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02 जनवरी 2013

ऐसा क्या हो गया जो एक साथ 'अर्थी' निकालने लगीं इतनी महिलाएं


फरीदाबाद. दिवंगत गीतिका शर्मा को लेकर दिए गए श्रममंत्री शिवचरण लाल शर्मा के बयान से शहर के लोगों को गुस्सा फूट पड़ा है।अपने ही शहर में मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी हो रही है।
बुधवार को कई स्थानों पर उनके खिलाफ नारे लगाए गए। महिलाओं ने पुतले के रूप में अर्थी निकाली। श्रम मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की।
इनेलो ने फूंका मंत्री का पुतला : इनेलो के बैनर तले बुधवार को एनआईटी विधानसभा क्षेत्र मेंं भारी संख्या में महिलाओं व पुरुषों ने मंत्री के खिलाफ जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। उन्हें बर्खास्त करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व इनेलो जिलाध्यक्ष नगेंद्र भड़ाना ने किया।प्रदर्शनकारियों का जुलूस सारन चौक से शुरू होकर जवाहर कॉलोनी गुरुद्वारा रोड होते हुए एनआईटी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न भागों से होकर नैन चौक पर पहुंचा।
वहां मंत्री शिवचरण लाल शर्मा के पुतले की अर्थी निकाली गई।महिलाओं ने उसे कांधा दिया और उसे फूंककर नारेबाजी की। प्रदर्शन मे महिलाएं बड़ी संख्या मे शामिल रहीं। नगेंद्र भड़ाना, शहरी जिलाध्यक्ष आरके चिलाना व इनेलो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अनिता गोस्वामी ने कहा नारी शक्ति का अपमान इनेलो बर्दाश्त नहीं करेगी।
जिस तरह से श्रममंत्री ने गीतिका शर्मा के यौन उत्पीडऩ व आत्महत्या के दोषी गोपाल कांडा का महिमा मंडन किया है तथा गीतिका शर्मा को मामूली नौकरानी कह इस घटना को मामूली करार दिया है, उससे जाहिर होता है कि श्रममंत्री की नजर में महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है।
वे महिलाओं की इज्जत, मर्यादा तथा जान-माल की कोई कीमत नहीं समझते। इनेलो ने मांग की है कि इस तरह का बयान देने वाले मंत्री को तुरंत पद से बर्खास्त किया जाए।
इस मौके पर इनेलो नेता डॉ. रामनारायण भारद्वाज, पं. संतोष शर्मा, युवा जिलाध्यक्ष अरविंद भारद्वाज, पं. दिनेश भारद्वाज, पूर्व युवा इनेलो अध्यक्ष विकास चौधरी आदि ने मांग की है कि इस तरह का बयान देने वाले मंत्री शिवचरण शर्मा को तुरंत पद से बर्खास्त किया जाए।
प्रदर्शनकारियों में अनिता गोस्वामी, जगजीत कौर, दर्शना, सपना भाटिया, जरीना बेगम, रोशन जहां, नेहा प्रधान, कुलविंद्र कौर, गीता, राधा, बिंदु, रूपचंद लांबा, भजन लाल नैन, राजीव जेटली, संतोष शर्मा, केजी गोस्वामी, ललित खन्ना, ललित गुप्ता, कमलजीत सिंह, ठाकुर राजाराम व मूल निवासी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजपाल डबुआ मौजूद रहे।
मंत्री को बर्खास्त करें : भाजपा
श्रममंत्री के इस बयान पर भाजपा ने भी कड़ा विरोध जताया है। उसने सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग की है कि तत्काल श्रममंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश भाटिया ने इस बयान के विरोध में एक बैठक की।
उन्होंने चेतावनी दी यदि कांग्रेस सरकार ने मंत्री शिवचरण शर्मा को बर्खास्त नहीं किया तो भाजपा कार्यकर्ता आंदोलन करेंगे तथा अपनी मांग को लेकर वह किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी व सरकार की होगी।
भाटिया ने कहा अकेले मंत्री शिवचरण शर्मा ही नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी ने समाज विरोधी कई नेताओं को अपनी पार्टी में सरंक्षण दिया है। बैठक में गिरिराज दत्त गौड़, बसंत कालड़ा, अमित रावल, सुभाष भाटिया, हरीश रत्रा, हरीश सेठी, दिनेश भाटिया, दिनेश भाटिया, तिलक गुलाटी, नीरज भाटिया सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

एनआईटी को शर्मसार किया : हजकां
हजकां ने भी श्रममंत्री के इस बयान पर आक्रोश जताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता इकराम खान ने गीतिका शर्मा पर की गई टिप्पणी पर आक्रोश जताते हुए कहा कि मंत्री ने एनआईटी क्षेत्र को शर्मसार किया है।
उन्होंने कहा जिस देश व प्रदेश में महिलाओं को सम्मान की नजर से देखा जाता है उस प्रदेश के मंत्री इस तरह की बयानबाजी कर महिलाओं का अपमान कर रहे हैं। ऐसे में हजकां श्रममंत्री के इस्तीफे की मांग करती है।

