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20 मार्च 2013

इकत्तीस मार्च को प्रेस क्लब भवन में पुस्तकालय भवन के शिलान्यास और होली स्नेह मिलन समारोह के आयोजन का निर्णय

कोटा प्रेस क्लब कार्यकारिणी में आज आगामी इकत्तीस मार्च को प्रेस क्लब भवन में पुस्तकालय भवन के शिलान्यास और होली स्नेह मिलन समारोह के आयोजन का निर्णय लिया गया ......प्रेस क्लब अध्यक्ष धीरज गुप्ता तेज की अध्यक्षता में आज प्रेस क्लब की कार्यकारिणी बैठक में सर्वप्रथम वरिष्ठ उपाध्यक्ष गजेन्द्र व्यास ने धीरज गुप्ता को रेलवे सलाहकार समिति का सदस्य बनाये पर बधाई दी धीरज दूरसंचार सलाहकार समिति के पहले से ही सदस्य है ..सभी सदस्यों ने धीरज गुप्ता तेज का मलायार्पण कर स्वागत किया ....बैठक में प्रेस क्लब भवन के जीर्णोद्धार मामले में भी विचार हुआ ...पूर्व सांसद ललित किशोर चतुर्वेदी द्वारा सांसद कोष से प्रेस क्लब भवन की दूसरी मंजिल पर पुस्तकालय भवन बनाने के लियें राशि उपलब्ध कराई थी जो अब स्वीक्रत होने के बाद कार्य प्रारम्भ होना है ..इस मामले में इकत्तीस मार्च को दोपहर बारह बजे प्रेस क्लब भवन में पूर्व सांसद ललितकिशोर चतुर्वेदी के मुख्य आतिथ्य में शिलान्यास कार्यक्रम और होली स्नेह मिलन समारोह का आयोजन होगा जिसमे संसद इजैराज सिंह सहित कई नेतओं के आने का भी कार्यक्रम है .....बैठक में कार्यकारिणी सदस्य अख्तर खान अकेला ने वरिष्ठ सदस्यों को भी सम्मानित करने का सुझाव रखा जिसे स्वीकार कर पांच वरिष्ठ साथियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया ...अख्तर खान अकेला ने पत्रकारों को दी जाने वाली सुविधाओं में दरी की शिकायतों पर निगरानी का सुझाव दिया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों को जो सुविधाएँ उपलब्ध कराई है उन्हें धन्वाद देने का प्रस्ताव रखा साथ ही कोटा में पत्रकार पेंशन योजना ..मुफ्त इलाज ...आसध्य बीमारी पर मदद मामले में भी चर्चा हुई ....बैठक में एक अप्रैल से सदस्यता नवीनीकरण का निर्णय लिया गया ...साथ ही पत्रकारों के प्रेस क्लब सदस्यता के कार्ड भी शीघ्र ही बनवाये जाने का भी फेसला लिया ..बैठक में अध्यक्ष धीरज गुप्ता तेज ...सचिव हरिमोहन शर्मा ....वरिष्ठ उपाध्यक्ष गजेन्द्र व्यास ...उपाध्यक्ष मनोहर परिक ..संयुक्त सचीव पवन परिक .....कोषाध्यक्ष माल सिंह जी शेखावत ..कार्यकारिणी सदस्य अख्तर खान अकेला ..चन्द्र प्रकाश चंदु ...सत्यनारायण बर्ग सहवरित सदस्य सुनील माथुर उपस्थित थे .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दोस्तों एक कडवा सच ...

दोस्तों एक कडवा सच .......एक व्यक्ति अपनी पत्नी को मोटर साइकल पर बेठा कर कहीं ले जा रहा था ..एक चबूतरे पर तीन बुज़ुर्ग ओरतें बातें कर रही थी तब पत्नी उस व्यक्ति से कहती है के यह तीनों ओरतें जरूर अपनी अपनी साँसों की बुराई कर रही होंगी .....दो दिन बाद यही व्यक्ति अपनी माँ को मोटर साइकल पर बता कर ले जा रहा था के इसी चबूतरे पर तीन ओरतें जो बाहें थीं बेठी हुई बातें कर रही थी ..के माँ ने कहा के यह तीनों बहुएँ अपनी अपनी सास की बुराई कर रही है ....कोन सच है और कोन झूंठ आप कुछ बता सकते हो तो बताएं प्लीज़ ...........................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जानिए क्या मिला था श्राप, क्यों नहीं मनाई जाती 300 साल से यहां होली!

