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14 फ़रवरी 2013

पत्नी के वे चार शब्द और दुनिया भर में मशहूर हो गया एक महामूर्ख


पत्नी के वे चार शब्द और दुनिया भर में मशहूर हो गया एक महामूर्ख
महाकवि कालिदास महान प्रेमी भी थे। विक्रमादित्य के नौ रत्नो में एक कालिदास संस्कृत भाषा के सबसे महान कवि और नाटककार थे। कालिदास का विवाह धोखे से विद्योत्तमा नाम की राजकुमारी से करा दिया गया था।
 
विद्योत्तमा को जब पता चलता है कि कालिदास बेवकूफ हैं तो उन्होंने कालिदास को बहुत बुरा-भला कहा। इसके बाद कालिदास ने निश्चय किया कि वह विद्या हासिल करके ही रहेंगे। कालिदास को विद्योत्तमा से उन लोगों ने करा दिया था जो यह देख कर बहुत परेशान थे कि कोई भी विद्योत्तमा से शास्त्रार्थ में जीत नहीं हा रहा था, जो उनसे विवाह करने की शर्त थी।कालिदास इतने बड़े बेवकूफ थे कि जिस डाल पर बैठे थे, उसे ही काट रहा थे।

उनकी झील सी आँखों में में समा तो गया

उनकी
झील सी आँखों में
में समा तो गया
लेकिन
रफ्ता रफ्ता
दिल की धड़कन उनकी बढने लगी
उनकी साँसे चलने लगी
बस मुझे उन्होंने
दिल से यूँ निकाला
जेसे पहचानते ही नहीं
अब कहते है नो वेकेंसी नो वेकेंसी
तुम अब मेरे दिल में नहीं ................

आसमानों से कह दो

आसमानों से कह दो
जितना बरसना हो
बरस कर देख
यह प्यार की आग है
यह प्रेमी की प्यास है
इसे बुझा सकता हो
तो इसे बुझा कर देख ............आखर खान अकेला कोटा राजस्थान

देखो तो सही

देखो तो सही
बढी मासुनियत से
वोह क्या कहते है
अकेले तुम कहाँ हो
मेरी मीठी यादें
मेरी जुदाई की बातें
जो तुम्हारे साथ है ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मेरी आँखों में

मेरी आँखों में
अक्स तुम
अपना देख कर
क्यूँ कहते हो
मेने कातिल की
तस्वीर देखी है
में तो तुम्हारी आँखों में
खुदा का अक्स देखता हूँ .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह अजीब संस्क्रती है ..पहले फूल दिवस वोह भी केवल गुलाब के फुल का दिवस

यह अजीब संस्क्रती है ..पहले फूल दिवस वोह भी केवल गुलाब के फुल का दिवस ..गोभी के फूल की कोई अहमियत नहीं है ..फिर आलिंगन दिवस ..जादू की झपकी की कोई अहमियत नहीं है ...फिर किस दिवस यानी मुझे तो लिखने में भी शर्म आती है आप खुद ही समझ गए होंगे ...अब कल फिर प्रेम दिवस वेलेंटाइन डे वाह भाई वाह खूब मनाओं ....प्यार दो प्यार लो ..वफादारी निभाओ यह सब तो गीता हो या कुरान सभी में तो लिखा है फिर धर्म संस्क्रती के अनुरूप अपने माता ..पिता ..अपने बुज़ुर्ग ..अपनी पत्नी ..बच्चों ..अपने देश .अपनी संस्क्रती ..से प्रेम क्यूँ नहीं करते क्यूँ अपने धर्म मजहब को मटियामेट कर रहे हो भाई थोड़ा सुधरो ..थोडा समझो .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुझे पता है उनकी जुबान और दिल में महाभारत चल रही है ..

मुझे पता है
उनकी जुबान और दिल में
महाभारत चल रही है ..
जुबां उनकी मुझ से
करती है प्यार का इनकार ..
लेकिन दिल उनका
धड़कता है सिर्फ मेरे लियें
उनकी हर सांस ..हर धडकन
करती है मुझ से प्यार का इकरार
उनसे कह दे कोई
दिल की बात है
जुबा पर ना आई तो क्या
आँखों से तो
दिल की बात बाहर आ गयी है
और तुम्हे है मुझ से प्यार
इस सच को बता गयी है

