आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

13 जनवरी 2013

दिल्‍ली गैंग रेप: शीला ने माना, पीएम ने कर दी संबोधन में देर


दिल्‍ली गैंग रेप: शीला ने माना, पीएम ने कर दी संबोधन में देर
नई दिल्ली. दिल्ली की मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म के बाद हुए विरोध प्रदर्शन ‘सभी के लिए जाग जाने का आह्वान’ है। पुलिस के संवेदनहीन रवैये की वजह से लोगों का उसमें विश्वास कम हुआ है। शीला ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 16 दिसंबर की ‘वीभत्स’ घटना के एक हफ्ते बाद देश को संबोधित किया। यह काफी पहले हो जाना था।
 
दिल्ली की  मुख्यमंत्री ने स्वीकारा कि लोग पुलिस की परेशानी के कारण बचते हैं। परेशान लोगों की मदद से ‘कतराते’ हैं। पुलिस अपना रवैया और शैली बदले। जरूरत के वक्त पुलिसकर्मियों को ‘सज्जन’ की तरह पेश आना चाहिए।
 
एक न्यूज चैनल पर इंटरव्यू में दीक्षित ने कहा, ‘मुझे इस बात से चिंता होती है कि पुलिस उतनी संवेदनशील या जिमेदार और शिष्ट नहीं है, जितना उसे होना चाहिए। व्यवस्था बदलना चाहिए। न्यायिक एवं नौकरशाही तंत्र में भी बदलाव की जरूरत है। इस पर भी सोचा जाए। 
 
यह ध्यान रखें कि यह बदलाव एकाएक नहीं होगा।’ उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली में महिलाओं को सुरक्षित नहीं मानना सारी हकीकत कह देता है।

कुरान का सन्देश

p319.jpg (102113 bytes)

ऊंचे आकाश में बाज और हवाईजहाज लड़ेगे प्रतिष्ठा की जंग



कोटा. मकर संक्रांति में एक दिन शेष है। शहर के बाजारों में पतंगों की दुकानों पर चहल-पहल बढ़ गई है। कहीं जर्मन तो कहीं चाइना की पतंगें पतंगबाजों की पसंद बनी हुई है। नए कोटा के अलावा सब्जीमंडी, घंटाघर एरिया में लगी दुकानों में फिल्म अभिनेता से लेकर कार्टून एवं पक्षियों की तरह-तरह की डिजाइन वाली पतंगें लोग खरीद रहे हैं। देशी मांझे के अलावा अहमदाबाद का स्पेशल मोनोकाइट मांझा पसंदीदा बना हुआ है। शनिवार को इन बाजारों में अभिभावक भी बच्चों को पतंग दिलाते रहे। देर शाम तक दुकानों पर लोगों को भीड़ लगी रही। 
 
जर्मन पेपर से बने पतंग बचाएंगे पक्षियों को
पतंग विक्रेता एएम मांगीलाल ने बताया कि इस बार उन्होंने जर्मन पेपर से स्पेशल पतंग बनवाए हैं। ये आकाश में उड़ते समय आवाज करेंगे। आवाज सुनकर पतंग के पास पक्षी नहीं आएंगे। इससे उन्हें किसी भी प्रकार की हानि नहीं होगी।

दलाल का दावाः अब तक कई महिलाओं को भेज चुका सऊदी अरब


 कोटा. फेमिदा को सऊदी भेजने वाले दलाल को कैथूनीपोल पुलिस शनिवार को मुंबई से कोटा लेकर आ गई। पूछताछ में उसने बताया कि उसने कई महिलाओं व पुरुषों को सऊदी भेजा है। पुलिस अब दूसरे दलाल नजीर का पता लगाने में जुट गई है। उसके भोपाल में होने की जानकारी मिली है। पुलिस जल्द ही भोपाल जा सकती है।
 
वहीं एक समाजसेवी संस्था का दावा है कि फेमिदा रियाद में नहीं जेद्दाह  में है। वहां अप्रवासी भारतीयों की संस्था इंडिया फैटरनिटी फोरम के सदस्यों ने फेमिदा के परिवार वालों के दिए नंबरों पर बात करके इस बात की पुष्टि की है। कैथूनीपोल सीआई कालूराम ने बताया कि मुंबई से हाजी मोहम्मद शरीफ (65) को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है। उसने पूछताछ में बताया है कि फेमिदा और उसके परिवार वालों ने नजीर मोहम्मद व उससे सऊदी भेजने के लिए संपर्क किया था। फेमिदा को उसकी इच्छा पर ही रियाद भेजा गया है।
 
इससे पहले भी वह कई लोगों को सऊदी भेज चुका है। उसका कहना है कि उसके कई परिचित वहां रहते हैं। उनकी आवश्यकतानुसार वीजा मंगवाया जाता है और उसी पर लोगों को सऊदी भेजा जाता है। उसका कहना है कि ऐसा केस पहली बार ही आया है। फेमिदा की सऊदी जाने के बाद नजीर से कई बात हुई। नजीर को अरबी आती है और वह ही वहां लोगों से संपर्क करता है। 
 
