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08 मार्च 2013

राजस्थान में पुलिस की गुंडागर्दी शर्म की बात है

दोस्तों राजस्थान में अपनी मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे वकीलों के आन्दोलन के बाद पुलिस और वकीलों की झड़प के बाद उपजी स्थिति ने राजस्थान की पुलिस और राजस्थान सरकार के चेहरे पर कालिख पोत दी है ..पुलिस का रवय्या में यह करूं वोह करूं मेरी मर्ज़ी वाला रहा है।।निरंकुश पुलिस राजस्थान सरकार द्वारा पुलिस को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के कारण अब उसे ब्लेक मेल करने पर तुली है और इस घटना पर राजस्थान सरकार को तो जेसे सांप ही सूंघ गया हो ..राजनितिक विश्लेषक ..लेखक ...चिन्तक ..पत्रकार और विपक्ष में बेठे भाजपा के लोग जेसे राजस्थान में है ही नहीं है खुले आम गुंडा गर्दी खुले आम धमकियां और सरकार की चुप्पी इस बात का सुबूत है के यह सब कहीं ना कहीं सरकार के इशारे पर हो रहा है ........बात छोटी सी  है लेकिन  मुद्दे की है वकील और पुलिस झड़प हुई माहोल बिगड़ा वकील पुलिस पर क्रूरता का आरोप लगाते  है पुलिस वकीलों पर आक्रामक होने का आरोप लगाते है दोनों पक्षों के आरोप प्रत्यारोप में विरोधाभास है तो सरकार को निष्पक्ष जाँच के तुरंत आदेश देना चाहिए थे लेकिन सरकार कानों में रुई डाल कर सो गयी और वकीलों के खिलाफ पुलिस को भडकाया ....नतीजा अदालत को न्यायिक बात करना पढ़ी आदालत के आदेश थे के सारे मामले की निष्पक्ष जांच किसी हाईकोर्ट के जज से कराई जाए और जांच प्रभावित ना हो जाँच निष्पक्ष हो ..साक्ष्य और सबूतों के साथ छेड़ छाड़ न हो इसके लियें सम्बन्धित आरोपी अधिकारीयों को जांच होने तक अंतरिम रूप से पद से हटा दिया जाए ..एक् न्यायिक आदेश जिसकी सभी को पालना करना थी लेकिन सरकार की चुप्पी और पुलिस की हठ धर्मिता थी के जयपुर के पुलिस कर्मी सभी मर्यादाएं कानून की परम्पराएं पुलिस अधिनियम की बंदिशें त्याग कर सडकों पर उतर आये नारेबाजी की कोटा में तो वकीलों को गुंडों की तरह से सादी वर्दी में आकर धमकाया .....पुलिस का यह रवय्या किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं बलके उस न्यायिक आदेश के खिलाफ था जिसमे कोन  गलती पर है उसका खुलासा होना था ..पुलिस नहीं चाहती थी के उनके काले कारनामे इस जाँच में सामने आये उन्होंने तो  शेतानी काम कर खुद को भगवान समझ लिया है इसलियें कहते है जो हमने कर दिया वोह अंतिम है ...सरकार जो इस पुलिस को हथियार के रूप में इस्तेमाल करती रही है कभी गोपालगढ़ के निहत्थे लोगों को मरवाया कभी सियासत और रंजिश के आधार  पर लोगों को गिरफ्तार करवाया ऐसे में वोह पुलिस अधिकारीयों से ब्लेकमेल होती रही है यही वजह है के सरकार  ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश निर्देशों के बाद प्रकाश सिंह वाले मामले में दिए गए दिशा निर्देशों का अमल नहीं किया और पुलिस अधिनियम में दिए गए प्रावधानों के तहत कोई भी समितिया नहीं बनायीं सी एल जी समितियों में अपराधी और दलाल भरे पढ़े हैं ...राज्य स्तर पर पुलिस आयोग का गठन नहीं हुआ ....पुलिस गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लियें राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय जिला स्तर पर पुलिस जवाबदार समिति का गठन नहीं किया गया है ...इतना ही नहीं ट्रांसफर ..