जानिए क्या था माजरा जब कोर्ट परिसर में आ गईं एक ही नंबर की दो गाड़ियां



गुडग़ांव. एक ही नंबर की दो स्विफ्ट डिजायर कार मिलने से बुधवार को कोर्ट परिसर में हंगामा मच गया। मामला पुलिस तक पहुंचा, तो अधिकारियों के भी होश उड़ गए। वे आश्चर्य में थे कि एक ही नंबर की दो गाडिय़ां, एक ही जगह पर और वो भी कोर्ट परिसर में होना अचंभित करने वाला था।
जांच के दौरान सफेद कलर की स्विफ्ट डिजायर की आरसी फर्जी पाई गई। कार मालिक से पूछताछ में पता चला कि उसने गाड़ी का रजिस्ट्रेशन दलाल के माध्यम से कराया था।
दूसरी तरफ एसडीएम ऑफिस ने साफ कर दिया है कि यह धोखाधड़ी का मामला है, जिसमें पुलिस एक्शन लेगी। फिलहाल पुलिस ने फर्जी आरसी वाली सफेद डिजायर को कब्जे में ले लिया है।
दलाल का लिया था सहारा
पुलिस के मुताबिक जांच में फर्जी नंबर की स्विफ्ट डिजायर पाए जाने के बाद कार मालिक सुनील ने बताया कि उसने अगस्त में अपरा मोट्र्स से यह कार खरीदी थी। वह टेम्परेरी नंबर से कार मार्च तक चलाता रहा।
मार्च 2012 में दुर्घटना होने के बाद उसने दलाल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें उसे यह नंबर दिया गया। उसने बताया कि उसे इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि इस नंबर की एक और गाड़ी शहर में मौजूद है।

जानिए कौन सी हैं हनुमानजी की 4 करिश्माई शक्तियां


किसी भी लक्ष्य को भेदना शक्ति के बिना मुमकिन नहीं है। इंसानी जिंदगी से जुड़े भी कई मकसद होते हैं, जिनको पूरा करने के लिए किसी न किसी रूप में शक्ति का सही उपयोग जरूरी होता है। कई तरह की गुण और शक्तियों के बूते ही इंसान सफलता की ऊंचाईयों को छूता भी है।
हिन्दू धर्म में शक्ति साधना के उपायों में ही शक्ति व पुरुषार्थ के साक्षात स्वरूप श्रीहनुमान का स्मरण अचूक माना जाता है। समुद्र लांघना, माता सीता की खोज, लंका दहन, रावण व मेघनाथ जैसे महावीरों से सामना और अद्भुत युद्ध कौशल में उजागर जुझारु और शूरता के साथ राम भक्ति व सेवा से भरा व्यक्तित्व व चरित्र ही उन्हें रामायण रूपी महामाला का रत्न बनाती है।
श्रीहनुमान चरित्र व नाम स्मरण बच्चों से लेकर बुजुर्गों को भी ऊर्जावान व जाग्रत बना देता है। किंतु खासतौर पर आज के दौर में ऊर्जा व जोश से भरे सफलता के आकांक्षी युवा अपनी शक्तियों को किसी तरह सकारात्मक दिशा में मोड़े, इस संबंध में श्रीहनुमान का चरित्र खासतौर पर चार शक्तियों को उजागर करता है।
आस्था है कि हनुमान भक्ति से हनुमान चरित्र की ये 4 शक्तियां बटोरने की प्रेरणा हर भक्त को मिलती हैं। खासतौर पर ये शक्तियां युवाओं को फौलाद सा मजबूत बनाने वाली साबित होती है-
देह बल - निरोगी, ऊर्जावान, तेजस्वी शरीर सफल जीवन की पहली जरूरत है। यह खान-पान, रहन-सहन के संयम और अनुशासन के द्वारा ही संभव है। श्री हनुमान की व्रज के समान मजबूत, तेजस्वी देह, ब्रह्मचर्य व्रत का पालन व पावनता, इंद्रिय संयम व पुरुषार्थ तन को हष्ट-पुष्ट और स्वस्थ रखने की अहमियत बताता है।
बुद्धि बल - बुद्धि बल व कौशल सफल, सुखी और शांत जीवन के लिए सबसे बड़ी ताकत बन जाता है। क्योंकि बुद्धि के अभाव में शरीर से बलवान और धनवान भी दुर्बल हो जाता है। संदेश है कि ज्ञानवान व दक्ष बनें। श्रीहनुमान भी ज्ञानियों में अग्रणी पुकारे गए हैं। शास्त्र हनुमान के बुद्धि चातुर्य से बाधाओं को दूर करने के अनेक प्रसंग उजागर करते हैं।
देव बल - ईश्वर का स्मरण एक ऐसी शक्ति है, जो अदृश्य रूप में भी शक्ति,  ऊर्जा, एकाग्रता और आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली होती है। शास्त्रों में भगवान के मात्र नाम का ध्यान भी देवकृपा करने वाला माना गया है। श्री हनुमान की श्रीराम भक्ति, नाम स्मरण और सेवा इसका श्रेष्ठ उदाहरण है। इस तरह जागते और सोते वक्त देव स्मरण व उपासना आस्था से ऊर्जावान व शक्ति संपन्न बने रहे।
धन बल - शास्त्र पुरुषार्थ  के रूप में सुखी जीवन के लिए अर्थ या धन की अहमियत बताते हैं। जहां धन का अभाव व्यक्ति को तन, मन और विचारों से कमजोर बनाता है। वहीं सेवा, कर्म और समर्पण से धन संपन्नता व्यक्ति के आत्मविश्वास और सोच को मजबूत बनाती है। श्रीहनुमान चरित्र में माता सीता के आशीर्वाद से अष्ट सिद्धियों व नो निधियों को प्राप्त करना इसी बात की ओर संकेत भी करता है।

