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28 दिसंबर 2012

13 दिन तक संघर्ष के बाद रात 02:15 बजे पीड़िता ने दम तोड़ा



नई दिल्ली. पिछले 13 दिनों से जिंदगी और मौत से जूझ रही 23 वर्षीया गैंगरेप पीड़िता ने शनिवार रात 02:15 बजे दम तोड़ दिया। सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी सूचना दी है। दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि पीड़िता का परिवार पार्थिव देह के साथ आज 12 बजे सिंगापुर से भारत के लिए रवाना होगा और कल उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।  
फिलहाल इंडियन हाइकमिशन के अधिकारी और पीड़िता के मां-बाप और भाई अस्पताल में मौजूद हैं। निधन  की मुख्य वजह मल्टी ऑर्गन फेल होना बताया जा रहा है। सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग सुबह 08:00 प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये मामले के संबंध में जानकारी देगा।
माउंट एलिजाबेथ अस्पताल  के चीफ एग्जीक्युटिव केल्विन लोह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि स्थानीय समय के अनुसार सुबह लगभग 4:45 (भारतीय समयानुसार  02:15 बजे) लड़की ने दम तोड़ा। सिंगापुर में माउंट एलिजाबेथ अस्पताल के कर्मियों ने कहा कि हम लड़की की बहादुरी और उसके जज्बे को सलाम करते हैं। उस लड़की ने बेहद हिम्मत दिखाई और उसमें जीने की अदम्य इच्छा थी। यह उसकी हिम्मत ही थी कि बेहद नाजुक हालत में वह दिल्ली से सिंगापुर तक आ सकी। हमने उसे बचाने की पूरी कोशिश की।
सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती दुष्कर्म पीडि़त छात्रा की हालत शुक्रवार से ही काफी गंभीर हो गई थी। उसके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
गौरतलब है कि पीड़िता ने होश में आते ही पहला सवाल किया था कि क्या दोषी पकड़े गए। जब उसे पता चला कि वो पकड़े ज चुके हैं तो पीड़िता ने अपनी मां से कहा था कि उन्हें फांसी दी जानी चाहिए। यानि पीड़िता की आखिरी इच्छा थी कि उसके साथ दुष्कर्म करने वालों को मौत की सजा मिले।

सुबह 08:00 बजे सिंगापुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई यह जानकारी:
 
भारतीय उच्चायोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पीड़िता के शव को विशेष विमान से भारत भेजा जएगा। शव को भेजने की तैयारी की जा रही है। यहां पीड़िता को बचाने की पूरी कोशिश की गई थी।  जब उसे सिंगापुर लाया गया तब उसकी हालत काफी गंभीर थी। पार्थिव शरीर को भारत भेजने से पहले कुछ औपचरिकता की जानी है जिसे अंजाम दिया जा रहा है। 

मौत के बाद भारत में क्या हुआ:
खबर आते ही इंडिया गेट, राष्ट्रपति भवन और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आवास सहित सभी महत्वपूर्ण जगहों पर तुरंत ही सुरक्षा बढ़ा दी गई। इंडिया गेट की ओर जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अपील की है कि लोग इन रास्तों के उपयोग करने से बचें क्योंकि आज उन्हें आम परिवहन के लिए बंद कर दिया गया है। पूरे केंद्रीय सर्कल सहित राजपथ, विजय चौक और इंडिया गेट के लिए जाने वाली सभी सडकें आज आम लोगों के लिए बंद रहेंगी। दिल्ली के 10 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं।
पीड़िता के निधन के बाद किसने क्या कहा 
 
प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह- 'इस घटना पर हमें बेहद दुःख है। हम लड़की के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे और महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाएंगे।'   
 
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित - 'ये ऐसा लम्हा है जब हमें शर्म भी आती है और दुःख भी होता है। इस प्यारी लड़की की आत्मा को शांति मिले और उसके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति मिले। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर हमारे समाज में ऐसी क्या कमी रह गई जिसकी वजह से ऐसी भयानक घटना हुई। आपसे सबसे निवेदन है कि शांति बनाए रखें और प्रार्थना करती हूँ कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।'  
 
