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11 अप्रैल 2013

"इस मुस्कुराती सुबह का क़त्ल होने से पहले बयान सुन लो

"इस मुस्कुराती सुबह का क़त्ल होने से पहले बयान सुन लो
जजवात मेरे तेरी जागीर नहीं हो सकते
रिश्ते तो रिश्ते हैं जंजीर नहीं हो सकते
जिन्दगी की हर गुमनाम सी गुंजाइश की नुमाइश करते लोग सुन लो
देह से होकर गुजरते रास्ते रिश्ते नहीं हो सकते
वह जो सूरज है जिन्दगी की रात में क्यों डूब जाता है ?
रोशनी क्यों बिक रही थी बस्तियों में रात को
तुलसी के पौधे पर अगरबत्ती जलाते लोग रातरानी की सुगंधें सोचते है
रात को बदनाम किसने कर दिया है
एक सूरज जल उठा है और तुम ठन्डे पड़े हो
धूप से सहमे हुए हो, चांदनी चर्चित है क्यों ?
आत्मा के आवरण को व्याकरण किसने कहा ?
सूरज के पिघलने पर धूप बहती है पहाड़ों से
वहां एक झरना फूटा है
शब्द बहते हैं वहां संकेत के
कह रहे है इस सुबह के क़त्ल में साजिश तुम्हारी है
धूप चिल्लाने लगी है अब सड़क पर
याद रखना सत्य का संगीत रागों से परे है
इस मुस्कुराती सुबह का क़त्ल होने से पहले बयान सुन लो
जजवात मेरे तेरी जागीर नहीं हो सकते " ----राजीव चतुर्वेदी

जब दर्द का ही एहसास नहीं……

जब दर्द का ही एहसास नहीं……
तो अश्रु को व्यर्थ निमंत्रण क्यों?

जब मन मे किसी के प्यार नहीं….
तो आँखों का मूक निमंत्रण क्यों??

जब हृदय का जुडा न तार कोई….
तो तन का ब्यर्थ समर्पण क्यों?

जब रिश्तो मे विश्वास नहीं….
तो शब्दों का आडम्बर क्यों?

जब सूरज मे ही आग नहीं….
तो चन्दा से अग्नि का तर्पण क्यों?

जब सभी के चेहरे विकृत है….
तो रिश्तो का झूठा दर्पण क्यों?

जब मरकर सबको शांति मिले….
तो जीवन से आकर्षण क्यों???

जब दर्द का ही एहसास नहीं……
तो अश्रु को व्यर्थ निमंत्रण क्यों?

"आशुतोष नाथ तिवारी"

लिखो की लिखना है तुम्हें

लिखो की लिखना है तुम्हें
भारत का नव विधान .
कण कण में लिख दे
जमीं क्या आसमान .

जब ठन गयी तो ठन गयी
हर शक्श अब जवान
मजदूर क्या - मजबूर क्या
बच्चा हो या किसान .

लड़ना अगर अभीष्ट है
तन मन से लड़ मरो
है सामने वैरी जब्बर
वो कौन सा महान .

जय भारती - जय भारती
जय हो माँ भारती
इस देश की मिटटी नहीं
दुश्मन से हारती .

कुवैत में चला सर्च अभियान, सैकड़ों हिन्दुस्तानी गिरफ्तार



बांसवाड़ा/उदयपुर.कुवैत में वीजा नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन में सैकड़ों हिंदुस्तानियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें राजस्थान के नागरिकों की संख्या सबसे ज्यादा है। गत 9 अप्रैल को कुवैत पुलिस ने सर्च अभियान शुरू किया है। 
 
इसके तहत हसावी, अब्बासिया, सलदिया, जारा व सोएक क्षेत्रों में कार्रवाई हुई है। कुवैत में रह रहे बांसवाड़ा के गनोड़ा निवासी देवीलाल ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में राजस्थान और खासकर वागड़ और मेवाड़ क्षेत्र के लोग सबसे ज्यादा है। 
 
इसके अलावा देश के अन्य राज्यों के लोग भी शामिल हैं। जिन लोगों को कुवैती आकर अपना कर्मचारी बता रहे हैं, उन्हें तो छोड़ा जा रहा है लेकिन शेष लोगों को वापस उनके देश भेजने की तैयारी की जा रही है।
 
कुवैत के एक अखबार के अनुसार अब तक ढाई सौ से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। भारत के अलावा पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश के नागरिक भी गिरफ्तार हुए हैं।

