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25 मार्च 2013

फागुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक आठ दिन होलाष्टक मनाया जाता है

फागुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक आठ दिन होलाष्टक मनाया जाता है । इसी के साथ होली उत्सव मनाने की शुरु‌आत होती है।
होलिका दहन की तैयारी भी यहाँ से आरंभ हो जाती है। इस पर्व को नवसंवत्सर का आगमन तथा वसंतागम के उपलक्ष्य में किया हु‌आ यज्ञ भी माना जाता है। वैदिक काल में इस होली के पर्व को नवान्नेष्टि यज्ञ कहा जाता था। पुराणों के अनुसार ऐसी भी मान्यता है कि जब भगवान शंकर ने अपनी क्रोधाग्नि से कामदेव को भस्म कर दिया था, तभी से होली का प्रचलन हु‌आ।

सबसे ज्यादा प्रचलित हिरण्यकश्यप की कथा है, जिसमें वह अपने पुत्र प्रहलाद को जलाने के लि‌ए बहन होलिका को बुलाता है। जब होलिका प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठती हैं तो वह जल जाती है और भक्त प्रहलाद जीवित रह जाता है। तब से होली का यह त्योहार मनाया जाने लगा है।

परंपरा के अनुसार होलिका में कच्चा आम, नारियल, घर में बने पकवान का अर्पण करना चाहिए। रोली-चंदन से पूजन करने के बाद परिक्रमा करनी चाहिए। होलिका दहन के बाद नयी फसल की गेहूं-जौ की नई बालियां, मूंग, चना आदि भूनना चाहिए। यदि मन में किसी के प्रति बैर हो तो उसे वहीं त्याग कर गले मिलना चाहिए।
होली के रंग-बिरंगे त्यौहार की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें |

मैं उड़ जाना चाहता हूँ

मैं उड़ जाना चाहता हूँ
मैं संसार के सारे बन्धनों को तोड़कर उड़ जाना चाहता हूँ,
मुक्त आकाश में,
जहाँ छल हो न कपट न बैर भाव, न इरसा, न द्वेस,
बस,
एक हल्का सा झोका हो पवन का,
भीनी सी महक हो फूलों की,
पक्षी गाते हों सुरीले गीत,
चांदनी बिखरी हो चारों और,
मुझे न सुख चाहिए,
न ईस्वरिया, न सामर्थ
एक हल्का सा स्पर्स चाहिए,
स्नेह मही एक शब्द चाहिए
करुना माहि एक आंसू चाहिए,
स्वप्निल आँख से टपका हुआ,
मैं विलीन हो जाना चाहता हूँ
छितिज़ के गर्भ में,
डूब जाना चाहता हूँ,
अथाह सागर की गह्रैओं में,
मेर लिए अर्थहीन हो गए हैं सब,
मेरी कल्पनाओं से ओझल हो गए हैं सब,
भूत,
वर्तमान और
भविष्य.
"चरण"

मेरे गाँव का जो रस्ता है

मेरे गाँव का जो रस्ता है
जिसकी छाती पर, आज भी
बचपन से अब तक के
मेरे पैरों की नाप है,
मेरा घर जानता है
तुम आँख बन्द करके भी आओ
तुम्हें मेरे घर तक पहुँचा ही देगा
ये तो पहले भी बता चुका हूँ
मैं और मेरे गाँव का चाँद
हमजोली हैं
माँ ने दोनों को चांदी की कटोरी में
साथ-साथ दूध-भात खिलाया है
जब सरसों के फूल खिलें
जब आमों में बौर लगे
मटर-तीसी फुलाने लगें
झुरमुट में छिपी कोयल बुलाने लगे
मेरे गाँव मत आना
इतनी सुन्दरता तुम्हें बाउर कर देगी
आना जब बारिश हो
आह मेरे गांव की बारिश
पूरे मन से बरसती है
बचपन में खूब भीगा हूँ इसमें
और मारा है बाबूजी ने
बाबूजी की मार याद नहीं
पर बारिश की फुहार आज भी याद है
मेरे गाँव का रस्ता
मेरे गाँव का पीपल
मेरे गाँव की बारिश
मेरे गाँव की कोयल
सबसे तुम्हारी बातें करता हूँ
इस फागुन ज़रूर से ज़रूर आना
मिलवाऊँगा सबसे।
होली के इस पावन उत्सव पर मित्रो मेरी तरफ से आपको और आपके घरवालो को बहुत बहुत शुभकामनाये ......................

