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31 मार्च 2013

सड़क’ पर मंत्री का विरोध, सुरक्षा में शिलापट्ट



जयपुर.हवामहल विधानसभा क्षेत्र में रविवार को रावल जी का बाजार में सड़क कार्य का शिलान्यास करने शिक्षामंत्री ब्रजकिशोर शर्मा पहुंचे। वहां लोगों ने उनका विरोध किया। क्षेत्र में विकास नहीं करने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। इस दौरान मंत्री से ज्यादा सुरक्षा कर्मचारी शिलापट्ट की निगरानी में रहे। डर था कि कहीं कोई और उसका पर्दा न हटा दे। प्रदर्शन करने वालों में कुछ क्षेत्रीय कांग्रेसी कार्यकर्ता भी शामिल थे। बाद में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में शिलान्यास कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसी प्रकार वार्ड 73 की सैयद कॉलोनी में सड़क कार्य का शिलान्यास हुआ। वहां भी लोगों ने विरोध किया।
 
लोगों का आरोप :
 
चुनाव नजदीक आ रहे हैं इसलिए विधायक ने क्षेत्र को संभालना शुरू कर दिया। यहां के लोग लंबे समय से सफाई व अन्य कई समस्याओं से परेशान हैं। उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही।
 
मंत्री की सफाई :
 
कुछ नेताओं ने अपने राजनीतिक हित साधने के लिए ये प्रदर्शन करवाया है। क्षेत्र की जनता मेरे पक्ष में ही है। मैं हर मौके पर उनके साथ ही खड़ा रहा हूं।
 
पर्यटकों के लिए तमाशा
 
मंत्री के विरोध के बीच वहां से विदेशी पर्यटकों से भरी बस गुजरी, जो जाम में फंस गई। इस दौरान उसमें बैठे कई पर्यटक भी प्रदर्शन की फोटो खींचते रहे।

क्या कोई अपनी बेटी की लाश के साथ ऐसा कर सकता है?


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जौनपुर. यहां के बक्शा थानाक्षेत्र में 26 मार्च को हुए एक विवाहिता की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस द्वारा एफआईआर न दर्ज करने पर अब लड़की के परिजनों ने सोशल मीडिया पर मदद मांगी हैं। लड़की के परिजनों का आरोप है कि थानाध्यक्ष एफआईआर दर्ज करने के बजाए समझौते का दबाव बना रहे हैं। 
 
दरअसल 26 मार्च को 20 वर्षीय सायमा की मौत हो गई थी। सायमा के परिजनों का आरोप है कि उसका पति खुर्शीद कुरैशी नशाखोरी करता है और शराब के लिए हमेशा अपनी पत्नी को पीटता रहता था। बीती 25 मार्च को भी उसने सायमा द्वारा पैसे न देने पर उसकी बुरी तरह पिटाई की जिससे उसका गर्भ गिर गया और दांत व घुटने टूट गए।
 
सायमा के बच्चों को खुर्शीद के परिजनों ने दफन कर दिया और उसे जौनपुर के एक अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी खराब हालत को देखते हुए उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया गया। सायमा को आनन-फानन में बनारस के अस्पताल के पॉपुलर अस्पताल में भर्ती कराया गया। खराब हालत को देखते हुए सायमा के परिजनों को जानकारी दी गई। सायमा के परिजनों जब पहुंचे तो उसकी अंतिम सांसे चल रही थी। उसने अपने परिजनों को बताया कि मौत के लिए उसका पति खुर्शीद, भाई शकील और जाहेदा और मोफीद नाम की महिलाएं जिम्मेदार हैं। 
 
परिजन लाश को लेकर बक्शा थाने पहुंचे और एफआईआर दर्ज करने की मांग की। थानाध्यक्ष रमेश यादव ने एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया। परिजनों के दबाव के बाद अगले दिन लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। परिजनों का आरोप है कि पोस्टमार्टम के बाद भी थानाध्यक्ष ने एफआईआर दर्ज नहीं की। यहि नहीं रात में कुछ लोग उनके घर भी आए और समझौता करने का दबाव बनाया। सायमा की लाश को उसके पैतृक गांव उसरेठा में दफन कर दिया गया। लेकिन परिजनों के कई बार तहरीर देने के बाद भी संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की जिसके बाद अब एफआईआर दर्ज करवाने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाया गया है। 
 
