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03 मार्च 2013

छोडो भी बीत गया -

Satish Sharma
छोडो भी बीत गया -
रोकते पकड़ते - बस
अच्छा वो दौर गया .
एक दिन और गया .

जीवन की डोरी -
होती और छोटी,
साँसों की आहट-
धीमी मद्धम होती.
मृत्यु की -डगर पर -
प्राणों का दौर गया .
एक दिन और गया .

नभ में - जीवन पतंग
उडती पर पंख तंग -
हवाओं से ठनी- जंग .
मन के मरुस्थल में-
बादलों का शोर गया .
एक दिन और गया .

भीगे दृग - ढूँढ़ते हैं
राहों के - सर्प दंश
मन के - इस दर्पण में
विचरते अब नहीं हंस .
भटके अरण्यों में -
कहाँ मगर ठौर गया .
एक दिन और गया .

पल -छिन से भागते
दिवस शाम -जागते से सोते
हम हुए - तो क्यों हुए
काश हम ना होते .
कहने -सुनाने में-
जीवन का छोर गया .
एक दिन और गया .

घिरा रहता हूँ तुम्हारी यादों से इस तरह

Atul Kanakk
घिरा रहता हूँ तुम्हारी यादों से इस तरह
कि अकेला होने की फुर्सत ही नहीं मिलती/
यादों के सम्माहेन को तोड़ने का मन नहीं करता,
मन नहीं करता अपने आसपास बिखरे सन्नाटे को तोड़ने का
मग़र बात भी ज़रूरी है शायद
तो आओ, आज फिर हम एक दूसरे के बारे में सोच कर
एक दूसरे से संवाद करें/
छोड़ो न चुगलखोर शब्दों को एक तरफ
आओ, हम खमोश यादों के साथ एक दूसरे से बात करें।।

लिख रहा था

Satish Sharma
लिख रहा था - लिख रहा हूँ
और लिखूंगा जरुर .
जुर्म की ये दास्ताने - नक्श
मेरे दिल में हैं .

महिला दिवस आने वाला है

अंजना चौहान सिंह
सुनो सुनो सुनो
महिला दिवस आने वाला है
फिर से समाज नारी का महत्त्व
बढ़ चढ़ कर बतलाने वाला है
नारी की महानता को लेकर
तरह तरह के कसीदे गढ़े जायेंगे
पूरा समाज ममतामय नज़र आयेगा
महिला पुजारी महिला सम्मान में
ग़ज़लें या कवितायें कह जायेगा
और कुछ ही पलों में कहीं ना कहीं
उसी नारी की इज्जत से खेल जाएगा
अबोध बालिका जिसका ना होगा कोई कसूर
उसका जीवन ही उसके लिए बन जायेगा नासूर
पाठशालाओं में गुरुओं के आगे हो या
हो घर का सुरक्षित स्थान
हर जगह आज हो रहा है नारी का अपमान
देश वासियों एक बीड़ा उठा लो
आने वाली पीढ़ियों को नैतिकता का पाठ पढ़ा लो
फिर कोई नारी की इज्जत से खेल ना पायेगा
फिर सही मायनो में महिला दिवस मनाया जाएगा .....अंजना चौहान

तेरी मुहब्बत में

अंजना चौहान सिंह
तेरी मुहब्बत में यूँ मेरा नाम हो जाए
दिल हो तेरा और मुझे धड़कन कहे जमाना .....अंजना

प्लीज़ बताइए ........

महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की संस्क्रती के लियें विश्व भर में अपनी पहचान रखें वाले इस भारत देश में अगर कोई व्यक्ति ऐसा हो जिसके मन में महिलाओं के लियें सम्मान ना हो ..जिसके शासन में महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार हुए हो ....जो सियासी तोर पर महिला नेता पर अभद्र हमले करता हो अभद्र बोल इस्तेमाल करता हो जिस पर खुद की पत्नी को भटकने के लियें छोड़ने का आरोप लगने के बाद कोई स्पष्टीकरण उसने नहीं दिया हो क्या ऐसे व्यक्ति को भारत की महिलाएं देश का प्रधामंत्री बनाना पसंद करेंगी ..क्या इन महिलाओं के भाई ...पुत्र ...पिता ऐसे व्यक्ति को देश का प्रधामंत्री बनाना पसंद करेंगे प्लीज़ बताइए ........

