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06 अप्रैल 2013

दोस्तों राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में न्यायिक अधिकारीयों की तबादला बनाई है

दोस्तों राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में न्यायिक अधिकारीयों की तबादला  बनाई है और इस तबादला निति के पहले कोटा के एक दर्जन से भी अधिकारीयों को हटा कर खाली  पर लगाया है राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा लगे सभी न्यायिक अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग देख कर बताइए क्या इस निति के पालन में है या नहीं अगर निति के विरुद्ध ट्रांसफर हो तो प्लीज़ माननीय मुख्य्न्याय्धीश राजस्थान हाईकोर्ट को लिखे ताकि ट्रांसफर निति का पालन हो सके और प्रभावशाली अधिकारी मनचाहा पोस्टिंग प्राप्त नहीं कर सकें दुसरे अधिकारीयों को भी बहतर जगह पोस्टिंग मिल सके और उनके साथ भी न्याय हो सके ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
TRANSFER POLICY FOR THE OFFICERS OF
RAJASTHAN JUDICIAL SERVICE
(1)
Transfer/posting orders of judici
al officers shall ordinarily be
issued between 15
th
and 30
th
of April of each year on the
recommendation of the Administrative Committee to be
constituted by the Hon'ble Chief Justice
(2) Judicial Officers on completion of a term become due for
transfer may represent to the High Court in first fortnight of
January of each year for their posting to a preferred place
indicating at least three options
in the order of preference
consistent with transfer policy for consideration by the
administrative committee while proposing transfer of such
officers.
(3) For the purpose of transfer
& posting of Judicial Officers, it
may be divided into seven different zones constituted for
administrative purposes like Ajmer, Bharatpur, Bikaner,
Jaipur, Jodhpur, Kota & Udaipur.
Categorization of places / officers/courts
Category A Category B Category C Category D
Divisional Hqrs. District Hqrs Sub-
Divisional
Head Quarter
Tehsil/Gram
Panchayat Etc.
Note :- Normal term of
an officer at one place of
posting may be of Three
years but in no case less
than two years.
(4) All fresh recruits initially
should be posted at Divisional
(Category A) or District headquarters (Category B) for a
period of three years and afte
r completion of their first term
after appointment, there should
be a compulsory posting at
-2-
Tehsil/Gram Panchayat/Sub-Division (CategoryC/D), at least
for a period of three years.
(5) An officer ordinarily may not be posted in A category
places/offices/courts for more
than twelve years; in B
category places/ offices/ courts
for more than 9 years; and at
C & D category places / offices
/courts, for six years during
whole span of his service.
(6) Request of a judicial offi
cer for transfer/posting on the
ground of serious ailment of se
lf or his/her spouse or parents
or child, subject to productio
n of adequate proof thereabout,
may be as far as possible, considered for his/her posting
at a district/divisional head qu
arters, where treatment facility
of such disease is available. However, in making such
request, the officer may indicate options of minimum three
such places.
(7) Where both the spouse are serv
ing as Judicial Officer may be
as far as possible, posted at same place or within district or
nearer place of posting of each other.
(8) After completion of two terms
in one zone, a judicial officer
has to be transferred to another
zone at a distance of 200 kms
and shall not be posted in the
former zone again unless one
has completed at least two terms viz. six years of service in
other zones.
(9) If a judicial officer has remained posted at Tehsil/Gram
Panchayat Hqr in earlier term
may be posted at the district
headquarter but thereafter the Of
ficer has to serve one term at
-3-
the sub-divisional Hqr
and thereafter at Divisional Hqr or the
place where services of the
officer are required by the
administration.
(10)
Judicial Officers in Super
Time Scale shall normally be
posted at Divisional Head Quarters; however, may also be
posted at district head quarter
in the district having 30 or
more courts in total or in a Special Court or Tribunal or
Board of Revenue or on deput
ation with the Government or
statutory Board or Corporation or Authority.
(11)Judicial Officer posted at a particular place, shall not be
normally posted at the same pl
ace again regardless of change
of cadre unless having completed atleast three terms
elsewhere.
(12)
Judicial Officer on deputatio
n either with the Central/State
Government or any statutory Bo
ard/ Corporation or Authority
or posted with the Registry of
the High Court, may continue
in such posting for one term and thereafter be required to
serve minimum two terms on a judicial post before being
transferred to another non judicial post.
(13)
Judicial Officer left with less than one year of service while
attaining age of superannuation, shall not be disturbed or may
get the posting nearby home district as far as possible.
(14)
Request of transfer/posting of a judicial officer on the
ground of wife/husband being
in Government service may be
consistent with this policy.