मानो या न मानो: कलियुग में भी इस गांव में कायम है 'रामराज्य'



कोरबा। जर, जोरू, जमीन के लिए एक ओर जहां अपने ही खून के प्यासे रहते हैं, मामूली विवाद पर बड़ा अपराध करने से नहीं चूकते हैं, वहीं कोरबा जिले में छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा गांव है जो आजादी के बाद से अब तक अपराध मुक्त है।
 
जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत फरसवानी का आश्रित ग्राम फुलझर स्थित है। करतला ब्लाक अंतर्गत आने वाला यह गांव जिले की सरहद पर है। इसके बाद जांजगीर-चांपा जिले की सीमा लग जाती है। गांव की जनसंख्या करीब 3 सौ है।
 
फुलझर गांव दिखने में वैसे तो अन्य गांव की तरह है, लेकिन यहां रहने वाले बड़े बुजुर्गों की सोच ने गांव की पहचान राज्य में पहले अपराधमुक्त गांव के रुप में बना दी है। दरअसल आजादी के बाद से अब तक पुलिस रिकार्ड में इस गांव से एक भी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। ना ही कोई शिकायत पहुंची है। इसलिए पुलिस भी इस गांव में कदम नहीं रखती है।
 
गांव में पटेल समुदाय के लोग निवासरत हैं, जो सुख-शांति और सादगी के साथ जीवन यापन करते हैं। आधी सदी पार हो जाने के बाद भी अब तक गांव में कोई गंभीर अपराध घटित नहीं हुआ। गांव में मांस-मदिरा पूर्णत: बंदी है। कोई नशा नहीं करता है। सभी दिनभर मेहनत में व्यस्त रहते हैं। खाली समय होने पर आपस में बैठकी कर हंसी-मजाक कर लेते हैं। किसी परिवार में विवाद हो भी जाए तो उसे गांव के बड़े-बुजुर्ग आपस में बैठकर सुलझा लेते हैं। मामला पुलिस तक नहीं
पहुंचता है।
 
सीएम ने किया गांव को किया सम्मानित 
 
वर्ष 2011 में राजधानी में एक निजी कंपनी ने सम्मान का कार्यक्रम आयोजित किया था। जिसमें फुलझर गांव को राज्य में अपराधमुक्त गांव के रुप में मॉडल मानते हुए सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री रमन सिंह के हाथों सम्मान में मिले 51 हजार को ग्रामीणों ने सार्वजनिक मंदिर निर्माण में लगा दिया। 
 
> अपराधमुक्त गांव फुलझर के लोग इस प्रयास के लिए बधाई व सम्मान के पात्र हंै। अन्य गांव के लोगों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए, जिससे शांति का वातावरण निर्मित हो। पुलिस विभाग फुलझर गांव के विकास के लिए हमेशा सहयोग करेगा।
-सुंदरराज पी, एसपी

फूटा एक मां का दर्द और बोली, 'कलेक्टर साब, बच्चा आपका होता तो..'



अजमेर.कलेक्टर साहब आपका बच्चा होता तो आप क्या करते? साहब जेएलएन अस्पताल के शिशु रोग विभाग के हालात बहुत खराब हैं, कुछ तो करें आप। यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो एक मां अपने बच्चे को खोने के बाद रोते हुए कलेक्टर वैभव गालरिया से कर रही थी। जेएलएन में उपचार के दौरान उसके दो माह के बच्चे की मौत हो गई। इस हृदयविदारक दृश्य को देख गालरिया ने अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने एवं दोषियों के खिलाफ सख्त र्कारवाई का आश्वासन दिया। 
 
मंगलवार को समस्त नामदेव समाज और विभिन्न सामजिक संगठनों की ओर से कलेक्ट्रेट पर किए गए प्रदर्शन के बाद कलेक्टर गालरिया जेएलएन अस्पताल का निरीक्षण करने बुधवार को अचानक पहुंचे। निरीक्षण के दौरान ही एक अन्य मासूम ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। बच्चे के परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज में कोताही का आरोप।
 
 
एक नर्सिगकर्मी को किया निलंबित
 
ब्यावर निवासी प्रकाश चंद्र गुप्ता के दो माह के मासूम रिद्म को सांस लेने में परेशानी होने पर जेएलएन अस्पताल के शिशु रोग विभाग में डॉ.पुखराज की यूनिट में भर्ती करवाया गया। परिजनों का आरोप है कि देर रात बच्चे को लगाया गया कैनूला आउट हो गया था। रात्रि स्टाफ को अवगत करवाया गया। स्टाफ नींद  ले रहा था। काफी देर तक प्रयास करने पर स्टाफ ने कहा कि आधा घंटा इंतजार करो। 
 
