आपका-अख्तर खान

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24 जनवरी 2013

दोस्तों आज ईदमिलादुन्नबी बाराह रबिउल अव्वल के पाक मोके पर में उन लोगों का शुक्रीया केसे अदा करूँ जिन्होंने बिना किसी लोभ लालच के कोटा के गुर्दा पीड़ित साकिब की मदद कर उसे नई जिंदगी दी है

दोस्तों आज ईदमिलादुन्नबी बाराह रबिउल अव्वल के पाक मोके पर में उन लोगों का शुक्रीया केसे अदा करूँ जिन्होंने बिना किसी लोभ लालच के कोटा के गुर्दा पीड़ित साकिब की मदद कर उसे नई जिंदगी दी है ..........दोस्तों बात छोटी सी है लेकिन जिन हालातों में साकिब की मदद हुई उसके लियें मदद के हाथ आगे आये और जिन भामाशाहों ने इस तकलीफ को देखकर भी अपना मुंह मोड़ लिया उसने इस कोम और इस शहर के लोगों के लियें एक नया फलसफा तय्यार किया है जिसपर चिंतन और मंथन के बाद कोई निर्णय लेने की जरूरत आ पढ़ी है ..दोस्तों स्टेशन इलाके के साकिब को गुर्दे की तकलीफ थी उसकी कमाई जो भी थी उसके परिवार की कमाई जो भी थी वोह सब इलाज में खत्म हो गयी थी ..साकिब के गुर्दे के इन्फेक्शन की वजह से उसकी जान पर बन आई थी उसका गुर्दा ट्रांसप्लांट करना ही एक इलाज डॉक्टरों ने बताया था .....इस काम के लियें अहमदाबाद के डॉक्टरों ने करीब छ लाख रूपये का खर्च बताया था खेर कोटा शहर काजी अनवार अहमद की अध्यक्षता में एक समिति साकिब पुनर्जन्म समिति बनाई गयी जिसमे समाज सेवक डोक्टर आर सी साहनी और मुझे अख्तर खान अकेला को भी शामिल क्या गया देनिक भास्कर ने इस मामले में लोगों से मदद की मुफ्त अपील करने का भरोसा दिलाया .....मदद के लियें रूपये एकत्रित करने और बेंक का हिसाब रखने चेक बनाने की ज़िम्मेदारी मेरी थी ..खेर साकिब की हालत देख कर उसकी पत्नी ने उसे गुर्दा देने के लियें रजामंदी दी ..अख़बार में अपील जारी हुई हमने अपने दोस्तों मित्रों से कहा इंटरनेट पर फेसबुक पर ब्लॉग पर मेने भी अपील जारी की ..नतीजे सकारात्मक आये बेंक खाते में रूपये जमा होने लगे लोग रसीदें कटवाने आने लगे .....सऊदी अरब ...और दुसरे शहरों से भी बेंक खाते में रूपये जमा हुए ...एक कोचिंग की छात्रा ने झोली फेलाकर अपने आर के पुरम मकान के आसपास से पन्द्राह हजार रूपये एकत्रित कर जब मुझे यह राशि ले जाने के लियें फोन किया तो उसका जज्बा देख कर मेरी आँखें छल छला आयीं ...भोपाल से एक भाजपा नेता जो खुद आर एस एस के कथित कट्टरपंथी विकार्धरा के थे फेसबुक पर पढ़ कर उन्होंने मुझे फोन किया और कहा के वेसे तो हम आर एस एस के है लेकिन इस काम के लियें हम ज़ात धर्म नहीं देखते है बेंक में दस हजार रूपये जमा करवा दिए है और अगर जरूरत हो तो बताना हम मदद में पीछे नहीं हटेंगे यकीन मानिए उस वक्त मुझे अहसास हुआ के सभी दुःख दर्द में एक दुसरे के कम आने वाले इन भारत वासियों ने ही मेरे इस देश को महान कर दिया है ....एक तरफ यह खुश मिजाजी के अनुभव मिल रहे थे तो दूसरी तरफ तकलीफ देह और शर्मनाक हालात भी देखने को मिले हैं ...साकिब की पत्नी की किडनी लेने के लियें अहमदाबाद के चिकित्सकों ने इंकार कर दिया उसका भाई किडनी देने को तय्यार था लेकिन क्रोस मेच नहीं होने के कारण वक्त खराब हो रहा था डायलिसिस के नाम पर लाखों रूपये ब्र्ब्द हो रहा था ...कोटा शहर काजी ..डोक्टर आर सी साहनी और मेने मिलकर तय किया के साकिब की तबियत दिन बा दिन खराब है भास्कर के शेलेन्द्र माथुर और सम्पादक जी से मशवरा किया और जयपुर के मोनिलेक हॉस्पिटल में बात की ..जाँच हुई पत्नी की किडनी मेच हो गयी और पत्नी की किडनी सकीब के ट्रांसफर की तय्यारी थी तात्कालिक काफी बढ़ी रकम की जरूरत थी जो जमा रकम थी वोह बहुत कम थी फिर लोगों से रूपये एकत्रित करने की योजना बनाई कोटा के भामा शाहों को टटोला कई मुस्लिम भामा शाहों ने हाथ खड़े कर दिए खुद को गरीब हो जाना कहा लेकिन दुसरे दिन ही लाखों रूपये के विज्ञापन अख़बारों और बेनरों पर उन्होंने उनके नेताओं के लियें लगा दिए ....