दोस्तों इंग्लेंड के एक स्कूल में एक मासूम बच्चे ने जब अपने पिता से डरती यानि गंदा कहा तो स्कूल की टीचर समझ गई के यह बच्चा माता पिता के कहने में नहीं है क्योंकि माता पिता बच्चे को सही संस्कार नहीं दे रहे है और बस इस बच्चे को इंग्लेंड सरकार ने अपने संरक्षण में ले लिया अब यह भारतीय माता पिता अपने बच्चे को संस्कार नहीं देने के मामले में सजा भुगत रहे है और अपने बच्चे को लेने के लियें कानूनी लड़ाई लड़ रहे है ...दोस्तों हमारे इस्लाम में भी नियम है के सात साल के बाद अगर कोई बच्चा तरबियती शिक्षा की तरफ नहीं जाता है तो उससे सख्ती करो उसे संस्कार सिखाओ नमाज़ सिखाओ ...सनातन धर्म में भी बच्चों को संस्कारिक शिक्षा देने और इससे वितर रहने अपर दंड का प्रावधान है ...हमारे देश में भी इन्डियन चिल्ड्रन एक्ट बना है जिसमे सभी अट्ठारह साल से कम के बच्चों के संरक्षक जिला जज होते है और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इनके सचिव होते है ..इस कानून के तहत तो बच्चे माता पिता को पालने के लियें दिए जाते है और नियम के तहत अगर बच्चे संस्कार तोड़ते है नियम कानून तोड़ते है तो जनाब इन बच्चों सरकार अपने संरक्षण में रख कर पालन पोषण करती है ..कानून तो हमारे देश में भी इंग्लेंड की तरह ही है क्योंकि यही बच्चे हमारे देश का भविष्य है अगर इनकी तरबियत सही नहीं होगी तो फिर देश का भविष्य तो लुटेरे ..डाकुओ और बलात्कारियों का ही होगा ..तो दोस्तों एक तरफ तो इंग्लेंड है जहाँ पिता को डरती यानि गंदा कहने पर बच्चे को पिता के साथ रहने लायक नहीं माना है और दूसरी तरफ हमारे देश में बच्चे क्या कर रहे है सब जानते है बच्चों को पढ़ने की जगह लोग उनसे भीख मंगवा रहे है ..मजदूरी करवा रहे है ..अपराध करवा रहे है ..जर्दा ..पान ..बीडी ..सिगरेट बिकवा रहे है ऐसे कई अपराध है जो बच्चों के साथ और बच्चों के द्वारा हो रहा है सरकार जानती है इस मामले में कानून है पुलिस है समाज सेवी समितियां है बाल आयोग है अरबों रूपये इन खर्च हो रहे है लेकिन कोई कार्यवाही बच्चों के भविष्य को सुधरने उन्हें बहतर संस्कार देने के लियें कोई कार्यवाही नहीं है नतीजा तीस फीसदी बच्चे तो सड़कों पर सकरार की महरबानी से भीख मांगते है और इतने ही प्रतिशत बच्चे अपराध में लिप्त है जबकि इतने ही बच्चे बल मजदूरी कर रहे है अब बताओ के एक तरफ हमारे निठल्ले अधिकारी निठल्ला सिस्टम है और दूसरी तरफ देश के भविष्य को संवारने के लियें इंग्लेंड कानून की सख्ती है ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
05 अप्रैल 2013
"उसकी दैहिकता का संज्ञान कराते वस्त्रों में
Rajiv Chaturvedi
"उसकी दैहिकता का संज्ञान कराते वस्त्रों में
वह सब कुछ था जो राग द्वेष में रोचक था
उसकी आत्मा का अक्षांश अक्ष की अटखेली में गायब था
देह जहां थी उसकी आत्मा उससे अलग खड़ी थी
पुरुषों की परिभाषा उसकी परिसीमा सी प्रश्न पूछती
परिधि नापती प्रतिरक्षा को परेशान थी प्रत्याशा में
और आह भारती थी आत्मा उसके आर्तनाद में
देह से ऊपर उठे लोग ही वैदेही की व्याख्या का व्याकरण लिखेंगे
आवरण और आचरण की कसौटी कष्ट तो देगी तुम्हें
आत्मा की आहटें दिल में तेरे जो गूंजती है
मैं तेरे पास आया था महज सुनने उन्हें
देह तेरी,... देह के रिश्ते सभी उन्हें क्या नाम दूं ?
देह से हट कर अगर मेरी आत्मा तुझे आत्मीय लगती हो
तो पुकारो मैं खडा हूँ दूर बेहद दूर ...