प्रेमिका के साथ लौटा प्रेमी तो घरवालों ने गधे पर बैठकर घुमाया


 

अलवर। दिल्ली दरवाजा बाहर मोहल्ले में गुरुवार को मोहल्ले के ही कुछ लोगों ने एक युवक का मुंह काला कर गधे पर घुमाया। घटना प्रेम प्रसंग को लेकर हुई। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली दरवाजा बाहर निवासी एक युवक पिछले दिनों पड़ौस में रहने वाली एक युवती को लेकर कहीं चला गया था। गुरुवार को युवक व युवती घर लौट आए। युवती के परिजनों ने युवक को पकड़ लिया और मारपीट की। इन लोगों ने युवक का मुंह काला कर दिया और गधे पर बैठा कर मोहल्ले में घुमाया।
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और एक आरोपी सोनू पुत्र झम्मन को गिरफ्तार किया है। शेष आरोपी पुलिस के पहुंचने से पहले ही भाग गए। इस संबंध में युवक की मां ने सोनू, मोनू, नवाब सहित चार लोगों के खिलाफ बेटे को पेड़ से बांधकर मारपीट करने तथा गधे पर बैठाकर मोहल्ले में घुमाने का मामला दर्ज कराया है।

एक साल की उम्र में करोड़पति बनी आराध्या

एक साल की उम्र में करोड़पति बनी आराध्या
नई दिल्ली. अमिताभ बच्चन की पोती आराध्या बच्चन एक साल की होते ही करोड़ों रुपये की मालकिन बन गई है। अभिषेक और ऐश्वर्या राय ने आराध्या के नाम से दुबई में 54 करोड़ की संपत्ति खरीदी है। आराध्या के पास एक ही साल  में महंगी गाड़ी और करोड़ों की संपत्ति जमा हो गई है। 
 
कुछ दिनों पहले ही आराध्या के मम्मी-पापा ने उसे एक बीएमडबल्यू गिफ्ट की थी। अब उसके नाम दुबई में करोड़ों की जमीन कर दी गई है। वैसे इन दिनों आराध्या अपने दादा बिग बी के साथ भोपाल में है। अंदर की खबर ये है कि दादा को अपनी पोती के साथ ज्यादा समय बिताने की आदत पड़ गई है, तभी आराध्या के दादा उसे यहां भी अपने साथ ले आए। इसी बहाने आराध्या ने अपनी दादी का मायका भी देख लिया। अब आराध्या के दादा शूटिंग कर रहे हैं तो वह अपने दादी के मायके में मस्ती कर रही हैं। 
 
यह पहला मौका है जब भोपाल में अमिताभ अपनी बेटे, बहू और पोती के साथ आए हैं। अभिषेक और ऐश्वर्या अपनी बेटी के साथ श्यामला हिल्स स्थित ननिहाल पहुंचे। इस दौरान फैन्स बच्चन परिवार की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे।

चिदंबरम ने साधा मोदी पर निशाना, कहा उन्हें पीएम दावेदार कहने पर आती है हंसी

नई दिल्ली. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा एक और नाम सबकी जुबान पर छाया रहा। यह नाम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का था। ( बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के मोदी और शिवराज सिंह की तारीफों के पुल बांध दिए। आडवाणी ने कहा कि मोदी और शिवराज के भाषणों में 1980 के अटल जी की छाप दिखती है। आडवाणी ने इनके अलावा लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के भाषण की भी तारीफ की। 
 
वहीं राष्ट्रीय परिषद के दूसरे और अंतिम दिन सबसे ज्यादा चर्चा नरेंद्र मोदी और उनके भाषण की हुई। मोदी ने अपने भाषण के दौरान पीएम पद की उम्मीदवारी के मुद्दे को हवा में उड़ाते हुए कहा कि बीजेपी में व्यक्ति मुद्दा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर कमल को आगे ले जाना है। इस मौके पर मोदी ने कहा, 'गुजरात की जीत किसी व्यक्ति की जीत नहीं है। गुजरात की विजय बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन की जीत है। निमित्त रूप मेरा जो मेरा सम्मान, स्वागत हुआ, इस सबके अधिकारी देश के लाखों कार्यकर्ता, गुजरात की जनता और हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व है। मैं पूरा सम्मान इनके चरणों में अर्पित करता हूं।'  जहां, मोदी खुद को देश का अगला प्रधानमंत्री मान रहे हैं वहीं वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि ऐसी चर्चाओं पर उन्हें हंसी आती है। चिदंबरम ने भाजपा अधिवेशन पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसी चर्चाओं पर उन्हें हंसी आती है जिनमें उन्हें भावी पीएम के रूप में पेश किया जाता है। 
 
