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28 मार्च 2013

ये है रावण की जन्म की अनोखी कहानी जो आपने शायद ही सुनी होगी



 

द्रोपदी को छुड़ा लेने के बाद धर्मराज युधिष्ठिर ने मार्कण्डेयजी से कहा मैं रामचंद्रजी का चरित्र कुछ विस्तार के साथ सुनना चाहता हूं। अत: आप बताइए कि रामजी किस वंश में प्रकट हुए, उनका बल और पराक्रम कैसा था। साथ ही रावण के बारे में भी बताइए। तब मार्कण्डेयजी सुनाने लगे। रावण के जन्म की कथा सुनो। ब्रह्मजी रावण के पितामह थे। उनके पुत्र पुलस्त्यजी थे। उपकी पत्नी का नाम गौ था।

उससे कुबेर नाम का पुत्र हुआ वह अपने पितामह की सेवा में अधिक रहने लगा। ये देखकर पुलस्त्य मुनि को यह देख बहुत क्रोध हुआ। उन्होंने अपने आपको ही दूसरे शरीर से प्रकट किया। इस प्रकार आधे शरीर से रूपांतर धारण कर पुलत्स्यजी विश्रवा नाम से विख्यात हुए। पुलत्स्य के आधे देह से जो विश्रवा नामक मुनि प्रकट हुए थे।
वे कुबेर कुपित दृष्टि से देखने लगे। राक्षसों के स्वामी कुबेर को यह बात जब पता चली के उनके पिता उन पर क्रोधित हैं तो उन्होंने तीन राक्षस कन्याएं जिनका नाम पुष्पोत्कटा, राका और मालिनी को अपने पिता की सेवा में भेजा। मुनि उनकी सेवाओं से प्रसन्न हो गए।  पुष्पोत्कटा के दो पुत्र हुए रावण और कुंभकर्ण।
इस पृथ्वी पर इनके समान बलवान दूसरा कोई नहीं था। मालिनी से एक पुत्र विभीषण का जन्म हुआ। राका के गर्भ से एक पुत्र और एक पुत्री हुई। पुत्र का नाम  खर था और पुत्री का नाम शूर्पणखा। विभीषण इन सब में अधिक सुंदर, भाग्यशाली, धर्मरक्षक, और सत्कर्मकुशल था। रावण के दस मुख थे।

जमकर भूख नहीं लगती तो अपनाएं ये देसी तरीका



 

आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में अधिकांश बीमारियों का कारण पेट के रोग होते हैं और पेट रोग का प्रमुख कारण कब्ज है। अगर आप भी कब्ज और उससे होने वाली अन्य समस्याओं से ग्रस्त हैं तो घर पर ही करें अपनी कब्ज का इलाज इस आयुर्वेदिक दवा से।

सामग्री- छोटी काली हरड़ 250 ग्राम। इसे पानी में डाले। जो हरड़ पानी में डूब जाएं उसे लेना है। जो ऊपर तैरते रहे उसे फेंक देना चाहिए। डूबी हुई हरड़ को पानी से निकाल लें। एक ग्लास खट्टी छाछ में दो नींबू का छना हुआ रस डाल दें। फिर 10 ग्राम पीसा सेंधा नमक डाल कर हरड़ डाल दें और 48  घंटे तक ढाक कर रखें। बाद में हरड़ निकाल कर धूप में सुखा कर कूट पीस कर महीन चूर्ण कर लें।

इस चूर्ण को 1 कप गरम पानी के साथ एक चम्मच रात को सोते समय लें। यदि कब्ज ज्यादा हो तो चूर्ण और पानी की मात्रा आवश्यकता के अनुसार बढ़ा लें। इस प्रयोग को साल भर तक यानी हमेशा रात को सोते समय लेते रहें। कोई भी हानि नहीं होगी। हरड़ का प्रयोग उन लोगों के लिए एक वरदान ही है जो हमेशा कब्ज के शिकार बने रहते हैं।

जिन्हें न खुलकर भूख लगती है और न दोनों वक्त ठीक से शौच होता है। यह पाचन शक्ति ठीक रखने, गैस बनना, पेट साफ रखने, भूख बढ़ाने और समस्त उदर रोगों को दूर रखने वाला श्रेष्ठ और बहुत गुणकारी योग है। जो ऊपर बताएं फार्मुले का प्रयोग न भी करे और केवल हरड़ का ही उपयोग करें क्योंकि हरड़ के सेवन के भी कई लाभ हैं।

'भिखारी' को भेज दिया 35 लाख का बिल

'भिखारी' को भेज दिया 35 लाख का बिल
नई दिल्ली. सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता बने अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सुंदरनगरी इलाके में बिजली और पानी के बिलों के खिलाफ असहयोग आंदोलन कर रहे हैं। केजरीवाल को अन्न त्यागे 6 दिन हो गए। उनके इस आंदोलन पर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं, कहा जा रहा है कि वह लोगों में अराजकता फैला रहे हैं और एक निरंकुश व्यवस्था की ओर लोगों को ले जा रहे हैं। 

 
लेकिन अगर आप 65 साल के कुष्ठ रोगी कार्तिक यादव की कहानी सुनेंगे तो आप कहेंगे कि जनता अराजक नहीं है बल्कि व्यवस्था अराजक हो गई है। कार्तिक अपनी 60 साल की पत्नी कुसमकली और 22 वर्षीय बेटी अंजना यादव के साथ ताहिरपुर स्थित एकता विहार कुष्ठ आश्रम की झुग्गी नंबर 441 में रहते हैं। उन्हें यह झुग्गी सरकार ने साल 1995 में दी थी। बड़ी बेटी की शादी हो जाने के बाद अब उनके परिवार में तीन ही लोग हैं जिनके लिए एक कमरे का मकान बहुत छोटा होते हुए भी पर्याप्त है। 
 
कार्तिक यादव और उनकी पत्नी कुसमकली दोनों को 1800 रुपये प्रति माह की पेंशन मिलती है। यानि दोनों को 3600 रुपये महीना मिलते हैं। हर महीने करीब 400 रुपये का बिजली का बिल भरने में कार्तिक यादव को कोई दिक्कत नहीं थी। उनका परिवार पिछले सात साल से बिना देर किए नियमित बिजली का बिल भर रहा था। 
 
लेकिन इस साल जनवरी में बिजली कंपनी ने उन पर वज्रपात कर दिया। 11 जनवरी को उनके घर बिजली विभाग के लोग आए और बिजली बिल न जमा होने का नोटिस दिया। इससे पहले उन्हें बिजली विभाग की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला था। बिजली विभाग के लोगों ने कहा, 'हम तो तीन दिन में दोबारा आएंगे, तुम तब तक बिजली विभाग जाकर इसके बारे में पता कर लेना।' कार्तिक यादव उस दिन घर पर नहीं थे, पत्नी कुसुमकली ने नोटिस ले लिया। 
 
इसके बाद 29 जनवरी को कार्तिक यादव की बिजली का काट दी गई। कार्तिक यादव बिजली विभाग गए तो उन्हें पता चला कि उनके नाम पर 35 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया है। यह रकम सुनकर उनके होश उड़ गए।

कुरान का सन्देश

  
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