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26 दिसंबर 2012

आंदोलन के बाद आई हिम्मत और उठा रेप और ब्लैकमेलिंग मामलों से परदा!



कोटा.दिल्ली में गैंगरेप की घटना के बाद हो रहे जन आंदोलनों से लोगों में संघर्ष की भावना जागृत हो रही है। कोटा शहर व जिले के सुकेत में दुष्कर्म के 2 मामले बुधवार को सामने आए। इनमें से एक मामला तो कांस्टेबल की नाबालिग बेटी के साथ ज्यादती करने का तथा दूसरा मामला साढ़े चार माह से दुष्कर्म और ब्लैकमेल की शिकार होने का है। 
 
ग्रामीण पुलिस में तैनात कांस्टेबल की बेटी के साथ 15 दिसंबर को ज्यादती की वारदात हुई। मामला अब पुलिस के पास पहुंचा और पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, सुकेत में एक महिला के साथ वीडियो क्लिप बनाकर उसके साथ दुष्कर्म और ब्लैकमेल किया गया। दूसरी ओर, कुछ स्टूडेंट ऐसे भी हैं, जो इतना सब कुछ होने के बावजूद छेड़छाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कोटा के निजी कॉलेज में बुधवार को छात्राओं के चक्कर में छात्रों के दो गुट भिड़ गए।
 
बेटी बोली- बेचना चाह रहा है पिता
 
13 साल की एक बालिका ने ग्रामीण एसपी विकास पाठक के सामने पेश होकर गुहार लगाई कि उसका पिता उसकी जबरन शादी करवाना चाह रहा है। इसके बदले में वह लड़के वालों से 1 लाख रुपए भी ले रहा है। बालिका की शिकायत पर एसपी ने मामले की जांच कनवास एसएचओ की दे दी है। 
 
धुलेट निवासी 13 वर्षीय बालिका ने एसपी को बताया कि उसके पिता देवीलाल ने 10 साल पहले उसकी मां को छोड़ दिया था। मां दूसरे के नाते चली गई। बेटी भी मां के साथ ही रहने लगी। अब देवीलाल आ गया और बेटी को ले आया और उसकी जबरन शादी करना चाह रहा है। 
 
इसके लिए उसने लड़के वालों से एक लाख रुपए का सौदा किया है। एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कनवास एसएचओ को मामले की जांच सौंपी है।

बहन, भतीजे की मौत के बाद सादगी से हुआ निकाह


कोटा.बेगूं के पास तेजपुर गांव में मंगलवार को कार हादसे में हुई दूल्हे की बहन और भतीजे की मौत के बाद बुधवार को उदयपुर से दुल्हन वाले कोटा पहुंचे और सादगीभरे माहौल में निकाह हुआ। गौरतलब है कि एक दिन पहले उदयपुर जा रही बारात की कार का टायर फटने से बेकाबू हो गई थी। इसके चलते बारात वापस आ गई थी। 
 
शिक्षक नेता अजीम पठान ने बताया कि उनके इंजीनियर भतीजे शाहिक  पठान की बारात मंगलवार को उदयपुर मुरशिद नगर जा रही थी। तेजपुर गांव के पास दूल्हे के बड़े भाई तारीक की कार अनियंत्रित होकर खेत में कूद गई। इसमें सवार दूल्हे की बहन तरन्नुम, भतीजा आतिफ की मौत हो गई थी और भांजा समर तथा भाभी कहकशां घायल हो गए थे। हादसे के चलते रास्ते ही बारात लौट आई थी। दूल्हा-दुल्हन साईमा के मेहंदी और हल्दी लगी हुई थी। 
 
परिवार वालों ने निर्णय किया कि दुल्हन भी उनकी बेटी जैसी है। हादसा होनी वाली बात थी। इसके बाद दुल्हन के परिवार वालों से बात की और उन्हें निकाह के लिए कोटा बुला लिया गया। कोटा में एक होटल में दूल्हे व दुल्हन के परिवार वालों ने सादे समारोह में दोनों का निकाह करवाया। फिर दुल्हन को कुछ देर के लिए घर लाया गया। उसके बाद परिवार वालों के साथ उदयपुर भेज दिया गया है। 
 
इधर, कहकशां का बुधवार को गर्दन की हड्डी का ऑपरेशन भी किया गया। उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।