 
कांग्रेसी प्रवक्ता राशिद अल्वी का कहना है कि यह बैठक बीजेपी का अंदरूनी मामला है और यह अच्छी बात है कि वे कांग्रेसी नेताओं लाल बहादुर शास्त्री और प्रणब मुखर्जी के बारे में बात कर अपने कार्यकर्ताओं से जोश भर रहे हैं। वहीं, कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने बीजेपी को मुसलमानों को मारने वाली पार्टी तक कह डाला। अय्यर ने मोदी को सांप बिच्छू करार दिया। 
 
 
मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा, 'दिल्ली की सरकार बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए चुनौती है। गरीबों के घरों में चूल्हा नहीं जल रहा है। लेकिन दिल्ली में सरकार है या नहीं इसका पता ही नहीं चल रहा है। हमें सभी चीजों की ओर देखने की जरूरत है। कांग्रेस के चरित्र में देश को आगे बढ़ाने का जज्बा नहीं है। आजादी के तीन दशक बाद तक पंचायत से संसद तक कांग्रेस का झंडा था। कोरिया, इजराइल, चीन जैसे देश आगे बढ़ते चले गए। इनके इरादे ही देश को बढ़ाने के नहीं थे। एक परिवार के लिए सबको बलि चढ़ाना कांग्रेस की परंपरा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष की पसंद देखिए। सीताराम केसरी के अध्यक्ष होते हुए लगता था कि किसी नाइट वाचमैन को बैठा दिया गया है। बाद में सीताराम केसरी को दफ्तर से उठा कर फेंक दिया और पार्टी का कब्जा कर लिया। किसी राजनीतिक पार्टी में ऐसा लोकतंत्र देखने को नहीं मिलेगा। इसके बाद सरकार बनाने के लिए ऐसा प्रधानमंत्री चुना कि उस परिवार के लिए जो चाहे वो कर सके। एक और नाइट वाचमैन बैठा दिया। ये सोचा नहीं था कि रात इतनी लंबी होगी, अंधेरा इतना घना होगा। इसी काम के लिए कि परिवार नजर न आए और पीएम कुछ कर न पाए, इसके लिए फाइव स्टार एक्टिविस्ट से एनएसी बना दिया। इससे सरकार चलाई जा रही है। परिवार को जिन से खतरा होता है, उनका राजनीतिक भविष्य खत्म कर देते हैं।'

कुरान का सन्देश

सपने में आएंगे शिव, अगर महाशिवरात्रि पर इतनी बार बोला महामृत्युञ्जय मंत्र

हिन्दू धर्मशास्त्र उजागर करते हैं कि आस्था, विश्वास, प्रेम और भावना ही ऐसी वजह है जो ईश्वर को भी भक्त के पास आने को मजबूर करती है। इसलिए भक्ति में अविश्वास का कोई स्थान नहीं माना जाता। भगवान शिव भी ऐसे ही देवता माने जाते हैं, जो भक्तो की थोड़ी ही उपासना से प्रसन्न हो जाते हैं।   
शिव की प्रसन्नता के ही इन उपायों में महामृत्युञ्जय मंत्र को बहुत ही अचूक माना जाता है। शिवपुराण में तो शिव भक्ति के कालों जैसे प्रदोष, सोमवार, चतुर्दशी, महाशिवरात्रि या हर रोज भी महादेव के इस मंत्र का अलग-अलग रूप और संख्या में जप तन, मन और धन का हर सुख देने वाला बताया गया है। इसके लिए यह भी जरूरी है कि भक्त बिना किसी स्वार्थ या कामना के शिव का ध्यान करे। 
शिवपुराण के मुताबिक पूरी पवित्रता व निष्काम यानी बिना स्वार्थ के नियत संख्या में महामृत्युञ्जय मंत्र जप से तो शिव सपनों से लेकर साक्षात प्रकट होकर भी दर्शन तक दे देते हैं।  
अगली तस्वीर पर क्लिक कर जानिए, खासतौर पर महाशिवरात्रि (10 मार्च) को कितनी बार शिव के इस महामंत्र को बोलने या जप करने क्या-क्या चमत्कारी होते हैं- 
 
