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11 मार्च 2013

ये है शिव की ससुराल... यहां शिव मेहमान बन आते हैं लोगों के घर



आनी। प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में भी शिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया गया। जिला कुल्लू के आनी और बाहरी सिराज क्षेत्र में यह पर्व आज भी प्राचीन परंपराओं के अनुसार ही शवात्र के रूप में मनाया जाता है।
 
इस पर्व पर ग्रामीण महिलाएं सुबह अपने घरों के बाहर अपने ईष्ट देवता के सम्मान में चौका (रंगोली) देती हैं और इसकी पूजा-अर्चना कर जल सूर्यदेव को अर्पित करती हैं।
 
इस दिन कई तरह के व्यंजन जिन्हें स्थानीय बोली में पोलड़ू, पकैन और लूची कहा जाता है। इनके अलावा बड़े, रोट, बकरू और सनसे (शाकवी) आदि भी बनाए जाते हैं।
 
घर का मुखिया दोपहर बाद शिव स्वरूप सैंई, जिसे नींबू प्रजाति के कैमटू नामक फल से तैयार किया जाता है। शिव मंडप के पास चौका (रंगोली) देकर अनाज के ढेर, दीपक, कलश, गणपति और अन्य आभूषण आदि के साथ-साथ तेल में बने पकवान सजाए जाते हैं।
 
शाम को परिवार के सभी मंडप के पास शिव स्वरूप सैंई की पूजा करते हैं और महादेव से परिवार की सुख शांति के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। सुबह पांच बजे सैंई स्वरूप शिव-पार्वती को मंडप से विदाई दी जाती है।
 
इसे घर का मुखिया धोती पहन कर अपने गले में डालकर विदाई गीत के साथ बाहर निकालता है। मान्यता के अनुसार लोगों के घर मेहमान आए शिव परिवार को विदाई दी जाती है। 
 
शिवरात्रि पर गांवों में पकवानों की महक
 
ठियोग। शिवरात्रि का त्योहार ठियोग के गांवों में भी रविवार को धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने दिनभर रसोईघरों में कई तरह के पकवान बनाए और भगवान शिव-पार्वती के विवाह की तैयारियां कीं। मिट्टी से भगवान शिव और पार्वती की मूर्तियां बनाई और गोबर के गणेश की पूजा-अर्चना हुई। कई लोगों ने व्रत रखा और शिव मंदिरों में हाजिरी लगाई।
 
दूसरे दिन सोमवार को ग्रामीणों की ओर से शिवरात्रि के दिन तैयार पकवानों को अपनी बेटियों को पहुंचाए जाने की परंपरा है। इसकी तैयारी भी कर ली गई।
 
पार्वती को हिमाचल की बेटी मानने के कारण शिवरात्रि के दिन ठियोग के हर घर में शिव-पार्वती का विवाह रचाया जाता है। ठियोग क्षेत्र में शिवरात्रि पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और सुख शांति की दुआ मांगी जाती है।
 

इस खतरनाक बीमारी को कंट्रोल करना हो तो रोज खाएं केला


 

यूं तो हर फल अपने अन्दर कुछ न कुछ प्राकृतिक गुणों को समाए रहता है,आपने कभी बंदरों को हार्टअटैक
से मरते हुए सुना होगा ..नहीं कारण है ,प्राकृतिक फलों का सेवन ,इन्हीं कन्द मूलों एवं फलों को खाकर हमारे ऋषि -मुनि लम्बी आयु को निरोगी रहकर बिताते थे।

फलों के इन्हें गुणों की पुष्टि आज के वैज्ञानिक भी कर रहे हैं। अब केले को ही ले 
लीजिए,भारत के मनीपाल एवं जॉन हापकिंस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन से यह निष्कर्ष निकाला है, कि आप केला खाकर अपने रक्तचाप (ब्लड-प्रेशर ) को दस प्रतिशत तक नियंत्रित कर सकते हैं।

केला उच्च रक्तचाप में दी जानेवाली दवा एस -इनहीबिटर के रूप में काम करता है। तो आज से ही नाश्ते में लें एक पूरा केला या फिर केले से बनाएं फ्रूट सलाद ,इससे मिलेगा पोटेशियम और विटामिन सी और रक्तचाप भी रहेगा नियंत्रित है न मजे की बात।

राम सिंह की मौत ने खोली कांग्रेस में चल रही एक 'सियासत' की पोल!