जुलुस ..धरने ..प्रदर्शन और फ़िज़ूल खर्चियों पर यह कथित भामाशाह बेहिसाब खर्च कर रहे थे कोटा से मुम्बई स्थापित हुए एक कथित करोड़ पति जी का ख्याल आया उन्हें साकिब की तकलीफ बताई लेकिन अफ़सोस के लोगों को लाखों रूपये की मदद की फेक्म फांक करने वाले इन सज्जन ने भी हाथ खड़े कर दिए ..खेर काजी साहब के फंड और दोस्तों की मदद से बेड़ा पार हुआ ..और अब साकिब उसकी बीवी किडनी ट्रांसप्लांट के बाद अल्लाह के फ्ज्लो करम और आपकी दुआओं से ठीक है आज साकिब की अस्पताल से छुट्टी होने का दिन है उसकी बीवी जिसने अपने शोहर को गुर्दा देकर उसकी जान बचाई है वोह भी तंदरुस्त है .......आज हुजुर स अ व् ईद मिलादुन्नबी बारह रबीउल अवल का मुबारक दिन है और आज के दिन ही उसकी अस्पताल से तंदरुस्ती के साथ छुट्टी हो रही है ..दोस्तों यह मदद गारों के लियें शुक्रिया का वक्त है लेकिन इन हालातों में एक सवाल पैदा हुआ है क्या पुरे कोटा शहर में कोई एक ऐसा भाह्मा शाह नहीं था जो इस काम को करवा सकता ...क्या मुस्लिम समाज जिसके कथित भामा शाह लाखों रूपये की गाड़ियों में घूमते है .....कई तोला सोने की चेन लपेटे रहते है ..अपने नेता अपने आकाओं के फोटू अख़बारों में छपवाने के लियें लाखों रूपये के अख़बारों में विज्ञापन दे देते है और झंडे बेनर फ्लेक्स पर लाखों रूपये खर्च कर देते है ..एक छोटे से नाकुछ पद को लेने के लियें सरकार में बेठे नुमाइंदों को लाखों रूपये की रिश्वत देते है और फिर लाखों रूपये मिठाई और दावतों में उड़ा देते है ...दिखावे ..जुलुस ..खुद के फोटू लगाकर स्वम्भू प्रचार और कथित फातिहा के नाम पर लोगों को बुलाकर खाना खिलाने के नाम पर लाखों रूपये खर्च कर देते है वोह लोग जो करोड़ों की इमारतों में स्कुल चला रहे है व्यापार कर रहे है एक छोटा सा काम नहीं करवा सकते थे ...अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है राजस्थान का वक्फ निजाम तो सरकार के जोकर और एजेंटों के पेट पालने का जरिया बन गया है लेकिन इस ईद मिलादुन्नबी के मुबारक मोके पर हम सभी मुसलमानों को जो हुजुर स अ व् की पैदाइश पर केवल जुलुस और जलसों में जाने का ढोंग कर रहे है और उनकी नेतिक शिक्षा जिसमे गरीब दीन हीन बीमारों की मदद पढाई के लियें खर्च की प्रमुखता है उसे निभा नहीं रहे है ...आज भी हम सोचें चिन्तन करे मंथन करे के हम बेवजह खानों दावतों ..विज्ञापनों ..नेताओं से दो कोडी के पद लेने के लियें उन्हें रिश्वत देने ..दिखावा करने से अलग हठ कर एक स्थाई ट्रस्ट बनाये जिसमे कोटा के बीमारों ..गरीब ..परेशान लोगों की मदद हो सके तो तो आज ईद मिलादुन्नबी के दिन उनकी शिक्षाओं की प्राथमिकता होगी और हुजुर स अ व् की शिक्षा किसर्थाकता होगी ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शुक्रिया देनिक भास्कर शुक्रिया ......लोगों की बेहिसाब दरियादिली के जज्बे को सलाम
दोस्तों कोन कहता है मेरा भारत महान नहीं है ..कोन कहता है मेरे भारत में इंसानियत नहीं है ...जी हाँ दोस्तों किसी ने कश्मीर जो भारत का अभिन्न अंग है उसके लियें कहा था के अगर जन्नत है तो बस यहीं है ठीक इसी तरह से में कहता हूँ के अगर मानवता , भाईचारा, सद्भावना एक दुसरे के लियें दिल दुखाना अगर कहीं है तो वोह भारत वासियों में है ...एक अकेला भारत देश ही ऐसा है जहाँ मानवीयता निवास करती है ...दोस्तों कोटा में स्टेशन इलाके में रहने वाले साकिब जिसके माता पिता का स्वर्गवास हो चूका है घर में एक भाई है यकीन कोई मदद नहीं है ..