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30 जनवरी 2013

'वसुंधरा को हटाने के लिए कटारिया ने चलवाई थीं गोलियां'


 

जयपुर.संसदीय सचिव से इस्तीफा दे चुके कांग्रेस विधायक राजेंद्रसिंह बिधूड़ी ने कहा कि वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद से हटवाने के लिए तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने गुर्जरों पर गोलियां चलवाई थीं।
 
गुर्जर समाज वसुंधरा और कटारिया की लड़ाई में साजिश का शिकार हुआ। उन्होंने गुर्जर आरक्षण के मुद्दे पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला और ऊर्जा मंत्री जितेंद्र सिंह पर सवाल उठाए हैं। बुधवार को बिधूड़ी मीडिया से बातचीत कर रहे थे।   बिधूड़ी ने कहा कि कर्नल  बैसला आरएसएस से जुड़े रहे हैं, उनकी मानसिकता भी वैसी ही है।
 
बैसला ने ट्रेनें रोकीं, 72 गुर्जरों को मरवाया। यह भी एक आतंककारी की श्रेणी में आने वाला ही व्यक्ति है। कांग्रेस आरक्षण का श्रेय नहीं ले ले, इसलिए बैसला को इस्तेमाल कर आरएसएस-भाजपा ने आरक्षण को रुकवा दिया।
 
 किरोड़ी मीणा और कर्नल बैसला मिलकर गुर्जर और मीणा समाज को धोखा दे रहे हैं।  बिधूड़ी ने कहा कि ऊर्जा मंत्री जितेंद्र सिंह चार साल तक मध्यस्थता के नाम पर सरकार और गुर्जरों को धोखा देते रहे। 
 
जितेंद्र सिंह और रामस्वरूप कसाना अगर गुर्जर समाज के  हितैषी होते तो इस्तीफा देकर मेरे साथ आते ताकि सरकार पर दबाव पड़ता।
 
पथिक सेना ने उठाए बैसला पर सवाल :
 
पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुखिया गुर्जर ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बैसला आंदोलन का निर्णय लेने के बजाय नई पार्टी बनाने की बात कह रहे हैं। उन्हें समाज के आरक्षण की बजाय खुद के राजनीतिक कॅरियर की चिंता है।

संध्या सिंह मर्डर मिस्ट्री : खुदाई से खुलेगा कंकाल का राज

इंदौर. सेंट्रल एक्साइज कमिश्नर जयप्रकाश सिंह की पत्नी संध्या सिंह का कंकाल उनके लापता होने के 46 दिन बाद घर से महज एक किमी दूर डीपीएस तालाब (मुंबई) के पीछे ही मिलने से मामला उलझ गया है। बुधवार को पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए कंकाल मिलने वाली जगह खुदाई की। पुलिस जांच में कई सवाल और विरोधाभास सामने आ रहे हैं। उन्हीं की पड़ताल करती रिपोर्ट-
 
हर जगह विरोधाभास 
 
क्या उस दिन वे बैंक गई थीं
 
उन्हें बैंक जाते देखा था : सहेली 
 
संध्या सिंह नवी मुंबई के नेरूल इलाके की पॉश कॉलोनी एनआरआई कॉम्प्लेक्स में रहती थी। यहीं उनकी सहेली उमा गौर भी रहती हैं। उमा के अनुसार गुमशुदगी वाले दिन संध्या सिंह ने उन्हें सुबह सात बजे फोन किया। मैंने फोन नहीं उठाया तो वह सुबह दस बजे मेरे घर आ गईं और मुझे बैंक छोड़ने के लिए कहा। हम दोनों कार से संध्या की दोनों नौकरानियों को घर छोड़कर सी वुड से होते हुए न्यू रेलवे ब्रिज क्रॉस कर स्टेशन के पास अभ्युदय को-ऑपरेटिव बैंक पहुंचे। बैंक के नीचे बहुत गाड़ियां थी इसलिए मैंने बैंक गेट के थोड़े आगे उन्हें ड्रॉप किया। कार के साइड मिरर से मैंने उन्हें बैंक जाते देखा। 
 
नहीं ! वे बैंक नहीं आई : मैनेजर
 
अभ्युदय बैंक के मैनेजर राजेंद्र विष्णु आंग्रे ने ‘भास्कर’ से बात करते हुए कहा संध्या 13 दिसंबर को तो क्या अक्टूबर 2012 के बाद बैंक ही नहीं आई, क्योंकि उनके खाते में कोई लेन-देन नहीं हुआ। मैनेजर के अनुसार बैंक पहली मंजिल पर शिफ्ट हो रहा था इसलिए सीसीटीवी कैमरे बंद थे लेकिन घटना वाले दिन न तो लॉकर ऑपरेट हुआ और न ही अकाउंट। 
 