तेरी आत्मा के अंतिम किनारे पर." ---- राजीव चतुर्वेदी
"उसकी दैहिकता का संज्ञान कराते वस्त्रों में
वह सब कुछ था जो राग द्वेष में रोचक था
उसकी आत्मा का अक्षांश अक्ष की अटखेली में गायब था
देह जहां थी उसकी आत्मा उससे अलग खड़ी थी
पुरुषों की परिभाषा उसकी परिसीमा सी प्रश्न पूछती
परिधि नापती प्रतिरक्षा को परेशान थी प्रत्याशा में
और आह भारती थी आत्मा उसके आर्तनाद में
देह से ऊपर उठे लोग ही वैदेही की व्याख्या का व्याकरण लिखेंगे
आवरण और आचरण की कसौटी कष्ट तो देगी तुम्हें
आत्मा की आहटें दिल में तेरे जो गूंजती है
मैं तेरे पास आया था महज सुनने उन्हें
देह तेरी,... देह के रिश्ते सभी उन्हें क्या नाम दूं ?
देह से हट कर अगर मेरी आत्मा तुझे आत्मीय लगती हो
तो पुकारो मैं खडा हूँ दूर बेहद दूर ...
तेरी आत्मा के अंतिम किनारे पर." ---- राजीव चतुर्वेदी
दो पक्ष - कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष।
15 minutes ago near Kota
Kunwar Preetamदो पक्ष - कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष।
तीन ऋण - देव ऋण, पित्र ऋण एवं ऋषि त्रण ।
चार युग - सतयुग , त्रेता युग , द्वापरयुग एवं कलयुग।
चार धाम - द्वारिका , बद्रीनाथ, जगन्नाथ पूरी एवं रामेश्वरम धाम।
चारपीठ - शारदा पीठ ( द्वारिका ), ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम), गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) एवं श्रन्गेरिपीठ !
चार वेद- ऋग्वेद , अथर्वेद, यजुर्वेद एवं सामवेद ।
चार आश्रम - ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , बानप्रस्थ एवं संन्यास !
चार अंतःकरण - मन , बुद्धि , चित्त , एवं अहंकार !
पञ्च गव्य - गाय का घी , दूध , दही , गोमूत्र एवं गोबर , !
पञ्च देव - गणेश , विष्णु , शिव , देवी और सूर्य !
पंच तत्त्व - प्रथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश !
छह दर्शन - वैशेषिक , न्याय , सांख्य, योग , पूर्व मिसांसा एवं दक्षिण मिसांसा !
सप्त ऋषि - विश्वामित्र , जमदाग्नि , भरद्वाज , गौतम , अत्री , वशिष्ठ और कश्यप !
सप्त पूरी - अयोध्या पूरी , मथुरा पूरी , माया पूरी ( हरिद्वार ) , कशी , कांची ( शिन कांची - विष्णु कांची ) , अवंतिका और द्वारिका पूरी !
आठ योग - यम , नियम, आसन , प्राणायाम , प्रत्याहार , धारणा , ध्यान एवं समाधी !
आठ लक्ष्मी - आग्घ, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग, एवं योग लक्ष्मी !
नव दुर्गा - शैल पुत्री , ब्रह्मचारिणी , चंद्रघंटा , कुष्मांडा , स्कंदमाता , कात्यायिनी , कालरात्रि , महागौरी एवं सिद्धिदात्री !
दस दिशाएं - पूर्व , पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, इशान, नेत्रत्य, वायव्य आग्नेय ,आकाश एवं पाताल !
मुख्या ग्यारह अवतार - मत्स्य , कच्छप , बराह , नरसिंह , बामन , परशुराम , श्री राम , कृष्ण , बलराम , बुद्ध , एवं कल्कि !
बारह मास - चेत्र , वैशाख , ज्येष्ठ ,अषाड़ , श्रावन , भाद्रपद , अश्विन , कार्तिक , मार्गशीर्ष . पौष , माघ , फागुन !
बारह राशी - मेष , ब्रषभ , मिथुन , कर्क , सिंह , तुला , ब्रश्चिक , धनु , मकर , कुम्भ , एवं कन्या !