- महामृत्युञ्जय मंत्र के एक लाख जप करने पर शरीर पवित्र हो जाता है। 
- महामृत्युञ्जय मंत्र के दो लाख जप पूरे होने पर पूर्वजन्म की बातें याद आ जाती हैं। 
- महामृत्युञ्जय मंत्र के तीन लाख  जप पूरे होने पर सभी मनचाही सुख-सुविधा और वस्तुएं मिल जाती है। 
- महामृत्युञ्जय मंत्र चार लाख जप पूरे होने पर भगवान शिव सपनों में दर्शन देते हैं। 
- पांच लाख महामृत्युंजय मंत्र जप पूरे होते ही भगवान शिव फौरन ही भक्त के सामने प्रकट हो जाते हैं।

सपने में आएंगे शिव, अगर महाशिवरात्रि पर इतनी बार बोला महामृत्युञ्जय मंत्र

हिन्दू धर्मशास्त्र उजागर करते हैं कि आस्था, विश्वास, प्रेम और भावना ही ऐसी वजह है जो ईश्वर को भी भक्त के पास आने को मजबूर करती है। इसलिए भक्ति में अविश्वास का कोई स्थान नहीं माना जाता। भगवान शिव भी ऐसे ही देवता माने जाते हैं, जो भक्तो की थोड़ी ही उपासना से प्रसन्न हो जाते हैं।   
शिव की प्रसन्नता के ही इन उपायों में महामृत्युञ्जय मंत्र को बहुत ही अचूक माना जाता है। शिवपुराण में तो शिव भक्ति के कालों जैसे प्रदोष, सोमवार, चतुर्दशी, महाशिवरात्रि या हर रोज भी महादेव के इस मंत्र का अलग-अलग रूप और संख्या में जप तन, मन और धन का हर सुख देने वाला बताया गया है। इसके लिए यह भी जरूरी है कि भक्त बिना किसी स्वार्थ या कामना के शिव का ध्यान करे। 
शिवपुराण के मुताबिक पूरी पवित्रता व निष्काम यानी बिना स्वार्थ के नियत संख्या में महामृत्युञ्जय मंत्र जप से तो शिव सपनों से लेकर साक्षात प्रकट होकर भी दर्शन तक दे देते हैं।  
अगली तस्वीर पर क्लिक कर जानिए, खासतौर पर महाशिवरात्रि (10 मार्च) को कितनी बार शिव के इस महामंत्र को बोलने या जप करने क्या-क्या चमत्कारी होते हैं- 
 
- महामृत्युञ्जय मंत्र के एक लाख जप करने पर शरीर पवित्र हो जाता है। 
- महामृत्युञ्जय मंत्र के दो लाख जप पूरे होने पर पूर्वजन्म की बातें याद आ जाती हैं। 
- महामृत्युञ्जय मंत्र के तीन लाख  जप पूरे होने पर सभी मनचाही सुख-सुविधा और वस्तुएं मिल जाती है। 
- महामृत्युञ्जय मंत्र चार लाख जप पूरे होने पर भगवान शिव सपनों में दर्शन देते हैं। 
- पांच लाख महामृत्युंजय मंत्र जप पूरे होते ही भगवान शिव फौरन ही भक्त के सामने प्रकट हो जाते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्रियों को आरएएस स्तर का मिलेगा निजी सचिव


 

जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब आरएएस स्तर का अधिकारी ही निजी सचिव के रूप में मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें कैबिनेट का प्रोटोकॉल और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली सुविधाओं के लिए संशोधित आदेश जारी किए हैं।
आदेशों के अनुसार निजी सचिव के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री का निजी सचिव लगाते वक्त आरएएस अधिकारी अनुभव की योग्यता भी जोड़ी गई है। इनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री को इच्छित स्थान पर जिला मुख्यालय और जयपुर में एक बंगला नि:शुल्क मिलेगा। एक वरिष्ठ लिपिक, एक कनिष्ठ लिपिक, दो चतुर्थश्रेणी कर्मचारी, एक सरकारी वाहन, 250 लीटर पेट्रोल प्रतिमाह और मुफ्त बिजली प्रति माह 1000 यूनिट तक।
ओएसडी को सर्किट हाउस में रुकने की अनुमति: राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेषाधिकारी पुखराज पाराशर को प्रदेश के सर्किट हाउसों और दिल्ली स्थित राजस्थान हाउस में रुकने की सुविधा दी है। उन्हें एक माह में 10 दिन तक रुकने की अनुमति दी जा सकेगी। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किए हैं।

हिन्दू धर्ममें ३३ कोटि देवी-देवता हैं | ऐसेमें किस देवताके जपसे शीघ्र आध्यात्मिक प्रगति संभव है, आज इस बिन्दुपर हम विचार करेंगे |