दोस्तों एक कडवा सच

दोस्तों एक कडवा सच ..में मेरे अपनों के लियें होली की पिचकारियाँ देख रहा था ..उमे से कुछ अच्छी पिचकारियाँ खरीद रहा था के अचानक मेरे एक मुस्लिम मित्र ने मुझे आकर टोका ..उनका सवाल था वकील साहब आपतो मुस्लिम है ..आपका त्यौहार तो होली नहीं है फिर होली की इन पिचकारियों को आप किसके लियें खरीद रहे है ..मेने मेरे इस मित्र की तरफ देखा और सीधा जवाब दिया भाई हमारे पड़ोसी हमारे बच्चों को ईद पर ईदी के नाम पर प्यार देते है उन्हें कुछ ना कुछ  गिफ्ट देकर उनकी ईद में शामिल होते है तो क्या हम उन्हें इस होली को रंगीन बनाने के लियें यह पिचकारियाँ नहीं दे सकते ..जवाब सुनकर मेरे मित्र मेरे भाई लाजवाब थे ..और फिर वोह भी दो पिचकारियाँ अपने किसी पड़ोसी के बच्चों के लियें खरीद कर ले गए ......................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आम आदमी को इंसान मेरे इस हिन्दुस्तान को मेरा भारत महान बनाये

यह रंग ही तो हैं
हाँ
यह रंग ही तो हैं
जो
हर शख्स पर
अपना अहसास
अपना होने का अंदाज़ छोड़ जाते है ..
हाँ यह रंग ही तो है
जो कभी किसी दुसरे रंग से
नफरत ..हिंसा नहीं फेलाते है
सभी रंग
एक दुसरे में मिलते है
एक दुसरे में खो जाते हैं
हाँ यह रंग ही तो है
जो ना नफरत करते हैं
ना किसी रंग को कला किसी को सफेद कहकर चिढाते है
हां यह रंग ही तो है
जो इंसानों को
सभी भेदभाव
जाती ..समाज धर्म की नफरत छोड़ कर
एक दुसरे से मिलना सिखाते है
हाँ यह रंग ही तो है
जो अपनेपन की यादें
अपनेपन के अहसास छोड़ जाते है
हां यह रंग ही तो है
जो लोगों की जिंदगी को रंगीन बनाकर भी
बुरा ना मानों होली है का नारा
सभी को सिखाते है
हां यह होली है
कोई नही पूंछता ..कोई नहीं बताता
होली में प्यार ही प्यार है
मोहब्बत है अपनापन है
बुराई पर अच्छाई की जीत है
होली में कोई बुराई नहीं
फिर क्यूँ कहते है
बुरा ना मानो होली है ..बुरा ना मानो होली है
आओ दोस्तों
इन रंगों से हम कुछ नया सीखें
एक दुसरे से हिलना मिलना
एक दुसरे का अहसास अपनापन सीखे
आओ सबकी कहें होली मुबरक हो
सबको होली मुबारक कहकर
एक नया आधुनिक हिन्दुस्तान बनाये
जहां सिर्फ प्यार हो
जहाँ सिर्फ अपनापन हो
जहां नफरत ..राग द्वेष का नाम न हो
जहाँ सियासत ना हो
जहां जाती धर्म के बंधन ना हो
आओ एक ऐसा हिंदुस्तान बनाये
एक हिंदुस्तान बनाये 
आओ इस होली पर  संकल्प ले
आओ इस होली पर जिद करें
लोगों को आम आदमी से इंसान बनाये
आओ इस हिंदुस्तान को फिर से हिन्दुस्तान बनाये
होली को कहें यहाँ मुबारक
होली को कभी ना कहे बुरा ना मानो होली है
आओ सभी बुराइयों को हम
होली में जलाएं
आम आदमी को इंसान
 मेरे इस हिन्दुस्तान को
मेरा भारत महान बनाये
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तुम्हारी दुकान में क्या बिकता है ,बताना होगा,