सुबह उसकी अचानक ज्यादा तबीयत खराब हो गई। कलेक्टर की मौजूदगी को देखते हुए सीनियर चिकित्सक हरकत में आए लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। कुछ देर बाद गालरिया ने एक नर्सिग कर्मी को निलंबित करने के आदेश दे दिए।
 
गुस्से में आए कलेक्टर 
 
रिद्म की मां आकांक्षा ने कलेक्टर वैभव गालरिया से रोते हुए कहा कि साहब मुझे मेरा बच्चा दिला दो। मां के विलाप को देखते हुए वहां मौजूद लोगों की आंखों में आंसू आ गए। गालरिया भी आकांक्षा को ढांढस बंधाते रहे। उन्होंने परिवार के सदस्यों को आश्वासन दिया कि दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 
 
हादसे के बाद गालरिया गुस्से में आ गए। उन्होंने शिशु रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.अचला आर्य से जानकारी ली और मौजूदा व्यवस्थाओं पर गहरी नाराजगी जताई। वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ.अशोक चौधरी ने कहा कि मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जो स्टाफ कोताही बरतेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
 
आज हम रो रहे कल कोई और रोएगा : 
 
मृतक मासूम के परिजनों ने कलेक्टर से कहा कि साहब आज हम रो रहे हैं, कल कोई और रोएगा। यहां की व्यवस्था को सुधार दो साहब। यहां का हाल काफी बुरा है। कोई सुनने को तैयार नहीं है। किसी को रोगी की परेशानी से कोई मतलब नहीं है। आप आए हैं तो इनको सुधार कर जाओ।

अजब गजब: जी हां, ये है असली करिश्मा, यहां पानी में तैरते हैं पत्थर



अजब गजब: जी हां, ये है असली करिश्मा, यहां पानी में तैरते हैं पत्थर
रायपुर। पत्थर अगर पानी में तैरे तो सरप्राइज होना लाजिमी है। मगर यह सचमुच तैरे तो आपकी जिज्ञासा जरूर ही जानने की होगी कि यह कैसे? तो पढ़िए इसका जवाब।
 
पत्थर पानी में डालिए नेचुरली डूब ही जाएगा। मगर क्या आपने कभी ऐसा पत्थर भी देखा है, जो डूबता ही नहीं। विज्ञान इन्हें ज्वालामुखी के बाद राख और गर्म गैसों से बने पत्थर मानता है तो लोग इसे रामसेतु में प्रयुक्त चट्टानें मानते हैं। इसी तरह के पत्थर शहर के दो मंदिरों में हैं।
 
एक तो जैतू साव मठ में है, जिसे एक्वेरियम के जार में पानी भरकर रखा गया है। वहीं दूसरा दूधाधारी मठ में है। यूं तो पत्थर यहां पर सालों से हैं, लेकिन लोगों का ध्यान कम ही जाता है।
 
बहरहाल हम आपको बता दें कि यह पत्थर भगवान राम ने लंका के लिए पुल बनाने में प्रयोग किए थे। पौराणिक तथ्यों के मुताबिक रामजी के साथ नल नील को यह वरदान था कि वे जिस पत्थर को छूएंगे वह पानी में तैरेगा। 
 
तथ्य: रामेश्वरम से आए यह पत्थर
 
दूधाधारी मठ का पत्थर 15 साल पहले तो जैतू साव का पत्थर 7 साल पहले यहां लाया गया था। इन मठों के मठाधीश महंत रामसुंदर दास कहते हैं, कि रामेश्वरम यात्रा में मुझे सेतु निर्माण में इस्तेमाल पत्थर देखने को मिले। मेरी रुचि जागी, और मैं संबंधित लोगों से बातकर पत्थर रायपुर ले आया। एक पत्थर शिवरी नारायण के मंदिर में भी है।
 
आस्था: छेडख़ानी से डूब भी जाते हैं
 
यह नेचुरल है कि इन पत्थरों की यहां पूजा की जाती है। खैर हम आपको एक और रुचिकर बात बताते हैं, जनाब ये पत्थर कई बार डूब भी जाते हैं। पुजारियों के अनुसार जब लोग इन्हें बार-बार छूते, छेड़ते हैं तो ये डूब जाते हैं। फिर इन्हें दो दिनों तक बिना पानी के रखा जाता है। दूधाधारी मठ में रखे दो पत्थरों में से एक ऐसा ही जिसे जितना छेड़ो वह नहीं डूबता।
 
..और विज्ञान: इन्हें कहते हैं वोल्केनो रॉक्स
 
रविवि के जियोलॉजी विभाग के प्रो. निनाद बोधनकर कहते हैं, ये वोल्केनो रॉक्स हैं, जो ज्वालामुखी के बाद पैदा होती हैं। इन्हें प्यूमिक स्टोन कहा जाता है। ज्वालामुखी से निकली महीन राख, धूल के कण वोल्केनो रॉक में बदल जाते हैं। इनके भीतर गैसें भी रहती हैं, जो इन्हें तैरने में मदद करती हैं। ऐसे पत्थर रामेश्वरम के अलावा महाराष्ट्र में भी पाए जाते हैं।

