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01 मार्च 2013

बदलते मौसम में ये हैं CONJUNCTIVITIS होने के कारण और बचने के तरीके



आंखों के ऊपर और नीचे की पलकों के भीतरी भाग एवं आंख के सामने के  भाग में पुतली को छोड़कर एक पतली श्लेषमा झिल्ली रहती है। इसे कन्जटाइवा अथवा नेत्र श्लेषमा कहते हैं। यह बाहरी कचरे आदि से नेत्र की सुरक्षा करती है।
रोग का कारण- कन्जिक्टिवाइटिस कई कारण होते हैं। यह रोग जीवाणुओं या विषाणुओं इत्यादि जीवित इकाइयों से भी हो सकता है और भौतिक या रासायनिक पदार्थों जैसे आंखों में कचरा या कोई रासायनिक पदार्थ जाने से भी हो सकता है। कई तरह की बीमारियां जैसे छोटी-माता खसरा फ्लू आदि में भी। कन्जक्टिवाइटिस एक विषाणु जन्य रोग है एडीनोवाइरल टाइप 8 द्वारा  फैलता है। वैसे जीवाणुओं में होने वाली बीमारियां भी एक-दूसरे से अलग है।
रोग के लक्षण- नेत्र श्लेषमा शोथ के इस प्रकार के श्लेषमा पर छोटे-छोटे दाने दिखते हैं। वास्तव में ये दाने लिम्फोसाइट्स नामक श्वेत रक्त कोशिकाओं के इक_े होने से बनते हैं। इस तरह नेत्र श्लेषमा शोथ में आंखों की श्लेषमा में छाले पड़ जाते हैं। आंखों की पुतली भी रोग से प्रभावि होती है। कार्निया संबंधी जटिलताएं

7 से 10 दिन पश्चात मिलती है। इसमें पुतली की दीवारों पर सूजन आ जाती है।  फिर कुछ अपारदर्शी धब्बे से बन जाते हैं। जो श्लेष्मा शोथ ठीक होने के पश्चात भी कई महीनों तक बने रहते हैं।
इस रोग के लक्षण- आंखों में दर्द, जलन तथा खुजली होना।
- प्रकाश असहनीय लगता है। इस स्थिति को फोटोफोबिया कहते हैं।
- आंखों से श्लेष्मा और मवादयुक्त गाढ़ा स्त्राव निकलता है। रोग की तीव्र अवस्था में खून भी आ जाता है।
- आंखों में कोई वस्तु गढऩे का एहसास होता है।
 रोग कैसे फैलता है- कन्जिक्टिवाइटिस संक्रामक बीमारी जो परस्पर संपर्क से तेजी से फैलती है। आंखों के स्त्राव में रोग के वायरस होते हैं। यह स्त्राव में रोग के वायरस होते हैं। यह स्त्राव हाथों, कपड़ों, रूमाल, चश्मे आदि के माध्यम से अन्य व्यक्ति तक पहुंच जाता है। जब रोग फैल रहा हो तो स्वीमिंग पुल में नहाने से बीमारी लग सकती है इसके अलावा भीड़ भरे स्थानों से भी यह रोग हो सकता है।
 रोग का इलाज- वायरल कन्जक्टिवाइटिस का कोई विशेष इलाज नहीं है। फिर भी इसके लिए निम्नलिखित उपाय करते हैं
- गुनगुने और नमक मिले पानी से दिन में तीन-चार बार आंखें साफ करना चाहिए। आंखों के धोने से कीचड़, जिसमें रोग के विषाणु भी होते हैं। डॉक्टर की सलाह से आंखों में दवा डालना चाहिए वरना इससे आंखों को नुकसान भी पहुंच सकता है।
- पट्टी या पेड का उपयोग न करके गहरे रंग का चश्मा लगाना चाहिए।

जयपुर बनेगा देश का पहला वाई-फाई शहर


जयपुर.राज्य सरकार की ओर से आगामी बजट में जयपुर को वाई-फाई सिटी बनाने की घोषणा हो सकती है। योजना के लिए लगभग 10 करोड़ बजट का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके तहत पूरे शहर में लोगों को वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इससे लोग मुफ्त में इंटरनेट सुविधा का इस्तेमाल कर सकेंगे। 
 
