दोस्तों यह मेरी शरीके हयात है जिनके लियें मजबूरी में निकाह के वक्त हम से
कहलवाया गया मुट्ठी खोल बीवी में तेरा गुलाम ..यकीन मानिए उस वक्त तो हमने
यह अल्फाज़ नहीं कहे हंसी मजाक में बीवी मुट्ठी खोल में तुम्हारा गुलाब
कहकर टाल दिया ..लेकिन क्या पता था जिस गुलामी से बच रहे है इन शरीके हयात
साहिबा की गुलामी में उससे भी खतरनाक तरीके से फंस जायेंगे आज इन साहिबा
साहिबजादी रिजवाना अख्तर का जन्म दिन है इनका जन्म टोंक में हुआ ..और अब यह
कोटा में हमारे साथ जेलर बन कर रह रही है हमारी साँसों ..हमारी धडकनों पर
इनका कब्जा है ...सुबह शाम डाट सुन्ना हमारी मजबूरी है कहा गये थे ..यह
क्यूँ नहीं किया ..यह कर लो ..वोह कर लो ..किसका फोन था ..हमारी जिंदगी एक
केदी की तरह है और यह खतरनाक हंटरवाली जेलर हमे मजा चखाने को तय्यार है
....खेर यह हमारी खुशनसीबी है जो हम इनके केदी और यह हमारी जेलर है वरना ना
जाने किसकी किस्मत फूटती इनसे निकाह करने की हमारी कुर्बानी जाया नहीं गयी
ब्याज में हमे इन साहिबा ने एक प्यार साहिबज़ादा शाहरुख खान दिया और दो
प्यारी प्यारी बेटियाँ जवेरिया अख्तर और सदफ अख्तर दी ..ओरत है तो ज़ाहिर है
जुबां तो हाथ भर की होगी ही सही लेकिन खुदा का शुक्र है के मेरे वालिद
वालिदा की खिदमत में अव्वल है ......उर्दू की जूनियर लेक्चरार होने के बाद
भी सादगी इनका गहना है और गहने तो हर साला गुमाना इनकी आदत है खेर कहते है
जान है तो जहां है और बीवी है तो हम पठान है खुदा का शुक्र है गलती से ही
सही मजबूरी में ही सही यह हमारी शरीके हयात बन गयी ..आज इनकी सालगिरह है
मुबारक हो खुदा इन्हें सह्त्याब रखे कामयाब करे इनकी हर ख्वाहिश पूरी हो और
हमे भी खुद इस लायक बनाये के हम इनकी हर ख्वाहिश पूरी कर सके .....एक बार
फिर खतरनाक जेलर को जन्म दिन मुबारक हो .....जेलर का केदी .....अख्तर खान अकेला
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 जनवरी 2013
राहुल के चार प्रस्ताव और नेताओं के चिंतित चेहरे
जयपुर. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी की पार्टी में बढ़ती भूमिका के बीच उनके चार प्रस्तावों ने नेताओं को चिंता में डाल दिया।
उनके ये प्रस्ताव हैं : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष और प्रमुख पदाधिकारी चुनाव नहीं लड़ें। लगातार
दूसरी बार चुनाव हारने वाले नेताओं को टिकट नहीं दिया जाए। लोकसभा के
उम्मीदवार एक साल और विधानसभा के तीन महीने पहले घोषित कर दिए जाएं। एक
केंद्रीय मंत्री एक राज्य और राज्य सरकार का एक मंत्री एक जिले की
जिम्मेदारी ले।
राहुल गांधी के इन चार प्रस्तावों पर
छोटे से लेकर बड़े नेता तक स्तब्ध से दिखे। अभी इन प्रस्तावों को लागू नहीं
किया गया है, लेकिन पांचों समूहों में आम तौर पर यह माना गया कि ऐसे
प्रस्तावों से पार्टी मजबूत होगी। पार्टी के बुजुर्ग नेता रशीद मसूद और
एमडी मिस्तरी का मानना है कि राहुल की ओर से सुझाए जा रहे ये बदलाव पार्टी
के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
राजस्थान के लिए ऐसे समझें इन प्रस्तावों को
1 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष और प्रमुख पदाधिकारी चुनाव नहीं लड़ें
मायने क्या?