हनुमान अष्टमी: किस प्रकार अपना लक्ष्य प्राप्त करें, सीखें पवनपुत्र से


महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण हिंदू धर्म का गौरव है। इस ग्रंथ में भगवान श्रीराम के साथ ही रुद्र अवतार वानरश्रेष्ठ हनुमान के पराक्रम का भी अद्भुत वर्णन है। हनुमानजी को भक्तशिरोमणि भी कहा जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हनुमान अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 5 जनवरी, शनिवार को है। हनुमानजी के जीवन चरित्र से हमें अनेक शिक्षाएं भी मिलती हैं।शिव का यह अवतार बल, बुद्धि विद्या, भक्ति व पराक्रम का श्रेष्ठ उदाहरण है। हनुमान अवतार से हमें यह सीख लेनी चाहिए कि यदि आप अपनी क्षमता को पहचानें तो सब कुछ असंभव है। जिस तरह हनुमान ने अपनी क्षमता को जानकर समुद्र पार किया था उसी तरह हम भी अपने अंदर की क्षमता को पहचानें तथा कठिन से कठिन लक्ष्य को भी भेदने का साहस रखें।
हनुमान को भगवान राम का सेवक, मित्र, भाई, हितेषी तथा सच्चा भक्त कहा जाता है चूंकि जब भी भगवान श्रीराम पर कोई संकट आया तब हनुमानजी ने उन्हें बचाया तथा अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। धर्म के पथ पर चलते हुए श्रीराम का साथ हनुमान ने  दिया था उसी तरह यदि हम धर्म के मार्ग पर चलें तो भगवान हमारी सहायता भी अवश्य करेंगे।

गैंगरेप के बाद आज है इंसाफ़ का पहला दिन, सोनी सोरी मामले की सुनवाई


महिलाओं पर हो रहे अपराध को लेकर राजधानी दिल्ली में हो रहे विरोध प्रर्दशन अभी थमे नहीं हैं। गैंगरेप को लेकर हुए विरोध प्रर्दशन के बाद अब दिल्ली की सड़कों पर सोनी सोरी के लिए इंसाफ की मांग की जा रही है।
छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके में रहने वाली सोनी सोरी नाम की महिला शिक्षिका का आरोप है कि दंतेवाड़ा में पदस्थ राष्ट्रपति सम्मान पा चुके एसपी अंकित गर्ग ने पुलिस कस्टडी में लेकर उसे अमानवीय यातनाएं दी हैं।
सोनी सोरी ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी शिकायत में कहा है कि ‘अंकित गर्ग ने पूछताछ के दौरान दंरिदगी की तमाम हदें पार कर दी और मुझे घंटो निर्वस्त्र बैठाकार ज़लील किया। यहां तक की इसने मेरे आंतरिक अंगों में पत्थर भी भर दिए।’ कुछ महीनों पहले इलाज के लिए सोनी सोरी को दिल्ली के एम्स में भी भर्ती किया गया था। यहां सोरी के लगाए आरोपों की मेडिकल जांच में पुष्टि भी हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट आज उनकी इस अर्ज़ी आज सुनवाई करने वाला है। दिल्ली में हुए गैंगरेप को लेकर एक तरफ़ जहां सारे देश के किसी नींद से जागने के दावे किए जा रहे हैं वहीं दंतेवाड़ा जैसे इलाके से आने वाली सोनी सोरी पिछले कई महीनों से अदालतों और सरकारों से इंसाफ मांग रही हैं लेकिन व्यवस्था के पास अब तक इसका कोई जवाब नहीं है।
देश में पहले ही यौन अपराध के करीब 1 लाख से ज़्यादा मामले अदालतों में पड़े हुए हैं और इनमें से कई का इल्ज़ाम हमारे सुरक्षा बलों के सर है लेकिन इनके विशेषाधिकार और सुनवाई की धीमी प्रक्रिया के चलते इंसाफ़ का पलड़ा अब तक सम नहीं ।

ACB के पिंजरे में कैद हुआ 'टाइगर', जिसने भी देखा हैरान रह गया!



