राजस्थान में पत्रकारिता के गिरते हुए स्तर को
सुधारने और पत्रकारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के मामले में राजथान के
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा ...वेसे तो
अशोक गहलोत खुद पत्रकारिता और साहित्य में एक वकील होने की वजह से रूचि
रखने वाले रहे है इन्होने कोंग्रेस में ऍन एस यु आई अध्यक्ष रहते हुए
..युवक कोंग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए ..प्रदेश कोंग्रेस के अध्यक्ष रहते
हुए ...केंद्र में राष्ट्रीय महासचीव और कपड़ा मंत्री होते हुए पत्रकारों के
लियें जो भी कुछ बहतर किया जा सकता था
वोह सब किया है लेकिन राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने के बाद तो अशोक गहलोत
ने राजस्थान के पत्रकारों की दरिद्रता और गरीबी ही दूर कर दी ...पिछले
कार्यकाल में अशोक गहलोत ने जब देखा के राजस्थान के छोटे मंझोले पत्रकार
गरीब है और उनके रोज़गार के साधन भी मजबूत नहीं है उनके पास रहने के लियें
खुद का घर नहीं है ..तब अशोक गहलोत ने एक योजना बनाकर राजस्थान के सभी
अधिस्वीकृत और अनाधिस्विक्रत श्रम जीवी पत्रकारों को पुरे राजस्थान में
विभीन्न जिलों में प्लाट और मकान एक चोथाई रियायती दर पर दिए ...एक प्लाट
जो एक लाख रूपये में दिया गया था वोह आज पचास लाख रूपये से भी अधिक की कीमत
का है इसी तरह से ..छोटे मंझोले समाचार पत्रों की डी पी आर विज्ञापन दरों
में बढ़ोत्तरी की और सरकारी विभागों को पाबन्द किया गया के छोटे और मंझोले
समाचार पत्रों को एक निश्चित सीमा का विज्ञापन आवश्यक रूप से दिया जाए
..अशोक गहलोत ने पत्रकारों के लियें बीमा योजना ..मुफ्त इलाज दवा योजना
...एक्रिडेशन निति का सरलीकरण ..अख़बारों को मान्यता देने के नियमों में
सरलीकरण ...सहित कई कल्याणकारी योजनाये चलाई ..अब फिर गहलोत दुबारा शासन
में है इन्होने एक तरफ तो मिडिया चेनलों को भरपेट खाना दिया उन्हें डूबने
से बचाया तो दूसरी तरफ फिर छोटे मंझोले अख़बारों को पुनर्जीवित करने के
लियें विज्ञापन निति बनाई जिसमे निर्धारित विज्ञापन आवश्यक रुपे से एक
अख़बार को देने के निर्देश थे और विज्ञापन की दरों में भी वृद्धि की गयी
इतना ही नहीं गहलोत ने अख़बार से जुड़े पत्रकारों के लियें पेंशन योजना अलागु
कर तो कमाल ही कर दिया उन्होंने अख़बारों और पत्रकारों ,,मिडिया कर्मियों
के लियें विशिष्ठ कल्याणकारी योजनाये लागू की है तो बढ़े अखबारों को अरबों
के व्यवसायिक प्लाट प्राइम लोकेशन पर कोडियों के दाम देकर उन्हें लाभ
पहुंचाया है इस तरह से अशोक गहलोत का पुराना और वर्तमान कार्यकाल स्वर्णिम
अक्षरों में लिखा जाएगा ऐसा विशेषज्ञों का कहना है अब अख़बार ...पत्रकार
..टी वी चेनल अशोक गहलोत के प्रति वफादारी निभाते है या नहीं यह तो वक्त ही
बताएगा .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 जनवरी 2013
हिंदी जो गुलाम है अंग्रेजी की वोह आज़ाद हो जायेगी क्या इस लड़ाई में हमारी मदद करोगे