तुम्हारी दुकान में क्या बिकता है ,बताना होगा,
बाहर शो-केस में नमूना सजाना होगा ।
किसी को क्या मालुम मैं क्या बेचता हूँ ,
प्यार का फलसफा ,जमाने को बताना होगा ।
जानता हूँ दुश्मनों को यकीं है मेरी अदावत पर
दोस्तों को मोहब्बत का यकीं दिलाना होगा ।
यूँ ही तो नहीं निभाते वो दुश्मनी मुझसे ,
मेरी दुश्मनी का यकीं दोस्तों को बताना होगा ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

खबर ही न हुई

खबर ही न हुई

दुनिया कब सिमट गई
खबर ही न हुई |
वो घर के बड़े - बड़े आँगन ,
जहाँ बैठ कर सब
खोल देते थे अपना मन
किसी को मनाते
और खफा भी हो जाते
उसने कब छोटा सा
रूप ले लिया
खबर ही न हुई |

आँगन पर वो तुलसी का पौधा
बच्चों का उसके चारों तरफ
भागते रहना |
सहेलियों की वो शरारतें
आम की चटनी और आचार
के नुस्खों की बातें
कब सिमट गए
खबर ही न हुई |

पडोसी का एक दूजे के
लिए वो प्यार , सम्मान
एक दूजे के सुख - दुःख
में शरीक होते वो लोग |
रिश्ते - नातों से मिलने के
वो खूबसूरत पल |
कहाँ सब खो गए
खबर ही न हुई |

करुणा , दया और सत्कार
जीत की हार
आत्मा का वो विस्तार
कहाँ सिमटता चला गया
पता ही चला |
वो आँगन कहाँ खो गया
पता ही न चला |

'कटारिया जैसे असहाय को मैं उसका नाम क्यों बताऊं जिसने मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा'


जयपुर.भाजपा के नाराज नेता घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि वे उस नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को पार्टी के उस षड्यंत्रकारी व्यक्ति का नाम नहीं बताएंगे, जिसने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा, क्योंकि कटारिया तो खुद ही असहाय हैं। वे अपनी रक्षा में पार्टी के उन लोगों के खिलाफ कुछ नहीं कर पाए, जिन्होंने उन पर झूठे आरोप लगाए और नाहक बदनाम किया।
 
तिवाड़ी ने एलान किया है कि वे देवदर्शन यात्रा में ऐसे लोगों के खिलाफ अलख जगाएंगे, जिन्होंने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश की प्राकृतिक संपदा को लूटने की तैयारियां कर ली हैं। उन्होंने कहा : मैं राजस्थान को लुटेरों का चरागाह नहीं बनने दूंगा। तिवाड़ी भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में भले नहीं गए हों, लेकिन उन्होंने भास्कर से खुलकर बातचीत की। पढ़िए बात-बेबाक : 
 
क्या आप प्रतिपक्ष के उपनेता हैं?  
 
मैंने तो पद छोड़ दिया। कटारिया अब स्वतंत्र हैं। किसी को भी बनाएं।  
 
देवदर्शन यात्रा क्या वसुंधरा राजे की सुराज संकल्प यात्रा के समानांतर नहीं है? 
 
मैंने डेढ़ वर्ष पहले घोषणा कर दी थी। मेरी यात्रा लोकजीवन में शुचिता के लिए है। यह राजनीतिक नहीं, लेकिन इससे राजनीति जरूर प्रभावित होगी।
 
भाजपा का वह नेता कौन है, जिसने आपके खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करवाई? 
 
राष्ट्रीय नेतृत्व को नाम बता दिया है। मुझे कहा गया है, जांच करके कार्रवाई करेंगे। अब मेरा कर्तव्य है कि मैं इंतजार करूं। . . . ये औरों का दोष नहीं, यह किस्सा है अपनों का ही! यह वही था, जिसे मेरी प्रतिष्ठा कम करने से लाभ हो सकता था।  
 
आपने विधानसभा में जांच की मांग क्यों की? 
 
