आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

31 जनवरी 2013

बार-बार भूलने की प्रॉब्लम हो तो TRY IT


याददाश्त बढ़ाने के लिए या तेज दिमाग के लिए प्राकृतिक उपाय से बढ़कर कुछ नहीं है। इसीलिए अच्छी याददाश्त,लोगों को आकर्षित करने के लिए आंखों में आत्मविश्वास दिखाई दे यह बहुत जरूरी है। आंखों की चमक बढ़ाने के लिए यह शांभवी मुद्रा करें.....
शांभवी मुद्रा की विधि
शांत एवं शुद्ध हवा वाले स्थान पर सुखासन में बैठ जाएं। मेरुदण्ड (रीढ़ की हड्डी), गर्दन एवं सिर एक सीध में रखें। हाथों को एक दूसरे के ऊपर रख लें या घुटनों पर रखकर ज्ञान मुद्रा बना लें। अब पूर्ण एकाग्रचित होकर दृष्टि दोनों भौंहों के बीच करें और ध्यान लगाएं।
शांभवी मुद्रा के लाभ
इस मुद्रा से आज्ञा चक्र जो कि दोनों भौंहों के मध्य स्थित है, विकसित हो जाता है। दिमाग तेजी से कार्य करना शुरू कर देता है। आंखों की चमक बढ़ती है, आत्मविश्वास की झलक दिखाई देती है। इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है। याददाश्त में गजब की बढ़ोतरी होती है।

देवी सूक्त पाठ : शक्तिशाली देवी मंत्रों से फलता-फूलता

देवी सूक्त पाठ : शक्तिशाली देवी मंत्रों से फलता-फूलता है घर-परिवार

शुक्रवार देवी उपासना का विशेष दिन होता है। इस दिन शक्ति साधना में ही मां दुर्गा की शक्तियों की महिमा से ओतप्रोत देवी सूक्त का पाठ भक्त की हर मनोरथ को पूरी करता है, काम में आने वाली अड़चनो को दूर करता है, मानसिक संताप दूर करता है, धन, ऐश्वर्य और वैभव देकर आनंद और शांति देता है।
जानिए शुक्रवार को दुर्गा पूजा की सरल विधि के साथ देवी सूक्त। इसके मंत्रो का शुभ प्रभाव  खुशहाली के साथ व्यक्तिगत रूप से भी मन की व्यग्रता को दूर करने वाला सिद्ध होगा। अगली तस्वीर पर क्लिक कर जानिए ये देवी मंत्र - 

शुक्रवार को स्नान कर देवालय में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माता दुर्गा की प्रतिमा या चित्र रखें। दुर्गा पूजा के लिए दुर्गा प्रतिमा न होने पर माता के किसी भी स्वरूप महादुर्गा, महालक्ष्मी, सरस्वती या कुलदेवी की ही पूजा की जा सकती है। 
- माता को जल स्नान कराएं। उसके बाद गंध, रोली, लाल फूल, अक्षत अर्पित करें।
- माता को मौसमी फल, घी से बने हलवा, चने का भोग लगाएं।
- मां दुर्गा की उपासना के लिए नीचे लिखे देवी सूक्त का पाठ श्रद्धा व भक्ति से करें।
- अंत में धूप और घी का दीप जलाकर दुर्गा मां की आरती करें और मनोरथ पूर्ति या कष्टों के अंत के लिये प्रार्थना करें।
देवी सूक्त

नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः।
नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्म ताम् ॥1॥
रौद्रायै नमो नित्यायै गौर्यै धात्र्यै नमो नमः।
ज्योत्स्ना यै चेन्दुरुपिण्यै सुखायै सततं नमः ॥2॥
कल्याण्यै प्रणतां वृध्दै सिध्दयै कुर्मो नमो नमः।
नैऋत्यै भूभृतां लक्ष्म्यै शर्वाण्यै ते नमो नमः ॥3॥
दुर्गायै दुर्गपारायै सारायै सर्वकारिण्यै।
ख्यातै तथैव कृष्णायै धूम्रायै सततं नमः ॥4॥
अतिसौम्यातिरौद्रायै नतास्तस्यै नमो नमः।
नमो जगत्प्रतिष्ठायै देव्यै कृत्यै नमो नमः ॥5॥
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शाध्दिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥6॥
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥7॥
या देवी सर्वभूतेषु बुध्दिरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥8॥
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥9॥
या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥10॥
या देवी सर्वभूतेषु छायारुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥11॥
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥12॥
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥13॥
या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥14॥

