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07 अप्रैल 2013

पुलिसिया कार्रवाई पर उठने लगे सवाल, कहीं फर्जी तो नहीं महिला नक्सली का एनकाउंटर


गड़चिरोली. भटपार मुठभेड़ को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। इस मुठभेड़ में मारी गई दो युवतियों में से एक की पहचान पुलिस द्वारा गलत किए जाने का आरोप मृत महिला के भाई विनोद कुम्मा ताडो ने लगाया है। रविवार को पत्रपरिषद में विनोद ने कहा कि मेरी बहन का नाम सुनीता था जिसकी पुलिस ने नक्सली सदस्य सरिता उर्फ ज्योति के रूप में शिनाख्त की और उसका शव बस्तर से आए सरिता के परिजनों को सौंप भी दिया।
विनोद ने बताया कि बुधवार रात भटपार गांव में नक्सलियों की बैठक के बाद उनके आदेश पर गांव की दो युवतियां सुनीता कुम्मा ताडो (17) एवं सरिता सोमा मज्जी (१८) नक्सलियों का कुछ सामान लेकर उनके साथ चली गईं। गुरुवार की सुबह भटपार एवं छत्तीसगढ़ के तुरी गांव के बीच इंद्रावती नदी में हुई मुठभेड़ में सुनीता मारी गई। जबकि सरिता मज्जी बचकर शनिवार को वापस गांव आ गई।

हिन्दुस्तान के इस एक घर में रह रहे हैं 480 पाकिस्तानी, पूरा सच है और भी दर्दनाक!



नई दिल्ली. पाकिस्तान से 480 हिंदुओं का जत्था कुंभ स्नान के लिए आया था। एक महीने का वीजा था, लेकिन अब ये लोग लौटना नहीं चाहते। ये सभी दिल्ली से सटे कापसहेड़ा गांव के एक घर में 11 मार्च से रह रहे हैं।
कापसहेड़ा के नाहर सिंह के मकान में 28 कमरे हैं। पाकिस्तान से हिंदुओं के आने के बाद से यहां लगने वाले स्कूल में छुट्टी कर दी गई है। करीब 100 वर्गफीट के एक कमरे में करीब 20-20 लोग रह रहे हैं।
इनमें पांच माह की बच्ची से लेकर 110 वर्ष की बुजुर्ग महिला भी शामिल हैं। इनका वीजा आठ अप्रैल को खत्म हो रहा है। गृह मंत्रालय ने आश्वस्त किया है कि वीजा अवधि बढ़ा दी जाएगी।

कर्मचारी 1 मई को सामूहिक अवकाश पर, सूने रहेंगे सरकारी कार्यालय


जयपुर.अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने 1 मई को सामूहिक अवकाश करने और 4 जुलाई से प्रदेश में हड़ताल करने की घोषणा की। महासंघ की रविवार को जल भवन स्थित गेस्ट हाउस में प्रदेश कार्यकारिणी व जिला अध्यक्षों की संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया। 
 
महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्रसिंह ने कहा कि कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ केंद्र के समान 1 जुलाई 2006 से नहीं दिया गया।  सरकार ने कृष्णा भटनागर समिति की रिपोर्ट को आंशिक रूप से लागू कर कर्मचारियों से धोखा किया। लाखों कर्मचारी वेतन विसंगति के दूर होने की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 
 
अब कर्मचारियों के पास आंदोलन के सिवाय कोई चारा नहीं है। महासंघ के प्रवक्ता शशिभूषण शर्मा ने कहा कि 25 अप्रैल को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टरों को हड़ताल व सामूहिक अवकाश का नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद 1 मई को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इसके बाद भी सरकार ने मांग नहीं मानी तो वे 4 जुलाई से हड़ताल पर चले जाएंगे।
 
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह और उपाध्यक्ष विजय उपाध्याय ने राज्य सरकार की घोषणा को कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी करार दिया। सरकार ने कर्मचारियों को आपस में बांट दिया। सरकार 17 से अधिक भत्तों व 7 लाख कर्मचारी व 3 लाख पेंशनर्स का एरियर हजम कर गई। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) के अध्यक्ष सियाराम शर्मा ने भटनागर समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की।
 
