जयपुर.बदलाव की बुनियाद रखने के लिए कांग्रेस का चिंतन शिविर
शुक्रवार को जयपुर में मिले-जुले संदेश के साथ शुरू हुआ। प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह बिड़ला सभागार में आए तो हल्की-फुल्की तालियों की थाप पर
कांग्रेस के युवा व बुजुर्ग नेता खड़े हुए। ठीक पीछे सोनिया गांधी को देखकर
थाप बढ़ी। इसके तुरंत बाद राहुल गांधी आए तो तालियों की थपथपाहट गूंज में
तब्दील हो गई। शायद यही जेनरेशन शिफ्ट की आहट है, जो सभागार में मौजूद
लोगों को समझने व पढ़ने को सही मायने में मिली।
एजेंडे पर बोलते हुए चिंतन शिविर की कोऑर्डिनेटर अंबिका सोनी ने इसी
बदलाव का मर्म कुछ यूं समझाया- यह शिविर पिछले पचमढ़ी और शिमला चिंतन से
अलग है। यहां पहली बार युवा कांग्रेस के चुने हुए युवा प्रतिनिधि शामिल हुए
हैं। इसका श्रेय राहुल गांधी को जाता है (राहुल का नाम लेते ही मंच पर
बैठे प्रधानमंत्री सहित तमाम वरिष्ठ नेताओं ने ताली बजाकर हामी भरी)।
गौरतलब है कि पहले दो चिंतन शिविरों में एआईसीसी मीटिंग नहीं हुई, इस
बार हो रही है। एआईसीसी बैठक में पार्टी अपने फैसलों पर मुहर लगवाती है।
ऐसे में सवाल हो रहा है कि क्या कोई बड़ा फैसला होना है ? मुख्यमंत्री अशोक
गहलोत ने इस बाबत पूछने पर कि क्या राहुल गांधी के बारे में कोई घोषणा
होगी, जवाब दिया- थोड़ा इंतजार कीजिए।
हालांकि पार्टी के बुजुर्ग नेता मुरली देवड़ा ने किसी घोषणा को लेकर
संशय जताया। भास्कर से उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व पर कोई संशय
नहीं है। वे पार्टी का एजेंडा सेट कर रहे हैं, लेकिन यहां कोई घोषणा होगी
कहना मुश्किल है। हां पार्टी में अगले दो दिन उनको नेतृत्व सौंपने की मांग
तेज होने वाली है।
युवा सांसद अशोक तंवर, राजीव सातव, केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद,
आरपीएन सिंह सहित दिग्विजय सिंह, गुलाम नबी आजाद सहित तमाम वरिष्ठ नेता
जिसने भी मुंह खोला, उनकी जुबान पर जेनरेशन शिफ्ट की बात स्वाभाविक तौर पर
उभरी।