प्रमोशन और दुसरे मामले देखिने के लियें समिति बनाने के आवश्यक प्रावधानों के बाद भी समिति का गठन नहीं किया गया है और सरकार ने मनमाने तोर पर यह ट्रांसफर प्रमोशन किये है बात साफ है पुलिस सरकार से सरकार पुलिस से मिली हुई है वकीलों पर लाठीचार्ज करवाने में भी सरकार की मंशा साफ़ ज़ाहिर हो गयी है और वकीलों पर सरकार पुलिस के डंडे के जरिये प्रताड़ना का डोर चलाना चाहती है यह बात भी साफ़ हो गयी है सादी  वर्दी में डियूटी पहचान छुपा कर डियूटी गुंडों की तरह धमकाने की मुद्रा में हमलावर होकर डियूटी यह सब क्या है जब इनकी इस कारगुजारियों को खोलने के लियें न्यायिक जाँच के आदेश होते है और साक्ष्य प्रभावित न हो खुद अधिकारी गवाहों को पद पर रहकर डराएँ नहीं इसलियें न्यायिक सिद्धान्तो के तहत आरोपी अधिकारीयों को कुछ गिनती के दिनों के लियें जगह बदलने का आदेश होता है तो पुलिस और सरकार तिलमिला उठती है सडकों पर प्रदर्शन गुंडागर्दी क्या येह पुलिस की परम्परा है अगर अदालत के आदेश का सम्मान नहीं कर सकते तो उसे सडकों पर रोंदने का हक किसने दिया उस पर न्यायिक अधिकारीयों को ब्लेकमेल करने की धमकी उनके सुरक्षा गार्ड हटा लेंगे बेशर्मी इस सभी हदे पार हो गयी है ..पुलिस अधिनियम ....पुलिस कोड ऑफ़ कन्डक्ट में ऐसे प्रदर्शन ऐसी बयानबाजी की सिर्फ एक ही सज़ा बर्खास्तगी है नोकरी से बर्खास्तगी आगे यह पुलिस  कर्मी नोकरी छोड़ना चाहते  है तो छोड़े नई भर्तियाँ होंगी नये बेरोजगारों को नोकरी मिलेगी हमे नहीं चाहिए ऐसे पक्षपात करने वाले पुलिसकर्मी ऐसे पक्षपात करने वाले पुलिस अधिकारी जो रिश्वत लेते हो जो पुलिस और सरकार को बदनाम करते हो सभी जानते है के आई पी एस लेवल तक के अधिकारी  किस तरह से रिश्वत लेकर जेल में है किस तरह से रूपये लेकर फर्जी ऍन काउंटर मामले में जेल में है दर असल यह पुइस कर्मी अपने इन साथियों की जमानत नहीं होने से न्यायिक अधिकारीयों  से नाराज़ लगे और यह इसी रंजिश का  यह नतीजा है ....अब तो जब ट्रक राजस्थान में वकीलों आन्दोलन है राजस्थान पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता राजस्थान में निष्पक्ष पुलिस तेनात करने के लियें केंद्र की टोली या फिर सेना को नियुक्त करना जरूरी हो गया है ताकि जो गलत करे उसके खिलाफ कार्यवाही हो और तब निश्चित तोर पर राजस्थान पुलिस के कई अधिकारी जेल में होंगे अभी भी सारी घटना की जांच सी बी आई से करवाई जाए तो निश्चित तोर पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा मंत्रियों और ज़िम्मेदार सरकार के लोगों के साथ इन पुलिस कर्मियों की मोबाइल कोल डिटेल ..वायरलेस संदेश सभी इनकी सांठ गाँठ की पोल खोल देंगे  शर्म की बात यह भी है के इस घटना चक्र पर विपक्ष की चुप्पी इस सांठ  गांठ को और मजबूती देती है ....सरकार अगर इन पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं करती है तो कानून व्यवस्था का तो यहाँ जनाज़ा निकला समझो ..न्यायिक अधिकारीयों और न्यायधीशों के खिलाफ पुलिस कर्मियों की खुली टिपण्णी न्यायालय के आदेशों का अपमान है और सरकार भी इसके लियें दोषी है इन परिस्थितियों में यहाँ राष्ट्रपति शासन के हालात उपज गए है ....अख़बारों से जुड़े लोग और मिडिया कर्मी कोई यह सच नज़र नहीं आता और वोह इस सच को उजागर कर राजस्थान को इन अपराधियों से न जाने किस दबाव में बचाना   नहीं चाहते ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

