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19 अप्रैल 2013

पता नहीं कैसे ..जब देश में बलात्कारियो की भरमार है

पता नहीं कैसे ..जब देश में बलात्कारियो की भरमार है .. कोई देश से बलात्कार कर रहा है .. कोई देशवासियों के जमीर से ... कही चीनी देश में घुस आते है .. आतन्कवादी हमले हो जाते है लेकिन सरकार देश वासियों से बलात्कार में व्यस्त है .. देश में दरिन्दे छोटे छोटे बच्चो पर दरिंदगी दिखा रहे है .. आतंरिक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पुलिस नेताओं और दरिदो के मानवाधिकार के लिए किस्से भी सीमा तक जाने के लिए स्वतंत्र है ...लोग गजले कविता लिखने में मशगूल है .. उन्हें कब लगेगा की अगला नम्बर उनका भी हो सकता है ..? उन्हें नो पोलिटिक्स कह कर क्या कल इन सब हालातो से गुजरना नहीं पडेगा .. क्या तब भी वे नो पोलिटिक्स कह पायेगे ..? हम कब निकलेगे सड़को पर , कब इकट्ठे होकर इन ड्रामेबाज निखट्टू लूटेरो से दो दो हाथ करेंगे ..? क्या अभी भी हम किसी राम किसी कृष्ण , किसी दुर्गा के इंतज़ार में है ..? हम क्यों किसी भगत सिंह किसी आजाद को पूजते है .. क्यों हम हमेशा किसी सुभाष के इंतज़ार में रह जाते है ..?
कब तक हम यूं ही मूक दर्शक बने रहेगे ..?
कब तक..?
आखिर कब तक ..?
कोई तो सीमा होगी इस बेचारगी को त्यागने की ..?

समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याघ्र,
जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनका भी अपराध।....Arun Arora.

"तेरे अन्दर -मेरे अन्दर, एक समंदर

"तेरे अन्दर -मेरे अन्दर, एक समंदर
उस समन्दर के अंदर
सिद्धांत के कुछ बुलबुले
सवाल कुछ चुलबुले
नाराज सी नैतिकता
निरीह नीति
समय के सामने कुछ संकेत सीमित से
समन्दर के अन्दर झिलमिलाती तारों की परछाईं के प्रश्न
शेष सी यादें कई
इतिहास के उपहास की कुछ तल्खीयां
झिलमिलाती आँख में आंसू से रंगी तश्वीर कुछ
और कुछ रिश्ते समय के सेतु पर विश्राम करते से
और इस कोलाहल में बैठी याद तेरी देखता हूँ जब कभी
तैरती है याद तेरी बादलों में बिजलियों सी कौंध जाती है
और मेरी याद की पदचाप तेरे द्वार पर जा-जा कर ठहरती है
जिस पर गुजरता हूँ मैं वह रास्ता नहीं रिश्ता ही है
कुछ के लिए गुमनाम सा
कुछ के लिए बदनाम सा
मेरे लिए अभिमान सा." ----राजीव चतुर्वेदी

ट्रेन यात्रा: अब बच्चों को भी बड़ों की तरह चुकाना होगा किराया!


जयपुर.रेल यात्रा में आरक्षित श्रेणी का किराया न्यूनतम दूरी के हिसाब से तय करने के बाद  बच्चों को किराए में मिलने वाली रियायत खत्म हो गई है। अब बच्चों का भी निश्चित दूरी तक बड़ों की तरह पूरा किराया लगेगा। न्यूनतम 100 किमी और अधिकतम 300 किमी की यात्रा करने के बाद ही बच्चों को किराए में छूट मिलेगी। 
 
उदाहरण के तौर पर जयपुर से अलवर (151 किमी.) स्लीपर का किराया 135 रु. है। इसमें 112 रु. मूल किराया व 20 रु. आरक्षण शुल्क है। पहले बच्चों का इस दूरी के लिए 80 रु. किराया लगता था, जो अब 135 रु. ही लगेगा। पहले यह छूट 5 से 12 साल से कम उम्र के बच्चों को 1 किलोमीटर से ही मिल रही थी। 
 
रेल बजट में रेल मंत्री ने नए स्लैब की घोषणा की थी। इसमें यात्री को स्लीपर में 200 किमी., द्वितीय  व तृतीय श्रेणी में 300 किमी., प्रथम श्रेणी में 100 और एसी चेयर कार में 150 किमी का किराया जरूरी किया है। यात्री यह दूरी तय करे या न करे, उसे इस दूरी का किराया देना ही होगा।इससे ज्यादा दूरी की यात्रा करने पर बच्चों को टिकट पर रियायत जारी रहेगी।   
 
