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06 मार्च 2013

..इसी दुआ के साथ खुदा का शुक्रगुजार एक गुनाहगार बन्दा ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लोग कहते है के मेरा किरदार आज तक वोह लोग न समझ सके ..में कहता हूँ वोह किरदार क्या जो दुनिया की जिंदगी जी रहा अपनी आँखों से देखे और किरदार को समझ ले ..खुद अपनी आँखों पर इंसाफ ....कुरान में दिए गए निर्देशों के सिद्धानतों का चश्मा लगाकर अगर देखेंगे तो ह्सयद उन्हें बहुत कुछ समझ में आ जाएगा ...जी हाँ जनाब बचपन से मुझे मेरे माँ बाप ने कभी किसी के आगे हाथ न फेलाओं सिखाया ..मेने किसी के आगे हाथ न फेलाया और खुद ने मुझे इस लायक भी बनाया मुझे इस तरह का हिम्मतवर भी बनाया ...मेरे माँ बाप ने मुझे किसी भी परेशान इन्सान की मदद करना सिखाया ..मेरे माँ बाप ने रोते हुए को हंसाना और जाती ..धर्म .उंच नीच के भेदभाव को भुला कर सर्वधर्म सम्भव से लोगों की खिदमत करना सिखाया ..दुश्मन को माफ़ करना ..बदले से बचना ..खुद तकलीफ पाकर दूसरों को आराम देना मुझे माँ बाप ने सिखाया ..फिर मुझे मेरे माँ बाप ने मेरा परिचय खुद की भेजी हुई इस्लामिक आदेश निर्देशों से भरपूर किताब कुरान मजीद से कराया पहले मुझे कुरान क्या है इसके आदेश निर्देश क्या है अरबी भाषा में बढाये गए फिर मुझे अरबी में लिखी आयतों का अर्थ समझाया गया और मुझे कुरान के आदेश निर्देश के हिसाब से दुनिया में अपना किरदार बनाने का हम दिया गया ..मुझे पैगम्बरे इस्लाम हुजुर सल्लाह ओ वसल्लम द्वारा दिखाई गयी रौशनी के आयने में दुनिया को जीना सिखाया ..मेने बहुत कुछ सीखा बहुत कुछ याद रखा ....बहुत कुछ भूल गया ,,,,कुछ अपनाया कुछ नहीं अपनाया और बस ऐसा ही एक इंसान बन गया जिससे कुछ लोग नफरत करते है कुछ लोग प्यार करते है तो कुछ लोग उपेक्षा करते है .........हर साल बारह रबीउल अव्वल के दिन में अपनी दिनचर्या ..रहन सहन का लेखा जोखा देखता हूँ थोडा बहुत बदलने की कोशिश करता हूँ ..लेकिन मुझे फक्र है खुद पर के में लाखों करोड़ों से बहतर अपनी जिंदगी गुज़ार  रहा हूँ खुदा की बारगाह में मेरा क्या हश्र होगा यह तो खुदा जाने ..मुझे क्या सजा मिलेगी मुझे माफ़ी मिलेगी मुझे दोज़क मिलेगी या जन्नत पता नहीं लेकिन यकीन मानिए थोड़ी बहुत इम्तिहान की तकलीफों को अगर छोड़ दे तो हर वक्त हर लम्हा मेरा खुदा मेरे सिद्धांतों ..मेरी तर्बियतों और हिम्मत के साथ मेरे सामने है मेरे साथ है और मुझे हर जगह दुनिवावी जीत अगर छोड़ दें तो आखिरत की जीत की तरफ तो में खुद को अव्वल मानता हूँ ..खुदा ने मुझे जिंदगी दी ..साँसें दी ..कुरान की तालीम दी ...इस्लामिक नज़रियात से परिचित कराया ..दुनिया के रंग ढंग दिखाए और बहतर तरीके से जीना सिखाया ..सह्त्याबी  दी ..सामाजिक सरोकार सिखाया .............पत्नी दी ..बच्चे दिए ...माँ बाप रिश्तेदारों का प्यार दिया सह्त्याबी दी ...जिंदगी दी ..कामयाबी दी ..समाज में अव्वल दर्जा दिया ..एक बेवफा प्रेमिका दी ......वफादार दोस्त और भीतर घाट करने वाले बेवफा दोस्त दिए ....सांसे दी ...और समाज में सर उठा कर जीने की हिम्मत ताकत दी ..इस्लाम की रौशनी में दुनिया के सामने अपना किरदार पेश करने का जज्बा दिया ..मुझे फक्र है के में मुसलमान हूँ ..कुरान मेरी मजहबी किताब है मेरा कानून मेरा संविधान है और मुझे फक्र है के इस राह पर चलकर में और लोगों से बहतर हूँ ..मेरे साथ के लोग अरब पति ..करोड़ पति हो सकते है ...