कोंग्रेस हो चाहे भाजपा सभी कोटा और हाडोती को ठग रहे है और यहाँ की जनता से वोट लेकर बेवफा सिर्फ बेवफा हो गये है ..

Śỹëd Äsîf Älì
आँधी ने रौशनी की हिमायत तो की बहुत,
लेकिन कोई चराग जलाने नहीं दिया !

राज़ी था मैं भी और मेरा दुश्मन भी सुलह पर,
कुछ दोस्तों ने हाथ मिलाने नहीं दिया !!

(डॉ. नवाज़ देवबन्दी) दोस्तों देवबंदी साहब के यह अशार कोटा में वकीलों के आन्दोलन और सरकार के लियें सही साबित हो रहा है कोटा में एक दिग्गज मंत्री जिनके नेकर चड्डी कई वकील साथी रोज़ अदालत में आते है लेकिन वोह उन्हें समझाने की कोशिश करने के बजाए गलत फहमियाँ ड़ाल कर भडकाते है ..उकसाते है और गलत जानकारियां देकर उन्हें समझोते से दूर कर देते है ..जी हाँ दोस्तों आप खुद बताइए कोटा और कोटा सम्भाग के सत्राह विधायक और हारे हुए विधायक ..दो केबिनेट मंत्री ..जिला प्रमुख ..नगर निगम पालिका चेयरमेन ..सभी निर्वाचित नेताओं को कोटा सम्भाग यानि हाडोती से प्यार नहीं है यहाँ के विकास की उन्हें दरकार नहीं है वोट यह हाडोती से लेते है निर्वाचित यहाँ से होते है और बात दुसरे जिलों के विकास की करते है दुसरे जिलों की सुविधा बात की करते है दोस्तों आप खुद बताइए कोटा सम्भाग के सत्राह विधायक ..जिला प्रमुख ..प्रधान ..कोंग्रेस भाजपा के जिला अध्यक्ष .....दो सांसद अगर कोटा में हाईकोर्ट बेंच और रेवेन्यु बोर्ड की डबल बेंच खुलवाने की ठान लें तो यकीनन कोटा में राजस्थान हाईकोर्ट की बेंच और रेवेन्यु बोर्ड की डबल बेंच होगी ....लेकिन ठीक इसके खिलाफ यहाँ के प्रतिनिधि अजमेर और उदयपुर के नेताओं के फायदे की बात करते है तो अफ़सोस होता है तकलीफ तो इस बात की है के इन प्रतिनिधियों में से किसी ने भी कोटा की इन वाजिब मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वार्ता में दिलचस्पी नहीं दिखाई है सत्ता से जुड़े लोग तो साफ़ स्वीकारते है के हम तो मुख्यमंत्री की नोकरी करते है हमे पद से नहीं हटा दें इसलियें हमारा साहस उनसे कोटा के विकास की बात करने का नहीं है लेकिन भाजपा के लोग ..भाजपा के विधायक किससे डर रहे है जो आज तक भी वोह हाडोती के विकास के लियें इस्तीफे देकर जनता के साथ नहीं आ रहे है इसलियें क्म्ह्ते है कोंग्रेस हो चाहे भाजपा सभी कोटा और हाडोती को ठग रहे है और यहाँ की जनता से वोट लेकर बेवफा सिर्फ बेवफा हो गये है ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तीन मिनट में हो गई छह लाख रुपए की लूट, बगल में था कंट्रोल रूम फिर भी नहीं पहुंची पुलिस



कोटा। शहर में सीएडी सर्किल के पास स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की शाखा में शनिवार सुबह घुसे चार हथियारबंद बदमाश गार्ड को गोली मारकर 6.05 लाख रु. लूट ले गए। लुटेरों ने एक अन्य गार्ड और बैंककर्मियों से भी मारपीट की और महज तीन मिनट में वारदात को अंजाम देकर भाग गए।
 