इनका कहना है
 
'रेल किराए का नया स्लैब लागू होने से कम दूरी की यात्रा पर बच्चों को किराए में कोई छूट नहीं मिलेगी। यह स्लैब 1 अप्रैल से लागू कर दिया गया है।' 
 
तरुण जैन, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर पश्चिम रेलवे

पुलिसवाले की मर्दानगी का नंगा नाच, लड़की को जड़े इतने तमाचे कि बहने लगा खून



दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसके बाद अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं पर एसीपी बीएस अहलावत के हमला करने के मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की संवेदनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के मामलों में अधिकतर अपराधी पड़ोसी, जानकार या फिर परिचित होते हैं। ऐसे मामलों पर प्रभावी रोक के लिए परिवार, समाज के साथ ही पुलिस की भागीदारी भी जरूरी है। यही वजह है कि थानेदारों को निर्देश दिए गए हैं कि वे थाना क्षेत्र की नागरिक कमेटी बनाएं। 
 
इन कमेटियों में महिला सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाए और लड़कियों के स्कूल या महिला कॉलेज वाले इलाकों में उसके प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। विभिन्न इलाकों में संदिग्ध चरित्र के लोगों की सूची बनाई जाए और अगर किसी के खिलाफ शिकायत है तो उस पर फौरन कार्रवाई की जाए। कुमार ने माना कि एसीपी द्वारा थप्पड़ मारने की घटना बेहद अनुचित है। उन्होंने कहा कि थाना क्षेत्र में कमेटी न बनाने वाले थानेदारों पर कार्रवाई होगी। 
 
नीरज कुमार ने कहा कि सभी थानाध्यक्षों से कहा गया है कि वे समाज के साथ मेलजोल बढ़ाएं। थाना स्तर पर एसीपी की अध्यक्षता में थाना लेवल कमेटी बने। उसकी पंद्रह दिन में बैठक हो। परंपरागत थाना क्षेत्र कमेटी सदस्यों की जगह हर क्षेत्र से लोगों को इसका प्रतिनिधि बनाया जाए। कुमार ने कहा, ‘पुलिस के तौर-तरीके और व्यवहार में बदलाव समय की जरूरत है। दिल्ली पुलिस इसके साथ कदमताल करना चाहती है। यही वजह है कि लिंगभेद को लेकर विशेष कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 
 
पुलिस को मानव-व्यवहार से संबंधित अन्य कोर्स भी कराए जाते हैं। किसी एक अधिकारी के कृत्य से दिल्ली पुलिस को आंकना सही नहीं है।’ उन्होंने कहा कि अगर यह पाया जाता है कि थाना लेवल कमेटी में कोई थानेदार अपनी पसंद के लोगों को ही नियुक्त कर रहा है तो उससे जवाब-तलब किया जाएगा। कुमार ने गांधी नगर की पीड़िता के परिवार को पैसे देकर चुप रहने की हिदायत संबंधी आरोप पर कहा कि यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक आरोप है। 

