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05 फ़रवरी 2013

माथे पर क्यों लगाते हैं तिलक, क्या है इसका राज, देखिए तस्वीरें...



कुंभ कैंपस. हिन्दू आध्यात्म की असली पहचान है तिलक से होती है। यह मान्यता है कि तिलक लगाने से समाज में मस्तिष्क हमेशा गर्व से ऊंचा होता है। हिंदू परिवारों में किसी भी शुभ कार्य में "तिलक या टीका" लगाने का विधान हैं। यह तिलक कई वस्तुओ और पदार्थों से लगाया जाता हैं। इनमें हल्दी, सिन्दूर, केशर, भस्म और चंदन आदि प्रमुख हैं। परन्तु क्या आप जानते हैं कि इस तिलक लगाने के प्रति भावना क्या छिपी हैं? 
 
संगम तटमाथे पर तिलक लगाने के पीछे आध्यात्मिक महत्व है। दरअसल, हमारे शरीर में सात सूक्ष्म ऊर्जा केंद्र होते हैं, जो अपार शक्ति के भंडार हैं। इन्हें चक्र कहा जाता है। माथे के बीच में जहां तिलक लगाते हैं, वहां आज्ञाचक्र होता है। यह चक्र हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है, जहां शरीर की प्रमुख तीन नाडि़यां इड़ा, पिंगला व सुषुम्ना आकर मिलती हैं। इसलिए इसे त्रिवेणी या संगम भी कहा जाता है। यह गुरु स्थान कहलाता है। यहीं से पूरे शरीर का संचालन होता है। पर लगे आस्था के कुंभ में इन दिनों पहुंचे हज़ारों संतो के एक से एक अनोखे तिलक उन को लुभाने का काम कर रहे हैं। संत पूजन-अर्चन के अलवा माथे पर तिलक लगाने का विशेष विधान करते हैं। यह वर्णन मिलता है कि संगम तट पर गंगा स्नान के बाद तिलक लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है की स्नान करने के बाद पंडों द्वारा विशेष तिलक अपने भक्तों को लगाया जाता है। 
यही हमारी चेतना का मुख्य स्थान भी है। इसी को मन का घर भी कहा जाता है। इसी कारण यह स्थान शरीर में सबसे ज्यादा पूजनीय है। योग में ध्यान के समय इसी स्थान पर मन को एकाग्र किया जाता है। तिलक लगाने से एक तो स्वभाव में सुधार आता हैं व देखने वाले पर सात्विक प्रभाव पड़ता हैं।

40 हजार महीना वेतन पाने वाला यह क्लर्क है 30 करोड़ का आसामी


 भोपाल। 40 हजार रुपए महीना वेतन पाने वाला बिजली कंपनी का क्लर्क 30 करोड़ से अधिक की संपत्ति का मालिक निकला। लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार सुबह अजरुनदास लालवानी (57) के बैरागढ़ स्थित मकान पर छापा मारा। 9 घंटे चली कार्रवाई में करोड़ों की चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज, 51 हजार नगदी, 28 बैंक खातों की पासबुक और पांच लाख रुपए के जेवर मिले हैं।  
 
लालवानी बिजली कंपनी में असिस्टेंट ग्रेड-2 के पद पर पदस्थ  हैं। पिछले दस साल से वे गोविंदपुरा में बिजली कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ऑफिस में कमर्शियल विभाग में कार्य कर रहे हैं। लोकायुक्त को उनके खिलाफ शिकायत मिली थी।
 
 लोकायुक्त एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि जो संपत्ति मिली है उसकी खरीदते समय कीमत करीब ढाई करोड़ रुपए थी। इसके वर्तमान बाजार मूल्य का आकलन किया जा रहा है।

FACEBOOK से फंसे: मनमोहन-मुलायम का कार्टून पोस्‍ट करने पर गिरफ्तार



आगरा. सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर ‘सांप्रदायिक और भड़काऊ’ पोस्ट डालने पर आगरा के एक शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसने पीएम मनमोहन सिंह, कैबिनेट मंत्री कपिल सिब्बल और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के आपत्तिजनक कार्टून और पोस्ट डाले थे। 
 
जानकारी के मुताबिक, आगरा के दयालबाग के रहने वाले संजय चौधरी को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर राजनीतिक हस्तियों से संबंधित पोस्ट डालने पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनका लैपटॉप, सिम कार्ड और डाटा कार्ड भी जब्त कर लिया गया है। 
 
आगरा के पुलिस अधिक्षक सुभाष चंद्र दुबे के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली थी कि इस शख्स ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर सीएम के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट किया है। पुलिस ने सपा सुप्रीमो मुलायम की आपत्तिजनक फोटो पोस्ट करने के आरोप में स्कूल संचालक औऱ इंजीनियर संजय चौधरी को अरेस्‍ट किया। उस पर फोटो के साथ कम्‍युनल कमेंट करने का भी आरोप है। मुलायम के अलावा उसने पीएम मनमोहन सिंह और कपिल सिब्‍बल के कार्टून भी फेसबुक पर अपलोड किए थे। उसे गिरफ्तार करने के बाद उसकी फेसबुक वॉल से सभी कार्टून और कमेंट्स हटा दिए हैं। आरोपी देव पब्लिक स्कूल का चेयरमैन है और उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। संजय का कहना है कि उसका फेसबुक एकाउंट हैक कर यह शरारत की गई।
 
फेसबुक पोस्ट पर हुई गिरफ्तारी ने एक बड़ा सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या प्रशासन सरकार के खिलाफ उठ रही आवाजों को शांत करने के लिए आईटी एक्ट के प्रावधानों का गलत इस्तेमाल भी करता है। साइबर लॉ विशेषज्ञ पवन दुग्गल मानते हैं कि आईटी एक्ट की धारा 66ए के तहत लोगों के विक्टिमाइज होने के चांस बहुत ज्यादा है। 
 