हिन्दू धर्ममें ३३ कोटि देवी-देवता हैं | ऐसेमें किस देवताके जपसे शीघ्र आध्यात्मिक प्रगति संभव है, आज इस बिन्दुपर हम विचार करेंगे |
यदि हमने किसी संत या गुरुसे गुरुमंत्र लिया है तो उसका जप करना चाहिए और यदि नहीं लिया है तो गुरु ढूँढनेका प्रयत्न नहीं चाहिए, क्योंकि कलियुगमें ९८ प्रतिशत गुरु ढोंगी होते हैं और कोई अध्यात्मविद संत हैं या नहीं, यह हमें ज्ञात हो जाय, इसके लिए या तो हमारे पास सूक्ष्मका ज्ञान हो या साधनाका ठोस आधार हो, जो साधनाकी आरंभिक अवस्थामें हमें नहीं होता है
अतः गुरु बनानेके फेरमें पड़नेके स्थानपर, अध्यात्मशास्त्र अनुसार साधना करनेका प्रयास करना चाहिए और सनातन धर्ममें इसका अत्यंत सुन्दर विधान है | सभीको अपने कुलदेवताका जप करना चाहिए |
कुलदेवताकी व्युत्पत्ति और अर्थ देख लेते हैं | कुल, अर्थात मूल और मूलका संबंध मूलाधार चक्र, या कुण्डलिनी शक्तिसे होता है | कुल + देवता, अर्थात जिस देवताकी उपासनासे मूलाधार चक्र जागृत होता है, अर्थात कुंडलिनी शक्ति जागृत हो जाती है, अर्थात आध्यात्मिक उन्नति आरम्भ होती है, उन्हें कुलदेवता कहते हैं | कुलदेवताके तत्त्वमें सभी ३३ कोटि देवताके तत्त्व समाहित होते हैं | अतः कुलदेवताके जपसे उन तत्त्वकी ३०% तक वृद्धि हो जाती है और यह जप पूर्ण होनेपर, गुरुका हमारे जीवनमें स्वतः ही प्रवेश हो जाता है | यदि कुलदेवताका नाम पता हो, तो कुलदेवताके नामके आगे ‘श्री’ लगाएँ और तत्पश्चात देवताके नामके साथ चतुर्थीका प्रत्यय लगाएँ और अंतमें “नमः” लगाएँ | इस प्रकार कुलदेवताका जप करें, जैसे यदि कुलदेवता ‘गणेश’ हों, तो ‘श्री गणेशाय नमः’ और यदि कुलदेवी ‘भवानी’ हों, तो ‘श्री भवानी देव्यै नमः’, इस प्रकार जप करें | यदि कुलदेवताका नाम नहीं पता हो, तो ‘श्री कुलदेवतायै नमः’ जपें और अपने इष्टका स्वरूप अपने मनमें रखें |
जिनके लिए जीवनमें साधना प्रधान हो और सांसारिक जीवन गौण हो, अर्थात जिनका आध्यात्मिक स्तर ५०% से अधिक हो, ऐसे साधकको उच्च कोटिके देवता जैसे राम, कृष्ण, दुर्गा, शिव, हनुमान, दत्त, गणपतिमेंसे जो उनके आराध्य हों, उनका जप करना चाहिए |
वर्तमान कालमें ५०% साधारण व्यक्तियोंको और ७०% अच्छे साधकोंको अनिष्ट शक्तिका तीव्र कष्ट है | ऐसेमें सर्वप्रथम अनिष्ट शक्तिके कष्टके निवारणार्थ जप करें |
अनिष्ट शक्ति क्या होती है ?
ईश्वरने सृष्टिकी रचनाके साथ ही दो शक्तियों देव और असुरका निर्माण किया जिसमें एक है इष्टकारी शक्ति, कल्याणकारी शक्ति और दूसरा अनिष्ट शक्ति अर्थात विनाशकारी शक्ति | जब किसी दुर्जनकी मृत्यु हो जाए और उसका क्रिया-कर्म वैदिक रीतिसे न हुआ हो, या उसके कर्मानुसार उसे गति न मिले, तो वे भी अनिष्ट शक्तिके गुटमें चले जाते हैं | उसी प्रकार हमारे पूर्वजोंने पापकर्म किए हों, या उनकी कोई इच्छा अतृप्त रह गई हो और हम अतृप्त पितरोंकी सद्गतिके लिए योग्य साधना नहीं करते हों, तो वे भी अनिष्ट शक्तिके गुटमें चले जाते हैं और साधनाके अभावमें बलाढ्य आनिष्ट शक्तियां उन्हें सूक्ष्म जगतमें बंधक बना, उनसे बुरे कर्म करवाती हैं अतः उनसे भी कष्ट होता है |
वर्तमान समयमें धर्माचरणके अभावमें व्यष्टि (वैयक्तिक) एवं समष्टि (सामाजिक) जीवनमें अनिष्ट शक्तिका कष्ट बढ़ गया है और चारों ओर ‘त्राहिमां’ की स्थिति बन गयी है |
अनिष्ट शक्तिके कारण किस प्रकारके कष्ट हो सकते हैं?
अवसाद (डिप्रेशन), आत्म-हत्याके विचार आना, अत्यधिक क्रोध आना और उस आवेशमें अपना आपा पूर्ण रूपसे खो देना, मनमें सदैव वासनाके विचार आना, नींद न आना, अत्यधिक नींद आना, शरीरके किसी भागमें वेदना होना और औषधिद्वारा उस वेदनाका ठीक न हो पाना, मनका अत्यधिक अशांत रहना, व्यवसायमें सदैव हानि होना, परीक्षाके समय सदैव कुछ न कुछ अड़चन आना, घरमें सदैव कलह-क्लेश रहना, लगातार गर्भपात होना, बिना कारण आर्थिक हानि होना, रोगका वंशानुगत होना, व्यसनी होना, लगातार अपघात या दुर्घटना होते रहना, नौकरी या जीविकोपार्जनमें सदैव अड़चन आना, सामूहिक बलात्कार, समलैंगिकता, भयावह यौन रोग, यह सब अनिष्ट शक्तियोंके कारण होते हैं |
यदि किसीको अनिष्ट शक्तिका कष्ट हो तो आरम्भमें एक वर्षके लिए ‘श्रीगुरुदेव दत्त’ का जप अधिकसे अधिक करना चाहिए और उसके पश्चात ‘सात नामजपका प्रयोग’ कर, जिस नामजपसे कष्ट हो, उनका अखंड जप करना चाहिए | एक महीनेके पश्चात पुनः प्रयोग कर नए नामजपको ढूंढ कर निकालना चाहिए | ऐसे करनेसे उनके जीवनमें सूक्ष्म अनिष्ट शक्तियोंद्वारा दिये जानेवाले कष्ट अति शीघ्र कम हो जाते हैं अन्यथा साधनाका व्यय, अनिष्ट शक्तिद्वारा दिए जा रहे कष्टपर मात करने हेतु हो जाता है और आध्यात्मिक प्रगति नहीं होती |
‘सप्त देवताका नामजप प्रयोग’ कैसे कर सकते हैं, यह संक्षेपमें देख लेते हैं | स्नानकर या हाथ मुंह धोकर, स्वच्छ और पवित्र स्थानपर बैठ जाएँ और राम, कृष्ण, दुर्गा, शिव, हनुमान, दत्त, गणपति, इनके क्रमशः ‘श्री राम जय राम जय जय राम’, ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’, ‘ ॐ श्री दुर्गा देव्यै नमः’ , ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘ॐ हं हनुमते नमः’, ‘ॐ श्री गुरुदेव दत्त’, ‘ॐ गं गणपतये नमः’ जपके समय किस जपसे सर्वाधिक कष्ट हो रहा है यह देखें | जिस जपसे सबसे अधिक कष्ट हो रहा हो, वह जप अगले एक महीनेके लिए करना चाहिए |
यदि जप करते समय तनिक भी कष्ट न हो तो जिस जपमें सबसे कम विचार आयें, वह जप करें | जप करते समय नींद आना, बुरे विचार आना, जप करनेका मन न करना, जी मितलाना, उबासियाँ आना, शरीरमें वेदना होना जैसे कष्ट हों तो समझें कि अनिष्ट शक्तिका कष्ट है | इन्हीं सभी सात जपको पांच-पांच मिनट करें और एक जप पांच मिनट करनेके पश्चात उस दौरान क्या हुआ, यह एक कॉपीमें लिख कर पुनः जप आरम्भ करनेसे पहले अगले उपास्य देवताको प्रार्थना करें | “हे भगवन, मेरे जीवनमें जो भी अनिष्ट शक्ति मेरे व्यावहारिक एवं आध्यात्मिक जीवनमें अड़चनें निर्माण कर रही हैं, उनपर मात पाने हेतु नामजपका प्रयोग कर रही/रहा हूँ | नामजपके प्रयोगमें सहायता करें और इससे पहले जो हमने जप किया, उसका प्रभाव इस जपके समय न हो ऐसी आप कृपा करें’’ | प्रत्येक महीने जपका प्रयोग क्यों करना चाहिए ? एक महीनेमें या तो वह अनिष्ट शक्ति उस जपका कोई तोड़ ढूंढ लेती है, या उसे मुक्ति मिलनेपर, कोई दूसरी अनिष्ट शक्ति हमें कष्ट देने लगती है | अतः जब तक अनिष्ट शक्तिके कष्ट कम न हो जाएँ, तब तक यह सात नामजपका प्रयोग करते रहना चाहिए |
उपर्युक्त बताए गए मुद्देका आधार हमारे श्रीगुरु परम पूज्य डॉ. जयंत बालाजी आठवलेद्वारा लिखे एवं सनातन संस्थाद्वारा प्रकाशित ग्रंथ “अध्यात्मका प्रस्तावनात्मक विवेचन’’ है |