बारह ज्योतिर्लिंग - सोमनाथ, मल्लिकर्जुना, महाकाल, ओमकालेश्वर , बैजनाथ , रामेश्वरम , विश्वनाथ , त्रियम्वाकेश्वर , केदारनाथ , घुष्नेश्वर, भीमाशंकर एवं नागेश्वर।
पंद्रह तिथियाँ - प्रतिपदा, द्वतीय, तृतीय, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा, अमावश्या।
स्म्रतियां - मनु, विष्णु, अत्री, हारीत, याज्ञवल्क्य, उशना, अंगीरा, यम, आपस्तम्ब, सर्वत, कात्यायन, ब्रहस्पति, पराशर, व्यास, शांख्य, लिखित, दक्ष, शातातप, वशिष्ठ।
''पेड़ से गिरती एक तन्हा पत्ती,
Rashmi Sharma
''पेड़ से गिरती एक तन्हा पत्ती,
होती है बेहद तन्हा
डाल भी सोचता है,
इसे कब किया मैंने खुद से अलग
आखिर किसकी चाह में हो जाती है
एक पत्ती बेहद तन्हा''
ये तब की बात है जब मेरी उम्र सात-आठ बरस की रही होगी। यही मौसम.....हल्की सी गर्मी और पेड़ों से गिरते पत्ते......यानी पतझड़
घर के ठीक बाहर एक विशाल पीपल का पेड़ हुआ करता था। ठीक दोपहर के बाद का वक्त.....जब मां घर के काम निपटा के सो रही होतीं, मैं चुपके से बाहर निकल जाती......
सूने से विशाल मैदान में पेड़ के नीचे खड़ी हो जाती......उपर से एक-एक कर झड़ती रहती पत्तियां और मैं हर गिरते पत्ते को अपने हाथों में समेटने की कोशिश करती। चाहती कि एक भी पत्ता जमीं पर न गिरे........जाने क्या चलता रहता था दिमाग में
धीरे-धीरे मेरे इस शौक को मुहल्ले के बच्चों ने भी अपना खेल बना लिया कि ज्यादा पत्तियां कौन जमा करता है.....
मगर उसके बाद वाला काम जो मैं करती थी......शायद कोई नहीं करता। मैं सारे पत्तों को सहेजकर अपने तकिए के नीचे रखकर सो जाती। अगले दिन गद़दे की नीचे..........
जब मां की नजर पड़ती, तो सारे पत्ते उठाकर बाहर फेंक देती....और मेरी आंखों में आंसू......दादी भी कहती.....पता नहीं इस लड़की को क्या-क्या जमा करने का शौक है......
खिड़की के पास खड़ी मैं यही नजारा देख रही थी....हालांकि वो पीपल का पेड़ नहीं था, मगर वैसे ही झड़ रहे थे पत्ते.........अब कोई नहीं समेटता इन्हें.....
................. रश्मि शर्मा
''पेड़ से गिरती एक तन्हा पत्ती,
होती है बेहद तन्हा
डाल भी सोचता है,
इसे कब किया मैंने खुद से अलग
आखिर किसकी चाह में हो जाती है
एक पत्ती बेहद तन्हा''
ये तब की बात है जब मेरी उम्र सात-आठ बरस की रही होगी। यही मौसम.....हल्की सी गर्मी और पेड़ों से गिरते पत्ते......यानी पतझड़
घर के ठीक बाहर एक विशाल पीपल का पेड़ हुआ करता था। ठीक दोपहर के बाद का वक्त.....जब मां घर के काम निपटा के सो रही होतीं, मैं चुपके से बाहर निकल जाती......
सूने से विशाल मैदान में पेड़ के नीचे खड़ी हो जाती......उपर से एक-एक कर झड़ती रहती पत्तियां और मैं हर गिरते पत्ते को अपने हाथों में समेटने की कोशिश करती। चाहती कि एक भी पत्ता जमीं पर न गिरे........जाने क्या चलता रहता था दिमाग में
धीरे-धीरे मेरे इस शौक को मुहल्ले के बच्चों ने भी अपना खेल बना लिया कि ज्यादा पत्तियां कौन जमा करता है.....
मगर उसके बाद वाला काम जो मैं करती थी......शायद कोई नहीं करता। मैं सारे पत्तों को सहेजकर अपने तकिए के नीचे रखकर सो जाती। अगले दिन गद़दे की नीचे..........
जब मां की नजर पड़ती, तो सारे पत्ते उठाकर बाहर फेंक देती....और मेरी आंखों में आंसू......दादी भी कहती.....पता नहीं इस लड़की को क्या-क्या जमा करने का शौक है......
खिड़की के पास खड़ी मैं यही नजारा देख रही थी....हालांकि वो पीपल का पेड़ नहीं था, मगर वैसे ही झड़ रहे थे पत्ते.........अब कोई नहीं समेटता इन्हें.....