खुद भगवान शंकर ने स्थापित किया था यह शिवलिंग, जहां है 33 करोड़ देवी-देवताओं का निवास

भोपाल। 10 मार्च को शिवरात्रि का पर्व है।  इस बार महाशिवरात्रि पर शिव आराधना के लिए एक दिन पहले से एक दिन बाद तक 72 घंटे में तीन पर्वो का विशिष्ट संयोग बन रहा है। ये 72 घंटे बेहद शुभ माने जा रहे हैं। 9 मार्च को शनि प्रदोष, 10 को महाशिवरात्रि और 11 को सोमवती अमावस्या होने से यह तीनों दिन शिव पूजा के लिए श्रेष्ठ माने जा रहे हैं। यह संयोग दस साल बाद बना है। इस शुभ मुहुर्त में हर धर्म प्रेमी आस्था की डुबकी लगाना चाहता है। महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर Dainikbhaskar.com आपको मध्यप्रदेश में स्थित आस्था के केंद्रों की सैर कराएंगे।
 
 
आज हम आप को बता रहे हैं मध्य प्रदेश में स्थित दो ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में। कुल 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश में स्थित हैं। एक धर्म और आस्था की नगरी उज्जैन में तो दूसरा खंडवा में। उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पूरे विश्व में एक मात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिण मुखि है। यह ज्योतिर्लिंग तांत्रिक कार्यो के लिए विशेष रुप से जाना जाता है। इसकी विशेषता यह है कि यह स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है।
 
वहीं खंडवा में स्थित ज्योतिर्लिंग के संबंध में कहा जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग को स्वयं भगवान शिव ने स्थापित किया है।

विश्वामित्र ने जब किया अपनाने से इनकार तो बेटी को यहां छोड़ गई थी मेनका!

10 मार्च को आस्था का महापर्व शिवरात्रि है।कहा जाता है कि शिवरात्री के दिन ही भगवान भोले नाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था और उसी की याद का को ताजा करने के लिए हर साल इस दिन यह पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।दिनभर शिवमंदिरों में पूजन अर्चन के बाद रात में भगवान शंकर और माता पार्वती की शोभा यात्रा निकाली जाती है।मंदिरों में शिवभक्तों का तांता स्वतः ही भगवान शिव के प्रति भक्तों की आस्था का परिचय देता है।
 
 
देश के हर शहर में भगवान शिव के कई ऐसे प्राचीन मंदिर हैं जहां से शिवभक्तों की आस्था वर्षों पुरानी है।उन्हीं प्राचीन मंदिरों में से एक मंदिर है एजुकेशन सिटी कोटा का कंसुआ शिव मंदिर।इस मंदिर को कंसुआ तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है।इस मंदिर का इतिहास लहभग 1275 साल पुराना है।

कोर्ट का एक आदेश और सड़कों पर उतर आए क़ानून के रखवाले!