झूंठ और बेईमानी फरेब कोम के साथ धोखेबाजी कर ऊँचे ओहदों पर जा सकते है ऊँचे ओहदों पर बेठे भी है चाटुकारिता से खुसूसी लोगों के खासम खास होने का दम भरते है लेकिन खुद का शुक्र है के मेरी जिंदगी उनसे लाख दर्जे बहतर और अफज़ल है रोज़ रात को सुकून की नीन्द आती है ..खुदा कोम से फरेब करने और झूंठ बोलने से बचाता है ..खुदा कोम के सुख दुःख में साथ रहने की ताकत और तोफिक अता फरमाता है .......वोह ऊँचे ओहदों पर है फिर भी वोह कोम और इमन से जुड़े भाइयों के प्यार को तरसते है और हम उनके दिलों में बसा करते है ........इस्लाम ने मुझे वक्त की पाबंदी सिखाई ..खुद का शुक्र है के आज तक में इस वक्त की पाबंदी पर बरकरार हूँ ..कोई भी कम हो तय शुदा वक्त पर खुदा मुझ से करवाता है ....पत्रकारिता का काम रहा हो ...लेखन का काम रहा हो ....अदालत का काम रहा हो .दफ्तर का कम रहा हो खुद का शुक्र है के ऐसे साज़गार हालात अल्लाह ने रखे इस्लाम का जज्बा अलाह ने रखा जो में अपना काम वक्त पर पहुच कर कर  सका ...मेरे लियें यह फक्र और खुदा के शुक्राने की बात है के कभी भी मुझे अपने रोज़गार या किसी भी काम के लियें वक्त पर पहुंचने के मामले में जलील और खवर नहीं होना पढ़ा कभी में इस बात को लेकर सवालों के घेरे में नहीं रहा ..देरी से आने के मामले में मुझे कभी बहाने बाज़ी नहीं करना पढ़ा .......यह भी सही है के कई बार वक्त पर पहुंचने वाला में पहला व्यक्ति रहा और काफी देर तक मुझे लेटलतीफों का इन्तिज़ार करना पढ़ा लेकिन मुझे कोफ़्त नहीं होती मुझे तरस आता है उन लोगों पर जो देर से आकर बहाने बाज़ी करते है और खुद के गुनाहगार बनते है ..जो काम हाथ में लिया वोह वक्त पर हो और बहतर हो इस्लाम ने मुझे यही सिखाया और इस फन में खुदा ने मुझे माहिर भी बनाया कामयाब भी बनाया ......खुदा  ने वोह इस्लामिक जज्बा भी दिया के दुश्मन ..धोखेबाज़ अगर हार जाए थक जाए सरेंडर होकर कदमों में गिर जाए तो उसे माफ़ भी करने में हमे गुरेज़ नहीं हुआ इतना ही नहीं ऐसे चुगलखोर दुश्मन जिन्क्की पीछे से बुराइयां करने की आदत है खुद ने उन्हें ऐसी ज़िल्लत दी के वोह खुद चलकर अपनी मजबूरियां परेशानियाँ दूर करवाने के लियें हमारे पास आये और यकीन मानिये खुदा के फज़ल से खुद के वसीले से हमारे जरिये उनकी परेशानियाँ भी दूर हुईं ..दुनियाने और हमारे कुछ दोस्तों ने हमारी इस आदत पर कई बार नहीं लाखों बार नाराजगी भी जताई के ऐसे लोग ज तुम्हारी बुराइयां करते है तुम उनके कम क्यूँ आते हो लेकिन मेने इन कामों को खुद की राह में क्या हुआ काम समझ कर उन गुमराह लोगों को माफ़ कर दिया यह बात दीगर है के उनमे जो ज़ालिम थे उन्हें में बदल न सका लेकिन जो लोग खुदा का खोफ रखते थे उन्हें मेने अपना बना लिया ...मेने कभी किसी के पीछे से उसके खिलाफ चुगली करने की कोशिश नहीं की जो खा वोह सामने कहा ..हाकिम कितना ही बढ़ा रहा हो कितना ही फायदा और लालच देकर राह से भटकने वाला राह हो लेकिन खुदा का शुक्र है के मुझे खुद ने उस हाकिम के आगे याचक नहीं बनाया ...मुझे जो भी मिला खुदा ने मेरे जमीर को सुर्खुरू रखते  हुए दिया किसी समझोते किसी लालच किसी खोफ से खुदा ने मुझे अब तक महफूज़ रखा है .खुदा का शुक्र है के खुदा ने मेरा होसला बरकरार रखा और जब भी मुझे इस्लाम और दुनियावी कथित भगवानों से किसी एक चुनने का मोका मिला तो खुदा ने मुझे हिम्मत दी अक्ल दी और मुझे इस्लाम चुनने के रस्ते पर चला कर आखिरत की राह दिखाई ..दुनिया की मुश्किलें ..