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13 फ़रवरी 2013

पुलिस ने महिलाओं से की छेड़खानी, 5 हजार लोगों ने किया थाने पर हमला

पुलिस ने महिलाओं से  की  छेड़खानी,  5 हजार लोगों ने किया थाने पर हमला
 गोइलकेरा.  महिलाओं से छेड़खानी के विरोध में बुधवार को गोइलकेरा थाने पर ग्रामाणों ने हमला कर दिया।  हमले  से पुलिस दिनभर सहमी रही। पांच हजार लोगों का गुस्सा देखते ही पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों ने पोजीशन लेकर बंदूकें तान दी थी। थाने की छत के ऊपर बने मोर्चे और पीछे स्थित सीआरपीएफ कैंप में जवानों को तैयार कर दिया गया। दूसरी ओर ग्रामीण थाने पर ही जमे रहे।  थाने के घेराव कर रहे लोगों ने  एक स्वर में महिलाओं से छेडख़ानी की घटना की निंदा करते हुए आरोपी पुलिस के जवानों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।विरोध के लिए 5000 से ज्यादा  ग्रमीण थाने पर जमे रहे। इनका आरोप था कि पुलिस के जवानों की ओर से बार बार तलाशी के नाम पर  ऐसी घटना को अंजान दिया  जाता है।  इस प्रदर्शन में  22 गांवों के लोग शामिल थे।

बाप ने बनाया हवस का शिकार, उसके मित्रों ने भी लूटी नाबालिग बेटी की आबरू!


 

भरतपुर.एक पटवारी ने अपनी आठवीं कक्षा में पढ़ रही नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। पिता के चार-पांच मित्रों ने भी इस छात्रा से ज्यादती की। परेशान बच्ची ने हिम्मत दिखाते हुए बुधवार को स्कूल  प्राचार्य को जानकारी दी। इस पर प्रशासन ने कार्रवाई में करते हुए बच्ची का मेडिकल कराया। 
 
बाद में पुलिस ने आरोपी पिता को हिरासत में ले लिया। अन्य आरोपियों की भी पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है।  पुलिस का कहना है कि  छात्रा ने कई साल से दुष्कर्म होने की जानकारी दी है। बच्ची ने बताया कि दुष्कर्म के बाद पिता धमकियां भी देता था।  इसकी जानकारी बच्ची ने मां और दादी को भी दी, लेकिन बदनामी के कारण सब चुप रहे। 
 
बच्ची ने मामा के यहां भी जाने की जिद की तो मां ने भेजने से इसलिए इनकार कर दिया। हिम्मत करके छात्रा ने बुधवार को  प्राचार्य को आपबीती सुनाई।  प्राचार्य ने मामले की जानकारी जिला कलेक्टर को दी तो पुलिस ने जांच शुरू की। एसपी अंशुमन भौमियां ने बताया कि छात्रा से पूछताछ करने के लिए टीम बनाई गई है इस टीम ने पीड़ित छात्रा से बातचीत की और बयान के आधार पर महिला थाना में मामला दर्ज किया। इसके बाद छात्रा का मेडिकल कराया गया। इसके बाद पिता को हिरासत में ले लिया गया है।    
 
'विद्यालय के प्राचार्य को पीड़ित छात्रा ने जानकारी दी थी। एसपी को घटना के बारे में बताया गया ताकि जांच के बाद दोषी के खिलाफ कार्रवाई हो सके।'
 
-जी.पी. शुक्ला, जिला कलेक्टर

कुरान का सन्देश

जानिए शिवपुराण में बताईं 'ॐ' के चमत्कारी होने की ये खास बातें

PICS: जानिए शिवपुराण में बताईं 'ॐ' के चमत्कारी होने की ये खास बातें
सनातन धर्म और ईश्वर में आस्था रखने वाला हर व्यक्ति देव उपासना के दौरान शास्त्रों, ग्रंथों में या भजन और कीर्तन के दौरान 'ॐ' महामंत्र को कई बार पढ़ता, सुनता या बोलता है। धर्मशास्त्रों में यही 'ॐ' प्रणव नाम से भी पुकारा गया है। असल में इस नाम से जुड़े गहरे अर्थ हैं, जो अलग-अलग पुराणों और शास्त्रों में कई तरह से बताए गए हैं। खासतौर पर शिवपुराण में 'ॐ' के प्रणव नाम से जुड़ी शक्तियों, स्वरूप व प्रभाव के गहरे रहस्य उजागर हैं


शिवपुराण में प्रणव यानी  'ॐ' के अलग-अलग शाब्दिक मतलब और भाव बताए गए हैं। इनके मुताबिक-  
- प्र यानी प्रपंच, न यानी नहीं और व: यानी तुम लोगों के लिए। सार यही है कि प्रणव मंत्र सांसारिक जीवन में प्रपंच यानी कलह और दु:ख दूर कर जीवन के सबसे अहम लक्ष्य यानी मोक्ष तक पहुंचा देता है। यही वजह है कि ॐ को प्रणव नाम से जाना जाता है। 

- दूसरे अर्थों में प्रनव को 'प्र' यानी यानी प्रकृति से बने संसार रूपी सागर को पार कराने वाली 'नव' यानी नाव बताया गया है। 