..लेकिन पुलिस को उमा पर शक इसलिए नहीं
 
 
उस दिन सुबह ग्यारह बजे उमा और संध्या की मोबाइल लोकेशन अभ्युदय बैंक के करीब ही आ रही थी। दो बजे जब संध्या की लोकेशन एक गांव के पास आई तब उमा की मोबाइल लोकेशन अलग थी। इसलिए पुलिस को उमा की बात सच लग रही है। 
 
 
 गहने ले जाने की क्या जरूरत थी
 
नौकरानियों से चोरी का डर था : पुलिस 
 
पुलिस के अनुसार संध्या गहनों को लेकर काफी संवेदनशील थीं। कुछ दिन पहले लाखों के इन गहनों पर नौकरानियों की नजर पड़ गई थी। संध्या को डर था कि कहीं नौकरानियां गहने न चुरा लें, इसलिए उन्होंने गहने बैंक के लॉकर में रखना जरूरी समझा। 
 
 
किसी ने बहलाया-फुसलाया था : पति
 
संध्या सिंह के पति जयप्रकाश के अनुसार उनकी पत्नी गहनों की काफी शौकीन थी और यह बात कई लोगों को पता थी। जयप्रकाश के अनुसार किसी के बहलाने-फुसलाने में आकर वह घर से इतने सारे गहने एक साथ लेकर निकली। उन्हीं गहनों के लिए पहले उसे अज्ञात जगह ले जाया गया फिर उसकी हत्या कर दी गई। 
 
 
नौकरानियों पर इसलिए नहीं संदेह
 
घटना के वक्त नौकरानियों को संध्या व उमा ने कार से घर छोड़ा था। इसलिए बहलाया हो, पुलिस नहीं मान रही है क्योंकि बैंक के बाद संध्या और नौकरानियों की मुलाकात नहीं हुई।
 

कुरान का सन्देश

कुरान का 
 

छोटे बेटे ने हटा दिया था गांधी के शरीर से कफन, ताकि दुनिया देख सके गोलियों से छलनी उनका सीना


नई दिल्‍ली.  बंटवारे के बाद जिस पाकिस्‍तान के बनने से गांधी दुखी थे, वह पाकिस्‍तान आज भारत की नाक में दम कर रहा है। आज दुनिया गांधी को उनकी शहादत दिवस पर याद कर रही है और दुआ कर रही है कि दुनिया में उनके सिद्धांतों पर लोगों का यकीन बढ़े। लेकिन एक सच यह भी है कि जो कांग्रेस गांधी को आदर्श बताते नहीं थकते, उसी पार्टी के लोग गांधी के जीते जी उनका निरादर किया करते थे। दैनिकभास्‍कर.कॉम के हाथ लगे बिहार के तत्कालीन गवर्नर मॉरिस हैलेट के एक नोट से यह बात साफ होती है।) महात्मा के मना करने के बावजूद बिहार के दिग्गज कांग्रेसी उस डिनर पार्टी में शामिल हुए थे जिसमें बिहार के तत्कालीन गवर्नर मॉरिस हैलेट समेत अनेक अंग्रेज मेम मौजूद थीं
दुनिया को शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 1948 में आज ही के दिन दिल्‍ली के बिड़ला हाउस में गोली मार दी गई थी। 30 जनवरी 1948 का दिन भी अन्‍य दिनों की तरह सामान्‍य था। बिड़ला हाउस में शाम पांच बजे प्रार्थना होती थी लेकिन गांधी जी सरदार पटेल के साथ मीटिंग में व्‍यस्‍त थे तभी सवा पांच बजे उन्‍हें याद आया कि प्रार्थना के लिए देर हो रही है। वह आभा और मनु के कंधों पर हाथ रखकर मंच की तरफ बढ़े कि सामने नाथूराम गोडसे आ गया। उसने हाथ जोड़कर कहा, नमस्‍ते बापू! गांधी के साथ चल रही मनु ने कहा, 'भैया, सामने से हट जाओ, बापू को जाने दो।' लेकिन गोडसे ने मनु को धक्‍का दे दिया और गांधी पर एक के बाद एक करके तीन गोलियां दाग दीं। दो गोली बापू के शरीर से होती हुई निकल गई जबकि एक गोली उनके शरीर में ही फंसी रह गई। 78 साल के महात्‍मा गांधी की हत्‍या हो चुकी थी। बिड़ला हाउस में गांधी के शरीर को ढंककर रखा गया था। लेकिन जब उनके सबसे छोटे बेटे देवदास गांधी वहां पहुंचे तो उन्‍होंने बापू के शरीर से कपड़ा हटा दिया ताकि दुनिया शांति और अहिंसा के पुजारी के साथ हुई हिंसा को देख सके

