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16 फ़रवरी 2013

एक शख्स जो पहनता जो है 3.3 किलो सोने से बनी शर्ट, जानिए इस लिबास की पूरी कहानी!

पिंपरी-चिंचवाड़ (पुणे). पुणे के दत्ता फुगे और उनकी सोने की शर्ट, दोनों ही चर्चा में हैं। जब वे यह शर्ट पहनकर निकलते हैं तो इर्द-गिर्द 20 सुरक्षाकर्मियों का घेरा भी होता है। लेकिन उनकी इस चमक-दमक के पीछे हैं तेजपाल रांका और उनकी टीम।
रांका ज्वेलरी डिजाइनर हैं और उनका परिवार इस कारोबार में पिछले 133 साल से है। वे कहते हैं इस शर्ट की योजना से लेकर इसके तैयार होने तक सफर बेहद रोमांचक रहा। चार गनमैन के घेरे में सिली गई यह।
दत्ता फुगे पिंपरी-चिंचवाड़ के बड़े कारोबारी और साहूकार हैं। कमाई का बड़ा हिस्सा वे सोने में ही निवेश करते आए हैं। इसलिए रांका से पहचान पुरानी थी। रांका 19 साल की उम्र से ही अपने परिवार का यह बिजनेस संभाल रहे हैं। उन्हें सोने के गहने बनाने, उनकी तकनीक के बारे में जानकारी जुटाने, सीखने समझने का बेहद शौक है।
दत्ता जब निवेश की सलाह लेने पहुंचे तो रांका ने सोने की शर्ट बनाने का आइडिया दिया। जो उन्हें राजाओं के कवच देखकर आया था। ज्वेलरी बनाने की पुरानी किताबों में जिक्र मिला था कि लोहे के भारी कवच को आरामदेह बनाने के लिए भीतर कपड़ा लगाया जाता था।
दत्ता ने 'हां' कर दी। ये सब दिसंबर के पहले हफ्ते में तय हुआ। अब दत्ता चाहते थे कि शर्ट उन्हें 21 दिसंबर से पहले मिल जाए ताकि वे उसे शादी की सालगिरह पर पहन सकें।
करीब 15 दिन का समय था। रांका काम में जुट गए। वर्कशॉप से 50 साल पुराने डाई (सांचे) निकाले। इन्हीं सांचों का इस्तेमाल शर्ट बनाने में हुआ।
वे बताते हैं उन्होंने शर्ट बनाने का जिम्मा राजू मंडल के नेतृत्व में 16 बंगाली कारीगरों की टीम को सौंपा। देश के 50 प्रतिशत गहनें बंगाली कारीगर ही तैयार करते हैं। उनके हुनर की ख्याति दुनिया में है।
रांका वे 15 दिन याद करते हैं जब हर रात दुकान से घर जाने से पहले वह वर्कशॉप में जाकर शर्ट की प्रोग्रेस देखते।  शर्ट की हर बारीकी पर कारीगरों से बात करते। लेकिन जब दत्ता अपनी शर्ट देखने की बात करते, तो उन्हें मना कर देते।
कहते फोन पर ही पूछ लो जो पूछना है। रांका बताते हैं ऑर्डर फाइनल होने के बाद वह केवल एक बार शर्ट का नाप लेते समय उनसे मिले।

राहुल ने बनाया मोदी को 'घेरने' का प्‍लान


राहुल ने बनाया मोदी को 'घेरने' का प्‍लान
नई दिल्‍ली. लोकसभा चुनाव के वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके राज्य में ही घेराबंदी करके उलझाए रखने की रणनीति महाराष्ट्र में बनाई जा रही है। इस काम को अंजाम देने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पांच दूत गुजरात के प्रत्येक लोकसभा सीट की जमीनी हकीकत खंगालने के लिए वहां जाने वाले हैं। सूत्रों का कहना है कि मोदी की घेराबंदी की जमीन तैयार करने के लिए गुजरात जाने वालों में महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव माणिक जगताप और दिल्ली से अंजलि राय को भी रखा गया है। 
 
बताया जा रहा है कि गुजरात की 26 सीटों में से 5 सीटों का सर्वे करने की जिम्मेदारी जगताप पर सौंपी गई है। लोकसभा की ये पांच सीटें कच्छ, राजकोट, पोरबंदर, जामनगर और जूनागढ़ हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि गुजरात की करीब 15 सीटों पर इस वक्त भाजपा का कब्जा है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की जनता में लोकप्रियता को देखते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में यह संख्या बढऩे की प्रबल संभावना है। इसके अलावा मोदी को भाजपा का एक बड़ा वर्ग प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के पूरे में पेश कर रहा है। जिसकी वजह से भविष्य में राहुल गांधी को मोदी की लोकप्रियता से मुकाबला करना पड़ेगा। भविष्य में निर्माण होने वाली इस सियासी परिस्थिति का कांग्रेस के रणनीतिकारों ने अभी से आंकलन कर लिया है। लिहाजा विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन न होने से सबक लेते हुए कांग्रेस ने लोकसभा की एक-एक सीट का बारीकी से सर्वे करना शुरू किया है।
 
