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22 फ़रवरी 2013

दोस्तों हमारे कोटा के कुछ गुमराह लोग अपना हिस्सा दूसरों को देकर खुद अपने मुंह मिया मिट्ठू नज़र आते है

दोस्तों हमारे कोटा के कुछ गुमराह लोग अपना हिस्सा दूसरों को देकर खुद अपने मुंह मिया मिट्ठू नज़र आते है इतना ही नहीं खुद के खर्चे से खुद का स्वागत सत्कार करवाकर इस कोम का उपहास भी उड़ाते है ,,ऐसा ही मामला कोटा में अनारवाले बाबा उर्फ़ सय्यद शाह बाबा की वक्फ सर्वेक्षित साढ़े तीन बीघा यानी अट्ठावन हजार वर्ग फुट जमीन के लियें हुआ ..इस जमीन का सरकारी सर्वे वर्ष २  में वक्फ के हक में हो गया था कोटा जिला वक्फ कमिटी के तात्कालिक सदर हाजी उमर भाई ने इसका नक्शा भी बनवाया था और वोह नक्शा आज भी जिला वक्फ कमिटी कोटा कार्यालय में मोजूद है ..इस मामले में सभी दस्तावेज छुपा कर लोग बेठ गए थे और भूमाफियाओं से मिलकर इस भूमि पर कब्जा करवा दिया था चाहे आकाशवाणी मस्जिद कमेटी हो चाहे जिला वक्फ कमेटी कोटा हो सभी चुप्पी साध कर अतिक्रमण कारियों के समक्ष नतमस्तक थे ..हमने इस मामले को कोटा जिला कलेक्टर ..जन आभाव अभियोग निराकरण स्म्सिती के चेयरमेन मुमताज़ मसीह सहित सभी लोगों को इसकी शिकायत की जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो फिर एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने इस मामले में कई बार जिला वक्फ कमिटी के अध्यक्ष अज़ीज़ अंसारी से जयपुर में रिकोर्ड के आधार पर मुकदमा क्र स्थगन लेने की बात कही लेकिन एक माह तक बार बार कहने पर भी केवल चक्कर पर
 चक्कर देते रहे ..आखिर इस जमीन के मामले में सभी घोटालों की जांच की मांग को लेकर राजस्थान सरकार और उसके अधिकारीयों को नोटिस दिया गया कार्यवाही जब अमल में आने लगी तो भूमाफिया घबराए और समझोते की अफवाह फेलाई मोके पर अट्ठावन हजार वर्ग फुट जमीन के स्थान पर केवल बीस हजार जमीन पर समझोते की बात कर बावन हजार जमीन लेने की गलत अफवाह उड़ाई गयी लोगों को गुमराह किया गया
सुबह जब ज़मीन  नपवाई तो जमीन कम देखने पर भूमाफिया समर्थकों ने  रास्ता भी इसी जमीन में नपवा  दिया ..अब कल जुमे की नमाज़ के बाद योजनाबद्ध तरीके से दुसरे इलाके के लोग इस वक्फ के कब्जे की जमीन को अपनी मर्ज़ी से भूमाफियाओं को सोंपने की कार्यवाही के वाहवाही करवाने के लिये आ गये ..बेचारे यह भोले दलाल नहीं जानते के वक्फ की जमीन एक बार वक्फ के सर्वे  में आने के बाद सर्वे से निकाली नहीं जा सकती और कोई भी व्यक्ति या नेता इस मामले में समझोत के लियें अधिक्रत नहीं होता है इस मामले में जब फोजदारी कार्यवाही होगी तो हो  सकता है सभी को पुलिस के समक्ष जवाब देना मुश्किल हो जाएगा ..इस मामले में जिला वक्फ कमिटी के सदर ने आज तक भी ना जाने क्यूँ जयपुर में भूमाफियाओं से इस जमीन को बचाने के लियें कार्यवाही नहीं की है और बार बार कहने पर चक्कर पर चक्कर  दे रहे है इसलियें उनकी भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध है ..कल हुए नाटकीय वक्फ के कब्जे की जमीन भूमाफियाओं को स्वेच्छा से सोंपने की कार्यवाही की जानकारी कोटा  सहर काजी अनवर अहमद को दी तो उनको भी अच्म्ब्भा हुआ और  पूर्व वक्फ कमिटी सदर हाजी उम्र के वक्त के नक्शे के अधर पर भूमि नहीं मिलने पर उन्होंने भी इसे सियासत और हास्यास्पद बताया है .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान




 चक्कर ही मिले 

राजस्थान सरकार का रिपोर्ट कार्ड जनता ने तय्यार कर दिया है ..जनता के इस रिपोर्ट कार्ड में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केबिनेट मिनिस्टर शांति कुमार धारीवाल मेरिट में सबसे अधिक नम्बर लेकर नम्बर वन पर आये है

 राजस्थान सरकार का रिपोर्ट कार्ड जनता ने तय्यार कर दिया है ..जनता के इस रिपोर्ट कार्ड में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केबिनेट मिनिस्टर शांति कुमार धारीवाल मेरिट में सबसे अधिक नम्बर लेकर नम्बर वन पर आये है जबकि दुसरे सभी मंत्री और जन प्रतिनिधि बुरे तरह से पिछड़ जाने से फेल हो गए है .........राजस्थान के सभी जिलों में विकास ..कार्य गुणवत्ता ..प्रशासनिक क्षमता ..अपने  कामकाज के प्रति समर्पण ...कोंग्रेस सगठन में मजबूती देने का प्रयास और जनता से लगातार जुड़ाव रख कर अपनी कार्यशेली से पार्टी और खुद की छवि बनाने के मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजस्थान की जनता ने सो नम्बर के मुकाबले जनता की अपेक्षाओं के प्रति तीन सो नम्बर लेकर जनता के चहेते बने है जबकि राजस्थान में विकास पुरुष और कोंग्रेस के संकट मोचक के रूप में छवि बना चुके केबिनेट मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल को राजस्थान की जनता ने सो नम्बरों की अपेक्षा के मुकाबले पांच सो से भी अधिक नम्बर देकर जनता में हीरो बना दिया है ......राजस्थान के सभी जिलों और दूर दराज़ ग्रामीण ..शहरी क्षेत्रों में कोंग्रेस की सरकार में किस मंत्री और जन प्रतिनिधि ने केसा काम किया इस मामले में लोगों से पूंछतांछ के अधर पर जो रिपोर्ट कार्ड तैयार हुआ है वोह चोंका देने वाला है और कई मंत्रियों जनप्रतिनिधियों के लियें तो चुल्लू भर पानी में डूब मरने जेसा है ......
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत .....मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजस्थान में लोकप्रिय छवि है वोह अपनी कार्य शेली के कारण  जनता के चहेते और जनता के बीच रहने वाले मुख्यमंत्री की छवि बनाकर सो के मुकाबले तीन  गुना ज्यादा नम्बर प्राप्त कर तीन सो नम्बर से जनता के चहेते बने हुए हैं जनता को इनके खिलाफ कहने के लियें कुछ भी नहीं  मिल पाया है जबकि सकारात्मक रुख और राजस्थान के विकास के मामले में रेगिस्तान के इलाके को देश भर में विकास की द्रष्टि से ऊँचे मुकाम पर पहुंचा कर गहलोत ने राजस्थान की छवि को निखारा है साथ ही संगठन की द्रष्टि से कोंग्रेस का चिंतन शिविर कर गहलोत कोंग्रेस संगठन  के भी हीरो बन गये है ...
केबिनेट मंत्री दुर्रु मिया चिक्तिसा विभाग की नाकामयाबी ..जनता में उनका ढूल मूल रवय्या ने उनकी लोकप्रियता जीरो ही राखी है उन्हें जनता के लोग उनकी नाकारा कार्यशेली और कार्यकर्ताओं के प्रति उपेक्षित रुख के कारण ना पसंद करने लगे है ....इन्हें जनता सो में से पांच नम्बर देती है ..
केबिनेट मंत्री भरत सिंह की अनाश्यक पंगेबाजी और कामकाज में अडंगे लगाकर काम को देरी से करने के मामले में इनकी छवि बिगड़ी हुई है कथित ईमानदारी के नाम पर यह जनता और सरकार को धोखा दे रहे है और इनके कारण  राजस्थान के विकास को तो नुकसान पहुंचा ही है साथ ही कोंग्रेस संगठन को भी इन्होने कमजोर किया है ,,,इन्हें जनता सो में से दस नम्बर देती है ..