नरेन्द्र जी मोदी शायद कोंग्रेस में शामिल होने जा रहे है

नरेन्द्र जी मोदी शायद कोंग्रेस में शामिल होने जा रहे है हाल ही में अपने भाषण में उन्होंने कोंग्रेस के बारे में चिन्तन मंथन कर अपना बयान कोंग्रेस पार्टी के लियें जारी किया है भाजपा के लियें उन्होंने कोई चिंतन नहीं किया कोंग्रेस के बारे में मोदी की इस चिंता से लोगों को शक होने लगा है के कहीं मोदी कोंग्रेस में तो शामिल नहीं हो रहे है

आज फिर कई दिनों बाद

आज फिर
कई दिनों बाद
उन्होंने होले से
मेरे पास आकर
मुझ से मुस्कुरा कर कहा ..
कई दिन हुए
में सुकून से सो न सकी हूँ ...
मेने उसकी सूजी हुई
अलसाई नींद को तरसती
आँखों को देख कर
मेरा कुरता ऊपर उठा दिया
लहू लुहान पीठ मेरी
जख्मों से जहाँ लहू टपकता था ...
उसने जो ज़ख्म दिए थे
उन जख्मों को थोडा निहारा
मुस्कुराई और दोनों हाथों में
नमक मिर्च लेकर
मेरे जख्मों पर लगा दिया
मेरी तडपन मेरी सिसकियाँ मेरी चीख सुनकर
वोह बढ़े प्यार से बोली
चलो अब में चलती हूँ
मुझे सुकून मिल गया
अब में जरा चेन से सो सकूंगी
और घर जाकर इस मंजर को याद कर
वोह गहरी नींद में सो गयी ...
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मेरे महान भारत के महान भारतियों जरा सोचो