हाईकोर्ट ने जरूरत पड़ने पर पुलिस कमिश्नर और एडी. डीसीपी को हटाने का सुझाव दिया, विरोध में पुलिसकर्मियों का जगह-जगह प्रदर्शन, प्रदेशभर में मैस पर ताले, सामूहिक अवकाश की धमकी
 
जयपुर.वकीलों पर लाठीचार्ज मामले में हाई कोर्ट की राय के बाद शुक्रवार को जयपुर में पुलिसकर्मी विरोध पर उतर आए। हाई कोर्ट ने इस मामले में कहा था कि जरूरत पड़ने पर पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी तथा एडीशनल डीसीपी रघुवीर सैनी को सरकार हटा सकती है। यह भी कहा था कि मामले की न्यायिक जांच करानी चाहिए। पुलिसकर्मियों ने जयपुर में कलेक्ट्रेट सर्किल, पुलिस लाइन और विधानसभा पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। रात को पुलिस लाइन पहुंचकर सभा की। उन्होंने वकीलों के खिलाफ न्यायिक जांच की मांग व न्यायिक अधिकारियों के सुरक्षा गार्ड हटाने के नारे भी लगाए। 
 
पुलिस उच्चाधिकारियों ने जवानों को  शांति बनाए रखने को कहा, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। प्रदेश में कई जगह मैस का बहिष्कार कर ताले लगा दिए गए। जयपुर कमिश्नरेट कार्यालय में पर्चे बांटे गए। कुछ थाना प्रभारियों ने मौखिक रूप से इस्तीफे की पेशकश की, जबकि पुलिस जवानों ने बुधवार से सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी दे डाली। उधर, वकीलों ने तीसरे दिन भी आंदोलन किया। न्यायिक कार्य बाधित रहा।

वकील हिंसा मामलाः कमिश्नर को हटाने के विरोध में पुलिस ने की बगावत

जयपुर। वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी सहित छह पुलिस अधिकारियों को हटाने के हाइकोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को पुलिस जवानों में आक्रोश फैल गया। थानों में पुलिस जवानों ने मैस का बहिष्कार कर दिया। शाम छह बजे हजारों पुलिसकर्मी कलेक्ट्रेट सर्किल पर एकत्र हो गए और पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। पुलिसकर्मी हाइकोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे हैं। ये सब बगावत पर उतर आए हैं औऱ काम करने से मना कर दिया है।

इधर गर्वमेंट हॉस्टल स्थित कमिश्नरेट कार्यालय में तैनात पुलिस जवान भी विरोध में कार्य का बहिष्कार कर दिया और कमिश्नरेट परिसर में एकत्र हो गए। देर शाम तक जवानों ने कार्य का बहिष्कार किया। शहर के सभी थानों में मैस का बहिष्कार कर दिया।
पुलिस जवानों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अगर हाइकोर्ट अपना आदेश वापस नहीं लेता है वे बगावत कर कलेक्ट्रेट सर्किल पर ही जमे रहेंगे। उनका कहना है कि पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज तब किया जब वे कानून व्यवस्था बिगाड़ रहे थे और हिंसक गतिविधि करते हुए जनपथ पर प्रदर्शन कर रह ेथे। जबकि जनपथ पर हाइकोर्ट के आदेश से ही धारा 144 लगी हुई है।
क्या था मामला
शुक्रवार सुबह राजस्थान हाईकोर्ट ने वकीलों पर पुलिस कार्रवाई के मामले में पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी और एडी. डीसीपी रघुवीर सैनी सहित आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों को 15 दिनों के लिए पद पर काम नहीं करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के मामले की न्यायिक जांच का आदेश देकर जल्द ही रिपोर्ट पेश करने को कहा है। न्यायिक जांच हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। उधर, राज्य सरकार का पक्ष महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में रखा और वकील आंदोलन के दौरान की गई कार्रवाई को आवश्यक बताया।
गौरतलब है कि बुधवार व गुरुवार को सस्ते मकान व अन्य मांगों को लेकर वकीलों ने उग्र प्रदर्शन किया। विधानसभा की बैरिकैडिंग तोड़ी व हिंसा करने पर उतारू थे। जिस पर पुलिस और वकीलों के बीच पथराव और लाठीचार्ज हुआ। बुधवार को बड़ी संख्या में वकील घायल हुए वहीं गुरुवार को वकीलों ने कई गाड़ियों के शीशे तोड़े वो दो को आग लगा दी। साथ ही पुलिस पर पथराव भी किया। जिसके बाद पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले दागे।