वसुंधरा सत्ता में आईं तो लंदन से होंगे प्रदेश की लूट के सौदे : गहलोत



हनुमानगढ़/रावतसर/नोहर/भादरा.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो प्रदेश की संपदा के सौदे लंदन से होंगे। कांग्रेस संदेश यात्रा के दूसरे चरण के आखिरी दिन गहलोत ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए कहा कि वसुंधरा ने गलत जुमले बोल-बोल कर जनता में विश्वसनीयता खो दी है। कभी कहा राजस्थान पिछड़ गया, दवा नहीं मिल रही, पानी नहीं मिल रहा, तो लोगों का इनसे विश्वास उठ गया कि ये तो ऐसे ही बोलती हैं।
वे अपराधबोध से इतनी ग्रस्त हैं कि इनके पास इस सवाल का जवाब नहीं कि वे साढ़े चार साल तक चुप क्यों रहीं? लंदन में ही क्यों रहीं, प्रदेश की सुध क्यों नहीं ली? किसी भी जिले में क्यों नहीं गईं ? गहलोत ने हनुमानगढ़, नोहर और भादरा की सभाओं में भाजपा और वसुंधरा राजे पर जमकर हमले किए। उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष में था तो मैंने चार साल में 28 जिले कवर किए थे और इस बार तो हर जिले में तीन-तीन बार जा चुका। बोलने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन सब कुछ मुझसे मत बुलवाओ। वसुंधरा के कुशासन में जनता त्रस्त रही, अहंकार में सरकार चली और लुटेरे लूटकर चले गए और अब वे हमसे सवाल कर रही हैं। 
बहनजी मत कहना, वरना नाराज हो जाएंगी मैडम : 
रावतसर में गहलोत ने कहा, रिफाइनरी की बजट में घोषणा हुई तो हमारी बहनजी ने मजाक उड़ाया, ले लो रिफाइनरी। वे यात्रा लेकर यहां भी आएंगी। आप बहनजी मत कह देना। नाराज हो जाएंगी। उन्हें तो मैडम कहना पड़ेगा।  
आप बताओ क्या काम करें : 
नोहर की सभा में गहलोत ने कहा कि पिछले दो बार से नोहर सीट पर कांग्रेस नहीं जीत रही। इस बार यह सीट कांग्रेस में जानी चाहिए। जनता बता दे कि हमें क्या काम करना है, लिखकर  दे दीजिए जो भी आपकी मांग है, वह पूरी करेंगे। 
कांग्रेस की सभा में भाजपा नेता की जेब कटी : 
श्रीगंगानगर में तीन दिन पहले मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से किए गए आरयूबी के लोकार्पण समारोह में शरीक होने आए भाजपा विधायक राधेश्याम के साथी पार्टी के नगर मंडल महामंत्री आनंद शर्मा का पर्स चोरी हो गया। उसमें पांच हजार रुपए थे। उनके एटीएम से भी पांच हजार रुपए निकलवा लिए।पर्स का चोरी का पता उन्हें बुधवार को लगा। इस पर कोतवाली में गुरुवार को मुकदमा दर्ज कराया।

IAS के धक्के से महिला की मौत, हाईकोर्ट ने दिया केस दर्ज करने का आदेश!


जयपुर.हाईकोर्ट ने आईएएस नीरज के. पवन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। 2005 में भरतपुर में अतिक्रमण हटाने के दौरान बुजुर्ग महिला केसर देवी की मौत हो गई थी। याचिका में आरोप है कि तत्कालीन एसडीओ पवन व अन्य अधिकारियों के धक्का देने से महिला की मौत हुई थी।
 
हाईकोर्ट ने संबंधित मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वे इस संबंध में दायर परिवाद को सीआरपीसी की धारा 156 (3) में थाने को मामला दर्ज करने के लिए भेजें।
 
साथ ही कहा कि मामला 2005 का है, इसलिए मजिस्ट्रेट पुलिस की जांच पर निगरानी रखें ताकि बिना देरी निर्णय हो सके। यह आदेश रामदेई की याचिका को स्वीकार कर दिया। पवन पर धारा 302/34 में केस दर्ज होगा। 
याचिका में भरतपुर के एसीजेएम (2) कोर्ट के एक अगस्त, 2006 के आदेश को चुनौती दी, जिसमें तत्कालीन उपखंड अधिकारी नीरज के पवन व राजबहादुर मेमोरियल अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी केके अग्रवाल व अन्य के खिलाफ दायर हत्या के मामले में दायर परिवाद को खारिज कर दिया था। 
 
एसीजेएम के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। याचिका में कहा कि उसका बेटा राजू मथुरा गेट के पास राजबहादुर अस्पताल में सोहनलाल की कैंटीन पर काम करता था। 7 दिसंबर, 2005 को सोहनलाल बाहर गया था तभी तत्कालीन उपखंड अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी केके अग्रवाल व लेखाधिकारी कमलेश कुमार वहां पर आए और सामान को फेंकना शुरू किया। 
 
उन्होंने रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने व जेसीबी मंगा ली। इसी दौरान उसकी मां केसर देवी को धक्का देकर गिरा दिया। उन्हें अस्पताल लेकर गए, लेकिन डॉक्टर अग्रवाल ने भर्ती नहीं होने दिया। बाद में स्ट्रेचर पर ले जाते समय केसर देवी की मौत हो गई।
 
'कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाया था। मृतका को धक्का देना तो दूर, मैंने उसे उस दिन देखा तक नहीं।'
 
-नीरज के. पवन

देवी को खुश करने के लिए महिला ने काटे अपने पैर, दो महिलाओं की डायन बता हत्या


जमशेदपुर/रांची। जमशेदपुर के सोनुवा थाना के कसरुवां मुखी टोला निवासी महिला रजनी मुखी (55) ने बुधवार शाम को धारदार हथियार से अपने पैर को काट कर आत्महत्या कर ली। महिला के पति रवि मुखी ने सोनुवा पुलिस को बताया कि महिला ने धारदार हथियार से अपने पैर को काट लिया। अत्यधिक खून बह जाने से महिला की मौत हो गई। गुरुवार को घटना की जानकारी मिलने के बाद सोनुवा पुलिस गांव पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए चाईबासा भेज दिया।

क्या है मामला ?

सोनुआ थाना प्रभारी विनोद उरांव ने बताया कि 55 साल की राजनीगंधा मुखी ने देवी को खुश करने के चक्कर में धारदार हथियार से अपने पैर काट लिए। उनकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी।
वहीं जिले में आज दो अन्य महिलाओं की डायन होने के आरोप में लोगों ने पीट पीट कर हत्या कर दी। पहली घटना झींकपानी थाना के नोआ गाँव की है। वहाँ डोंगा तांसाई (45) की हत्या उसके भतीजे ने ही कर दी और शव को जंगल में छिपा दिया।
उधर, मंझरी थाना क्षेत्र में एक और महिला की हत्या उसके परिजनों ने ही डायन होने के संदेह में कर दी।

पढ़ाई में कमजोर सुब्रत ने टॉपर से की थी लव मैरिज, 20-20 रुपये जमा कर बने अरबपति


पढ़ाई में कमजोर सुब्रत ने टॉपर से की थी लव मैरिज, 20-20 रुपये जमा कर बने अरबपति
पिछले कई महीनों से सुब्रत राय सहारा लगातार सुर्खियों में रहे हैं। कभी कोर्ट की सुनवाई के चलते तो कभी निवेशकों के 24000 करोड़ रुपये के मामले में सेबी के बयानों में। देश के 10वें सबसे ताकतवर इंसानों में शुमार ये इंसान उस ग्रुप का मालिक है जिसमें इंडियन रेल से बाद सबसे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। हालांकि, सुब्रत राय इन्हें कर्मचारी न मानकर परिवार का सदस्य कहते हैं और खुद को इस परिवार का मुखिया।
जब सहारा के ऊपर निवेशकों के 24000 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगा है तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर एक मध्यवर्गीय परिवार से वास्ता रखने वाले सुब्रत कैसे इतने बड़े इंसान बन गए। इस सवाल का जवाब देने के लिए हम आपको सुब्रत राय सहारा की जिंदगी के उस सफर पर ले चलते हैं जहां वो 20-20 रुपये लेकर आज अरबों का साम्राज्य खड़ा कर चुके हैं। 
 
सुब्रत शुरू से ही पढ़ाई में कमजोर थे। उनका मन पढ़ने से ज्यादा बिजनेस करने में लगता था। एक छोटे से शहर से बिजनेस शुरू करने वाले इस शख्स ने 34 साल में दुनिया भर में अपना कारोबार फैला लिया। जब सहारा घर से निकले थे तो उनके  पास केवल 2000 रुपये ही जेब में थे, लेकिन आज वो 2 लाख करोड़ से भी ज्यादा के ग्रुप का मालिक हैं।

ऐसी मारी टक्कर की मासूम की गर्दन कट कर दूर जा गिरी, जिसने देखा सहम गया



सीकर। दादिया बस स्टैंड के पास गुरुवार सुबह एक बेकाबू बोलेरो कैंपर ने बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार पति, पत्नी व पांच वर्षीय बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस के अनुसार नवलगढ़ निवासी विनोद पुत्र लादूराम कुमावत बुधवार को ससुराल तारपुरा आया था।
 
 
गुरुवार सुबह करीब 11 बजे वह पत्नी कमला व पांच वर्षीय बेटे मोनू के साथ नवलगढ़ लौट रहा था। दादिया स्टैंड व पुलिस थाने के बीच बाइक को सामने से आ रही बोलेरो कैंपर ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि विनोद, कमला व मोनू की मौके पर ही मौत हो गई।
 
हादसे को जिसने भी देखा सन्न रह गया। मोनू बाइक पर आगे बैठा था जिसकी गर्दन कट गई और काफी दूर जाकर गिरी। लोग इसे देखकर सहम गए। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने गर्दन को उठाया। टक्कर मारने के बाद कैंपर चालक गाड़ी लेकर मौके से भाग निकला।