राष्ट्रपति एक घंटा रुके, 37 लाख में सजा कमरा


बेलगाम। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अक्टूबर में बेलगाम यात्रा में 1.98 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसमें 1.61 करोड़ रुपए से तो सर्किट हाउस का पुनरुद्धार कराया गया, बाकी 37 लाख रुपए इसी सर्किट हाउस में एक कमरे की सजावट पर खर्च हुए। इस कमरे में मुखर्जी सिर्फ एक घंटा रुके थे। वे यहां विधानसभा भवन का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
 
आरटीआई कार्यकर्ता भीमप्पा गाडा ने राष्ट्रपति की यात्रा पर किए गए खर्च से जुड़ीं ये सूचनाएं सार्वजनिक निर्माण विभाग से हासिल की हैं। गौरतलब है कि सेंट्रल बस स्टैंड के पास एक ही परिसर में सर्किट हाउस की दो इमारतें हैं। एक का उद्घाटन दो साल पहले ही हुआ था। पुरानी इमारत और परिसर का पुनरुद्धार पिछले साल ही विश्व कन्नड़ सम्मेलन के मौके पर किया गया था। इतना ही नहीं, कर्नाटक सरकार 2010-11 में 32 और 2011-12 में 18 लाख सर्किट हाउस के पुनरुद्धार की मद में खर्च कर चुकी है।आरटीआई कार्यकर्ता भीमप्पा गाडा ने सार्वजनिक निर्माण विभाग से यह जानकारी हासिल की हैं। 
 
 
बेलगाम में सेंट्रल बस स्टैंड के पास एक ही परिसर में सर्किट हाउस की दो इमारतें हैं। इनमें दो साल पहले बनी नई इमारत का पुनरुद्धार राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान कराया गया था। जबकि पुरानी इमारत और परिसर का पुनरुद्धार पिछले साल विश्व कन्नड़ सम्मेलन के मौके पर हुआ था।

महिला वैज्ञानिक ने कहा, बॉय फ्रेंड के साथ रात को बाहर निकलेगी तो यही होगा एक शर्मनाक ब्यान



खरगोन। मप्र पुलिस विभाग ने खरगोन में एक सेमिनार रखा। विषय था-महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता। लेकिन, इसमें वक्ता जितने असंवेदनशील हो सकते थे, हुए। कृषि अनुसंधान केंद्र की वैज्ञानिक और लायंस क्लब की अध्यक्ष डॉ. अनीता शुक्ला ने दिल्ली की घटना के लिए दुष्कर्म पीडि़त छात्रा को ही जिम्मेदार ठहराया। 
 
डॉ. शुक्ला ने कहा- ‘छह लोगों से घिरने पर लड़की ने चुपचाप समर्पण कर दिया होता तो उसकी आंतें निकालने की नौबत नहीं आती।’ महिला वैज्ञानिक यहीं नहीं रूकीं। उन्होंने लड़की के प्रतिरोध को दुस्साहस बताते हुए कहा, ‘हाथ-पांव में दम नहीं, हम किसी से कम नहीं।’ उन्होंने कहा कि 10 बजे रात को लड़की घर से बाहर क्या कर रही थी? बॉय फ्रेंड के साथ रात को बाहर निकलेगी तो यही होगा।’ 
 
डॉ. शुक्ला ने पुलिस के रवैये को भी सही बताया। डॉ. शुक्ला जब बोल रही थीं, उस वक्त वहां जिले के कई आला अधिकारी भी मौजूद थे। इनमें एडीशनल एसपी एसएस चौहान, एसडीओपी आरबी दीक्षित, एसडीओपी भीकनगांव कर्णसिंह रावत, सीएमएचओ डॉ. विराज भालके जैसे अधिकारी थे। एडीशनल एसपी ने बाद में कहा कि ‘हमने डॉ. शुक्ला को सेमिनार में बुलाया था। वे क्या बोलेंगी इसकी कोई स्क्रीनिंग करना संभव नहीं था। उन्होंने जो कहा वह उनके निजी विचार हैं। मैं उनसे सहमत नहीं हूं।’

कुरान का सन्देश

..दोस्तों बात कडवी है लेकिन सच्ची है ....क्रोध कम और दिल के जज्बात को टटोल कर इस सच के बारे में विचार जरूर करना

