज़ है बलात्कारियों को फांसी की सजा मिले लोगों की यही मांग है पहले भी यह मांगे उठ चुकी है खुद अडवानी जी के उपप्रधानमन्त्री कार्यकाल में उन्होंने भी इस मांग को उठाई थी इस घटना पर जनता ने उत्तेजना दिखाई ..नेताओं ने राजनीति की जेल के बंदियों ने अपराध किया लेकिन घटना जहां थी वहीं है अपराध जहाँ था वहीँ है कुछ दिन चीखेंगे चिल्लायेंगे और फिर नई घटना को लेकर नया आन्दोलन नई चीख पुकार जरा सोचो लोकपाल बिल का हंगामा कहा गया ..कहा सो गए लोकपाल बिल के हमदर्द ..पहले भी ऐसे आन्दोलन हुए है लेकिन नतीजा बेकार आन्दोलन के नाम राजनीति एक मजाक बन गया है मिडिया भी घटना को मजाक बनाता है सियासत करता है बिजनेस करता है लेकिन मार्गदर्शन कोई नहीं करता ..जेसा के आप जानते है बलात्कार के मामले में सजा है और भारत में कानून का राज है यहाँ जिस दिन बलात्कार हुआ या बलात्कार के साथ हत्या का प्रयास क्या गया उस दिन कानून कितनी सज़ा थी अपराधी को इससे ज्यादा सजा हिंदुस्तान की कोई संसद कोई अदालत किसी भी सूरत में नहीं दे सकती फिर इस घटना के अपराधियों को फंसी की सजा की मांग करना एक बेमानी बात है ताज्जुब तो जब होता है जब इस मांग में संसद और विधानसभा में कानून बनाने वाले ..सियासी पार्टियां चलाने वाले और अखबार ..इलेक्ट्रोनिक मिडिया से लेकर वकील वगेरा भी शामिल हो जाते है आखिर हम देश की जनता को कब तक गुमराह करते रहेंगे .......अब हम मुद्दे की बात पर आते है हमारे देश में जो मांग  होना चाहिए वोह नहीं हो रही है ..हमारे देश में पुलिस है ..पुलिस बीट  प्रणाली में महिलाओं की सुरक्षा की विशेष व्यवस्था और निर्देश है महिला सुरक्षा समितियां महिला पुलिस है लेकिन सब बेकार कामकाजी महिलाओं के लियें सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश पर समितियां बना कर बैठक करना हुकम है लेकिन सब बेकार सुप्रीम कोर्ट ने कहा है के बलात्कार के मामले में तुरंत मुकदमा दर्ज हो लेकिन सभी जानते है के पच्चीस फीसदी बलात्कार के मामले आज भी थानों में दर्ज नहीं किये जाते और मजबूरी में यह मामले अदालत के जरिये इस्त्गासों  से दर्ज होते है ..हमारे देश में कानून है के महिला को थाने में रात  को पुरुष पुलिस कर्मियों के साथ नहीं रखेंगे लेकिन रखा जाता है बिना महिला पुलिस के महिला को गिरफ्तार किया जाता है तलाशी ली जाती है टांगा टोली की जाती है ......घरेलू हिंसा में पुलिस और संरक्षण अधिकारी मदद नहीं करते ....महिला का मेडिकल  पुरुष चिकित्सक करते है तो जनाब कानून तो केवल किताबों में ही है सुप्रीम कोर्ट ने देश की अदालतों में बलात्कार के मामलों की सुनवाई महिला जजों द्वारा किये जाने सरकारी वकील महिला रखे जाने के आवश्यक निर्देश दिए संसद ने कानून बनाया लेकिन सब बेकार कुछ एक अपवादों को अगर छोड़ दे तो सभी जगह बलात्कार के मामलों की सुनवाई कानून और सुप्रीमकोर्ट के आदेशों के खिलाफ पुरुष जजों द्वारा की जा रही है और पेरवी पुरुष सरकारी वकीलों द्वारा करवाई जा रही है मामले जो सेशन ट्राइल के होने से दिन प्रतिदिन के हिसाब से सुनवाई के होना  चाहिए लेकिन एक तारीख तीन माह की जाती है और कई सालों तक मामले लम्बित  रहते है अगर इन सवालों का जवाब जनता ..जनप्रतिनिधि ..सियासी पार्टियाँ सरकारें और संसद विधानसभा में बेठे लोग वक्त पर ढूंढ़ लेते तो आज जो बवाल मचा है वोह नहीं मचता लेकिन अफ़सोस आज भी इसी बात पर है के आन्दोलनकारी ..विपक्ष ..सांसद ..विधायक और सरकारे मिडिया जो कोई भी हो इस सच्चाई को नहीं स्वीकार रहा है और हालत जस के तस है अगर इन हालातों को नहीं सुधार और जो किताबों में लिखा है उसकी पालना नहीं की तो फ्री सरकार को जनता को बेवकूफ बनाना और विपक्ष को जनता के साथ ठगी करना और आन्दोलन कारियों को जनता के जज्बातों के साथ खेलना बंद कर देना चाहिए ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अमन के पैगाम का अलमबरदार मासूम भाई स्वस्थ होकर वापस लोटे उन्हें मुबारक हो

