कोटा. सड़क सुरक्षा सप्ताह आज सेत्न ट्रैफिक व्यववस्था
बिगाड़ने के लिए पुलिस के साथ-साथ जनप्रतिनिधि और शहरवासी भी दोषी, नंबर
प्लेट पर पदनाम लिखने को मानते हैं रसूख, भास्कर ने जब नियम तोड़ रहे
जनप्रतिनिधियों, पुलिसकर्मी, छात्रनेता से मौके पर ही पूछा तो वे अजीब-अजीब
दलीलें देने लगे, एक पार्षद पति ने तो यहां तक कह दिया कि काले शीशे हटाने
से कौनसे अपराध रुक जाएंगे, जबकि देश को हिला देने वाली दिल्ली गैंगरेप
घटना में बस के शीशों पर चढ़ी काली फिल्म को बड़ी वजह माना गया था।
पिछले 23 साल से मनाया जा रहा है ट्रैफिक सुरक्षा सप्ताह इस साल भी आज
से शुरू हो जाएगा। सात दिन तक पुलिस यातायात के नियमों का पालन करने की
सीख देगी। ऐसी ही सीख देने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने नियम तोड़ने वाले 79
हजार 626 लोगों से 1 करोड़ 51 लाख रुपए जुर्माना वसूल करके भी दी, लेकिन
उसके बाद भी कुछ लोग नहीं सुधर रहे।
सुधार हो भी कैसे, जब नियम तोड़ने वालों में नेतृत्व करने वाले और खुद
पुलिस शामिल हो। भास्कर ने सड़क सुरक्षा सप्ताह से एक दिन पहले शहर की
सड़कों पर इनसे नियम तोड़ने की वजह पूछी तो ये बेतुकी दलीलें देने लग गए।
ट्रैफिक पुलिस ने पिछले साल दोपहिया वाहन चालकों के हेलमेट के 15 हजार से
अधिक चालान काटे, जबकि हर दूसरी कार पर ब्लैक फिल्म चढ़ी है। लेकिन, इनके
चालानों की संख्या सैकड़ों में भी नहीं है।
नियम है कि तीन बार ट्रैफिक नियम तोड़ने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया
जाए। जबकि, हकीकत यह है कि पुलिस ने नियम तोड़ते हुए वाहन चालाकों के चालान
तो खूब बनाए, लेकिन आज तक किसी भी व्यक्ति का लाइसेंस निरस्त नहीं करवाया न
ही परिवहन विभाग से अनुशंसा की।
आज भी शहर में नकली हेलमेट बिक रहे हैं, जबकि पिछले साल जब भास्कर ने
मुद्दा उठाया था तो अधिकारियों व महापौर ने जोरशोर से घोषणा की थी, लेकिन
कुछ भी नहीं कर पाए। आज भी नकली हेलमेट सड़क किनारे बिक रहे हैं।
नंबर प्लेट संबंधी नियम
डीएसपी नारायण सिंह राजपुरोहित ने बताया कि वाहन के नंबर नियमों के
अनुसार नंबर प्लेट पर ही होने चाहिए। नंबर प्लेट पर किसी तरह से कोई अन्य
चीज या पदनाम लिखाना नियम विरुद्ध है।
किशोरपुरा थाने की जिप्सी की नंबर प्लेट टूटी है
टूटी हुई नंबर प्लेट के बारे में एसआई जगन्नाथ का कहना है कि सोमवार
को ही नंबर प्लेट टूटी है। उसको बनवाने के लिए डाला हुआ है। बुधवार को सही
नंबर प्लेट लगवा ली जाएगी।