वेतन विसंगतियां दूर नहीं, कर्मचारी संगठन संघर्ष की राह पर
 
कृष्णा भटनागर समिति की रिपोर्ट लागू करने के बाद भी कर्मचारियों के कई वर्गो की वेतन विसंगतियां दूर नहीं करने से नाराज कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार को चेतावनी देते हुए संघर्ष की घोषणा कर दी। राजस्थान पशु चिकित्सक संघ ने 10 अप्रैल को काली पट्टी बांधने, 18 अप्रैल को सामूहिक अवकाश पर जाने और 29 अप्रैल को जयपुर में राज्य स्तरीय सांकेतिक धरना देने की घोषणा की। 
 
वहीं, राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ ने सोमवार को बैठक कर आरपार की लड़ाई का फैसला करने की घोषणा की। राजस्थान पशु चिकित्सक संघ के अध्यक्ष लखाराम ने कहा कि वेतन आयोग की अनुशंसा के बावजूद पशु चिकित्सकों को मानव- दंत चिकित्सकों के समकक्ष वेतन श्रंखला और डीएसीपी का लाभ राज्य सरकार ने नहीं दिया।  
 
राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष गंगाराम डिडवानिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मदन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को जनवरी, 2006 से पे बैंड (5200-20200) में ग्रेड पे 1800 का परिलाभ दिया जा रहा है। साथ ही 10, 20, 30 वर्ष पर 1900, 2100 और 2400 रुपए का परिलाभ दिया जा रहा है, जबकि राजस्थान में 4740-7440 में 9, 18, 27 वर्ष पर 1400, 1650 और 1800 रुपए का परिलाभ ही दिया जा रहा है। अल्पवेतन भोगी कर्मचारियों के साथ सरकार ने विश्वासघात किया है। इस बारे में सोमवार को बैठक कर फैसला किया जाएगा।
 
व्याख्याताओं ने किया विरोध
 
राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) ने भटनागर समिति की रिपोर्ट लागू करने के नाम पर व्याख्याताओं के साथ ग्रेड पे में भेदभाव करने का आरोप लगाया। जिलामंत्री राजेंद्र कुमार का कहना है कि सरकार ने उनका ग्रेड पे 4600 किया है, जबकि वे केंद्र के समान 4800 करने की मांग कर रहे थे। यही नहीं सरकार ने अभी तक पदोन्नति में मंत्रिमंडलीय सिफारिश को भी मंजूरी नहीं दी और उन्हें प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति में 67:33 का लाभ अब तक नहीं दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि मांग नहीं मानी तो वे 14 अप्रैल से मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र से आंदोलन की शुरुआत करेंगे।
 
इन्होंने जताया आभार
 
राजस्थान परिवहन निरीक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि उनकी 25 साल पुरानी मांग मान ली गई है। इससे निरीक्षकों में खुशी है। अखिल राजस्थान एससी, एसटी, ओबीसी अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष रामस्वरूप मीणा ने सिफारिशें लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सूरजप्रकाश टाक ने छठे वेतन आयोग का लाभ 1 जनवरी, 2006 से देने पर सरकार की सराहना की है।

'अपने आतंकियों' को नहीं मारने की शर्त पर पाकिस्तान ने कराए थे अपने यहां ड्रोन हमले!



न्यूयार्क. पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में होने वाले अमेरिकी ड्रोन हमलों को लेकर दोनों देशों के बीच में पहले से ही गुप्त समझौता हो गया था। इस समझौते के मुताबिक पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा था कि वह भारत में आतंकी वारदातों के लिए बने ट्रेनिंग कैंपों और पाकिस्तानी परमाणु रिएक्टरों से दूर रहेगा। 'न्यूयार्क टाइम्स' ने रविवार को यह खबर दी है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने 2004 में एक वार्ता के बाद यह गुप्त समझौता किया था।
 