दैनिक भास्कर डॉट कॉम ने जब इस बारे में एसएचओ बक्शा रमेश यादव से बात की तो उनका कहना था कि पीड़िता की लाश को मौत के बाद चोट पहुंचाई गई है। पोस्टमार्ट रिपोर्ट में मौत का कारण बीमारी और अधिक खून बहना बताया गया है। परिजन झूठा मुकदमा दर्ज करने का दबाव बना रहे हैं इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। वहीं परिजन सवाल करते हैं कि क्या कोई भी अपनी बेटी की लाश के साथ ऐसा कर सकता है?
 
पूरे मामले में जौनपुर के एसपी बाल करण एस यादव का कहना है कि मामला उनकी जानकारी में है लेकिन अभी तक परिजनों ने उनके पास कोई तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलने पर वह एफआईआर दर्ज करवाएंगे और यदि एसएचओ ने कोई गलती की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे।

कल दाखिल होगा शाहरुख़ के खिलाफ अदालत में मुकदमा, माफी नहीं आई काम



मुबई. फिल्म अभिनेता शाहरुख खान ने एक बार फिर गुजरे जमाने के मशहूर अभिनेता मनोज कुमार से माफी मांग कर उनका गुस्सा शांत करने की कोशिश की है।
लेकिन मनोज कुमार इससे संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि माफी का पत्र शाहरुख ने नहीं बल्कि उनकी निजी सचिव करुणा बदवाल ने लिखा है। इसलिए उनके वकील अशोक सरावगी मंगलवार को शाहरुख खान के खिलाफ अदालत में मुकदमा दाखिल करेंगे।
साल 2007 में आई शाहरुख की फिल्म ओम शांति ओम के एक दृश्य में मनोज कुमार का मजाक उड़ाया गया था। इस पर मनोज कुमार ने नाराजगी जताई थी और मामले को लेकर अदालत में याचिका भी दायर कर दी थी। इसके बाद शाहरुख ने फिल्म से उस आपत्तिजनक दृश्य को हटा दिया था।
इसके बाद यह विवाद समाप्त हो गया था। लेकिन पिछले दिनों जापान के टोकियो शहर में आयोजित फिल्म महोत्सव में शाहरुख खान की इस फिल्म को उसी सीन के साथ प्रदर्शित किया गया जिसे फिल्म से अलग करने का वादा शाहरुख और फिल्म की निर्देशक फराह खान ने अदालत में किया था।
इस वजह से मनोज कुमार के वकीलों द्वारा शाहरुख खान उनकी प्रॉडक्शन कंपनी रेड चिली और फिल्म के ओवरसीज डिस्ट्रीब्यूटर इरोज फिल्म्स को कोर्ट की अवमानना के साथ-साथ 100 करोड़ रुपए मुआवजे का नोटिस भेजा है। इस मामले में मनोज कुमार के वकील अशोक सरावगी ने भास्कर से चर्चा के दौरान बताया कि शाहरुख ने अदालत की अवमानना की है। इस लिए हम शाहरुख के खिलाफ फौजदारी व दीवानी मुकदमा दायर करने जा रहे हैं।

मिस इंडिया की मां ने सहा कुछ ऐसा जिसे पढ़ भर आएंगी आपकी आंखें!

मुझे समझ में नहीं आ रहा कहां से शुरू करूं.... वो बहुत ही डरावना समय था. मेरे पति अच्छे पद पर थे. मेरी अभी-अभी शादी हुई थी लेकिन, मेरा पारिवारिक जीवन शुरू होने से पहले ही डूबने की कगार पर था. आम औरतों की तरह, तमाम मजबूरियों के बावजूद मैं अपने जीवन को संभालने की पूरी कोशिश कर रही थी.
 