एक दर्दनाक त्रासदी: पूरे परिवार को निर्वस्त्र कर घुमाया फिर एक-एक कर काट डाले अंग

पुणे। महाराष्ट्र के भंडारा जिले में एक गांव है जिसे खैरलांजी के नाम से जाना जाता है। 29 सितम्बर 2006 तक इस नाम से शायद ही कोई परिचित था।
 
यह एक ऐसी तारीख है जिसे भारतीय इतिहास के उन दिनों में शामिल किया जा सकता है जो मानव सभ्यता के विकास पर एक ऐसा कलंक है जो किसी भी भारतीय का सिर शर्म से झुका दे। 
 
इस गांव में दलित सम्प्रदाय का भोतमंगे परिवार खेती कर अपना जीवन गुजार रहा था। 29 सितम्बर को गांव के कुछ लोगों ने अचानक इस परिवार पर हमला कर दिया। उस वक़्त घर का मुखिया नहीं था। लेकिन उसकी पत्नी, एक बेटी और दो बेटे मौजूद थे। 
 
भीड़ ने उस पूरे परिवार को घर से बाहर घसीटा। दोनों महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया (हालांकि, सीबीआई ने अपनी जांच में बलात्कार की पुष्टि नहीं की)।
 
फिर पूरे परिवार को निर्वस्त्र कर गांवभर में घुमाया और सबके सामने उन चारों के अंग तब तक एक-एक कर काटे गए जब तक कि उन सबकी मौत नहीं हो गई। 
 
इस पूरी वारदात को इसी गांव के राजनीतिक रूप से दबंग एक परिवार ने अंजाम दिया। चौंकाने वाली बात ये है कि इस भयंकर नरसंहार को देश के किसी भी बड़े मीडिया संस्थान ने तवज्जो नहीं दी।
 
सामूहिक हत्या की इस घटना ने उस इलाके में दंगे भड़का दिए। तब जाकर मीडिया को इस वारदात की गंभीरता का पता चला। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इस हत्याकांड की जांच का काम सीबीआई को सौंपा। 

ऐसा क्या हुआ कि अपने पिता की मूर्ती का अनावरण किए बगैर लौटे सचिन!

चौथ का बरवाड़ा. पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की देवनारायण मंदिर परिसर की धर्मशाला में गुरुवार को प्रतिमा का अनावरण भारी भीड़ के कारण नहीं हो सका। 
 
राजेश पायलट के पुत्र केंद्रीय कॉपरेरेट मंत्री सचिन पायलट दोपहर बाद गुर्जर धर्मशाला पहुंचे और सभा को संबोधित किया। इसके बाद धर्मशाला की ओर पिता की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए जाने लगे तो पुलिस अधिकारियों ने भारी भीड़ के कारण नहीं जाने का आग्रह किया। इसके बाद पायलट अजमेर लौट गए।

कुरान का संदेश

एक दीपक जिसकी लौ से होता है दुनिया का एक अनूठा चमत्कार!


अपने आप में सबसे अनोखा प्रदेश राजस्थान, जिसके कण-कण में गूंजती है वीर राजपूत योद्धाओं की गौरव कहानियां,जहां फैला है हुआ देश का सबसे बड़ा रेगिस्तान और जहां है ख्वाजा मोईनुद्दीन चिस्ती की विश्व प्रसिद्द मजार।
 
इसी प्रदेश में एक ऐसा स्थान भी है जहां दुनिया का सबसे अनोखा चमत्कार देखने को मिलता है।यहां एक अखंड ज्योति जलती है जिसकी लौ से काजल नहीं निकलता बल्कि निकलता है केसर।इसी कारण इसे 'अखंड केसर ज्योति' के नाम से भी जाना जाता है।