दोस्तों पिछले दिनों दिल्ली की दिल हिला देने वाली अमानवीय घटना ने सभी को मोका दिया रोने वाले रोये ..राजनीति करने वाले राजनीति करते देखे गए ..लिखने वाले लिखते रहे ..खबरचियों ने खबर बनाई ..कवियों ने कविताये लिखी ..ब्लोगर्स ने ब्लॉग लिक्खे फेस्बुकियों ने फेसबुक के पेज भरे कुल मिला कर इस दर्दनाक घटना पर सभी ने खुद को ज़िंदा साबित करने का प्रयास किया लेकिन नतीजे के नाम पर सिफर क्योंकि न्याय के इस सफर का रास्ता गलत था ..शांतिपूर्ण आन्दोलन हुआ लेकिन पुलिस लाठी चली पुलिस का कहना है हम भीड़ को आतंकवादी हमले से बचाना चाहते थे इसलियें हमे आतंकवादी बनना पढ़ा निर्दोष पुलिस कर्मी की जान गयी पीड़ित लड़की की स्थिति जस की तस दर्दनाक बनी हुई है ..जनता का गुस्सा अधिक है और पीडिता के प्रति सिम्पेथी कम किसी भी समाजसेवक किसी भी धर्म से जुड़े लोगों ने लड़की के स्वाश्थ्य लाभ और जिंदगी की दुआ नहीं मांगी हां प्रदर्शन किया विवाद किया .....खेर सबके अपने तरीके है घटना जो भी हुई निश्चित ही खोफ्नाक दर्दनाक है ..लेकिन इस घटना के बाद जो परिचर्चा ..चर्चा और वाद विवाद शुरू हुआ है उस पर विचार किया जाना जरूरी है किसी भी घटना का चिंतन मंथन एक पक्षीय नहीं बहुपक्षीय होना चाहिए और ऐसा होगा तभी कोई नतीजा निकल सकेगा ..हमारे देश में बलात्कार एक घिरनास्पद अपराध है और अपराधी को सूली पर चढाना ही चाहिए यह सभी का मत है ...लेकिन दोस्तों हमे भी अपने गिरेहबान में झांकना होगा ...हमे हमारे बच्चों को संस्कार देना होंगे हिन्दू हो चाहे मुस्लिम हो चाहे किसी भी धर्म के परिवार से जुड़े लोग हो कुछ एक अपवादों को छोड़ दे तो टी वी ..फिल्म  ... इंटरनेट ..और न  जाने क्या क्या बालपन से ही बच्चों के दिमाग में डालते है बच्चे केसे कपड़े पहने है क्या खाते है क्या पीते है पार्टियों में कहाँ किसके साथ जाते है पहनावा केसा है हम ध्यान नहीं देते जब हमारी बच्चियां केवल मुंह ढांक कर और शरीर का काफी अंग खुला रख कर जाती है तो हम उन्हें नहीं टोकते लडकों की नंगी शेतानी आँखें उन्हें घूरती है तो हम हमारे लडकों को नहीं रोकते हमारी बच्चियां केसे कपड़े पहने ..कब बाहर निकले ..किसके साथ घुमने जाए यह मर्यादाएं हमारे देश में है लेकिन हम पाश्चात्य सभ्यता में है जन्म दिन की पार्टिया हों ..नये साल का जश्न हो जीत की ख़ुशी हो केसे मनाई जाती है सभी जानते है मुंबई और गोवा दिल्ली की सडकों पर नये साल पर क्या होता है होटलों पर क्या होता है सभी देखते है पुलिस छाप मारती है लडकियाँ शराब के नशे में पकड़ी जाती है लेकिन हम समाज सुधारक उन्हें उपदेश नहीं देते हम लडकियों के लियें कोई कोड कन्डक्ट नहीं बनाना चाहते वोह केसे भी कपड़े पहने उनकी मर्जी ..लडकिय शराब का विज्ञापन हो चाहे दुसरे विज्ञापन उसमे कम कपड़े पहन कर प्रचार करे हम कुछ नहीं कहते ..पीटा  एक्ट में लडकियाँ पकड़ी जाएँ हम कुछ नहीं कहते ..