मेरे ससुराल वाले लगातार इस बात पर जोर दे रहे थे कि जैसे ही मुझे एक बेटा पैदा होगा सब ठीक हो जाएगा. मैं पहले ही एक बेटी को जन्म दे चुकी थी. घर छोड़ कर जाना मेरे लिए बहुत मुश्किल था. मेरे पिता का देहांत हो चुका था और मेरे भाई जो बाटा कंपनी में काम करते थे उनकी माली हालत बहुत बेहतर नहीं थी. 
 
मैं अपनी सास की भी देखभाल करती थी जो कैंसर से पीड़ित थीं. उनकी सेवा करते हुए मैं सोचती कि शायद उनका आशीर्वाद मेरे काम आ जाए और एक दिन सब ठीक हो जाए.
 
मैं बता नहीं सकती वह सब मै कैसे सह रही थी...  एक औरत के लिए इससे बड़े दुःख की बात और क्या हो सकती थी कि उसका पति किसी दूसरी औरत से संबंध रखता था. मैं शुद्ध शाकाहारी थी लेकिन अपने पति को खुश रखने के लिए मैंने मांसाहार तक बनाना सीखा...

कुरान का सन्देश

प्रेस क्लब कोटा में होलीस्नेह मिलन कवि सम्मेलन


कोटा प्रेस क्लब में आज आयोजित होली स्नेह मिलन समारोह में विख्यात और कुख्यात कवियों ने सभी पत्रकारों को अपने रचनाये पढ़कर खूब गुदगुदाया ....कोटा प्रेस क्लब में आयोजित होली स्नेह मिलन कवि सम्मेलन समारोह में अध्यक्षता राजस्थान सरकार के पूर्व केबिनेट मंत्री और पूर्व राज्यसभा सदस्य ललितकिशोर चतुर्वेदी कर रहे थे ..जबकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोटा के सांसद इजय्राज सिंह थे और विशिष्ठ अतिथि रेजोनेंस  के संचालक आर के वर्मा थे ...........इस अवसर पर प्रेस क्लब लाइब्रेरी भवन का शिलान्यास कार्यक्रम भी था ....कवि सम्मेलन का संचालन हास्य व्यंग्य कवि अतुल चतुर्वेदी ने किया ...कवि सम्मेलन में वीर रस कवि संजय शुक्ला ने वन्दे मातरम पर अपना काव्य पाठ करते हुए दुश्मनों को ललकार दी तो हास्य कवि हलीम आयना ने पत्नी के मोटापे की भ्रष्टाचार से तुलना कर देश के भ्रष्टाचार भरे माहोल पर व्यंग्य किया उन्होंने देश भक्ति की रचना भी पढ़ी ..................कवि सम्मेलन को दोहों के माध्यम से गागर में सागर भरने के लियें प्रसिद्ध कवि रामनारायन हलधर ने छोटे छोटे दोहों को पढ़ कर सभी पत्रकारों और अतिथियों को गुदगुदाया ..उन्होंने अपनी पुरकशिश आवाज़ से श्रोताओं को बांधे रखा और खूब वाहवाही लूटी ..उनके अतुकांत दोहों में हास्य भी था व्यग्य भी था तो श्र्गार रस के साथ होली की यादे होली की फुहार भी उसमे शामिल थी ........कवि टेम्पो और मुर्गा के नाम से मशहूर हुए विश्वामित्र दाधीच ने होली के माहोल को हाडोती में संवार दिया उन्होंने होली के वातावरण को घागरा और चोली चुन्नी के माहोल में बदल दिया ..उन्होंने अपनी पत्नी का किस्सा सुनते हुए कहा के वोह मेरे सभी प्रशस्ति पत्र रद्दी के भाव बेच कर एक स्टील की आता रखने की टंकी ले आई ..उन्होंने सांसद इजैराज सिंह की हाडोती को बढ़ावा देने की प्रव्रत्ति की प्रशंसा की ....कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे भाई अतुल चतुर्वेदी ने क्षणिकाओं के जरिये पत्रकारिता ..डोक्टर ...शिक्षक ...वकील ...नेता ...सभी लोगों पर जबर्दस्त प्रहार किये और लोगों के दिलो दिमाग पर छा गए .......अल्प समय के इस हास्य होली मिलन कवि सम्मेलन में निमंत्रित सभी कवियों की हाल ही में विभिन्न पुस्तकें प्रकाशित हुई है और सभी कवि अपनी रचनाओं .अपने कविता पढने के विशिष्ठ अंदाज़ के लियें राष्ट्रिय पहचान रखते है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रेजोनेंस प्रेस क्लब कोटा लाइब्रेरी कार्य में मदद करेगा ..वर्मा


