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01 अप्रैल 2013

बेच दे अपनी अना बेच दे अपनी जुबा अपना जमीर

बेच दे अपनी अना बेच दे अपनी जुबा अपना जमीर
देख लेना तेरे हाथों सोने का निवाला होगा ........................जी हाँ दोस्तों किसी शायर का यह शेर जो उसने राज्यसभा में बिके हुए बेगेरत लालची नेताओं के लियें कहा था जिनका मूल मकसद केवल अपनी कुर्सी बचाना और अपने इलाके को बेचना था वोह बात कोटा के सियासी लोगों के लियें भी सही और सच साबित हो रही है ..दोस्तों हाडोती यानी कोटा सम्भाग की जनता और कोटा के वकील कोटा में राजस्थान हाईकोर्ट की बेंच की मांग कर रही है ...कोटा में राजस्व मंडल की डबल बेंच जो सरकारी बजट में दो साल पहले ही स्वीक्रत हो चुकी है उसे लाने की मांग कर रही है ..वकीलों को दिए गये प्लाट तात्कालिक समय पर नगर विकास न्यास कर्मचारियों की दर पर देने की मांग कर रहे है ..कोटा में विधि विश्व विध्ह्यालय की मांग क्र रहे है लेकिन दोस्तों कोटा का एक भी लीडर जो राजधानी में शेर बनकर घूमता है इस मामले में कोई पहल करने को तय्यार नहीं है ....सी पी जोशी को उदयपुर भीलवाडा से प्यार है वहां सीपी जोशी ने अपनी ताकत बता कर कोटा की जनता के हलक से चम्बल का पानी छीन कर मंगवा लिया है ....जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर के लियें अपना प्यार बता कर कोटा के हलक से आई आई टी छीन कर जोधपुर में लगवा दी है यहाँ से कई प्रस्तावित योजनाये इधर उधर चली गयी ...मामला हाईकोर्ट बेंच का चला तो उदयपुर के सी पी जोशी ने अपनी ताकत बताकर उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की कार्यवाही शुरू करवा दी थी जिसे कोटा की ताकत ने रुकवाई यहाँ के नेता कुछ नहीं बोले ..अभी कोटा के सांसद के समक्ष केन्द्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया है के राजस्थान के मुख्यमंत्री से और राजस्थान हाईकोर्ट से कोटा में हाईकोर्ट खोलने का प्रस्ताव भिजवा दो तीन माह में हम कोटा में हाईकोर्ट की बेंच खोल देंगे ..लेकिन दोस्तों हाडोती में कोई मंत्री ..कोई विधायक ऐसा मर्द नहीं जो इस मामले में मुख्यमंत्री का कोलर पकड़ कर यह करवा सके ..कोटा में दो वर्ष पूर्व राजस्व मंडल की डबल बेंच खोलने की बजट में स्वीक्रति हो गयी है लेकिन अजमेर के सचिन पायलेट के आगे यहाँ के नेता नतमस्तक है और कोटा में स्वीक्रत राजस्व मंडल की डबल बेंच लाने के लियें मुक्यमंत्री को नहीं ललकार रहे है ऐसे में जब कोटा के वकील और कोटा की जनता इस मांग को लेकर हाडोती के मान सम्मान और आन बाण के लियें संघर्ष कर रहे है तो यह सियासी लोग अपने एजेंटों के जरिये वातावरण बिगड़ कर मामला खराब कर रहे है अब बताइए क्या हाडोती में किसी को भी हाडोती का या कोटा का चहेता नेता कहा जा सकता है ऐसे में जब वोह नेता कोटा के अधिकारों को बेचकर रसमलाई और सोने का नेवाला खा रहे है तो फिर बेकल उत्साही का यह शेर सच साबित होता है ..कोटा के अभिभाषक इन मांगों को पूरा करवाने को लेकर डेढ़ माह से हडताल पर है ..खुदा यहाँ के सत्राह विधायक ..दो संसद और सत्ता पक्ष सहित विपक्ष के नेताओं को सद्बुद्धि दे ताकि वोह लोग अपने निजी स्वार्थों को पूरा करने के लियें कोटा के हक कोटा के अधिकारों की सोदेबाज़ी न करे वरना यह जनता है सब जानती है ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शीतला सप्तमी : इस विधि से करें व्रत व शीतला माता का पूजन



चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी को शीतल सप्तमी कहते हैं। इस दिन शीतला माता के निमित्त व्रत करने का विधान है। इस बार यह व्रत 2 अप्रैल, मंगलवार को है। कुछ स्थानों पर शीतला अष्टमी का व्रत करने का भी विधान है, जो 3 अप्रैल, बुधवार को है।
चूंकि इस व्रत में एक दिन पूर्व बनाया हुआ भोजन किया जाता है अत: इस व्रत को बसौड़ा, बसियौरा व बसोरा भी कहते हैं। इस दिन शीतला देवी की पूजा तथा व्रत किया जाता है। इस व्रत की विधि इस प्रकार है-
व्रत विधि
व्रती (व्रत करने वाली महिलाएं) को इस दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निपटकर स्वच्छ व शीतल जल से स्नान करना चाहिए।
स्नान के पश्चात निम्न मंत्र से संकल्प लें-
मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिये शीतला सप्तमी/ शीतलाष्टमी व्रतं करिष्ये ।
संकल्प के पश्चात विधि-विधान तथा सुगंधयुक्त गंध व पुष्प आदि से माता शीतला का पूजन करें। इसके बाद एक दिन पहले बनाए हुए (बासी) खाद्य पदार्थों, मेवे, मिठाई, पूआ, पूरी, दाल-भात आदि का भोग लगाएं।
इसके बाद शीतला स्तोत्र का पाठ करें और यदि यह उपलब्ध न हो तो शीतला माता की कथा सुनें। जगराता करें और दीपमालाएं जलाएं।
इस दिन व्रती को चाहिए कि वह स्वयं तथा परिवार का कोई भी सदस्य किसी भी प्रकार के गरम पदार्थ का सेवन न करे।

दो दिन पहले गलती से चली गई सीमा पार, पाक रेंजर्स ने बच्ची को लौटाया



बीकानेर.खाजूवाला में गायें चराते हुए भूलवश पाकिस्तानी सीमा में पहुंची छह वर्षीय पूजा दो दिन बाद घरवालों के पास लौट आई। दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे बीएसएफ को सौंप दिया। 
 
खाजूवाला में पाकिस्तान की सीमा पर तारबंदी से दो किमी दूर चक-43 केवाईडी निवासी सुखराम की छह साल की पुत्री पूजा 29 मार्च की सुबह अपने भाई-बहनों के साथ गायें चराने के लिए निकली थी। इस दौरान वह नीलकंठ बॉर्डर आउट पोस्ट के नजदीक जीरो लाइन पार कर पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गई। 
 
इसकी जानकारी मिलने पर बीएसएफ और पुलिस पूजा की खोजबीन में जुट गए। जीरो लाइन पर पदचिह्नें से पता चला कि पूजा पाकिस्तान की सीमा में चली गई है। भारत-पाक के बीच तीन बार फ्लैग मीटिंग हुई। मीटिंग के दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स ने स्वीकार किया कि पूजा उनके पास है। सोमवार को सायंकाल 7:30 बजे पाकिस्तानी रेंजर्स ने पूजा को बीएसएफ के जवानों को सौंप दिया।
 
पूजा का मेडिकल मुआयना करवाया गया। वह पूरी तरह स्वस्थ है। बीएसएफ के अधिकारियों ने पुलिस की मौजूदगी में पूजा को उसके पिता सुखराम को सौंप दिया। गौरतलब है कि पूजा के लापता होने की जानकारी खाजूवाला में बीएसएफ की 172वीं बटालियन के कमांडेंट सीआर चौहान ने पुलिस को दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी जिला प्रशासन से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी थी। 
 
'भूलवश पाकिस्तान की सीमा में गई पूजा अब वापस  परिजनों के पास लौट आई है। सोमवार को बीएसएफ के डीआईजी ने इसकी पुष्टि कर दी। बच्ची का मेडिकल मुआयना करवाया है। वह स्वस्थ है।' 
 
- आरती डोगरा, कलेक्टर बीकानेर
 
 
'बच्ची की तलाश में खाजूवाला सीओ और एसएचओ तीन दिन से बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए थे और बीएसएफ के अधिकारियों के संपर्क में हैं। सोमवार को सायंकाल पाक रेंजर्स ने बच्ची को लौटा दिया जिसे बाद में परिजनों को सुपुर्द कर दिया है। '
 
- राकेश सक्सेना, एसपी बीकानेर
 
'जीरो लाइन से पाकिस्तान की ओर जाने के पदचिह्न् मिलने के बाद आशंका थी कि पूजा पाकिस्तान की सीमा में चली गई है। उसे वापस लाने के लिए पाकिस्तान के साथ फ्लेग मीटिंग की गई। इस दौरान पाक रेंजर्स ने स्वीकार किया कि पूजा उनके पास है। सोमवार को सायंकाल बाद उन्होंने पूजा का लौटा दिया। पूजा को उसके परिजनों को सौंप दिया है।'
 