शहर में चिपके अश्लील पोस्टर: जिसपर लिखा है लड़की का नाम, पता और फोन नंबर



चंडीगढ़. लड़की का नाम, पता फोन नंबर और अश्लील प्रोफाइल के पोस्टर शहर में कई जगह चिपके देखे जा रहे हैं। किसी लड़की की आबरू को उछालने की कोशिश का यह पहला मामला है, जिससे अब चंडीगढ़ पुलिस जूझ रही है।
जबकि लड़की का हाल बेहाल है क्योंकि पोस्टर पर न केवल उसका बल्कि उसके दोस्त और सहेलियों के फोन नंबर भी छापे गए हैं।
पहले उसने परिवार के साथ अपने स्तर पर पोस्टर फाड़े, लेकिन साजिशकर्ता इतना बेखौफ है कि एक तरफ ये लोग पोस्टर फाड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ वह चिपका रहा है।
बच न पाए दोषी
थाना-34 पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी की धारा 294/509/34 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस पो

कुरान का सन्देश

अरे यार क्या केल्क्यूलेटर लेकर प्यार की गिनती कर रहे हो

"पहला प्यार ?...अरे यार क्या केल्क्यूलेटर लेकर प्यार की गिनती कर रहे हो ...?....जो लोग कह रहे हैं "पहला प्यार " उनके लिए प्यार त्यौहार नहीं ...प्यार उपहार नहीं ...प्यार श्रृंगार नहीं ...प्यार व्यवहार नहीं ...प्यार संस्कार नहीं ,,,प्यार व्यापार है ...प्यार बाज़ार है ...गिनती का गणित है , देह का फलित है ...जो कह रहे हैं --"पहला प्यार" वह एक से अधिक प्यार कर चुके हैं ...और आगे करेंगे भी ...फिर क्या पहला प्यार ...क्या नहला प्यार ...क्या दहला प्यार ? ...इनको कोई क्या बताये कि प्यार एक और केवल एक ही होता है ...यह तो सभ्य संस्कारित समाज की बात हो गयी ...बाकी चरित्रहीनो की बस्ती में "पहला प्यार " ओपनिंग बेट्समेन जैसा कोई जुमला है ...छिनरे -छिनारों की बस्ती में "पहला प्यार " --- "लगे रहो मुन्ना भाई " --जैसा कोई वाकया या वारदात है ...जो कहे "पहला प्यार " समझ जाना प्यार की पगडंडी पर उसकी रफ़्तार ." ----राजीव चतुर्वेदी

कोई छुप,छुप के देखे तो, मोहब्बत नाम हो जाये,

कोई छुप,छुप के देखे तो,
मोहब्बत नाम हो जाये,

करे खुलेआम जो इजहार,
तो वो बदनाम हो जाये।

बसाने में,निभाने में लगेगी उम्र ये सारी,
छुपा लो दिल के कोने में,
तो अब आराम हो जाये।

बड़ा तरसा हूँ मै भी मुद्दतों से,
यार की खातिर,
बरस कर जो भिगो दे,
प्यार अब खुलेआम हो जाये।

तुम्हारे केशुओं ने नींद लुटी,
चैन लुटा है,
तेरी बारी है तू लुट जाये,
तो अंजाम हो जाये।

कभी जो देख लो तुम तो मेरी पहचान हो जाये,
तुम्हारी जुल्फ में ही रात से फिर शाम हो जाये।

बड़ी बदनाम है मेरी मोहब्बत तेरे वास्ते,
तू मेरा नाम ले ले तो मेरा फिर नाम हो जाये।

तरसती है नजर दीदार को बस देख ले तुमको,
कब्र में भी सब्र से फिर मुझे आराम हो जाये।

कहूँ तो क्या कहूँ हर लब्ज थोड़े फीके-फीके है,
मेरी आँखों से जो तू पढ़ ले दिल का काम हो जाये।

बैसाखी नाम वैशाख से बना है। पंजाब और हरियाणा के किसान सर्दियों की फसल काट लेने के बाद नए साल की खुशियाँ मनाते हैं