बाबा रामदेव - 'हम उस बेटी की आत्मशांति की प्रार्थना करते हैं। यह बहुत शर्मनाक हादसा है। इस प्रतिकूल घड़ी में हमें देश में शांति बनाए रखनी है। हम सरकार से अपेक्षा करते हैं कि ऐसे कड़े कदम उठाये जिससे की कोई भी वहशी दरिंदा ऐसी घटन को अंजाम न दे सके। जब तक फंसी की सजा का प्रावधान नहीं होगा तब तक ऐसे अपराधों पर लगाम नहीं लग सकती। इस बेटी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।'  
 
राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्षा ममता शर्मा रो पड़ी: - ममता शर्मा  तड़के 3.55 बजे जब राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा को जब यह खबर मिली तो वह रो पड़ी। वह एकाएक बोल नहीं सकी। उन्होंने कहा कि दामिनी हमारे बीच नहीं रही, लेकिन वह हमें कई सीख देकर गई है।
 
 
जावेद अख्तर- 'जो हुआ है वह दर्दनाक है। इस तरह की हिंसा के लिए सिर्फ पुलिस या सरकार को दोष नहीं दिया जा सकता है। हमारे समाज में बेपनाह हिंसा है जिसे औरत न सिर्फ सह रही है बल्कि, समाज उस पर हिंसा कर भी रहा है। इस घटना के बारे समाज को भी अपने गिरेबान में झांकना होगा।'
 
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा बरखा सिंह ने कहा कि आरोपियों को अगर फांसी की सजा दी जाती है तो वह भी कम होगी।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मनीष सिसौदिया ने लोगों से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें।
कृष्णा तीरथ - 'उसे बचाने की हमने पूरी कोशिश लेकिन हम असफल हुए। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। आज पूरा देश दुखी है।'  
 
महानायक अमिताभ बच्चन रात 3.40 पर 'दामिनी अब बस नाम रह गया है। वह हमारे बीच नहीं रही है। दामिनी हमारे दिलों में हमेशा रहेगी।'
 
 
16 दिसंबर से अंतिम सांस तक :
 
  • - 16 दिसंबर की रात दक्षिण दिल्ली में सायकोथेरेपी की यह 23 वर्षीया छात्रा अपने एक मित्र के साथ वाइट लाइन बस में सवार हुई।  
  • - बस में ड्राइवर के अलावा पांच और लोग मौजूद थे। 
  • - उनमें से कुछ लोगों ने लड़की से छेड़-छाड़ करने की कोशिश की, जिसका विरोध लड़की और उसके मित्र ने किया।
  • - बस में सवार उन पांच लोगों ने पहले लड़की के दोस्त के साथ मारपीट की और फिर लड़की से भी जबर्दस्ती की। 
  • - लभग 40 से मिनट से भी ज्यादा समय तक बस में सवार छह लोगों ने 23 वर्षीया छात्रा से बलात्कार किया। 
  • - देर रात लड़की और उसके मित्र को निर्वस्त्र कर चलती बस से नेशनल हाइवे संख्या 8 पर फेंक दिया गया। 
  • - लगभग घंटे भर दोनों सड़क पर ही पड़े रहे। 
  • - किसी राहगीर ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस पीसीआर उन दोनों को लेकर पहले एम्स के ट्रॉमा सेंटर गई। इसके बाद लड़की को सफदरजंग अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया।
  • - अगले ही दिन इस घटना को लेकर पूरे देश में व्यापाक विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ जो लगातार जारी है। इस व्यापक प्रदर्शन का सरकार पर भारी दबाव पड़ा।    
  • - इधर वह दस दिन तक सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझती रही। हालत बिगड़ती देख 26 दिसंबर को सरकार ने उसे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में शिफ्ट करने का फैसला किया।  
  • - बड़े ही गोपनीय ढंग से पीड़िता को एयर एम्बुलेंस के जरिए सिंगापुर ले जाया गया। 
  • - 12 दिन बाद सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भारतीय समयानुसार शनिवार यानि 29 दिसंबर की रात 02:15 बजे लड़की ने दम तोड़ दिया।    
शुक्रवार से ही बिगड़ रही थी तबियत :
अस्पताल के डॉक्टर केल्विन लोह ने कहा था कि शुक्रवार को भारतीय समय शाम 6.30 बजे तक डॉक्टरों की हर संभव कोशिश के बावजूद मरीज के महत्वपूर्ण अंग निष्क्रिय होने के संकेत मिल रहे थे। उसे अधिकतम कृत्रिम श्वास प्रणाली पर रखा गया था। साथ ही उसे अच्छी से अच्छी एंटीबायोटिक्स की खुराक भी दी जा रही थी।
संक्रमणों से लडऩे की शरीर की क्षमता बढ़ाने के लिए स्टीम्यूलेंट्स भी दिए जा रहे थे। उन्होंने बताया था कि मरीज का हौसला बढ़ाने के लिए परिजनों को उसके पास बुला लिया गया था। पीडि़त के पिता ने कहा था, उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि उनकी बेटी के लिए श्रेष्ठतम उपाय किए जा रहे हैं।
इधर, दिल्ली में सरकार माउंट एलिजाबेथ अस्पताल के डॉक्टर विपिन नायर के साथ लगातार संपर्क में थी।स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद हर दूसरे घंटे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष  सोनिया गांधी को छात्रा के इलाज की जानकारी दे रहे थे। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद भी सिंगापुर में भारतीय दूतावास के अधिकारियों के संपर्क में थे। इससे पहले दोपहर में माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में सुरक्षा बढ़ा दी गई और गहन जांच के बाद ही किसी को आईसीयू में जाने दिया जा रहा था।