अरबपतियों के बाथरूम: सोने से बनवाया कंबोड, नहाने के लिए है 779 करोड़ का बाथटब

अरबपतियों के बाथरूम: सोने से बनवाया कंबोड, नहाने के लिए है 779 करोड़ का बाथटबदुनिया के कई अमीरों के लिए उनका बाथरूम इतना खास होता है कि वे इसकी न केवल महंगे शॉवर, टब बाथ लगवाते ही हैं, हीरे, सोने और तमाम महंगे रत्नों से भी सजाते भी हैं। किसी के बाथरूम के पर्दे में सोने की थ्रेडिंग की गई है तो किसी के बाथरूम के सिंक क्रिस्टल से बने हुए हैं। एक बिलेनॉयर के बेटे ने तो अकेले 779 करोड़ रुपये बाथरूम की सजावट पर ही खर्च कर दिए। ऐसी हाई लाइफ जीने वाले लोगों के ये बाथरूम कितने अनोखे होंगे, इसकी कल्पना करना भी आम आदमी के लिए मुश्किल है।

शहीदों का सिर नहीं सौंपने तक पाक PM की जियारत का बहिष्कार: दरगाह दीवान


अजमेर.हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के सज्जादानशीन जेनुअल आबेदीन पाक प्रधानमंत्री परवेज अशरफ की अजमेर दरगाह जियारत का बहिष्कार करेंगे। आबेदीन का विरोध देश की सीमा से सैनिकों के सिर काटकर ले जाने और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर है। 
 
 
उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि ये घटनाएं अंतरराष्ट्रीय सैन्य परंपराओं का उल्लंघन और मानवीय मूल्यों के हनन के अलावा इस्लाम धर्म के मूल सिद्धांतों की खिलाफवर्जी है। उन्होंने कहा कि पाक राजनीतिज्ञ इस्लामिक मूल्यों की अवहेलना करते हुए भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देकर बेकसूर लोगों की जान लेते हैं। 
 
उन्होंने कहा कि बेहतर यह होता कि पाक प्रधानमंत्री भारतीय शहीदों के सिर सम्मान के साथ भारत लाते और देश के प्रधानमंत्री को सौंपकर पाक सैनिकों की ओर से देश की जनता और शहीदों के परिवार से क्षमा याचना करके फिर दरगाह जियारत को आते। 
 
दरगाह दीवान ने कहा कि यदि वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जियारत के दौरान उपस्थित रहकर उनका स्वागत सत्कार करते हैं तो यह देश के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा होगा।
 
दरगाह में आज 35 मिनट ठहरेंगे  परवेज
 
पाक प्रधानमंत्री भारत यात्रा के दौरान शनिवार को अजमेर आएंगे। वे यहां ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह की जियारत करेंगे। वे शनिवार दोपहर 3:20 बजे घूघरा हेलीपेड पर पहुंचेंगे। जहां से वे सीधे ख्वाजा साहब की दरगाह पहुंचेंगे। दरगाह में वे 35 मिनट ठहरेंगे।
 