सीएम साहब! खुद मुर्दा पूछ रहा है कब मिलेगी मुक्ति, कब होगा दाह संस्कार


भोपाल। सुभाष नगर विश्रामघाट के विद्युत शवदाह गृह में स्थित इलेक्ट्रिक बर्निंग मशीन की मरम्मत का काम नगर निगम सवा साल में भी नहीं करवा पाया है।  अब नगर निगम दावा कर  रहा है कि  तीन दिन में इसे सुधार लिया जाएगा। पिछले  साल अगस्त माह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निगम अधिकारियों को मशीन की मरम्मत और शवदाह गृह का कायाकल्प करने के निर्देश दिए थे।
अगस्त में ही गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने भी यहां का निरीक्षण कर निगम अधिकारियों को इसी तरह के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद अब तक मशीन की मरम्मत का काम शुरू नहीं हो सका। निगम अफसरों का कहना है कि टेंडर व वर्क ऑर्डर जारी हो चुके हैं। लिहाजा, तीन दिन में मशीन में सुधार कार्य शुरू हो जाएगा। वहीं, मशीन खराब होने से शवों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को लकड़ी का उपयोग करना पड़ रहा है।
वरिष्ठ नागरिक मंडल के अध्यक्ष एके सारस्वत व सदस्य एसी जुमड़े ने बताया कि उन्होंने बीते 13 दिसंबर  को महापौर कृष्णा गौर से इस संबंध में चर्चा की थी। तब उन्होंने भी निगम अफसरों को मशीन की मरम्मत कराने के निर्देश दिए थे। विश्रामघाट के मैनेजर शोभराज का कहना है कि कई मृतकों के परिजन शवों का अंतिम संस्कार विद्युत शवदाह गृह में ही कराना चाहते हैं, परंतु मशीन बंद होने के कारण उन्हें मजबूरन अंतिम संस्कार में लकडिय़ों का उपयोग करना पड़ता है।
वहीं, विश्रामघाट में लकडिय़ों का स्टॉक कम होने से विश्राम घाट कमेटी ट्रस्ट के पदाधिकारी वन विभाग के डिपो से लकड़ी भेजने की लगातार गुहार लगा  रहे हैं, लेकिन कम मात्रा में लकड़ी मिल पा रही है। शोभराज का कहना है कि बहुत से लोगों ने अपने जीवन काल में इच्छा जताई थी कि उनका अंतिम संस्कार विद्युत शव दाह गृह में हो, परंतु उनकी मृत्यु के बाद ऐसा नहीं हो सका।
तीन दिन में सुधरवा देंगे
॥सुभाष नगर विश्रामघाट की बंद इलेक्ट्रिक बर्निग मशीन को सुधरवाने के लिए टेंडर और वर्क ऑर्डर हो चुके हैं। इसकी मरम्मत पर 20 लाख रुपए का खर्च आएगा। तीन दिनों में गुजरात की एक कंपनी के इंजीनियर इसकी मरम्मत का काम शुरू कर देंगे।ञ्जञ्ज
एके नंदा, नगर यंत्री, नगर निगम

गाय, आरक्षण व दंगों के सहारे अब सत्ता नहीं पा सकती भाजपा'



जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी को जुमलों के सहारे टाइम पास करने वाली पार्टी बताते हुए दावा किया कि जनसंघ से लेकर अब तक भाजपा 55 साल की हो गई, लेकिन अभी तक कांग्रेस का विकल्प नहीं बन पाई। दक्षिण भारत में तो कर्नाटक के सिवाय इस पार्टी को कोई जानता तक नहीं है।
 
वे झालाना में शुक्रवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के उद्घाटन के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि भाजपा ने पहले गाय माता का सहारा लेकर राजनीति की और सत्ता पाई तो गाय को ही भूल गए। फिर आरक्षण का मुद्दा अपनाया, पर उसे भी छोड़ दिया। दंगे भड़काकर सत्ता पाने के प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं रहे। उनके पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है तो जुमलों से ही काम चला रहे हैं। 
 
कांग्रेस ने चार साल तक प्रदेश में एक के बाद एक विकास के काम करवाए। भाजपा वाले चार साल तक गायब रहे। इनके पास करने के लिए कुछ नहीं है। हमारे पास गिनाने को परियोजनाओं की लंबी फेहरिस्त है। चुनाव तक जुमले यूं ही चलते रहेंगे, लेकिन वरिष्ठ भाजपा कैलाश मेघवाल ने मुझे सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री कहा, इसका जवाब जनता के पास है। 
 
विधान परिषद के सवाल पर गहलोत ने कहा-कैबिनेट ने इस पर संकल्प पारित कर दिया है। अब पार्लियामेंट में जाएगा। बिल पास कब होगा, हमें पता नहीं। जब उनसे पूछा गया कि क्या इस बार भी कांग्रेस अपने बूते सत्ता में आएगी या गठबंधन की संभावनाएं बन रही हैं, इस पर मुख्यमंत्री नमस्कार कहते हुए मुस्कुराहट बिखेर कर रवाना हो गए। 
 
बाद में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल से पत्रकारों ने पूछा कि इंटरनेशनल सेंटर का शिलान्यास तो कांग्रेस ने किया, उद्घाटन कौन करेगा, इस पर धारीवाल बोले, जिसने बीज बोया है, फसल भी वही काटेगा, इसमें कोई दो-राय नहीं।