साकिब की अभी शादी हुई है लेकिन सकीब की जिंदगी में खुशिया कहां थीं उसके गुर्दे में दर्द हुआ जाँच करवाई तो पता चला के उसके दोनों गुर्दे खराब हो चुके है और जल्दी ही उसके गुर्दे का प्रत्यर्पण नहीं किया गया तो उसकी जिंदगी को खतरा हो सकता है ..........कोटा के सुधा अस्पताल के नेफ्रोलोजिस्ट पंकज कास्ट ने सभी प्रारम्भिक जाँच के बाद उसकी जिंदगी के लियें गुर्दे का प्रत्यर्पण शीघ्र किये जाने की जरूरत बताई ..साकिब का नसीब बुलंद था की उसकी शरीके हयात ने उसे एक गुर्दा देना मंजूर किया और कुदरत ने भी उसका साथ दिया मेडिकल जान्च में सकीब और सुकी पत्नी का ब्लड ग्रुप मेच कहा गया और डॉक्टरों ने साकिब को पत्नी का गुर्दा दिया जाना मंजूर कर लिया ..लेकिन अब दुरी बढ़ी प्रीशानी यह थी के सकीब गरीब परिवार का बेसहारा था ..उसके चाचा .पत्नी और बहनों ने कोशिश की लेकिन गुर्दे प्त्यार्पण का लाखों का क्ख्र्च उसके लियें जुटा पाना मुश्किल था .....इसकी जानकारी जब कोटा देनिक भास्कर के सम्पादक और प्रबंधकों को मिली तो भास्कर ने उपरी स्तर पर इसकी स्वीकारती प्राप्त की ........कोटा में साकिब की आर्थिक मदद के लियें कोटा शहर काजी अलहाज काजी अनवर अहमद की अध्यक्षता में साकिब पुनर्जन्म समिति के गठन का निर्णय लिया गया और सचिव समाजसेवक डोक्टर आर सी साहनी को बनाया गया .....एडवोकेट अख्तर खान अकेला यानि मुझे ट्रेज़रार बनाया गया ...जी दी पटेल और कोमरेड गफ्फार को सदस्य बनाया गया ......कोटा के देनिक भास्कर का दिल पसीजा और देनिक भास्कर के सम्पादक जी ने साकिब की मार्मिक दास्ताँ अख़बार में बयान कर डाली बस फिर क्या था दानदाताओं और साकिब की मदद करने वालों का तांता लग गया ........एरोड्रम घोड़ेवाले बाबा शोपिंग सेंटर स्थित कोर्पोरेशन बेंक में शहर काजी बेतुल्माल से दो हजार रूपये लेकर खता खुलवाया गया कोर्पोरेशन बेंक में सेविंग बेंक खाता संख्या ०५६६००१०१००८०८४ जिसका आई एफ आई सी कोड कोर्प ०००० ५६६ रखा गया ..भास्कर अख़बार ने खाता तो प्रकाशित नहीं किया लेकिन मेरे मोबाइल नम्बर ९८२९०८६३३९ खबर के साथ प्रकाशित पर सुबह से लोगों के फोन शुरू थे .....छावनी के अब्दुल सत्तार कबाड़ी ने अपने पुत्र आशिक अली के साथ इक्कीस हजार रूपये भिजवाये .पुलिस में तेनात हेड कोंसिटेबल हमीद भाई ने एक हजार उर्प्ये दिए ..केशवपुरा के अमीनुद्दीन जी ने एक हजार रूपये दिए जबकि रेलवे कोलोनी के आबिद नूर पठान ने ग्यारह हजार रूपये जमा कराए ..इसके अलावा सीसवाली कोटा से अब्दुल हमीद ...जरीना खान ..कोटा के हयात भाई ...रेलावन बारां के शराफत अली ..धबादेह के फारुक भाई ....घंसी भिया ....सत्तार भाई विज्ञाननगर वालों ने दस हजार रूपये भिजवाने का वायदा किया .....जेफ़ खान मंसूरी ने तो कमाल ही कर दिया उन्होंने यह मामला फेसबुक पर डाला और सउदी से कुछ लोगों के फोन आने लगे...जेफ़ खाँ मंसूरी इस मामले में काफी चिंतित नज़र आये ....मास्टर अनवर हुसेन ....अब्दुल कय्यूम ढ्हाबी वाले ..मजहर भाई ...डोक्टर परवेज़ ..कुमार कोटरी ..हनुमान जी शर्मा ..अजीमुद्दीन भिया ....आशिक भिया ..अंत के गुड्डू भाई ...सुकेत के अली भाई ....निसार भाई कोटडी ..अहमद हुसेन ..खालिद मंसूरी इकलेरा ..मकबरा के राजा भाई ...चोमेहला के सुरेन्द्र जी ...शराफत भाई ओमेन्द्र चक्रवर्ती ..खानपुर के नईम भाई ....जाहिद हुसेन ..मुकेश भाटिया ..संजय सिंह ..खुर्शीद अली ..संजय श्रीवास्तव ..वसीम पठान ने मदद का भरोसा दिलवाया कुछ लोगों ने ख़त संख्या बताने पर सीधे खाते में रूपये जमा करा दिए कुछ ने कोटा के शहर काजी के पास रकम जमा कराई ..एक बच्ची सुश्री मनीषा ने तो कमाल ही कर दिया उसने खुद के स्कूल और आस पास के लोगों से कुछ रूपये इकट्ठे किये और मुझे फोन किया मेने उसके जज्बे को सलाम कर यह रक़म जमा करने वालों की लिस्ट के साथ मंगवाने का वायदा किया ..