बैसाखी नाम वैशाख से बना है। पंजाब और हरियाणा के किसान सर्दियों की फसल काट लेने के बाद नए साल की खुशियाँ मनाते हैं। इसीलिए बैसाखी पंजाब और आसपास के प्रदेशों का सबसे बड़ा त्योहार है। यह खरईफ की फसल के पकने की खुशी का प्रतीक है। इसी दिन, 13 अप्रैल 1699 को दसवें गुरु गोविंदसिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिख इस त्योहार को सामूहिक जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं।
प्रकृति का एक नियम है कि जब भी किसी जुल्म, अन्याय, अत्याचार की पराकाष्ठा होती है, तो उसे हल करने अथवा उसके उपाय के लिए कोई कारण भी बन जाता है। इसी नियमाधीन जब मुगल शासक औरंगजेब द्वारा जुल्म, अन्याय व अत्याचार की हर सीमा लाँघ, श्री गुरु तेग बहादुरजी को दिल्ली में चाँदनी चौक पर शहीद कर दिया गया, तभी गुरु गोविंदसिंहजी ने अपने अनुयायियों को संगठित कर खालसा पंथ की स्थापना की जिसका लक्ष्य था धर्म व नेकी (भलाई) के आदर्श के लिए सदैव तत्पर रहना।
पुराने रीति-रिवाजों से ग्रसित निर्बल, कमजोर व साहसहीन हो चुके लोग, सदियों की राजनीतिक व मानसिक गुलामी के कारण कायर हो चुके थे। निम्न जाति के समझे जाने वाले लोगों को जिन्हें समाज तुच्छ समझता था, दशमेश पिता ने अमृत छकाकर सिंह बना दिया। इस तरह 13 अप्रैल,1699 को श्रीसगढ़ साहिब आनंदपुर में दसवें गुरु गोविंदसिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना कर अत्याचार को समाप्त किया।
उन्होंने सभी जातियों के लोगों को एक ही अमृत पात्र (बाटे) से अमृत छका पाँच प्यारे सजाए। ये पाँच प्यारे किसी एक जाति या स्थान के नहीं थे, वरन्‌ अलग-अलग जाति, कुल व स्थानों के थे, जिन्हें खंडे बाटे का अमृत छकाकर इनके नाम के साथ सिंह शब्द लगा। अज्ञानी ही घमंडी नहीं होते, 'ज्ञानी' को भी अक्सर घमंड हो जाता है। जो परिग्रह (संचय) करते हैं उन्हें ही घमंड हो ऐसा नहीं है, अपरिग्रहियों को भी कभी-कभी अपने 'त्याग' का घमंड हो जाता है।
अहंकारी अत्यंत सूक्ष्म अहंकार के शिकार हो जाते हैं। ज्ञानी, ध्यानी, गुरु, त्यागी या संन्यासी होने का अहंकार कहीं ज्यादा प्रबल हो जाता है। यह बात गुरु गोविंदसिंहजी जानते थे। इसलिए उन्होंने न केवल अपने गुरुत्व को त्याग गुरु गद्दी गुरुग्रंथ साहिब को सौंपी बल्कि व्यक्ति पूजा ही निषिद्ध कर दी।
हिंदुओं के लिए यह त्योहार नववर्ष की शुरुआत है। हिंदु इसे स्नान, भोग लगाकर और पूजा करके मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि हजारों साल पहले देवी गंगा इसी दिन धरती पर उतरी थीं। उन्हीं के सम्मान में हिंदू धर्मावलंबी पारंपरिक पवित्र स्नान के लिए गंगा किनारे एकत्र होते हैं।
केरल में यह त्योहार 'विशु' कहलाता है। इस दिन नए, कपड़े खरीदे जाते हैं, आतिशबाजी होती है और 'विशु कानी' सजाई जाती है। इसमें फूल, फल, अनाज, वस्त्र, सोना आदि सजाए जाते हैं और सुबह जल्दी इसके दर्शन किए जाते हैं। इस दर्शन के साथ नए वर्ष में सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। ब्न्गाल मेइन ये त्योहार नभ बर्श के नम से मनाते हैं।