अखबार ने कहा है कि पाकिस्तानी खुफिया विभाग के अधिकारियों ने जोर देकर कहा था कि अमेरिका के मानवरहित ड्रोन विमान सिर्फ कबाइली इलाकों के सीमित भागों में ही हमले कर सकेंगे। इसके अलावा वे पाकिस्तानी परमाणु केन्द्रों और भारत में हमलों के लिए कश्मीरी आतंकवादियों के प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल हो रहे पहाड़ी शिविरों में उड़ान नहीं भरेंगे। पाकिस्तान नहीं चाहता था कि अमेरिकी सैनिक इन जगहों पर जाएं।
 
खबर के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा था कि अमेरिका को हर ड्रोन हमले की मंजूरी दी जाएगी लेकिन हमले की जगह पहले से तय होगी। इसका मतलब है कि ड्रोन हमलों पर हायतौबा मचाने वाला पाकिस्तान इतना सालों तक सिर्फ दिखावा कर रहा था।

भारत ने किया अग्नि-2 का परीक्षण, मिसाइल टेस्ट की तैयारी में उत्‍तर कोरिया!



वॉशिंगटन/प्योंगयांग/सिओल. कोरियाई प्रायद्वीप पर बढ़ते तनाव के बीच भारत ने रविवार को अग्नि-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। दक्षिण कोरिया के एक शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा है कि उत्तर कोरिया मिसाइल टेस्ट की तैयारी कर रहा है। वहीं, उत्‍तर कोरिया की तरफ से मिसाइल परीक्षण किए जाने की संभावना से जापान की चिंता बढ़ गई है क्‍योंकि वह आसानी से इसकी जद में आ जाएगा। जापान ने अपनी सेनाओं को आदेश दिया है कि वो अपने देश की तरफ बढ़ने वाले उत्‍तर कोरिया के किसी मिसाइल को मार गिराएं। जापान के रक्षा मंत्रालय के इस आदेश को फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है। स्‍थानीय मीडिया ने खबर दी है कि ऐसा आदेश सार्वजनिक करने से लोगों के बीच डर का माहौल पैदा हो जाएगा। जापान सरकार के प्रवक्‍ता ने टोकियो में बताया कि उनका देश 'बेहद बुरे हालात' से निपटने की तैयारी कर रहा है। जापान ने कोरियाई प्रायद्वीप पर जारी तनाव खत्‍म करने के लिए चीन और रूस से अहम भूमिका निभाने की अपील की है। 
 
जानकारों का कहना है कि उत्‍तर कोरिया अमेरिका के खिलाफ परमाणु हथियार इस्‍तेमाल नहीं कर सकता है क्‍योंकि ऐसा करने की ताकत उसके पास नहीं है। लेकिन जानकार इस बात की आशंका जता रहे हैं कि उत्‍तर कोरिया अमेरिका पर साइबर हमला कर सकता है और ऐसा कर वह अमेरिका के कम्‍प्‍यूटर नेटवर्क को तबाह कर सकता है।

कुरान का सन्देश

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई

Tulsi Sonar
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई

फिर क्यूँ होता है ये दंगा फसाद
मासूमों के जीवन में क्यूँ आता है अवसाद
क्यूँ रक्तरंजित हो जाती है तलवार
क्यूँ ये करते हैं एकदूजे पे वार
क्यूँ तोड़ी जाती हैं मंदिर की दीवारें
क्यूँ गिराई जाती है मस्जिद की मीनारें
क्यूँ चली थीं सन ८४ में नफरत की हवाएं
क्यूँ खून से रंगी थी साडी फिजायें
क्यूँ निर्दयता का था हुआ उत्थान
क्यूँ आस्तित्व में आया खालिस्तान
क्यूँ धरती का स्वर्ग, बना था नर्क
इंसानों और हैवानों के बीच का मिट गया था फर्क
क्यूँ जले थे लोग गोधरा की आग में
क्यूँ गा रहे थे लैब कट्टरता के राग में
क्यूँ लाहोर अमृतसर के बीच चली थी लाशो की रेल
दूधमूहों के भी सर कलम कर दिए गए
क्यूँ हुआ धड़ल्ले नृशंसता का खेल
क्यूँ ये बने एक दूजे के कोप का भाजन
फिर क्यूँ हुआ इस देश का विभाजन
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई
फिर कहे का ये दंगा फसाद
जिसके हाथ में है सृजन-संहार
जिसने किया हममें प्राण का संचार
जो हमें संकटों से बचाता है
क्या भला उस पे भी संकट आता है
फिर काहे का ये 'जेहाद'
फिर काहे का वो धर्म युद्ध है जिसकी बुनियाद
उपजी इस तबाही से हम अभी तक नहीं उबरे हैं
बदन के जख्म भर गए पर दिल के अभी तक गहरे हैं
आँखों से नहीं, आंसूं अब दिल से रिश्ते हैं
सियासत की चक्की में हम हर पल जो पिसते हैं
पर इक दिन ऐसा आएगा
नफरत बदलेगी मोहब्बत में
घृणा द्वेष सब मिट जायेगा
तब मिल जूल कर हम रहेंगे और
और फक्र से कहेंगे
की हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई

'गहलोत ने बोला झूठ तो गोपालगढ़ आ गए राहुल गांधी'


जयपुर। भाजपा ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार का सूचना तंत्र पूरी तरह विफल है। इसी वजह से सांगानेर जैसे शांतिप्रिय क्षेत्र में दो वर्गों में इतनी बड़ी घटना हो गई। गहलोत झूठ बोलकर आलाकमान की आखों में भी धूल झोंकते हैं। इसका उदाहरण गोपालगढ़ की घटना है।
भाजपा ने कहा कि गहलोत ने हाईकमान को गलत तथ्य भेजे, इसलिए बिना सूचना दिए राहुल गांधी गोपालगढ़ का दौरा करने चले गए। गहलोत को यह अच्छा नहीं लगा। पहले तो गहलोत ने राहुल गांधी को बदनाम करने के लिए अपने गृहमंत्री शांति धारीवाल के माध्यम से यह तथ्य प्रचारित करवाए कि राहुल ने गोपालगढ़ में चोरी की मोटरसाइकिल पर बैठकर हिस्ट्रीशीटर चालक के साथ दौरा किया। और इस झूठ के बचाव में धारीवाल से गृहमंत्री का पद भी छीन दिया।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कैलाशनाथ भट्ट ने रविवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश में साढ़े चार वर्ष में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और सरकार भगवान भरोसे चल रही है। और गहलोत सत्ता के नशे में मदहोश है। महिला अत्याचारों के मामले में जयपुर पहले स्थान पर और राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर आ गया है।
उन्होंने कहा कि गहलोत राज में देश में दलित उत्पीडऩ की सबसे ज्यादा घटनाएं राजस्थान में हुई है। मुख्यमंत्री के पास गृहविभाग भी है, उन्हें एक पल भी सरकार चलाने का अधिकार नहीं है।

डैम में पानी नहीं है तो क्या उसमें पेशाब कर दें?

 
 
 
 
 

लोकसभा चुनावों से पहले बड़बोले बयानों का दौर जोरों पर है लेकिन जिम्मेदार पद पर बैठे राजनेताओं से बयानों में मर्यादा बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है। लेकिन महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य में सूखे की हालत पर ऐसा बयान दिया है कि सुनने वाले भी शर्मशार हो जाएं। उन्होंने पुणे की एक सभा में कहा कि एक आदमी 55 दिन से डैम में पानी छोड़ने की मांग को लेकर अनशन कर रहा है। मिला उसे पानी, अब पानी ही नहीं है तो क्या छोड़ें, क्या अब वहां पेशाब कर दें। महाराष्ट्र में लोग सूखे से परेशान हैं लेकिन नेताओं पर इसका असर नहीं दिख रहा है। नेता सूखे का भी मज़ाक उड़ा रहे हैं।

...मेरे इस देश को यूँ कुर्सी के मंगतों की तरह बदनाम न करो यारों .......