दुनिया के नुकसान ...दुनिया के लालच से खुदा  ने मुझे विचलित नहीं होने दिया ......मुझे खुदा ने होसला दिया के कोम की फलाह बह्बुदगी के लियें काम कर सकूं ..हुकूमत या हाकिम जो बहतर काम करते है उनका शुक्रिया करूँ और जो कोम को नुकसान पहुचा रहे है उनका विरोध करूँ मेरे इस जज्बे को किसी ने मेरी विचारधारा कभी हुकूमत के खिलाफ कभी हुकूमत के पक्ष का माना कभी मुझे सत्ता की सियासी पार्टी से जुडा माना तो कभी सत्ता के खिलाफ माना तो कभी मुझे विपक्ष की पार्टी का माना लेकिन जो सच है वोह सच रहता है कोम और इंसानियत के हक में जिसने बहतर काम किया उसको सराहा और जिसने भी कोम और इन्सानियाँ इन्साफ को नुकसान पहुचाया उसका सार्वजनिक रूप से विरोध करने की ताकत का जज्बा खुदा ने मुझे दिया और लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूज़ भी रहे के में कभी किस सियासी व्यक्ति की तारीफ़ करता हूँ कभी किस सियासत व्यक्ति की बुराई करता हूँ समझ नहीं आता लेकिन दोस्तों किसी ने अच्छा कहना और किसी ने बुरा किया तो उसे बुरा कहना  इस्लामिक हुक्म है और इसी की पलना में कर रहा हूँ ..इस्लाम का हुक्म है के कभी किसी के मजहब को बुरा मत कहो .इस्लाम का हुक्म है के सभी धर्मों का आदर सम्मान करो ..किसी का दिल न दुखाओ ..न डरो न डराओ ........लालच से बचो ......खुद अगर नेक राह में चल रहे हो इन्साफ की लड़ाई लड़ रहे हो तो किसी से न तो डरो ना लालच में आओ ना घबराओ ....इन्साफ की लड़ाई के लियें आखरी दम तक लड़ो ..जालिमों से लड़ो और अगर ज़ालिम तोबा कर ले तो उन्हें माफ़ करने में भी कोताही मत बरतो बस यही जिंदगी है ....अपने अखलाक से दूसरों को अपना बनाओ मजहब के नाम पर नफरत नहीं मजहब की तालीम को फेला कर भाईचारा सद्भावना फेलाओ .....अपना मज़हब ओरो से बहतर है यह अपनी जीवन शेली और बातचीत के तोर तरीकों से दूसरों के सामने हम इसे सच साबित करे तभी हमारा मजहब दूसरों से बहतर कहलाया जा सकेगा वरना हमारी जिंदगी के आमाल ..हमारे जीने के तरीके को देख कर लोग हमारी बुराइयों को देखकर हमे नहीं हमारे मजहब को गालियाँ बकते है और इसके लियें हम ज़िम्मेदार रहते है क्योंकि हम पर शेतान हावी है .....हमारी दिनचर्या ..हमारे कम करने का तरीका ..माँ बाप ..हाकिमों से हमारा सुलूक ..हमारे छोटों और बढों से हमारी तहजीब ..गेर मुस्लिमों के साथ हमारा सुलूक ऐसा हो के वोह हमारे धर्म का आदर करे सम्मान करे के इस धर्म को मानने वाला व्यक्ति ऐसा है तो इस धर्म का पैगाम देने वाले नबी स अ व् केसे होंगे इस धर्म की कुरानी शिक्षा केसी होगी ..................मुझे फक्र है अपने इस्लाम पर ..अपनी जिंदगी पर ..अपने माँ बाप ..बीवी बच्चों ..बहन भाइयों रिश्तेदारों ..नातेदारों ..दोस्तों दुश्मनों ...प्रेमियों ..बेवफाओं पर जिन्होंने मुझे कदम कदम पर मुझे इस्लाम की नेक राह दिखाई अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार ..वक्त का पाबन्द ..जुझारू संघर्ष शील बनाया ..में शुक्रगुजार हु मेरे खुद का जिसने मेरा सर कभी किसी के आगे झुकने न दिया ..मुझे कभी किसी के आगे शर्मिंदा न होने दिया ..मुझे हर वक्त हर लम्हा अपनी लालीम के दायरे में रखा ..मुझे हर जंग में फतहयाब किया ..कामयाब किया ..खुदा मुझे हर लम्हा सुर्खुरू रखे इस्लाम की राह पर चलते हुए को ही मेरी साँसे थामे ...................इसी दुआ के साथ खुदा का शुक्रगुजार एक गुनाहगार बन्दा ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