पवन दुग्गल के मुताबिक साइबर अपराध के अधिकतर मामलों में सरकारी एजेंसियां ही यह तय करती हैं कि आप कानून के दायरे में आते है या नहीं आते हैं। धारा 66ए में होनी वाली गिरफ्तारियां बहुत सोच विचार के बाद की जानी चाहिए। इस प्रावधान की कानूनी मान्यता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस कानून के खिलाफ दायर की गई याचिका विचाराधीन है। बहुत से मामलों में गिरफ्तारी जरूरी नहीं होती लेकिन प्रशासन कड़ा संदेश देने के लिए गिरफ्तारी करता है। बिना-सोचे समझे इस कानून के तहत किसी को भी गिरफ्तार करना तर्कसंगत नहीं है। हालांकि प्रावधानों के तहत प्रशासन गिरफ्तारी कर सकता है। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि किसके लिए क्या भावनाओं को आहत करने वाला है। 
 
पवन दुग्गल मानते हैं कि हमारा आइटी एक्ट भी पुराना पड़ गया है। वह कहते हैं, 'हमारा आईटी एक्ट अब रेलिवेंट नहीं है। बहुत से प्रावधानों में संसोधन की जरूरत है। यह कानून 2000 में बना था और संशोधन 2008 में हुआ था। लेकिन पिछले पांच सालों में सोशल मीडिया ने पूरे परिदृश्य को ही बदल कर रख दिया है। मोबाइल के जरिए भी तरह-तरह के अपराध हो रहे हैं। इसलिए मौजूदा समय के हिसाब से यह कानून काफी पिछड़ा है। आवश्यक्ता है कि इस आज के संदर्भ में दोबारा बनाया जाए। यही नहीं सोशल नेटवर्किंग के विभिन्न पहलू भारतीय साइबर लॉ में कवर नहीं हो पाते हैं। हमारे पास दो रास्ते हैं, या तो हम नया कानून लेकर आए या फिर मौजूदा कानून के ही प्रावधानों को ही संशोधित किया जाए।'

आसाराम ने मारी भक्त के सिर पर लात, प्रवचन में गाली दी


दिल्‍ली गैंगरेप की शिकार दामिनी को ही दोषी ठहराने और फिर आलोचकों की तुलना कुत्‍ते से करने वाले आसाराम बापू एक बार फिर अपनी हरकतों और बयानों की वजह से विवादों में हैं। मध्यप्रदेश के विदिशा में चार फरवरी को हुए एक सत्संग कार्यक्रम में आसाराम ने यमदूत को गाली दी और कार्यक्रम खत्म होने के बाद उन्होंने अपने एक भक्त के सिर पर लात भी मारी। समय-समय पर आपा खोने वाले आसाराम ने कुछ महीनों पहले गाजियाबाद में भी एक पत्रकार के सवाल पूछने पर उसे घूंसा रसीद कर दिया था। 
 
आसाराम बापू के एक भक्त अमान सिंह दांगी का आरोप है कि सत्संग खत्म होने के बाद वह बापू के पैर छूने और आर्शीवाद लेने के लिए उनके पास गया। जैसे ही उसने आसाराम के पैर छूने की कोशिश की तो आसाराम ने उन्हें लात मार कर अपने से दूर कर दिया। विदिशा के मैदा मिल में आसाराम का सत्संग था। कार्यक्रम के बाद जब आसाराम यहां से निकल रहे थे तब अमान सिंह दांगी ने उनके पैर छूने की कोशिश की थी। दांगी ने टीवी चैनलों को दिए बयान में अपनी आपबीती सुनाई है। दांगी ने कहा कि उन्हें बापू की इस हरकत से बहुत दुख हुआ। उन्हें अपने आप पर भी शर्म आई और रात को ठीक से सो भी नहीं सके। उन्होंने कहा कि वह बापू को बहुत श्रद्धा से देखते थे लेकिन इस घटना ने उनके विचार बदल दिए हैं। इससे पहले आसाराम ने एक प्रसंग में यमदूत को मंच से ही गाली भी दी।

दिल्ली में जारी हैवानियत : दुष्कर्म में असफल युवक ने लड़की के मुंह में डाली रॉड



नई दिल्ली. वसंत विहार गैंगरेप मामले की नियमित सुनवाई शुरू हुई और उसी दिन राजधानी में फिर एक मामला सामने आ गया। दक्षिण दिल्ली के पॉश इलाके लाजपत नगर में एक केबल ऑपरेटर ने 24 साल की युवती से उसके घर में दुष्कर्म की कोशिश की।
 
युवती ने जब शोर मचाना चाहा तो आरोपी ने उसके मुंह में लोहे की रॉड डाल दी। आरोपी अनिल कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
 
घटना सोमवार देर रात की है, लेकिन मामला मंगलवार को सामने आया। युवती को एम्स में भर्ती कराया गया है। वहां के डॉक्टर युवती की हालत चिंताजनक बता रहे हैं।
 
घटना के वक्त युवती घर में अकेली थी। पुलिस के मुताबिक अनिल कुमार केबल का काम करता है और युवती के पड़ोस में ही रहता है। सोमवार शाम के समय अनिल युवती के घर उस वक्त जाकर छिप गया जब उसके घर पर कोई नहीं था।
 
रात को जब युवती घर लौटी तो अनिल ने उस पर दुष्कर्म करना चाहा। युवती शोर मचाने लगी इस पर अनिल गुस्सा गया और लोहे की रॉड मुंह में डाल दी। लेकिन तब तक पास-पड़ोस के लोग जमा हो गए थे।

कुरान का संदेश

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