बीन काक केबिनेट मंत्री ने थोडा बहुत काम करने की कोशिश तो की है लेकिन फिल्मों का शोक होने से यह जनता से जुड़ने की जगह विवादों में रही है और मुंबई में ज्यादा राजस्थान में कम रहने से इनकी कार्यशेली के कारन  कोंग्रेस पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा है इन्हें जनता सो में  से तीस नम्बर देती है ..
बृजकिशोर शर्मा ..इन केबिनेट मंत्री जी को भी इनके विभागों की परफोर्मेंस नगण्य होने से जनता इन्हें सो में से बीस नम्बर देती है ...
हरजीराम बुरडक ..हेमाराम चोधरी ..महेंद्र जीत सिंह मालवीय प्रसादी लाल मीणा ..राजेन्द्र परिक ..बाबूलाल नगर ..अमीन खान जेसे मंत्री तो सरकार पर बोझ ही बनकर रहे है जबकि मंत्री अशोक बेरवा थोड़े बहुत सक्रिय सजग और सतर्क रहे है ...मंत्री जितेन्द्र सिंह कोंग्रेस सरकार में संकट मोचक तो रहे है लेकिन अपने मंत्रालय सम्भालने के मामले में बहुत ज्यादा कुछ नहीं कर पाए है ..राज्य मंत्रियों में नसीम अख्तर तो शो पीस बन गयी है ............
शांति कुमार धारीवाल ..राजस्थान में शांति कुमार धारीवाल सरकार और कोंग्रेस के संकट काल में संकट मोचक बन कर कोंग्रेस को मुसीबतों से निकलने के लियें खुद को हीरो बना चुके है ..इनकी तेजतर्रार शेली ..विकास के प्रति समर्पण ..विपक्ष को मुंह तोड़ जवाब देकर लाजवाब कर देने का हुनर ..कोटा।जयपुर ..जोधपुर सहित सारे  राजस्थान की तस्वीर बदल देने  के सरकार के सपने को साकार कर दिखाने वाले अकेले शान्तिकुमार धारीवाल ऐसे मंत्री है जिन्हें राजस्थान के हर शहर में लोग विकास पुरुष के नाम से जानते है और इनकी लगातार जनता के साथ सम्पर्क शेली के कारन  शांति कुमार धारीवाल जनता में हीरो बने हुए है जबकि कोटा में भी लगातार अपने कार्यक्षेत्र की जनता से जुड़कर उनके दुःख दर्द दूर करने के मामले में आप अव्वल होएन से जनता के चहेते बने है ..शान्तिकुमार धारीवाल को राजस्थान की जनता सो के मुकाबले पांच सो नम्बर यानी पांच गुना प्रसिद्धि देती है और इनके विकास के गुणगान से राजस्थान में सरकार की छवि को काफी फायदा पहुंचा है ...
सरकार ने प्रसाद पर्यन्त पदों में माहिर आज़ाद को अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया यह थोड़े बहुत जनता में सक्रिय रहे और इन्हें जनता सो में से पचास नम्बर देती है ..लेकिन उर्दू एक्देमी जीरो जीरो ही नहीं माइनस मार्किंग है ..राजस्थान वक्फ बोर्ड बेईमानी ..भ्रस्ताचार निकम्मेपन के मामले में जीरो ही नहीं माइनस से भ माइनस में है ..मदरसा बोर्ड सो में से दस नम्बर लेकर थोडा सा आगे है जबकि हज कमेटी सो में से चालीस नम्बर लेकर जनता में थोड़ी बहुत छवि बना रही है ..जन आभाव अभियोग के चेयरमेन मुमताज़ मसीह लगातार जनता से जुड़े रहने के कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आँख नाक कान बने है और इसी लियें यह जनता के बीच रहे है इन्हें सो में से सो नम्बर जनता ने दिए है  जबकि महिला आयोग को सो में से दस नम्बर ..आवासन मंडल आयोग को सो में से पन्द्राह नम्बर मिले है कुल मिलकर सरकार के मुख्य पदों पर बेठे लोग सरकार की किरकिरी कर रहे है अकेले अशोक गहलोत ..शांति कुमार धारीवाल .मुमताज़ मसीह ..डोक्टर जितेन्द्र सिंह केसे कोंग्रेस को जनता में कामयाब करेंगे यह तो वक्त की बात है लेकिन कोंग्रेस ने नाकारा निकम्मे लोगों को नहीं हटाया तो कोंग्रेस डूब सकती है ऐसा जनता का कहना है ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में महाकुंभ: दानवों के राजा बलि की यज्ञस्थली में उमड़े लाखों श्रद्धालु