 
मिनट-टू-मिनट
 
रजा परवेज अशरफ दोपहर 2.45 बजे इंडियन एयर फोर्स (आईएएफ) के विशेष विमान से जयपुर से अजमेर के लिए प्रस्थान करेंगे। 3 बजकर 35 मिनट पर वे घूघरा हेलीपेड पहुंचेंगे। 4.05 बजे पीएम का काफिला घूघरा से दरगाह पहुंचेगा। 4 बजकर 40 मिनट पर वापस दरगाह से घूघरा हेलीपेड के लिए प्रस्थान करेंगे। 5 बजे घूघरा हेलीपेड पहुंचकर 5 बजकर 10 मिनट पर वहां से इंडियन एयर फोर्स के विशेष विमान से जयपुर के लिए प्रस्थान कर जाएंगे।
 
देर रात बदला रूट 
 
देर रात करीब 12 बजे अचानक सुरक्षा व्यवस्था में फेरबदल कर यात्रा मार्ग बदल दिया गया। पहले पाक प्रधानमंत्री का कारकेड पुरानी आरपीएससी से आगरा गेट, फव्वारा सर्किल और दिल्ली गेट होते हुए दरगाह पहुंचना था। लेकिन अब कारकेड घूघरा हैलीपेड से रोडवेज बस स्टैंड, सावित्री चौराहा, जेएलएन मार्ग, फव्वारा सर्किल, दिल्ली गेट होते हुए दरगाह पहुंचेगा।
 
डीसी ने ली बैठक
 
संभागीय आयुक्त किरण सोनी गुप्ता ने शुक्रवार को बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की दरगाह जियारत की तैयारियों की समीक्षा की और इंतजामों की जानकारी ली। गुप्ता ने आईजी अनिल पालीवाल के साथ कलेक्टर वैभव गालरिया व पुलिस अधीक्षक गौरव श्रीवास्तव से इस यात्रा की तैयारियों की चर्चा की और आवश्यक निर्देश भी दिए।
 
पहले भारत से माफी मांगें 
 
विधानसभा से आरिफ कुरैशी : 
 
भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की दरगाह जियारत का विरोध किया है और यहां आने से पहले भारत की जनता से माफी मांगने की बात कही है। वे शुक्रवार को विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। देवनानी ने कहा कि पिछले दिनों पाकिस्तान द्वारा भारत के दो सैनिकों के सिर काटने की घटना से माहौल पाकिस्तान के खिलाफ है। ऐसे समय में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अशरफ  दरगाह में आकर अमन व शांति की दुआ की बात कर रहे हैं।

एक शिवलिंग ऐसा जहां इंसान नहीं सांप कराया करते थे शिव को स्नान



वासुकीनाथ का मंदिर भी वैद्यनाथ धाम मंदिर के समान ही आस्था एवं श्रद्धा का केन्द्र है.। जिस प्रकार वैष्णों देवी के दर्शन के बाद भैरोनाथ का दर्शन किए  बगैर यात्रा अधूरी मानी जाती है उसी तरह वैद्यनाथ धाम की यात्रा के बाद वासुकी बाबा का दर्शन आवश्यक माना जाता है।  देवघर से लगभग 42 किलो मीटर दूर झारखंड प्रांत के दुमका जिला में स्थित है।
 
वासुकीनाथ से जुड़ी कथाएं
वासुकी नाथ से जुड़ी एक कथा है कि सागर मंथन के समय शिव ने नागराज वासुकी की सेवा से प्रसन्न होकर उन्हें अपनी भक्ति का आशीर्वाद दिया था. दंत कथाओं में कहा जाता है कि यह शिवलिंग  नागराज वासुकी द्वारा स्थापति है. वर्षों पहले रात्रि के समय नाग इस शिवलिंग की पूजा किया करते थे। रात्रि के समय बड़ी संख्या में नाग यहां आकर शिव जी को दुग्ध स्नान कराते हैं।. बाद में लोगों को जब इस स्थान का पता चला तब यहां वासुकी नाथ का मंदिर बनवाया गया।