यह षड्यंत्र मेरे पूरे परिवार के खिलाफ था। एक लाक्षागृह तैयार करके मेरे पूरे परिवार को दग्ध करने का कुत्सित प्रयत्न था। जिन्होंने ऐसा किया, उन्हें ये मालूम नहीं कि दुर्बुद्धि दुयरेधन के शिविर में कोई विदुर भी होता है, जिसके भेजे खनिक लाक्षागृह में एक सुरंग भी बना देते हैं। . . . मैंने तय किया है कि यह लड़ाई मैं खुद लडूंगा! 
 
इस लाक्षागृह के कौरव कौन और पांडव कौन हैं? 
 
जो कम हैं, वे पांडव और जो ज्यादा हैं, वे कौरव!  
 
गंगाजल किस-किसने उठाया था?  
 
मैं तो गंगा-स्नान कर आया। मैं अब ऐसे लोगों को याद नहीं करना चाहता। मैं मित्रद्रोही नहीं हूं! मैं पातकी नहीं!  
कटारिया ने नेता प्रतिपक्ष बनना स्वीकार कर लिया और आपको अकेले छोड़ दिया।रास्ता साफ था, साथ चलते रहे, मोड़ आया तो मुंह मोड़ चले!  
 
कटारिया ने कहा कि वसुंधरा के समर्थन में जैसा जनसमूह उमड़ा, वैसा कभी नहीं देखा? 
 
मैंने आडवाणी की रथ यात्रा की भीड़ देखी है, वाजपेयी को सुनने के लिए लाखों लोगों को घंटों इंतजार करते देखा है। कटारिया ज्यादातर उदयपुर रहे हैं। हो सकता है, उन्होंने जयपुर में ऐसी भीड़ पहली बार देखी हो!  
 
वसुंधरा को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने का असर?  
 
वसुंधरा राजे को आलाकमान ने प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। यह पार्टी का लोकतांत्रिक अधिकार है। . . .मैं चाहता हूं कि पार्टियों के आंतरिक लोकतंत्र की निगरानी चुनाव आयोग करे। उम्मीदवार चयन भी निष्पक्ष हो।
  
सियासी गलियारों में माना जाता है कि आप अशोक गहलोत के प्रति भरपूर सहानुभूति रखते हैं?
  
नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी में मैंने सदन में जितना प्रजातांत्रिक रूप से सत्तापक्ष और मुख्यमंत्री पर प्रहार किया, वैसा किसी ने नहीं किया। गहलोत प्रशासनिक रूप से पूरी तरह विफल रहे हैं। वे कोई छाप नहीं छोड़ पाए। एक मैं ही था, जिसने जलमहल के भ्रष्टाचार मामले में उनसे श्वेत पत्र जारी करने की मांग की और वे नहीं कर पाए। जल महल की सच्चाई सामने लाते। अधिकारियों को दंडित करने के बजाय असली अपराधी सामने आने चाहिए। फिर भले वह मुख्यमंत्री ही क्यों न हो। यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि इस मामले में मुख्यमंत्री की भूमिका कहां तक है।  
आपकी मांग वर्तमान मुख्यमंत्री के लिए है, या पूर्व मुख्यमंत्री के लिए?  
 
जलमहल जैसे प्राकृतिक संसाधनों की लूट जिस किसी भी व्यक्ति ने की है, उसे सामने लाया जाए। दोषी चाहे कोई भी हो, भले ही वह मुख्यमंत्री पद पर रहा व्यक्ति ही क्यों न हो! जब से जलमहल की प्रक्रिया शुरू हुई, उस दिन से जांच हो।  
 
आपने कहा था कि दिल्ली में तो कोई सुनता नहीं है?  
 
