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20 जनवरी 2013

पुत्रदा एकादशी 22 को, जानिए इस व्रत का महत्व व रोचक कथा



 

पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं। इस एकादशी का महत्व पुराणों में वर्णित है। इस बार यह एकादशी 22 जनवरी, मंगलवार को है। इस व्रत को करने से योग्य पुत्र की प्राप्ति होती है। पुत्रदा एकादशी का महत्व स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था। उसके अनुसार-
पूर्वकाल में भद्रावतीपुरी में राजा सुकेतुमान राज्य करते थे। उनकी रानी का नाम चम्पा था। उनके यहां कोई संतान नहीं थी इसलिए दोनों पति-पत्नी सदा चिन्ता और शोक में रहते थे। शोकमग्न होकर एक दिन राजा सुकेतुमान घोड़े पर सवार होकर वन में चले गये। वहां घुमते-घुमते राजा को दोपहर हो गई। तब राजा को भूख और प्यास सताने लगी। वे पानी की खोज में इधर-उधर भटकने लगे।
तभी उन्हें वन में एक सरोवर दिखाई दिया। सरोवर के तट पर बहुत से मुनि वेदपाठ कर रहे थे। राजा ने घोड़े से उतरकर सभी मुनियों को वंदना की। राजा की स्तुति सुनकर मुनि अति प्रसन्न हुए और बोले- राजन। हम लोग तुम पर प्रसन्न हैं। तुम अपने मन की बात हमें बताओ। राजा बोले- मुनिजन आप लोग कौन हैं, तथा यहाँ किस कार्य के लिए एकत्रित हुए हैं? मुनि बोले- राजन। हम लोग विश्वेदेव हैं। यहाँ स्नान के लिए आए हैं।
माघ मास निकट आया है। आज से पाँचवें दिन माघ का स्नान आरम्भ हो जायेगा। आज ही पुत्रदा नाम की एकादशी है, जो व्रत करने वाले मनुष्यों को पुत्र देती है। राजा ने कहा- विश्वेदेवगण। यदि आप लोग मुझ पर प्रसन्न हैं तो मुझे पुत्र दीजिये। मुनि बोले- राजन। आज पुत्रदा नाम की एकादशी है। इसका व्रत बहुत विख्यात है। तुम आज इस उत्तम व्रत का पालन करो। भगवान की कृपा से तुम्हें पुत्र अवश्य प्राप्त होगा।
इस प्रकार उन मुनियों के कहने से राजा ने पुत्रदा एकादशी व्रत का पालन किया। फिर द्वादशी को पारण करके मुनियों के चरणों में बारंबार मस्तक झुकाकर राजा अपने घर आये। कुछ ही दिनों बाद रानी चम्पा ने गर्भधारण किया। उचित समय आने पर रानी ने एक तेजस्वी पुत्र को जन्म दिया, जिसने अपने गुणों से पिता को संतुष्ट किया तथा वह प्रजा का पालक हुआ।

आडवाणी को किनारा कर भाजपा में 'दागी' गडकरी की होगी ताजपोशी !



नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अगले अध्यक्ष का चुनाव 23 जनवरी को होगा। इसमें नितिन गडकरी का दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के समर्थन के बाद उनके नाम पर सर्वसम्मति बनती दिख रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने गडकरी को दोबारा कमान सौंपने पर पहले आपत्ति की थी। लेकिन उनकी एक नहीं चली।
 
पार्टी महासचिव थावरचंद गहलोत ने रविवार को चुनाव अधिसूचना जारी की। इसके मुताबिक 23 जनवरी को पार्टी कार्यालय में सुबह 10 से 11.30 बजे तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। इनकी जांच दोपहर 12 से 12.30 तक होगी। सर्वसम्मति बनी तो परिणाम उसी दिन घोषित हो जाएगा।