इसके मायने काफी गंभीर हैं, क्योंकि यह संगठन और सत्ता को अलग-अलग
करेगा। पीसीसी अध्यक्ष, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य प्रमुख पदाधिकारियों
तथा 33 जिला इकाइयों में प्रमुख पदों पर काम कर रहे लोगों को टिकट नहीं
मिलेगा।
असर क्या?
इससे सत्ता-संगठन अलग-अलग होंगे। बड़े
नेता प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनना चाहेंगे तो संगठन में युवाओं के लिए जगह
बनेगी। इससे राष्ट्रीयस्तर से लेकर जिलास्तर तक राहुल की पकड़ मजबूत होगी।
पुरानी पीढ़ी
को नई पीढ़ी शिफ्ट करेगी। पहले संगठन में फिर सरकार में।
2. लगातार दूसरी बार चुनाव हारने वाले नेताओं को टिकट नहीं दिया जाए
मायने क्या?
जो नेता चुनावी राजनीति में परफोर्म
नहीं कर पा रहे, उनका टिकट कटेगा। नए लोगों को प्रत्याशी बनने का मौका
मिलेगा। यानी यहां भी फायदा टीम राहुल को ही रहेगा। चुनाव में नए चेहरे
ज्यादा होंगे। नीति बन जाएगी तो टिकट कटने से नेता नाराज भी नहीं होंगे।
असर क्या?
जब टिकट ही नहीं मिलेगा तो दो बार हारने वाले नेता कांग्रेस में क्यों
रहना चाहेगा? वह किसी दूसरी पार्टी में जगह तलाश करेगा या निर्दलीय चुनाव
लड़ सकता है। जिन नेताओं के टिकट कटे, वे निर्दलीय जीत गए। जैसे परसादीलाल
मीणा और गुरमीतसिंह कुन्नर अब मंत्री हैं।
3. लोकसभा उम्मीदवार एक साल और विधानसभा के ३ माह पहले घोषित हों
मायने क्या?
पार्टी को होम वर्क करने का मौका मिलेगा। प्रत्याशी तैयारियां कर
सकेंगे। कहीं कोई प्रत्याशी गलत हुआ तो पार्टी को उसे बदलने का समय रहेगा।
मतदाताओं से संपर्क के लिए ज्यादा समय मिलेगा।
असर क्या?
प्रत्याशी के विरोधी सक्रिय हो जाएंगे। उन्हें चुनाव हराने या भितरघात
के लिए पूरा मौका मिलेगा। प्रत्याशियों का चुनाव खर्च बेहद बढ़ जाएगा।
4.एक केंद्रीय मंत्री 1 राज्य और राज्य सरकार का एक मंत्री 1 जिले की जिम्मेदारी ले
मायने क्या?
मंत्रियों को ग्रूमिंग का मौका मिलेगा। केंद्र के मंत्री राज्यों पर
ध्यान दे पाएंगे और वहां की ऐसी समस्याओं का हल निकाल सकेंगे, जो केंद्र व
राज्य सरकारों के बीच अटकी हुई हैं। इसी तरह जिलों को भी फायदा मिलेगा। अभी
की प्रभारी वाली स्थिति का यह बेहतर रूप होगा।
असर क्या?
राज्य और जिलों में एक समानांतर सत्ता पैदा हो जाएगी। मुख्यमंत्री और
मंत्रियों-विधायकों के बराबर एक नया पावर सेंटर बनने से कलह बढ़ सकती है।
राहुल गांधी की चुनौतियां और भाजपा का संकट
नई दिल्ली। कांग्रेस ने जहां राहुल गांधी को नई जिम्मेदारी
दे दी है, वहीं भाजपा में गडकरी को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
भाजपा का एक गुट गडकरी को अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ है। दूसरी ओर, राहुल
गांधी को मिली नई जिम्मेदारी चुनौतियों से भरपूर है। उन्हें वर्ष 2013 में
नई टीम के सहारे देश के नौ राज्यों के चुनाव में खुद को साबित करना होगा।
राहुल गांधी को उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद प्रियंका गांधी ने उन्हें
बधाई दी है। भाई का भाषण सुनने के लिए प्रियंका गांधी जयपुर पहुंच गई हैं।
दूसरी ओर, राहुल गांधी को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद से
भाजपा में खलबली मची हुई है। सड़क से लेकर फेसबुक तक पर भाजपा नेता और
कार्यकर्ता अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन का
कहना है कि राहुल गांधी की नई जिम्मेदारी से भाजपा को कोई फर्क नहीं
पड़ेगा।
इन सबके बीच, 2014 में आम चुनाव राहुल की अगुवाई में लड़ा जाएगा।