जयपुर.थाना प्रभारियों से वसूली करने वाले अजमेर के पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा और दलाल रामदेव ठठेरा को एसीबी ने बुधवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। एसीबी ने दलाल द्वारा वसूली कर लाए गए दो लाख पांच हजार रुपए एसपी के ड्राइंग रुम से बरामद कर लिए। 
 
दलाल ने पूछताछ में एसपी के लिए वसूली करने की बात कबूल की है। एसपी के सरकारी आवास की तलाशी में तीन लाख रुपए और मिले हैं। बुधवार को रामदेव थाना प्रभारियों से 2.05 लाख रुपए की मासिक वसूली कर एसपी के सरकारी आवास पर देने गया था। 
 
एसीबी के आईजी उमेश मिश्र ने बताया कि देर रात एसपी राजेश मीणा और दलाल रामदेव ठठेरा को अजमेर से लेकर जयपुर के लिए रवाना हो गए हैं। दलाल रामदेव जोधपुर का रहने वाला है और मासिक वसूली के लिए हर माह जोधपुर से अजमेर जाता था। गत दिनों रामदेव को अजमेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल के साथ भी देखा गया था। जिसके चलते एसीबी ने लेाकेश सोनवाल के सरकारी आवास की भी तलाशी ली।
 
मीणा जयपुर में भी एएसपी रहे हैं
 
राजेश मीणा दो साल पहले आरपीएस से आईपीएस बने हैं। वर्ष 2010 में मीणा जयपुर के साउथ जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। जयपुर में तैनातगी के दौरान सिविल लाइंस फाटक के पास हुए पथराव में वे घायल हो गए थे। जिनको एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया था। जहां सरकारी खर्चे पर इलाज हुआ था।
 
एसीबी को मिली थी शिकायत
 
आईजी मिश्र ने बताया कि इस संबंध में सूचना मिली थी कि जोधपुर के रामदेव ठठेरा अजमेर एसपी राजेश मीणा के लिए थाना प्रभारियों से वसूली करता है और बड़े मामलों के निपटारा करवाने में बिचौलिया बनकर मोटी राशि लेता है। फिर एसपी को देता है।
 
फिर पुलिस अधीक्षक को देता है। एसीबी ने सत्यापन करवाया तो मामला सही निकला। इस पर एसीबी की एक टीम कुछ दिनों से दलाल रामदेव ठठेरा का पीछा करने लगी। बुधवार को पता चला कि दलाल थाना प्रभारियों से वसूली कर रहा है। इस पर जयपुर से एसीबी के डीआईजी गोविंद नारायण पुरोहित, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरदयाल सिंह अजमेर पहुंचे। अजमेर में एसीबी ब्यूरो के अतिरिक्तपुलिस अधीक्षक भंवर सिंह नाथावत के साथ टीम ने एसपी के जयपुर रोड सोफिया कॉलेज के पास स्थित सरकारी आवास पर दबिश दी
 
ड्रॉइंग रूम में बैठे थे एसपी-दलाल, रुपए रखे थे मेज पर
 
दबिश के दौरान दलाल रामदेव ठठेरा और एसपी राजेश मीणा ड्रॉइंग रूम में बैठे मिले। दोनों के बीच मेज पर दलाल रामदेव का बैग रखा था। जिसकी तलाशी ली तो उसमें दो लाख पांच हजार रुपए मिले। ये रुपए कहां से लाए इस बारे में एसपी और रामदेव संतुष्ट जवाब नहीं दे पाए। पूछताछ में रामदेव ने कबूला कि वह थाना प्रभारियों से एसपी के लिए वसूली करता था।
 
अफसरों के साथ का फोटो दिखाकर ट्रांसफर-पोस्टिंग कराता था दलाल
 
दलाल रामदेव पुलिस में ट्रांसफर व पोस्टिंग कराने का भी धंधा करता था। वह छोटे पुलिस अफसरों को एक एलबम दिखाता था, जिसमें उसके बड़े अफसरों को गिफ्ट देते हुए फोटो हैं। इस एलबम से वह बड़े अफसरों से अपनी गहरी दोस्ती का प्रदर्शन करता, फिर इंस्पेक्टर स्तर तक के पुलिसकर्मियों से पोस्टिंग और ट्रांसफर कराने के नाम पर पैसा वसूलता था। 
 
आईपीएस अफसर राजेश मीणा से वह डेढ़ साल से संपर्क में था। मीणा 2011 में जब पांच माह तक जोधपुर डीसीपी रहे तब से उसके ताल्लुक हैं। रामदेव अजमेर के एएसपी लोकेश सोनवाल के भी बेहद करीब है। सोनवाल छह साल पहले जोधपुर में सीओ सेंट्रल थे। रामदेव इसी इलाके में रहता है, इसलिए सोलनवाल से भी उसके अच्छे संबंध हो गए थे। 
 
भीतरी शहर के कटला बाजार में रहने वाला रामदेव रेलवे में नौकरी करता था। उसके बाद वह हैंडीक्राफ्ट और चांदी के आइटम का कारोबार करने लगा। आइटम भेंट करने के बहाने अफसरों से दोस्ती करता था, फिर ट्रांसफर, पोस्टिंग व मुकदमों में कार्रवाई कराने दावा कर लोगों को जाल में फंसाता था।
 
एसीबी कार्रवाई का विरोध करते दर्जनभर हिरासत में
 
एसीबी की कार्रवाई के विरोध में देर रात मीणा युवकों ने एसपी के सरकारी आवास में जबरन घुसने की कोशिश की। युवकों का कहना था कि राजेश मीणा को षड़यंत्र पूर्वक फंसाया गया है। उन्होंने एसीबी हाय हाय के नारे भी लगाए। हालात नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने एक दर्जन से अधिक युवाओं को हिरासत में ले लिया है। सांसद किरोड़ी लाल मीणा के भी यहां पहुंचने की खबर थी। इसके मद्देनजर एसपी आवास के बाहर भारी पुलिसबल तैनात किया गया।हालात बिगड़ते देख अतिरिक्त कलेक्टर शहर जेके पुरोहित भी मौके पर पहुंचे।
 