विश्वरूपम पर बवाल: हाई कोर्ट का स्‍टे, थिएटर पर फेंके बम, कमल हासन ने दी देश छोड़ने की धमकी

चेन्नई/बेंगलुरू. सुपरस्टार कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम को लेकर विवाद अब हिंसा का रूप लेता जा रहा है।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 600 किलोमीटर दूर रामनाथपुरम जिले के दो सिनेमाघरों पर पेट्रोल बम फेंके गए हैं। इन सिनेमाघरों में विश्वरूपम रिलीज की जाने वाली है। हालांकि, इस हमले में किसी के जख्मी होने की खबर नहीं है। थिएटर की कुछ शीशे की खिड़कियां जरूर टूटी हैं। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने हसन के समर्थन में कहा है कि देश में सभी को अभिव्यक्ति की और कलाकारों को उनकी पसंद का काम करने की आजादी है। उन्होंने पूरे मामले की जांच का आश्वासन भी दिया है। 
 
शाहरुख के एक लेख पर पाकिस्‍तान द्वारा नाहक विवाद खड़ा किए जाने के बीच कमल हासन ने कहा है कि कुछ मुस्लिम मित्रों की सलाह पर वे अपनी फिल्म से कुछ शब्दों और दृश्य हटाएंगे। हासन का कहना है कि वे गफलत दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन कमल हासन की फिल्म पूरी तरह से कानूनी पचड़े में फंस गई है। मद्रास हाईकोर्ट की बड़ी बेंच (दो जजों की बेंच) ने तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम की रिलीज पर छह फरवरी तक रोक लगा दी है। तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को हाईकोर्ट के एक जज की बेंच के फैसले के खिलाफ बड़ी बेंच के सामने अपील की थी। इस फैसले के खिलाफ कमल हसन ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।
 
 
मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा इसके प्रदर्शन पर लगाए प्रतिबंध को हटा दिया था। मद्रास हाईकोर्ट में सरकार के आदेश के खिलाफ कमल हासन की ओर से याचिका लगाई गई थी। इस पर सुनवाई से पहले जजों ने 26 जनवरी को फिल्म देखी। इसके बाद उन्होंने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, ‘फिल्म में मुस्लिमों की भावनाओं का आहत करने जैसा कुछ नहीं है।’ जस्टिस के. वेंकटरमन ने कहा सरकार को सेंसर बोर्ड से प्रमाणित की जा चुकी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा था कि सरकार चाहे तो वह इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है। (
 
 
 
इससे पहले कमल हासन ने बुधवार की सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वे देश तक छोड़ सकते हैं। अपनी नई फिल्‍म पर बैन को लेकर कमल ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'अगर मुझे अपने राज्य तमिलनाडु में धर्मनिरपेक्ष जगह और इंसाफ नहीं मिला तो मैं किसी और राज्य में जा सकता हूं। अगर मुझे देश में भी ऐसी जगह नहीं मिली तो मैं उसे भी छोड़ने के बारे में सोच सकता हूं। इस फिल्म के लिए मैंने अपना घर तक दांव पर लगा दिया। मुझे राजनीति का मोहरा बनाया जा रहा है।' (पढ़ें, चीन में बिकने लगी डिब्बाबंद हवा)
 
 
विश्वरूपम के बारे में बताया जा रहा है कि इसे करीब 100 करोड़ रुपये के बजट में बनाया गया है और इसके लिए कमल को घर तक बेचना पड़ा है। कमल हासन का कहना है कि फिल्म के अटकने की वजह से पांच दिनों में उन्हें करीब 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। (
 
 
मंगलवार को ‘विश्वरूपम’ कर्नाटक में रिलीज हो गई। कर्नाटक में फिल्म के वितरक एचडी गंगाराजू ने कहा कि राज्य के 40 थियेटरों में विश्वरूपम का दोपहर का शो दिखाया गया।
 
 
उधर, फिल्मों को सर्टिफिकेट जारी करने वाले केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की प्रमुख लीला सैमसन ने बोर्ड के फैसले की इज्जत न करने और मद्रास हाईकोर्ट के मंगलवार के फैसले को चुनौती देने को लेकर तमिलनाडु सरकार को आड़े हाथों लिया है।
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