लडकियाँ लडकों को उकसायें हम कुछ नहीं कहते सभी जानते है दोषी सब है खासकर सिस्टम जिसमे एक वर्ग को ही केवल दोषी करार दिया जाता है महिया अबला है वोह सबला भी है लेकिन अगर महिला जवान शेली के तोर तरीकों में आधुनिकता के नाम पर पार्टियों में शराब पीती दिखे तो हमारा फर्ज़ है के उन्हें रोके अश्लील विज्ञापन में अगर महिला की अभद्र तस्वीर दिखे तो हमारी ज़िम्मेदारी है के हम महिला अशिष्ट रूपं प्रतिषेध अधिनियम में उसे गिरफ्तार करवाएं ..अशिलिलता का मुकदमा दर्ज करवाए ..महिला अगर जवानी की दवाओं ..सेक्सी दवाओं के विज्ञापन की प्र्धार्क होती है तो ऐसी महिलाओं का सामाजिक बहिष्कार हो ....मोहल्ले में अगर कोई महिला अपने पति को छोड़ कर कहीं दुसरे पुरुषों के साथ रिश्ते बनाती है तो ऐसी महिलाओं को वेश्यावृत्ति निरोधक अधिनियम में गिरफ्तार करवाना हमारी ज़िम्मेदारी है ..रेव पार्टियों में महिलाएं पकड़ी जाती है तो ऐसी महिलाओं को भी हमे सबक सिखाना चाहिए .......कुल मिलाकर पुरुष समाज नोजवान लडके तो समाज को बिगाड़ने के दोषी है ही लेकिन कुछ एक अपवादित महिलाये ऐसी है जो भी इस दोष में नंगेपन से नहीं चूक  रही है ...बात कडवी है लेकिन सच्ची है सभी जानते है के महिला और पुरुषों दोनो का सामज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है लेकिन दोनों में से किसी का भी अगर संतुलन बिगड़ता है तो समाज विकृत हो जता है और आज दोनों पक्षों का ही संतुलन बिगड़ रहा है पुरुष वर्ग में कई ऐसे लोग है जो ओर्तों की अस्मत से छेड़छाड़ करना अपना अधिकार समझते है जबकि कई महिलाये भी ऐसी है जो जिस्म की नुमाइश फेशन समझती है और कई महिलाये जिस्म के व्यापार में भी लगी है शराब पीना उनका शोक है और पुरुष मित्रों के साथ घिरे रहना उनकी आदत बन गयी है बस यहीं कुछ बिगड़ पैदा होता है .....दोस्तों पुरुष  अगर अत्याचारी है तो उसे सख्त सजा मिलना ही चाहिए लेकिन अगर हमारी बहने हमारी माताए भी अगर सामजिक मर्यादाओं को भंग करती है तो भारत में जो कानून है उनके तहत उन पर भी कार्याही होना चाहिए और अगर हो सके तो बेहयाई को रोकने के लियें नया  कानून भी बनाना पढ़े तो बनाना  चाहिए ....
दूसरी बात हमारे देश में एक घटना ने सभी को हिल कर रख दिया है लेकिन जरा सोचे ऐसी घटनाए अंजाम देने के लियें कुछ हद तक नशा भी दोषी है हमने यह ताकत यह एकता शराब बंदी के लिए नहीं लगाई ताज्ज्जुब तो इस पर है के प्रदर्शन में भी कुछ् लोग शराब पीकर गए थे .....हमने नशीले पदार्थों की बिक्री देश में शराब बंदी ..सिगरेट तम्बाकू बिक्री रुकवाने पर अपनी ताकत नहीं लगाई ..सरकार कहती है शराब पीना बुरी बात है सिगरेट पर लिखती है सिगरेट से केंसर होता है ..तम्बाकू के पाउच पर लिखा जाता है इससे जिंदगी खतरे में पद्धति है फिर भी सरकार के यह नाकारा निकम्मे मंत्री शराब ..सिगरेट ..तम्बाकू का खुला व्यापार करते है और टेक्स कमाते है है सरकार की इस बेशर्मी सी बेहयाई के खिलाफ कोई आवाज़ नहीं उठाता अगर शराब बंदी हो जाए ..नशा बंद हो जाएय तो आधी से ज्यादा बेहयाई बेशर्मी तो वेसे काबू में आजायेगी मर्यादाएं बचेंगी और देश में सुरक्षा का माहोल बनेगा ....दोस्तों बात बहु पक्षीय है एक पक्षीय नहीं कोई पक्ष पूरा बुरा नहीं होता हमारा नजरिया होता है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