- के. एस. राठौड़, डीआईजी बीएसएफ

जैकब जॉन गिरफ्तार, बच्चियों को शोषण के लिए देता था दवा


 

जयपुर.बच्चियों को अवैध रूप से रखने के मामले में ग्रेस होम के संचालक जैकब जॉन को सोमवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया।
 
जैकब जॉन ने छह साल की दो बच्चियों को मालवीय नगर स्थित अपने घर ए-55 में अवैध रूप से रख रखा था। बच्चियों के बरामद होने के बाद वह फरार था। मालवीय नगर थाना पुलिस सिविल ड्रेस में उसके घर के आसपास तैनात थी। 
 
सोमवार को जैसे ही वह घर आया, पुलिस ने पकड़ लिया। जैकब पर मानसरोवर थाने में भी बच्चियों को अवैध रूप से रखने और दुष्कर्म का तथा जवाहर सर्किल थाने में अवैध रूप से ग्रेस होम संस्था चलाने का मामला दर्ज है।
 
बच्चियों को शोषण के लिए देता था दवा
 
मानसरोवर में ग्रेस होम का संचालक जैकब जॉन बालिकाओं के जल्द शारीरिक विकास के लिए हार्मोनल दवाइयां देता था। जांच और काउंसिलिंग से जुड़े लोगों का मानना है कि ऐसा शारीरिक शोषण के लिए ही किया जाता था।
 
ग्रेस होम से मुक्त कराई गई बाहरी राज्यों की बालिकाओं ने बाल कल्याण समिति व बाल संरक्षण आयोग को चौंकाने वाली जानकारी दी है। उनके मुताबिक, मणिपुर के अकरूल जिले की थोटरेमी (11) व सोयोरिन (11) की तबीयत खराब हो गई थी। संचालक ने इसकी सूचना न तो बालिकाओं के परिजनों को दी और न ही उनका उपचार कराया। 
 
उपचार नहीं होने से दोनों बालिकाओं को टीबी हो गई और उनको परिजन घर ले गए। वहां जाने के बाद थोटरेमी की 2009 व सोयोरिन की जनवरी 2013 में मौत हो गई। दोनों ग्रेस होम में वर्ष 2002 से रह रही थीं। सोयोरिन के परिजनों ने इसकी शिकायत मणिपुर के एनजीओ से की थी।
 
ऐसे हुआ खुलासा
 
> मणिपुर के एक एनजीओ को जयपुर में ग्रेस होम में नॉर्थ-ईस्ट के बच्चों को बंधक बनाने की सूचना मिली। 
 
> एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने इसकी सूचना दिल्ली मुख्यालय पर दी। फरवरी के अंतिम सप्ताह में मुख्यालय से जयपुर में संचालित एफएक्सबी इंडिया सुरक्षा एनजीओ के कार्यकर्ताओं को मामले की जांच के निर्देश दिए गए।
 
> एफएक्सबी के कार्यकर्ताओं ने 11 मार्च तक ग्रेस होम की गतिविधियों पर नजर रखी। 
 
> 12 मार्च को एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने बाल संरक्षण आयोग व बाल कल्याण समिति के सहयोग से मानसरोवर व जगतपुरा में ग्रेस होम में दबिश दी। 
 
> 27 बालिकाओं व 24 बालको को मुक्त कराया। जॉन के घर से दो बालिकाओं को मुक्त कराया।
 
हार्मोनल दवाओं के साइड इफेक्ट
 
पीडियाट्रिशियन डॉ. अशोक गुप्ता के मुताबिक हार्मोन वाली दवाओं के सेवन से समय पूर्व शारीरिक बदलाव आते हैं। डॉक्टर की सलाह के बगैर ऐसी दवाओं के अनियमित प्रयोग से बच्चों को दूसरी कई शारीरिक परेशानियां मसलन हाइट कम रहना, मोटापा, ब्लड प्रेशर आदि कई बीमारियां हो जाती हैं।
 
बच्चों को परिजनों व कल्याण समिति को सौंपा
 
बाल कल्याण समिति ने 51 बच्चों को मुक्त कराया था। जैकब जॉन के घर से दो और बालिकाओं को मुक्त कराया। 38 बच्चों को परिजनों व संबंधित राज्य की बाल कल्याण समिति को सौंप दिया। शेष 15 बच्चों को लेने नगालैंड पुलिस व बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी जयपुर आए हैं। 
 