'खाकी' और 'काले कोट' के बीच जंग, विधानसभा के बाहर दिखा कुछ ऐसा नजारा!

जयपुर.राजस्थान बार काउंसिल के आह्वान पर 14 सूत्री मांगों को लेकर राजधानी में बुधवार को आंदोलन कर रहे वकीलों और पुलिस के बीच जबरदस्त टकराव में दो पुलिस अधिकारी और कई वकील घायल हो गए। पथराव से डीसीपी साउथ डॉन के जोस के जबड़े में फ्रैक्चर हो गया। डीसीपी, तीन पुलिसकर्मियों और सात वकीलों को सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बाद राजस्थान बार काउंसिल ने प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। 
 
घटनाक्रम : दी बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष अमरजीत सिंह मस्ताना के नेतृत्व में वकील सुबह 11 बजे बनीपार्क स्थित जिला व सत्र न्यायालय में एकत्र हुए। वहां से वकील रैली के रूप में रवाना हुए और दोपहर 12 बजे स्टेच्यू सर्किल पहुंचे। स्टेच्यू सर्किल पर हाईकोर्ट व प्रदेश भर से आए वकील एकत्र हो गए और स्टेच्यू सर्किल पर लगे बैरिकेड्स को लांघकर अंबेडकर सर्किल की ओर बढ़े। 
 
अंबेडकर सर्किल पर लगे बैरिकेड्स को तोड़ दिया और अमर जवान ज्योति तक पहुंच गए। अमर जवान ज्योति के पास जनपथ पर बने बैरिकेड्स को तोड़कर वकील विधानसभा की ओर बढ़ने लगे। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने वकीलों को रोका तो वकील आक्रोशित हो गए। वकील ओर पुलिस आपस में उलझ गए। 
 
आक्रोशित वकीलों ने अपने ही साथियों को उठाकर पुलिस की ओर धकेलना शुरू किया। इस बीच कुछ वकील अमरूदों में बाग में पड़े पत्थर और ईंटें ले आए और पुलिस पर फेंकने शुरू कर दिए। एक पत्थर डीसीपी डॉन के जोस के चेहरे पर लगा। तब पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर वकीलों को खदेड़ा। वकीलों को खदेड़ने के लिए पुलिसकर्मियों ने हवा में आंसू गैस के गोले छोड़े।
 
एडिशनल कमिश्नर बीजू जार्ज जोसफ ने बताया कि ज्योति नगर थाने के एसएचओ मोहरसिंह ने इसी थाने में वकीलों के खिलाफ सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, राजकार्य में बाधा, पुलिस पर पथराव और डीसीपी व सीआई के चोटग्रस्त होने का मुकदमा दर्ज कराया है। 
 