दोस्तों आप से मिलिए आप है तिमिर भास्कर यानी अँधेरे में सूरज

दोस्तों आप से मिलिए आप है तिमिर भास्कर यानी अँधेरे में सूरज और फिर अब यह पत्रकारिता में लेक्नी के सूरज बने है ..अपने अल्फाजों से बेजान खबरों और कह्नानियों में जिंदगी डालने में माहिर तिमिर भास्कर अब अपने खुद अपने विजय माथुर के नाम से पत्रकारिता करने लगे है ..कोटा राजस्थान के बेशुमार देनिकों ..साप्ताहिकों ..पाक्षिक समाचारपत्रों और मैगजीनों में आपकी कलम की खुशबु की महक आज भी वाबस्ता है ..आपात कल के दोरान पत्रकारिता से जुड़े भाई विजय माथुर ने सरकारी नोकरी में रहते हुए तिमिर भास्कर के नाम से ..देनिक धरती पुकार ..जाग्रति ..जन्ह्ठ ..राष्ट्रदूत ..जननायक . अमरनायक ....विश्व्मेल ..नवज्योति ..भास्कर सहित कई दर्जन पत्र पत्रिकाओं में काम क्या है ..विजय माथुर इन दिनों पाक्षिक अख़बार के सम्पादक है और अपनी कलम के जोहर से पाठकों को देश और राज्य का सच बताने का प्रयास कर रहे है .विजय माथुर के लियें मशहूर है के इनकी कलम जब है तो आग भी उगलती है ..इनकी कलम जब चलती है तो आग बुझाने के लियें फूलों की बरसात भी करती है ..इनकी कलम की मंज़र कशी ..अल्फाजों को जिंदगी देती है और ल्फाज़ खुद बोलते हुए कहते है के उठो मुझे पढो मुझे विजय माथुर साहित्यकार पत्रकार कलमकार ने जिंदगी बख्शी है ऐसे कलम कर को मेरा सलाम मेरा आदाब .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दोस्तों कल 14 फरवरी प्रेम दिवस है इसके पहले आलिंगन दिवस ..वायदा दिवस

दोस्तों कल 14 फरवरी प्रेम दिवस है इसके पहले आलिंगन दिवस ..वायदा दिवस ..किस दिवस न जाने कोन कोन से दिवस निकल गए है खेर हम तो बस कल वेलेंटाइन दिवस यानी प्रेम दिवस की बात करते है और इसे मनाने का संकल्प लेते है ..हाँ संकल्प इसलियें के सभी धर्म तो प्यार का पाठ पढ़ते है प्रेम के गीत सिखाते है ..अगर हमे इस दिन को मनाना है तो हमे कहना होगा हमे हमारे भाई से प्यार है .......हमे कहना होगा हमे हमारे पड़ोसी से प्यार है ..हमे कहना होगा हमे अपने मत पिता से प्यार है ...हमे कहना होगा हमे देश से अपने राष्ट्र से प्यार है ..हमे कहना होगा हमे अपने तिरंगे ..अपने सविधान से प्यार है ....दोस्तों हमे कहना होगा हमे अपने कर्म अपने फर्ज़ से प्यार है ..हमे अपनी इमादारी ..महनत और लगन से प्यार है अगर हां दोस्तों तो आइये आप और हम मिलकर वेलेंटाइन डे मनाये प्रेम दिवस मनाये और मेरे इस देश को एकता अखंडता में बाँध कर मेरा भारत महान बनाये .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लोग कहते है

लोग कहते है
आज फिर
तुम्हारे चेहरे पर
रोनक है ..
उन्हें क्या पता
आज फिर
मेरी उसे बात हुई है ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ऐ बसन्त तू आ तो गया .. ऐ वेलेंटाइन तू आ तो गया

ऐ बसन्त
तू आ तो गया ..
ऐ वेलेंटाइन
तू आ तो गया
लेकिन तुम भी तो बेवफा हो
आये हो तो चले जाओगे
फिर वही
एक बेवफा सनम की तरह से
पुरे साल भर
इन्तिज़ार करवाओगे
जिंदगी रही तो
फिर से छुओगे
और फिर चले जाओगे
जिंदगी नहीं रही तो ना तो
मेरी कब्र पर फातिहा पढने आओगे
नाही मुझे याद करके
आंसू बहाओगे
इसलियें ऐ बसंत के मोसम
इसलियें ऐ प्यार के एलार्म वेलेंटाइन
तुझे में क्यूँ याद रखु
मुझे पता है
तू भी उसी की तरह बेवफा है
आज हंसायेगा फिर वही फफक फफक कर रुलाएगा
इसलियें में तुझे क्यूँ याद करूँ तुझे क्यूँ याद रखूं ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

माई वेलेंटाइन इज भारत

माई वेलेंटाइन इज इस्लाम
माई वेलेंटाइन इज इंडिया
माई वेलेंटाइन इज भारत
मिया वेलेंटाइन इज हिन्दुस्तान
माई वेलेंटाइन इज माई फादर एंड मदर
माई वेलेंटाइन इज इंसानियत
माई वेलेंटाइन इस मेरे देश की एकता अखंडता
माई वेलन्टाइन इज ईमानदारी ..नेकी ..फ़र्ज़
माई वेलेंटाइन इज कर्तव्य के प्रति समर्पण वक्त की पाबंदी
माई वेलेंटाइन इज गीता .बाइबिल ..कुरान
माई वेलेंटाइन इज वोह भी है जो शायद मुझे भूल गयी और शायद इसे पढ़ भी रहे हो
माई वेलेंटाइन इज आप का स्नेह आपका प्यार आपका दुलार
माई वेलेंटाइन इज आपका मार्गदर्शन ..आपकी हिदायतें आपकी दुआएं
सो हैप्पी वेलेंटाइन डे भाईजान ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आलम सर की शख्सियत को सलाम