हिन्दी विश्व की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हिन्दी को भारत की राजभाषा बनाने के क्रम में अनुच्छेद 351, 343 26 जनवरी, 1965 को ही पारित किए गए थे। इन सभी अनुच्छेदों के तहत हिन्दी के विकास पर खासा जोर दिया गया। हमें अपनी राजभाषा पर गर्व है। यह ऐ तथ्य है लेकिन कडवा सच यह है के भारत के अधिकतम न्यायालयों में इस भाषा का नमो निशान भी नहीं है दक्षिण भारत में हिंदी भाषा बोलने पर जिंदा जला देने की घटना सामने आई है भाषा के नाम दंगे फसादात हुए है हिंदी लागू करने के लिए हर साल सरकार करोड़ों करोड़ खर्च करती है फिर भी हिंदी का देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक यही हाल है ... लोफ्टर शो के हीरो बने कोटा के सुरेश अलबेला ने जब मुंबई से जयपुर हवाई जहाज़ से आते हुए प्लेन में हिंदी के अख़बार की मांग की और जिद पर अड़ गए तो उन्हें हिंदी का अखबार तो नहीं मिला लेकिन प्लेन से उतर जरूर दिया गया तो दोस्तों आओ आज हम फिर संकल्प ले के हिंदी को लागू करने के छदम प्रयासों का पर्दाफाश कर यह हकीक़त में हमारे देश में लागू हो इसके लियें हम सफलतम प्रयास करे .और इसके लियें एक कानून की मांग करे के हिन्दुस्तान के जितने भी चुनाव हो चाहे वोह विधान सभा के हो ..चाहे वोह लोकसभा के हो ..चाहे वोह पंचायत ..नगरपालिका ..समितियों के हो ..सियासी पार्टियों के हो उनके चुनाव आवेदन प्र्त्याकाशी द्वारा खुद हिंदी में भरना अनिवार्य कर दिया जाए अन्यथा उसे चुनाव लड़ने का हक नहीं मिले ...राशन का आवेदन ...लाइसेंस का आवेदन या देश के किसी भी सरकारी विभाग का आवेदन हिंदी में ही आवेदक के स्वम द्वारा भरना अनिवार्य कर दिया जाए तो दोस्तों हमारी हिंदी देश में ही नहीं विश्व में जिंदाबाद हो जायेगी भारतीयों के लियें तो क्या बाहर से आने वाली बहुद्देशीय विदेशी कम्पनियों के लियें भी फिर हिंदी पढना लिखना अनिवार्य हो जायेगी और हिंदी जो गुलाम है अंग्रेजी की वोह आज़ाद हो जायेगी क्या इस लड़ाई में हमारी मदद करोगे .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
नंदी का बयान, 'भ्रष्ट लोग ओबीसी, एससी और एसटी समुदाय से'
हालांकि ऐसा लग रहा है कि नंदी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उनका कहना है कि वह अपने बयान पर कायम हैं। यदि उनका बयान गैरकानूनी है तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। आशीष नंदी सीएसडीएस के निदेशक हैं और मशहूर फिल्मकार प्रीतीश नंदी के भाई हैं।
नंदी ने अपने बयान के समर्थन में पश्चिम बंगाल का उदाहरण दिया। नंदी के बयान का मंच पर मौजूद एक और साहित्यकार ने ताली बजाकर स्वागत किया। लेकिन साहित्य जगत से लेकर राजनीतिक वर्ग से प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो चुका है।
रेप के मामले में फंसे आईपीएस को दे दिया राष्ट्रपति पुरस्कार!
दक्षिण भारत की जानी-मानी गायिका एस जानकी ने पद्म भूषण लेने से इनकार कर दिया है। वहीं, दो बार ओलिंपिक में मेडल जीतने वाले पहलवान सुशील कुमार ने पद्म अवॉर्ड के लिए नहीं चुने जाने पर नाराजगी जताई है। पद्म पुरस्कारों को लेकर हर साल विवाद होते हैं। बीते साल फोटोग्राफर सुनील जाना को पद्म श्री दिया गया था। उन्हें 40 साल पहले भी यही अवॉर्ड मिला था।
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर केंद्र सरकार ने गुरुवार को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। इस साल 108 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जा रहा है। इनमें चार लोगों को पद्म विभूषण, 24 को पद्म भूषण और 80 लोगों को पद्म श्री पुरस्कार से दिए जाएंगे। पुरस्कार पाने वालों में 24 महिलाएं हैं। जबकि 11 अन्य में विदेशी, अप्रवासी भारतीय, मरणोपरांत पुरस्कार पाने वाली हस्तियां हैं।