राजस्थान में महाकुंभ: दानवों के राजा बलि की यज्ञस्थली में उमड़े लाखों श्रद्धालु
उदयपुर. डूंगरपुर जिले के साबला क्षेत्र में त्रिवेणी धाम पर शुरू हुए बेणेश्वर मेले में शुक्रवार को हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े। आदिवासियों के इस मिनी कुंभ में संभाग के सभी जिलों के साथ पड़ोसी राज्यों के श्रद्धालु भी शामिल हुए हैं।
संत मावजी महाराज की जयंती व माघ एकादशी पर त्रिवेणी संगम तीर्थ बेणेश्वर धाम पर वागड़ महाकुंभ गत दिवस शुरू हुआ था। मेले का शुभारंभ निर्माणाधीन राधा कृष्ण मंदिर के सामने वट वृक्ष पर सतरंगी धर्म ध्वजा फहराकर किया गया।
मावजी के भक्तों और विभिन्न स्थानकों से आए भक्तों ने मावजी की वाणी, भविष्यवाणियों का गान किया। गोस्वामी अच्युतानंदजी महाराज से भक्तों ने आशीर्वाद लिया।
ध्वजारोहण से पूर्व सतरंगी धर्म ध्वजा का विशेष विधि-विधान से पूजन किया गया। मेले के पहले दिन मेलार्थियों ने बेणेश्वर नदी में स्नान के साथ ही, वहां स्थित अन्य मंदिरों में देव-दर्शन आदि कर मेले का लुत्फ उठाया।
मेले के पहले ही दिन हजारों की संख्या में विभिन्न स्थानों से आए श्रद्धालुओं ने शिरकत की। बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर जिलों की सीमा पर तीन नदियों के पवित्र संगम स्थल और राजा बलि की यज्ञस्थली बेणेश्वर धाम पर सप्ताह भर से अधिक चलने वाले इस मेले में वागड़ के कोने-कोने के अलावा राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और देश के विभिन्न हिस्सों से कई लाख लोग अपने परिजनों सहित हिस्सा ले रहे हैं।
गौरतलब है कि बेणेश्वर धाम आदिवासियों के लिए किसी कुंभ से कमतर नहीं है। हजारों आदिवासी पर दिवंगतों के अस्थि विसर्जन के साथ तर्पण, श्राद्ध आदि क्रियाएं यहां करते हैं।

ब्‍लास्‍ट से जुड़ा तबरेज का नाम। डॉक्‍टर का बेटा फार्मासिस्‍ट बनने आया था, बन गया आतंकी।