जिस तरह प्रदेशाध्यक्ष का निर्णय हुआ, उससे लगा कि यह केंद्र का एकतरफा फैसला था। उससे ऐसा लगता है कि पार्टी में पदों की लड़ाई चल रही थी। एक अध्यक्ष और दूसरा नेता प्रतिपक्ष बन गया। इससे संदेश ये गया कि पदों के हिसाब से एडजस्टमेंट किया गया है, सिद्धांतों का खयाल नहीं रहा।  
 
वसुंधरा राजे ने सभी नाराज नेताओं से मुलाकात की। आपसे उनकी मुलाकात क्यों नहीं हुई? आपकी आखिरी मुलाकात कब हुई?  
 
वसुंधरा राजे से अगर किसी की पुरानी मुलाकातें हैं तो मेरी ही हैं। अभी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समय उनसे चार घंटे मुलाकात हुई थी। खूब बातें हुईं।  
 
आप देवदर्शन यात्रा में लोगों को क्या संदेश देंगे?  
 
जहां-जहां सरस्वती नदी बहती थी, वहां-वहां नए ऑयल फील्ड, गैस और दूसरे खनिज सामने आए हैं। इससे आने वाला विधानसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। अब जिस किसी के भी सत्ता में आने की संभावना है, उन सबसे ऐसे लोग संपर्क कर रहे हैं, जो हमारे इन अमूल्य प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करना चाहते हैं। इसलिए मैंने कहा कि राजस्थान को मैं किसी बाहरी व्यक्ति का चारागाह नहीं बनने दूंगा। और उसी के लिए ये यात्रा भी है। ये प्राकृतिक संसाधन इस प्रदेश की जनता और सरकार के हैं। मैं देख रहा हूं कि देश के विभिन्न हिस्सों में हमारे इन प्राकृतिक संपदा की लूट की तैयारियां हो रही हैं। लेकिन मैं ये लूट नहीं होने दूंगा।
 
कटारिया और आप तो गहरे दोस्त रहे हैं? फिर दूरियां क्यों पैदा हुईं?  
 
कौन किसके साथ खड़ा है, यह सबको मालूम है। मैं तो सिद्धांतों के साथ हूं। . . .कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यों तो कोई बेवफा नहीं होता। रात का इंतजार क्यों करें, आजकल दिन में क्या नहीं होता!. . .हम वफा करते रहे, वो जफा करते रहे, अपना-अपना फर्ज था अदा करते रहे। बहुत सी बातें हैं!  
 
 
राजेंद्र राठौड़ ने कहा था-वसुंधरा भाजपा हैं और भाजपा वसुंधरा  
 
देवकांत बरुआ ने जब कहा कि इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा तो जगन्नाथ राव जोशी ने सवाल उठाया कि इसमें ब्रह्मपुत्रकहां से बहती है, मुझे दर्शन कराओ। राजस्थान बलिदानियों की भूमि है और भाजपा उस विचारधारा से ओतप्रोत पार्टी है। आपातकाल में लोगों ने जुल्म सहकर भाजपा की नींव रखी। यह उन लोगों का अपमान है। भाजपा व्यक्ति विशेष की नहीं है। हो जाएगी तो मैं उसमें रहना ही पसंद नहीं करूंगा।  

35 साल बाद टूटेगी होली पर हाथी महोत्सव की परंपरा



जयपुर.35 सालों में यह पहला अवसर होगा, जब जयपुर में हाथी महोत्सव नहीं होगा। पर्यटन विभाग की रोक के बाद हाथी मालिकों ने बगावती तेवर अपनाए और आमेर युवक कांग्रेस के साथ सोमवार को आमेर में ऐसा महोत्सव मनाने की तैयार कर ली। ऐन वक्त पर पुलिस ने पाबंदी लगा दी। 
 
बाद में एक नया रास्ता निकालते हुए बिना हाथी के ही आमेर महोत्सव के नाम से कल्चरल प्रोग्राम की अनुमति देकर पुलिस ने देशी-विदेशी पर्यटकों और आयोजकों को राजी किया। हालांकि आयोजक यह कहते रहे कि उन्होंने तीन दिन पहले पुलिस एसपी, उत्तर से यहां इस तरह के आयोजन की अनुमति ले ली थी। सभी मेहमानों को भी आमंत्रित कर लिया था। जगह बुक कराने, टैंट, कलाकार और दूसरे खर्चो के नाम पर एक लाख से ज्यादा खर्च हो गया।
 