पार्टी और सिस्टम में बदलाव की वकालत करने वाले युवा नेता को अब इसे खुद
लागू करना होगा। इस जद्दोजहद में बुजुर्ग नेता नाराज न हों, इसका ख्याल
रखना होगा। राहुल गांधी की बड़ी चुनौती यह भी होगी कि उनका नेतृत्व सहयोगी
दल स्वीकारें। गठबंधन की राह तलाश रही पार्टी में राहुल गांधी की
स्वीकार्यता भी मुद्दा होगा। मोदी बनाम राहुल की मुहिम तेज होगी। भाजपा के
सामने जवाब में युवा चेहरा पेश करने की चुनौती होगी।
बड़े रोल की शुरुआत यहां से
राहुल गांधी के बड़े रोल की शुरुआत 2009 के आम चुनाव से हो गई थी। उस
वक्त राहुल गांधी ने यूपी सहित देश के तमाम हिस्सों में युवक कांग्रेस के
नेताओं को टिकट दिलवाया और इनमें से कइयों को जितवाया। यूपी में 22 सीट
मिली और यूपीए-2 सरकार बनी तो उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने की मांग मुखर
हुई। कांग्रेस कार्यसमिति की हर बैठक, पार्टी की बड़ी रैलियों व
कार्यक्रमों में राहुल को बड़ी जिम्मेदारी मुद्दा होता था। प्रणब मुखर्जी
जब पार्टी में थे, तब एंटनी, चिदंबरम सहित तमाम बड़े नेता उन्हें
प्रधानमंत्री बनाने की मांग समय-समय पर कर चुके हैं।
भाजपा में अध्यक्ष पद को लेकर ऊहापोह बरकरार
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम तय करनेको लेकर शनिवार को देर रात
तक सरगर्मियां जारी रहीं। पार्टी में अभी अध्यक्ष के नाम को लेकर अंतिम
निर्णय नहीं हो सका है। शनिवार को दिन भर भाजपा नेताओं के बीच मुलाकात और
बातचीत का दौर चलता रहा। दिलचस्प यह है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण
आडवाणी की सलाह के बाद पार्टी के उन नेताओं ने भी खुलकर एक-दूसरे से बातचीत
की, जो आपस में विरोधी माने जाते हैं। देर शाम आडवाणी से राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी मिले।
गौरतलब है कि शुक्रवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए अधिसूचना
टाल दी गई थी। पार्टी महासचिव अनंत कुमार नेकहा है कि अगले एक-दो दिन में
अधिसूचनाजारी की जाएगी। इसके बाद अध्यक्ष पद केलिए नामांकन होगा। हालांकि
उन्होंने यह नहींसाफ किया कि नामांकन गडकरी ही करेंगेया कोई और। शुक्रवार
शाम को अधिसूचना टलने के बाद से ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में बातचीत का
दौर शुरू हो गया थ। फिलहाल भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर जिस तरह राजनीतिक
घटनाक्रम तेजी से बदला है वैसे में गडकरी की दावेदारी को निर्विरोध कहना
स्वाभाविक नहीं लग रहा है। अध्यक्ष पद के लिए एक वरिष्ठ नेत्री का भी नाम
चर्चा में है।
राहुल गांधी ने देखा था सपना, सोनिया ने किया साकार
जयपुर। अब वल्र्डक्लास सिटी की राह पर आगे बढऩे वाला है...सुरंग
के रास्ते। पूरब की ओर आगरा रोड पर शहर के विस्तार और विकास की राह में
खड़ी पहाडिय़ों के बीच से सुरंग का सपना दिसंबर 2002 में देखा गया। इसके तीन
साल बाद कागजों में उतरा और विकास का नया अध्याय लिखा जाने लगा। सरकार ने
भी 'नया जयपुर' का सपना दिखाया। हालांकि विवादों के कारण यह विचार टाल
दिया। बावजूद इसके जनता खुद नया जयपुर बसाने लगी। शनिवार को घाट की गूणी
टनल का उद्घाटन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष
सोनिया गांधी ने किया। इसी के साथ शहर के विस्तार और विकास की नई राह भी
खुल गई। तीन साल पहले राहुल गांधी ने जयपुर को वल्र्डक्लास सिटी बनाने का
सपना दिखाया था, हालांकि टनल के उद्घाटन समारोह में उनका नाम शामिल नहीं
है।
500 डॉलर में मिल रहे 'भाड़े के ब्वॉयफ्रेंड'
