आपका-अख्तर खान

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23 जनवरी 2013

के मेरी बर्बादी मेरी तबाही के आसार शुरू हो गए है

तुम
मेरी जिंदगी में
कुछ भी मायने
नहीं रखते ..
फिर भी
ना जाने क्यूँ
तस्वीर तुम्हारी देखकर
मेरा दिल धडकता है ..
तुम्हारी चेहरे की मायूसी देखकर
मेरी आँख से आंसू टपकते है
जब पास से निकलते हो तुम मेरे
क्यूँ मेरा दिल धड़कता है
खिलखिला कर हंसते हो जब तुम
मेरे चेहरे पर भी
ख़ुशी हाँ ख़ुशी आ जाती है
क्या यह
पागलपन तो नहीं
क्या यही प्यार है
क्या इसी को प्यार कहते है
अगर यह सच है
तो जितना मेने
सूना है
तुम्हारे बारे में
इससे तो यही लगता है
के मेरी बर्बादी
मेरी तबाही के आसार शुरू हो गए है ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

परंपरा अबूझमाड़ की : शादी से पहले साथ में बिताते हैं रात !



रायपुर। शादी और शारीरिक संबंधों की संसार में चाहे जो व्याख्या की जाती हो लेकिन जंगल में बसे लोगों के रीति-रिवाज आपको आश्चर्य में डाल सकते हैं। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में बसी जनजातियों के बारे में ऐसा वर्णन मिलता है जो हमें चौंकाता है।  माड़िया लोगों मे शादी के पहले ही युवक-युवतियों को रात साथ् बिताने की छूट होती है। घोटुल में बड़ी उम्र के युवक- युवतियां छोटी उम्र के युवक-युवतियों को यौन सबंधों के बारे में बताते हैं । यहां पर विवाह की आपसी सहमति बन जाने पर युवक-युवतियों को शादी करने के लिये बस परिवार वालों को बताना होता है। राजी नहीं होने पर एक अजब रिवाज है। ऐसी स्थिति में अक्सर युवक-युवती जंगल में भाग जाते हैं, लेकिन ऐसी शादी में भी कीमत तो चुकानी ही पड़ती है।
 
 
अबूझमाड़ियों में घोटुल का ऐसा रिवाज है जिसे दुनिया एक अजूबा ही मानती है। अबूझमाड़िया घोटुल मे लड़कियां रात में नही सोतीं,,लेकिन लड़के रात मे घोटुल मे ही रुकते हैं। दूसरी ओर बाइसन हार्न माड़िया मे वे रात घोटुल मे ही बिताते है|

नेताजी के 111 साल के बॉडीगार्ड ने किया मौत के सच का पर्दाफाश!


नोएडा/आजमगढ़. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में गरम दल के मुखिया और आजाद हिन्द फौज के संस्थापक नेता जी सुभाष चंद्र बोस के बॉडीगार्ड और पर्सनल ड्राइवर रहे निजामुद्दीन ने ने दावा किया है कि नेताजी सन 1945 में हुए विमान दुर्घटना में नहीं मारे गए थे। उनकी यूपी के फैजाबाद जिले में प्राकृतिक मौत हुई थी। 
 
उनके मुताबिक, '1945 में ताइपे में दुर्घटनाग्रस्त हुए प्लेन में नेताजी सवार नहीं थे। उन्होंने अंतिम क्षण में विमान बदल लिया था। उनकी मौत विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी। फैजाबाद में गुमनामी बाबा के रूप में कुछ साल पहले उनका निधन हुआ था।
 
जीवन के 111 बसंत देख चुके यूपी के आजमगढ़ के बिलैरागंज के रहने वाले इस शख्स को 11 से अधिक भाषाएं आती हैं। वह जापानी, बर्मी, जर्मन, तमिल, तेलुगु, बंगाली समेत कई भाषाओं के जानकार हैं। उनकी पत्नी की उम्र भी 101 वर्ष है। यह ऐतिहासिक जोड़ा जब नेताजी की यादों पर बोलना शुरू करता है तो सुनने वालों की उत्सुकता बढ़ती जाती है। उनके पास अनेक दिलचस्प यादे हैं। इसे उन्होंने दैनिकभास्कर.कॉम के साथ साझा किया।
 
