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09 अप्रैल 2013

"साहित्यकार समाज का प्रवक्ता होता है ...किस समाज का ?...संचितों के समाज का या वंचितों के समाज का ?

"साहित्यकार समाज का प्रवक्ता होता है ...किस समाज का ?...संचितों के समाज का या वंचितों के समाज का ? ...जो साहित्यकार संचितों के समाज का प्रवक्ता होता है उसे राजसत्ता से सरकारी पुरुष्कार और जो साहित्यकार वंचितों के समाज का प्रवक्ता होता है उसे सरकारी तिरष्कार ही मिलता है ...रास्ते साहित्यकार को स्वयं तय करने होते है ...जैसा रास्ता वैसा परिदृश्य ...संचितों के प्रवक्ता बन्ने का साहित्यिक परिदृश्य बहुत सुन्दर है ...आप तमाम मेनेजमेंट गुरुओं की किताबें देख लें ,अरिंदम चौधरी को देखलें ,शिव खेडा को देख लें ,चेतन भगत को देख लें ... संचितों के साहित्य के इस रास्ते पर साहित्य का बाजार होता है ,प्रकाशक होते हैं और सेल्स स्कीम की तरह पुरुष्कार हैं , सरकारी सहायता प्राप्त साहित्यिक गोष्ठीयां है सेमीनार हैं , कवि सम्मलेन के नाम पर होने वाले वस्तुतः "कवि मुजरे" हैं ,आनंद ही आनंद है ....दूसरी ओर इसके विपरीत वंचितों के प्रवक्ता बने साहित्यकारों के जीवन में संघर्ष है ,संघर्ष का कोलाहल है ...बलवीर सिंह "रंग", गोपाल सिंह "नेपाली', शिशुपाल सिंह "शिशु", दुष्यंत कुमार, अवतार सिंह "पाश" , आदम गोंडवी, हरिओम पंवार जैसे तमाम साहित्य के देवदार समाज के सीमान्त पर लगे हैं किन्तु बंगलों के गमलों में नहीं हैं ...व्यवहार के नजदीक पर बाजार से दूर हैं ...सरकारी साहित्य को समझने समझाने का दावा करने वाले साहित्य के शिक्षक प्रायः संचितों के प्रवक्ता साहित्यकारों को ही पढ़ते पढ़ाते हैं .बेचारे असली साहित्यकारों को पढ़ना तो दूर उनका नाम भी नहीं जानते और बाजार वंचितों के प्रवक्ता साहित्यकारों के रास्ते में होता ही नहीं है क्योंकि बाजार को खरीददार चाहिए और वंचितों की वेदना का खरीददार कहाँ ? वंचितों पर वेदना का प्रभाव और धन का अभाव जो होता है ...ऐसे लोगों को सरकार की नाराजगी "फ्री गिफ्ट" में मिलती है ...वस्तुतः सरकार हर ऐसे साहित्य की भ्रूण हत्या करना चाहती है ...सरकार को भयाक्रांत समाज की पहरेदारी करते भेड़िये नहीं पसंद हैं ,सरकार को तो भयभीत करने वालों की कोठियों के चौकीदार भोंकने वाले अच्छी नश्ल के कुत्ते चाहिए ...संचितों के समाज के प्रवक्ता साहित्यकारों के गले में पुरुष्कारों के पट्टे देखलें पहचान हो जायेगी ." ------राजीव चतुर्वेदी

अगले पांच साल में देश में जजों की संख्या दोगुनी


law-manmohan-adaalatप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जजों की संख्या बढ़ाने की वकालत करते हुए राज्यों के मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में कहा है कि 10 लाख लोगों पर 15.5 जजों का होना पर्याप्त नहीं है. लोगों को न्याय दिलाने के लिए जजों की संख्या बढ़ाने की ज़रूरत है.
उन्होंने कानूनों के आम लोगों पर होने वाले असर पर भी बात की. मनमोहन सिंह का कहना था कि ये सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि जो क़ानून लोगों की रोज़मर्रा के जीवन पर असर डालते हैं वो तार्किक और स्थाई होने चाहिए.
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए ये भी कहा कि सरकारों को मानवाधिकारों की इज़्जत और रक्षा करनी चाहिए.
इस सम्मेलन में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, कानून सचिव, सुप्रीम कोर्ट के सभी जज और 24 हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीशों को आमंत्रित किया गया है. पिछली बार ऐसा सम्मेलन 2009 में हुआ था.
इस सम्मेलन में लंबित मुकदमों का बोझ कम करने के लिए अगले पांच साल में देश में जजों की संख्या दोगुनी किये जाने का फैसला 7 अप्रैल को लिया गया।
वर्तमान में जजों की संख्या 18,871 है। इसे बढ़ाकर करीब 37,000 किया जाएगा। ग्राम न्यायालयों की संख्या भी बढ़ाकर इस साल के अंत तक 600 से अधिक की जाएगी। फिलहाल देश में 172 ग्राम अदालतें हैं। जजों की संख्या दोगुनी करने से आबादी और जजों का अनुपात कुछ हद तक ठीक हो जाएगा। अभी प्रति दस लाख की आबादी पर औसतन 15.47 जज हैं। संख्या बढऩे के बाद ये इतनी ही आबादी पर 30 हो जाएंगे।

