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11 फ़रवरी 2013

मंडप से सीधे थाने पहुंची दुल्हन, खोल दी सेना के जवान की शर्मनाक करतूत!


मंडप से सीधे थाने पहुंची दुल्हन, खोल दी सेना के जवान की शर्मनाक करतूत!
नागपुर. सेना की अनुशासित जिंदगी में भगोड़ा शब्द का कोई स्थान नहीं पर एक जवान ने इसे अपनी जिंदगी के साथ जोड़ लिया। शादी के मंडप में दुल्हन इंतजार करती रही और वह फरार हो गया।
शादी के जोड़े में ही दुल्हन थाने पहुंची और मामला दर्ज कराया। सदर पुलिस ने दूल्हे व उसके माता-पिता के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की है।
विजय मदन पिल्ले (31) म्हाडा कालोनी ,धरमपेठ निवासी है। सोमवार को उसकी शादी वाईएमसीए हाल में गड्डïीगोदाम क्षेत्र की युवती से होने वाली थी।
एक माह से तैयारी की जा रही थी। रिश्तेदारों व परिचितों को निमंत्रण पत्रिकाएं भी बांट दी गई। तय समय पर सभी लोग शादी स्थल पर पहुंचे।
दुल्हन ढेरों सारे अरमान के बीच भी हाथों में रची मेहंदी में खोई हुई थी। घड़ी-दर-घड़ी समय सरकता जा रहा था पर दूल्हे का पता नहीं था। रिश्तेदार भी नहीं आए थे। काना-फुसी तेज हो गई।
आशंकाओं के बीच दूल्हे विजय को फोन लगाया गया, मगर फोन बंद था। कुछ लोगों ने घर जाकर देखा तो  ताला लगा था। दुल्हन पक्ष वालों को माजरा समझ में आ गई। दुल्हन के साथ ही वे थाने पहुंचे।

इज्तिमा में संदेश: भ्रूण हत्या और दहेज को बताया नाजायज


इस्लाम की तबलीग (प्रचार) के लिए ये सब लोग इकट्ठा हुए हैं, जिनका मकसद इस्लाम के बताए हुए रास्तों पर चलना है। ये लोग मुसलमानों को दावत देते हैं कि आओ पांचों वक्त की नमाज अदा करें। सच, ईमानदारी और सही रास्ते पर अपनी जिंदगी बसर करें।
 
 
जयपुर.तबलीगी जमात की ओर से कर्बला में आयोजित तीन दिवसीय दीनी तबलीगी इज्तिमा सोमवार को सामूहिक दुआ के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर लाखों अकीदतमंदों ने दुआ की।  मौलवी चिरागुद्दीन ने दुआ करवाई। उन्होंने कहा कि देश और समाज में अधिक से अधिक शिक्षा मिले। निकाहों में दहेज का लेनदेन बंद हो। हजरत मोहम्मद साहब ने दहेज को नाजायज बताया है। उन्होंने निकाह को सादगीपूर्ण तरीके से करने की बात कही। 
 
हदीस में वलीमा (शादी में दूल्हे की तरफ से दी जाने वाली दावत) को जायज बताया है, वह भी बहुत छोटे पैमाने पर। मौलवी ने कहा कि बेटियों को पैदा होने से पहले मार दिया जाता है। बेटियों को कोख में ना मारें, सभी धर्मो और संस्कृति में इसे नाजायज बताया गया है। मौलवी महफूज ने वतन परस्ती पर जोर डाला। मुफ्ती अमजद अली साहब के निर्देशन में सात जोड़ों का निकाह हुआ। 
 
मकसद : 
 
हजरत मोहम्मद साहब ने जब मक्का से मदीना तक हिजरत की। इस बीच मोहम्मद साहब ने शहरों में जाकर इस्लाम धर्म के साथ-साथ मानवता की अच्छाइयों का प्रचार प्रसार किया। इसके बाद उनके अनुयायियों ने इसे आगे बढ़ाया, ये बढ़ता हुआ दीनी तबलीगी इज्तिमा में तब्दील हो गया।
 
जलसा-ए-सीरतुनब्बी आज
 
सेंट्रल सीरत कमेटी मंगलवार को बड़ी चौपड़ पर जलसा-ए-सीरतुनब्बी का आयोजन करेगी। कमेटी अध्यक्ष कारी मुईनुद्दीन और जमाते इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय महासचिव सलीम इंजीनियर ने बताया- कार्यक्रम रात 9 बजे शुरू होगा। इसमें लखनऊ के शिया विद्वान मौलाना सैयद कल्बे जव्वात, यूपी के मौलाना ताहिर मदनी बिलेरियागंज, दिल्ली के मुफ्ती अब्दुल समी कासमी हजरत मोहम्मद साहब के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डालेंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य आपसी भाईचारा बढ़ाना है।

ईश्वर के दर्शन कराने की आड़ में साधुओं को बनाया नपुंसक!