10 करिश्माई शनि नाम मंत्र : जल्द दूर करे हर परेशानी
धर्म परंपराओं में शनिवार को भी पितृदोष या ग्रहदोष से मिले दु:खों के अंधकार का शनि भक्ति, दान-पुण्य व पूजा-उपासना के जरिए शमन का विधान है। यानी यह बुरे कर्मों से मिले कष्ट-पीड़ा रूपी अंधेरों से अच्छे कर्म द्वारा बाहर निकलने की शुभ दिन है।
खासतौर पर शनि दोष से आने वाली विपत्ति और संकट से बचने के लिए शनि के 10 आसान नाम मंत्रों का स्मरण और शनि संबंधित वस्तुओं के दान का महत्व बताया गया है। इससे शनि की दशा जैसे साढ़े साती आदि में बुरे प्रभावों से रक्षा होती है
-
यथासंभव सूर्योदय के पहले जागकर नदी या तीर्थ के पवित्र जल से स्नान कर
किसी पीपल के वृक्ष नीचे स्थान पवित्र कर यथासंभव शनि की प्रतिमा विराजित
कर पंचामृत व जलस्नान कराएं।
- तेल, काले गंध, काले अक्षत, काले फूल व तेल से बने पकवान जैसे पूरी, इमरती का भोग लगाएं और नीचे लिखे इन 10 शनि मंत्रों को स्मरण करें -
ॐ कोणस्थाय नम:
ॐ रौद्रात्त्मकाय नम:
ॐ शनैश्चराय नम:
ॐ यमाय नम:
ॐ ब्रभवे नम:
ॐ कृष्णाय नम:
ॐ मंदाय नम:
ॐ पिप्पलाय नम:
ॐ पिंगलाय नम:
ॐ सौरये नम:
- सुख-समृद्धि की कामना के साथ मंत्र स्मरण के बाद शनि की धूप, दीप आरती कर शनि से संबंधित वस्तुओं जैसे नीले वस्त्र, तेल, गुड़, काली उड़द, लोहा आदि का दान करें।
- तेल, काले गंध, काले अक्षत, काले फूल व तेल से बने पकवान जैसे पूरी, इमरती का भोग लगाएं और नीचे लिखे इन 10 शनि मंत्रों को स्मरण करें -
ॐ कोणस्थाय नम:
ॐ रौद्रात्त्मकाय नम:
ॐ शनैश्चराय नम:
ॐ यमाय नम:
ॐ ब्रभवे नम:
ॐ कृष्णाय नम:
ॐ मंदाय नम:
ॐ पिप्पलाय नम:
ॐ पिंगलाय नम:
ॐ सौरये नम:
- सुख-समृद्धि की कामना के साथ मंत्र स्मरण के बाद शनि की धूप, दीप आरती कर शनि से संबंधित वस्तुओं जैसे नीले वस्त्र, तेल, गुड़, काली उड़द, लोहा आदि का दान करें।
रामराज्य की ये दिलचस्प बातें खोलती हैं आज की सियासत की पोल!
त्रेतायुग में मयार्दापुरुषोत्तम भगवान
श्रीराम ने जिन खूबियों व न्यायसंगत तरीकों से शासन चलाया गया, वह आज भी
'रामराज्य' नाम से राम की तरह हर दिल में समाया है। यह शासन व्यवस्था आज भी
सुखी जीवन का आदर्श है और परिवार, समाज या राज्य में सुख और सुविधाओं से
भरी व्यवस्था के लिए इसी रामराज्य का उदाहरण दिया जाता है।
यही वजह है कि आज कई मौकों पर सियासती चालें राम नाम व रामराज्य लाने
की बातों पर टिकी होती हैं। किंतु उनमें राम नाम के साथ राम की तरह मर्यादा
व नैतिकता न होने से रामराज्य लाने के सारे सियासी दावे बेमानी ही साबित
होते हैं।
असल में, जिस रामराज्य को मात्र सुख-सुविधाओं का पर्याय माना जाता है,
वह मात्र सुविधाओं के नजरिए से ही नहीं बल्कि उसमें रहने वाले नागरिकों के
पवित्र आचरण, व्यवहार और विचार और मर्यादाओं के पालन की वजह भी श्रेष्ठ
शासन व्यवस्था का प्रतीक है।
गोस्वामी तुलसीदास ने स्वयं रामचरित मानस में कहा है -
दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहहिं काहुहि ब्यापा।।
- इस चौपाई के मुताबिक राम राज्य में शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और सांसारिक तीनों ही दु:ख नहीं थे।
- राम राज्य में रहने वाला हर नागरिक उत्तम चरित्र का था।
- सभी नागरिक आत्म अनुशासित थे, वह शास्त्रो व वेदों के नियमों का पालन करते थे। जिनसे वह निरोग, भय, शोक और रोग से मुक्त होते थे।