कोटा की बेस्ट कोचिंग संस्थान के निदेशक आर के वर्मा ने आज कोटा प्रेस क्लब को लाइब्रेरी भवन के लियें किताबों सहित सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया ....रेजोनेंस किंग शिक्षाविद आर के वर्मा ने कहा के शेक्षणिक संस्था के आलावा किसी दूसरी संस्था में पत्रकारों के समक्ष में पहली बार रूबरू हुआ हूँ उन्होंने कहा के प्रेस क्लब के लाइब्रेरी शिलान्यास नाम पट पर में अपना नाम देख कर अभिभूत हूँ ..उन्होंने कहा के पत्रकारों को अध्ययन और अध्यापन की आवश्यकता है आज के युग में किताबों और फिर इंटरनेट की लाइब्रेरी को आवश्यकता है उन्होंने कहा के मेरे पास कई उपयोगी किताबे है जो प्रेस क्लब की लाइब्रेरी के लियें उपयोगी होंगी वोह तो में दे दूंगा लेकिन में राशि की घोषणा नहीं करता फिर भी इस लाइब्रेरी की व्यवस्था में मेरे लायक जो भी सेवा होगी में पीछे नहीं हटूंगा ..उन्होंने पत्रकारिता से शेक्षणिक नगरी कोटा के छात्र छात्राओं के लियें भी सकारात्मक पत्रकारिता का आह्वान किया ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा प्रेस क्लब को सांसद कोष से इजय्राज सिंह पांच लाख देंगे


कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र से कोंग्रेस पार्टी से निर्वाचित सांसद महाराज कुंवर इजैराज सिंह ने आज कोटा प्रेस क्लब की तीसरी मंजिल पर प्राथमिक निर्माण के लियें पांच लाख रूपये सांसद निधि से देने की घोषणा की ...संसद इजैराज सिंह ने कहा के प्रेस क्लब कोटा की तीसरी मंजिल निर्माण के लियें जहाँ पत्रकारिता का पाठ्यक्रम कोर्स करवाया जाना प्रस्तावित है मे पांच लाख रूपये संसद निधि से देने की घोषणा करता हूँ ...उन्होंने कोटा के पत्रकारों के भूखंड और आवास समस्या पर बोलते हुए कहा के राजस्थान के दुसरे जिलों में पत्रकारों को दुसरे चरण में आवास और भूखंड देने की प्रक्रिया अगर शुरू हुई है तो कोटा के पत्रकारों को भी इस मामले में दुसरे चरण में जो पात्र पत्रकार भूखंड या आवास से वंचित रह गए है उन्हें लाभ दिलवाने के लियें वोह शीघ्र ही राजस्थान के मुख्यमंत्री आदरणीय अशोक जी गहलोत से वार्ता कर कुछ कार्यवाही करवाने का प्रयास करेंगे उन्होंने कहा के पत्रकारिता और राजनीति का चोली दामन का साथ है और पत्रकार किसी भी खबर को जांच परख कर बिना अपनी ओपिनियन दिए अगर जनता के समक्ष जनता को निर्णय करने के लियें परोसते है तो ठीक है लेकिन अगर पत्रकार खुद की सोच डाल दे या जनता को विचार दे तो पत्रकारिता ठीक नहीं है उन्होंने पत्रकारों से भी निष्पक्ष होकर खबरों के प्रकाशन का आह्वान किया ..सांसद इजय्राज सिंह ने भविष्य में भी पत्रकारों की समस्या के समाधान के लियें सजग और तत्पर रहने का आश्वासन दिया ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा प्रेसक्लब में भाजपा के ललित चतुर्वेदी ने पन्द्राह लाख का निर्माण कराया