910 करोड़ रुपए का मालिक है कांग्रेस का यह कुंवारा उम्‍मीदवार


बेंगलुरू। कर्नाटक में आगामी पांच मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए किस्मत आजमा रहे युवा नेता प्रिय कृष्णा 910 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति के साथ सबसे धनी उम्मीदवार हैं। गोविंदराजनगर निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में भाग्य आजमा रहे प्रिय कृष्णा उम्मीदवारों के बीच ‘सबसे योग्य कुंवारे’ हैं, जिन्होंने अपना परचा दाखिल किया है। इससे पहले भी वह भाग्य आजमा चुके हैं। 2009 के विधानसभा उपचुनाव में उनके पास 765 करोड़ रुपए की संपत्ति थी। 
पिछले कई विधानसभा और लोकसभा चुनाव में सक्रिय भागीदारी कर चुके प्रिया गोल्‍फ के भी अच्‍छे खिलाड़ी हैं। घरेलू मामलों से लेकर इंटरनेशनल इश्‍यू तक पर उनकी अच्‍छी पकड़ है।

इमरान हाशमी की नई फिल्‍म से पहले आई मुसीबत, 'बीवी' ने किया हंगामा

 
मुंबई. बॉलीवुड एक्‍टर इमरान हाशमी की नई फिल्‍म 'एक थी डायन' आज रिलीज हो गई। लेकिन इस फिल्‍म की रिलीज से ऐन पहले इमरान की जिंदगी में उस वक्‍त तूफान खड़ा हो गया, जब कुछ पुलिसवालों के साथ उनके घर पहुंची महिला ने उनकी पत्‍नी होने का दावा किया। 
 
बुधवार की शाम इमरान अपनी फैमिली को इस हॉरर फिल्‍म की प्राइवेट स्‍क्रीनिंग के लिए ले जाने की योजना बना रहे थे। उसी वक्‍त एक महिला उनके घर आई और उसने दावा किया कि वह इमरान की पत्‍नी है। रश्मि सिंह नाम की यह महिला अपने साथ कुछ पुलिसवालों को भी लाई थी।
 

कैम्ब्रिज का स्‍कॉलर, इस्‍लाम का समर्थक रहा है बोस्‍टन धमाके का गुनहगार!



बोस्‍टन. बोस्‍टन में हुए बम वि‍स्‍फोट के दो संदि‍ग्‍धों की फोटो एफबीआई ने जारी की है। इन दोनों की पहचान भी जाहिर हो गई है। ये दोनों भाई बताए जा रहे हैं। एक संदिग्‍ध की अस्‍पताल में मौत हो गई जबकि दूसरा अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बोस्टन धमाकों के दूसरे संदिग्ध की पहचान हो गई है जिसका नाम जोखर ए. सारनेव बताया जा रहा है। वह मूल रूप से चेचेन्‍या का रहने वाला है लेकिन पिछले एक साल से कैम्ब्रिज में वैध तरीके से रह रहा था। यह अमेरिका में रहने से पहले तुर्की में रहा है। इस युवक का नाम 2011 में कैम्ब्रिज की स्‍कॉलरशिप पाने वाले स्‍टूडेंट्स की लिस्‍ट में है। उसकी उम्र 19 साल है। एक सोशल साइट पर उसने खुद को इस्‍लाम धर्म का समर्थक बताया है। अब यह करीब साफ हो गया है कि संदिग्ध सुनील त्रिपाठी नहीं है, जिस पर पहले शक किया जा रहा था। हालांकि पुलिस ने अभी इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। (
 
शक है कि जोखर ए. सारनेव ने अपने भाई के साथ मिलकर बोस्‍टन धमाकों को अंजाम दिया जिसकी पहचान 26 साल के तमेरलन सारनेव के तौर पर हुई है। सारनेव बंधुओं का जन्‍म रूस के किर्गिस्‍तान में हुआ था जहां की 80 फीसदी आबादी मुस्लिम है। इनके पिता चेचेन्‍या में काम करते हैं। डॉक्‍टरों के मुताबिक मारे गए संदिग्‍ध युवक के शरीर पर धमाके के दौरान इस्‍तेमाल विस्‍फोटक के जख्‍म के निशान थे। उसकी जिंदगी बचाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इस संदिग्‍ध के मरने से पहले क्‍या पुलिस ने उससे बात करने की कोशिश भी की थी, इस सवाल का जवाब भी डॉक्‍टरों ने नहीं दिया। अब पुलिस दूसरे संदिग्‍ध की तलाश में सरगर्मी से जुटी हुई है। एफबीआई का कहना है कि फरार संदिग्‍ध बेहद खतरनाक 'आतंकवादी' है जो घातक हथियारों से लैस है। शक है कि संदिग्‍ध के पास असॉल्‍ट राइफलें और बम समेत अन्‍य घातक हथियार हैं। पुलिस की चिंता इस बात को लेकर है कि वह लोगों को बंधक बनाने की कोशिश कर सकता है। बोस्‍टन में सबवे और बस सेवाएं फिलहाल रोक दी गई हैं। पुलिस ने वाटरटाउन के निवासियों को घर में ही रहने को कहा है। संदिग्‍ध की तलाशी में 9000 पुलिस अधिकारी जुटे हैं। एफबीआई ने संदिग्‍धों की चार और तस्‍वीरें भी जारी की हैं जिनमें उनके चेहरे सामने की तरफ दिख रहे हैं। 
 