................. रश्मि शर्मा
"उसकी दैहिकता का संज्ञान कराते वस्त्रों में
"उसकी दैहिकता का संज्ञान कराते वस्त्रों में
वह सब कुछ था जो राग द्वेष में रोचक था
उसकी आत्मा का अक्षांश अक्ष की अटखेली में गायब था
देह जहां थी उसकी आत्मा उससे अलग खड़ी थी
पुरुषों की परिभाषा उसकी परिसीमा सी प्रश्न पूछती
परिधि नापती प्रतिरक्षा को परेशान थी प्रत्याशा में
और आह भारती थी आत्मा उसके आर्तनाद में
देह से ऊपर उठे लोग ही वैदेही की व्याख्या का व्याकरण लिखेंगे
आवरण और आचरण की कसौटी कष्ट तो देगी तुम्हें
आत्मा की आहटें दिल में तेरे जो गूंजती है
मैं तेरे पास आया था महज सुनने उन्हें
देह तेरी,... देह के रिश्ते सभी उन्हें क्या नाम दूं ?
देह से हट कर अगर मेरी आत्मा तुझे आत्मीय लगती हो
तो पुकारो मैं खडा हूँ दूर बेहद दूर ...
तेरी आत्मा के अंतिम किनारे पर." ---- राजीव चतुर्वेदी
"उसकी दैहिकता का संज्ञान कराते वस्त्रों में
वह सब कुछ था जो राग द्वेष में रोचक था
उसकी आत्मा का अक्षांश अक्ष की अटखेली में गायब था
देह जहां थी उसकी आत्मा उससे अलग खड़ी थी
पुरुषों की परिभाषा उसकी परिसीमा सी प्रश्न पूछती
परिधि नापती प्रतिरक्षा को परेशान थी प्रत्याशा में
और आह भारती थी आत्मा उसके आर्तनाद में
देह से ऊपर उठे लोग ही वैदेही की व्याख्या का व्याकरण लिखेंगे
आवरण और आचरण की कसौटी कष्ट तो देगी तुम्हें
आत्मा की आहटें दिल में तेरे जो गूंजती है
मैं तेरे पास आया था महज सुनने उन्हें
देह तेरी,... देह के रिश्ते सभी उन्हें क्या नाम दूं ?
देह से हट कर अगर मेरी आत्मा तुझे आत्मीय लगती हो
तो पुकारो मैं खडा हूँ दूर बेहद दूर ...
तेरी आत्मा के अंतिम किनारे पर." ---- राजीव चतुर्वेदी
वह सब कुछ था जो राग द्वेष में रोचक था
उसकी आत्मा का अक्षांश अक्ष की अटखेली में गायब था
देह जहां थी उसकी आत्मा उससे अलग खड़ी थी
पुरुषों की परिभाषा उसकी परिसीमा सी प्रश्न पूछती
परिधि नापती प्रतिरक्षा को परेशान थी प्रत्याशा में
और आह भारती थी आत्मा उसके आर्तनाद में
देह से ऊपर उठे लोग ही वैदेही की व्याख्या का व्याकरण लिखेंगे
आवरण और आचरण की कसौटी कष्ट तो देगी तुम्हें
आत्मा की आहटें दिल में तेरे जो गूंजती है
मैं तेरे पास आया था महज सुनने उन्हें
देह तेरी,... देह के रिश्ते सभी उन्हें क्या नाम दूं ?
देह से हट कर अगर मेरी आत्मा तुझे आत्मीय लगती हो
तो पुकारो मैं खडा हूँ दूर बेहद दूर ...
तेरी आत्मा के अंतिम किनारे पर." ---- राजीव चतुर्वेदी
आतंकियों के निशाने पर गुजरात, गोरखपुर में सेना में घुसपैठ की कोशिश!