अंतिम संस्कार करने गए थे हुआ कुछ ऐसा कि खुद ही पड़ गए मुसीबत में

अंतिम संस्कार करने गए थे हुआ कुछ ऐसा कि खुद ही पड़ गए मुसीबत में


 

कल्याणपुर (बालोतरा)। निकटवर्ती सिमरखिया गांव में सोमवार शाम करीब 5:30 बजे एक व्यक्ति की अंतिम यात्रा के श्मशानघाट पहुंचते ही धुएं से भड़की मधुमक्खियों के हमले से 10 जने घायल हो गए, जिनमें से एक की स्थिति नाजुक बताई जा रही है बाकी सभी खतरे से बाहर है।

हमले के बाद अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलने पर मंडली पीएचसी से चिकित्सा टीम ने मौके पर सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद निजी वाहनों से बालोतरा रेफर किया। ग्रामीण श्रवणसिंह राजपुरोहित ने बताया कि सिमरखिया गांव में व्यक्ति की अंतिम को लेकर लोग श्मशानघाट पहुंचे।

जैसे श्मशानघाट पहुंचे तो वहां मधुमक्खियां धुएं से भड़क गई और लोगों पर हमला बोल दिया। मधुमक्खियों के हमले में नेमदास संत निवासी फलसूंड व सुमदास, हेमदास, भगवानसिंह, उदयसिंह, सोहनसिंह, शिवदास, दिनेश संत, पुखराजसिंह, जेठूदास घायल हो गए।

घटना की सूचना मिलते ही मंडली पीएचसी से चिकित्सा टीम मौके पर पहुंची और सभी घायलों को प्राथमिक के बाद बालोतरा नाहटा अस्पताल में रेफर किया। जहां नेमदास की स्थिति नाजुक बताई जा रही है और बाकी घायलों को छुट्टी दे दी गई है।

भगवान की खोज में निकला राजस्थान, फिर एक इंसान ने चढ़ा दी खुद की बलि



सीकर। लगता है पूरा राजस्थान भगवान की खोज में निकल पड़ा है। अभी कुछ दिन पूर्व ही राजस्थान के गंगानगर सिटी में भगवान शिव से मिलने के लिए पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली थी। ऐसा ही एक मामला सीकर में हुआ हैं जहां एक युवक ने भगवान से मिलने के लिए आत्महत्या कर ली।
 
 
सीकर के चितलांगिया स्कूल के सामने स्थित टेलर की दुकान में एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर जान दे दी। वह इसी दुकान में काम करता था। मौत से पहले उसने एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें मर्जी से जान देने की बात है। यह भी लिखा कि ‘मैं भगवान को प्राप्त करने के लिए स्वयं की बलि चढ़ा रहा हूं।’
 
 
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि वह पारिवारिक कारणों से मानसिक तौर पर तनाव में था।
 
 
पुलिस के मुताबिक छीपा मोहल्ला का रहने वाला अशोक (40) पुत्र झाबरमल दर्जी टेलर का काम करता था। वह दुकान में देर रात तक काम करता था। इसलिए दुकान मालिक चाबी उसे ही देकर जाता था। रविवार को वह घर चला गया था। सोमवार सुबह दुकान मालिक से पहले ही आ गया था।

रेप पीड़ित मासूम बच्ची को यूपी पुलिस ने किया जेल में बंद



बुलंदशहर. रेप की शिकार दस साल की एक मासूम और उसकी मां को महिला थाने की पुलिस ने घंटों हवालात में रखा। मासूम और उसकी मां महिला थाना में गांव के एक व्यक्ति के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराने गई थीं। जब स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया तो उन्हें छोड़ा गया। पुलिस प्रशासन ने इस मामले में दो महिला सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। जबकि थाना प्रभारी समेत दो दारोगाओं को पुलिस लाइन भेज दिया गया है। 
 