राजस्थान सरकार के पूर्व केबिनेट मंत्री पूर्व राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य ललित किशोर चतुर्वेदी ने आज प्रेस क्लब कोटा में अध्यक्षता करते हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनकर आये कोटा सांसद इजय्राज सिंह से फीता डालने की कहानी सूना कर प्रेस क्लब कोटा के और निर्माण के लियें दस लाख रूपये संसद निधि कोष से देने के लियें कहा जो बाद में संसद इजैराज सिंह ने पांच लाख रूपये देने की घोषणा की .............ललित किशोर चतुर्वेदी के सांसद कोष से कोटा प्रेस क्लब में तीन वर्ष पूर्व दूसरी मंजिल पर आठ लाख रूपये की सांसद निधि कोष से एक होल का निर्माण हुआ था बाद में प्रेस क्लब कोटा में लाइब्रेरी के निर्माण के लियें ललित किशोर चतुर्वेदी ने सात लाख रूपये और देने की घोषणा की जिस निधि से आज आयोजित कार्यक्रम में लाइब्रेरी भवन का शिलान्यास किया गया .....ललित किशोर चतुर्वेदी प्रेस क्लब कोटा को निर्माण के लियें अब तक पन्द्राह लाख रूपये दे चुके है ..उन्होंने अपने उदबोधन में कहा के सांसद निधि कोष से किसी भी संस्था को पच्चीस लाख से ज्यादा नहीं मिल सकते है और पन्द्राह लाख में दे चूका हूँ केवल दस लाख की सीमा बाक़ी है जो कोटा बूंदी लोकसभा के सांसद इजैराज सिंह से में देने के लियें निवेदन करता हूँ ..उन्होंने कहा के प्रेस क्लब कोटा में पत्रकारिता पाठ्यक्रम की गतिविधियों के लियें भी कोर्स चलाना चाहिए और इसकी तीसरी मंजिल पर भवन बना कर इस कार्य को हाडोती के पत्रकारों के फायदे के लियें शुरुआत की जा सकती है .....ललित किशोर चतुर्वेदी ने अपने उद्बोधन में एक दिलचस्प किस्सा सुना कर संसद इजय्राज सिंह के समक्ष फीता डालने की बात कही ..उन्होंने किस्सा सुनते हुए कहा के एक जागीरदार साहब से उनके कामदार ने कहा के साहब आप कई बार इतनी बढ़ी बाते कर देते हो जिससे लोग हंसते है और मुझे भी हंसी आती है तो आप तोल  मोल कर बोला  करो ..इस पर जागीरदार ने कहा के मीन तुम्हे नोकरी पर रखा हुआ है तुम मुझे टोक दिया करो ..कामदार ने जागीरदार साहब से कहा के सबके सामने तो में टोक नहीं सकता लेकिन में जेसे ही आप बढी बात करेंगे तो में उंहू कर दूंगा और आप समझ लेना ......जागीरदार साहब ने एक कार्यक्रम में शेर के शिकार का किस्सा सुनते हुए कहा के मेने दूर से शेर को देखा तो वोह पचास फिट का था इस पर कामदार ने उंह किया तो जागीरदार साहब ने शेर को पच्चीस फुट का कर दिया फिर कामदार ने उंह किया तो जागीरदार साहब ने शेर की लम्बाई बाईस फुट कर दिया ..फिर कामदार ने उंह किया तो जागीरदार साहब ने कहा के मेने फीता निकाल कर शेर को नाप था वोह तो बीस फिट का निकला इस पर कामदार ने फिर उंह किया तो जागीरदार साहब ने कहा के भाई अब तो में कुछ भी कम नहीं कर सकता मेने तो फीता ही डाल  दिया ...ललित किशोर चतुर्वेदी ने कहा के सांसद इजैराज सिंह जी मेने तो अब फीता डाल  दिया पन्द्राह लाख मेने दे दिए है ....संस्था को कुल पच्चीस लाख दिए जा सकते है अब बाक़ी के दस लाख आप दे दो प्रेस क्लब कोटा में पत्रकारिता का पाठ्यक्रम शुरू हो जाएगा ....इस पर सभी पत्रकारों ने स्वागत किया ..ललित किशोर चतुर्वेदी ने कहा के पत्रकार भ्रष्टाचार को मिटाने और भ्रस्ताचार के खिलाफ जनता को जाग्रत करने का काम करते है ..उन्होंने कहा के आज सभी पार्टियों में भ्रष्टाचारी उम्मीदवारों को टिकिट मिल रहे है लेकिन में कहता हूँ के मेरा राजनितिक दल हो या दुसरा राजनितिक दल हो इसमें भ्रष्टाचारियों ..अपराधियों ..दागियों को राजनीती से बेदखल करने के लियें उन्हें टिकिट देने का विरोध करना चाहिए ..उन्होंने कहा के अव्वल तो पार्टियां दागियों को टिकिट नहीं दे और अगर पार्टियां किसी दबाव लालच में ऐसे लोगों को टिकिट भी दे दे तो पार्टी के कार्यकर्ताओं को उनके लियें काम नहीं कर बहिष्कार करना चाहिए ..उन्होंने कहा के अगर कार्यकर्ता भी उनके साथ लग जाए तो जनता को वोटर्स को ऐसे दागी उम्मीदवारों को बाहर  का रास्ता दिखाना चाहिए ..उन्होंने कहा के राजनीति के नेतिकता पैदा  करने के लियें सियासी पार्टियों  के कार्यकर्ताओं और जनता  को भी मजबूत और एक जुट होना पढ़ेगा ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अगर दुनिया की निगाह में यही मुर्खता है तो मुझे अपने महामूर्ख होने पर गर्व है