गुहला-चीका। देश में होली का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन हरियाणा का एक गांव ऐसा भी है जहां पिछले 300 वर्षों से होली नहीं मनाई जाती है। 
 
गांव दुसेरपुर के ग्रामीण 300 वर्षों से होली का त्योहार नहीं मना रहे। गांव निवासी नंबरदार रुलदू राम व नारायणदत्त शास्त्री ने बताया कि लंबे समय से होलिका दहन न करने के पीछे एक साधु की ओर से लोगों को दिया गया श्राप है। उन्होंने बताया कि 300 वर्ष पहले गांव में भी सारे देश की तरह होलिका दहन किया जा रहा था और इस उत्सव में बाबा श्रीराम स्नेही दास भी गांव के लोगों के साथ शरीक थे।
 
बाबा का उडा़या था मजाक
 
बाबा नाटे कद के थे और जिस समय होलिका दहन की जा रही थी, तो गांव के ही किसी व्यक्ति ने बाबा के नाटे कद का मजाक उड़ा दिया।
 
इससे बाबा इतने गुस्साए कि उन्होंने होलिका दहन के दौरान ही जलती आग में छलांग लगा दी और जीवित ही जल गए। 
बाबा ने दिया था श्राप
 
छलांग लगाने से पूर्व बाबा ने लोगों को श्राप दे दिया कि अब गांव के लोग उसी समय होलिका दहन कर सकेंगे, जब होली के दिन गांव में किसी महिला के घर पुत्र पैदा होगा और ठीक इसी दिन किसी भी व्यक्ति की गाय बछड़े को जन्म देगी। 
 
नहीं हुआ एक साथ पुत्र व बछड़े का जन्म
 
 
होली के दिन एकसाथ पुत्र व बछड़े का जन्म अभी तक नहीं हो पाने की वजह से बाबा का यह कठोर श्राप लोग अभी तक झेल रहे हैं।
 
उन्होंने बताया कि होली के दिन गांव में एक महिला ने पुत्र को तो जन्म दिया खुशी छा गई लेकिन उसी दिन गांव में किसी के घर बछड़ा पैदा न होने से लोगों की खुशी निराशा में बदल गई।
बाबा की समाधि पर चढ़ता है दूध

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बाबा की समाधि बनी हुई है और लोग समाधि पर हर मंगलवार बड़ी श्रद्धा से माथा टेकते हैं।

गांव में जब भी किसी की भैंस दुधारू होती है, तो सबसे पहले बाबा की समाधि पर दूध चढ़ाया जाता है और उसके बाद ही दूध का घर में सेवन किया जाता है।

उन्होंने बताया कि बाबा की गांव के लोगों में भारी श्रद्धा है। ग्रामीणों को उस दिन का बेसब्री से इंतजार है, जब गांव में होली के दिन महिला बालक और गाय एक बछड़े को जन्म देगी।
 

अकबर, जहांगीर या फिर सबसे कट्टर मुग़ल शासक, सभी खेलते थे रंगों की होली!

रंगों का त्यौहार होली पूरी दुनिया में अपने अनोखे अंदाज के लिए जाना जाता है।कहते हैं कि इस दिन रंगों में रंग ही नहीं मिलते बल्कि दिल भी आपस में मिल जाते हैं। फिल्म शोले के एक सुप्रसिद्ध गाने के बोल भी इसी ओर इशारा करते हैं।हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन माह में होली का त्यौहार मनाया जाता है, इस माह की पूर्णिमा को पूरी दुनिया में होली पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।
 
मान्यता के अनुसार होली पूर्णिमा के दिन हिरणकश्यपू नाम के राक्षस ने अपने पुत्र प्रहलाद को होलिका की गोद में बिठाकर आग लगा दी थी लेकिन इस आग में होलिका जलकर भस्म हो गई और भगवान विष्णु का भक्त होने के कारण प्रहलाद का बाल भी बांका नहीं हुआ जबकि होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था।तभी से होली पूर्णिमा के दिन होलिका दहन की परंपरा चल निकली।होलिका दहन की इस परंपरा और कथा के बारे ने सभी जानते हैं।
 
होली खेलने की परंपरा कोई आधुनिक परंपरा नहीं है इसका उल्लेख हमारे धार्मिक ग्रंथों नारद पुराण, भविष्य पुराण में मिलता है।कुछ प्रसिद्ध पुस्तकोंजैसे जैमिनी के पूर्व मीमांसा-सूत्र और कथा गार्ह्य-सूत्र में भी होली पर्व के बारे में वर्णनं किया गया है।