वाई-फाई नेटवर्क के लिए 300 से ज्यादा सरकारी और प्राइवेट बिल्डिंग्स पर ‘वाई-फाई हॉट स्पॉट’ बनाए जाएंगे, जिससे शहर का लगभग हर क्षेत्र वाई-फाई एनेबल हो जाएगा। सुविधा का लाभ वाई-फाई एनेबल्ड लैपटॉप, मोबाइल और अन्य उपकरणों पर लिया जा सकेगा। यूजर को 2 एमबीपीएस प्रति यूजर के हिसाब से स्पीड मिलेगी। जिससे बेहतर स्पीड से वीडियो देखे जा सकेंगे, डाउनलोडिंग, ईमेल और इंटरनेट सर्फिग की जा सकेगी। इसका खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी।
 
 
ऐसे कर सकेंगे एक्सेस
 
यूजर अपने मोबाइल, लैपटॉप या अन्य एनेबल्ड डिवाइस से वाई-फाई ऑप्शन में जाकर कनैक्ट करेंगे तो आधिकारिक पेज खुलते ही एक यूनीक कोड फ्लैश होगा। उस कोड को विशेष नंबर पर मैसेज करना होगा। कोड मैसेज करने पर उस आधिकारिक पेज पर हर आधा या एक घंटा तय समय सीमा के लिए यूजर इंटरनेट एक्सेस कर सकेंगे। इसके बाद सुविधा का लाभ उठाने के लिए पैसा देना पड़ सकता है। 
 
सुझाव तो यह भी दिया गया है कि परमानेंट कनेक्टिविटी के लिए पेमेंट मोड का विकल्प हो। या दिन में चार बार आधा घंटा तय समय सीमा के लिए इसे फ्री कर दिया जाए। इससे यूजर हर आधा घंटे में लॉग इन करेगा तो सिक्योरिटी भी बेहतर हो पाएगी।
 
 
वाई-फाई पर विचार तो चल रहा है, लेकिन अभी तक इसके बारे में मुझे बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है।’
 
ए.एम. देशपांडे, एडिशनल डायरेक्टर, डिपार्टमेंट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी, राजस्थान सरकार
 
'वाई-फाई को लेकर फिलहाल आईटी एक्सपर्ट्स से बात चल रही है, लेकिन इसमें निष्कर्ष निकलना बाकी है।'
 
संजय मल्होत्रा, आईटी सेकेट्ररी
 
आएंगी चुनौतियां लेकिन विकल्प मौजूद
 
>सुरक्षा की दृष्टि से यूजर की पहचान जरूरी।
 
सुझाव:यूजर के किए गए मैसेज से मोबाइल या आईपी रजिस्टर हो जाएगा और इंटरनेट पर की जा रही जानकारी सुरक्षा के मद्देनजर सर्विस प्रोवाइडर के पास चली जाएगी।
 
>यूजर के सुविधा को मिसयूज करने की स्थिति में क्या?
 
सुझाव:इसके लिए कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम काम करेगा। जो धमकी भरे ईमेल लिखने या अन्य किसी खुफिया सूचना पर हरकत में आएगा और सर्विस प्रोवाइडर को इसकी सूचना देगा।
 
>यूजर क्या सर्फ करेगा? गैरकानूनी गतिविधि या पोर्न साइट सर्फ करेगा तो?
 
सुझाव:कंटेंट फिल्टर सॉफ्टवेयर और पेरेंटल कंट्रोल सिस्टम काम करेगा। जो ऐसी किसी गतिविधि को रोकने का काम करेगा और ऐसी साइटें खुलने ही नहीं देगा।
 
>क्या व्यावहारिक तौर पर पूरे शहर को वाई-फाई बनाना संभव है? क्योंकि कुछ शहरों में ऐसी योजनाएं असफल हो चुकी हैं।
 
सुझाव: पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से काम करें तो ऐसी योजना पर अमल पूरी तरह से संभव है।
 