दोस्तों आज एक अप्रेल यानि मुर्ख दिवस है ..मुर्ख  दिवस क्या होता है ..क्यूँ मनाया जाता है ..मुर्ख दिवस होता भी है या नहीं मुझे पता नहीं ...लेकिन यह सच है के में जनता की निगाह में पहले मुर्ख था और अब महामूर्ख हो गया हूँ ..यकीन मानिए ... जनता द्वारा मुझे महामूर्ख समझने पर में खुद को गोरवान्वित महसूस करता हूँ ...जी हाँ दोस्तों बचपन से मेरा स्वभाव क्रोधी और बदले की भावना वाला रहा है .... मुझे याद है मेरी खुद की सगी मोसी ने मुझे गुस्सा दिलाया मेने गुस्से में उनके सर पर गुलेल से वार  किया और उनका सर फट गया ...सर पर कई टाँके आये ..इसी बचपने में एक पड़ोसी ने मेरे एक रिश्तेदार से अभद्रता की वोह उम्र में बहुत बड़े और पहुंच वाले भाई जी थे ...लेकिन मेरा गुस्सा ऐसा था के मुझे पता पढने पर मेने उनके घर में जाकर सूतली बम के कई धमाके किये ..यह क्रोध यह गुस्सा और बदले की भावना हर इन्सान में होती है ..में पत्रकारिता से जुडा और मेरी लेखनी ..पत्रकारिता के रॉब और अधिकरियों ..नेताओं से बहतर सम्बन्ध होने के कारन में खुद को तीसमारखां समझने लगा ..और कई बार गुस्से में बदले की भावना से में कुछ लोगों का अपमान किया तो नुकसान भी किया ...कुछ एक तो ऐसे ओछे किस्से है जिनकी यादें आज मुझे शर्मिंदा करती है मेने कुछ लोगों को बदले की भावना से पुलिस में बंद करवाया ...यहाँ तक के कलेक्ट्री में उनकी जमानत भी नहीं होने दी ..घमंड में चूर होकर जब तक कोई भी दुश्मन मेरे आगे नतमस्तक न हुआ मेने उसका पीछा नहीं छोड़ा . कई  कर्मचारियों अधिकारियों का बेवजह अदला बदली करवाई ...लेकिन पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ने के कारण मेरा पढने का शोक था ....कुरान शरीफ मेने अरबी में पढ़ा था ...बचपन में उसका पूरा अनुवाद ढंग से नहीं पढ़ सका था ..सो मेने कुरान शरीफ का अनुवाद पढ़ा ... उसे पढ़ा ही नहीं समझा भी ...हुजुर सल्लाल्लाहे वसल्लम की जीवनी उनकी शिक्षा पढ़ी ..जीने का सलीका समझा ..महाभारत पढ़ी ..वेद पढ़े ..गीता पढ़ी ..बाइबिल .रामायण पढ़ी ..और में एक बात समझा के ताकत इश्वर सभी को देता है ....लेकिन जो इसका सदुपयोग करता है वोह इन्सान होता है और जो इसका दुरूपयोग करता है वोह शेतान होता है ..बस मेने अपनी सोच बदली ..बदले की भावना बदली ..लोगों से नफरत का भाव कम करने का प्रयास किया ..खुद को कर्तव्य के प्रति वफादार ..वक्त का पाबन्द बनाया ....गुस्सा कम किया और जो लोग पीछे से मेरी बुराई करते पकड़े गए वक्त पढने पर उनके लियें भी जो मुझ से बन पढ़ा वोह काम किया ...