वहीं ताजा खबरों के मुताबि‍क जिला प्रशासन ने आजाद हिंद फौज में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के अंगरक्षक तथा वाहन चालक रहे ‘कर्नल’ निजामुद्दीन को आजादी के 65 साल बाद स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने का फैसला किया है। जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने बुधवार को ‘नेताजी’ की जयन्ती के मौके पर आयोजित समारोह में 111 वर्षीय निजामुद्दीन को सम्मानित करने के बाद पूछे गए सवाल पर कहा कि निजामुद्दीन के पास मौजूद साक्ष्य उन्हें स्वतंत्रता सेनानी घोषित करने के लिये पर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि कुछ जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद निजामुद्दीन को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दे दिया जाएगा।

अनोखा रिवाज: यहां लड़के वाले देते हैं दहेज़, दुल्हन के साथ आता है कुत्ता और गधा!


पश्चिमी राजस्थान का एक खूबसूरत जिला है बाड़मेर, और इस जिले में बसते हैं, सदियों से चली आ रहीं कई संस्कृतियों और परम्पराओं को मानने वाले लोग, कुछ ऐसी जातियां जो इन परम्पराओं में बंधकर अपना जीवन बसर कर रही हैं।इन्हीं जातियों में से एक जाति है जोगी।आम तौर पर घुमक्कड़ किस्म की यह जाति अपनी गुजर बसर के लिए भीख मांगने का काम करती है।आजादी के पैंसठ साल बाद भी जहां सारा देश तरक्की करआगे बढ़ रहा है, वहीं इस जाति की ओर सरकार का ध्यान आज तक नहीं गया।
 
आज भी यह जाति अपनी सदियों पुरानी परम्पराओं की बेड़ियों में जकड़ी हुई है और गुजर बसर के लिए भीख मांगने का काम कर रही है। कई ऐसी परम्पराएं और नियम इस जाति में हैं जिन्हें सुनकर आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहता।यदि आपसे कोई कहे कि इस जाति में दहेज़ के रूप में कुत्ते और गधे देने की अनोखी परंपरा का चलन हैं तो शायद आपकों विश्वास नहीं होगा लेकिन यह सच है।

अनोखा रिवाज: यहां लड़के वाले देते हैं दहेज़, दुल्हन के साथ आता है कुत्ता और गधा!

Gagan Gurjar  |  Jan 24, 2013, 01:37AM IST
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पश्चिमी राजस्थान का एक खूबसूरत जिला है बाड़मेर, और इस जिले में बसते हैं, सदियों से चली आ रहीं कई संस्कृतियों और परम्पराओं को मानने वाले लोग, कुछ ऐसी जातियां जो इन परम्पराओं में बंधकर अपना जीवन बसर कर रही हैं।इन्हीं जातियों में से एक जाति है जोगी।आम तौर पर घुमक्कड़ किस्म की यह जाति अपनी गुजर बसर के लिए भीख मांगने का काम करती है।आजादी के पैंसठ साल बाद भी जहां सारा देश तरक्की करआगे बढ़ रहा है, वहीं इस जाति की ओर सरकार का ध्यान आज तक नहीं गया।
 
आज भी यह जाति अपनी सदियों पुरानी परम्पराओं की बेड़ियों में जकड़ी हुई है और गुजर बसर के लिए भीख मांगने का काम कर रही है। कई ऐसी परम्पराएं और नियम इस जाति में हैं जिन्हें सुनकर आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहता।यदि आपसे कोई कहे कि इस जाति में दहेज़ के रूप में कुत्ते और गधे देने की अनोखी परंपरा का चलन हैं तो शायद आपकों विश्वास नहीं होगा लेकिन यह सच है।