सर्वे का यह काम पहले किसी प्राइवेट एजेंसी को दिया जाता था, लेकिन राहुल गांधी ने चुनाव समन्वय समिति की कमान संभालने के बाद छान-छान कर देश के प्रत्येक राज्यों से करीब 37 ऐसे लोगों का चयन किया है जिन पर पार्टी के लिए निष्पक्ष सर्वे की जिम्मेदारी समय-समय पर सौंपी जाएगी। बता दें कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा का चुनाव होने की वजह से कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव का सर्वे रह गया था, जो अब शुरू हो गया है। 
 
गुजरात जाकर क्या करेंगे राहुल के दूत : बताया जा रहा है कि राहुल गांधी के जो पांच दूत गुजरात की लोकसभा सीट का सर्वे करने जाने वाले हैं। वे सबसे पहले तालुका, ब्लॉक व जिला अध्यक्षों से मुलाकात करेंगे और पार्टी की जमीनी ताकत की जानकारी हासिल करेंगे। इसके बाद जिन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा नहीं है, वहां पार्टी का उम्मीदवार कौन और क्यों होना चाहिए? इसकी विश्वसनीय जानकारी लेकर रिपोर्ट तैयार करेंगे। महत्वपूर्ण है कि यह रिपोर्ट बाद में चुनाव समन्वय समिति के सदस्य अहमद पटेल और मधुसूदन मिस्त्री को सौंपी जाएगी। जिसके आधार पर बाद में पार्टी गुजरात में अपने लोकसभा उम्मीदवार का नाम तय करेगी। सूत्रों का कहना है कि इतनी बड़ी कवायद करने के पीछे राहुल गांधी की मंशा सिर्फ इतनी है कि लोकसभा चुनाव के वक्त गुजरात में पार्टी भाजपा को टक्कर देने वाला सक्षम उम्मीदवार दे ताकि मोदी चुनाव प्रचार के लिए अपने राज्य से बाहर न जा सकें। इसके अलावा यदि मोदी को घेरने की पार्टी की रणनीति सफल होती है यानी गुजरात में कांग्रेस की भाजपा से ज्यादा सीटें आती हैं, तो मोदी का प्रधानमंत्री पद का दावा अपने आप कमजोर पड़ जाएगा। 

मां ने मांगी बेटी के लिए इच्छामृत्यु



बोकारो . बेटी पैदा हुई, लेकिन मां इसकी खुशी नहीं मना पा रही। उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे हैं। वजह यह है कि बच्ची को कोई अज्ञात बीमारी हो गई है। डॉक्टरों ने हार मान ली है। उन्होंने कह दिया कि बच्ची का बचना मुश्किल है।

मां बच्ची को अपनी आंखों के सामने मौत की ओर बढ़ते देख नहीं पा रही। उन्होंने जिले के डीसी से बच्ची की इच्छामृत्यु मांगी है। शनिवार को बच्ची की मां पूनम, नाना शंकर गोसाईं, नानी, मामा संतोष रोते-बिलखते डीसी अरवा राजकमल के पास पहुंचे। डीसी ने तुरंत बीजीएच के डॉक्टरों को फोन कर कहा कि बच्ची का बेहतर इलाज किया जाए या फिर उसे रेफर किया जाए।

इधर, २० दिन पहले जन्मी बच्ची देर रात तक बीजीएच में ही एडमिट थी। डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए उसे कहीं रेफर करने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है।

यह है मामला
बोकारो के सेक्टर 12 निवासी शंकर गोसाईं की बेटी पूनम की शादी कतरास निवासी मनीष गोस्वामी से हुई थी। 27 जनवरी को पूनम ने बीजीएच में बेटी को जन्म दिया। जन्म के बाद ही बच्ची अज्ञात बीमारी से ग्रसित हो गई। बीजीएच से लेकर रांची के कई डॉक्टरों से इलाज कराया गया, लेकिन किसी को बच्ची की बीमारी का ही पता नहीं चला।

बच्ची के परिजनों के मुताबिक, उसका शरीर दिनोंदिन गलता जा रहा है। कोई दवा काम नहीं कर रही है। बेहतर इलाज के लिए कहीं जाने जैसी आर्थिक स्थिति भी नहीं है और बच्ची को तड़पकर मरते देख भी नहीं सकते हैं।
समाहरणालय में शनिवार को उपायुक्त अरवा राजकमल से मिलने पहुंचे बच्ची के परिजन।

कुरान का सन्देश

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