मीरपुर गांव निवासी दस साल की मासूम को परिजनों ने रविवार की रात एक खेत में अचेतावस्था में पाया था। परिजनों का आरोप है कि गांव के ही एक व्यक्ति ने उसका रेप किया था और उसके बाद उसे खेत में फेंक दिया था। हालांकि आरोपी अभी फरार है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलाब सिंह का कहना है कि बच्ची नाबालिग है। उसे सलाखों के पीछे नहीं डाल सकते हैं और ना ही आप उसे स्टेशन में पीड़िता के रूप में रख सकते हैं। ऐसा करना गलत है। अगर महिला पुलिसकर्मियों ने ऐसा किया है तो हम उनके खिलाफ निश्चित ही कार्रवाई करेंगे।

हमले का बदला? ममता ने कैंसिल की पीएम से मीटिंग, बंगाल में सीपीएम दफ्तरों पर तोड़फोड़

नई दिल्‍ली. गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी मंगलावार को कोलकाता पहुंचे तो पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी देश की राजधानी दिल्‍ली पहुंची। कोलकाता पहुंचे मोदी ने अपने भाषण में ममता को सराहा तो यहां योजना आयोग के दफ्तर के बाहर ममता बनर्जी और उनकी टीम का जबरदस्‍त विरोध हुआ। एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल के वित्‍त मंत्री अमित मित्रा के साथ बदसलूकी की। एसएफआई के कार्यकर्ता अपने साथी छात्र नेता सुदीप्‍तो घोष की मौत की घटना का विरोध कर रहे थे। योजना आयोग के दफ्तर के बाहर एसएफआई कार्यकर्ताओं ने अमित मित्रा के साथ धक्‍का-मुक्‍की की और उनका कुर्ता फाड़ दिया। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई जो उन्हें विरोध-प्रदर्शन से रोकने की कोशिश कर रहे थे। इस घटना के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर सीपीएम के दफ्तरों पर हमले कर दिए और तोड़फोड़ की। ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मनमोहन‍ सिंह के साथ होने वाली मुलाकात भी रद्द कर दी है। ममता ने स्‍वास्‍थ्‍य कारणों का हवाला देते हुए यह मीटिंग रद्द की है। सूत्रों के मुताबिक ममता के स्‍वास्‍थ्‍य की जांच के लिए राम मनोहर लोहिया के डॉक्‍टरों को बुलाया गया है।
मित्रा के साथ मौजूद सीएम ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों को हुडदंगी करार दिया और कहा कि अब वह कभी दिल्‍ली नहीं आएंगी। ममता ने कहा कि वामपंथी दल 'गंदी राजनीति' कर रहे हैं। ममता ने कहा कि एसएफआई कार्यकतार्ओं के हाथों में लोहे की छड़ थी जिससे उन्‍होंने उनके ऊपर हमला करने की कोशिश की। ममता ने वामपंथी दलों की तरफ इशारा करते हुए कहा, 'वो मेरी हत्‍या कर सकते हैं लेकिन बंगाल के विकास के लिए काम करने से नहीं रोक सकते।' बाद में मित्रा को दर्द और हाई ब्‍लड प्रेशर की शिकायत के चलते एम्‍स में भर्ती कराया गया।
मोंटेक ने ममता और उनके सहयोगियों के साथ योजना आयोग के दफ्तर के बाहर हुए वाकये के लिए माफी मांगी है। मोंटेक और ममता की मीटिंग में मौजूद केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्‍ला ने कहा कि आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य ने भी इस हमले की निंदा करते हुए ममता बनर्जी से माफी मांगी है। उन्‍होंने कहा कि इस तरह की राजनीति सही नहीं है।