दोस्र्तों इन दिनों भारतीय राजनीति में देश के नेता भारत और भारत के हालातों पर कम और एक दूसरी सियासी पार्टियों के अन्दर ज्यादा झाँक रहे है ....एक दुसरे की आलोचना में अपना वक्त ज्यादा बर्बाद कर रहे है उनका कोई विजन नहीं कोई सोच नहीं कोई राजनितिक समझ नहीं बस कुर्सी तक केसे पहुंचे उनका यही एक सपना है ..देश के लियें क्या करेंगे ..देश को महंगाई से केसे बचायेंगे कोई फार्मूला नहीं कोई सुझाव नहीं बस हमे प्रधानमन्त्री बना दो हमे प्रधानमन्त्री बना दो हमें प्रधामंत्री बना दो बेशर्मी से कहते फिर रहे है ......अभी हाल ही में कोंग्रेस की तरफ से जहाँ गये वहां का चुनाव हारकर आने वाले राहुल जी ने भारत के नाम पर मधु मक्खी का छत्ता कहकर तुलना क्या कर दी भाजपा के सभी कम रुक गए और मधुमक्खी के पिच्चे पढ़ गए ..देश का मिडिया भी उफ़ और कोई कम नहीं बस मधुमक्खी के छत्ते के विवाद को ही बढ़ा दाल .....राजनीति में अगर पढ़े लिखे आदमी को टिकिट देकर नेता बनाया जाता पत्रकारिता में अगर न्यूनतम शेक्षणिक योग्यता होती तो शायद यह मुसीबत इस देश को झेलना नहीं पद्धति ....एक गाँव का किसान जो मधु मक्खी का छत्ता बनाकर अपना व्यापार करता है वोह जानता है के मधुमक्खी अपना छत्ता कितनी मुसीबत और कितनी महनत से बनाती है एक मधुमक्खी का झुण्ड सुरक्षा करता है ..दूसरा झुण्ड पानी लाता है ..तीसरा खबरें लाता है और बाक़ी मधुमक्खियाँ मजे में सोती है या फिर शहद के लियें फूलों को चूसने के लियें निकल पद्धति है उनके पेट में जाकर गुदा से जब यह सब निकलता है तो उसी को हम शहद कहकर जिसे दुसरे शब्दों में हर बीमारी का इलाज का जाता है वोह निकलता है और छत्ता सुरक्षा के घेरे में होता है सभी मधुमक्खियाँ शराफत से अपना काम करती है लेकिन की अगर उन्हें छेड़ देता है तो फिर सभी मधुमक्खियाँ दुश्मन को लोटा लोटा कर और भगा भगा कर मारती है ..यही तो है हमारी भारत माँ ..यहाँ के लोग सुरक्षा करते है महनत करते है ..मिठास बांटते है एकता से रहते है मधुमक्खी कभी मधुमक्खी पर हमला नहीं करती यह उसका स्वभाव है लेकिन अगर दुश्मन छेड़ दे तो फिर सभी एक जुट होकर इस दुश्मन को नहीं छोड़ते है हमारा देश भी इसी स्वभाव का है सभी एक जुट है ..म्हणत क्ष है ..सुरक्षा करते है ..मिठास बांटते है लेकिन जो बुरी नज़र रखता उसे ऐसा सबक सिखाते है के वोह सदियों याद रखता है ..जी हाँ दोस्तों एक तरफ शहद दूसरी तरफ मोम और ना जाने क्या क्या मिलता है एकता से रहने का विचार मिलता है लेकिन जिन मोदी जी को भारत की एकता से नफरत है जो मोदी जी भारत को आपस में लड़ाकर तोड़ने की बात करते है उन मोदी जी को इस एकता वाले मधुमक्खी के छत्ते का फलसफा क्यूँ पसंद आएगा उन्हें मिठास बाँटने का फार्मूला क्यूँ पसंद आएगा और भारत माँ भी एक तरफ सुरक्षा करती है दूसरी तरफ एकता की बात करती है तीसरी तरफ मिठास बांटती है और जब कोई दुश्मन टेडी नज़र करता है तो उसपर काल बनकर टूट पद्धति है तो जनाब कोई तो समझाये इन सियासी नादानों को के देश को यूँ बदनाम न करो यारो देश के लिए कुछ काम करो यारों कुर्सी का क्या जब चाहो ले लेलेना पहले देश केसे चलाओगे यह विचार तो आम करो यारों ...........मेरे इस देश को यूँ कुर्सी के मंगतों की तरह बदनाम न करो यारों .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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