अजय डाटा, आईटी विशेषज्ञ
 
5 साल पहले भी कवायद
 
पिछली सरकार ने आईटी कंपनियों से एमओयू साइन कर हवामहल, जंतर-मंतर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और उद्योग भवन के आसपास क्षेत्र को वाई-फाई किया था। यह पेड मॉडल होने की वजह से सफल नहीं हो पाया। इसमें यूजर को पैसे देकर काउंटर पर वाई-फाई रजिस्ट्रेशन करवाना होता था, जिसमें यूजर का काफी समय बर्बाद हो जाता था।
 

शांति, अहिंसा के लिए विश्व प्रसिद्ध गांधी आश्रम में साधिका के साथ छेडख़ानी



वर्धा.  सेवाग्राम स्थित बापूकुटी दिनोदिन विवादों में घिरती जा रही है। पिछले 3 वर्षों में चश्मा चोरी, दांत से चबाने को लेकर विवाद, पर्स चोरी और अब साधिका के साथ छेडख़ानी।
इन वरदातों से बापू कुटी की छवि धूमिल हो रही है। शांति, अहिंसा के लिए पूरे विश्व में पहचाने जानेवाले गांधीजी के आश्रम में इन दिनों एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने का सिलसिला भी जारी है।
गांधी आश्रम में दबदबा बनाए रखने के लिए ये हथकंडे अपनाये जा रहे हैं! बताया जा रहा है कि गुरुवार की रात बापू कुटी की एक साधिका किसी से बातचीत कर रही थी।
इसी बीच जालंधर कन्नोडे वहां पहुंचे और मेरे भांजे के साथ क्या बात कर रही है कहकर जूता गाल पर जड़ते हुए विनयभंग करने का प्रयास किया और दुपट्टा खींच लिया।
इस बीच, कुछ साधक वहां पहुंचे व जालंधर को पकड़कर उनके कक्ष में ले गए। 1 मार्च को साधिका द्वारा सेवाग्राम थाना में शिकायत दर्ज कराने पर जालंधर कन्नोडे के खिलाफ धारा 354, 323, 506 के तहत मामला उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
अहिंसा के पूजारी के कर्मस्थली में आपसी विवाद के चलते जहां बापू की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है वहीं इस घटना से अन्य साधिकाओं में दहशत व्याप्त हो गई है।

कुरान का संदेश

आदरणीय मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत साहब आपने वर्ष 2012 के वार्षिक बजट में राजस्थान में मदरसा बोर्ड के माध्यम से दो हजार नये पेराटीचर्स की नियुक्ति का बजट पारित किया था लेकिन वर्ष 2013 आ गया है नया बजट पारित होने वाला है राजस्थान में आपके स्वीक्रत बजट के तहत दो हजार नियुक्तियां मदरसा बोर्ड ने नहीं की है और मुसलमानों के साथ धोखा हुआ है इसके लियें जो भी नोकरशाह या कोई ज़िम्मेदार हो उसे अगर सजा नहीं दी गयी तो राजस्थान का मुसलमान शायद हमे माफ़ नहीं कर सकेगा क्योंकि मदरसा बोर्ड में दो हजार तो स्वीक्रत बजट की नियुक्तिया और पूर्व में खाली पढ़े हजार पद जिनमे से लगभग सवा सो फर्जी नियुक्तियां हुई थी उसका बजट आम मुसलमानों को नियुक्तिया देकर काम में नहीं लाया गया है अगर यह नियुक्तिया होती तो कोंग्रेस की वाहवाही भी होती लेकिन अब तो मुसलमान सवाल करने लगे है क्या जवाब दे जनाब ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

महिला मजिस्ट्रेट बोली, 'गलत नजरों से देखते हैं DJ, मेरे साथ दुर्व्यवहार किया'


अकलेरा (झालावाड़).अकलेरा में मुंसिफ एवं ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (एमजेएम) पद पर कार्यरत महिला मजिस्ट्रेट गीता मीणा ने जिला एवं सेशन जज (डीजे) पर बदसलूकी के आरोप लगाए हैं। इस संबंध में उन्होंने गुरुवार को अकलेरा पुलिस थाने में परिवाद दिया। इसे एसपी कार्यालय भेज दिया गया।
 