जनता का इंसाफ : रेप के आरोपी को खंभे से बांधकर अधमरा किया

जनता का इंसाफ : रेप के आरोपी को खंभे से बांधकर अधमरा किया



नई दिल्‍ली। राजस्‍थान के अलवर के एमआईए थानांतर्गत खूंटेटाकला में नाबालिग से दुष्कर्म के दूसरे आरोपी की लोगों ने जनाना अस्पताल में जमकर धुनाई कर दी। लोगों में इस कदर गुस्सा था कि लात-घूंसों से मन नहीं भरा तो उन्होंने आरोपी को बिजली के खंभे से बांधकर बल्लियों से पीटा। बाद में मौके पर पहुंची एमआईए एवं कोतवाली पुलिस ने आरोपी जग्गी उर्फ जगदीश को गिरफ्तार कर लिया। 
 
परिजनों के मुताबिक आरोपी जग्गी उर्फ जगदीश अलवर छोडऩे की फिराक में था। इसके लिए वह रविवार सुबह करीब आठ बजे रेलवे स्टेशन जाने के लिए तेज मंडी मोड़ पर आया था। वह स्टेशन की ओर जा रहा था, तभी लड़की के पिता एवं मामा की उस पर नजर पड़ गई। दोनों ने उसे पकड़ लिया और वहां से जनाना अस्पताल में भर्ती दुष्कर्म की पीडि़त लड़की के पास ले आए। पीडि़ता ने आरोपी के रूप में उसकी पहचान कर दी। इसके बाद दोनों उसे अस्पताल से बाहर लाए और धुनाई शुरू कर दी।
 
वहां मौजूद लोगों ने भी उस पर हाथ जमाने शुरू कर दिए। पुलिस ने रविवार को दोनों को दो दिन के रिमांड पर लिया है। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने वारदात को कबूल कर लिया है। इन्होंने बताया कि घटना के वक्त दोनों शराब पिए हुए थे। गुस्साए लोग उसे घसीटते हुए अस्पताल के पीछे ले गए और बिजली के खंभे से बांध दिया। इसके बाद अस्पताल में हर आने जाने वाले ने लात घूंसे और डंडे बरसाए।

'जानती हैं सत्ता जहर है, मुझे उपाध्यक्ष बनाने के बाद खूब रोई मां'



जयपुर.कांग्रेस का चिंतन खत्म हो गया। मिशन 2014 के लिए रणनीति साफ हो गई। नया एजेंडा बन गया। नया नेतृत्व भी मिल गया। चिंतन के आखिरी दिन रविवार को राहुल गांधी ने बतौर कांग्रेस उपाध्यक्ष पहला भाषण दिया। उन्होंने कांग्रेस के अतीत, वर्तमान और भविष्य की बातें की। परिवार के बलिदान को भी याद किया। पढ़िए क्या कहा राहुल ने..
 
हर दिन हम पाखंड देखते हैं। भ्रष्ट लोग भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करते हैं तो महिलाओं के प्रति अनादर की भावना रखने वाले महिला सशक्तीकरण पर भाषण देते हैं। आज स्थिति क्या है? आम आदमी राजनीति से बाहर कर दिया गया है। 
कांग्रेस ऐसी पार्टी है जिसमें नियम और कानून नहीं चलते। नए नियम बनते हैं, पर मानता कोई नहीं।

कुरान का सन्देश

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परम्परागत पेशे से जादूगर रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोंग्रेस हाईकमान पर फिर जादुई करिश्मा कर खुद को आकाश कर लिया है