अनसुनी बातें: दुनिया के सबसे बड़े संविधान के कुछ बेहद रोचक तथ्य


अनसुनी बातें: दुनिया के सबसे बड़े संविधान के कुछ बेहद रोचक तथ्य
इस 26 जनवरी को हमारा संविधान अपनी 64 वीं सालगिरह मनाएगा। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसमें 44 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। इसके 25 भाग हैं। आज़ादी के बाद संविधान का निर्माण एक सबसे जटिलतम प्रक्रिया थी
 -भारत के संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में हाथ से लिखी गई है। संविधान की मूल प्रति एक हीलियम के एक विशेष केस में सहेज का संसद भवन की लाइब्रेरी में रखी गई है।
 -संविधान बनाने वाली कमेटी में 284 सदष्य थे। जिनमें 15 महिलाएं भी शामिल थी। इन सबने 24 जनवरी 1950 को एक संविधान के एक पत्र पर दस्तखत किए। इसके बाद 26 तारीख को भारत का संविधान असतित्व में आया।
भारतीय संविधान को बनाते समय दुनिया के कई देशों के संविधान का अध्ययन किया गया। इस प्रक्रिया में कई देशों के संविधान के बहुत से नियम हूबहू उतारे गए। स्वतंत्रता, एकता, भाईचारे जैसे विचार फ्रांसिसी संविधान से प्रभावित थे। पांच साल के कार्यकाल का विचार USSR से लिया गया। सामाजिक और आर्थिक अधिकारों इस 26 जनवरी को हमारा संविधान अपनी 64 वीं सालगिरह मनाएगा। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसमें 44 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। इसके 25 भाग हैं। आज़ादी के बाद संविधान का निर्माण एक सबसे जटिलतम प्रक्रिया थीको आयरलैंड के संविधान से प्रभावित माना जाता है। सर्वोच्च न्यायालय की कार्यप्रणाली कानून जापान के संविधान से ली गईं। इन सब के अलावा अमेरिका से बुनियादी अधिकार, राज्य प्रबंधन और इंग्लैंड से राष्ट्रपति के अधिकार, प्रधानमंत्री पद और संसदीय प्रणाली प्रक्रिया ली गई।
- देश के राष्ट्रीय चिन्ह में शेर, पहिया और बैल और घोड़ा है। यह सारनाथ से लिया गया जो महान अशोक की राजधानी थी। इसे भारतीय संविधान में राष्ट्रचिंह के तौर पर 26 जनवरी 1950 को शामिल किया गया।


 

राजनाथ के अध्यक्ष बनते ही बदले सियासी समीकरण, संतुलन बनाने में जुटे नेता


जयपुर.नितिन गडकरी के इस्तीफे और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर राजनाथ सिंह की ताजपोशी के साथ ही राजस्थान के प्रमुख भाजपा नेता बुधवार को दिल्ली में बदले हुए सियासी समीकरणों के हिसाब से सत्ता संतुलन बनाने में जुटे रहे। 
 
नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे, प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामदास अग्रवाल, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ललित किशोर चतुर्वेदी, सांसद अर्जुन मेघवाल, किरण माहेश्वरी, पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी, भवानी सिंह राजावत आदि ने दिल्ली में नए अध्यक्ष से मुलाकात कर बधाई दी। वसुंधरा राजे बुधवार सवेरे निवर्तमान अध्यक्ष नितिन गडकरी के घर जाकर मिली। शाम होते-होते गडकरी के यहां प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी भी मिलकर आए। 
 
भाजपा के नए अध्यक्ष और सीएम प्रोजेक्ट करने का फैसला राजनाथ सिंह संभवतया अगले सप्ताह तक कर देंगे। राजनाथ सिंह के अध्यक्ष बनने पर बुधवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में शहर अध्यक्ष शैलेंद्र भार्गव, पार्टी के प्रवक्ता सुनील भार्गव और युवा मोर्चा के हेमंत लांबा, जोगेंद्र सांवरदा आदि समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्र हुए। मिठाइयां बांटी और पटाखे छोड़कर खुशियां मनाई।
 
राजनाथ के अध्यक्ष बनने का प्रदेश में सियासी असर 
 
भाजपा संगठन और संघ से जुड़े नेता मजबूत होंगे। प्रदेश अध्यक्ष संघनिष्ठ खेमे से बनाए जाने के आसार बढ़ गए हैं। वसुंधरा राजे को सीएम प्रोजेक्ट किया जा सकता है। इसका फैसला अगले सप्ताह तक हो सकता है। 
 