"कठिन है सत्य बोलना, हनुमान जी की बातें करो


  • "कठिन है सत्य बोलना,
    हनुमान जी की बातें करो
    तो वेश्याओं के मोहल्ले में हाहाकार मच जाता है
    कि यह व्यक्ति हमारी दूकान ही ठप्प कर देगा
    वेश्याएं सेकुलर जो होती है,
    कोलंबस की बात करो तो
    गूलर के भुनगे भिनभिनाते हुए अपने ग्लोबलाईज़ेसन को बघारने लगे
    हिन्दुओं की रूढ़ियाँ तोड़ोगे हिंदूवादीयो की आस्था को ठेस पहुंचेगी
    इस्लाम का इहिलाम हुआ
    तो कठमुल्ले इमाम का फतवा कामतमाम कर सकता है
    ईसाईयों ने तो ह़र साल ईसामसीह को
    सूली सजा कर उसपर उन्हें बार बार टांगने में परहेज नहीं किया
    पर ईसा को आज भी सूले से उतारने की रस्म नदारद है
    गेलीलियो के घर का बहुत पहले ही बुझा दिया था दिया
    इसलिए खामोश !! --ईसाईयों की बात मत करना
    सच बोलने से उनकी आस्था को भी ठेस पहुँचती है
    मैं बोलना चाहता था शत प्रतिशत सच
    पर पच्चीस प्रतिशत सच इसलिए नहीं बोल सका क्योंकि
    उससे देश के अल्प संख्यकों के नाम पर खैरात खा रहे
    दूसरे नंबर के बहुसंख्यक समुदाय मुसलमानों को ठेस पहुँचती
    वैसे भी इस्लाम या तो खतने में रहता है या खतरे में
    मैं पंद्रह प्रतिशत सच इसलिए नहीं बोल सका क्योंकि
    उससे वास्तविक अल्पसंख्यकों जैसे
    पारसी ,बौद्ध ,जैन और सिखों की आस्था को ठेस पहुँचती
    पचास प्रतिशत सच इसलिए नहीं बोल सका कि
    सनातन धर्मियों को ठेस न पहुँच जाय
    दस प्रतिशत सच से
    आर्य समाजी भी आहात हो सकते थे सो वह भी नहीं बोला
    आखिर सभी की भावनाओं का ख्याल जो रखना था
    इसलिए सौ प्रतिशत सच का एक प्रतिशत सच भी मैं नहीं बोल सका
    अब क्या करूँ ? सच की शव यात्रा निकल रही है
    फिर भी फेहरिश्त अभी बाकी है
    संविधान पर कुछ बोलो तो आंबेडकरवादियों को ठेस पहुँच जायेगी
    यों तो मैं तमाम घूसखोर जजों को जानता हूँ
    जो अब पेशकार के जरिये नहीं सीधे ही घूस ले लेते हैं
    कुछ पेशकार के जरिये भी लेते हैं
    पर उनकी वीरगाथा गाने से न्याय की अवमानना जो होती है
    सांसदों विधायकों की बात करो तो उनके विशेषाधिकार का हनन हो जाता है
    मैं लिखना चाहता था शत प्रतिशत सच
    पर उससे तो अखबार के कारोबार को ठेस पहुँचती थी
    मैं बोलना चाहता था शत प्रतिशत सच
    इसीलिए अब सोचता हूँ
    प्रकृति की बात करूँ ...प्रवृति की नहीं
    और इसीलिए अब बाहर कोलाहल अन्दर सन्नाटा है
    खामोश ! अदालत जारी है ---सुना है जज साहब ईमानदार हैं
    इसलिए उनके पेशकार की पैरोकारी के उनके घर की तरकारी की चर्चा मत करना
    न्याय की देवी की आँखे बंद हैं और कोंटेक्ट लेंस कारगर है कोई कोंटेक्ट ?
    सुना है सभी कानूनी रूप से सामान हैं
    पर चुप रहो, न्यायालय हो या संसद सभी के विशेषाधिकार हैं
    कोंग्रेसीयों /भाजपाईयों /सपाईयों /बसपाईयों/चोरों /हरामजादों
    शहजादों ,अमीरजादों ,दामादों के बारे में भी सच कभी नहीं बोलना
    आखिर उनकी भी आस्था है उनको भी ठेस पहुँचती है
    कविता या साहित्य की बात भी यहाँ नहीं करना
    क्योंकि हराम की दारू पी कर
    जो कवि रात को फुफकारता है ---"आसमान को शोलों से सुलगा दूंगा"
    सुबह तक बीडी से आपकी रजाई सुलागा चुका होता है.
    संपादकों/ पत्रकारों का समाचारों के अतिरिक्त जो बहिरउत्पाद है
    वही तो उनकी समृद्धि का समाज शास्त्र है
    वीर सिंघवी, बरखा दत्त, राजीव शुक्ला या दीपक चौरसिया जैसों की बात मत करना
    क्योंकि सत्य से उनकी निष्ठा ने बहुत पहले ही अलविदा कह दिया था
    दलाल शिरोमणि प्रभु चावला की बात भी मत करना
    क्योंकि "सच के साथ उन्होंने गुजारे हैं चालीस साल"
    जिससे सच तो गुजर गया और इनका गुजारा चल गया,
    फेसबुक हो, ट्विटर,ऑरकुट या कोइ सोसल साईट चिरकुट
    --इन पर भी सच मत बोलना
    यहाँ एक स्वयम्भू सम्पादकनुमा एडमिन होता है खेत के बिजूके जैसा
    उसे कविता की न भाषा ही पता है और न परिभाषा
    यहाँ सच न बोलना इससे किसी न किसी की आस्था को ठेस पहुँचती ही है
    आओ साहित्य लिखें बेतुकी बातों को तुक में पिरोयें पर प्रेमिका की बात मत करना
    इससे उस प्रेमिका के परिजनों की आस्था को ठेस पहुँचती है
    आओ हम सब मिलकर सच की आस्था को ठेस पहुंचाएं
    और कविता गुनगुनाएं." -----राजीव चतुर्वेदी

इज्ज़त्माब आलीजनाब खुशीद रब्बानी साहब ...सबसे पहले तो में आपसे मेरे उन विचारों मेरे उन अल्फाजों के लियें मुआफी चाहता हूँ जिससे आपकी भावनाए आहत हुई है ..

