आपका-अख्तर खान

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14 जनवरी 2013

प्रधानमन्त्री राष्ट्रपति पर दुश्मन देश की तबाही का बटन दबाने के लियें मजबूर कर दो ताके हम हमेशा के लियें सुकून की नींद सो सके

अभी दो सप्ताह पहले पाकिस्तान के सेनिकों ने नापाक हरकत करते हुए सभी इस्लामिक सिद्धांतों को ताक में रख कर गेर इस्लामिक शेतानी तरीके से हमारे भारत की रक्षा सीमा पर जान गंवा देने वाले शहीद का सर धड से अलग किया और उस सर को लेकर चले गए ..सरकार खामोश है ...एयर लेफ्टिनेंट कहते है के अगर सरकार हुकम दे तो हम पाकिस्तान को तबाह कर देंगे कथित देश भक्त ..कथित धर्मभक्त कभी अख़बारों में तो कभी सोशल मिडिया फेसबुक आर अपने विचार प्रकट करते है इस मामले में कुछ लोग साम्प्रदायिकता की भी बात करते है .....फोज ब्रिगेडियर स्तर की बैठक करती है बे नतीजा निकलती है ...कोई शहीद का सर लाने के बदले एक करोड़ की कीमत लगाता है शहीद के गाँव वाले और परिजन भूख हडताल कर देते है लेकिन दुश्मन देश पाकिस्तान के इस नापाक इरादे और नापाक कारनामे का सबक सिखाने का प्रयास किसी ने भी नहीं क्या कवि ..लेखक केवल शब्द बाण चला कर अपनी देशभक्ति ज़ाहिर कर इतिश्री कर लेता है लेकिन सभी जानते है यह वीर रस की बात करने वाले लोग अगर सरहद पर छोड़ दिए जाये तो इनकी पेंटें संसद में हमले वक्त सांसदों की तरह पीली हो जायेंगे ..हमारे देश में यह दिखावा एक वक्त बर्बाद करता है दुसरे माहोल बिगाड़ता है ...आज हमे सरकार पर पाकिस्तान पर हमले का दबाव बनाना चाहिए ....सभी जानते है के भारतीय आन बान शान वाला देश है यहाँ पगड़ी के लियें जान दे देते है और जान ले लेते है तो फिर यह तो सर काट कर ले जाने की बात है हमारे देश में सर काटने के मामले में खुदा गवाह फिल्म भी बनाई गयी है ऐसे ही किस्से बीकानेर की जर जमीन के है ..हमारी फोज और पाकिस्तान की फोज में यही फर्क है वहा अगर किसी कायर किसी मुर्खानंद को जनता कुर्सी पर बिठा देती है तो वहा की फोज लोकतंत्र की सभी मर्यादाये ताक में रख कर उस मुर्खानंद प्रधानमन्त्री राष्ट्रपति को गिरफ्तार करती है और ओअप्ने देश की सरहदों की हिफाज़त अपने हिसाब से करना शुर कर देती है इसे दूसरी भाषा में तख्ता पलट भी कहते है अमेरिका में अगर अफगानी आतंकवादी आतंक बरपा करते है तो अमेरिका किसी से पूंछता नहीं है वोह अपनी आन बान शान और बदले के लियें अफगानिस्तान और इराक को तबाह कर देता है निर्दोषों की खून की नदिया बहा देता है ...फलस्तीन अगर जरा भी गडबडी करता है तो इजराइल उसका नामो निशान मिटा देता है बस हमारा देश ही ऐसा है जहाँ मुबई कांड हो ..चाहे सीमा पर हमले हो चाहे सेनिकों की हत्याएं हो हमारे मुर्खानंद नेता आरोप प्रत्यारोप करते है लेखक ..पत्रकार ...कवि ..धर्म से जोड़ कर अनाप शनाप बकवास लिख कर माहोल बिगाड़ने की साजिश करते है और बेचारे सेनिक सीमाओं पर खड़े होकर सरकार के हमले का हुक्म का इन्तिज़ार कर कुछ दिनों कुछ महीनों बाद हार थक कर वापस लोट जाते है दोस्तों ..कवियों ..लेखकों ..पत्र्कारों ...सियासी लीडरों ..गली नुक्कड़ों के सियासत से जुड़े लोगों आपसे गुजारिश है आज देश को आपके जोश आपके सुझाव की जरूरत है सरकार पर ऐसा दबाव बनाये के हमारे राष्ट्रपति भवन में परमाणु बम का बटन दबाया जाए और दुश्मन हमेशा हमेशा के लियें साफ़ हो जाए क्या ऐसा हम कर सकेंगे क्या इस अभियान में आप मेरी मदद करोगे अगर हाँ तो मेरे इस संदेश को जहां तक पहुचा सको पहुँचाओ प्रधानमन्त्री राष्ट्रपति पर दुश्मन देश की तबाही का बटन दबाने के लियें मजबूर कर दो ताके हम हमेशा के लियें सुकून की नींद सो सके ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इस कोम का क्या होगा जो जरा सा पद मिलते ही अपना धर्म मजहब भुलाकर सरकार के तलवे चाटने लगते हों