चंडीगढ़. सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले पर सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख से जवाब तलब किया है। सोमवार को अदालत में सुनवाई के दौरान याची की मेडिकल रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की गई। जस्टिस आरएन रैना ने रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि इसमें नपुंसकता की पुष्टि की गई है। ऐसे में डेरा प्रमुख की तरफ से इस मामले पर अपना पक्ष रखा जाए।   फतेहाबाद निवासी हंसराज चौहान की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि डेरे में रहने वाले साधुओं को सब्जबाग दिखाया गया कि नपुंसक बनने वाले साधुओं को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह के जरिए ईश्वर के दर्शन होंगे।
इस झांसे में आकर डेरे में रहने वाले लगभग 400 साधुओं ने अपना ऑपरेशन करवा लिया। याची ने कहा कि वर्ष 2000 में ईश्वर के दर्शन कराने के नाम पर उसके साथ करीब 20 साधुओं को नपुंसक बना दिया गया। इससे उनके शरीर में हारमोनल बदलाव आ गए हैं। लोग उन्हें नपुंसक कह कर छेड़ते हैं।
याचिका में विनोद नामक साधु का उदाहरण देकर कहा गया कि उसने सिरसा कोर्ट कांपलेक्स में आत्महत्या कर ली थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि वह नपुंसक है। याचिका में दावा किया कि इस तरह 400 साधु डेरे में हैं।जो नपुंसकता का शिकार हैं और डेरा मुखी के रहमोकरम पर जिंदा हैं। याचिका में मांग की गई कि मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए और पीडि़तों को मुआवजा दिलाया जाए।

दिल्ली में रिसेप्शनिस्ट संग महीनों बलात्कार, 10 मनचलों का भाई के सामने बहन पर हमला

नई दिल्ली. बुराड़ी इलाके में मदद करने के बहाने एक 32 वर्षीय महिला से दो महीने तक दुष्कर्म में पुलिस ने नरेश नामक युवक को गिरफ्तार किया है।
 
प्राइवेट कंपनी में रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली पीडि़ता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी पति से अनबन चल रही है, जिसके बाद वह नरेश(36) के संपर्क में आई।
 
पीडि़ता का आरोप है कि आरोपी ने दो माह पहले उसे मुकुंदपुर में किराए का मकान दिलवाया था। बाद से वह उसे डरा धमका कर करीब दो माह तक दुष्कर्म करता रहा। पुलिस के मुताबिक  मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
 
कार से लड़की को खींचने की कोशिश :
 
सोमवार की रात 10.30 बजे के करीब न्यू अशोक नगर इलाके में 8 से 10 लोगों ने लड़की को कार से खींचने की कोशिश की। बताया जाता है कि इन सभी लड़कों ने नशा कर रखा था। 
 
कार जैसे ही धीमी हुई इन मनचलों ने कार पर हमला कर दिया। पहले तो इन सभी ने कार में सवार भाई-बहन से बदसलूकी की फिर लूटपाट भी की। नशे में धुत इन युवकों ने कार में सवार लड़की को बाहर खींचने की भी कोशिश की। 
 
इस दौरान पास से ही गुजर रहे एक पुलिसवाले ने जब उन्हें बचाने की कोशिश की तो शोहदों ने पुलिस वाले की भी पिटाई कर दी। हमलावरों में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है।

कुरान का संदेश

अफजल की फांसी पर गोपनीयता क्‍यों? मंत्री अब्‍दुल्‍ला ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल, बीजेपी बिफरी

नई दिल्‍ली. केंद्रीय मंत्री और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। फारुख अब्दुल्ला ने अपने बेटे और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नक्श-ए-कदम पर चलते हुए कहा है कि अफजल गुरु की फांसी को लेकर जिस तरह की गोपनीयता बरती गई, उससे उन्हें दुख पहुंचा है। अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र को यह बताना चाहिए कि इस गोपनीयता के पीछे असली वजह क्या थी और उसे इस तरह से फांसी क्यों दी गई। अब्दुल्ला ने कहा, 'मुझे इस बात से दुख हुआ है कि अफजल के परिवार वालों तक को उससे मिलने का आखिरी मौका नहीं दिया गया। यह एक ऐसे आदमी का मामला है, जिसे मरने से पहले आखिरी बार अपने परिवार से मिलने की इजाजत दी जा सकती थी।' 
 
हालांकि, पिछले साल 25 फरवरी को अब्दुल्ला ने अफजल गुरु पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था, 'अफजल गुरु को भारतीय संसद पर हमले की कीमत चुकानी पड़ेगी। जो कोई भी भारत पर हमला करेगा, उसे कीमत चुकानी चाहिए।' 
 
फारुख अब्दुल्ला से पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अफजल की फांसी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा है कि कानूनी प्रक्रिया का सही तरह पालन नहीं किया गया। फांसी न दी जाती तो बेहतर था। एक चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस फांसी से कश्मीरी लोगों की यह धारणा और बढ़ेगी कि उन्हें इंसाफ नहीं मिलता। इससे कश्मीरियों में अलगाव की भावना और बढ़ेगी। 
 