इज्ज़त्माब आलीजनाब खुशीद रब्बानी साहब ...सबसे पहले तो में आपसे मेरे उन विचारों मेरे उन अल्फाजों के लियें मुआफी चाहता हूँ जिससे आपकी भावनाए आहत हुई है ......दूसरी बात मुझे गर्व है के मेरे भाई खुर्शिद्द रब्बानी साहब की पत्रकारिता की धर आज भी पहली की तरह पेनी है और वोह अधूरे ख्वाबों को पूरा करने की कोशिशों में जुटे है ..में बधाई देना चाहता हूँ ई टी वी की संवेदन्शीलता पर जो मेरे गुस्से को उन्होंने अपनी कार्यवाही को टटोलने का एक जरिया बनाया ....रब्बानी साहब मुझे माफ़ करे मेरी मंशा किसी को नीचा दिखने की कतई नहीं रही है राजस्थान की बात तो दूसरी है यहाँ के हालात तो देख कर हम शर्मिंदा है मुसलमानों के लिये केवल कागज़ी घोषणाएं है और इन घोषणाओं की दस फीसदी भी पूर्ति नहीं ही है यकीन मानिये राजस्थान वक्फ बोर्ड के कई बार सर्वे होने के बाद भी इस सर्वे को अंतिम रूप से अधिसूचित नहीं करवाया गया है ...बोर्ड की बैठक में सिर्फ चायनाश्ता या फिर कमेटियों के गठन की सोदेबाज़ी होती है आप चाहें तो बैठकों की प्रोसिडिंग उठाकर देख ले ..मदरसा बोर्ड के घोटाले आपके सामने है मुसलमानों की पोस्टों पर दीगर लोगों को जिनके पास उर्दू की फर्जी डिग्री है तेनत कर दिया गया है वर्ष २ २ के बजट में स्वीक्रत दो हजार पेराटीचर्स की पोस्टें लेप्स हो गयी है कई मदरसे खली है तो कई मदरसे बंद पढ़े है बच्चों को पढ़ी की कोई व्यवस्था नहीं है जो बच्चे पढ़ लियें है उन्हें नोकरी नहीं है ........अल्पसंख्यक विभाग तमाशा बना है छात्रवृत्ति हो चाहे कोई भी सुविधा हो अगर मगर लेकिन किन्तु कोंमा फुलिस्तोप के नाम पर परेशानियों का सबब बना है ..रब्बानी साहब हज हाउस का सच आपसे बहतर कोण जान सकता है वक्फ विकास परिषद का झुनझुना ..अल्पसंख्यक वित्त् विकास निगम के पद रिक्त है ..उर्दू एकेडमी की परफोर्मेंस जीरो है ...अलप्स्नख्यक आयोग केवल मुख्यमंत्री जी की तारीफ़ करता है आजतक उसने विधिक रूप से एक भी शिकायत का प्रसंज्ञान लेकर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को तलब कर कार्यवाही नहीं की है राजस्थान का मुसलमान गिनती के लोगों ने सरकार को गिरवी रख दिया है ..............हम अब कोटा की बात करते है रब्बानी साहब एक फरवरी को मीन आपको और आदरनीय कातिल साहब को उनके मोबाइल नम्बर पर वक्फ की मस्जिद सरकारी रिकोर्ड में मन्दिर दर्ज होने और इस रिकोर्ड को दुरुस्त नहीं करने की शिकायत की थी कोई जवाब नहीं मिला ...तकलीफ हुई यहाँ जेन दिवाकर गुलाब्बादी लाडपुरा क्षेत्र में वक्फ के रिकोर्ड में दर्ज मस्जिद जो ऐतिहासिक मकबरा दिलदार खाना के मकबरे के पास है किसी पटवारी ने पहले मनिंद दर्ज की फिर उसे मन्दिर रिकोर्ड में कर दिया में खुद इसे सुधरने के लियें कई दर्जन पत्र मुख्यमंत्री से लेकर सभी अधिकारियों को लिख चूका हूँ पन्द्राह सूत्रीय कार्यक्रम की बैठकों में मामला उठाया है कोई कार्यवाही नहीं वक्फ खामोश है पत्र लिखा और ज़िम्मेदारी मुक्त लेकिन कभी यह मामला जब टूल पकड़ेगा तो हमे विवादों में ही रहना पढ़ेगा ...यहाँ आकाशवाणी के पास अनार्वाले बाबा की सर्वे शुदा सम्पत्ति कोटा दरबार कोंग्रेस के संसद ने बेच दी और हमारी कोम के कुछ दलालों ने चुप्पी साध ली वक्फ ने कोई मुकदमा नहीं किया मेने सभी को कई बार पत्र लिखे है ..कोटा सी एडी जन्ग्लिशाह बाबा की अरबों रूपये की सम्पत्ति पर कोंग्रेस के नेता कब्जेदार है वक्फ कोई कार्यवाही नहीं करता मुकदमों में तारीखों पर नहीं जाता .....