दोस्तों अभी दो दिन पहले जोधपुर में एक निजी शेक्षणिक इदारे ने राजस्थान तालीमी कोंफ्रेंस के नाम से एक बढ़ा कार्यक्रम रखा कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री और केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री भी मोजूद थे ...कोंफ्रेंसे में राजस्थान के दूरदराज़ के इलाकों से लोग एकत्रित हुए उन्होंने इस शेक्षणिक इदारे को देखा सराहा लेकिन कार्यक्रम का जो स्वरूप था कार्यक्रम के जो मुद्दे थे कार्यक्रम में जो महमान थे वोह वहा जाने वालों के दिल में एक खटास और कई सवाल छोड़ गए ..मंच से केन्द्रीय मंत्री के रहमान आकर कहते है के मुसलमानों को पढना चाहिए ..जवाब है के आज हर घर में ग्रेजुएट बेरोजगार कम से कम मिल जायेगा .......एम ऐ बी एड को सरकार तीन हजार रूपये में पेरा टीचर बना रही है जबकि इससे भी कम योग्यता वालों को दुसरे पेरा टीचर्स को सात हजार रूपये महिना मिल रहे है पक्के भवन है ..सुविधाएँ है प्रबोधक बनने के रास्ते साफ़ है लेकिन उर्दू पेरा टीचर्स के साथ ज्यादती है जबकि हाल ही में नई नियुक्तियों में विशेष तोर पर मोलाना फजले हक ने दो सो से भी अधिक हिन्दू समाज के लोगों को नियुक्ति दी है जो भी मदरसों में पेरा टीचर्स लगे हुए है ..कोटा में एक एम बी ऐ टोपर को होटल चलाना पढ़ रही है ...राजस्थान में और कोटा में कई ऐसे  उदाहरण है के मुस्लिम बे पढ़े अपराधिक चाकुबाज़ों में जिहोने ने खादी पहन ली है जिन्हें हस्ताक्षर करना भी नहीं आते उन लोगों के सामने सेकड़ों पढ़े लिखे मुस्लिम नोजवानों को नोकरी के लियें सर झुकाना पढ़ रहा है बेरोज़गारी और पढ़े लिखे मुस्लिमों की बेरोज़गारी चरम सीमा पर है और फिर अगर कहा जाए मुसलमानों पढो तो मजाक सा लगता है जो पढ़े है उनमे से दस फीसदी लोगों को भी अगर नोकरी मिल जाए तो हम धन्य हो जायेंगे .....कोंफ्रेंस में राजस्थान के दुसरे इदारों दुसरे जिलों में शिक्षा के बारे में कोई नई सोच नहीं बनाई गयी ..मंच पर जिन लोगों को बिठाया गया वोह कमो बेश केवल और केवल सरकारी मुसलमान थे जिनका कोम के मामले में कोई चिंतन नहीं था कोई सोच नहीं थी कोई विचारधारा नहीं थी कोई मस्जिद बेचकर मंच पर बेठा था तो कोई गोपालगढ़ में अपना जमीर बेचकर मंच पर आसीन था ......मंच पर देश भर के कथित मुस्लिमों के मसीहा जमा थे लेकिन सभी लोग केवल तमाशबीन या फिर सरकार के एजेंट मात्र थे ..