थाना प्रभारी श्योराजमल मीणा के अनुसार परिवाद में मजिस्ट्रेट मीणा ने कहा है कि अकलेरा में कैंप कोर्ट होने से डीजे अनिल गुप्ता आए थे। वे कोर्ट चैंबर के पास बने अवकाशगृह में बैठे थे। सुबह 10 बजे वे उनके पास पहुंचीं और अधीनस्थ कर्मचारियों के बिना इजाजत मुख्यालय छोड़ने सरीखी शिकायतें की तो वे भड़क गए। उन्होंने जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। इससे व्यथित होकर वे पत्रकारों को साथ लेकर सीधे पुलिस थाने गईं। वहां एफआईआर दर्ज करने की बात कहते हुए लिखित परिवाद दिया।
 
मजिस्ट्रेट मीणा ने आरोप लगाया कि डीजे साहब गलत नजरों से देखते हैं तो मैंने चेंबर में जाना बंद कर दिया। आज भी वही हरकत की। गुरुवार सुबह वे कर्मचारियों को लेकर बात करने के लिए गई थी। मुझे दबाव डालकर परेशान किया और र्दुव्‍यवहार किया।
 
'न्यायिक मजिस्ट्रेट की जांच थाने के स्तर पर करना उचित नहीं है, इसलिए एसपी के निर्देश पर परिवाद पर अंकित तथ्यों की जांच एएसपी को भेजी है।'
 
-रूपसिंह, एएसआई
 
'न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जो शिकायत की है, वह मेरे लेवल तक बताना ठीक नहीं है।'
 
-अनिल गुप्ता, डीजे झालावाड़

दिल्‍ली में लड़के भी सुरक्षित नहीं, पुलिस अफसर के बेटे के साथ रेप



नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्‍ली में महिलाएं तो महिलाएं, अब लड़के भी सुरक्षित नहीं हैं। एक आइजी अफसर के 17 साल के बेटे के साथ उसके दो दोस्तों ने जबरन सेक्‍स किया। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पूरे मामले की जांच जारी है। 
 
दिल्‍ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि जिन आईजी के बेटे के साथ यह कुकर्म हुआ है, वह दिल्‍ली में ही अपने परिवार के साथ रहते हैं। एक सप्ताह पहले वह पत्नी के साथ बाहर गए थे। घर में उनका 17 साल का नाबालिग बेटा व एक नौकरानी अकेले थी। 
 
आईजी के नाबालिग बेटे ने अपने घर में दोस्‍तों के लिए पार्टी रखी थी। इसमें उसके दोस्‍त फहीम व जॉनी भी आए थे। जमकर सब ने शराब पी। इसके बाद 3-4 दोस्त अपने अपने घर चले गए थे। लेकिन फहीम व जॉनी वहीं रूके। दोनों ने नाबालिग के साथ जबरन कुकर्म किया। कुकर्म के बाद उन्‍होंने घर के महंगे सामान पर भी हाथ फेर दिया। 
 
कुछ दिनों बाद जब आईजी अपनी पत्‍नी के साथ घर लौटे तो सामान नहीं पाकर पुलिस में शिकायत की। पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि आईजी के बेटे के साथ कुकर्म हुआ है।

गृहमंत्री भूल गए कानून, सरेआम बता दिया रेप की शिकार लड़कियों का नाम


नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमरा शिंदे ने फिर एक बड़ी गलती कर दी है। शिंदे ने राज्यसभा में महाराष्ट्र के भंडारा रेप केस पर बयान देते हुए तीनों नाबालिग पीड़िताओं का नाम ले लिया। इस पर नेता विपक्ष अरुण जेटली ने आपत्ति जताई और विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। इसके बाद राज्यसभा उपसभापति ने इसे कार्रवाई से हटा दिया।
 