कांग्रेसी सांसद के फोटो लेने पर भड़कीं जया बच्चन


नई दिल्ली. महिलाओं की मर्जी के बिना उनकी तस्वीरें लेने पर कानूनी प्रवाधान करने जा रही कांग्रेस सरकार के सांसद ही इस मामले पर गंभीर नहीं है। बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रदीप बालमुचू के सपा सांसद जया बच्चन की मोबाइल से तस्वीर लेने पर उनका पारा चढ़ा गया। जया के इस मामले पर ऐतराज जताने पर प्रदीपने उनसे खेद जताया लेकिन जया का गुस्सा शांत नहीं हुआ। कांग्रेस के कई वरिष्ठ सदस्यों के हस्तक्षेप के बाद पूरा मामला शांत हुआ। 
 
राज्य सभा दो बार स्थगित होने के बाद दोपहर दो बजे फिर से शुरू हुई। यहां केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को बर्खास्त करने की मांग पर एसपी के सदस्य और श्रीलंका तमिलों के मुद्दे पर डीएमके, एआईएडीएमके के सदस्य सदन में आसन के सामने आकर नारेबाजी कर रहे थे। हंगामे के बीच ही जया बच्चन को नाराज होकर कुछ कहते हुए देखा गया। हंगामे के कारण अध्यक्ष रेणुका चौधरी ने जब कार्यवाही को तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया, तो जया बच्चन ने अपने सहयोगियों से कहा कि बालमुचू मोबाइल फोन से उनकी तस्वीर उतार रहे हैं, जो उन्हें कतई मंजूर नहीं है।
 
जया की आपत्ति के बाद बालमुचू ने अपने मोबाइल से तस्वीरें हटाने की कोशिश की। इसी बीच कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने बालमुचू से कहा कि वह अपनी हरकत के लिए जया से खेद जताएं। बालमुचू जया के पास गए और खेद भी जताया, लेकिन जया बच्चन नहीं मानीं और वह कुछ कहती सुनी गईं। कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्यों ने भी इस मुद्दे के हल के लिए हस्तक्षेप करने का प्रयास किया, जो सदन की बैठक स्थगित करने के बाद हुआ। कांग्रेसी सांसद अपनी हरकतों से सरकार को ही शर्मशार कर रहे हैं।

आज संजय दत्त के भाग्य के साथ 257 बेगुनाहों के हत्यारों की सजा का होगा ऐलान



नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में फैसला देगी। इन विस्फोटों में 257 लोग मारे गए थे। करीब 713 लोग घायल हुए थे।
टाडा कोर्ट ने इस मामले में 100 लोगों को दोषी करार दिया था। इनमें से 12 को मौत और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अधिकतर लोगों ने सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
वहीं, सीबीआई ने 57 लोगों की सजा बढ़ाने का आग्रह किया है। सुप्रीम कोर्ट संजय दत्त की अपील पर भी फैसला देगी। उनको अवैध हथियार रखने का दोषी करार दिया गया था। उन्हें इसके लिए छह साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

बॉलीवुड स्टार संजय दत्त को टाडा कोर्ट ने नवंबर 2006 में 9mm पिस्टल और एक AK 56 राइफल को अवैध रुप से रखने का दोषी ठहराया था. हालांकि अदालत ने संजय को आपराधिक साजिश रचने के आरोपों से बरी कर दिया था.   
 
सुप्रीम कोर्ट, टाडा कोर्ट कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले 100 से अधिक लोगों की अपील पर ये फैसला सुनाने वाला है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई नवंबर 2011 में शुरु किया था.
 
शीर्ष अदालत ने इस मामले में अगस्त 2012 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. गौरतलब है कि 1993 में हुए मुंबई सीरियल ब्लास्ट में 257 लोगों की मौत हो गई थी और 713 लोग घायल हुए थे. धमाकों से उस समय करीब 27 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था.