मेने जो लोग सियासत में नोकरशाही में पावरफुल थे बढ़े थे उनसे मदद लेना बंद कर दिया ....खुद को उनके आगे पीछे घुमने की प्रव्रत्ति से रोका ...और जो लोग मेरे कहने से बढ़े से बड़े  काम करते रहे थे उनके पास कभी सर न  झुकाया ..नतीजा मेरी पहुंच कम होती गयी ..जाहिर है पहुंच कम होगी तो पूंछ भी कम होगी ..लोग जो उनके नुकसान के डर से मेरी झूंठी इज्ज़त करते थे ... मेरे खिलाफ बोलने का साहस करने लगे ..मेरे पीठ पीछे बुराइयां की और जब वही लोग उनका कोई काम लेकर मेरे सामने आये तब मेरा व्यवहार मधुर देखा या उनकी पीड़ा में मेरे मदद का स्वभाव देखा तो मेरे बारे में मेरे खुद के दोस्त मेरे खुद के रिश्तेदारों और इर्द गिर्द वालों की सोच बदल गयी ..यकीन मानिए मेरी वक्त की पाबंदी और दुश्मनी का स्वभाव रखने  वाले ..मुझ से धोखा करने वाले ..पीठ  पीछा मेरे नुकसान की बात करने वाले लोगों ने  जब मुझे  मेरी हेसियत के हिसाब से उनके फायदे के लियें काम आते देखा गया तो मुझे लोगों ने मुर्ख की उपाधि देना शुरू कर दी ..मेरे कुछ दोस्तों ने मुझे इसे बेवकूफी बता कर इस स्वभाव को बदलने की हिदायत दी और दुश्मन को दुश्मन समझने ..धोखेबाज़ फरेबियों को बदला लेकर सबक सिखाने की सलाह दी ..यकीन मानिये में भी एक आम इन्सान हूँ मेरे साथ कई लोगों ने फरेब किये .. विश्वास के नाम पर विश्वास घात किया ...मेने खुद को सम्भाला थोड़ी सावधानी बरती ..लेकिन जो हाजी थे ..जो नमाज़ी थे ..जो खुद को इस्लाम के जानकार और मानने वाले कहकर विशवास दिलाते थे .. जो कसमे खाते थे  ..जो मोलाना थे ..जो मोलवी थे वोह लोग जब विश्वास दिलाकर कोई बात कहते तो उन्हें इस्लाम का जानकार ..नमाज़ी समझ कर मेरे पास उनकी बातो पर विश्वास करने के आलावा कोई दुसरा विकल्प न था .. इसलियें मेने उनकी बातो पर उनके वायदों पर विश्वास किया और यकीन मानिए ऐसे कई लोगों ने मेरा विश्वास तोडा मेरे साथ धोखा किया विश्वास घात किया कई बार बदले का ख्याल आया ..कई बार ऐसे लोगों को तबाह और बर्बाद करने के लियें मन में गुस्से का ज्वार उठा और खुद ने मुझे वोह ताकत भी बख्शी ..वोह रसुकात भी दिए के में ऐसे धोखेबाजों की हर बात का मुंह तोड़ जवाब देने में सक्षम था ..मुझे गुस्सा भी आता है .....कई बार रात को में गुस्से में ऐसे लोगों को सबक सिखाने का संकल्प भी लेता हूँ लेकिन सुबह जब कुराने पाक की हिदायत तर्जुमे से पढ़ता हूँ ..