एक बार खदेड़ा फिर आ गए वकील
 
दोपहर को पुलिस ने लाठीचार्ज कर वकीलों को खदेड़ दिया। करीब दो बजे वकील अमर जवान ज्योति पर फिर एकत्र  होने लगे। तब पुलिस ने दुबारा बल प्रयोग कर वकीलों को खदेड़ा। इस तरह से करीब तीन घंटे तक पुलिस एवं वकीलों के बीच रह-रह कर झड़प होती रही। बाद में अमर जवान ज्योति पर वकीलों ने सभा की।  घटना के विरोध में राजस्थान बार काउंसिल के चेयरमैन संजय शर्मा ने प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर हटाने को मांग की है।
 
रैली में लाठियां लेकर पहुंचे वकील
 
रैली के दौरान वकील अपने साथ लाठियां लेकर पहुंचे। लाठियों में वकीलों ने झंडे लगा रखे थे। ज्यों ही पथराव शुरू हुआ वकीलों ने लाठियों से झंडे निकाल लिए। 
 
जनपथ पर धारा 144, फिर भी पहुंच गए
 
हाइकोर्ट के आदेश से स्टेच्यू सर्किल से जनपथ विधानसभा तक धारा 144 लगी हुई है। यहां पर रैली, प्रदर्शन और जुलूस नहीं निकाल सकते। यह जानते हुए भी वकील स्टेच्यू सर्किल और अंबेडकर सर्किल पर लगे बेरिकेड्स तोड़कर जनपथ पर पहुंच गए और तीन घंटे तक हंगामा किया। वकीलों ने पुलिसकर्मियों के हेलमेट और डंडे छीन लिए। बेरिकेड्स तोड़ कर जला दिए। अंबेडकर सर्किल की रेलिंग तोड़ दी। 
 
साधारण सभा में तय होगी आगामी रणनीति
 
वकीलों के आंदोलन की आगामी रणनीति गुरुवार को दी बार एसोसिएशन कार्यालय में होने वाली साधारण सभा की बैठक में तय होगी। 
 
ये वकील अस्पताल में भर्ती
 
लाठीचार्ज में घायल ओमप्रकाश मरेडिया, सुरेश गोठवाल, ओमप्रकाश अग्रवाल, वीरेन्द्र यादव, कान्हाराम कुमावत, रवि मीणा व जितेन्द्र सिंह राठौड़ एसएमएस अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से सुरेश गोठवाल की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें पोलीट्रोमा आईसीयू में भर्ती किया गया है।

संसद में 'मुशायरा' : मनमोहन की शायरी का सुषमा ने भी नहीं रखा उधार

नई दिल्‍ली. अरसे बाद बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने खाटी अंदाज में दिखाई दिए। पीएम ने मुख्‍य विपक्षी दल बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। पीएम ने इसकी शुरुआत एक शायरी से की तो बीजेपी ने भी इसका उधार चुकता कर दिया और वह भी एक नहीं बल्कि दो-दो शायरी से।
राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर बहस प्रस्‍ताव के बाद लोकसभा में बयान देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, 'जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।' उन्‍होंने दावा कि यूपीए का राज एनडीए से बेहतर रहा है। आर्थिक सुधार की कोशिश जारी है। इसके लिए निवेश को बढ़ावा देना होगा। 2009 में यूपीए की दूसरी पारी शुरू होने के बाद से ही सरकार 8 फीसदी का विकास दर बरकरार रखा है। एनडीए के शासनकाल में यह महज छह फीसदी रही है। बाकी सरकारों की तुलना में यूपीए की विकास दर अच्‍छी रही है।
मनमोहन सिंह ने दावा किया कि यूपीए राज में गरीबी कम हुई। शिक्षा का अधिकार यूपीए सरकार की बड़ी उपलब्धि है। सरकार महिलाओं की सुरक्षा के प्रति बेहद गंभीर है। उन्‍होंने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा, '2004 में इंडिया शाइनिंग फेल रहा है। हमें बीजेपी की भाषा में जवाब नहीं देना है। बीजेपी ने हमारे खिलाफ एक 'आयरन मैन' को चुनाव में उतारा और कहा गया कि मनमोहन सिंह कमजोर प्रधानमंत्री हैं। लेकिन जो हश्र हुआ, वह हमारे सामने है। बीजेपी इसी तरह अहंकार दिखाती रही तो 2014 में भी उसका सफाया हो जाएगा।'

कुरान का सन्देश

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