बीजिंग. चीन की एक ऑनलाइन सेल्स फर्म ने युवतियों को किराए पर
ब्वॉयफ्रेंड देने की अनोखी सर्विस शुरू की है। यह सर्विस चीन में सिंगल रह
रही युवतियों के लिए खास है जिन्हें अक्सर शादी और ब्वॉयफ्रेंड जैसे सवालों
से दो-चार होना पड़ता है। फर्म को उम्मीद है कि अगले महीने पड़ रहे चीनी
नव वर्ष के मौके पर लाखों चीनी युवतियां इस अनोखी सर्विस की मदद लेंगी। नए
साल के मौके पर चीन में परिवार के सदस्य आपस में मिलते और जश्न मनाते हैं।
राहुल बने कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट, जयपुर से दिल्ली तक जश्न
जयपुर. कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पार्टी के वाइस
प्रेसिडेंट (उपाध्यक्ष) बनाए गए हैं। बिड़ला सभागार में चल रहे चिंतिन
शिविर में थोड़ी देर पहले खत्म हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल
को बड़ी जिम्मेदारी देने पर फैसला हुआ है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता
जनार्दन द्विवेदी ने राहुल को वाइस प्रेसिडेंट बनाए जाने के फैसले का ऐलान
किया। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस में राहुल की
हैसियत नंबर दो की हो गई है। उन्होंने बताया कि ए के एंटनी ने राहुल को
वाइस प्रेसिडेंट बनाए जाने का प्रस्ताव रखा जिस पर कांग्रेस कार्यसमिति ने
सर्वसम्मति से मुहर लगा दी।
जनार्दन द्विवेदी ने यह भी कहा कि 2014 के आम चुनाव में राहुल गांधी
कांग्रेस का नेतृत्व करेंगे। द्विवेदी ने कहा, 'एंटनी ने प्रस्ताव रखा कि
बहुत समय से कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल गांधी को बड़ी जिम्मेदारी
सौंपे जाने की मांग कर रही हैं। इस पर कार्यसमिति ने मेजें थपथपाकर एंटनी
के इस प्रस्ताव का स्वागत किया। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
ने राहुल को उपाध्यक्ष बनाने की मंजूरी दी और राहुल गांधी ने जिम्मेदारी
कबूल कर ली।' राहुल को कांग्रेस में नंबर 2 का ओहदा मिलने का मतलब यह है
कि पार्टी के सभी महासचिव अब राहुल को रिपोर्ट करेंगे।
द्विवेदी के बाद कांग्रेस के युवा नेता और राहुल के करीबी माने जाने
वाले आर पी एन सिंह, जितेंद्र सिंह, दीपेंद्र हुड्डा और संदीप दीक्षित भी
बिड़ला सभागार से बाहर आए और मीडियाकर्मियों से बातचीत की। राहुल को वाइस
प्रेसिडेंट बनाए जाने पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि
युवाओं में नया जोश आएगा। वहीं संदीप दीक्षित ने कहा कि पूरी कांग्रेस
राहुल गांधी की कोर टीम है।
राहुल को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने के ऐलान से पहले ही चिंतन शिविर
के वेन्यू बिड़ला सभागार के बाहर युवा कांग्रेस के सदस्यों ने जश्न
मनाना शुरू कर दिया। जयपुर में ढोल-नगाड़े बजने शुरू हो गए हैं। कार्यकर्ता
आतिशबाजी कर रहे हैं। राहुल के लिए एक रथ भी सजाया जा रहा है। कांग्रेस
कार्यकर्ता दिल्ली में 10 जनपथ (सोनिया गांधी के निवास) और कांग्रेस
मुख्यालय के बाहर भी जश्न मना रहे हैं।
लेकिन, बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने राहुल को बड़ी जिम्मेदारी
दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कोई बड़ी खबर नहीं है। राहुल
गांधी पहले भी कांग्रेस में नंबर 2 की हैसियत से रहे हैं। यह केवल नंबर 2
पोजिशन का ऐलान है जो कि नया नहीं है। ऐसा ऐलान पहले भी किया जा चुका है।
इससे न तो कांग्रेस और न ही देश का कोई फायदा होने वाला है।
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