 
वे अपने साथ गार्ड की राइफल भी ले गए। घटना सुबह करीब 10:36 बजे की है। स्प्रिंगडेल्स स्कूल के कर्मचारी वीएस माथुर 5 लाख रु. जमा कराने आए थे। उन्होंने बैंक के हैड कैशियर दीपमाला को राशि दी ही थी कि 4 बदमाश बैंक में आ धमके। उन्होंने गार्ड सुवालाल मीणा से राइफल छीनने की कोशिश की। 
 
 
इस दौरान एक बदमाश ने उन पर चार फायर किए। इनमें से दो गोली बाईं जांघ और एक दाईं जांघ में लगी। बदमाश उन्हें घसीटकर रिकॉर्ड रूम में पटक आए। दूसरे गार्ड प्रभुलाल ने बदमाशों को पकड़ा तो उन्होंने राइफल के बट से हमला कर दिया। आंख के नीचे चोट लगने से प्रभुलाल एक तरफ गिर गए। इसके बाद दो बदमाश हैड कैशियर की ओर बढ़े और मारपीट कर धमकाया।

अमेरिका को है पक्का यकीन, नॉर्थ कोरिया कर सकता है मिसाइल हमला

सिओल। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है अमेरिका को जरा भी आश्चर्य नहीं होगा अगर नॉर्थ कोरिया मिसाइल हमला कर दे। व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी जे कार्ने ने कहा है कि नॉर्थ से ऐसी ही उम्मीद की जा सकती है।
 
वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने चीन से आग्रह किया है कि वह अपने प्रभाव का फायदा उठाकर कोरियाई प्रायद्वीप मामले में हस्तक्षेप करे। पांच दिन के दौरे पर आई ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने बीजिंग से अनुरोध किया है कि नॉर्थ कोरिया पर उत्तेजक बयान न देने के लिए दबाव डाले और साउथ कोरिया के साथ बातचीत करने को कहे। 
 
 
क्यूबा क्रांतिकारी और पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव की स्थिति से विचलित हैं। उन्होंने नॉर्थ कोरिया को संयम बरतने और युद्ध न करने की हिदायत दी है। क्यूबा के सरकारी मीडिया ने फिदेल के हवाले से लिखा है कि दोनों कोरियाई देशों के नागरिकों को अकारण ही बलिदान देना होगा। जिससे उनका कोई फायदा नहीं होगा।
 
86 वर्षीय कास्त्रो ने नॉर्थ कोरिया से कहा कि अपनी तकनीक क्षमता और वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रदर्शन करने के साथ यह नहीं भूलना चाहिए कि देश के प्रति हमारा कुछ कर्तव्य है।
 
दूसरी ओर, नॉर्थ कोरिया ने रूस, चीन और ब्रिटेन सहित अन्य देशों से साफ कहा है कि वे अपने दूतावास 10 अप्रैल तक बंद कर दें। इसके बाद इन देशों के राजनयिकों और वहां काम कर रहे उनके नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती। इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है। उत्‍तर कोरिया की चेतावनी के बाद भारत को भी अपना दूतावास बंद करना पड़ सकता है।
 
एक ब्रिटिश राजनयिक ने बताया कि प्योंगयांग ने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के दूतावासों से बंद करने की योजना मांगी है। वियना कन्वेंशन के तहत मेजबान देश को वहां स्थित दूतावासों के कर्मचारियों को देश से सुरक्षित निकालना होता है। उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को मोबाइल लॉन्चर्स पर एक और मिसाइल तैनात कर दी। दक्षिण कोरियाई न्यूज एजेंसी योन्हाप के अनुसार, ट्रेन से मिसाइल पूर्वी तट पर पहुंचाई गई। 
 
इसके पहले भी उसने एक मिसाइल तैनात की थी। अटकलें हैं कि उत्तर कोरिया ने इन मिसाइलों का अभी परीक्षण नहीं किया है। दक्षिण कोरिया ने भी संभावित हमले से बचाव के लिए विध्वंसक तैयार रखा है। उत्तर कोरिया की कार्रवाई से दक्षिण के बाजारों में घबराहट भी देखी गई। वहां बड़े वित्तीय अधिकारियों ने आर्थिक संकट की चेतावनी दी है। दक्षिण कोरिया के बैंकों और वित्तीय नियामकों की शुक्रवार को आपात बैठक हुई। इसमें भावी संकट पर विचार किया गया। 
 