सिंगापुर भेजने में राजनीतिक फायदा नहीं : खुर्शीद
दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म पीडि़त को सिंगापुर भेजने में केंद्र सरकार  राजनीतिक फायदा नहीं उठा रही है। यह निर्णय युवती के बिगड़ते स्वास्थ्य को देखकर लिया गया।
यह स्पष्टीकरण शुक्रवार को विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने सिर्फ जरूरी मदद की। इसमें उनके आने-जाने, ठहरने और इलाज का खर्चा है।
पीडि़त और परिजनों का पासपोर्ट बनाया। केंद्र सरकार इस मामले का कोई राजनीतिक फायदा नहीं उठाना चाहती न ही उठा रही है। यह फैसला डॉक्टरों का था। उन्हीं के कहने पर सिंगापुर का अस्पताल चुना गया।

कुरान का सन्देश

सीपीएम विधायक ने पूछा- अपने बलात्कार का कितना मुआवजा लेंगी ममता बनर्जी?


कोलकाता. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी के बलात्कार की घटनाओं पर आए विवादित बयान के बाद अब पश्चिम बंगाल के एक और नेता ने अपने बयान से नया विवाद पैदा कर दिया है। अब सीपीएम के नेता अनीसउर्रहमान ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से पूछा है कि यदि कोई उनका बलात्कार कर दे तो वे कितना मुआवजा लेंगी? 
 
अनीसुर्रहमान ने कहा, 'सरकार कहती है कि वो लड़कियों, किसानों और गरीबों सबका ख्याल रखती है। तो लड़कियों का ख्लाय किस तरह रखा जा रहा है, रोज लड़कियों से बलात्कार किया जा रहा है। ममता बनर्जी बलात्कार पीड़ितों से अपने घर को सजा रही हैं। जब हम सत्ता में थे तब ममता बनर्जी बलात्कार पीड़ितों को लेकर रॉयटर्स बिल्डिंग आती थीं और न्याय मांगती थी। तब हम कहते थे कि इन लड़कियों से काम नहीं चलेगा, किसी और अच्छी लड़की को लाओ, असल में खुद को ही ले आओ, तुम लोगों के बीच जाकर कह सकती हो कि मेरा बलात्कार हुआ है। मैं दीदी से पूछता हूं कि वो बलात्कार पीड़ितों को 20 हजार रुपये का मुआवजा दे रहीं हैं। लेकिन वो खुद कितना मुआवजा लेंगी। यदि कोई उनका बलात्कार कर दे तो फिर मुआवजा कितना होगा?'
 
हालांकि बयान पर हंगामा मचने के बाद सीपीएम के पूर्व मंत्री अनीसुर्रहमान ने माफी मांग ली है और भविष्य में ऐसा बयान न देने से भी तौबा कर ली है। मीडिया में जारी एक बयान में अनीसुर्रहमान ने कहा,  'पिछले 21 साल से मैं राज्य में विधायक हूं। मैंने इस तरह की बात पहले कभी नहीं कही और भविष्य में ऐसा दोबारा नहीं होगा। मैं राज्य के सभी लोगों से माफी मांगता हूं।'
 
सीपीएम की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने भी इस बयान की तीखी आलोचना की है। वृंदा करात ने कहा कि उन्होंने यह बयान सार्वजनिक रूप से दिया है। यह शर्मिंदा करने वाला बयान है।
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