रिश्तेदार के माध्यम से लाता था ग्रेस होम में बच्चे 
 
जैकब जॉन का एक रिश्तेदार मणिपुर में बालगृह चला रहा है। जॉन ने उसी के जरिए उत्तर-पूर्वी राज्यों के गरीब परिवारों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और ठीक से ख्याल रखने का झांसा दिया। इसके बाद वहां से बच्चों को जयपुर लाया गया। जयपुर में जॉन 1996 से अवैध रूप से ग्रेस होम का संचालन कर रहा है। 
 
जैकब जॉन दो साल से कर रहा था ज्यादती 
 
आरोपी जॉन पिछले दो साल से नगालैंड की 17 वर्षीय किशोरी के साथ ज्यादती कर रहा था। इस संबंध में मानसरोवर थाना पुलिस ने पीड़ित को सोमवार को कोर्ट नंबर 17 में मजिस्ट्रेट के सामने बयानों के लिए पेश किया। उल्लेखनीय है कि 12 मार्च को बालिकाओं को मुक्त कराया गया था। पुलिस पूछताछ में पीड़िता व अन्य बालिकाओं ने ज्यादती की बात बताई थी, लेकिन पुलिस ने मामले को दबा दिया। 
 
बयानों के 15 दिन बाद भी पुलिस ने पीड़िताओं को मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया। थाना प्रभारी शिवरतन गोदारा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पीड़ित बालिका के बयानों की प्रमाणित कॉपी के लिए कोर्ट में आवेदन किया जाएगा। उसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

लव-सेक्‍स-धोखा के चलते हुआ अरबपति नेता का मर्डर? बेहद करीबी ने दी थी सुपारी, खुलासा जल्‍द


नई दिल्ली। अरबपति बीएसपी नेता और कारोबारी दीपक भारद्वाज की हत्या के सिलसिले में दोनों शार्प शूटर सुनील मान और पुरुषोत्तम राणा को दिल्‍ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। दोनों सोमवार को बेहद नाटकीय ढंग से समर्पण करने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में पहुंचे थे, लेकिन यहां पहले ही घात लगाए बैठी दिल्‍ली पुलिस की टीमों ने पुरूषोत्‍तम को कोर्ट के बाहर सरेंडर करने से पहले ही हिरासत में ले लिया। पुलिस को इलेक्‍ट्रोनिक सर्विलांस के जरिए दोनों के यहां सरेंडर करने की जानकारी पहले से ही थी। लिहाजा पुलिस की कई टीमें यहां घात लगाए बैठी थी।
वहीं, सुनील ने पुलिस की नजरों से बचते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्‍ट्रेट प्रशांत शर्मा की कोर्ट नंबर 23 में समर्पण कर दिया। अपने वकील के जरिए उन्‍होनें सरेंडर का आवेदन बनाया हुआ था, लेकिन कोर्ट ने उसकी सरेंडर की अर्जी खारिज कर दी, जिसके बाद पुलिस ने उसे कोर्ट से बाहर निकलते ही हिरासत में ले लिया। क्राइम ब्रांच और साउथ दिल्ली पुलिस दोनों से संयुक्त रूप से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने इस केस में वारदात में प्रयुक्‍त स्‍कोडा के मालिक राकेश को भी गिरफ्तार कर लिया है। यह इस केस में पहली गिरफ्तारी हुई है। वहीं, थोड़ी देर बाद ही पुलिस ने सुनील, राकेश और अमित को भी औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी (साउथ) छाया शर्मा ने प्रेस कांफ्रेस में इस केस की कोई अहम जानकारी नहीं दी। उन्‍होनें कहा, कार मालिक राकेश की निशानदेही पर पुरूषोत्‍तम और सुनील को पकड़ा। केस काफी अहम था, लिहाजा क्राईम ब्रांच और स्‍पेशल सेल से जानकारियां साझा की गईं। तफ्तीश चल रही है, अहम जानकारियां सामने आने पर मीडिया को बता दिया जाएगा। डीसीपी ने हत्‍या की वजह का खुलासा नहीं किया।
एक आला पुलिस अधिकारी ने कहा, अब पुलिस के सामने बड़ा सवाल यह है कि आखिर दीपक की हत्या की सुपारी किसने दी। इसी तथ्‍य को उजागर करना पुलिस के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण है। इसके लिए पुलिस टीम इनसे अलग-अलग पूछताछ कर रही है, जिसके बाद इन सभी का आमना-सामना कराएगी, ताकि कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्‍य पूछताछ करेगी। इस सवाल का जवाब मिलने पर केस की सभी परतें खुल जाएंगी।

कुरान का सन्देश

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