उधर, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव के बीच ईरान अपने परमाणु कार्यक्रमों विवाद को दुनिया बड़ी महाशक्तियों के साथ बातचीत से सुलझाना चाहता है। परमाणु कार्यक्रमों को लेकर पश्चिमी देशों के आंखों की किरकिरी बना ईरान कजाखस्तान के अलमाटी में दुनिया की छह बड़ी शक्तियों से दूसरे दौर की बातचीत कर रहा है।
 
 
इससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दिए जाने की संभावना को बल मिला है। अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रमों को लेकर बातचीत कर रहे हैं। उन्हें शक है कि तेहरान परमाणु बम बना रहा है। हालांकि ईरान ने इन सभी बातों को खारिज करते हुए कहा है कि उसका इरादा ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करना है।

दिल्ली में पूरे परिवार ने आग लगाकर दी जान, रंगे-बिरंगे अक्षरों में लिखा सुसाइड नोट

नई दिल्ली. उत्तम नगर स्थित मोहन गार्डन इलाके में एक परिवार के सभी चार सदस्यों ने एक साथ खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली।
मृतकों में पति-पत्नी और उनके दो बेटे शामिल हैं। चारों शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में सुरक्षित रखवा दिया है।
घटनास्थल पर पुलिस को दीवार पर दो सुसाइड नोट मिले हैं, जिसमें उन्होंने पड़ोसी से विवाद को कारण बताया है। पुलिस ने पड़ोस में रहने वाले एक परिवार के तीन सदस्यों पर आईपीसी की धारा-306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
तीनों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। जानकारी के मुताबिक राजेंद्र प्रकाश सक्सेना (48) अपनी पत्नी अमिता सिंह (30) और दो बेटे संयम प्रकाश (10) और टीपू (8) के साथ मोहन गार्डन स्थित मकान नंबर- ए-1/23 में रहते थे। उनकी बवाना में नमकीन बनाने की फैक्टरी थी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 5.30 बजे पड़ोसियों ने सूचना दी कि राजेंद्र के घर से धुआं निकल रहा है। लोहे के मेन गेट पर अंदर से ताला लगा हुआ था।
पुलिस जब स्थानीय लोगों की मदद से गेट खोलकर अंदर पहुंची तो मकान के दूसरे तल पर राजेंद्र और उनके परिवार के अन्य सदस्य बुरी तरह झुलसी हुई अवस्था में मिले। सभी को तुरंत दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया।
जांच के दौरान छत के सबसे ऊपरी हिस्से की दीवार पर रंगे-बिरंगे अक्षरों में सुसाइड नोट लिखा मिला, जिसमें उन्होंने पड़ोसी को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया।
मंदिर वाले कमरे की दीवार पर लिखे दूसरे सुसाइड नोट में भी राजेंद्र ने पड़ोसी बूटा राम पर प्रॉपटी विवाद के  चक्कर में तंग करने का जिक्र किया था। पुलिस ने बूटा राम, उसकी पत्नी उषा रानी और बेटे सुखविंदर उर्फ सोनू को हिरासत में ले लिया।

सेक्‍स करने में महिलाओं से पीछे रह जाते हैं मर्द

नई दिल्ली. दुनिया भर के मर्द सेक्स करने के मामले में औरतों के मुकाबले कमजोर पड़ते जा रहे हैं। ऐसा किसी एक देश में न होकर दुनिया भर के मर्दों के साथ हो रहा है। उनकी सेक्स ड्राइव कमजोर होती जा रही है। आमतौर पर यह माना जाता है कि आदमी हर समय सेक्स के बारे में सोचते रहते हैं और हमेशा प्यार करने के लिए तैयार रहते हैं। लेकिन एक हालिया ऑनलाइन सर्वे बताता है कि 62 फीसदी पुरुष अपनी महिला पार्टनर के मुकाबले सेक्स करने के मामले में पीछे रह जाते हैं। यह सर्वे यूकेमेडिक्स डॉट कॉम फार्मेसी की ओर से कराया गया था। इस सर्वे में हर तीसरे आदमी ने यह भी माना था कि उनकी सेक्स ड्राइव पहले के मुकाबले कमजोर हो गई है।
 