तो दोस्तों यह मेरा भारत महान ही हो सकता है जब किसी के काँटा चुभे कोई तकलीफ हो तो बिना किसी ज़ात पात धर्म के भेदभाव के सेकड़ों हाथ उसकी मदद के लियें आगे आ जाते है ..इसलियें कहते है ऐ भारत ऐ भारत के लोगों तुम्हे और तुम्हारे जज्बे को सलाम ..प्लीज़ इसे शेयर करे और साकिब की मदद के लियें corporation bank ...aerodrm ghodevaale baba shoping center ब्रांच कोटा राजस्थान इण्डिया ke seving bank account 056600101008084 ific code corp.0000566 साकिब पुनर्जन्म समिति के खाते में जो भी मदद हो जमा कराए और इसके लियें लोगों को प्रेरित करें .................मेरे फेसबुक मित्रों से गुजारिश है के वोह इसे शेयर करें या खुद के हिसाब से इसकी खबर या सुचना बनाकर प्रकाशित करें ........एक बार फिर कोटा देनिक भास्कर और कोटा सहित आसपास के लोगों के जज्बे को सलाम शुक्रिया ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
गुर्दे की बीमारी से पीड़ित साकिब की मदद के लिए देनिक भास्कर की पहल के बाद कई हाथ आगे आये लेकिन अभी दिल्ली दूर है
कोटा में गुर्दे की बीमारी से पीड़ित साकिब के लियें देनिक भास्कर के सहयोग से साकिब पुनर्जन्म समिति के मदद कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम सामने आने लागे है ..साकिब को आज अहमदाबाद गुजरात में डॉक्टरों ने चेक आप किया उसका इलाज और गुर्दे प्रत्यर्पण का काम अस्पताल की फ़ीस लगभग पांच छ लाख रूपये एकत्रित होते ही शरू कर दिया जाएगा अभी प्रार्म्हिक इलाज शुरू हो गया है साकिब की पत्नी सबा उर्फ़ रजिया सुलतान और उसके चाचा जाहिद ने देनिक भास्कर की इस मुहीम के लियें भास्कर टीम को अहमदाबाद से धन्यवाद ज्ञापित किया है ...........साकिब की बीमारी के इलाज के लियें कोटा की एक बेटी मनीषा सेन ने तो कमाल ही कर दिया उसने दो दिनों में अपनी सहेलियों के साथ मिलकर लोगों से आठ हजार रूपये इकट्ठे कर डाले है और वोह उसके इस कार्य से अपनी सहेलियों के साथ गदगद है उसका उत्साह है के खुदा सकीब पुनर्जन्म समिति के नाम पर शीघ्र ही इलाज के लायक रक़म जमा करा दे और उसे सह्त्याब कर वापस भेज दे ..............साकिब की मदद के लियें अब तक दो हजार रूपये बेतुल्माल से ..पांच हजार रूपये रावतभाटा की तरफ से गुमनाम व्यक्ति द्वारा दिए गए है ....हामिद भाई पुलिस हेड ने एक हजार रूपये .....आबिद नूर पठान रंगपुर रोड ने ग्यारह हजार रूपये ......अजीमुद्दीन भाई केशव पूरा ने एक हजार रूपये .......सत्तर भाई कबाड़ी छावनी वालों ने इक्कीस हजार रूपये .....हाजी अमीनुद्दीन ने पांच सो रूपये ....मोहम्मद रफ़ीक बेलियम ने एक हजार रूपये हाजी अहमद हुसेन ने एक हजार रूपये महमूद हुसेन ने एक हजार रूपये ....मोहम्मद उस्मान ने पांच हजार रूपये ...निसार अहमद ने तीन हजार रूपये ..गुम्नव व्यक्ति ने दो हज़ार रूपये ...अब्दुल गाणी ने एक हजार रूपये राशेश हथिया ने पच्चीस सो रूपये ....मुश्ताक भाई मिर्चिवालों ने चार हजार रूपये ...मोहम्मद मुश्ताक आर्ट टी ओ वालों ने पांच हजार रूपये प्रोफ़ेसर श्रीमती कमर जहाँ ने दो हजार रूपये जमा करा दिए है ..अभी साकिब को और मदद की जरूरत है इसके लियें देनिक भास्कर फिर से प्रयासरत है ताके लोग अधिक से अधिक मदद के लियें आगे आयें ..साकिब पुनर्जन्म समिति का खाता एरोड्रम घोड़ेवाले बाबा शोपिंग सेंटर स्थित कोर्पोरेशन बेंक में है जिसका सेविंग बेंक अकाउंट नम्बर ०५६६००१०१००८०८४ है और आई एफ आई सी नम्बर कोर्प ००००५६६ हे .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह है एक ऐसी जगह, जहां एक महिला के होते हैं कई पति