गडकरी के आवास पर मंत्रणा 
 
वसुंधरा राजे दिल्ली में नितिन गडकरी से घर जाकर मिली। तब राजनाथ सिंह भी वहीं थे। वहां तीनों के बीच लंबी मंत्रणा हुई। इसके बाद वसुंधरा राजे राजनाथ सिंह के पदग्रहण समारोह में शामिल हुई। दोपहर बाद वे जयपुर लौट आई, जबकि रामदास अग्रवाल, घनश्याम तिवाड़ी और अरुण चतुर्वेदी दिल्ली में ही हैं।
 
किरोड़ी आ सकते हैं वापस
 
भाजपा में रहते हुए सांसद किरोड़ी लाल मीणा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह से अच्छे संबंध रहे हैं। राज्य विस के चुनाव होने से पहले किरोड़ीलाल मीणा के पार्टी में वापसी के आसार बढ़ गए हैं। 
 
 
छवि बेदाग है
 
'राजनाथ सिंह की कृषि विशेषज्ञ के रूप में पहचान है। बेदाग छवि है। संगठन का लंबा अनुभव है। सबको साथ लेकर चलते हैं। उनके अध्यक्ष बनने से पार्टी मजबूत होंगी।'  
 
अर्जुन मेघवाल, सांसद बीकानेर
 
उन्होंने ही अध्यक्ष बनाया  
 
'उन्होंने ही मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया। वे युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब कार्यकारिणी में मुझे लिया था। सीधा संवाद उनकी खासियत है।' 
 
-अरुण चतुर्वेदी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
 
कड़े फैसले की क्षमता : अग्रवाल
  
'पार्टी हित में कठोर निर्णय लेने की क्षमता है। नेता प्रतिपक्ष से वसुंधरा राजे का इस्तीफा ले लिया था। गलती पर जसवंत सिंह तक को बाहर का रास्ता दिखाने से नहीं हिचके।'  
 
-रामदास अग्रवाल, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष भाजपा
 
निर्णय लेने में कुशल : ललित  
 
'राजनाथसिंह क्लीन इमेज, गुड एडमिनिस्ट्रेटिव, समन्वयवादी, सहयोगी दल के नेताओं से बेहतर संबंध, कुशल संगठक हैं।'  
 
-ललित किशोर चतुर्वेदी, 
भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष
 
महिलाओं के पैरोकार  
 
'वे राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के प्रबल पैरोकार है। पार्टी का संविधान संशोधन करके उन्होंने ही महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करवाया।' 
 
-किरण माहेश्वरी, राष्ट्रीय महासचिव भाजपा
 
सबसे बड़ी पार्टी बनेगी  
 
'एक बड़े किसान नेता के रूप में उनका जनाधार है। वे पार्टी में नई ऊर्जा भरेंगे। जिससे विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी विजय का परचम लहराएगी।' 
 
-सुनील भार्गव, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता

'दामिनी' गैंगरेप:वर्मा कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, बलात्कारी को फांसी की सिफारिश नहीं की

नई दिल्‍ली. पिछले महीने चलती बस में दरिंदगी की शिकार हुई 'दामिनी' के गुनहगारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलने की उम्‍मीद है। जस्टिस जेएस वर्मा कमेटी ने यौन अपराधों के खिलाफ सख्त कानून की पैरवी की है। कमेटी ने बुधवार को यह रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। उन्‍होंने कहा कि युवाओं के कारण ही सरकार को रेप के गुनहगारों के लिए सख्‍त कानून बनाने का कदम उठाना पड़ा। जस्टिस वर्मा ने कमेटी की सिफारिशों के आधार पर जल्‍द (संसद के अगले सत्र में) कानून बनाए जाने की उम्‍मीद की है। दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से चलती बस में गैंग रेप की घटना के बाद कानून में संशोधन संबंधी सुझाव देने के लिए यह कमेटी गठित की गई थी।