दोस्तों राजस्थान के केबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल के साथ बेठे यह कमसिन ..अल्हड नोजवान प्रोफ़ेसर मुमताज़ आलम है ...जी हाँ दोस्तों झालावाड में जन्मे .पले बढे यह जनाब आज भी कार हाउस वालों के नाम से अपनी पहचान रखते है ...जिंदादिल ..शोख्मिजाज़ .मुश्किलों से लड़कर उन्हें हराने वाले यह साथ वर्षीय नोजवान प्रोफ़ेसर मुमताज़ आलम की खुश मिजाजी और जिंदादिली इनकी जवानी का राज़ है ..कोटा में सेंट पोल के गुरूजी के रूप में अपने जीवन की शुरुआत करने वाले आलम साहब सर हो गये और कोटा सहित राजस्थान और हिन्दुस्तान में हजारो हजार इनके स्टूडेंट महत्वपूर्ण पदों पर तेनात है जो आज भी इनकी तरबियत ..शिक्षा के कारण इनका अदब और एह्त्रमा करते है ..प्रोफेसर मुमताज़ आलम सेंत जोन्स बूंदी रोड स्कूल के वाइस प्रिसिपल भी है और विभिन्न शेक्षणिक संस्थानों में कोचिंग और एडवाईजरी का काम भी कर रहे है ....समाज सेवा के प्रति समर्पित आलम सर रोटेरियन भी है और रोटेरियन की हेसियत से यह आये दिन लोगों के सेवा कार्यों से जुड़े रहते है ..आलम सर वर्तमान में कोटा जिला वक्फ कमेटी के सचीव ..राजस्थान मदरसा बोर्ड के प्रवक्ता तो है ही और सेकड़ों समाज सेवी संस्थाओं से जुड़े हुए है ..समाज सेवा क्षेत्र में आलम सर को कई दर्जन परुस्कार और सम्मान तो राष्ट्रिय स्तर के मिल चुके है और क्षेत्रीय सम्मानों की तो गिनती ही नहीं है ....हमेशा अपडेट ..और अपटू डेट रहने वाले आलम सर अपने स्टूडेंट्स को जिन सिखाते है वोह उनमे होसला और जीने का जज्बा भरते है संघर्ष ही जीवन है इसका सर समझाते है और खुद भी कितनी ही मुस्किल हो हमेशा मुस्कुराते है ..बस एक बात है जो डरते हुए कहता हूँ जो कमी सब में होती है जो कमी मुझ में भी वही कमी इनमे भी है और जनाब आलम सर भी ओरों की तरह हमारी भाभी नसरीन बाजी समाजसेविका के आगे घुटने टेक कर कहते है क्या हुक्म है मेरे आका .....आलम सर की शख्सियत को सलाम ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कैबिनेट मंत्री ने महिला पत्रकार से पूछा- क्‍या आपके साथ हुआ कभी रेप?


कैबिनेट मंत्री ने महिला पत्रकार से पूछा- क्‍या आपके साथ हुआ कभी रेप?
नई दिल्‍ली. रोज हो रही बलात्‍कार की घटनाओं के बीच आज जहां बरसों से शोषण की शिकार महिलाएं दुनियाभर में चल रहे ‘वन बिलियन राइजिंग’ आंदोलन के जरिये अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं, वहीं कोच्चि में केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं के सम्‍मान के खिलाफ बात की है। एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक महिला रिपोर्टर ने वायलार रवि से सूर्यनेल्‍ली रेप कांड (जिसमें राज्‍यसभा के डिप्‍टी चेयरमैन पी जे कुरियन पर आरोप हैं) पर सवाल किया तो मंत्री ने इसका सीधा जवाब देने के बजाय रिपोर्टर का ही मजाक उड़ा दिया। रवि ने रिपोर्टर से कहा, 'क्‍या आपके साथ कभी वैसा हुआ है, जैसा सूर्यनेल्‍ली रेप कांड में पीडिता के साथ हुआ? क्‍या आपको कुरियन से कोई पर्सनल शिकायत है?'

केंद्रीय मंत्री की यह टिप्‍पणी महिला संगठनों को बेहद नागवार गुजरी है। केरल में महिला पत्रकारों के संगठन ने कोच्चि प्रेस क्‍लब के बाहर प्रदर्शन किया। चौतरफा विरोध के बाद वायलार रवि ने माफी मांग ली है।
 
17 साल पुराने सूर्यनेल्‍ली रेप कांड को लेकर कुरियन ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और राज्‍यसभा के सभापति व उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी को अपनी सफाई पेश की है।
 
यह सब तब हो रहा है जब पेरिस से लेकर राजस्‍थान के तिलोनिया गांव तक में 'वन बिलियन राइजिंग' आंदोलन की धूम देखने को मिल रही है। दिल्‍ली गैंगरेप की घटना के बाद जिस तरह से लोग सड़क पर उतरे, उसी गुस्‍से को आगे बढ़ाने का काम यह आंदोलन कर रहा है।
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