टीचर ने उतरवाए छात्रा के कपड़े, चीख सुनकर पहुंचे अन्य शिक्षक

ब्रह्मपुरी (चंद्रपुर). गांगलवाड़ी की जिला परिषद स्कूल में शर्मसार करने की घटना सामने आई है। स्कूल के एक शिक्षक पर आरोप है कि उसने कक्षा चौथी की छात्रा के कपड़े उतरवाए।
हालांकि छात्रा की चीख सुनकर अन्य शिक्षक वहां पहुंचे और अनर्थ टल गया। पीडि़त छात्रा के मामा ने ब्रह्मपुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन आरोपी शिक्षक फरार है।
क्या है मामला  : ग्राम गांगलवाड़ी के जिला परिषद प्राथमिक शाला में शुक्रवार 22 मार्च को शाला के मुख्याध्यापक के लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया है। समारोह खत्म होने के बाद विद्यार्थियों को स्वल्पाहार के लिए रोका गया।
इस दौरान दोपहर करीब 4 बजे नशे में धुत शाला के शिक्षक सुरेश बुराडे ने कक्षा चौथी की छात्रा को कार्यालय में बुलाया और कपड़े उतारने को कहा।  घटना से सहमी बालिका अचानक चीख उठी। सभी शिक्षक कार्यालय की ओर दौड़े तब यह मामला उजागर हुआ।

चंडीगढ़ में एक करोड़ की गाड़ी के लिए आठ लाख का नंबर, इटली में नीलाम होगी 9.86 करोड़ की कार


चंडीगढ़। पांच साल के बेटे ने फरमाइश की तो एक करोड़ की रेंज रोवर खरीद ली। अपने शौक के लिए खरीदा 0001 नंबर। रजिस्ट्रेशन एंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी (आरएलए) ने सोमवार को सीएच01-एएस सीरिज के स्पेशल नंबरों की ऑक्शन की। इसमें केटी लैंड डेवलपर्स के एमडी सुखविंदर सिंह तुर्का अपनी रेंज रोवर गाड़ी के लिए 0001 नंबर लेने पहुंचे। उन्होंने सात प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़कर आठ लाख रुपए में यह नंबर खरीदा। 
 
ऑक्शन के बाद सुखविंदर ने कहा, मुझे यह नंबर लेना ही था। बोली जहां तक भी जाती, मैं उससे पचास हजार रुपए ज्यादा बोलता। उन्होंने बताया कि यह गाड़ी बेटे के कहने पर खरीदी है। इससे पहले वे आरएलए की अलग-अलग ऑक्शन में दो नंबर खरीद चुके हैं। बीएमडब्ल्यू के लिए एएम सीरिज का 0003 नंबर 3.50 लाख रुपए और फॉरच्यूनर के लिए एएस सीरिज का 0024 नंबर 15 हजार का खरीदा था। 
 
9.86 करोड़ की पुरानी फिएट कार, 25 मई को होगी नीलाम 
 
साल 1905 में बनी दुर्लभ फिएट कार की 25 मई को इटली में नीलामी होने वाली है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे 18.20 लाख डॉलर (करीब 9.86 करोड़ रुपए) मिलेंगे। इस कार को जर्मन कंपनी अगस्त एनह्यूसर बुश ने बनाया था। कंपनी ने ऐसी सिर्फ 20 कारें बनाई थीं। 60 एचपी की इस फाइव-सीटर कार के पहिए लकड़ी के और बॉडी एल्युमिनियम की है। इसका इंजन 10.6 लीटर का है। इसकी कीमत 1905 में 20 हजार डॉलर (करीब 10.84 लाख रुपए) थी। यह कार अब भी 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकती है। 

जिस स्कूल में पढ़े अटल बिहारी वाजपेयी, वहां हुआ एक बहुत पुराने राज का खुलासा



ग्वालियर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने ग्वालियर के जिस गोरखी स्कूल में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की, वहां एक तहखाना मिला है। इसमें वे सभी सुविधाएं मौजूद हैं, जो किसी आवासीय परिसर में जरूरी होती हैं। इसका पता तब चला जब गोरखी स्कूल की मरम्मत के लिए तैयार की जा रही कार्ययोजना का सर्वे किया जा रहा था। 
 