कुरान का सन्देश

उमर अबदुल्ला ने खोली मोदी की 'ब्रांडिंग' की पोल


 

भारत के टेक-सेवी मुख्मंत्रियों में शामिल और बीजेपी की ओर से पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी पर अक्सर अपने प्रचार के लिए फर्जी अकाउंट खुलवाने के आरोप लगते रहे हैं। ट्विटर पर उनके फॉलोअर्स की संख्या 13 लाख से ज्यादा है लेकिन उनके आलोचकों का कहना है कि इसमें से कई अकाउंट फर्जी है। मामला जो भी हो लेकिन मोदी सोशल मीडिया और युवाओं की ताकत पहचानते हैं। युवाओं के रुझान को देखते हुए वे हमेशा सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं। मोदी देश-विदेश के किसी भी सम्मेलन में जाएं सम्मेलन खत्म होने से पहले ही उनके ट्विटर अकाउंट या वेबसाइट से उनकी फोटो सोशल मीडिया और मीडिया तक पहुंच जाती हैं। इससे पहले मोदी पर अपनी छवि निखारने के लिए विदेशी फर्म की सेवा लेने का भी आरोप लगा था। लेकिन इस बार जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने उनकी पोल खोली है। 
 
मोदी की चालाकी ऐसे पकड़ में आई कि गुजरात सरकार ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि नरेंद्र मोदी को गूगल समिट में बुलाया गया है और वह इस समिट में बुलाए जाने वाले देश के इकलौते सीएम हैं। सरकारी प्रेस रिलीज होने की वजह से इसे पूरा सच मानकर कई समाचार एजेंसियों ने खबर को चलाया। लेकिन कुछ ही देर बाद जम्मू और कश्मीर के युवा मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने ट्विट कर इस खबर का मजाक उड़ाया। उमर ने ट्विट कर कहा कि इस समिट में जाने वाले मोदी देश के अकेले सीएम नहीं हैं और उन्हें भी इस समिट में बुलाया गया है। मोदी पहले भी ऐसे विवादों में घिर चुके हैं।   
 
राज्य सरकार की और से दी गई इस खबर के मुताबिक गूगल ने नरेंद्र मोदी को 21 मार्च को होने वाले 'गूगल बिग टेंट एक्टिवेट समिट 2013' में गूगल हैंगआउट से भाषण देने का न्यौता दिया था। मोदी इससे पहले भी अगस्त 2012 में अपनी बात रखने के लिए गूगल हैंगआउट का सहारा ले चुके हैं। इस आयोजन की थीम 'टेक्नोलॉजी इन पॉलिटिक्स' है। राज्य सरकार की ओर से दी गई इस खबर में कहा गया था कि भाषण देने से पहले मोदी गूगल पल्स हैंगआउट के जरिए गूगल इंक. के चेयरमैन एरिक स्मिट से भी बात करेंगे।
 
मोदी के अलावा समिट में ब्रिटिश अखबार 'द गार्डियन' के प्रधान संपादक एलन रूसब्रिजर और 2008 और 2012 में बराक ओबामा के चुनाव प्रचार में डिप्टी डायरेक्टर रहे स्टेफनी कटर भी भाग लेंगे। इस समिट में इंटरनेट की भारत के व्यापार, अर्थव्यवस्था, राजनीति और प्रशासन, संस्कृति, मीडिया और शिक्षा के भविष्य को गढ़ने की भूमिका पर चर्चा की जाएगी। गूगल अक्सर बिग टेंट समिट आयोजित करता रहता है और इसमें दुनिया भर के शीर्ष राजनेता और चिंतक कई मुद्दों पर बात करते हैं। यह आयोजन न्यूयॉर्क, लंदन, बर्लिन, मैड्रिड, नैरोबी, मॉस्को और सियोल में आयोजित हुए हैं। इस खबर के आने पर उमर अबदुल्ला ने ट्वीट किया कि भारत से इस समिट में जाने वाले मोदी अकेले सीएम नहीं हैं। गूगल टेंट में उन्हें भी बुलाया गया है। उन्हें इस ट्वीट को सैकड़ों लोगों ने रीट्वीट किया और मोदी के फील गुड वाले प्रचार अभियान की पोल खुल गई।

बयानवीर वर्मा पर चौतरफा वार, सरकार बचाने को बेनी की बलि लेंगी सोनिया?