कुरान का सन्देश

जर्मनी वालों ने डा. अनवर जमाल के ब्लॉग ‘औरत की हक़ीक़त‘ को भी चुना।

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क़ाबिले क़द्र भाई ख़ुशदीप की पोस्ट के ज़रिये ब्लॉगर्स को पता चला कि दुनिया की 14 ज़बानों में 4 हज़ार से ज़्यादा ब्लॉग्स में से जब हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ 10 ब्लॉग चुने गए तो जर्मनी वालों ने उनमें डा. अनवर जमाल के ब्लॉग ‘औरत की हक़ीक़त‘ को भी चुना।
फ़ोलो करने लायक़ 10 ब्लॉग में ‘हलाल मीट‘ को देखकर यह यक़ीन हो गया कि चुनाव करने वाले किसी गुट से ताल्लुक़ नहीं रखते। इस ब्लॉग का संचालनकर्ता कौन है ?, यह तक क्लियर नहीं है लेकिन फिर भी इसे इज़्ज़त बख्शी गई। 
राजनीति, विज्ञान और समाज पर लिखने वाले दूसरे ब्लॉग भी इसमें शामिल हैं। उन सबकी लिस्ट भाई ख़ुशदीप के ब्लॉग से कॉपी की जा रही है। 
कौन-कौन से ब्लॉग इन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए नामांकित हुए हैं...

हिंदी का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग...

अन्ना हज़ारे


आधारभूत ब्रह्मांड
विज्ञान

हिंदी में फॉलो करने लायक बेहतरीन ब्लॉग...


कोई भी हिन्दी ब्लॉगर ईनाम पाये लेकिन वह जर्मनी जाए और वहां हिन्दी का नाम रौशन करे। इसके लिए अपने पसंद के ब्लॉग को वोट दीजिए। पसंद का ब्लॉग न हो तो उनमें पढ़कर किसी को पसंद कीजिए। इस तरह के ईनाम देने का मक़सद यही होता है कि जिस ब्लॉग को नफ़रत या घटिया राजनीति के चलते पीछे धकेलने की कोशिश की गई हो। उसकी बेहतरी को मन्ज़रे आम पर क़ुबूल किया जाए और यहां तो आलमी सतह पर तसलीम किया गया है कि डा. अनवर जमाल हिन्दी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर्स में से एक हैं।
डा. अनवर जमाल समेत चुने गए सभी हिन्दी ब्लॉगरों को मुबारकबाद, सिर्फ़ इसलिए कि इस चुनाव में गुटबाज़ी और धांधली नहीं है।
‘औरत की हक़ीक़त‘ ब्लॉग पर कुल 21 पोस्ट्स देखी जा रही हैं। उनके 50 से ज़्यादा ब्लॉग्स में इस पर सबसे कम एक्टिविटी देखी गई है। अगर उनके एक्टिव ब्लॉग्स ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ या ‘वेद क़ुरआन‘ या‘बुनियाद‘ वग़ैरह में से किसी को नॉमिनेट किया जाता तो ज़्यादा अच्छा रहता। 
बहरहाल हिन्दी ब्लॉगर्स की आवाज़ दुनिया के दूसरे कोने तक जा रही है। डा. अनवर जमाल के ज्ञान से दुनिया नफ़ा उठा रही है। यह एक अच्छा बदलाव है। यह एक अच्छी शुरूआत है।

मुंबई की कार डीलर कंपनी का फरमान, स्कर्ट पहनो वरना इस्तीफा दो


मुंबई की कार डीलर कंपनी का फरमान, स्कर्ट पहनो वरना इस्तीफा दो
मुंबई। मुंबई की एक कंपनी ने अपनी टेलीफोन ऑपरेटर से कहा है कि या तो वह सलवार कमीज की जगह स्कर्ट-टॉप पहन कर आए या इस्तीफा दे दे। एक प्रमुख कार डीलरशिप की यह ऑपरेटर अब मामले को लेकर थाने पहुंच गई है। 
 
कंपनी का ड्रेस कोड स्कर्ट-टॉप है। यह 28 वर्षीय महिला 2010 से यहां नौकरी कर रही है। उसने कहा कि दबाव डाले जाने के बाद उसने कंपनी के प्रबंधकों से कहा कि वे लिखित में दें कि स्कर्ट-टॉप पहनना उसकी नौकरी की सेवा शर्तों में शामिल है। लेकिन प्रबंधन ने लिखकर देने के बदले कहा कि वह इस्तीफा दे दे। इस कर्मचारी ने पति को जानकारी दी और दोनों ने जाकर थाने में नामजद शिकायत दर्ज करवाई। महिला कर्मचारी का कहना है कि वह मुसलमान है। वह कंपनी के ग्राहकों के ग्राहकों को खुश करने के लिए स्कर्ट-टॉप या जीन्स-टी शर्ट नहीं पहन सकती। 
 
उसने अपनी शिकायत मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री और बाल एवं महिला कल्याण मंत्री को भी भेजी है। इसके समर्थन में जमायत-ए-उलेमा-ए-महाराष्ट्र भी आ गया है। इनका कहना है कि कंपनी को अपने काम से मतलब होना चाहिए न कि कपड़ों से। 
 