इसी बीच कोटा के एक नोजवान  समीउल्ला अंसारी खड़े हुए और उन्होंने कुछ ज्वलंत सवाल उठा कर सभी को लाजवाब कर दिया ....समीउल्ला का मंच पर बेठे सरकारी मुसलमानों और राजस्थान के मुख्यमंत्री से सवाल था के अजमेर शरीफ के सर्वाद शरीफ में योजनाबद्ध तरीके से कुरान मजीद की बेहुरमती करने वाले लोगों के खिलाफ अब तक सरकार ने क्या कार्यवाही की सरकार अभी तक दोषियों की गिरफ़्तारी में क्यों हिचक रही है ...समीउल्ला का दूसरा सवाल था भरतपुर गोपालागढ़ काण्ड में उलटे निर्दोषों को फंसा दिया गया दोषियों के खिलाफ  आज भी कोई कार्यवाही क्यूँ नहीं हो सकी है ..समीउल्ला का तीसरा सवाल था के भाजपा शासन में कथीर रूप से सिमी के आतंकवादी बना कर जिन निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया गया था और अदालत ने सभी लोगों को निर्दोष करार देकर बरी कर दिया है यह लोग  कई सालों तक जेलों में यातनाये सहते रहे इनके परिजन आतंकवादी के परिजन होने का आरोप सहते रहे और आज जब यह लोग अदालत से बरी हो गए है तो इनके पुनर्वास और क्षतिपूर्ति के लियें सरकार चुप क्यूँ बेठी है जबकि खुद अल्पसंख्यक  आयोग का इस मामले में प्रस्ताव है और भी कई ज्वलंत सवाल थे जो अनुत्तरित थे ...अभी भी कई सवाल है मुस्लिमों की राजनितिक उपेक्षा ...संगठन और सत्ता के महत्वपूर्ण पदों पर उनकी नियुक्ति नहीं केवल वक्फ बोर्ड मदरसा बोर्ड हज कमिटी जहाँ किसी दुसरे धर्म समाज के व्यक्ति को नियुक्त किया जाना सम्भव नहीं है वहीं इन की नियुक्ति की गयी है अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम का गठन नहीं किया गया है अल्पसंख्यक विभाग की घोषणा तो हुई लेकिन जिलों में बजट में सिव्क्र्ट पदों पर नियुक्तिया नहीं है ..उप निदेशक कार्यालय खोले नहीं गए है वक्फ सर्वे पर आजतक हस्ताक्षर कर अधिसूचना जारी नहीं की गयी है ...हज हाउस नहीं बनाया गया है ....मदरसा बोर्ड में मार्च दो हजार बारह का बजट स्वीक्रत होने पर भी अब तक दो हजार स्वीक्रत और दो हजार पुरानी खाली पढ़े पदों पर नियुक्तिया नहीं की गयी है ऐसे बहुत से सवालात है जी पर न तो कोंग्रेस के चिंतन शिविर में विचार होता है और ना ही मुस्लिम इदारों के कार्यक्रमों में चिंता व्यक्त की जाती है ऐसे में इस कोम का क्या होगा जो जरा सा पद मिलते ही अपना धर्म मजहब भुलाकर सरकार के तलवे चाटने लगते हों उनका जमीर क्या कहिये ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुरान का सन्देश