मेरे महान  भारत के महान भारतियों जरा सोचो जितना वक्त हमारे देश का कट्टर हिन्दू मुसलमानों को नीच दिखने और उनके खिलाफ नफरत फेलाने में लगता है ..जितना वक्त हमारे देश का मुसलमान हिदू भाइयों के खिलाफ नफरत फेलाने ..उन्हें साम्प्रदायिक साबित करने में लगता है और जितना वक्त आम भारतीय खुद को धर्मनिरपेक्ष साबित करने में लगाता है अगर उसे आधा वक्त भी हम हमारे देश के हमारे राष्ट्र के निर्माण के लियें लगा दे तो यकीन मानिए मेरे इस देश में नफरत ..समप्र्दायिकता ..मारकाट ..का माहोल खत्म होकर विकास ..सद्भाव .भाईचारे का ऐसा ऐतिहासिक माहोल बनेगा जिसे देख कर कहेंगे के वाह मेरा भारत वास्तव में महान है और वास्तव् में ऐसे महान देश को ही सोने की चिड़िया कहा जाता है करोगे सब मिलकर ऐसा जनाब ...

आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी ..आप भारत के प्रधानमन्त्री बन्ने का सपना देख रहे है

आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी ..आप भारत के प्रधानमन्त्री बन्ने का सपना देख रहे है ....खूब देखे ..प्रधानमन्त्री भी बने लेकिन प्लीज़ जनता को एक फार्मूला समझा दे और जनता से एक वायदा करले के ...आप देश के संविधान और तिरंगे के रक्षक बन कर रहेंगे ..देश में जो पेट्रोल की कीमतें ..गेस सिलंडर की कीमतें और सभी जरूरी सामानों पर जो कीमतें बढ़ रही है ..उसे आप कितने दिनों में और किस फार्मूले से कम करेंगे ..
उद्योगों के विकास के नाम पर भ्रष्टाचार केसे कम होगा ..देश में भ्रष्टाचार केसे कम होगा ..और जो भ्रष्ट मंत्री अधिकारी डंके की चोट पर भ्रष्टाचार करके बचे हुए है ...जिनमे आदरणीय नितिन गडकरी सहित कई कोंग्रेस के नेता मंत्री ..शरद पंवार वगेरा सभी शामिल है उनके खिलाफ निर्वाचन के कितने दिनों के भीतर कार्यवाही कर उन्हें जेल में डाल देंगे ..यह भी बताएं के भारत को लूटने वाली ब्रितानी हुकूमत जो अभी आपकी तारीफें कर रही है और दूसरी हुकूमते जो आपको पसंद करती है उनके यहाँ हमारे देश के जमा काले धन को केसे और कितने दिनों में भारत ले आयेंगे ...भारत में शिक्षा का व्यवसायीकरण केसे खत्म कर वापस से सरकारी स्तर पर मुफ्त शिक्षा और मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था देश में लागू करेंगे ..कश्मीर हमारा है तो कश्मीर को देश में शामिल करने के लियें 370 का प्रावधान कितने दिनों में और केसे शामिल करेंगे ...कोमन सिविल कोड के नाम पर राष्ट्रीयता का कानून केसे लागू करेंगे कोमन सिविल कोड के नाम पर दलित ..पिछड़ा वर्ग ..गरीब वर्ग को आरक्षण खत्म कर केसे समान अधिकार देंगे और विधान में गेर्क़नुनी रूप से चलाया जा रहा बेकार सा आरक्षण सिस्टम को केसे खत्म करेंगे अगर इन सवालों का जवाब आपके पास है तो फिर जवाब दीजिये और प्रधानमन्त्री की कुर्सी इस शर्त पर लीजिये के छ माह में इस तरफ कोई कार्यवाही नहीं कर सके तो फिर हमेशा के लियें राजनीति से सन्यास ले लेंगे ...............आपके जनहित में किये गए वायदों को पूरा करने के लियें जनता आपके साथ हमेशा खड़ी मिलेगी ..........

फिर न सिमटेगी अगर दोस्ती बिखर जायेगी!

फिर न सिमटेगी अगर दोस्ती बिखर जायेगी!
ज़िन्दगी जुल्फ नहीं जो फिर से संवर जायेगी!
जो ख़ुशी दे तुम्हें थाम लो दामन उसका!
ज़िन्दगी रो कर नहीं हंस कर गुज़र जायेगी!
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