PICS: यह है एक ऐसी जगह, जहां एक महिला के होते हैं कई पति
चंडीगढ़। आप माने या न माने, लेकिन यह सत्य है कि हिमाचल जिला किन्नौर में आज भी बहुपति प्रथा कायम है। यहां एक महिला के कई पति होते हैं। यह एक ऐसा इलाका है, जहां पर पत्नी को पति के मरने के बाद उसका वियोग सहने का मौका ही नहीं मिलता है। यही वजह है कि इस क्षेत्र में विरह के गीत गाए ही नहीं जाते हैं। यदि इस तरह के गीत भी हैं तो वे देवता की आज्ञा से ही गाए जाते हैं।

हालांकि, किन्नौर में आधुनिकता के दौर इस प्रथा का प्रचलन कम हो गया है, लेकिन इस क्षेत्र में कई परिवारों में यह प्रथा अभी भी कायम है। एक ही परिवार के तीन या चार पांच भाई एक ही स्त्री से शादी करते हैं। जब कोई एक भाई अपनी पत्नी के साथ अकेले कमरे में संभोग कर रहा होता है तो वह संकेत के तौर पर कमरे के बाहर लगे खूंटे पर अपनी टोपी टांग देता है।

जानिए, कैसे पाकिस्तान में तिरंगे के लिए जान पर खेल गया एक जांबाज!

26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस यानि हमारे संविधान का जन्म दिवस।आज से 63 साल पहले 1950 में ठीक इसी दिन भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी देकर हमारे राष्ट्र ध्वज तिरंगे को फहराया था और भारतीय गणतंत्र की घोषणा की थी।इससे पहले 15 अगस्त 1947 हमारा देश आजाद तो हो गया था लेकिन हमारा कोई संविधान न होने के कारण सही मायनों में आजादी नहीं मिल पाई थी। 
इसके लिए भारतीय महापुरुषों ने 894 दिन की कड़ी मेहनत के बाद स्वतंत्र भारत का संविधान बनाया और 26 जनवरी 1950 को भारतीय जनता के सामने उसकी घोषणा की।तब से हर साल 26 जनवरी का दिन भारतीय इतिहास में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

'मुझे गुजरात में दफनाना, कब्र पर महुआ का पेड़ लगाना'

 

जयपुर.प्रसिद्ध लेखिका और वामपंथी रुझान वाली सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी ने कहा है कि वे सदा जीवित रहना चाहती हैं, लेकिन उनकी इच्छा है कि वे जब मरें तो उनकी देह का अग्नि से अंतिम संस्कार करने के बजाय उन्हें गुजरात की मिट्टी में दफनाया जाए। वे यह भी चाहती हैं कि उनकी कब्र पर महुआ का पेड़ लगाया जाए। 
 
यह मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात नहीं, गुजरात के आदिवासियों का इलाका तेजगढ़ है। उन्होंने यह भी कहा कि आज के आधुनिक समाजों को आधुनिकता का असली पाठ राजस्थान सहित विभिन्न प्रदेशों में रह रहे आदिवासियों से सीखना चाहिए, जिनमें जेंडर डिविजन नहीं है। 
 
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में उद्घाटन भाषण के बाद दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा: मैं नहीं चाहती कि मुझे जलाया जाए। मैं पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में दफनाया जाना पसंद करूंगी। अग्नि से अंतिम संस्कार और अस्थि प्रवाह में मेरा विश्वास नहीं है। लेकिन पुरुलिया में बहुत पुराने विश्वास के हिंदू रहते हैं। 
 
वे मुझे वहां दफनाए जाने की इजाजत नहीं देंगे। इसलिए मैंने फैसला लिया है कि मुझे गुजरात में दफनाया जाए। तेजगढ़ इलाके में जीएन देवॉय काम करते हैं और हमने यह इलाका देख भी लिया है। यह मेरे लिए सबसे अच्छा विकल्प है। मैं चाहती हूं, मेरे दफनाने के बाद मेरी कब्र पर महुआ का पौधा लगाएं और जो पेड़ बनकर लहलहाए। 
 
 
आदिवासी समाज सबसे आधुनिक 
 
महाश्वेता देवी ने कहा : आदिवासी समाजों के लोग शिक्षित भारतीयों से कहीं ज्यादा एडवांस हैं। इन लोगों से ही आज के आधुनिक लोगों को आधुनिकता सीखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को चाहिए कि वह प्रदेश में आदिवासी और घुमंतू परिवारों सहित सबके लिए 100 प्रतिशत साक्षरता के लिए तत्काल आंदोलन चलाए। क्योंकि साक्षरता ही जिंदगी में आए दिन सामने आने वाले हर रण को जिताने वाला पहला और जरूरी हथियार है। 
 
आदिवासी इसलिए हैं आधुनिक
 
महाश्वेता देवी ने कहा :  आदिवासी आज भी पानी बचाते हैं। बेटे-बेटी में भेद नहीं करते। गर्भ में बेटी का पता लग भी जाए तो भ्रूण हत्या तो दूर, ऐसा करने की वे कल्पना भी नहीं कर सकते। जमीन पर स्त्री और पुरुष का समान अधिकार मानते हैं। ये दहेज नहीं लेते। न घूंघट है और न बुर्का। आधुनिक समाजों से भी आधुनिक इनके वस्त्र और आभूषण हैं। इनके जीवन में कला है, रंग हैं, पेड़ हैं। 
 