भारत में 2011 में हुआ इंडिया-टुडे-नील्सन सर्वे काफी चर्चा और विवादों में रहा था। इसमें देश के छोटे-बड़े शहरों को शामिल किया गया था। इसमें यह बात सामने आई थी कि हर बार एक-तिहाई पुरुष सेक्स न करने के लिए बहाने बनाते हैं। इसके मुताबिक आठ साल से कराए जा रहे सेक्स सर्वे में पहली बार यौन संतुष्टि का आंकड़ा घट कर 27 फीसदी पर आ गया है। एक दूसरे पोल में पता चला है कि हर चार में से एक आदमी सेक्स कर ही नहीं रहा है। 55 साल या इससे ज्यादा की उम्र के 42 फीसदी लोगों में यह परेशानी पाई गई है। इस पोल में एक-चौथाई पुरुषों ने माना था कि वे सेक्स करने के लिए शारीरिक तौर पर तैयार ही नहीं हो पाते हैं।
 
ब्रिटेन में सेक्स के मामलों के स्पेशलिस्ट डॉ. डेविड एडवर्ड्स कहते हैं कि सेक्स ड्राइव का कम होने से एक आदमी का जीवन और उसके रिश्ते खतरनाक दौर में पहुंच सकते हैं। डेविड के मुताबिक उनके पास पुरुषों के सेक्शुअल प्रॉब्लम के काफी मामले आते हैं। वे कहते हैं कि उनके पास हाल ही में एक ऐसा केस आया था, जिसमें सेक्स ड्राइव कमजोर होने से एक आदमी का रिश्ता खत्म हो चुका था। उसे यह समस्या करीब 12 सालों से थी। वह आदमी डॉक्टर के पास तभी आया जब उसकी महिला पार्टनर ने उसे डॉक्टरी मदद लेने या छोड़ देने की धमकी दी।

मोदी ने राहुल को बताया अज्ञानी, कहा मधुमक्‍खी का छत्‍ता नहीं है देश



अहमदाबाद. गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीआईआई में राहुल गांधी द्वारा देश को मधुमक्‍खी का छत्‍ता बताए जाने को नि‍शाने पर लि‍या है। उन्‍होंने कहा कि यह देश आपके लि‍ए मधुमक्‍खी का छत्‍ता हो सकता है, लेकि‍न हमारे लि‍ए मां है और 100 करोड़ से ज्यादा देशवासी हमारे लिए भाई-बहन हैं। मेहरबानी करके हमारे देश का अपमान न करो। आपके अज्ञान के कारण इस देश की जो परंपरा बरबाद हो रही है, उसे बरबाद न करो। देश का कंकर- कंकर हमारे लिए शंकर है। नरेंद्र मोदी भाजपा के 33वें स्‍थापना दि‍वस पर अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम में आयोजि‍त कार्यकर्ताओं की रैली को संबोधि‍त कर रहे थे। नरेंद्र मोदी से पहले भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राजनाथ सिंह ने रैली को संबोधि‍त कि‍या। 
 
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा का जन्‍म देश के नागरि‍कों के भाग्‍य को बदलने के लि‍ए हुआ है। भाजपा का जन्म सत्ता की भूख से नहीं हुआ। जब कोई अच्छा काम करता है तो रुकावट भी कम नहीं आतीं। भाजपा का जन्म उस समय हुआ था, जब देश के भविष्य को निजी स्वार्थ वाले तत्व चला रहे थे। उन्‍होंने कहा कि जब मैं केरल की तरफ देखता हूं तो पाता हूं कि साम्‍यवादि‍यों के लगातार हमलों के बाद भी हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं भारत माता की सेवा में लगे हुए हैं। हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं को वामपंथि‍यों ने मौत के घाट उतार दि‍या, फि‍र भी भाजपा कार्यकर्ता खुद को खपाने के लि‍ए तैयार रहता है। 
 