गोरखपुर. आईबी ने राजस्थान के रास्ते करीब आधा दर्जन आतंकियों के गुजरात में दाखिल होने की खबर
दी है तो गुरुवार को एसएसबी के रिक्रूटमेंट के दौरान दो संदिग्ध युवक पकडे
गए हैं। पकड़े गए युवकों के पास से पाकिस्तानी करेंसी, मोहरें और एसएसबी के
सेक्टर हेडक्वार्टर कैंपस का वीडियो भी बरामद हुआ है। रिक्रूटमेंट के
दौरान पाकिस्तानी जासूसों के सक्रिय होने की आशंका से एसएसबी अधिकारी सतर्क
हो गए हैं।
एसएसबी के रिक्रूटमेंट इंचार्ज कमान्डेंट आरएस नेगी ने बताया कि
गुरुवार को लगभग साढ़े तीन बजे रिक्रूटमेंट के दौरान दो युवक संदिग्ध हालत
में मोबाइल से कैंपस की वीडियोग्राफी करते नजर आये। दोनों को पकड़कर पूछताछ
की गयी तो पता चला कि उनमे से मोहम्मद नईम एसएसबी रिक्रूटमेंट में हिस्सा
लेने आया था। उसके डाक्यूमेंट्स पूरे न होने के कारण उसें अपने दोस्त इमरान
को अपने कागजात लेकर वहां बुलाया था। दोनों युवक मुरादाबाद के भोजपुर
थानाक्षेत्र के रहने वाले हैं। दोनों ही मुरादाबाद के एक वित्त विहीन
विद्यालय में टीचर हैं।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने दोनों से गहन पूछताछ की है।
उन्हें अभी पुलिस कस्टडी में रखा गया है, लेकिन देर रात या शनिवार की सुबह
रिहा कर दिया जाएगा। सुरक्षा एजेंसियां उन पर नजर बनाए रखेंगी। उनका फोन भी
सर्विलांस पर डाल दिया गया है।
कैसे विज्ञान के नजरिए से भी फायदेमंद है एकादशी व्रत? जानिए
हिन्दू वर्ष के बारह महीनों में हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष
में एक-एक एकादशी तिथि आती है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की आराधना को
समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि यह व्रत सभी दोषों और विकारों से
छुटकारा देने वाला माना गया है। इस तरह यह इंसान के लिए आत्मरक्षक ही है।
यह खासतौर पर वैष्णव व्रत है, किंतु विष्णु उपासक हर धर्मावलंबी इस व्रत को
करता है।
दरअसल, एकादशी व्रत मात्र धार्मिक नजरिए से ही नहीं बल्कि व्यावहारिक
तौर पर भी मानसिक एवं शारीरिक पवित्रता के लिए भी अहम है। किंतु यह भी देखा
जाता है कि कई शिक्षित युवा भी इस संबंध में ज्ञान के अभाव में भारतीय
सनातन धर्म से जुडी व्रत परंपराओं की उपेक्षा करते हैं।
सच यह है कि प्राचीन काल से ऋषि-मुनियों से लेकर देश की आजादी के
महानायक महात्मा गांधी भी व्रत-उपवास के महत्व को सिद्ध कर चुके हैं । नई
पीढी के लिए यह समझना जरूरी है कि अगर कोई इस व्रत को धर्म या ईश भक्ति की
नजरिए से न करें, किंतु निरोग रहने में भी यह व्रत महत्वपूर्ण है। यह मन को
संयम रखने के भाव सिखाता है। शरीर को नई ऊर्जा प्रदान करता है।
इस व्रत से जुड़े वैज्ञानिक पहलू पर गौर करें तो चूंकि चन्द्रमा की
कलाओं के घटने और बढ़ने का प्रभाव सभी प्राणियों और वनस्पतियों पर पड़ता
है। हिन्दू धर्म पंचांग तिथियों पर आधारित होता है। हर तिथि पर चन्द्रमा की
स्थिति सदा एक सी रहती है। इसलिए उसका असर भी शरीर पर वैसा ही पडता है।
इसलिए सेहत के नजरिए से ऐसा माना जाता है कि चतुर्थी तिथि से एकादशी के बीच
पैदा रोग गंभीर नहीं हो पाते। इस काल में पहले के रोग भी ठीक हो जाते हैं।
हर मास में दो एकादशी होती है । इस तरह महीने में आने वाली 2 एकादशी
तिथियों के दो दिन आहार संयम रखा जाए तो यह हमारी पाचन क्रिया को मजबूत
बनाकर शरीर को सेहतमंद व मन को प्रसन्न रखता है।
6 को एकादशी : जानिए ग्यारस को कौन सी चीजें नहीं खाना चाहिए
हिन्दू धर्म पंचांग की
एकादशी तिथि से जुड़ी भगवान विष्णु उपासना की धर्म परंपराओं के पीछे मूल
भावना, सोच और आचरण की पवित्रता को अपनाने की है ताकि इंसान मन और विचार से
मजबूत और एकाग्र रहकर हर परेशानियों से पार पा सके।
इसी सिलसिले में संयम और शांति पाने का बेहतर उपाय संतुलित आहार से भी
जुड़ा है। खासतौर पर व्रत-उपवास या इनके बिना भी खास चीजों को खाना जहां
शरीर को सेहतमंद बनाने वाला बताया गया है, वहीं दूसरी ओर कुछ खास चीजों को
खाना सेहत के लिए परेशानी की वजह भी माना गया है।
6 को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी है1865 में बना था ऐसा दुर्लभ संयोग, अब बनेगा हनुमान जयंती पर
11 अप्रैल 1865 को हनुमान जयंती पर शनि, राहु और चंद्रमा की युति बनी
थी। सितारों का ये संयोग इस साल 26 अप्रैल को भी बनेगा। वक्री शनि अपनी
उच्च राशि में रहेगा और चंद्र-राहु भी तुला राशि में रहेंगे। ये संयोग अपने
आप में बहुत खास रहेगा।
सितारों का ऐसा संयोग बहुत कुछ उथल-पुथल करवाने वाला रहेगा। ये संयोग
जब 1865 में बना था तब भी अमेरिका में युद्ध की स्थिती बनी थी। सितारों के
कारण वर्तमान में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।
फेसबुक पर मिला अरबपति नेता का कातिल 'स्वामी', संकट में फंसे फेसबुक फ्रेंड्स!
नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी के अरबपति नेता दीपक भारद्वाज की हत्या मामले में वांछित स्वामी प्रतिमानंद अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
उसकी धरपकड़ के लिए पुलिस ने उसके फेसबुक अकाउंट से जुड़े मित्रों से पूछताछ शुरू कर दी है। शुक्रवार को इसी आधार पर पुलिस ने एक महिला पत्रकार को भी पूछताछ के लिए बुलाया था।
वहीं, पुलिस ने स्वामी के पिछले एक साल की कॉल डीटेल निकाली है। इस डीटेल से उन लोगों की शिनाख्त की जा रही है जिनसे उसने लगातार और लंबी बातें की हैं।
इस मामले में पुलिस और लोगों को भी जल्द पूछताछ के लिए बुला सकती है। इस बीच स्वामी की तलाश में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर पहुंची पुलिस की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी कर उमानंद आश्रम से अविनाश शास्त्री नामक एक योग गुरु को हिरासत में लिया है।
पूछताछ के दौरान शास्त्री ने बताया कि स्वामी दो दिनों तक उसके घर रुका था। इसके बाद वह नर्मदा नदी के किनारे स्थित किसी स्थान पर जाने की बात कह चला गया था। फिलहाल पुलिस शास्त्री को हिरासत में लेकर लगातार पूछताछ कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार दीपक भारद्वाज की हत्या का शक भले ही पूरी तरह से स्वामी प्रतिमानंद पर केंद्रित हो गया हो, लेकिन पुलिस ने अभी तक दीपक भारद्वाज के किसी भी परिजन को क्लीन चिट नहीं दी है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को उसके चाचा और भाई को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया।
दोनों से पुलिस की संयुक्त टीम ने कई घंटों तक पूछताछ की। साथ ही स्वामी की तलाश में उसके विभिन्न ठिकानों पर दबिश कर करीब डेढ़ दर्जन लोगों के साथ लंबी पूछताछ की है।
हालांकि पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने ऐसे तथ्य नहीं आए हैं जिससे स्वामी की गिरफ्तारी संभव हो सके। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने करीब एक दर्जन से अधिक टीमों का गठन करते हुए विभिन्न राज्यों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है।
पुलिस उसके खिलाफ पहले ही सभी एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है ताकि उसके विदेश जाने के मंसूबे को नाकाम किया जा सके।
यहां बाबा भैरव पूरी करते हैं आपकी हर मुराद, बस एक पर्ची पर लिखकर दे दीजिए
जोधपुर। अगर आपको पानी है कुंडली के दोषों से मुक्ति या नई नौकरी और अपना भाग्य चमकाना है तो आप यहां पर्ची लिखकर अपनी अर्जी लगा सकते हैं। यहां विराजे बाबा भैरवनाथ आपकी हर मनोकामना पूरी करेंगे। बाबा के इस दरबार में पर्चियों पर गिरे फूल भक्तों की मनोकामनाओं से रिश्ता रखते हैं।
ये बात भले ही अविश्वस्नीय लगे पर सच है। यहां बाबा भैरवनाथ पर्चियों पर फूल गिराकर भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। जी हां यहां एक फूल गिराकर बाबा तुरंत ही आपकी इच्छा पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं।
मेवाड़ के भदेसर में बना बाबा भैरवनाथ का मंदिर बेहद अनूठा है। यहां
भक्त पर्ची पर लिखकर अपनी अर्जी लगाते हैं। पर्ची पर लिखकर अर्जी लगाने
वाले भक्तों का विश्वास है कि बाबा जिस भी भक्त की अर्जी सुन लेते हैं उसकी
पर्ची पर बाबा के माथे पर रखा फूल गिर जाता है।
जब बेटी को मिली अपहरण की धमकी तो तलवार लेकर बचाने पहुंच गई मां
घटना शुक्रवार सुबह की है। फतेहपुर निवासी दिनेश धाकड़ को धमकी मिली थी कि शुक्रवार को जब उनकी बेटी बीए फस्र्ट ईयर की परीक्षा देने जाएगी तो उसे अगवा कर लिया जाएगा।