हैदराबाद। आंतक की नर्सरी बन चुके यूपी के आजमगढ़ का नाम भी एक बार फिर से आतंकी घटना से जुड़ गया है। हैदराबाद में हुए दो बम धमाकों की जांच में पता चला है कि बम बनाने का ये तरीका पुणे सीरियल बम धमाकों से मिलता जुलता है। यही नहीं इसके पीछे इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों का नाम सामने आया है। दिलसुखनगर इलाके में गुरुवार शाम हुए दो शक्तिशाली धमाकों में शक की सूई इंडियन मुजाहिदीन की ओर कल ही घूम चुकी थी। लेकिन आज इसमें बड़ा खुलासा हुआ है। आशंका यह भी है कि अफजल गुरु की मौत की बदला लश्‍कर ने हैदराबाद ब्‍लास्‍ट के तौर पर लिया है। () हैदराबाद की घटना में यूपी में आजमगढ़ के तबरेज, बिहार के समस्तीपुर के वकास और झारखंड का मंजर के साथ मास्‍टरमाइंड यासीन भटकल शामिल हैं।
तबरेज का नाम सामने आते ही यूपी एटीएस तबरेज का लिंक ढूंढ़ने और सुराग हासिल करने में लग गई है। इसी क्रम में एक टीम शुक्रवार को आजमगढ़ पहुंची। एटीएस सूत्रों के अनुसार यासीन भटकल के साथ तबरेज भी 2011 के मुंबई और 2012 के पुणे सीरियल बम धमाकों ही नहीं अहमदाबाद, सूरत, बंगलौर, दिल्‍ली और हैदराबाद के धमाकों में शामिल होने का पता चला है। आजमगढ़ के एक डॉक्‍टर का बेटा तबरेज जो कभी फार्मासिस्‍ट की परीक्षा देने दिल्‍ली गया था, आज आतंकी बन गया है।
2011 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाके और 2012 में हुए पुणे में सीरियल बम धमाके के मामले में महाराष्‍ट्र की एटीएस ने इसी साल फरवरी में फरार मुख्‍य आरोपी यासीन भटकल, तहसीन अख्‍तर, असद उल्‍ला अख्‍तर और वकास के ऊपर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया। इनमें यासीन भटकल को मोहम्‍मद अहमद, मोहम्‍मद जरार सिद्धीबप्‍पा, इमरान, शाहरुख के नाम से भी जाना जाता है। वहीं तहसीन अख्‍तर को वसीम अख्‍तर शेख, मोनू और हसन नाम से भी जाना जाता है। 13 जुलाई के मुंबई के झावेरी बाजारा, ओपेरा हाउस और दादर में हुए बम धमाकों में करीब 27 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 130 घायल हुए थे। मामले में दिल्‍ली की स्‍पेशल स्‍क्‍वॉयर्ड ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था।
असद उल्‍लाह अख्‍तर, जावेद अख्‍तर उफ हादी उर्फ तबरेज उर्फ शकीर उर्फ डैनियल और उसका साथी वकास उर्फ अहमद  भी इस घटना में शामिल है। जांच के दौरान पुलिस को इन आरोपियों के अलग-अलग नामों की जानकारी हुई। इनमें यासीन भटकल इंडियन मुजाहिदीन का चीफ है। यासीन और असद उल्‍लाह उर्फ तबरेज के मुंबई पुणे ही नहीं अहमदाबाद, सूरत, बंगलौर, दिल्‍ली और हैदराबाद के बम धमाकों में भी शामिल होने की जानकारी मिली। मामले में दिल्‍ली पुलिस भी यासीन भटकल की गिरफ्तारी पर 15 लाख रुपए का इनाम घोषित कर चुकी है।
 
जांच में पता चला कि असद उल्‍लाह उर्फ तबरेज आजमगढ़ में एक आर्थोपेडिक सर्जन का बेटा है। उसकी उम्र करीब 26 साल की है। 13 जुलाई 2011 को मुंबई में सीरियल बम धमाकों में तबरेज और वकास ने ओपेरा हाउस और झावेरी बाजार में बम रखे थे, वहीं हसन ने दादर के कबूतर खाना में बम रखा। ये तीनों यासीन भटकल के ही इशारे पर ऑपरेट कर रहे थे। इन्‍होंने एक साल बाद एक अगस्‍त 2012 को पुणे में भी बम रखे।
 
सबसे पहले तबरेज का नाम दिल्‍ली के बाटला हाउस इनकाउंटर में सामने आया। जांच में पता चला कि तबरेज जामिया नगर में बाटला हाउस में इंडियन मुजाहिदीन के दूसरे आतंकियों के साथ रहता था और 19 सितम्‍बर 2008 को बाटला हाउस इनकाउंटर से दो दिन पहले ही उसने वह जगह छोड़ी थी। इनकाउंटर में दो आतंकी आदिफ अमीन और मोहम्‍मद सज्‍जाद की मौत हो गई थी, वहीं मोहम्‍मद सैद और जीशान की गिरफ्तारी हुई।
 
जब एटीएस ने तबरेज की फोटोग्राफ सार्वजनिक की तो डॉ जावेद अख्‍तर नाम के शख्‍स सामने आए, उन्‍होंने बताया कि यह उनका लड़का है, जिसे पुलिस पाकिस्‍तानी बता रही है। उन्‍होंने बताया कि वह आजमगढ़ में डॉक्‍टरी की प्रैक्टिस करते हैं और उनके बेटे का नाम असद उल्‍लाह है न कि तबरेज। वह 2008 में फार्मेसी की परीक्षा देने के लिए दिल्‍ली गया था और तभी से गायब है।
 
जावेद अख्‍तर के अनुसार उनका परिवार प‍ढ़ा-लिखा है और उनका आतंकवाद से कोई लेना देना नहीं। बाटला हाउस मामले में कई निर्दोष लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और उन्‍हीं की तरह उनका बेटा भी निर्दोष है, जिसे पुलिस आतंकी बता रही है। अख्‍तर ने पिछले साल यूपी में विधानसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गए।
 