महिलाओं को है आजादी
 
उन्होंने कहा कि आदिवासी समाजों में महिलाओं को वह हर स्वतंत्रता हासिल है, जो आधुनिक समाजों में होनी चाहिए, लेकिन होती नहीं। एक मात्र आदिवासी ही हैं, जहां जेंडर डिविजन नहीं है। इन समाजों में स्त्रियों को वैधव्य का अभिशाप नहीं ढोना होता। 
 
यहां स्त्री पिता, पति या बेटों के वर्चस्व से पूर्ण मुक्ति का जीवन जीती है। उसे खाने-पीने, पहनने-ओढ़ने और कहीं भी घूमने-फिरने की सब आजादियां हासिल हैं। आदिवासी स्त्री चाहे तो पति को कभी भी छोड़कर अपने मनपसंद पुरुष से विवाह रचा सकती है।

मुंबई हमले के साजिशकर्ता पर अमेरिकी कोर्ट का फैसला, हेडली को 35 साल की जेल


शिकागो.  26/11 के मुंबई आतंकी हमले की साजिश में शामिल रहे डेविड कोलमैन हेडली को शिकागो की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 35 साल जेल की सजा सुनाई है। अमेरिकी सरकार ने  हेडली के लिए इतनी ही सजा की मांग की थी। जांच में सहयोग के चलते वह उम्रकैद और  मौत की सजा से बच गया। 
 
हेडली को मुंबई हमले की साजिश के अलावा डेनमार्क के अखबार पर हमले की साजिश रचने के लिए भी सजा सुनाई गई है। सजा सुनाते समय कोर्ट परिसर खचाखच भरा था। इसलिए कार्यवाही देरी से शुरू हुई।
 
ऐसे बचा मौत की सजा से
 
हेडली ने मौत की सजा से बचने के लिए याचिका दायर की थी। इसमें उसने तर्क दिया था कि उसने पूछताछ में अधिकारियों का सहयोग किया और मामले से जुड़ी कई अहम जानकारियां दीं। मौत की सजा न मिलने पर कोर्ट में मौजूद लोगों को भी हैरानी हुई। सुनवाई के दौरान हेडली ने 12 आरोप कबूले हैं। 
 
पीड़ित बोले, जीने का हक नहीं 
 
मुंबई आतंकी हमले के पीड़ितों ने कहा कि हेडली को जीने का कोई अधिकार नहीं है। इनमें ज्यादातर उन अमेरिकी लोगों के परिजन थे जिनकी मौत मुंबई हमले में हुई थी। अदालत में हेडली को सजा सुनाए जाते वक्त मौजूद रहीं एक पीड़ित शैर ने कहा, ‘हेडली को भी वह दर्द भोगना चाहिए जो हम भोग रहे हैं। हेडली को सिर्फ 35 साल की जेल है तो हमारा गुस्सा शांत होना मुश्किल है।’ उनके पति और बेटी की मौत मुंबई हमले में हुई थी। हमले में 166 लोग मारे गए थे। इनमें अमेरिका सहित 10 देशों के करीब 28 नागरिक भी थे।
 
देश के गुनहगार पर ये हैं आरोप
मुंबई के वीडियो व अन्य खुफिया सूचनाएं आतंकियों को दीं। इन्हीं जगहों पर हमले हुए।
 आतंकियों को मुंबई पहुंचने का ऐसा समुद्री रास्ता बताया जिससे पकड़ न हो सके। 
 आतंकियों को समर्थन उपलब्ध करवाया, इससे हमला हुआ और कई लोग मारे गए।
 मुंबई के ताज होटल को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वहां सेना के अफसर और बड़े वैज्ञानिक मीटिंग करते हैं। 
 2002 से 2005 के बीच हेडली ने लश्कर के पांच ट्रेनिंग शिविरों में ट्रेनिंग ली। इनमें उसे जेहाद छेड़ने के उद्देश्य और युद्ध कौशल सिखाए गए।
 लश्कर ने तय किया, हेडली जासूसी का काम बेहतरी से कर सकता है। उसका नाम बदला गया, राणा दोस्त के रूप में मुंबई भेजा।
 हेडली मुंबई में 2006 से 2008 तक पहचान छिपा कर रहा।
 मुंबई पर आतंकी हमले से पहले लश्कर ने उसे डेनमार्क जाकर उसी तरह की जासूसी करने के निर्देश दिए।
 नवंबर 2008 में मुंबई में क्या हुआ यह देखने के बाद हेडली जनवरी 2009 में डेनमार्क गया।
 डेनमार्क में उसने अखबार तक पहुंच बनाने के लिए मुंबई वाला तरीका ही अपनाया।
 
जज भी हैरान, बोले- यह सजा उचित नहीं 
‘उसने अपराध किया, इसमें सहयोग किया और इस सहयोग के लिए उसे ईनाम दिया गया। मैं चाहे जो भी फैसला सुनाऊं इससे आतंकवादी नहीं रुकेंगे। दुर्भाग्य की बात है कि आतंकवादी इसकी परवाह नहीं करते। मुझे हेडली की इस बात पर भरोसा नहीं होता जब यह कहता है कि वह अब बदल गया है। हेडली से जनता को बचाना और वह किसी दूसरी आंतकवादी कार्रवाई में शामिल न हो, यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मदारी है। उसे 35 साल जेल की सिफारिश उचित सजा नहीं है। सरकार ने इतनी ही सिफारिश की है। इसलिए मैं इस प्रस्ताव को स्वीकार करूंगा। 
 