लेकिन दूसरी तरफ, सोमवार को बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की आलोचना की। बीजेपी ने उमर अब्दुल्ला के उस बयान पर ऐतराज जताया है, जिसमें जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने अफजल गुरु को गोपनीय ढंग से फांसी दिए जाने पर सवाल उठाया था। बीजेपी ने कहा है कि उमर का बयान बेहद आपत्तिजनक और देशहित के खिलाफ है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि किस बात ने उन्हें ऐसा बयान देने पर मजबूर किया। मुकदमे की पूरी कार्यवाही बहुत ही निष्पक्ष तरीके से पूरी की गई।'

सरकार ने झाड़ा पल्‍ला, प्रेस कांफ्रेंस में भड़के मंत्री, लाश के बदले मांगी जा रही घूस



लखनऊ/नई दिल्ली।  इलाहाबाद में रविवार शाम रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 36 लोगों (नाम यहां पढ़ें) की मौत को लेकर जिम्‍मेदारी से पल्‍ला झाड़ने की होड़ लगी है। रेलवे कह रहा है कि पुल टूटने से हादसा होने की बात गलत है। यूपी सरकार का कहना है कि कुंभ में स्‍नान में लोगों को कोई दिक्‍कत नहीं हुई और हादसा रेलवे की लापरवाही का नतीजा है। रेल मंत्री पवन बंसल ने सोमवार शाम को घायलों के परिजनों से मुलाकात की। 
 
सोमवार ( को अपने को पाक-साफ बताने के लिए यूपी सरकार की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई। इसमें राज्‍य के पंचायती राज मंत्री बलराम सिंह मीडिया से मुखातिब हुए। लेकिन वह पत्रकारों के सवालों की बौछार झेल नहीं सके। उन्‍होंने कहा कि भीड़ अनुमान से ज्‍यादा थी। इसके बावजूद कुंभ में स्‍नान में लोगों को कोई समस्‍या नहीं हुई। अब हादसा क्‍यों हुआ, इसकी जांच कराई जाएगी। 
 
बलराम सिंह जब मीडिया के सवालों का जवाब आसानी से नहीं दे सके तो मुख्‍य सचिव जावेद उस्‍मानी ने कमान संभाली। लेकिन पत्रकार लगातार सवाल करते रहे। इस पर बलराम सिंह भड़क गए और उन्‍होंने झल्‍लाते हुए कहा कि आप से जो कहा जा रहा है उसे सुनें तो सही। इस दौरान उस्‍मानी ने सरकार की ओर से पूरी सफाई दी और कहा कि एक महीने के भीतर जिम्‍मेदारी तय की जाएगी और हादसे के कारणों का पता लगाया जाएगा।
 
इलाहाबाद में हादसे के कई घंटों बाद भी बदइंतजामी का आलम बना हुआ है। लाखों यात्री अभी भी वहां फंसे हुए हैं। इलाहाबाद से बाहर निकलने वाले सभी रास्‍तों पर भारी जाम लगा है। वहीं, यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने इस हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिकता के आधार पर कुंभ मेला प्रभारी पद से इस्तिफा दे दिया है। यूपी के पंचायती राज मंत्री बलराम यादव ने कहा कि कुंभ मेले में अनुमान से ज्यादा भीड़ हो गई थी। यूपी सरकार मृतकों को पांच लाख रुपये मुआवजा देगी। हादसे के दोषियों का पता जांच के बाद ही चलेगा।
 
 
यही नहीं, स्वरूप रानी मेडिकल हॉस्पिटल हरियाणा के बल्लभगढ़ से आए एक व्‍यक्ति ने आरोप लगाया है कि उनके  परिजन का शव सौंपने के एवज में अस्‍पताल के एक कर्मचारी ने 1200 रुपए की रिश्‍वत मांगी। यह जानकारी सार्वजनिक होते ही लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा चल ही रहा था कि इलाहाबाद के कमिश्नर देवेश चतुर्वेदी घायलों  से मिलने अस्‍पताल पहुंच गए, लेकिन लोगों ने उनके साथ धक्कामुक्की की। लोगों का आक्रोश देखते हुए चतुर्वेदी वहां से निकल गए। उन्‍होंने शव के बदले पैसे मांगने की बात को गलत बताया और कहा कि हर एक मृतक पर जिला प्रशासन की तरफ से 5000 रुपए मंजूर किए गए हैं और शव को  घर तक पहुचाने के लिए एंबुलेंस का भी इंतजाम किया गया है।
   
 
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव श्जावेद उस्मानी तथा पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा को आज ही इलाहाबाद जाकर दुर्घटना में घायल हुए लोगों के उपचार और वहां कराए जा रहे राहत कार्यों का मौके पर देखरेख करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही पंचायती राज मंत्री बलराम यादव और परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव भी इलाहाबाद पहुंच रहे हैं। इलाहाबाद में हुए हादसे का निरीक्षण करने के लिए आ रहे रेल मंत्री पवन बंसल ने कहा है कि रेलवे की तरफ से हादसे में मरने वालों के परिजनों को एक लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा।
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