खुदा  का लाख लाख शुक्र है के अमन के पैगाम के आलम बरदार भाई सय्यद मोहम्मद मासूम यानी एस एम मासूम सह्त्याबी के साथ फिर से हमारे बीच अमन के पैगाम की खुशिया लेकर लोटे है वाराणसी उत्तर प्रदेश के क्वीन कोलेज में पढ़े ..मुंबई महाराष्ट्र के बेंक में प्रबंधक पद पर काम करने के बाद रिटायर हुए भाई मासूम ने जो कलम पकड़ी उसके बाद पीछे मुड़  कर नहीं देखा हिंदी ब्लोगिंग की दुनिया को भी भाई मासूम ने नफरत और एक दुसरे की टांग खिंचाई के वातावरण से बाहर निकाल कर प्यार और सद्भावना का वातावरण दिया प्यार दो प्यार लो का सिद्धांत ब्लोगर की दुनिया को मासूम भाई ने बढ़े ही मासूम लहजे में सिखाया ....उत्तर प्रदेश से पेदाइशि लगाव होने के  कारण मासूम भाई ने जोनपुर ब्लोगर एसोसिएशन बना डाली और आज इस ब्लोगिंग की अपनी धूम मची हुई है .....दोस्तों पिछले दिनों अचानक अमन के पैगाम का यह आलम बरदार भाई मासूम अचानक बीमार हो गए सर में दर्द की शिकायत थी डोक्टर को दिखाया ब्रेन ट्यूमर होने से सारी  परेशानी थी ..ओपरेशन रिस्की था जान का भी खतरा था लेकिन कहते है जाको राखे साइयां मार सके न कोई और फिर जो अमन का पैगाम देने वाला हो अमन का परचम लेकर नफरत के माहोल को खुशनुमा करने के लियें निकला हो उसके साथ तो दुनिया भर की दुआएं रहती है ..दोस्तों आप सभी की दुआओं की बदोलत भाई मासूम आज स्वस्थ है खुद ने इनका ओपरेशन सफल किया और फिर से डॉक्टरों ने इन्हें इंटरनेट के इस्तेमाल और मोबाइल पर बात करने की इजाज़त दे दी अमन के पैगाम के मसीहा की हमारे बीच सह्त्याबी के साथ वापसी हमारी दुआओं का असर है हम इसके लियें खुद के शुक्र गुज़र है फिर से इंटरनेट की दुनिया में नफरत के माहोल को प्यार भरे माहोल में बदलने के लियें भाई मासूम हमारे बीच है उनका स्वागत है ...आज भाई मासूम का जब खेरियत और सहत्याबी का फोन आया तो यकीन मानिये मेरा ख़ुशी का कोई पारावार नहीं रहा और मेने दिल से खुदा  का शुक्र अदा किया ..दिल से दुआ निकली के खुदा सभी साथियों को सह्त्याब रखे खुशहाल रखे कामयाब रखे लम्बी उम्र दे और नफरत के माहोल को अमन के पैगाम के साथ भाईचारा सद्भावना में बदलने का होसला उन्हें मिले आमीन सुम्मा आमीन ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान  

यहां लगती है बालाजी की अदालत, पिशाचों के खिलाफ चलते हैं मुकदमे!



जयपुर. बिखरे हुए बालों में एक शख्स अपने शरीर पर वजनी पत्थर रखकर खुद को यातनाएं दे रहा है। साथ ही अपने शरीर को मजबूत कडिय़ों से बांधकर रखे हुए है। वह लगातार तेज आवाज में बड़बड़ाता जा रहा है और फिर थोड़ी ही देर में बिना वजह तेज आवाज में खुद को डांटता हैं।
दरअसल, ये किसी काल्पनिक लोक का रेखाचित्र नहीं है।लेकिन आपके मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे कि आखिर कोई व्यक्ति खुद को सजा क्यों देगा। जंजीरों में क्यों जकड़ेगा? और फिर खुद को क्यों डांटेगा? भूत और प्रेत बाधा में यकीन रखने वाले लोगों का मानना है कि इंसानों की तरह प्रेत भी गलतियां करते हैं।
है ना चौंकाने वाली बात, क्योंकि आमतौर पर यहीं माना जाता है कि गलतियां इंसान करता हैं। लेकिन...इस पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल हैं। लेकिन जो लोग ये मानते है..वे इस बात से बिल्कुल सहमत होंगे। भूत-प्रेत अक्सर इंसानी दुनिया में वापस लौटने की कोशिश करते है और इसी का जब दंड मिलता है तो जीवित इंसान का व्यवहार बदल जाता हैं।

तिहाड़ में कैदियों ने आरोपी को पिलाया पेशाब



नई दिल्‍ली। दिल्‍ली में रविवार को चलती बस में गैंगरेप पर बवाल मचा है और पीडि़त लड़की का हाल अब भी बुरा बना हुआ है। शनिवार को सफदरजंग अस्पताल के डॉक्‍टरों ने जो मेडिकल बुलेटिन जारी किया, उसके मुताबिक लड़की होश में है और बात कर पा रही है। लड़की ने पानी और जूस भी पिया है। लेकिन प्लेटलेट काउंट में गिरावट बनी है और संक्रमण अब भी दूर नहीं हुआ है।
 
इस बीच, पता चला है कि रविवार को हई वारदात ( के आरोपी से तिहाड़ जेल में बंद कैदी भी नफरत कर रहे हैं। यहां मुकेश की न सिर्फ पिटाई हुई बल्कि उसे मलमूत्र भी जबरन खिलाया गया। कैदियों ने जमकर उसकी पिटाई भी की। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे दूसरे बैरक में भेज दिया। मुकेश की की पहचान आइडेंटिफिकेशन परेड (टीआईपी) के दौरान पीडि़ता के दोस्त ने की थी
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