- इसी तरह ऋषि-मुनियों की दृष्टि से 'प्र' - प्रकर्षेण, 'न' - नयेत् और 'व:' युष्मान् मोक्षम् इति वा प्रणव: बताया गया है। इसका सरल शब्दों में मतलब है हर भक्त को शक्ति देकर जनम-मरण के बंधन से मुक्त करने वाला होने से यह प्रणव है। 

- धार्मिक दृष्टि से परब्रह्म या महेश्वर स्वरूप भी नव या नया और पवित्र माना जाता  है। प्रणव मंत्र से उपासक नया ज्ञान और शिव स्वरूप पा लेता है। इसलिए भी यह प्रणव कहा गया है।

1 हजार कुत्तों की पहरेदारी में बनता है बजट, बिना मोबाइल 7 दिन तक रहते हैं 100 लोग 'कैद'


आम आदमी की भाषा में कहें तो बजट वह है जिससे घर का खर्चा-पानी चलता है, बचत की जाती है और पर्व-त्योहार पर दिल खोल के खर्च किया जाता है। जरा सोचिए, एक घर के खर्चे को चलाने के लिए जिस बजट पर इतनी माथा-पच्ची की जाती है, तो पूरे देश के बजट को बनाने में कितना समय और दिमाग लगाना पड़ता होगा!

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन एक संस्था है – इकोनॉमिक अफेयर्स, और इसके अंदर एक विभाग है – बजट डिविजन। यह बजट डिविजन ही है जो हर साल भारत सरकार के लिए बजट बनाता है।  बजट बनाने की प्रक्रिया प्रति वर्ष अगस्त-सितंबर माह में शुरू हो जाती है। इस प्रक्रिया को और बजट के प्रारूप को बहुत ही गोपनीय रखा जाता है।

सुरक्षा के लिहाज से बजट बनने की प्रक्रिया बननी शुरू होने से लेकर बजट पेश होने वाले दिन तक करीब 1 हजार कुत्तों की टीम बराबर बजट की सुरक्षा और गोपनीयता के लिए तैनात की जाती है। बजट का ड्राफ्ट बनने से लेकर बजट प्रिटिंग का कागज, प्रिटिंग, पैकेजिंग और संसद पहुंचने की प्रक्रिया के बीच कई बार बजट को लीक न होने देने के लिए सुरक्षा जांच करते हैं।

शरद यादव की पीएम से अपील- लौटा दें अफजल की लाश, अब वीरप्‍पन के करीबियों को मिलेगी फांसी?



नई दिल्‍ली. संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी और तिहाड़ में दफन करने का मसला ठंडा होता नहीं दिख रहा है। यूरो‍पीय यूनियन (ईयू) ने अफजल की फांसी पर अफसोस जताया है, तो जनता दल (यूनाइटेड) के मुखिया शरद यादव ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि अफजल की लाश उसके घरवालों को लौटा दी जाए।  उधर, मशहूर गीतकार गुलजार पाकिस्‍तान की यात्रा से बीच में ही भारत लौट गए हैं। बताया जा रहा है कि उन्‍हें सुरक्षा कारणों का हवाला देकर पाकिस्‍तान ने वापस भेज दिया है। कहा जा रहा है कि पाकिस्‍तान स्थित भारतीय उच्‍चायोग ने गुलजार को वापस भेजा है। उच्‍चायुक्‍त का कहना है कि सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया गया है। गुलजार लाहौर लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत करने कराची पहुंचे थे। वे लाहौर से 250 किमी. दूर अपने पैतृक गांव कालरा भी गए थे, जहां उनका बचपन बीता था। हालांकि आधिकारिक तौर पर उनकी वापसी के बारे में यही कहा जा रहा है कि उनकी निजी यात्रा थी, वह अपनी मर्जी से आए और गए, इसमें कोई सरकारी दखल नहीं दिया गया है।
 
लगता है कि अजमल कसाब और अफजल गुरु की फांसी के बाद अब कुख्‍यात चंदन तस्‍कर वीरप्‍पन के करीबियों का नंबर है। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वीरप्‍पन के चार सहयोगियों की दया याचिका खारिज कर दी है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है। ऐसे में अब वीरप्‍पन के सहयोगियों को फांसी देने का रास्‍ता साफ हो गया है।

200 महिलाएं बनीं नागा संन्यासी,

कुंभ कैंपस. संगम तट पर महिला नागा संन्यासियों की अलग ही दुनिया बसी हुई है। बुधवार को करीब 200 महिलाएं अपना श्राद्ध और पिंड दान करके नागा संन्यासी बन गईं। सभी ने दीक्षा ग्रहण करते हुए नागा साधु बनने की प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण चरण पार कर लिया। सभी संगम किनारे अपना केश मुड़वाकर स्वयं का पिंड दान कर दिया। 
 
तीर्थराज प्रयाग में पवित्र संगम की रेती पर चल रहे कुंभ मेले में नई महिला नागा संन्यासी बनाने की प्रक्रिया का एक चरण पूरा हुआ। महिला नागा संन्यासियों ने हवन पूजन करके अपनी 21 पीढ़ियों का पिण्डदान किया। निर्धारित अनुष्ठानों को सम्पन्न करने के बाद सभी अभ्यर्थी अखाड़े की छावनी में शाम तक पहुंचेंगी। 
 
वहां अखाड़े के धर्म ध्वजा के नीचे निर्धारित अनुष्ठान करने के बाद रात तक ओम नमः शिवाय का जाप करेंगी। तड़के चार बजे अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज सभी को संन्यास की दीक्षा देंगे।
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