अल्लाह का फरमान और हुजुर सल्लाहे वसल्लम की हिदायत ध्यान में लाता हूँ तो मेरा गुस्सा काफूर हो जाता है और मेरी बदले की भावना फिर से मदद करने की तरफ बदल जाती है ..दोस्तों यकीन मानिए मुझे जब लोग मेरे साथ धोखा फरेब करने वालों को इस रूप में देखते है के में उनकी मदद कर रहा हूँ उनके लियें संकट मोचक बना हूँ तो लोग हाँ अधिकतम लोग जिसमे मेरे मित्र ..मेरे नजदीकी ..मेरे रिश्तेदार मेरे प्रशंसक मुझे मुर्ख और महामुर्ख समझने लगते है सब्र और वोह भी इन्ना लिल्लाहे माँ अस्साबेरींन की हद तक सब्र ...वक्त पर खुद का और दुसरे के हिस्से के काम करने की आदत ने भी मुझे दूसरों की निगाह में महामूर्ख साबित किया है लेकिन दोस्तों मुझे गर्व है के  में मुर्ख ही नहीं महामूर्ख हूँ और इस अप्रेल जो एक अप्रेल के रूप में महामूर्ख बनने की परम्परा है इस अवसर पर में गर्व से कहता हूँ के लोग जो सोचते है के मेने फलां को मुर्ख बना दिया वोह गलत सोचते है क्योंकि मुर्ख वही बनता है जो आपसे प्यार करता है जो मर्यादाओं में रहता है जो विधि नियमों से चलता है जो मानवता  का परचम लेकर चलता है ..मुर्ख वही बनता है जो आपको समझता है जो आपकी ख़ुशी के लियें सब कुछ जानकर भी जान बूझ कर मूर्ख बनता है ....विश्वासघात उसी के साथ होता है जो विश्वास करता है वरना किसी दुसरे में क्या मजाल जो कोई घात कर सके ..ऐसे लोग जो किसी को धोखा देकर किसी की पीठ पीछे उसकी आलोचना कर खुद को अक़लमंद समझते है तो वोह मुर्ख होते है या अक़लमंद इसका फेसला तो आप बहतर कर सकते है और मुझे इसीलियें गर्व है के में मुर्ख ही नहीं महामूर्ख हूँ क्योंकि जब में रात को बिस्तर पर जाता हूँ तो मुझे सुकून की नीन्द आती है ..जब में कोई ख्वाहिश करता हूँ तो मेरा रब उस ख्वाहिश को जल्दी से पूरी कर देता है ..जब कोई दुश्मनी पाल कर मुझे नुकसान पहुँचाने  की कोशिश करता है तो कुछ वक्त बाद वही शख्स  उसके किसी काम को लेकर मेरे कदमों होता है ...और इसीलियें मुझे गर्व है के माफ़ करना और वोह भी दुश्मन को माफ़ करना ताकतवर होने के बाद भी उसका दुरूपयोग नहीं करना खुद के प्रति तो इमानदारी है लेकिन आज के इस युग में आज की इस जनता के सामने महामुर्खता है और खुदा से मेरी यही दुआ है के मुझे यह महामुर्खता करने की हिम्मत मुझे मरते दम तक निभाने की ताकत दे और सब्र दे .......................आमीन सुम्मा आमीन ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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