कुरान का सन्देश

वकील लाठीचार्ज मामला: जयपुर कमिश्नर बी एल सोनी 15 दिन तक काम नहीं करेंगे


जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने वकीलों पर पुलिस कार्रवाई के मामले में पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी और एडी. डीसीपी रघुवीर सैनी सहित आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों को 15 दिनों के लिए पद पर काम नहीं करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के मामले की न्यायिक जांच का आदेश देकर जल्द ही रिपोर्ट पेश करने को कहा है। न्यायिक जांच हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। उधर, राज्य सरकार का पक्ष महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में रखा और वकील आंदोलन के दौरान की गई कार्रवाई को आवश्यक बताया।
वकीलों ने की नारेबाजी:

कोर्ट का फैसला आने के बाद वकीलों ने सरकार की पैरवी करने अदालत पहुंचे महाधिवक्ता जीएस बाफना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इससे पहले हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से जुड़े वकील हाईकोर्ट परिसर के सभागार में सभा कर आंदोलन की स्थिति पर विचार में जुटे। वहीं बार एसोसिएशन के सदस्य पुलिस कार्रवाई को लेकर जबरदस्त आक्रोशित दिखे और रह-रहकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की।

पुलिस छावनी बने कोर्ट

हाईकोर्ट, जिला सेशन कोर्ट और जिला कलेक्ट्रेट के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। हाईकोर्ट, सेशन कोर्ट और जिला कलेक्ट्रेट के आस-पास पुलिस, आरएसी और एसटीएफ के पांच सौ जवान तैनात हैं।

करवा रहे हैं वकीलों का इलाज

मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता जीएस बाफना ने मुख्य न्यायाधीश अमिताभ राव की अदालत में जवाब पेश किया। उन्होंने कहा कि सरकार कार्रवाई में घायल वकीलों का उचित इलाज करवा रही है। पुलिस ने अपनी कार्रवाई को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक करार दिया।

इस्लाम में महिलाओं का सम्मान


यदि आप धर्मों का अध्ययन करें तो पाएंगे कि हर युग में महिलाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया गया, हर धर्म में महिलाओं का महत्व पुरुषों की तुलना में कम रहा। बल्कि उनको समाज में तुच्छ समझा गया, उन्हें प्रत्येक बुराइयों की जड़ बताया गया, उन्हें वासना की मशीन बना कर रखा गया। एक तम्बा युग महिलाओं पर ऐसा ही बिता कि वह सारे अधिकार से वंचित रही। यह इस्लाम की भूमिका है कि उसने हव्वा की बेटी को सम्मान के योग्य समझा और उसको मर्द के समान अधिकार दिए गए। क़ुरआन की सूरः बक़रः (2: 228) में कहा गया "महिलाओं के लिए भी सामान्य नियम के अनुसार वैसे ही अधिकार हैं जैसे मर्दों के अधिकार उन पर हैं।" इस्लाम में महिलाओं का बड़ा ऊंचा स्थान है। इस्लाम ने महिलाओं को अपने जीवन के हर भाग में महत्व प्रदान किया है। माँ के रूप में उसे सम्मान प्रदान किया है, पत्नी के रूप में उसे सम्मान प्रदान किया है, बेटी के रूप में उसे सम्मान प्रदान किया है, बहन के रूप में उसे सम्मान प्रदान किया है, विधवा के रूप में उसे सम्मान प्रदान किया है, खाला के रूप में उसे सम्मान प्रदान किया है, तात्पर्य यह कि विभिन्न परिस्थितियों में उसे सम्मान प्रदान किया है जिन्हें बयान करने का यहाँ अवसर नहीं हम तो बस उपर्युक्त कुछ स्थितियों में इस्लाम में महिलाओं के सम्मान पर संक्षिप्त में प्रकाश डालेंगे।