- सभी नागरिक दोष और विकारों से मुक्त थे यानि वह काम, क्रोध, मद से दूर थे।
- नागरिकों का एक-दूसरे के प्रति ईर्ष्या या शत्रु भाव नहीं था। इसलिए सभी को एक-दूसरे से अपार प्रेम था।
- सभी नागरिक विद्वान, शिक्षित, कार्य कुशल, गुणी और बुद्धिमान थे।
- सभी धर्म और धार्मिक कर्मों में लीन और निस्वार्थ भाव से भरे थे।
- रामराज्य में सभी नागरिकों के परोपकारी होने से सभी मन और आत्मा के
स्तर पर शांत ही नहीं बल्कि व्यावहारिक जीवन में भी शांति और सुकून से रहते
थे।
- रामराज्य में कोई भी गरीब नहीं था। रामराज्य में कोई मुद्रा भी नहीं
थी। माना जाता है कि सभी जरूरत की चीजों का बिना कीमत के लेन-देन होता था।
अपनी जरूरत के मुताबिक कोई भी वस्तु ले सकता था। इसलिए बंटोरने की
प्रवृत्ति रामराज्य में नहीं थी।
- मान्यता यह भी है कि पर्वतों ने अपने सभी संपत्ति मणि आदि और सागर
ने रत्न, मोती रामराज्य के लिए दे दिये। इसलिए वहां के नागरिक शौक-मौज के
जीवन की लालसा नहीं रखते थे बल्कि कर्तव्य परायण और संतोषी थे।
राजस्थान में बाप खा गया बेटियों के होंठ-नाक, फरीदाबाद में छात्रा का गला काटा
नई दिल्ली। एक ओर जहां पूरा हिंदुस्तान गणतंत्र दिवस की
खुमारी में हैं, वहीं कुछ लोग बेटियों को एक के बाद एक निशाना बना रहे हैं।
राजस्थान के गांव से लेकर दिल्ली से सटे इलाकों में बेटियों के साथ
हिंसा जारी है। दिल्ली से सटे फरीदाबाद में 11वीं की एक छात्रा की गला
काटकर हत्या कर दी गई। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस को हंगामा
कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
राजस्थान के बीकानेर के सियाणा गांव में शुक्रवार को एक पिता ने
वहशीपन की सारी हदें लांघ दीं। नशे में धुत 36 वर्षीय भादर सिंह ने पहले तो
पत्नी से मारपीट की। विरोध करने आई बहन को धमकाया। शोर सुनकर बाहर आई तीन
साल की बेटी भंवरी के कमर व हाथ सहित शरीर को कई जगह दांतों से काट खाया।
इतने पर भी वह नहीं रुका और अपनी पांच माह की दुधमुंही बेटी राधा के होंठ व
नाक चबा गया। बच्चियों को बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया।
उन्हें देर रात जयपुर रैफर कर दिया गया। पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार
कर लिया है। कोलायत तहसील के इस गांव में यह घटना गुरुवार रात करीब 10 बजे
हुई। शराब के नशे में घर पहुंचा भादर सिंह पत्नी संतोष को गालियां देने
लगा।
शादीशुदा बहन सरोज बीच-बचाव को पहुंची तो उसे धमकाकर पीछे रहने को
कहा। इस बीच, पास के कमरे में सो रही भंवरी बाहर आकर रोने लगी तो भादर सिंह
ने उसे पकड़ लिया और जगह-जगह दांतों से काट लिया। उसे वहीं पटक वह पांच
माह की राधा पर टूट पड़ा। उसका ऊपर वाला होंठ और नाक चबा लिया। आखिर
दरिंदगी पर उतरे पति को रुकता नहीं देख पत्नी और बहन बाहर दौड़ीं और शोर
मचाकर पड़ोसियों को बुलाया। लोगों ने मिलकर उसे काबू में किया। लोगों ने
शुक्रवार सुबह पुलिस को सूचना दी। कोलायत थाना पुलिस ने संतोष की रिपोर्ट
पर भादर सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
पीबीएम हॉस्पिटल के सर्जन डॉ. सीताराम गोठवाल ने कहा-ऐसा मामला आज तक
देखने में नहीं आया। तीन साल की बच्ची के शरीर पर जगह-जगह घाव हैं। पांच
महीने की बच्ची की हालत ज्यादा खराब है। इसके ऊपर का होंठ और आधी नाक पूरी
तरह चबा लिए गए हैं। हम इलाज तो कर रहे हैं, लेकिन होंठ व नाक को उसी रूप