परम्परागत पेशे से जादूगर रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोंग्रेस हाईकमान पर फिर जादुई करिश्मा कर खुद को आकाश कर लिया है  खुद को जिंदाबाद कर लिया है ..जी हाँ दोस्तों कभी बीमारू राज्य कहे इस राजस्थान पर इलज़ाम है के स्वर्गीय संजय गान्धी जब जय गढ़ खजाने की खुदाई के वक्त जयपुर आये थे तब हरिदेव जोशी कोंग्रेस के मुख्यमंत्री ने संजय गांधी के जुते तक उठाकर उन्हें पहनाये थे और इन तस्वीरों ने राजस्थान का सर और नजरे दोनों झुका दिए थे लेकिन अब जब राजस्थान विकास की गति पर है ....कोंग्रेस शासित राज्यों में विकास और प्रबंधन का एक आदर्श मोडल बन गया है तब इसी राजस्थान में भारतीय राष्ट्रीय कोंग्रेस ने देश भर में एक बार फिर उबर कर आने के लियें अपनी जाजम बिछाई ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के इस राजस्थान को देश में फिर से सत्ता में आने के लियें आधार बनाया और राजाओं राजपूतों के राज्य राजस्थान की धड़कन को कोंग्रेस ने अपने में शामिल कर लिया राजस्थान में अशोक गहलोत ने भी कोंग्रेस और नेताओं की खूब मेजबानी की और राजस्थान की परम्परा को बुलंद कर दिया है ...राजस्थान में राहुल गांधी की ताजपोशी हुई राजस्थान के जरिये ही देश के कोंग्रेसियों ने और हाईकमान ने खुशियाँ बटोरी ..कुल मिलाकर राजस्थान में कोंग्रेस के इस चिन्तन इस माथापच्ची में गहलोत ने अपना विशिष्ठ मुकाम बना लिया है ..और एक बार फिर एक सवाल कोंग्रेसियों की बीच  छोड़ दिया है के जब देश में राजस्थान से भी छोटे  राज्य के एक मुख्यमंत्री जहां के सांसद और विधायक राजस्थान से कम है प्रधानमन्त्री का सपना मुंगेरी लाल के हसीन सपने की तरह से देख  सकते है तो फिर इस कुर्सी पर हमारे राजस्थान के अशोक गहलोत का तो इमानदारी से हक भी बनता है .......खेर मेजबानी में राजस्थान की परम्परा जीवित रही राजस्थान ने मेजबानी के मामले में खूब कामयाबी लुटी लेकिन चिन्तन  मंथन के बाद जो विचार उभरे है उस पर भी अमल करना जरूरी है चिन्तन शिविर में सोनिया गाँधी की चिंता है के कोंग्रेस का परम्परागत वोट मुसलमान और दलित कोंग्रेस से खिसक गए है बात भी सही है और दुसरे राज्यों की क्या स्थिति है यह तो पता नहीं लेकिन राजस्थान में तो दलित और मुस्लिम काफी हद तक कोंग्रेस से नाराज़ होने लगे है और यह सब क्षेत्रीय स्तर और मुस्लिम दलित नेताओं की नाकामयाबी और मनमाना चयन के कारण हो रहा है कोंग्रेस के प्रदेश संगठन को इस पर विचार करना होगा ..सुधार करना होगा सरकार को भी नये सिरे से सर्वेक्षण कर आल इस वेळ की गलत फहमी दूर करना होगी और फिर से सत्ता में आने के लियें आमूल चूल परिवर्तन करना होगा ...राहुल गान्धी ने उपाध्यक्ष बनते ही साफ़ किया है के वोह पूरी कोंग्रेस के उपाध्यक्ष है केवल युवा ..महिला ..वरिष्ठ लोग इससे भ्रमित ना हो वोह पुरे देश को एक नई दिशा देना चाहते है राहुल गाँधी को भी अब फिर से अपने पराये को समझना होगा उनको अपने सलाहकारों में बदलाव करना होगा उनका सुचना तन्त्र मजबूत और वफादार बनाना होगा ...उन्हें कुछ कड़े फेसले भी लेना होंगे ...चिन्तन शिविर में कहा गया बागियों से सख्ती से निपटना होगा लेकिन बागी किसे समझा जाए इसे परिभाषित भी करना होगा क्योंकि जो लोग सत्ता में है अगर वोह पार्टी नीतियों के खिलाफ गलत काम कर रहे है तो उन्हें रोकना उनकी शिकायत करना और कोंग्रेस की विचारधारा को पुनर्स्थापित करने की बात करना अगर बगावत है तो यह बगावत तो हम जेसे कई पागल रोज़ करते रहेंगे ......इसलियें सरकार हो चाहे सत्ता हो चाहे राज्य हो चाहे केंद्र हो चाहे प्रदेश कोंग्रेस हो चाहे भारतीय राष्रीय कोंग्रेस हो बगावत की एक परिभाषा तय करना होगी और जो लोग सत्ता के नशे में चूर होकर पार्टी के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर कोंग्रेस और कोंग्रेस की नीतियों से खुलेआम बगावत करते है ....सत्ता में आने के बाद कोंग्रेस के कार्यकर्ताओं . कोंग्रेस के जिला और ब्लोक कार्यालयों की उपेक्षा कर उनसे बगावत करते है तो फिर जनाब उनके खिलाफ क्या कार्यवाही होना चाहिए यह तय करना होगा ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हर मिनट 5.50 लाख रुपये कमाते हैं गेट्स, एक झटके में दे दिए 1540 अरब रुपये दान