धाकड़ कार में अपनी बेटी और पत्नी वीना को लेकर सुबह 11 बजे बारां के गल्र्स कॉलेज पहुंचे। वे बेटी को परीक्षा देने भेज रहे थे कि आरोपी युवक अपने दो-तीन साथियों के साथ आ धमका।
पिता ने लाठी और मां ने तलवार संभालकर युवकों को ललकारा तो वे भाग खड़े हुए। छात्रा परीक्षा देने चली गई और माता-पिता कॉलेज गेट पर लाठी-तलवार लेकर युवकों को ललकारते रहे। इस बीच, वहां भारी भीड़ जमा हो गई।
पुलिस पहुंची और दंपती को छात्रा की सुरक्षा का आश्वासन दिया, लेकिन वे कार की छत पर चढ़कर डटे रहे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। आरोपी युवकों की तलाश की जा रही है।
बाप की हत्या के 31 साल बाद मिला न्याय तो फूट पड़ी IAS बेटी
लखनऊ. गोण्डा के माधवपुर में 1982 में हुए डीएसपी केपी सिंह
सहित कुल 13 लोगों के फर्जी इनकाउंटर मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को आज
सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुना दी। सीबीआई कोर्ट ने मामले में तीन
पुलिसकर्मियों को फांसी की सजा सुनाई, जबकि पांच को उम्र कैद की सजा
सुनाई। फैसला सुनने के बाद मृतक डीएसपी की बेटी और वर्तमान में बहराइच की
डीएम किंजल सिंह (आईएएस) अदालत में ही फूटफूट करने लगीं। उनके मुताबिक,
पूरा परिवार इस फैसले का इंतजार कर रहा था। उन्हें विश्वास था कि देर ही
सही न्याय जरूर मिलेगा।
फांसी पाने वालों में गोण्डा के कौड़िया थाने के तत्कालीन एसआई
आरबी सरोज, कर्नलगंज थाने के हेड कांस्टेबल राम नायक पाण्डेय और पुलिस
चौकी दुबहा बाजार के कांस्टेबल रामकरन सिंह यादव शामिल हैं। वहीं, साजिश
में शामिल होने ओर झूठ साक्ष्य तैयार करने के दोषी पाए गए पीएसी की
30वीं बटालियन के तत्कालीन प्लाटून कमांडर रमाकांत दीक्षित, तत्कालीन
एसपी गोण्डा के रीडर नसीम अहमद, कोतवाली देहात गोण्डा के एसआई परवेज
हुसैन, एसआई मंगला सिंह व लकड़मंडी थाने के तत्कालीन इंचार्ज राजेंद्र
प्रसाद सिंह को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है।
सीबीआई कोर्ट ने 29 मार्च को इन सभी आठ पुलिसकर्मियों को दोषी करार
दिया था और सजा सुनाने के लिए आज तारीख तय की थी। सजा के बाद आरोपी
पुलिसकर्मियों के परिजनों ने कहा कि अदालत के फैसले के खिलाफ वह अपील
करेंगे। मामले में सीबीआई ने कुल 19 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से 10
लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि एक को सबूतों के अभाव में अदालत बरी कर
चुकी है।
भारतीय बच्चे ने पापा को कहा DIRTY, तो ब्रिटिश हुकुमत ने कर दिया मां-बाप से अलग
स्कूल ने लोकल एनजीओ सोशल सर्विसेस चाइल्ड एसेसमेंट वर्कर को सूचित किया, जिसने बच्चे को निगरानी में ले लिया।
अर्बन एस्टेट में रहने वाली डॉ. श्रुति व उनके पति सॉफ्टवेयर इंजीनियर रजत पुरी बच्चा लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जालंधर में रहने वाले बच्चे के नाना केवल कृष्ण बेरी व नानी प्रोमिला ने विदेश मंत्रालय से दखल की मांग की है।
इससे पहले नॉर्वे में भी इस तरह की घटना हुई थी, जिसमें कोलकाता के एक दंपती से उनका बच्चा इसलिए छीन लिया गया था क्योंकि वह उसे अपने साथ खाना खिलाते थे, सुलाते थे। वहां की सरकार इसे गैरकानूनी मानती है।
उत्तर कोरिया की चेतावनीः नहीं टलेगा युद्ध, दूतावासों को खाली करने की सलाह दी
सिओल/वाशिंगटन। उत्तर कोरिया ने गुरुवार
को पूर्वी तट पर परमाणु मिसाइल मुसुदन तैनात करने के बाद अपने यहां विदेशी
दूतावासों के कर्मचारियों को हालात बिगड़ने पर देश छोड़ने को तैयार रहने