हमारी नजर में सब बराबर 
 
कंपनी का कहना है कि हमारी नजर में सब कर्मचारी बराबर हैं। सबको कंपनी के ड्रेस कोड का पालन करना होगा। होंडा कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि सभी होंडा डीलर्स से कहा गया है कि वे अपने यहां ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करवाए।

'बाबा रामदेव ने अपने गुरु के टुकड़े कर गंगा में बहा दिए'



बाबा रामदेव पर अपने गुरु शंकरदेव की हत्या के आरोप बार-बार लगते रहे हैं लेकिन इस शंकर देव की तलाश कर रही उत्तराखंड पुलिस को इस बारे में अब तक कोई सुराग या सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि इस मामले में अब एक आदमी सामने आया है जिसने चौंकाने वाला दावा किया है। 
 
उसके मुताबिक बाबा रामदेव ने अपने गुरु शंकर देव को मारने की योजना उसके सामने बनाई थी। इसका कहना है कि रामदेव ने अपने गुरु की हत्या कर और शव के छोटे-छोटे टुकड़े कर उनका शव गंगा नदी में बहा दिया था। योग गुरु बाबा रामदेव के गुरु का नाम शंकर देव था। एक दिन वो अचानक हरिद्वार के अपने आश्रम से गायब हो गए थे। तब से उनकी कोई खबर नहीं है। पुलिस को शंकरदेव के कमरे से एक पत्र मिला था जिसमें लिखा था, 'मैं शंकरदेव अपनी खराब आर्थिक स्थिति और बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण जा रहा हूं।'
 
लेकिन इस वीडियो में राकेश नामक यह आदमी कह रहा है कि शंकरदेव जी के कमरे से जो पत्र मिला था वह गुरु शंकर देव ने नहीं बल्कि इस राकेश नामक व्यक्ति ने ही बाबा रामदेव के कहने पर लिखा था। इन दिनों यह आदमी जंतर मंतर रोड पर धरना दे रहा है। इस आदमी का दावा है कि वह 2004 से रामदेव को जानता है। इसका दावा है कि इसे यह उत्तराखंड पुलिस ने बुलाया है और वह पुलिस के पास जाकर पूरी जानकारी देगा। साथ ही इसने कहा है कि रामदेव का साथी बालकृष्ण उसे जान से मारने की धमकी दे रहा है। वह इस बारे में दिल्ली और उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों को कई बार सूचित कर चुका है लेकिन वे रामदेव पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। 
 
सोशल मीडिया पर यह वीडियो सामने आने के बाद इस आदमी के दावों की जांच की मांग उठ रही है। हालांकि बाबा रामदेव अपने गुरु की हत्या से इंकार करते रहे हैं। वे खुद पर अपने गुरु की हत्या के लगे आरोपों को कांग्रेस की साजिश बताते हैं। इस बार भी बाबा रामदेव की ओर से कोई सफाई नहीं आई है। 
 

ममता पर 'आयरन रॉड' से हमला करने की साजिश! मोंटेंक ने मांगी माफी

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नई दिल्‍ली. गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी मंगलावार को कोलकाता पहुंचे तो पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी देश की राजधानी दिल्‍ली पहुंची। कोलकाता पहुंचे मोदी ने अपने भाषण में ममता को सराहा तो यहां योजना आयोग के दफ्तर के बाहर ममता बनर्जी और उनकी टीम का जबरदस्‍त विरोध हुआ। एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल के वित्‍त मंत्री अमित मित्रा के साथ बदसलूकी की। एसएफआई के कार्यकर्ता अपने साथी छात्र नेता सुदीप्‍तो घोष की मौत की घटना का विरोध कर रहे थे। योजना आयोग के दफ्तर के बाहर एसएफआई कार्यकर्ताओं ने अमित मित्रा के साथ धक्‍का-मुक्‍की की और उनका कुर्ता फाड़ दिया। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई जो उन्हें विरोध-प्रदर्शन से रोकने की कोशिश कर रहे थे।
मित्रा के साथ मौजूद सीएम ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों को हुडदंगी करार दिया और कहा कि अब वह कभी दिल्‍ली नहीं आएंगी। ममता ने कहा कि वामपंथी दल 'गंदी राजनीति' कर रहे हैं। ममता ने कहा कि एसएफआई कार्यकतार्ओं के हाथों में लोहे की छड़ थी जिससे उन्‍होंने उनके ऊपर हमला करने की कोशिश की। ममता ने वामपंथी दलों की तरफ इशारा करते हुए कहा, 'वो मेरी हत्‍या कर सकते हैं लेकिन बंगाल के विकास के लिए काम करने से नहीं रोक सकते।' मोंटेक ने ममता और उनके सहयोगियों के साथ योजना आयोग के दफ्तर के बाहर हुए वाकये के लिए माफी मांगी है। मोंटेक और ममता की मीटिंग में मौजूद केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्‍ला ने कहा कि आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी।

