राजस्थान
में कालवाड़ में कांग्रेस के ही एक मंत्री कांग्रेस के खिलाफ धरने पर बैठ
गए। उन्होंने सरकार को मरा हुआ करार भी दे दिया। इस घटना ने प्रदेश
कांग्रेस को सकते में डाल असमंजस की स्थिति पैदा कर दी।
कांग्रेस के केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री लालचंद कटारिया कांग्रेस पदाधिकारी की हत्या के मामले में रविवार को ग्रामीणों के साथ करीब सात घंटे थाने पर धरने पर बैठ गए।
कटारिया ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि यहां की सरकार मरी हुई है और यहां कोई किसी की सुनने वाला नहीं है। उन्होंने पुलिस पर सबूत इकट्ठा न करने का आरोप लगाया और थाना स्टाफ के साथ एडिशनल डीसीपी को हटाने की मांग भी की।
वहीं, कटारिया के धरने की सूचना ने कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी। जहां एक तरफ जिम्मेदार पदाधिकारी सार्वजनिक टिप्पणी करने से बचे तो दूसरी ओर अलग-अलग कारण देकर बचाव की कोशिश की गई।
राज्य कांग्रेस की प्रवक्ता ने कहा कि कटारिया मंत्री के नाते नहीं, क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि के नाते थाने पर गए थे। उनकी सरकार से नाराजगी का कोई सवाल नहीं है। प्रदेश महामंत्री का इस पर कहना था कि कटारिया की नाराजगी सरकार से नहीं व्यक्ति विशेष से हो सकती है।
हालांकि रविवार रात करीब 8:30 बजे कटारिया ने धरना समाप्त कर दिया और कहा कि सरकार ने उनकी मांग मान ली है।
मामला यह था कि एक अप्रैल को पहले से लापता कांग्रेस पदाधिकारी सुनील गौलाड़ा का शव मिला था। इसी संबंध में उचित कार्रवाई ने करने का आरोप लगाते हुए कटारिया धरने पर बैठे थे।
इस मामले में शव मिलने के बाद पुलिस ने शनिवार को चंपापुर के मुकेश और श्रीमाधोपुर के विवेक शर्मा को गिरफ्तार किया था।
कांग्रेस के केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री लालचंद कटारिया कांग्रेस पदाधिकारी की हत्या के मामले में रविवार को ग्रामीणों के साथ करीब सात घंटे थाने पर धरने पर बैठ गए।
कटारिया ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि यहां की सरकार मरी हुई है और यहां कोई किसी की सुनने वाला नहीं है। उन्होंने पुलिस पर सबूत इकट्ठा न करने का आरोप लगाया और थाना स्टाफ के साथ एडिशनल डीसीपी को हटाने की मांग भी की।
वहीं, कटारिया के धरने की सूचना ने कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी। जहां एक तरफ जिम्मेदार पदाधिकारी सार्वजनिक टिप्पणी करने से बचे तो दूसरी ओर अलग-अलग कारण देकर बचाव की कोशिश की गई।
राज्य कांग्रेस की प्रवक्ता ने कहा कि कटारिया मंत्री के नाते नहीं, क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि के नाते थाने पर गए थे। उनकी सरकार से नाराजगी का कोई सवाल नहीं है। प्रदेश महामंत्री का इस पर कहना था कि कटारिया की नाराजगी सरकार से नहीं व्यक्ति विशेष से हो सकती है।
हालांकि रविवार रात करीब 8:30 बजे कटारिया ने धरना समाप्त कर दिया और कहा कि सरकार ने उनकी मांग मान ली है।
मामला यह था कि एक अप्रैल को पहले से लापता कांग्रेस पदाधिकारी सुनील गौलाड़ा का शव मिला था। इसी संबंध में उचित कार्रवाई ने करने का आरोप लगाते हुए कटारिया धरने पर बैठे थे।
इस मामले में शव मिलने के बाद पुलिस ने शनिवार को चंपापुर के मुकेश और श्रीमाधोपुर के विवेक शर्मा को गिरफ्तार किया था।