अपने भाषण में नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर नि‍शाना साधा। बोले जि‍तना कीचड़ उछालोगे, उतना ही कमल खि‍लेगा। दिल्ली में कांग्रेस की सत्ता का नशा ज्यादा लंबे समय तक नहीं चलने वाला। भाजपा और कांग्रेस की सोच के बीच कभी कोई मेल नहीं हो सकता। भाजपा और कांग्रेस के चरित्र की कभी तुलना नहीं कर सकते। उन्‍होंने कहा कि मैं हैरान हूं कि इस देश में पानी की समस्‍या है। इसका देश के नेताओं को अता-पता नहीं है। मुझे उन पर दया आती है। हमारे गुजरात कांग्रेस के नेता पानी को लेकर के गुजरात के कि‍सानों को गुजरात के नागरि‍कों को भ्रमि‍त करने का प्रयास कर रहे हैं। अगर कांग्रेस को कि‍सानों और पानी की इतनी चिंता है, तो समय बरबाद कि‍ए बि‍ना दि‍ल्‍ली की सरकार पर दबाव डालो और नर्मदा डैम का रुका काम शुरू कराओ। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस से लोग तंग आ गए हैं।
 
नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी से सुधरने की अपेक्षा न करो। गुजरात में हुए चुनाव में जनता ने जि‍स तरह से कांग्रेस को सजा दी है, उनके नेताओं को यहां के लोगों ने राजनीति से कि‍नारे लगा दि‍या है, यह साफ संकेत है। वह लोग जि‍स भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, गुजरात की जनता ने ऐसी भाषा बोलने वालों को चुन चुन कर साफ कि‍या है। 
 
नरेंद्र मोदी के संबोधन से पहले सभा को संबोधि‍त करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि आज हमारे प्रधानमंत्री नौ साल बाद आर्थिक सुधार की चर्चा कर रहे हैं। वह कैसा आर्थिक सुधार करना चाहते हैं जो महंगाई बढ़ाने वाला है। जो पेट्रोल गैस की कीमत हर महीने बढ़ाने वाला हो। क्‍या ऐसा आर्थिक सुधार चाहि‍ए जि‍समें कि‍सान आत्‍महत्‍या करने पर मजबूर हो जाता है। अमीर और गरीब की खाई को और चौड़ी करता हो। हमें ऐसा आर्थिक सुधार नहीं चाहि‍ए। आर्थिक सुधार तो हमने कि‍या था। जब हमारी सरकार थी तो हमने महंगाई को नि‍यंत्रि‍त कि‍या था। 
 
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ही भारत को महान भारत बना सकती है। ऐसा भारत जो ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में विश्व को नेतृत्व दे सके। कांग्रेस शासन को लानत है, जिसके 54 सालों के शासन में देश ‍अब भी पिछड़ा बना हुआ है, जो कि गरीब और कंगाल देशों में गिना जाता है। राहुल के बयान पर कटाक्ष करते हुए उन्‍होंने कहा कि घोड़े पर बैठकर कोई नहीं आएगा। भाजपा की तरफ से कोई गांव और किसानों के बीच से पसीना बहाता हुआ व्यक्ति ही आएगा। घोड़े, हाथी और भैंसे पर बैठकर तो कोई कांग्रेसी ही आ सकता है। 
 
भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने भी आपके राज्य के मुख्‍यमंत्री की प्रशंसा की है तो फिर मैं कैसे मोदी की प्रशंसा करने से वंचित रह सकता हूं। नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार मुक्त मुख्‍यमंत्री हैं। मोदी ने विकास का मॉडल दिया। मोदी ने भारत का सिर ऊंचा किया। मोदी ने करिश्माई काम किया है। कांग्रेस ने उन्‍हें मौत का सौदागर कहा था, जि‍सका परिणाम भुगतना पड़ा। अब मोदी को यमराज कहा है, जनता उसका जवाब देगी। हम इस पर कुछ नहीं कहना चाहते। नरेन्द्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं।
 
इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश अध्यक्ष आरसी फलदु के साथ राजनाथ ने उपस्थित लोगों को अभिवादन किया। हालांकि गुजरात में आयोजित भाजपा के स्थापना दिवस समारोह में राजनाथ के अलावा बीजेपी का अन्य कोई प्रमुख नेता नजर नहीं आया। लालकृष्‍ण आडवाणी इस समारोह से दूर रहे। सरदार पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे राजनाथ सिंह का भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद वे बीजेपी के कार्यकर्ताओं संग स्टेडियम के लिए रवाना हुए। इस समय स्टेडियम में 1 लाख से भी अधिक लोग जमा हो चुके हैं। पूरा स्टेडियम फुल हो गया है, जबकि हजारों की संख्या में लोग स्टेडियम के बाहर भी जमा हैं।

कुरान का सन्देश

दोस्तों बात छोटी सी है लेकिन जो बात है उसने मेरे सियासी शऊर को झकझोरा है

दोस्तों बात छोटी सी है लेकिन जो बात है उसने मेरे सियासी शऊर को झकझोरा है ........इसलियें आप से शेयर करना पढ़ रहा है ..आज एक जगह कोटा के कुछ कोंग्रेसी जमा थे ज़ाहिर है जहाँ कोंग्रेसी जमा होंगे वहन मुस्लिमों की संख्या अधिकतम होगी ..यहा भी यही हाल था ..सभी मुस्लिम भाई जो करीब तीस तीस सालों से कोंग्रेस से जुड़े है पहले भी नेताओं के चक्कर काटते थे आज भी चकर काट रहे है ..जिंदाबाद मुर्दाबाद के काम आते है घर बार कोंग्रेस और भाईसाहब के लियें छोड़ रखा है ..घरवाले सब्जी ..दूध का इन्तिज़ार करते है लेकिन यह सभी जनाब बिना किसी कम के भाई साहब के साथ या फिर पार्टी के कम से व्यस्त रहते है इसलियें इन्हें बच्चों और परिवार के लियें वक्त नहीं है ...रोजमर्रा इधर से उधर शहर भर में एक दुसरे की चुगली ..एक दुसरे की मुखबिरी करना इनका काम है और जब से होश सम्भाला है कोंग्रेस और भाई साहब से जुड़े है लेकिन घर की माली हालत जेसी थी अब वेसी भी नहीं है खुद की निजी समस्याएं बरकरार है ..बेरोज़गारी है और जीने के लियें झूंठी शान के हम सत्तापक्ष के कोंग्रेसी है और वोह भी ज़िम्मेदार नेता के खासमखास है दोस्तों इन लोगों को में ही नहीं कोटा के सभी लोग कई सालों से ऐसी ही जिंदगी जीते हुए देख रहे है .......ऐसे में एक सज्जन आते है और व्यवधान डालते हुए इन कोंग्रेसी मुस्लिम बंधुओं की घिसी पीती हालत और कोंग्रेस के प्रति समपर्ण देख कर कहते है भाई अगर तुम्हे कुछ बनना है ..कुछ सियासी तोर हांसिल करना है तो बस कुछ दिन के लियें गुमनाम हो जाओ कोंग्रेस और नेता को नज़र न आओ हालात ऐसे होंगे के नेता बिचारा अकेला पढ़ जाएगा क्योंकि हर कार्यक्रम में हर जगह मूलमं कार्यकर्ताओं की संख्या ज्यादा होती है नेता भी कहते है मुस्लिम समाज के लोगों को एक बुलाओ तो सो आते है जब के दुसरे समाज के सो बुलाओं तो एक आते है लेकिन वोह एक है तो नेक है और यह सो है तो भी बेकार बेरोजगार है कहने को तो यह नेता है कार्यकर्ता है लेकिन इनके घर की हालत तरस खाने जेसी है बात तो हमे भी सही लगी के अगर कोटा के मुस्लिम कोंग्रेसी दस दिन के लियें भी छुट्टी पर चले जाए तो कोंग्रेस का यहाँ क्या हाल होगा ....में कुछ बोलता इसके पहले ही एक कोंग्रेसी नेता ने कहा के भाई उत्तर प्रदेश .बिहार ..उड़ीसा ...सहित कई ऐसे राज्य है जहाँ मुसलमान कोंग्रेस से अलग हुए तो आज वहन कोंग्रेस का नामलेवा भी नहीं नज़र आता है मेने चुनाव आयोग के आंकड़े देखे तो बिलकुल सही साबित हुए .....आपकी राय इस बारे में क्या है प्लीज़ बताइयेगा जरूर .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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