में लाने के लिए जयपुर में प्लास्टिक सर्जरी कराने की सलाह दे रहे हैं।
बिलबिलाती बेटी, बेबस मां
पांच माह की राधा दर्द से बिलबिला रही है। बेबस मां संतोष उसे गोद में
लिए कभी सुबकती है तो कभी बिलख पड़ती है। वह दुधमुंही बेटी को दूध भी
पिलाए तो कैसे? ऊपर का होंठ गायब हो गया है। अगर दूध पिलाने की कोशिश करती
है तो कटे होंठ से खून रिसने लगता है। बच्ची के रुदन और कराह से छाती फट
जाती है। तीन साल की राधा डरी हुई मां की गोद में सिमटी हुई है। उसके शरीर
से ज्यादा जख्म दिल पर है। पीबीएम हॉस्पिटल की आपातकालीन इकाई में आने वाले
डॉक्टर, नर्स, मरीज और उनके परिजनों के मुंह से केवल एक ही शब्द निकलता है
‘दरिंदा बाप’। मदद हर कोई करना चाहता है, लेकिन कैसे और क्या करें समझ में
नहीं आता।
प्रोड्यूसर ने किया टीवी अभिनेत्री का यौन शोषण, गिरफ्तार
मुंबई। मुंबई पुलिस ने टीवी सीरियल की एक अदाकारा का यौन शोषण
करने के आरोप में एक प्रोडक्शन हाउस के पूर्व एक्जक्यूटिव प्रोड्यूसर को
अरेस्ट किया है। 28 साल की इस अभिनेत्री का आरोप है कि दो दिसंबर को
प्रोडक्शन कंपनी में ही काम करने वाले एक प्रोड्यूसर ने उनके साथ यौन
शोषण किया। पुलिस में शिकायत डेढ़ महीने बाद की गई है। इस पर इस अभिनेत्री
का कहना है कि वह डर के मारे शिकायत करने से बच रही थी, लेकिन उसके पति की
शिकायत पर आरोपी को प्रोडक्शन हाउस ने नौकरी से निकाल दिया तो वह
अभिनेत्री को धमकी भरे कॉल करने लगा। इसके बाद उसे शिकायत करने के लिए
मजबूर होना पड़ा। अब पुलिस दोनों की मेडिकल जांच करवा रही है।
राजपथ पर 'अमिताभ बच्चन' ने की परेड
नई दिल्ली. देश आज 64 वां गणतंत्र दिवस ( मना रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ )
पर गणतंत्र दिवस समारोह में देश की आन बान और शान का नजारा दिखा। राजपथ पर
तीनों सेनाओं ने अपनी ताकत का जबर्दस्त प्रदर्शन किया। वहीं, देश के कई
राज्यों और केंद्र के कई मंत्रालयों ने सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन
किया। राज्यों और अलग-अलग मंत्रालयों की 19 झांकियां निकाली गईं। सूचना एवं
प्रसारण मंत्रालय की ओर से राजपथ पर झांकी निकाली गई, जिसमें फिल्म आलम
आरा से लेकर अब तक की हिंदी फिल्मों का 100 साल का सफर दिखाया गया। झांकी
में हिस्सा ले रहे एक कलाकार ने फिल्म 'शहंशाह' में बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन
द्वारा पहनी गई कॉस्ट्यूम पहनकर उनके ही गेट अप में लोगों का ध्यान अपनी
तरफ खींचा। कार्यक्रम का अंत वायुसेना के आधुनिक विमानों की उड़ान के साथ
हुआ। इसमें सुखोई जैसे शानदार विमान शामिल हुए।
इससे पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तिरंगा फहराकर गणतंत्र दिवस
कार्यक्रम की शुरुआत की। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 'अमर जवान
ज्योति' पर शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ मुख्य अतिथि भूटान नरेश जिग्मे खेसर भी पहुंचे।
राजपथ से 7 किलोमीटर की ऊंचाई पर आसमान में 80 किलोमीटर प्रति घंटे की
रफ्तार से वायुसेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरकर परेड की
औपचारिक शुरुआत की। इन विमानों पर तिरंगा और भूटान का राष्ट्रीय ध्वज शान
से लहरा रहा था। परेड के दौरान तीनों सेनाओं-थल, वायु और नौसेना ने अपनी
ताकत का प्रदर्शन किया।
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