लंदन : विलियम हेनरी बिल गेट्स के पास अनुमानित 65 अरब डॉलर की अकूत सम्पत्ति है, जिसे वह दूसरे के जीवन को बेहतर बनाने में लगा रहे हैं। समाचार पत्र टेलीग्राफ के मुताबिक वह अब पोलियो को समाप्त करने के अभियान में जुटना चाहते हैं। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक 57 वर्षीय गेट्स ने पहले ही 28 अरब डॉलर करीब 1540 अरब रुपये की सम्पत्ति दान कर दी है।

हिंदू आतंकवाद के बयान पर शिंदे की सफाई, बीजेपी ने कहा-माफी मांगें सोनिया



हिंदू आतंकवाद के बयान पर शिंदे की सफाई, बीजेपी ने कहा-माफी मांगें सोनिया
नई दिल्‍ली/जयपुर. केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने 'हिंदू आतंकवाद' के बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि उन्‍होंने 'भगवा आतंकवाद' की बात की है। लेकिन बीजेपी शिंदे को आसानी से माफ करने के मूड में नहीं दिख रही है। मुख्‍य विपक्षी पार्टी ने गृह मंत्री के बयान के लिए कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की है।
वहीं, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने उलटे बीजेपी के सीनियर नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी पर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा, 'आडवाणी साध्‍वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित जैसे आतंकवादियों की पैरवी करने मनमोहन सिंह के पास गए थे। देश इसका जवाब चाहता है।'
इससे पहले, शिंदे ने आरोप लगाया कि बीजेपी और आरएसएस के कैंपों में हिंदू आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जाती है। जयपुर में रविवार को कांग्रेस की बैठक में शिंदे ने कहा कि उनके पास एक रिपोर्ट है जिसके मुताबिक बीजेपी और आरएसएस के कैंपों में हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। शिंदे ने समझौता ब्‍लास्‍ट, मालेगांव धमाका और मक्‍का मस्जिद ब्‍लास्‍ट की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन धमाकों में अल्‍पसंख्‍यकों को निशाना बनाया गया।

कॉम्प्लेक्स हैं मीना कुमारी और हमारा मन


हाल में आई फिल्म ‘मटरू की बिजली का मंडोला’ की हीरोइन मानती है कि उसे मीना कुमारी कॉम्प्लेक्स है। प्रमुख लक्षण है दु:ख और सुख के बीच चुनना हो तो दु:ख को चुनना। खुशी का मौक़ा हाथ से जाने देना। गम से चिपके, सबसे छिप के किस्मत को कोसने का मौक़ा चाहिए। देवदास को था। ममता बनर्जी को है। लोग कहने लगे हैं कम्यूनिस्टों से त्रस्त बंगाल ने इनको चुना, कहीं उन सबको तो नहीं। अगर ऐसा है तो हम सबको है क्योंकि हम अपराधियों, भ्रष्टाचारियों को चुनते हैं जबकि हमारे पास मौका होता है सही को चुनने का।
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