एशिया हमेशा से ही धार्मिक आस्थाओं का केंद्र रहा है। समय-समय पर यहां
विभिन्न धर्मों और आस्थाओं के बीज अंकुरित हुए हैं। सभी धर्म और संप्रदाय
हमेशा ही मनुष्य को संन्मार्ग का रास्ता दिखाते हैं और कुछ इसी मकसद से
मंदिरों का निर्माण होता रहा है।
आध्यात्मिक ज्ञान और भौतिकता का अद्भुत संगम आस्था के केन्द्र यह
मंदिर यहां आने वाले सभी अनुयायियों को एहसास कराते हैं भाग-दौड़ की आम
जिंदगी के कुचक्र के जन्नत सरीखे वो एहसास जो ऐसा प्रतीत कराते हैं मानों
हम स्वर्ग में हों।
आस्था के इन्हीं चंद भवसागर सरीखे गहरे स्रोतों से आज हम आपको अवगत
कराएंगे और बताएंगे कैसे जीते-जी ही आप यहां आते साथ ही पहुंच जाते हैं
मानो स्वर्ग में।
एशिया हमेशा से ही पूरे विश्व में धर्म और अध्यात्म के मुख्य प्रवर्तकों
में रहा है। यहां सनातन धर्म के साथ समय-समय पर कई धर्म और संस्कृतियां
पनपीं जिन्होंने मानव जीवन को सुव्यवस्थित और मर्यादित रहने का संदेश दिया।
आज हम आपको बता रहे हैं एशिया के उन चंद मंदिरों के बारे में जिनका
आध्यात्मिक महत्व और वास्तुनिष्ठ सौन्दर्य हमें स्वर्ग सरीखे लगते हैं और
ऐसा लगता है कि हम जीवित ही स्वर्ग की सैर कर रहे हों...
यूं
तो एशिया भर में ऐसे मंदिरों की भरमार है पर इस स्टोरी में हम आपके सामने
ला रहे हैं वे चुनिंदा मंदिर जो आपको स्वर्ग की अनुभूति करवाते हैं। यहां
केवल अनुयायी ही नहीं बल्कि दुनिया भर से पर्यटक आते हैं और वे अपने अंदर
भर लेते हैं आस्था का वो अंश जो कहीं न कहीं उनके जीवन से दूर था...इन्हीं
चंद शानदार मंदिरों में शुमार किया जाता है श्री हरिमंदर साहिब को भी.....
दरबार साहिब और गोल्डन टेंपल के नाम से मशहूर श्री हरिमंदर साहिब की महानता
की इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहा तो यहां तक जाता है कि गौतम
बुद्ध ने भी इस जगह आराम कर आत्मिक शांति का एहसास किया था।