उधर एटीएस सूत्रों के अनुसार जांच में पता चला है कि तबरेज पाकिस्‍तानी नहीं है लेकिन हमारे पास पुख्‍ता सबूत हैं कि वह इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी है और बाटला हाउस इनकाउंटर से पहले वह वहां था और फरार होने में सफल हो गया। पुलिस के अनुसार तबरेज, वकास और हसन और अन्‍य इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी वहां कॉलेज स्‍टूडेंट की तरह रहते थे। इसके लिए उन्‍होंने फर्जी आईकार्ड का सहारा लिया।
 
13 जुलाई 2011 के बाद तबरेज और वकास पुणे गए और येरवदा जेल में हुई इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी कतील सिद्दीकी की हत्‍या का बदला लेने के लिए वहां सीरियल बम धमाके किए। इसके बाद दोनों मुंबई लौटे औवकगायब हो गए। दिल्‍ली पुलिस ने उन्‍हें एक बार ट्रेस भी किया लेकन बायकुला रेलवे स्‍टेशन के पास से वे गायब हो गए।

दोस्तों जरा सोचो

दोस्तों जरा सोचो आप देश के प्रधानमन्त्री हो और आपके अधीनस्थ गृहमंत्री को देश के किसी भी स्थान पर दो दिन पहले बम फूटने की आतंकवादी गतिविधि की जानकारी हो जाए और इस आधुनिक संचार और एहतियाती युग में वोह गृहमंत्री इस घटना को रोकने में नाकाम रहे और कई निर्दोष लोगों की जान इस नाकामयाबी की वजह से चली जाए तो क्या आप ऐसे नाकारा निकम्मे झूंठे गलत बोलकर माफ़ी मांगने वाले गृहमंत्री को पद पर बनाये रखेंगे प्लीज़ अपनी प्रतिक्रिया जरूर दीजिये ...............................................

मेने लाख चाहा में हिन्दुस्तान हो जाऊं ..

मेने लाख चाहा
में हिन्दुस्तान हो जाऊं ..
मेने लाख चाहा
में भारत महान हो जाऊं
मेने लाख चाहा
में इंसान हो जाऊं ..
लेकिन दोस्तों
अफ़सोस के साथ कहता हूँ
में ना हिन्दुस्तान ..न भारत महान
न इंसान बन सका
इतना ही नहीं
में न हिन्दू बन सका
न मुसलमान बन सका
सिर्फ नाम में ही मेरा मजहब था मेरा धर्म था
मेरी जीवन शेली मेरे आचरण में
मेरे धर्म मेरे मजहब के निर्देश
मानवता जीवित रखने का आदेश की पालना नहीं थी
में कोंग्रेसी था ..में भाजपाई था
में लीगी था ,,में बजरंगी था
में तबलीगी था में सुन्नी था में शिया था
में सनातन था ..में संघ था में जमाती था
नहीं था तो बस इन्सान नहीं था
इसीलियें तो में इंसान से शेतान राक्षस बन गया ....

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akhtar khan akela

या खुदा मुझे ऐसा मकतब मुझे ऐसा स्कूल ऐसा मदरसा बता

या खुदा
मुझे ऐसा मकतब
मुझे ऐसा स्कूल ऐसा मदरसा बता
जहां इन्सान और इंसान बनते हो ..
या खुदा मुझे ऐसी मस्जिद ..ऐसा मन्दिर बता
जहां इंसान जाते हो जहां से इन्सान बनकर आते हो
या खुदा
मुझे ऐसा काशी ऐसा काबा बता
जहां से होकर आने के बाद इंसान बनते हो
या खुदा मुझे ऐसा पंडित
ऐसा मोलवी ऐसा पादरी बता
जिनके गुरुकुल में जिनके शिष्य इंसान बनते हो ..
में चाहता हूँ
आदमी को इन्सान बनाया जाए
मेरे इस हिन्दुस्तान को
मेरे इस भारत को
ऐसे इंसानों को ढूंढ कर
एक बार फिर भारत महान बनाया जाए
या खुद मुझे कोई जुगत बता
केसे मेरे देश वासियों को
हिन्दू मुसलमान से लग कर इन्सान बनाया जाए ............

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akhtar khan akela
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