जस्टिस वर्मा ने कहा कि बलात्‍कार, यौन उत्‍पीड़न, छेड़खानी या गलत नीयत से पीछा करना गंभीर विषय हैं और इन्‍हें हमारा समाज बर्दाश्‍त कर रहा है। कमेटी ने कहा कि छेड़छाड और गलत नजर रखने वाले और इंटरनेट पर जासूसी करने वाले को 1 साल की सजा दी जानी चाहिए।  हालांकि कमेटी ने रेप के सामान्य मामलों में फांसी की सजा न देने की वकालत की है। कमेटी ने केवल रियरेस्ट ऑफ दे रियर केस में ही फांसी दिए जाने की बात कही है। रिपोर्ट में कहा गया कि अपराध कानून की कमी नहीं बल्की सुशासन की कमी से होते हैं। कमेटी ने कपड़े फाडने पर सात साल की सजा की सिफारिश की है।
 
गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद जस्टिस वर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यदि कमेटी 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंप सकती है तो सरकार भी इस पर जल्‍द अमल कर सकती है। उन्‍होंने कहा, 'हमें समाज के हर तबके से सुझाव मिले। हमने सभी से बात की। सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी बात की। युवाओं के सुझाव मिले। विदेशों से भी सुझाव मिले। हमने हर सुझाव पढ़े और उस पर विचार किया। कल हमें 80 हजार सुझाव मिले थे, हमने हर सुझाव पढ़े। 29 दिनों में रिपोर्ट तैयार की है।'
जस्टिस वर्मा ने कहा कि पुलिस का काम केवल अपराधियों को सजा दिलाना ही नहीं है बल्कि पुलिस को अपराध रोकने के लिए भी सतर्क रहना चाहिए। उन्‍होंने कहा, 'मैं उस वक्‍त हैरान हुआ जब गृह सचिव ने पुलिस कमिश्‍नर की तारीफ की। हमारे पास कानून तो हैं लेकिन संवेदनशीलता नहीं है।'

सिपाही की लंबी दाढ़ी: केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस


उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र पुलिस के एक मुस्लिम सिपाही द्वारा दाढ़ी रखने के सवाल पर केन्द्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। यह सिपाही चाहता है कि उसे उसके धार्मिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुए लंबी दाढ़ी रखने की अनुमति दी जाए।
न्यायमूर्ति पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की खंडपीठ, सिपाही जहीरुद्दीन शमसुद्दीन बेदादे की याचिका पर केन्द्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किए। इन दोनों सरकारों को चार सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है।
इस सिपाही ने अपनी दाढ़ी बढा ली है। बढ़ी हुई दाढ़ी बनाने से इंकार करने के कारण छह महीने पहले उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।
महाराष्ट्र राज्य आरक्षी पुलिस बल में जालना में 2008 में बतौर सिपाही भर्ती हुए जहीरुद्दीन ने बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद बेंच के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने इस सिपाही को दाढ़ी बढ़ाने की अनुमति नहीं देने के प्रशासनिक निर्णय को सही ठहराया था।
जहीरुद्दीन के वकील का कहना था कि कुछ मामलों में केन्द्र ने मुस्लिम पुलिसकर्मियों को धार्मिक परंपरा के कारण करीने से कटी हुई दाढ़ी रखने की अनुमति दी है। इस सिपाही को मई 2012 में दाढ़ी रखने की अनुमति दी गई थी, लेकिन महाराष्ट्र में सेवा नियमों से संबंधित नियमों में बदलाव के कारण नौ अक्तूबर, 2012 को उसे दाढ़ी रखने के बारे में दी गयी अनुमति रद्द कर दी गयी थी।
उच्च न्यायालय ने दाढ़ी रखने के लिये जहीरुद्दीन की याचिका खारिज कर दी थी।

कुरान का सन्देश

ऐ मेरे हमसफर

ऐ मेरे हमसफर
तू क्यूँ
मुझ से अलग रहता है ..
मेरी जिंदगी तू है
तेरी जिंदगी में हूँ
फिर तुझे
अभी तक
यह सच क्यूँ नहीं पता है ..... 
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