दोस्तों आप है कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विधायक ओम कृष्ण जी बिरला जिन्होंने आज अपनी चतुराई से वकीलों के विरोध घेराव कार्यक्रम को धरनास्थल पर पहुंच कर वाहवाही कार्यक्रम में बदल दिया

दोस्तों आप है कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विधायक ओम कृष्ण जी बिरला जिन्होंने आज अपनी चतुराई से वकीलों के विरोध घेराव कार्यक्रम को धरनास्थल पर पहुंच कर वाहवाही कार्यक्रम में बदल दिया ..कोटा के वकील कोटा में   राजस्थान हाईकोर्ट की बेंच ..राजस्व मंडल की डबल बेंच ..वकीलों को रियायती दर पर भूखंड  की मांग पर दो माह से आन्दोलन कर रहे है और वकीलों ने हाडोती के सत्राह विधायकों की चुप्पी पर नाराजगी भी जताई है  कल वकीलों ने कोटा दक्षिण के विधायक से आन्दोलन के समर्थन में मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखवाने और अब तक कोई कार्यवाही  करने के मामले में उनके निवास पर जाकर घेराव की योजना बनाई थी ..कोटा के वकील जुलुस तय्यार कर विधायक ओम बिरला के घेराव के लियें उनके  निवास पर जाने की तय्यारी कर ही रहे थे के अचानक खुद विधायक ओम बिरला वकीलों के धरना स्थल पर आया धमके ..उन्होंने वकीलों से कहा के मेने वकीलों की  के समर्थन में मुख्यमंत्री को कई पत्र लिखे है और यह ताज़ा पत्र भी लिख दिया है ..उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही बताते  कहा के कोटा का उन पर कर्ज़ है और इसीलियें वोह कोटा के  के लियें क्र्त्सन्कल्प है उन्होंने विधानसभा में कोटा की रेवेन्यु डबल बेंच और  हाईकोर्ट की मांग विधानसभा में लगातार उठाने के मामले में विधानसभा की कार्यवाही वकीलों को  की उन्होंने कहा सरकार कोग्न्रेस की है लेकिन कोंग्रेस के विधायक और दोनों मंत्री विधानसभा में तालियाँ बजाते है कार्यवाही नहीं करते इन मांगो पर मेरा साथ नहीं देते उन्होंने वकीलों से कहा के दुसरे विधायकों और मंत्रियों से इस मामले में जनता के सामने बुलाकर सवाल जवाब करो वोह क्यूँ वकीलों और क्कोता की जनता की इस वाजिब मांगो पर साथ नहीं दे रहे है उन्होंने कहा के में विपक्ष में हूँ समर्थन दे सकता हूँ विधानसभा में बात उठा सकता हूँ आपके साथ आन्दोलन में शामिल हो सकता हूँ जो में कर रहाहूँ लेकिन सरकार में बेठे कोटा के दो मंत्री चुप्पी साधे बेठे है ..उन्होंने कहा के हमारी सरकार अगर आती है तो में विधायक रहूँ ..सांसद रहूँ ..या मंत्री बनु इन  को पूरा  करके रहूंगा उन्होंने कहा के वकीलों के रियायती भूखंड का सवाल छोटा सा है स्वायत्त शासन मंत्री के हाथ  का मामला है अगर यह नहीं करते है तो हमारी सरकार में मुझे अगर स्वायत्त शासन मंत्री  तो  दिन में यह कम में करके दिखा दूंगा .. विधायक ओम बिरला को जो वकील नाराजगी के कारण उनके घर जाकर घेराव और  का प्रोग्राम बना रहे थे वही वकील ओम बिरला विधायक की वाहवाही करते देखे गए ...ओम बिरला ने ऐसी संवेदन्शीलता दिखाकर उनके घेराव के कार्यक्रम को उनकी वाहवाही में बदलने का चमत्कार कर दिखाया और मुर्दाबाद की जगह खुद को जिंदाबाद करवा लिया वाह भाई वाह विधायक जी बधाई हो ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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