वहीं भाजपा नेता अरुण जेटली की जासूसी में खुद पार्टी के नेता फंसते नजर आ रहे हैं। अनुराग सिंह नाम के जिस जासूस को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उसके संबंध भाजपा नेता सुधांशु मित्‍तल से भी हैं। खुद, सुधांशु मित्‍तल ने भी इस बात को माना है कि वह अनुराग को लंबे वक्‍त से जानते हैं। सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपी अनुराग सिंह के कई नेताओं के साथ भी करीबी संबंध रहे हैं। सुधांशु मित्तल पर वर्ष 1991, 1996 और 1998 के चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का भी आरोप लग चुका है। सुधांशु मित्तल का अरुण जेटली से रिश्ता अच्छा नहीं रहा है।
 
सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को बीजेपी की एक बैठक में अरुण जेटली ने इस बात पर नाराजगी जताई कि जब एक कारोबारी और बीजेपी के नेता का नाम (इशारा सुधांशु मित्तल की तरफ समझा जा रहा है) आ रहा है तो पार्टी के कुछ नेता उसकी तरफदारी में क्यों जुटे हुए हैं। 
 
शुक्रवार को यह मुद्दा राज्यसभा में भी गूंजा। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर अपने बयान में कहा, 'इस मामले में फोन टेपिंग नहीं बल्कि कॉल रिकॉर्ड हासिल किए गए थे। पांच मोबाइल फोन के कॉल रिकॉर्ड निकाले गए थे। हमने एयरटेल अधिकारियों से जवाब मांगा है। अरविंद डबास ने एसीपी के ई-मेल आईडी का इस्तेमाल कॉल रिकॉर्ड हासिल करने के लिए किया था। यह बात भी पता चली है कि अरविंद डबास 1500 रुपये में नीरज को कॉल डिटेल देता था।' 
 
लेकिन गृह मंत्री के बयान से सदन के कई नेता असंतुष्ट रहे। बीजेपी नेता वैंकेया नायडू ने आरोप लगाया कि सरकार जासूसी केस को हल्के में ले रही है। नायडू ने पूछा कि सरकार क्या छिपा रही है? बीजेपी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि क्या जासूसी एजेंसी ने सरकार से इजाजत ली थी? क्या कोई सरकारी एजेंसी भी जासूसी में शामिल थी? रविशंकर प्रसाद ने यह भी पूछा कि प्राइवेट व्यक्तियों के हाथों में टेप रिकॉर्ड करने वाले यंत्र कैसे गए? बीजेपी के अलावा सपा नेता रामगोपाल ने कहा, 'गृहमंत्री का बयान आधा अधूरा है। किनकी कॉल डिटेल मांगी गई थी, गृहमंत्री ने उनका नाम नहीं बताया। गृह मंत्री जी आपने कोई नहीं जानकारी नहीं दी। आपसे ज्यादा जानकारी तो मीडिया से मिल रही है। फोन टेपिंग के लिए राज्यसभा के सभापति की अनुमति होनी चाहिए। दोनों सदनों के करीब सौ नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जिनके फोन कॉल डिटेल हासिल किए गए हैं या फोन टेप किए गए हैं।' सपा नेता रामगोपाल ने गृहमंत्री से यह भी जवाब मांगा कि एक कांस्टेबल को राजनीतिक नेता के कॉल डिटेल की जरूरत क्यों होगी? इसके घटना के पीछे कौन है? सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी दावा किया कि उनका फोन कॉल भी टेप किया जा रहा है। 
 
सुशील कुमार शिंदे ने राज्यसभा में नेताओं के सवालों की बौछार के बाद जवाब देते हुए कहा, 'भारत सरकार किसी भी सांसद को फोन टेप नहीं कर रही है। सरकार ने किसी भी नेता के फोन कॉल के रिकॉर्डिंग की मांग नहीं की थी। सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्डिंग) के बारे में कोई कानून नहीं है। इस मामले में अभी तक सिर्फ शुरुआती जांच हुई है।' गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि जिनका कॉल डिटेल निकालवाने की कोशश की गई थी वह ( अरुण जेटली) आसान आदमी नहीं है। जब सांसदों ने गृहमंत्री की 'आसान आदमी' की टिप्पणी पर चुटकी ली तो उन्होंने जोर देते हुए कहा, 'मेरा आसान आदमी कहने के पीछे आशय साधारण आदमी से था।' इस दौरान सदन में विपक्ष के नेता अरुण जेटली मुस्कराते हुए नजर आए।
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