27 को दुर्लभ योग: ये 3 दत्तात्रेय मंत्र हर इच्छा करेंगे पूरी


हिन्दू धर्म मान्यताओं में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु व महेश का स्वरूप माने गए भगवान दत्तात्रेय का स्मरण मात्र ही सफल व सुखी सुखी बनाने वाला माना गया है। भगवान दत्तात्रेय महायोगी व महागुरु के रूप में भी पूजनीय है। दत्तात्रेय चरित्र ज्ञान के बूते अहंकार को गलाकर खुशहाल जीवन जीने के सबक भी देता है। इसमें भगवान दत्तात्रेय द्वारा 24 गुरु बनाया जाना, जिनमें मनुष्य, प्राणी, प्रकृति सभी शामिल थे, इस बात को खासतौर पर व्यावहारिक रूप से अपनाने की राह भी बताता है।
धार्मिक नजरिए से तो भगवान दत्तात्रेय की पूजा ज्ञान व मोक्ष, तो व्यावहारिक नजरिए से ज्ञान, बुद्धि, बल के साथ शत्रु बाधा दूर कर हर काम में सफलता और मनचाहे सुखद परिणामों को देने वाली भी मानी गई है।
भगवान दत्तात्रेय का जन्म मार्गशीर्ष या अगहन माह की चतुर्दशी को प्रदोष काल यानी शाम के वक्त ही माना गया है। इस दिन दत्त जयंती मनाई जाती है। शिव की तरह भगवान दत्तात्रेय भी भक्त की पुकार पर शीघ्र प्रसन्न होकर किसी भी रूप में उसकी कामनापूर्ति या संकटनाश करते हैं। इसलिए आप भी गुरुवार व दत्त जयंती की शाम यहां बताए जा रहे 3 विशेष मंत्रों व सरल पूजा विधि से भगवान दत्तात्रेय की पूजा कर हर कामनासिद्धि कर सकते हैं -
- गुरुवार की शाम दत्त मंदिर बें भगवान दत्तात्रेय की प्रतिमा या दत्तात्रेय की तस्वीर पर सफेद चंदन और सुगंधित सफेल फूल चढ़ाकर फल या मिठाई का भोग लगाएं। गुग्गल धूप लगाएं और नीचे लिखे 3 विशेष मंत्रों से भगवान दत्तात्रेय का स्मरण करें या यथाशक्ति मंत्र जप कर घी के दीप से आरती कर सफलता की कामना करें -
1. दत्तविद्याठ्य लक्ष्मीशं दत्तस्वात्म स्वरूपिणे।
    गुणनिर्गुण रूपाय दत्तात्रेय नमोस्तुते।।
2. ॐ  द्रां दत्तात्रेयाय स्वाहा।

3. ॐ महानाथाय नमः।

- पूजा व मंत्र जप के बाद आरती करें और सफलता और कामनापूर्ति की प्रार्थना करें।

सांप, अजगर सहित ये थे भगवान दत्तात्रेय के 24 गुरु!

