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14 अप्रैल 2013

कुरान का सन्देश

"समाज तब भी बुज़दिल की तरह चुप था, अब भी है।


"समाज तब भी बुज़दिल की तरह चुप था, अब भी है। वो इन नेताओं के पीछे छिप कर अपनी बुज़दिली ज़ाहिर करता है। इनके नाम पर लड़कर बहादुर बनता है। एक नाइंसाफी की मिसाल देकर दूसरी नाइंसाफी के लिए रियायत मांगता है। इस पूरी कवायद में उनकी चिंताएं और आवाज़ें धीरे धीरे पीछे हटती चली जाती हैं जिन पर दंगे का कहर टूटता है। वे अखबारों की हेडलाइन से गायब हो जाते हैं और वो भीड़ सामान्य जीवन में लौट कर फिर से उसी राजनीति के रास्ते सत्ता की सीढ़ियां चढ़ आती हैं। चौरासी बनाम २००२ के दंगों का नतीजा यही है कि जब तब कुछ नहीं हुआ तो अब क्यों हों। एक अफसोस करता है और एक नहीं करता। क्या यही इन नरसंहारों का अंतिम इंसाफ है। या ये है कि जो भी शामिल था उसे सज़ा मिले।

८४ या २००२ में सिर्फ नेता नहीं थे। एक भीड़ थी जो उनके इशारे पर काम करती थी। उस भीड़ का अपना मज़हब होगा। इसके अलावा असंख्य लोगों की वो भीड़ होगी जो अपने घरों में चुप यह तमाशा देखती होगी। जिसका भी एक मज़हब होगा। जिसने भी गीता और कुरआन पढ़ा होगा। इंसाफ किसे मिला है। जिन दलों पर आरोप लगे वो इन सबके बावजूद अलग अलग जगहों में बारी बारी से हुकूमत करते रहे हैं। वो आगे भी हुकूमत करेंगे।

कोई हारेगा कोई जीतेगा। मरेगा वही जो दंगों से बचा होगा। वो बार बार मरेगा। अहमदाबाद में, भागलपुर में और लाजपतनगर और नंदनगरी में..."

मायावती ने यूपी सरकार और सपा को दी खुलेआम धमकी



लखऩऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज लखनऊ मे कहा कि दलितों के हित के लिये उनके पसा सत्ता की मास्टर की होनी जरुरी है। वह आज लखनऊ के अम्बेडकर स्मारक में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयंती के मौके पर अपने सर्मथको को संबोधित कर रही थी। उन्होंने अखिलेश सरकार पर जमकर निशाना साधाते हुए कहा कि यूपी में माफियाओ और गुंडो का राज चल रहा है। अधिकारी उनके इशारो पर काम कर रहे हैं। उनकी सरकार जब सत्ता मे आयेगी तो ऐसे अधिकारियो के खिलाफ जांच होगी और दोषी पाये जाने पर सख्त कार्यवाही होगी।
 
मायावती ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। सपा सरकार में सौ से ज्यादा दंगे हो चुके हैं। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता गरीबों और दलितो की जमीन पर जबरन कब्जा कर रहे हैं। सपा कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर उनको ऐसा तोड़ा जायेगा कि दोबारा वे ये काम करने की हिम्मत नहीं करेंगे।
 
मायावती ने अम्बेडकर जंयती के मौके पर लखनऊ के अम्बेडकर स्मारक में बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर कहा कि बाबा साहब ने इन दबे कुचले और गरीब लोगो को कानूनी अधिकार तो दिलवा दिया लेकिन वो अभी भी इनके लिये बहुत कुछ करना है। यह तभी होगा जब उनके पास राजनीति सत्ता की मास्टर चाभी होगी। आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश को छोड़कर दूसरे राज्यों या केन्द्र में ऐसी सरकार नहीं बनी जो इनके हितो का ध्यान रख सके।

हेमा, माधुरी पर कमेंट करने वाला मंत्री बर्खास्त, जयाप्रदा का कटा चालान


हेमा, माधुरी पर कमेंट करने वाला मंत्री बर्खास्त, जयाप्रदा का कटा चालान
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मंत्री राजाराम पांडेय को सड़कों की तुलना हेमा मालिनी और माधुरी दीक्षित के गालों से करना महंगा पड़ गया है। उन्हें इस बयान के चलते बर्खास्त कर दिया गया है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने शनिवार रात बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खादी और ग्रामोद्योग मंत्री पांडेय को बर्खास्त कर दिया है। इसकी सूचना राज्यपाल बीएल जोशी को भी दे दी गई है। पांडेय इससे पहले डीएम की सुंदरता के कसीदे गढ़ चुके हैं। आलोचना होने पर उन्होंने खुद को ‘सुंदरता का पुजारी’ बताया था।
 
वहीं, बॉलीवुड से सियासत की दुनिया में कदम रखने वाली जयाप्रदा की कार पर लगी लाल बत्ती उतार ली गई है और उनकी गाड़ी का चालन काट दिया गया है। जयाप्रदा रामपुर से सांसद हैं।

तुम्हें ईश्वर कहूं कैसे .??

वो इक नन्हां सा फूल
सहम जाता है
आने से तुम्हारे !!
किसी पात में मुहं छुपा
चाहता है मुस्कुराना ...
कितनी कड़ी धूप आते हो लेकर ..
डरता है मन
पास आने से तुम्हारे .!!
ए प्यार तुम .
किसी तन जलाते सूरज से कम नहीं
तुम्हारी छुअन
कई बार
खुशबू समेट देती है ..//
वो इक फूल
बिखर कर पूछता है
ए प्यार..
तुम्हें ईश्वर कहूं कैसे .??

अपने अधर सिये बैठे हैं !


जिनको है अधिकार न्याय का
अपने अधर सिये बैठे हैं !
पौरुष,बल,साहस,संयम भी
आँखें बंद किए बैठे हैं !!
पावनता की कठिन समीक्षा
क्यूँ होती है ...
सीता की अगन परीक्षा
क्यूँ होती है ..?

वो प्यार आज भी है,

दिल के किसी कोने में, वो प्यार आज भी है,
सावन की बूंदों में, वही खुमार आज भी है,
'बेशक' जिंदगी तेरे साथ की मुहताज नहीं,
'पर दिल' तेरे एहसासों का तलबगार आज भी है ... !!अनु!!

जंगल में एक चीता बीड़ी पी रहा था।

जंगल में एक चीता बीड़ी पी रहा था।
तभी एक चूहा वहां पर आया और बोला भाई,
नशा करना छोड़ दो।
आओ मेरे साथ और देखो जंगल कितना सुन्दर है!
चीते ने बीड़ी फेंक दी और चूहे के पीछे चल दिया।
आगे चलकर एक हाथी मिला जो कोकीन ले
रहा था।
चूहे ने हाथी से कहा भाई, नशा करना बुरी बात
है।
आओ मैं तुम्हें दिखाता हूं कि हमारा जंगल
कितना सुन्दर है।
हाथी भी कोकीन फेंक कर चूहे के पीछे-पीछे चल
दिया।
आगे चले तो देखा एक शेर व्हिस्की का पेग मारने
जा रहा है।
चूहे ने शेर को भी ज्ञान दिया।
चूहे की बात सुनकर शेर ने पेग रखा।
फिर उस को चार-पांच चांटे जड़ दिए।
हाथी को गुस्सा आ गया क्यों मारा उसे..?
शेर ने कहा :-
.
.
.
.
इस साले ने कल भी भांग पीकर मुझे 3 घंटे जंगल में
घुमाया था।
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