भोपाल के किसी गेस्ट हाउस में है नजीर
पुलिस का कहना है कि मोहम्मद शरीफ दूसरे दलाल नजीर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखता है। उसने बताया है कि वह फिलहाल भोपाल में एक गेस्ट हाउस में रुका हुआ है, लेकिन वह इलाका व गेस्ट हाउस का नाम नहीं बता पा रहा है। पुलिस नजीर का पता लगाने में जुट गई है। उसके पकड़ में आने के बाद ही सारे मामले का खुलासा हो सकेगा। उसके बाद ही स्थानीय लोगों की भूमिका का पता चल सकेगा। 
 
रियाद नहीं जेद्दाह में है फेमिदा!
फेमिदा के बारे में नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स आर्गनाइजेशन के प्रदेश कॉर्डिनेटर अंसार इंदौरी का कहना है कि वह जेद्दाह के वादी अल दवासिर इलाके में है। अरब में अप्रवासी भारतीयों की संस्था इंडिया फैटरनिटी फोरम के सदस्यों ने फेमिदा के परिजनों द्वारा दिए नंबरों पर बात की। फोन उठाने वाले मालिक से अरबी में पूछा तो नंबर जेद्दाह  का होना बताया। फोरम के सदस्य अब सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर फेमिदा को जल्द ही भारत बुलाने की मांग करेंगे। पुलिस का कहना है कि इस तरह की उनके पास अधिकृत कोई सूचना नहीं है।

सूर्य के उत्तरायण होने पर ही त्यागे थे भीष्ण ने प्राण, जानिए क्यों



14 जनवरी, रविवार को मकर संक्रांति का पर्व है। हमारे देश में मकर संक्रांति का पर्व कई नामों से मनाया जाता है। गुजरात में इसे उत्तरायण के नाम से मनाते हैं। उत्तरायण को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र समय माना गया है। महाभारत में भी कई बार उत्तरायण शब्द का उल्लेख आया है।
सूर्य के उत्तरायण होने का महत्व इसी कथा से स्पष्ट है कि बाणों की शैया पर पड़े भीष्म पितामह अपनी मृत्यु को उस समय तक टालते रहे, जब तक कि सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण नहीं हो गया। सूर्य के उत्तरायण होने के बाद ही उन्होंने अपने प्राण त्यागे। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने भी उत्तरायण का महत्व बताते हुए गीता में कहा है कि उत्तरायण के छह मास के शुभ काल में, जब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और पृथ्वी प्रकाशमय रहती है तो इस प्रकाश में शरीर का परित्याग करने से व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता, ऐसे लोग ब्रह्म को प्राप्त होते हैं। इसके विपरीत सूर्य के दक्षिणायण होने पर पृथ्वी अंधकारमय होती है और इस अंधकार में शरीर त्याग करने पर पुनर्जन्म लेना पड़ता है।

आस्था की पहली डुबकी अब कुछ ही घंटों में, लाखों लोग पहुंचे प्रयाग

 

महाकुंभ डेस्क. प्रयाग के संगम में महाकुंभ के पहले शाही स्नान में अब कुछ ही घंटे रह गए हैं। श्रद्धालुओं के जत्थे इलाहबाद पहुंच रहे हैं और कुंभ कैंपस में लगातार भीड़ बढ़ रही है। सारे अखाड़े और साधु-संत हर हर गंगे के घोष के साथ 14 जनवरी तड़के 4 बजे से संगम पर डुबकियां लगाकर कुंभ का आगाज करेंगे। 
 
तगड़ी सुरक्षा और गहरी आस्था के साथ 14 जनवरी को पहले स्नान के साथ ही महाकुंभ शुरू हो जाएगा। 13 को दिनभर इलाहबाद में देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आमद जारी रही। शाम से संगम तक पहुंचने वाले अधिकांश रास्ते वाहनों के लिए बंद कर दिए जाएंगे। जैसे-जैसे भीड़ बढ़ेगी, वैसे वैसे व्यवस्थाओं में बदलाव भी होता रहेगा। 
 
मेला प्रशासन का अनुमान है कि श्रद्धालुओं की संख्या पहले दिन 80 लाख से लेकर एक करोड़ के बीच हो सकती है। श्रद्धालुओं के संगम तक पहुंचाने के लिए काफी बेरिकेडिंग की गई है।  सारे अखाड़ों में साधु संतों की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। सजधज कर पूरे लाव-लश्कर के साथ शैव और वैष्णव अखाड़े स्नान के लिए बारी-बारी संगम पहुंचेंगे।    
 