शास्त्रों के मुताबिक ईश्वर का ज्ञान स्वरूप व शक्ति गुरु के रूप में पूजनीय है। गुरु से मिला ज्ञान,  शिक्षा, सत्य, प्रेरणा व शक्ति ही पूर्ण व कुशल बनाती है। इसलिए गुरु सेवा, भक्ति या स्मरण मात्र से जागा बुद्धि और विवेक जीवन की तमाम परेशानियों से उबारने वाला भी होता है।
हिन्दू धर्म परंपराओं में गुरु व परब्रह्म के विलक्षण स्वरूप में त्याग, तप, ज्ञान व प्रेम की साक्षात् मूर्ति भगवान दत्तात्रेय को माना जाता है। खासतौर भगवान दत्तात्रेय का 24 गुरुओं से सबक सीखने का पौराणिक प्रसंग जीवन में गुरु की अहमियत को रोचक तरीके से उजागर करता है। क्योंकि ये 24 गुरुओं मात्र इंसान ही नहीं बल्कि पशु, पक्षी व कीट-पतंगे भी शामिल हैं। अगली तस्वीर पर क्लिक कर जानिए भगवान दत्तात्रेय के 24 गुरु व उनसे किसने क्या सबक लिया –
1. पृथ्वी- सहनशीलता व परोपकार की भावना।
2. कबूतर – कबूतर का जोड़ी अपने जाल में फंसे बच्चों को देखकर खुद भी जाल में जा फंसता है। सबक लिया कि किसी से ज्यादा स्नेह दुःख की वजह होता है।
3. समुद्र- जीवन के उतार-चढ़ाव में भी खुश व संजीदा रहें।
4. पतंगा- जिस तरह पतंगा आग की तरफ आकर्षित हो जल जाता है। उसी तरह रूप-रंग के  आकर्षण व मोह में न उलझें।
5. हाथी -  आसक्ति से बचना।
6. छत्ते से शहद निकालने वाला –  कुछ भी इकट्ठा करके न रखें, ऐसा करना नुकसान की वजह बन सकता है।     
7. हिरण -  उछल-कूद, संगीत, मौज-मस्ती में न खोएं।
8. मछली -  स्वाद के वशीभूत न रहें यानी इंद्रिय संयम।
9. पिंगला वेश्या -  पिंगला नाम की वैश्या से सबक लिया कि केवल पैसों की आस में न जीएं। क्योंकि पैसा पाने के लिए वह पुरुष की राह में दुखी हुई व उम्मीद छोड़ने पर चैन से नींद ली।
10. कुरर पक्षी -  चीजों को पास में रखने की सोच छोड़ना। यानी अकिंचन होना।
11. बालक -  चिंतामुक्त व प्रसन्न रहना।
12. कुमारी कन्या – अकेला रह काम करना या आगे बढ़ना। धान कूटते हुए इस कन्या की चूड़ियां आवाज कर रही थी। बाहर मेहमान बैठे होने से उसने चूड़ियां तोड़ दोनों हाथों में बस एक-एक चूड़ी रखी और बिना शोर के धान कूट लिया।
13. शरकृत या तीर बनाने वाला  -  अभ्यास और वैराग्य से मन को वश में करना।
14. सांप – एकाकी जीवन, एक ही जगह न बसें।
15. मकड़ी – भगवान भी माय जाल रचते हैं और उसे मिटा देते हैं।
16. भृंगी कीड़ा –अच्छी हो या बुरी, जहां जैसी सोच में मन लगाएंगे मन वैसा ही हो जाता है।
17. सूर्य – जिस तरह एक ही होने पर भी अलग-अलग माध्यमों में सूरज अलग-अलग दिखाई देता है। आत्मा भी एक है पर कई रूपों में दिखाई देती है।
18. वायु –  अच्छी बुरी जगह पर जाने के बाद वायु का मूल रूप स्वच्छता ही है। उसी तरह  अच्छे-बुरों के साथ करने पर भी अपनी अच्छाइयों को कायम रखें।
19. आकाश – हर देश काल स्थिति में लगाव से दूर रहे।
20. जल – पवित्र रहना।
21. अग्नि – हर टेढ़ी-मेढ़े हालातों में ढल जाएं। जैसे अलग-अलग तरह की लकड़ियों के बीच आग एक जैसी लगती नजर आती है।
22. चन्द्रमा – आत्मा लाभ-हानि से परे है। वैसे ही जैसे कला के घटन-बढ़ने से चंद्रमा की चमक व शीतलता वही रहती है।
 23. भौंरा या मधुमक्खी - भौरें से सीखा कि जहां भी सार्थक बात सीखने को मिले न छोड़ें।
24. अजगर – संतोष, जो मिल जाए उसे स्वीकार कर लेना।

'मैं. डॉक्टर हूं, लेकिन गहलोत चुनाव में शहीद हो जाएं तो मेरे पास इलाज नहीं'



तूंगा/जयपुर/जोधपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का इलाज मेरे पास है। इनका इलाज मंै कर दूंगा। गहलोत ने यह बात तब कही जब डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि जिस शहीद की मूर्ति का अनावरण किया गया है, उसका नाम अशोक है और मुख्यमंत्री का नाम भी अशोक है। अगले चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शहीद हो जाएं तो इसका इलाज मेरे पास नहीं है।

किरोड़ी के इन शब्दों पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि ये डॉक्टर हैं और दूसरों का इलाज करते हैं, लेकिन इनके लिए हमें इलाज ढूंढऩा पड़ेगा।