मनचाही पोस्टिंग लेनदेन से ही : पूर्व एडीजी
 
पीएन रछोया, पूर्व एडीजी
 
किसी आईपीएस के ड्राइंगरूम में अनजान या आम आदमी के जाकर बैठने का तो सवाल ही नहीं उठता। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश में पुलिस की छवि और स्थिति ठीक नहीं है। सिपाही से लेकर आईपीएस तक की पोस्टिंग जातिवाद, राजनीतिक पहुंच और भ्रष्टाचार के आधार पर हो रही है। राज्य सरकार को चाहिए कि पोस्टिंग के समय पदक, उत्कृष्ट सेवा मेडल, रिवार्ड और एसीआर रिकॉर्ड देखा जाए।
 
छवि देखी जाए। आज साफ सुथरी छवि वाले, मेडल विजेता, बेस्ट एसीआर वाले और ईमानदार काबिल अधिकारी पुलिस लाइन में बड़ी तादाद में मिल जाएंगे। जोड़-तोड़ और लेन-देन में माहिर लोगों को ही मनचाही पोस्टिंग मिलती है। योग्यता के आधार पर पोस्टिंग होगी तो ऐसे मामले सामने नहीं आएंगे। 
 
(जैसा कि उन्होंने श्रवण सिंह राठौड़ को बताया ) 
 
 
15 महीने, 800 ट्रांसफर
 
एसपी मीना ने अपने कार्यकाल के दौरान जिले भर में 800 पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर किए। इनमें से 300 के तबादले कुछ दिन बाद ही निरस्त कर दिए गए। फिर 400 ट्रांसफर और निरस्त किए। इस तरह एसपी ने अपने अधीनस्थों के तबादले कर रौब गांठा। 
 
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मीना ने नियमों को ताक में रखकर बैक डेट में कई ट्रांसफर किए। कई पुलिसकर्मियों के इन्क्रीमेंट रोक दिए। कई की एसीआर में प्रतिकूल टिप्पणियां की। मीना द्वारा लगातार इस तरह की जा रही कार्रवाइयों से कई पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मियों में रोष व्याप्त था, जो एसीबी की कार्रवाई के बाद सामने आ गया।
 
क्यों भेजा टॉडगढ़ में पुलिस कमांडो! 
 
एसपी की मनमानी का आलम यह था कि 9 माह पहले उसने पुलिस कमांडो दयानंद को टॉडगढ़ थाने में तैनात कर दिया। जबकि नियमानुसार पुलिस कमांडो को लाइन में ही रखा जाता था। यह भी सामने आया कि एसपी ने एक ही पुलिसकर्मी के तीन-तीन बार ट्रांसफर भी किए। इससे पूरे महकमे में असंतोष था।
 
एसपी आफिस बनाना है, पैसा चाहिए : 
 
हाल ही में जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड (जेएजी) पर प्रमोट हुए घूसखोर मीना ने जिलेभर के थाना प्रभारियों को यह कहकर पैसा बटोरना शुरू किया था कि पुलिस लाइन में नया एसपी ऑफिस बनाना है। इसके लिए मोटी रकम चाहिए। सूत्रों के मुताबिक मीना ने थानेदारों से इस बाबत लाखों रुपए की मांग की थी।
 
एसीबी के डीआईजी पुरोहित ने बताया कि तलाशी के दौरान मीना के सरकारी आवास से पर्चियां बरामद हुई हैं जिनमें लेन-देन का हिसाब इंद्राज है। जांच के बाद कई खुलासे होंगे।
 
गुरु-चेले दोनों रिश्वतखोर
 
एसपी मीना जब जोधपुर डीसीपी के पद पर थे, तब आईपीएस डॉ. अजयसिंह वहां प्रोबेशनर थे। मीना के मार्गदर्शन में अजयसिंह ने पुलिसिंग सीखी। शर्मनाक बात यह है कि पहले अजयसिंह फिर राजेश मीना एसीबी के शिकंजे में फंसे। अजयसिंह एएसआई प्रेमसिंह के मार्फत तो मीना दलाल के माध्यम से वसूली करने लगे।
 
पांच गिरफ्तार 
 
'एसपी आवास के बाहर से शांतिभंग करने के आरोप में पांच युवकों को गिरफ्तार किया गया। कानून व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियातन मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया।’
 
अनिल पालीवाल
आईजी (अजमेर रेंज)
 
 
 
उतर गए चेहरे पुलिस अधिकारियों के 
 
एसपी राजेश मीना की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधिकारियों के चेहरे उतर गए। टाइगर को एसीबी की गिरफ्त में देख वे मीडिया से आंख बचाते नजर आए। जहां दोपहर तक अधिकारी यह कहते नहीं थक रहे थे कि एसपी ईमानदार हैं और उन्हें षडयंत्र के तहत फंसाया जा रहा है। देर रात डीआईजी एसीबी गोविंद नारायण पुरोहित ने जब मीडिया के सामने पूरे प्रकरण का खुलासा किया तब स्थानीय अधिकारियों के चेहरे  देखने लायक थे।
 