सोनिया की अगुआई में जनता के गुस्‍से से निपटने की तरकीब खोजेगी कांग्रेस


नई दिल्‍ली. राजधानी में गैंग रेप और मर्डर की वारदात के बाद सरकार के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शनों ने कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है। केंद्र और दिल्‍ली में सत्‍तारूढ़ कांग्रेस पार्टी अब ऐसे प्रदर्शनों से निपटने की योजना पर विचार कर रही है। जयपुर में 16 से 18 जनवरी तक होने वाले कांग्रेस के चिंतन शिविर में यह मुख्‍य एजेंडा होगा। पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी इस शिविर की अध्‍यक्षता करेंगी।
कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने बताया, 'पार्टी ने सोशल मीडिया के असर और राजनीतिक परिणाम पर भी चर्चा की है। फेसबुक और ट्विटर के आ जाने से अब लोगों को मिनटों और घंटों के भीतर इकट्ठा करने के लिए किसी संगठन की जरूरत नहीं है। हालांकि हम इससे चिंतित नहीं है और एक राजनीतिक दल होने के नाते हमें यह समझने की जरूरत है कि इनसे कैसे निपटा जाए।'
गैंग रेप की वारदात के बाद पिछले महीने सत्‍ता के गलियारों में युवा प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्‍त दस्‍तक दी। हालांकि इन प्रदर्शनकारियों को एकजुट करने में किसी संगठन का हाथ नहीं था लेकिन इंडिया गेट से लेकर विजय चौक तक पूरे राजपथ पर अचानक प्रदर्शनकारियों के हुजूम ने पुलिस-प्रशासन के साथ सरकार के होश उड़ा दिए थे। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और पानी की बौछारें करनी पड़ीं। इसके बाद सरकार की काफी किरकिरी हुई।
उस वक्‍त पी चिदम्‍बरम ने कहा था, 'फ्लैश मॉब एक नया तरीका है। कभी कभी लोग नाचने-गाने के लिए जुटते हैं लेकिन कभी ये विरोध-प्रदर्शन के लिए भी इकट्ठा हो सकते हैं। हमें इस पर गौर करना होगा। मेरा मानना है कि हम इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। इससे निपटने के लिए रणनीति बनानी होगी।'

ओवैसी के खिलाफ भाषण देने पर स्वामी कमलानंद गिरफ्तार



ओवैसी के खिलाफ भाषण देने पर स्वामी कमलानंद गिरफ्तार
हैदराबाद. आंध्र प्रदेश के हिंदू नेता स्वामी कमलानंद भारती को अकबरउद्दीन ओवैसी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। स्वामी कमलानंद पर ओवैसी के भाषण के बाद मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। 
 
सोमवार को जानकारी देते हुए आंध्र प्रदेश पुलिस ने बताया कि स्वामी कमलानंद को रविवार देर रात श्रीसैलम से गिरफ्तार किया गया था। स्वामी को सोमवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 
 
स्वामी के खिलाफ ओल्ड सिटी के मीर चौक और दबीरपुरा में मामला दर्ज करवाया गया था। अकबरउद्दीन ओवैसी के कुछ समर्थकों ने स्वामी के खिलाफ शिकायत दी थी जिस पर मामला दर्ज किया गया।
 
रविवार देर रात हैदराबाद पुलिस की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम ने स्वामी कलमानंद को हिरासत में ले लिया था। गौरतलब है कि हिंदू देवालय परिरक्षना समीति के अध्यक्ष स्वामी कमलानंद भारती ने 8 जनवरी को एक भाषण में ओवैसी और मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था। 
 
कमलानंद भारती मजलिस-इत्तेहाद-ए-मुसलेमीन के विधायक अकबरउद्दीन ओवैसी के खिलाफ आयोजित एक रैली में बोल रहे थे। गौरतलब है कि अकबरउद्दीन ओवैसी को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था। वह इस समय आदिलाबाद जेल में बंद हैं। 
 
कमलानंद की गिरफ्तारी की विश्व हिंदू परिषद एवं अन्य हिंदूवादी संगठनों ने आलोचना की है। हिंदू संगठनों का कहना है कि स्वामी को मकर संक्राति के अवसर पर गिरफ्तार किया गया है। स्वामी मकर संक्राति की पूजा करने के लिए श्रीसैलम गए थे।
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