एक दीपक जिसकी लौ से होता है दुनिया का एक अनूठा चमत्कार!
यह अनोखा मंदिर राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है।जोधपुर जिले में जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर बिलाडा में यह मंदिर करीब 500 से अधिक सालों से देश-दुनिया के श्रृद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है।

एक दीपक जिसकी लौ से होता है दुनिया का एक अनूठा चमत्कार!
इस मंदिर में विराजती है 'आई माता'।कहा जाता है 'आई माता', स्वय जगत जननी जगदम्बा का अवतार हैं।सिरवी समाज की आराध्य देवी 'आई माता' के मंदिर में 500 से भी अधिक सालों से जल रही आखंड ज्योति से काजल की जगह केसर का बनना माताजी की उपस्थिति का प्रमाण देता है।

एक दीपक जिसकी लौ से होता है दुनिया का एक अनूठा चमत्कार!
मंदिर परिसर में लगी आई माता की प्रदर्शनी, जो माताजी के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालती नज़र आती है,जिसमे माता के चमत्कारों से लेकर भक्तों तक की झलकियां  देखने मिलती है।

एक दीपक जिसकी लौ से होता है दुनिया का एक अनूठा चमत्कार!
साथ ही परिसर में एक आलिशान म्यूजियम भी बना हुआ जिसमे प्राचीन वस्तुओं की उपस्थिति, अस्त्र-शास्त्र,कलाकृतियां, वाद्य यन्त्र,सैकड़ों साल पुरानी मूर्तियां आदि सभी देखते ही बनते हैं।

हल्दी का यूज ऐसे करेंगे तो ये बीमारियां जड़ से साफ हो जाएंगी

 

दारु हल्दी का नाम आयुर्वेद के जानकारों के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे रस प्राप्त किया जाता है जिसका रसांजन बनाया जाता है।  इसमें पाया जानेवाला तिक्त क्षाराभ (बर्बेरिन) बड़ा ही गुणकारी होता है। रसांजन बनाने के लिए दारुहरिद्रा की जड़ वाले भाग में स्थित तने को सोलह गुना पानी में उबालें। जब चार भाग शेष रहे तो छान लें, अब इस काढ़े में बराबर मात्रा में गाय का दूध मिलाकर फिर धीमी आंच पर पकाएं और जब यह काढ़ा शेष रह जाए मतलब रसांजन तैयार है आइए अब इसके औषधीय प्रयोग  को जानें....
- यदि कहीं पर चोट लगी हो या सूजन आ गई हो तो रसांजन के लेप मात्र से सूजन और दर्द में काफी लाभ मिलता है।

- यदि आँखों में लालिमा का कारण अभिष्यंद ( कंजाक्तिविटिस) हो तो 250 मिलीग्राम रसांजन में 25 मिली गुलाबजल मिलाकर आँखों में एक बूंद टपका देने से लाभ मिलता है।


- कान के दर्द या स्राव में भी इसे ड्राप के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।


- कहीं भी किसी प्रकार का घाव हो जाए तो रसांजन  का लेप बड़ा ही फायदेमंद होता है यह संक्रमण को खत्म करता है।

- यदि गला खराब हो तो रसांजन के गंडूश से काफी लाभ मिलता है।

- दारुहरिद्रा से का काढा यकृत (लीवर ) से सम्बंधित विकारों में भी लाभकारी होता है।

- यदि रोगी सूखी खांसी से परेशान हो तो दारुहल्दी का चूर्ण भी बड़ा लाभकारी होता है।

- श्वेतप्रदर (ल्युकोरिया) में दारुहरिद्रा चूर्ण को पुष्यानुग चूर्ण के साथ सममात्रा में 2.5 से 5 ग्राम की मात्रा में लेना लाभकारी होता है।

- बुखार में दारुहल्दी का काढ़ा लाभदायक होता है। ऐसे ही अनेक गुणों से युक्त यह वनस्पति बाजार में मिलावट के कारण निष्प्रभावी हो सकती है लेकिन इसे पहचानने का सबसे आसान तरीका यह है कि़ इसे जितना भी उबालें इसका पीलापन नहीं जाता है।
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...