रंगबाड़ी का पचास बीघा का कब्रिस्तान वक्फ के रिकोर्ड में दर्ज कर उसकी नक़ल छ माह पूर्व देना थी लेकिन आजतक इसे वक्फ के रिकोर्ड में दर्ज न्हिः किया गया स्टेशन की माचिस फेक्ट्री का काब्रिस्तान आज भी इंसाफ मांग रहा है ...केठुनिपोल की मस्जिद चरों तरफ से अतिक्रमण से घिरी है यहाँ पास ही टिपता रोड पर एक मजार शहीद है कोई देखें बोलने वाला नहीं काजी साहब और हम कोशिशें करते है लेकिन सुनवाई नहीं .....अल्प्स्नक्ख्यक विभाग यहाँ तमाशा बना है बढ़ी मुश्किलों में वहां का कबाडा हटवा कर वहां हालत ठीक करवाए है वहां जूनियर अएकाउन्तेन्त नहीं है सभी कर्मचारी संविदा पर है स्कोलरशिप और ऋण देने में पचास नियम दिखाए जाते है स्कोलर शिप अगर पास है तो जयपुर के निर्देशों के नाम पर अटकलें लगाई जाती है ..पन्द्राह सूत्रीय बैठक के निर्नोयों की पालना नहीं होती है ......कोटा पन्द्राह सुस्त्रिय कार्यक्रम के प्रभारी प्रधानमन्त्री ने राज्यसभा सदस्य अश्क अली टाक को बनाया है लेकिन अफ़सोस के अश्क अली टाक साहब ने तीन सालों में कोटा में आकर पन्द्राह सूत्र कार्यक्रम की एक बार भी समीक्षा नहीं की है उन्होंने कोई भी सुध नहीं ली है ..यहाँ मदरसे बंद है आधुनिक मदरसों के लियें एक भी मदरसा चयनित नहीं किया गया है मदरसों में नियुकित्यों के लियें बेरोजगार इन्तिज़ार कर रहे है वेतन नहीं आ रहे है ....बीडी मजदूरों की हालत कमजोर है उन्हें कार्ड नहीं दिए गए है ठेके के नाम पर उनका शोषण हो रहा है कथुन में बुनकरों के लियें कोई कोलोनी की सुविधा नहीं है कोटा साडी को वसुंधरा ने तो अत्र्रास्थ्रिय रेम्प पर उतरा था लेकिन यहाँ अब मजदूरों के हाथ कलम किये जा रहे है बूचड़खाना नहीं है ...मुस्लिम बस्तियों में स्कूल सरकारी स्कूल नहीं है मुस्लिम मदरसा घंटाघर की हालत अल्लाह के हवाले है स्वतन्त्रता सेनानी मेहराब खान की कब्र सुनी है ...कोटा के शासक केसर खान डोकर खान के मकबरे खामोश है स्टेशन कब्रिस्तान की घोषणा तो हुई लेकिन आज भी उस जमीन को तलाशी जा रही है ..मुस्लिम होस्टल बढ़ी मुश्किलों में सेशन निकलने के बाद शिकायतों से शुरू हुआ है लेकिन अभी कोई परफोर्मेंस नहीं है भाई खुर्शीद जी हम अपना दर्द अपने आंसू किसे दिखाएँ में खुद वकील हूँ ..मीडिया से जुदा हूँ ..वक्फ का पदाधिकारी रहा हुं ..पन्द्राह सूत्रीय कार्यक्रम समिति में सदस्य हूँ कई संस्थाएं  चलाता हूँ ..आपका भाई हूँ काजी साहब के जरिये कई मामले उठाता हूँ कोंग्रेस का वोटर हूँ इसलियें कोंग्रेस के नेताओं से भी इन समस्याओं के समाधान की मनग करता हूँ अख़बार और मिडिया से भी उम्मीद करता हूँ समाधान हो या ना हो लेकिन यह सच जनता के सामने तो आये के मुसलमान कितना सिसक रहा है जो ख़्वाब मुसलमानों ने देखे है वोह अधूरे होने से उन्हें रुला देने के लियें काफी है उसपर सरकार का अहसान के बहुत कुछ दे दिया है तोबा का मुकाम है जनाब माफ़ी चाहता हूँ छोटा मुंह बढ़ी बात है लेकिन सच अगर उजागर हुआ तो सरकार की भी हो नेता की भी हो उसकी मजाल नहीं के वोह समस्या को समस्या बनाये रक्खे उसका समाधान निश्चित तोर पर होगा और यह उम्मीद खुद के बाद सिर्फ और सिर्फ आपसे ही निष्पक्ष पत्रकार होने के कर्ण की जासकती है ..शुक्रिया ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान मोबाइल 9829086339
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