 

नई दिल्ली. ऐसा लग रहा है कि बेनी प्रसाद वर्मा को मंत्री पद कुर्बान करना होगा। उन पर चौतरफा हमले हो रहे हैं और सपा भी नरम नहीं हो रही है। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि बेनी प्रसाद वर्मा की जुबान पर लगाम लगाना चाहिए और ऐसे लोगों को मंत्री पद से हटा देना चाहिए। जद(यू) अध्‍यक्ष शरद यादव ने भी कहा कि एक मंत्री को शब्‍दों का इस्‍तेमाल मर्यादा में रहते हुए करना चाहिए। भाजपा नेता सुषमा स्‍वराज ने भी कहा है कि मनमोहन सिंह को बेनी प्रसाद को अपने मंत्रिमंडल से निकालना चाहिए। इन नेताओं के बयान से उत्‍साहित मुलायम सिंह ने भी बुधवार को अपना रुख नरम करने का कोई संकेत नहीं दिया। ऐसे में खबर यह भी आ रही है कि सोनिया गांधी ने बेनी प्रसाद वर्मा से इस्‍तीफा देने के लिए कह दिया है। बुधवार को संसद के दोनों सदनों में बेनी और श्रीलंकाई तमिलों का मुद्दा ही छाया रहा। डीएमके सांसद वसंती स्टैनली तो राज्यसभा में नारे लगाती हुई गिर पड़ीं।  
 
डीएमके के हाथ खींचने के बाद सपा के सख्‍त तेवरों से सरकार सकते में है। सोनिया गांधी ने मुलायम से बात कर और मनमोहन सिंह ने बेनी प्रसाद को तलब कर यह कोशिश की कि सपा रुख नरम कर ले। पर सपा बेनी प्रसाद वर्मा को केंद्र सरकार से बाहर करने की जिद पर अड़ गई है।
 
बुधवार को पीएम से मिलने के बाद जब बेनी मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्‍होंने एक लाइन का वक्‍तव्‍य दिया, ''अगर मेरी बातों से किसी को दुख पहुंचा हो तो मैं खेद जताता हूं।'  लेकिन इस बयान के बाद भी सपा सांसदों ने राज्‍यसभा में इस मामले को फिर से उठाया और उन्‍हें मंत्री पद से हटाने की मांग की। हंगामे के चलते राज्‍यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे एक घंटा के लिए स्‍थगित करनी पड़ी। संसद भवन के बाहर जब पत्रकारों ने मुलायम को घेरा तो उन्‍होंने भी बस इतना कहा कि बेनी के मामले में अंतिम निर्णय गुरुवार को लिया जाएगा और जो भी निर्णय होगा, वह आपको बता दिया जाएगा। गुरुवार को सपा संसदीय दल की बैठक है।
 
इस बीच, कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को कहा है कि वह गुरुवार को संसद में हाजिर रहें। अगर डीएमके के बाद सपा ने भी सरकार का साथ छोड़ दिया तो नंबर गेम में केंद्र सरकार बड़ी मुश्किल में फंस जाएगी (। हालांकि कांग्रेस महासचिव अहमद पटेल ने बुधवार को जद(यू) नेता शरद यादव से मुलाकात की। कांग्रेस के नेता और मंत्री अश्विनी कुमार ने इस मुलाकात के बारे में तो कुछ नहीं बताया, लेकिन यह जरूर कहा कि राजनीति में संवाद चलता रहता है और किसी के लिए दरवाजे बंद नहीं होते। 
 
सारा विवाद बेनी के एक बयान से शुरू हुआ है। बेनी ने कहा था कि सपा केंद्र सरकार को समर्थन के बदले कमीशन लेती है। हालांकि बाद में बेनी का कहना था कि उनके हवाले से यह बयान जिस अंग्रेजी अखबार ने छापा है, उससे उन्‍होंने बात ही नहीं की है। लेकिन बेनी ने यह बयान एक आम सभा में दिया था और उसके अगले दिन वह बयान पर कायम भी थे। इस पर मुलायम ने तल्‍ख तेवर दिखाते हुए कहा था कि कांग्रेस बताए कि वह समर्थन के बदले सपा को रोज कितना कमीशन देती है।
 
समाजवादी पार्टी ने केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के इस्तीफे को लेकर बुधवार को संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया। यूपीए सरकार के संसदीय कार्यमंत्री कमल नाथ ने केंद्रीय इस्पात मंत्री के बयान पर खेद जताया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बेनी का मुद्दा खत्म हो गया था लेकिन समाजवादी पार्टी ने इसे फिर से उभार दिया है। सपा सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है। अगर वह यूपीए सरकार पर दबाव बनाने के लिए समर्थन वापस ले लेती है तो यूपीए के पास सत्ता में बने रहने के लिए तृणमूल कांग्रेस और जेडीयू को साथ लाने का ही विकल्प बचेगा।

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