शहर विकास को लेकर 24 अक्टूबर 2012 को आयोजित मंत्री व सांसदों की बैठक के दौरान गोरखी स्कूल के मरम्मत की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। जनप्रतिनिधियों का सुझाव था कि स्कूल की इमारत को मूलस्वरूप में संरक्षित कर इसमें अटल जी का संग्रहालय बनाया जाना चाहिए। 
 
कार्ययोजना बनाने की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी गई है। निगम कमिश्नर वेदप्रकाश ने प्रोजेक्ट ऑफिसर शिशिर श्रीवास्तव, इंटेक के अरविंद शर्मा सहित तकनीकी अधिकारियों की एक समिति बनाकर स्कूल का सर्वे कराया।    
 
 
मराठा शैली का है स्थापत्य
पुरातत्वविदों के अनुसार, गोरखी की इमारत मध्य भारत में मराठों के प्रथम महल के रूप में जानी जाती है। इसका स्थापत्य मराठा मिश्रित शैली का है। पुणे स्थित पेशवा के बाड़े की तर्ज पर ही गोरखी की इमारत का निर्माण 1806-10 के बीच हुआ था। सिंधिया रियासत की शुरुआत में बनी इस इमारत में उनके निवास और कार्यालय दोनों ही थे।

कुरान का सन्देश

मुख्यमंत्री के बेटे के होटल में लगा है मारीशस के कंपनी का पैसा



 

जयपुर। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव किरीट सोमैया ने आमेर में चल रहे एक 7 स्टार होटल ट्रीटोन को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव और उसके मित्रों पर 100 करोड़ रुपए की गंभीर अनियमितता के आरोप लगाए हैं। सोमैया ने कहा कि इस होटल में 50 प्रतिशत शेयर वैभव के दोस्त रतन कांत शर्मा के नाम और 50 प्रतिशत शेयर मारीशस की एक कंपनी के है। उन्होंने आरोप लगाया कि मॉरेशियस की कंपनी सिवनार होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिडेट का कोई मालिक ही नहीं है, ये फर्जी एड्रेस वाली वैभव गहलोत परिवार की बेनामी कंपनी है।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में सोमवार को पत्रकारवार्ता में किरीट सोमैया ने दस्तावेजों का एक पुलिंदा भी सौंपा। डेढ़ घंटे तक पत्रकार उनसे मामला समझने की कोशिश करते रहे, लेकिन वे ढंग से जवाब नहीं दे पाए। सोमैया ने कहा कि मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत की कंपनी सनलाइट में डायरेक्ट एक रतनकांत शर्मा को बना रखा है। इस रतनकांत शर्मा की एक दूसरी कंपनी का ये 7 स्टार होटल है। भाजपा का आरोप है कि गहलोत परिवार से जुड़े होने की वजह से बाहर का पैसा गैर कानूनी तरीके से भारत आया है। इस होटल के 100 रुपए के शेयर को मारीशस की कंपनी ने 40 हजार रुपए में खरीदा है।

उन्होंने कहा कि दस्तावेजों से वैभव गहलोत और रतनकांत शर्मा के बीच पारिवारिक और व्यापारिक रिश्ते साबित होते हैं। सौमैया ने कहा कि वे रविवार को मुंबई के मलाड क्षेत्र में रहने वाले रमाकांत शर्मा के फ्लैट पर जाकर आए है, उसकी कोई हैसियत नहीं है कि वो करोड़ों रुपए का होटल बना सके। उन्होंने रमाकांत शर्मा को भी गहलोत परिवार के व्यापार का चेहरा बताया। सोमैया ने आरोप लगाया कि खेल गहलोत परिवार की ओर से खेला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मारीशस की जिस कंपनी ने महंगे दामों पर 50 प्रतिशत शेयर खरीदे, उसका कोई अता-पता नहीं है। वो पोस्ट ऑफिस बॉक्स एड्रेस दे रखा है। ऐसे में इसकी जांच होनी चाहिए
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