छावनी बना दिया एसपी के घर को
 
अतिरिक्त कलेक्टर (शहर) जेके पुरोहित रात करीब 9 बजे एसपी मीना के निवास पहुंचे। मीना के घर के बाहर पुलिस छावनी बना दी गई। सभी थाना प्रभारियों को मौके पर बुला लिया गया। एसीबी कार्रवाई लंबी चलती देख नगर निगम की ओर से मीना के घर के बाहर बेरीकेड्स लगाने के लिए टेंट की बल्लियां मंगवा ली थी। बाहरी लोगों को मौके से खदेड़ दिया गया।
 
भारी सुरक्षा के बीच ले गए जयपुर
 
गिरफ्तारी के बाद राजेश मीणा को भारी सुरक्षा के बीच जयपुर के लिए रवाना किया गया। जयपुर ले जाने से पहले उच्च अधिकारियों को सूचना दी गई। पुलिस के पांच वाहनों के बीच उनके वाहन को रखा गया था। पुलिस अधिकारी घटना पर नजर रखे हुए थे।
 
यूं करती है पुलिस वसूली!
 
थानावार पुलिस की वसूली का तरीका भी अलग-अलग है। शहर के 9 थानों को मिलाकर जिलेभर के सभी थानों में कहीं वसूली की यह राशि टी-स्टॉल पर जमा हो रही है तो कहीं परचून की दुकान पर। पुलिस के लिए यह राशि वसूलने वालों का रुतबा भी पुलिस से कम नहीं। रेडी लगाने वाले, सवारी टेंपो चलाने वाले, सिटी बस वाले, होटल-रेस्त्रां, देर रात तक दुकान खोलने वाले सहित कई ऐसे लोग पुलिस के डर के कारण वसूली का हिस्सा बने हुए हैं। ऐसे में लोग आखिर अपनी शिकायत किसे दर्ज कराएं। 

कुरान का सन्देश

एक से अधिक विवाह को कुरान भी नहीं देता बढ़ावा


नई दिल्‍ली. दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि पवित्र कुरान एक से अधिक विवाह करने की अनुमति तो देता है, मगर केवल विशेष परिस्थितियों में। कुरान इस तरह की प्रवृत्ति को बढ़ावा नहीं देता है। रोहिणी कोर्ट ने एक युवती का जबरन शादीशुदा व्यक्ति से निकाह कराने के मामले में आरोपी मौलवी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।
कोर्ट ने कहा कि शरियत कानून विशेष परिस्थितियों, सामाजिक कर्तव्यों के निर्वहन या चैरिटी के उद्देश्य से ही बहुविवाह की इजाजत देता है। अडिशनल सेशन जज कामिनी लॉ ने कहा कि बहुविवाह पर मुस्लिम देशों में भी रोक लगाई जा रही है, तो फिर भारत जैसे उदारवादी गणतांत्रिक देश में इसे कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है।

अडिशनल सेशन जज कामिनी लॉ ने मौलवी मुस्तफा राजा को राहत देने से इनकार करते हुए उसकी उस अपील को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि शरियत कानून व्यक्ति को एक ही समय पर चार विवाह करने की अनुमति देता है।
जज ने अपने फैसले में कहा, 'शरियत कानून से चलने वाले देशों में भी एक पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी का इजाजत विशेष परिस्थितियों में मिलती है। मसलन पहली पत्नी बीमार हो या बच्चा पैदा करने में असमर्थ हो। ऐसी परिस्थितियों में पहली पत्नी की रजामंदी से दूसरी शादी की इजाजत है। पवित्र कुरान विशेष परिस्थितियों में चार शादियों तक की इजाजत देता है, लेकिन इसे बढ़ावा नहीं देता है।'

अदालत ने कहा कि मुस्लिम आबादी वाले बहुत से सेक्युलर देशों जैसे- टर्की और ट्यूनीशिया में किसी भी परिस्थिति में बहुविवाह गैरकानूनी है। जहां इजाजत है भी, वहां भी बहुत छोटे से समुदाय में इसका चलन है। ऐसे में भारत जैसे गणतांत्रिक देश में इस तरह की कार्रवाई को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। पुलिस के अनुसार, इस मामले में मौलवी मुस्तफा राजा ने युवती का नदीम खान से जबर्दस्ती निकाह करवा दिया था। युवती ने इसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया था।
युवती की शिकायत के मुताबिक, नदीम पहले से विवाहित है और उसके तीन बच्चे हैं। मौलवी ने युवती के माता-पिता और उसकी मर्जी के बिना 2011 में नदीम से निकाह करा दिया। निकाह से पहले नदीम ने पहली पत्नी से अनुमति नहीं ली थी। आरोप है कि नदीम ने युवती को बंधक बनाकर रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद एक दिन मौका पाकर वह वहां से भाग निकलीं और मामला दर्ज कराया।
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