को कहा है। रूसी विदेश मंत्रालय और चीन की शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक
उत्तर कोरिया ने प्योंगयांग में स्थित दूतावासों को 10 अप्रैल तक कार्यालय
बंद कर लेने की सलाह दी है। उत्तर कोरिया का कहना है कि अब युद्ध को टाला
नहीं जा सकता है।
कोरिया ने यह सलाह अमेरिका के दक्षिण कोरिया में सेना के जमावड़े के
बाद दी है। कोरिया ने परमाणु परीक्षण पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध लगाए
जाने के बाद युद्ध को टलने में असमर्थ बताया था। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय
के एक अधिकारी ने कहा है कि उत्तर कोरिया के प्योंगयांग में यूरोपियन
यूनियन दूतावासों से दूतावास खाली करने की योजना के बारे में जानकारी मांगी
गई है। विएना कन्वेंशन के मुताबिक मेजबान देश को संघर्ष की स्थिति में
दूतावासों के कर्मचारियों को निकलने में मदद करनी पड़ती है। इससे पहले
शुक्रवार को रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उत्तर कोरिया ने बढ़ते
तनाव का कारण बताते हुए रूसी दूतावासों के कर्मचारियों को देश से निकलने का
प्रस्ताव दिया था। शिन्हुआ ने भी कहा था कि उत्तर कोरिया ने हालात बिगड़ने
पर दूतावासों के कर्मचारियों को देश से निकलने के लिए तैयार रहने को कहा
था।
उत्तर कोरिया की मिसाइल तैनाती के बाद पश्चिमी देशों में हड़कंप मच
गया है। मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक, तीन हजार किलोमीटर मारक क्षमता वाली
इस मिसाइल की जद में जापान, साउथ कोरिया और अमेरिका के कुछ सैन्य अड्डे भी आ
रहे हैं। नॉर्थ की इस कार्रवाई के बाद साउथ कोरिया के बाजार में भारी
गिरावट दर्ज की गई है।
वहीं अमेरिका ने कोरियाई प्रयाद्वीप में शांति बनाने की कोशिशों के
तहत शुक्रवार को जापान को एक अमेरिकी हवाई अड्डा लौटाने की घोषणा की।
अमेरिका और उत्तर कोरिया की बयानबाजी से प्रायद्वीप में तनाव काफी बढ़ गया
है। अमेरिकी और जापान ने शुक्रवार को एक समझौते की घोषणा की जिसमें दक्षिणी
जापानी प्रायद्वीप के ओकिनावा में बने फ्यूटेन्मा हवाई अड्डे को 2022 में
जापान को लौटाने की बात कही गई है। हालांकि ऐसा हवाई अड्डे के प्रायद्वीप
में ही किसी जगह पर नियोजित स्थानांतरण के होने पर हो सकेगा। जापान सरकार
ने 2009 में इस हवाई अड्डे को हटाने का वादा किया था लेकिन कम आबादी वाली
ऐसी कोई जगह नहीं मिल सकी थी। इस वजह से 2006 के समझौते का नवीनीकरण करना
पड़ा था।
धूल के गुबार और लाशों के अंबार के बीच डेढ़ साल की बच्ची ने दी मौत को मात!
मुंबई. मुंब्रा अवैध इमारत दुर्घटना मामले में ठाणे महानगरपालिका के उपायुक्त दीपक चव्हाण और स्थानीय पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक किशोर नाईक को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने शुक्रवार को विधानसभा में यह घोषणा करते हुए बताया कि इस दुर्घटना में 56 लोगों की मौत हुई है और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों के लिए मुख्यमंत्री निधि से 50 हजार रुपए देने की घोषणा की गई है। मामले की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया है। इमारत के मलबे से शुक्रवार को भी शवों को निकालने का काम जारी रहा। हादसे के करीब 18 घंटे बाद डेढ़ साल की एक बच्ची को मलबे से सुरक्षित निकाला गया।
18 घंटे बाद जीवित निकली बच्ची
अब पुलिस इस बच्ची के परिवारवालों की तलाश कर रही है। वहीं इस इमारत के मलबे से एक और बच्ची को निकाला गया है। जिसने अब तक अपनी आंखें नहीं खोली हैं।
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