-हैरी डी लिनेनवेबर, जज, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, शिकागो

कुरान का सन्देश

उत्तर कोरिया की धमकी- परमाणु हमले के लिए तैयार रहे अमेरिका

सिओल. उत्तरी कोरिया ने अमेरिका को कट्टर दुश्मन करार देते हुए कहा है कि उनकी योजना भविष्य में अपना तीसरा परमाणु परीक्षण और लंबी दूरी वाले रॉकेट लांच करने की है। उसने इन हथियारों से अमेरिका को निशाने बनाने की धमकी भी दे डाली है। 
 
इससे पूर्व बीते मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उत्तरी कोरिया के खिलाफ लगे प्रतिबंधों को और कड़ा करने का प्रस्ताव पारित कर दिया। उसने पिछले साल दिसंबर में एक रॉकेट लांच किया था, जिसे अमेरिका ने प्रतिबंधित लंबी दूरी की मिसाइल तकनीक का परीक्षण बताया था। उत्तर कोरिया के सबसे भरोसमंद राजनीतिक सहयोगी चीन ने भी संयुक्त राष्ट्र में कड़े प्रतिबंध के लिए अमेरिका का सर्मथन किया है।
 
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, उत्तर कोरिया के रक्षा आयोग ने अपने बयान में कहा है कि भविष्य में उनकी योजना उच्च क्षमता वाले परमाणु परीक्षण करने की है, जिनका सीधा निशाना अमेरिका होगा। 
 
चीनी विदेश मंत्रालय ने उत्तर कोरिया के साथ छह पक्षीय वार्ता करने की बात कही है। लेकिन उत्तर कोरिया ने वार्ता  प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि इस छह पक्षीय वार्ता में अमेरिका, चीन, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया और खुद उत्तर कोरिया शामिल है।

मजिस्‍ट्रेट ने लड़की से कहा- कपड़े उतारो, विरोध करने पर दी धमकी!


मजिस्‍ट्रेट ने लड़की से कहा- कपड़े उतारो, विरोध करने पर दी धमकी!
नई दिल्ली. दिल्ली की जूवनल जस्टिस कोर्ट ने दामिनी गैंगरेप के छठे और नाबालिग आरोपी की सुनवाई रेगुलर कोर्ट में कराने से इंकार कर दिया है। वहीं रेप के खिलाफ कड़े कानून बनाने के लिए सुझाव देने के लिए बनाई गई जस्टिस वर्मा कमेटी ने भले ही सुझाव दिया हो कि नहाते या कपड़े बदलते महिला की मर्जी से खिंचवाई गई तस्‍वीर को भी पब्लिक करने पर इसे अपराध माना जाना चाहिए, लेकिन इलाहाबाद में एक मजिस्‍ट्रेट पर छेड़खानी का आरोप लगा है। मजिस्‍ट्रेट के चैंबर में बयान कलमबंद कराने गई लड़की का आरोप है कि मजिस्‍ट्रेट ने लड़की से कहा कि अपने साथ हुई घटना की पुष्टि के लिए वह कपड़े उतारे। मना करने और शोर मचाने पर मजिस्‍ट्रेट ने 'बयान खराब करने' की धमकी तक दे डाली। यह मामला गोण्‍डा सिविल कोर्ट का है। लड़की ने इसकी शिकायत सिविल बार एसोसिएशन से की तो वकील भड़क गए। उन्‍होंने प्रदर्शन और काम का बहिष्‍कार करके विरोध जताया। बताया जाता है कि हाईकोर्ट की ओर से जिला जज को मामले की रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया।
 
उधर, जस्टिस वर्मा कमेटी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंप दी। इसमें कई सिफारिशें की गई हैं। 630 पन्नों की रिपोर्ट में कमेटी ने महिला अपराधों में लिप्त नेताओं को चुनाव से दूर रखने के लिए कानून में बदलाव की बात कही है। साथ ही जिन नेताओं पर ऐसे केस चल रहे हैं उन्हें तुरंत सदस्यता से इस्तीफा देने को भी कहा गया है। 
 
सिफारिशों से सरकार में बेचैनी बढ़ गई है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि कमेटी को केवल दुष्कर्म संबंधी कानूनों में बदलाव के लिए सुझाव देने को कहा था। लेकिन वह अपनी टर्म्‍स ऑफ रेफरेंस से आगे बढ़ गई है। इसलिए देखना होगा कि सरकार इस रिपोर्ट का कितना हिस्सा स्वीकार करती है। यही बात पीएमओ में राज्यमंत्री नारायणस्वामी ने भी कही। उनका कहना है कि सरकार अध्ययन करेगी और अगर इसके किसी हिस्से पर सहमति बनेगी तो ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा। 
 