किस क्रम में स्नान करेंगे अखाड़े
 
इस बार के शाही स्नान में भी अखाड़े पहले से तय क्रम के मुताबिक़ ही स्नान करेंगे। सबसे पहले संन्यासियों के सात अखाड़े स्नान करेंगे, फिर बैरागियों के तीन, फिर उदासीन सम्प्रदाय को दो अखाड़े और सबसे आखिरी में निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा। संन्यासियों में सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा स्नान करेगा। अटल अखाड़े के साधू संत भी महानिर्वाणी अखाड़े के साथ ही स्नान करते हैं। दूसरे नंबर पर निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा एक साथ शाही स्नान करेंगे। 
 
संन्यासियों में सबसे आखिरी में जूना अखाड़ा आवाहन और अग्नि अखाड़े के साथ संगम में डुबकी लगाएंगे। संन्यासियों के बाद बैरागियों के तीन अखाड़ों में सबसे पहले निर्वाणी अणि, इसके बाद दिगंबर अणि और सबसे आखिरी में निर्मोही अणि के साधु-संत शाही स्नान करेंगे। बैरागी अखाड़ों के बाद उदासीन सम्प्रदाय के दो अखाड़े बड़ा पंचायती अखाड़ा और नया पंचायती अखाड़ा स्नान करेंगे। उदासीन सम्प्रदाय के अखाड़ों में बड़ा अखाड़ा पहले और नया अखाड़ा बाद में स्नान करता है। सबसे आखिरी में निर्मल अखाड़े का शाही स्नान होगा।

लोहड़ी आज: जानिए महत्व, कथा और क्यों मनाते हैं ये उत्सव

पंजाब एवं जम्मू कश्मीर में 'लोहड़ी' नाम से मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार लोहड़ी मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाई जाती है। इस बार लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी, शुक्रवार को है। संक्रांति के एक दिन पूर्व जब सूरज ढल जाता है तब घरों के बाहर बड़े-बड़े अलाव जलाए जाते हैं। जनवरी की तीखी सर्दी में जलते हुए अलाव अत्यन्त सुखदायी व मनोहारी लगते हैं।
स्त्री तथा पुरुष सज-धजकर अलाव के चारों ओर एकत्रित होकर भांगड़ा नृत्य करते हैं। चूंकि अग्नि ही इस पर्व के प्रमुख देवता हैं, इसलिए चिवड़ा, तिल, मेवा, गजक आदि की आहूति भी अलाव में चढ़ायी जाती है। नगाड़ों की ध्वनि के बीच यह नृत्य एक लड़ी की भाँति देर रात तक चलता रहता है।
इसके बाद सभी एक-दूसरे को लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हैं तथा आपस में भेंट बाँटते हैं और प्रसाद वितरण भी होता है। प्रसाद में पाँच मुख्य वस्तुएँ होती हैं - तिल, गजक, गुड़, मूँगफली तथा मक्का के दाने। आधुनिक समय में लोहड़ी का पर्व लोगों को अपनी व्यस्तता से बाहर खींच लाता है। लोग एक-दूसरे से मिलकर अपना सुख-दु:ख बाँटते हैं। यही इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य भी है।

हजरत मोहम्मद साहब सबके लिए अभियान शुरू

 
जयपुर. जमाअते इस्लामी हिंद की ओर से रविवार को 'हजरत मुहम्मद साहब सबके लिए' राज्य स्तरीय अभियान शुरू हुआ। अभियान की शुरुआत मोतीडूंगरी रोड स्थित मुस्लिम मुसाफिर खाना में हुई।
अभियान का उद्घाटन प्रदेशाध्यक्ष इंजीनियर खुर्शीद ने किया। उन्होंने मोहम्मद साहब के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब की शिक्षाओं पर चल कर ही देश का विकास संभव है।
मोहम्मद साहब की आर्थिक शिक्षाओं के बारे में जानकारी के साथ ही देश में जो विषमताएं उत्पन्न हो रही हैं, उन्हें किस प्रकार दूर कर सकते हैं? इस बारे में भी प्रकाश डाला।
इंजीनियर खुर्शीद ने कहा कि जन-जन में मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को फैलाया जाएगा। महिला प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष इशरत हयात ने मोहम्मद साहब की शिक्षाओं के साथ ही आदर्श परिवार के बारे में समझाया।
गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन प्रदेशाध्यक्ष उबेदा इकबाल ने कहा कि मुस्लिम समाज के शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करना होगा।
जिलाध्यक्ष वकार अहमद साहब ने मोहम्मद साहब के जीवन के अनुरूप प्रेम की शिक्षा लेने के बारे में कहा। स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन के सचिव मोहम्मद आजम ने मोहम्मद साहब की शिक्षाओं के संदर्भ में आज के शैक्षिक स्वरूप पर प्रकाश डाला।
इसी शृंखला में 3 फरवरी को जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में सुबह 10 बजे एक कांफ्रेंस आयोजित की जाएगी। इस कांफ्रेंस की अध्यक्षता जमात के राष्ट्रीय सचिव मुहम्मद इकबाल मुल्ला करेंगे।
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...