इसी पर गहलोत ने तत्काल कहा कि इस डॉक्टर का इलाज उनके पास है। राजनेताओं के बीच ये शब्द बाण नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए शहीद हुए कैलाश मीणा और अशोक वर्मा की मूर्तियों का अनावरण समारोह में चले।
यह कार्यक्रम मंगलवार को बस्सी के निकट बांसखोह और धिंगड़ में हुआ था। जयराम रमेश ने कहा कि डॉ. किरोड़ी लाल मीणा हमारे अच्छे मित्र हैं, हम छह माह साथ नहीं रह सकते और छह माह इनके बिना नहीं रह सकते। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि किरोड़ी अंदर मन और बाहर से अलग-अलग हैं और सही वक्त पर हमारा साथ नहीं छोड़ते।

फतेहपुर सीकरी में फाड़े लड़की के कपड़े, कोलकाता में बस में रेप


आगरा। कोचिंग के टूर के बहाने ब्‍वायफ्रेंड और उनके दोस्‍तों के साथ 12वीं क्‍लास की छात्रा फतेहपुर सीकरी चली गई। तीन दोस्‍तों के साथ घूमते हुए हिरण मिनार के पास पहुंची। मंगलवार की शाम साढ़े छह बजे अंधेरा छाने लगा। सन्‍नाटे के बीच छह मनचले आ गए। हड़काया तो ब्‍वायफ्रेंड और उसके दो दोस्‍त भाग गए। इसके बाद अकेली लड़की पर मनचले टूट पड़े। कपड़े फाड़ डाले। गैंगरेप की कोशिश की।
 
लड़की चिल्‍लाई तो भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण का सुरक्षा कर्मी ओमपाल सिंह आ गए। उसके साहस दिखाया और तुरंत भागकर गांववालों को बुला लिया। भीड़ को आते देखकर मनचले भाग खड़े हुए। लड़की बाल-बाल बच गई। सुरक्षाकर्मी ने गांववालों की मदद से लड़की को फतेहपुर सीकरी थाना में भेज दिया। पुलिस ने उसके कोचिंग सेंटर रॉयल कोचिंग के शिक्षक को बुलाया। तब शिक्षक ने बताया कि सभी स्‍टूडेंट को सुबह मथुरा और वृंदावन में टूर के राम नगर पुलिया स्थित सेंटर पर बुलाया गया था। लेकिन यह छात्रा टूर की टीम में शामिल नहीं हुई थी।

आठ दोस्तों के साथ किया पत्नी का गैंगरेप, नेता ने दी नसीहत- तन ढंक कर रखें लड़कियां


आठ दोस्तों के साथ किया पत्नी का गैंगरेप, नेता ने दी नसीहत- तन ढंक कर रखें लड़कियां
श्रीगंगानगर. राजस्थान में एक युवक ने अपने आठ दोस्तों के साथ मिलकर पत्नी से ही गैंगरेप किया। मामला करीब तीन साल पुराना है, लेकिन सामने अब आया है। आरोपियों में एक कांग्रेस का नेता भी है। पुलिस ने मंगलवार को महिला थाने में मामला दर्ज कर महिला के पति संदीप बजाज को गिरफ्तार कर लिया है।
 
उधर, राजस्‍थान में ही दलित समाज के सम्‍मेलन में राज्यसभा की पूर्व सदस्य जमनादेवी बारुपाल ने लड़कियों को पूरी तरह ढंके रहने की नसीहत दे डाली। उन्होंने यहां तक कहा कि कम कपड़े पहनने से लड़कियों की तरफ पुरुष आकर्षित होते हैं। इसमें पुरुषों का क्या दोष है।
 
राजस्‍थान में जहां लड़कियों को तन ढंकने की नसीहत दी गई है, वहीं अफ्रीकी देश स्वाजीलैंड में तो मिनी स्कर्ट, लटकती जीन्स और बड़े गले के टॉप पहने पर रोक लगा दी गई है। कारण बताया गया है कि ऐसे परिधान लोगों को रेप के लिए उकसाते हैं। लेकिन यह कानून राजा के लिए हर साल अर्धनग्न युवतियों के नृत्य पर लागू नहीं होगा। स्वाजीलैंड का राजा इसी आयोजन के दौरान किसी एक युवती को चुनकर पत्नी बनाता है।
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