माँ के रूप में सम्मानः माँ होने पर उनके प्रति क़ुरआन ने यह चेतावनी दी कि "और हमने मनुष्य को उसके अपने माँ-बाप के मामले में ताकीद की है - उसकी माँ ने निढाल होकर उसे पेट में रखा और दो वर्ष उसके दूध छूटने में लगे - कि "मेरे प्रति कृतज्ञ हो और अपने माँ-बाप के प्रति भी। अंततः मेरी ही ओर आना है॥14॥ " कुरआन ने यह भी कहा कि "तुम्हारे रब ने फ़ैसला कर दिया है कि उसके सिवा किसी की बन्दगी न करो और माँ-बाप के साथ अच्छा व्यवहार करो। यदि उनमें से कोई एक या दोनों ही तुम्हारे सामने बुढ़ापे को पहुँच जाएँ तो उन्हें 'उँह' तक न कहो और न उन्हें झिझको, बल्कि उनसे शिष्‍टापूर्वक बात करो॥23॥ और उनके आगे दयालुता से नम्रता की भुजाएँ बिछाए रखो और कहो, "मेरे रब! जिस प्रकार उन्होंने बालकाल में मुझे पाला है, तू भी उनपर दया कर।"॥24॥ (सूरः बनीइस्राईल 23-25)
माँ के साथ अच्छा व्यवहार करने का अन्तिम ईश्दुत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने भी आदेश दिया, एक व्यक्ति उनके पास आया और पूछा कि मेरे अच्छे व्यवहार का सब से ज्यादा अधिकारी कौन है? आप ने फरमायाः तुम्हारी माता, उसने पूछाः फिर कौन ? कहाः तुम्हारी माता. पूछाः फिर कौन ? कहाः तुम्हारी माता, पूछाः फिर कौन ? कहाः तुम्हारे बाप। मानो माता को पिता की तुलना में तीनगुना अधिकार प्राप्त है। अन्तिम संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः अल्लाह की आज्ञाकारी माता-पिता की आज्ञाकारी में है और अल्लाह की अवज्ञा माता पिता की अवज्ञा में है" (तिर्मज़ी)

पत्नी के रूप में सम्मानः पवित्र क़ुरआन में अल्लाह तआला ने फरमाया और उनके साथ भले तरीक़े से रहो-सहो। (निसा4 आयत 19) और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः "एक पति अपनी पत्नी को बुरा न समझे यदि उसे उसकी एक आदत अप्रिय होगी तो दूसरी प्रिय होगी।" (मुस्लिम) उसी प्रकार आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने यह भी फरमायाः "संसार भोग-विलास की चीज़ है और संसार की सब से उत्तम भोग-विलास की सामग्री नेक पत्नी है" (मुस्लिम)

बेटी के रूप में सम्मानः मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः "जिसने दो बेटियों का पालन-पोषन किया यहां तक कि वह बालिग़ हो गई वह महाप्रलय के दिन हमारे साथ होगा" (मुस्लिम) आपने यह भी फरमायाः जिसने बेटियों के प्रति किसी प्रकार का कष्ट उठाया और वह उनके साथ अच्छा व्यवहार करता रहा तो यह उसके लिए नरक से पर्दा बन जाएंगी" (मुस्लिम)

बहन के रूप में सम्मानः मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः जिस किसी के पास तीन बेटियाँ हों अथवा तीन बहनें हों उनके साथ अच्छा व्यवहार किया तो वह स्वर्ग में प्रवेश करेगा" (अहमद)

विधवा के रूप में सम्मानः इस्लाम ने विधवा की भावनाओं का बड़ा ख्याल किया बल्कि उनकी देख भाल और उन पर खर्च करने का बड़ा पुण्य बताया है। मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः "विधवाओं और निर्धनों की देख रेख करने वाला ऐसा है मानो वह हमेशा दिन में रोज़ा रख रहा और रात में इबादत कर रहा है।" (बुखारी)

खाला के रूप में सम्मानः इस्लाम ने खाला के रूप में भी महिलाओं को सम्मनित करते हुए उसे माता का पद दिया। हज़रत बरा बिन आज़िब कहते हैं कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः "खाला माता के समान है।" (बुखारी)
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