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार के बीच चल रही खींचतान और शीतयुद्ध सोमवार को खुलकर सामने आ गई। केंद्रीय गृह मंत्री सुशीलकुमार शिंदे ने इशारों में साफ कर दिया कि वह आए दिन शीला दीक्षित की ओर से दिल्ली पुलिस और उसकी कार्यप्रणाली पर उठाए जाने वाले सवालिया निशानों से खुश नहीं है।
उन्होंने कहा, 'अगर उन्हें कोई शिकायत है या फिर वह दिल्ली पुलिस को अपने अधीन करना चाहती हैं तो उन्हें यह लिखकर देना चाहिए।' यह पूछे जाने पर कि क्या अभी तक दिल्ली की मुख्यमंत्री की ओर से उन्हें लिखित में कोई अनुरोध नहीं मिला है, शिंदे ने कहा, 'वह कह चुके हैं कि दिल्ली सरकार को अपनी मांग लिखकर देनी चाहिए।'
असल में दिल्ली गैंगरेप या उसके बाद राजपथ पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज का मामला हो, दिल्ली की मुख्यमंत्री लगातार पुलिस की कार्यप्रणाली को निशाना बनाते हुए दिल्ली पुलिस को अपने अधीन करने की मांग कर चुकी हैं। यही नहीं, वह विभिन्न मौकों पर दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को हटाने की मांग भी सार्वजनिक रूप से कर चुकी हैं। उनका यह भी कहना है कि उनकी बेटी को भी दिल्ली में अकेले घर से निकलने में डर लगता है।
बेवजह नहीं बयान
अपनी ही पार्टी की मुख्यमंत्री की ओर से अपने अधीन कार्य करने वाली पुलिस को लेकर ऐसे बयानों को लेकर अब तक शिंदे चुप रहे थे। लेकिन सोमवार को उन्होंने दो टूक कहा, 'अगर उन्हें कुछ कहना है तो लिखित में दें।' कांग्रेस की राजनीति से जुड़े लोगों का कहना है कि शिंदे का यह बयान बेवजह नहीं है।
हाल के दिनों में यह अफवाह तेजी थी कि शिंदे की जगह केंद्र सरकार दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को केंद्रीय गृह मंत्री बनाने पर विचार कर रही है। इतना ही नहीं, कुछ दिन पहले यह आकलन भी किया गया कि अगर अगले चुनाव में राहुल प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होते हैं तो उनकी जगह कौन ले सकता है।
इसमें चिदंबरम और शिंदे के साथ ही शीला दीक्षित का नाम भी लिया गया। कांगे्रस से जुड़े नेताओं का कहना है कि शिंदे इस तरह के आकलन को भी दिल्ली सरकार की ओर से हवा देने का अनुमान लगा रहे हैं। यही नहीं, जिस तरह से लगातार श्रीमति दीक्षित गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस पर हमले कर रही है, उसे वह इससे जोड़कर देख रहे होंगे। यही वजह है कि अंतत: उन्होंने अपने मन की पीड़ा यह खबर व्यक्त की है कि शीला सरकार उन्हें अपनी शिकायत लिखित में दें।
'अगर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को उनसे कोई शिकायत है या फिर वह दिल्ली पुलिस को अपने अधीन करना चाहती हैं तो उन्हें यह लिखकर देना चाहिए।'
सुशील कुमार शिंदे, केंद्रीय गृह मंत्री
यौन संबंधों की उम्र 18 से 16 करने पर कांग्रेस के 90 में से 70 सांसद ही विर्रोधी   
केंद्र सरकार 16 साल के बच्चों के आपसी सहमति से यौन संबंधों को वैध करने जा रही है। गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे ने  कहा कि मंगलवार को कैबिनेट में इस पर फैसला होगा। सरकार कानून में आपसी सहमति से यौन संबंध कायम करने की उम्र 18 से घटाकर 16 करना चाहती है। सरकार का कहना है कि इससे यौन अपराधों में कमी आएगी। लेकिन खुद कांग्रेस के ही अधिकांश सांसदों ने इसे बचकाना फैसला बताया है। भास्कर ने सभी दलों के 90 सांसदों से इस मसले पर विचार पूछे। 70 ने इसका सीधा विरोध किया है। इनमें 43 सांसद कांग्रेस के ही हैं। भाजपा, अकाली व कई निर्दलीय सांसदों ने भी इस पर आपत्ति जताई है।
भास्कर ने जब इस बारे में गृहमंत्री शिंदे से सवाल किया, तो जवाब मिला- हजारों लोगों ने जो ज्ञापन दिया था, उसी हिसाब से फैसला हो रहा है। हालांकि कई लोगों ने यह भी कहा है कि इसका दुरुपयोग होगा। मामला कैबिनेट में है, इसलिए कुछ नहीं कहूंगा। उधर कांग्रेस, भाजपा और अन्य दलों के सांसदों ने कहा है कि सरकार को ऐसा मनमाना फैसला नहीं लेने देंगे। संसद में इसका विरोध किया जाएगा। दूसरी ओर समर्थन करने वालों का तर्क है कि इससे देश में दुष्कर्म की घटनाओं में कमी आएगी।

कुरान का सन्देश

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