समिति ने महिला को निर्वस्त्र करना, महिला के प्राइवेट एक्ट जैसे नहाना या कपडे बदलना आदि के समय उसके कमरे में झांकना या गुप्त कैमरा से तस्वीर उतारने को भी सजायाफ्ता बनाने की सिफारिश की है। इसके लिए सेक्शन 354 (ए) और 354 (बी) को जोडने को कहा है। यह भी कहा गया है कि यदि महिला ऐसे निजी एक्ट की तस्वीर खिंचवाने को अगर तैयार भी हो जाये तो उसे किसी तीसरे व्यक्ति को दिखाना या प्रसारित और प्रचारित करना भी दंडनीय होना चाहिए। दिल्ली के एक स्कूल के एमएमएस कांड और ऐसे कई मामलो को ध्यान रखते हुए जिसमे महिला अपने प्रेमी या पति के साथ निजी क्षणों को रिकॉर्ड करने देती है मगर उसके साथ विश्वासघात होता है और उन्हें इन्टरनेट में डाल दिया जाता है जिससे उसकी बदनामी होती है। कई लड़कियों ने तो आत्महत्या तक कर ली है। 
 
समिति ने कुछ नए मौलिक सुझाव भी दिए हैं। जैसे नाबालिग के साथ बलात्कार के लिए एक नया आईपीसी सेक्शन 376 बी (1) जोडने को कहा है और ऐसे बलात्कार के मामले जिनमे महिला जिंदा लाश बन कर रह गयी है उसमे सजा कम से कम 20 साल की कठोर कारावास हो जिसे बाधा कर आजीवन कारावास भी किया जा सकता है 376 (बी) (2)। साथ ही अपराधियों को ऐसी महिला के इलाज का पूरा खर्च भी उठाना होगा। मुंबई की अरुणा शानबाग का एक ऐसा मामला है जिसमे ये महिला नर्स एक बलात्कार के बाद पिछले 38 साल से जिंदा लाश बन कर रह गयी है। उसने सुप्रीम कोर्ट से स्वेच्छा से मौत पाने की इच्छा जाहिर की थी जिसे अदालत ने नकार दिया।

अमिताभ ने किया कुरान का 'अपमान', कमल हासन ने मुसलमानों को पहुंचाई ठेस?



नई दिल्ली. गुरुवार को अदालतों से फिल्‍म जगत से जुड़ी हस्तियों के लिए कई खबरें आईं। केबीसी में अमिताभ बच्चन द्वारा पूछे गए एक सवाल पर सवालिया निशान लगाते हुए झांसी के मुदसिर उल्ला खान की तरफ से स्‍थानीय कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 28 जनवरी तय की गई।याचिका में आरोप लगाया गया था की  अमिताभ बच्चन द्वारा कौन बनेगा करोड़पति के जरिए कुरान का 'अपमान' कर मुसलमानों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाई गई थी। 
 
उधर, बॉलीवुड के दबंग सलमान खान को बहुचर्चित चिंकारा शिकार मामले में आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है(), लेकिन कमल हासन मुश्किल में पड़ गए हैं। उनकी फिल्म ‘विश्वरूपम’ पर तमिलनाडु सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। इसे हटवाने के लिए उन्‍होंने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
 
करीब 20 मुस्लिम संगठनों ने कड़ा विरोध करते हुए इस प्रतिबंध की मांग की थी। उनका आरोप था कि इसमें मुस्लिम समुदाय का नकारात्मक तरीके से चित्रण किया गया है। इसके बाद राज्य सरकार ने जिला कलेक्टरों को प्रतिबंध की सूचना दे दी है। उन्हें कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए हैं। कमल हासन कह चुके हैं कि फिल्म में मुस्लिम समुदाय को नकारात्मक रूप में नहीं दिखाया गया है। लेकिन इस समुदाय का क्रोध शांत करने में विफल रहे। फिल्‍म पर बैन के फैसले को उन्‍होंने सांस्‍कृतिक आतंकवाद करार दिया है।
 
हालांकि विश्वरूपम ऐसी पहली फिल्म नहीं है जिस पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे पहले जोधा अकबर को राजस्थान में रिलीज नहीं किया गया था। 1996 में फिल्म कामसूत्र को सेक्स कंटेंट होने के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि फिल्म संशोधित होकर बाद में रिलीज की जा सकी थी। 1996 में ही फिल्म फायर पर भी रिलीज के दिन प्रतिबंध लगाया गया था। हिंदूवादी संगठनों ने फिल्म दिखा रहे सिनेमाघरों पर भी हमला किया था। हालांकि कुछ दिन बाद फिल्म थिएटरों में दिखाई जाने लगी थी। 
 
साल 2003 में सेंसर बोर्ड ने फिल्म पांच को सेक्स कंटेंट, हिंसा और कोई सामाजिक संदेश न होने के कारण प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद 2005 में फिल्म वॉटर पर प्रतिबंध लगाया गया था। इस फिल्म को ऑस्कर में भी प्रतिबंधित कर दिया गया थआ। फूलन देवी के जीवन पर बनी फिल्म 'बेंडिट क्वीन' को भी अश्लील कंटेट होने के कारण बैन किया गया था। 2012 में ही फिल्म द गर्ल विद ड्रैगन टैटू को रेप सीन और अश्लील कंटेट के कारण बैन किया गया था। 
 
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