एफबीआई के स्‍पेशल एजेंट रि‍चर्ड डेसलॉरि‍यर के मुताबि‍क एक संदि‍ग्‍ध ने गहरे रंग के कपड़े पहने हुए थे और एक बेसबॉल कैप लगाई थी। इसके अलावा उसने चश्‍मा भी लगाया हुआ था। दूसरा संदि‍ग्‍ध सफेद रंग की बेसबॉल कैप पहने हुआ था और पहले संदि‍ग्‍ध के पीछे था। एफबीआई का कहना है कि पहले वि‍स्‍फोट के बाद दूसरा संदि‍ग्‍ध पहले संदि‍ग्‍ध की मदद करता देखा गया, लेकि‍न एफबीआई ने इस मामले में क्रमवार फोटो या सबूत दि‍खाने से मना कर दि‍या।
 
बताया जा रहा है कि इनमें से एक संदि‍ग्‍ध ने बम वि‍स्‍फोट वाली जगह पर वि‍स्‍फोट से कुछ देर पहले बैग भी रखा था। एफबीआई ने दोनों की फोटो जारी करते हुए कहा है कि दोनों संदि‍ग्‍ध हथि‍यारबंद और काफी खतरनाक हो सकते हैं। हालांकि इनकी फोटो पूरी तरह से साफ नहीं है। इनमें से एक फोटो में दि‍ख रहा है कि जि‍स जगह मैराथन रेस खत्‍म होनी थी, उसी जगह पर इनमें से एक संदि‍ग्‍ध वि‍स्‍फोट से कुछ ही देर पहले टहल रहा था।

गुड़िया रेप केस : मुख्य आरोपी गिरफ्तार, बच्ची की सर्जरी के बारे में फैसला आज


नई दिल्ली.  दिल्ली में 5 वर्षीय बच्ची (गुड़िया, काल्पनिक नाम) के बलात्कार का मुख्य आरोपी मनोज, मुजफ्फरपुर के चिकनौता गांव में गिरफ्ताए कर लिया गया. दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस की जॉइंट टीम ने रात 12:30 के करीब उसके ससुराल से उसे गिरफ्तार किया. पुलिस उसे दिल्ली ला रही है.      
 
इससे पहले शुक्रवार को करीब चार महीने बाद दिल्ली एक और बर्बर दुष्कर्म की घटना से आंदोलित है। दिसंबर की दुष्कर्म घटना के बाद सरकार व पुलिस ने जो अपने रवैए में बदलाव का भारी वादा किया था, उसकी इस घटना ने पोल खोल दी।
 
पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में पड़ोसी द्वारा चार दिन से बंधक बनाई गई और दुष्कर्म की शिकार पांच वर्षीय बच्ची की खोज और इलाज में जैसी हीलाहवाली दिखाई दी उससे सिर्फ दिल्ली पुलिस ही नहीं बल्कि पूरा सरकारी महकमे का रवैया एक बार फिर शर्मसार करने वाला था।
 
15 अप्रैल से लापता बच्ची अंतत: 17 अप्रैल को अपने मकान के बेसमेंट में लहूलुहान हालत में पाई गई। स्वामी दयानंद अस्पताल में उसकी सर्जरी की गई और शुक्रवार शाम उसे एम्स शिफ्ट कर दिया गया। बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है। आरोपी दरिंदे ने बच्ची के निजी अंग में प्लास्टिक की शीशी और मोमबत्ती डाल दी थी जिससे उसके शरीर में संक्रमण फैल गया।
 
बच्ची का परिवार इसी मकान के फस्र्ट फ्लोर पर रहता था। बेसमेंट के एक बंद कमरे से कराहने की आवाज सुनकर मां-बाप ने पुलिस को बुलाया। कमरे का ताला तोड़ा गया तो वह बच्ची वहां मिली। आरोपी मनोज फरार है। पुलिस ने उसके पिता व परिजनों को हिरासत में ले रखा है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपी उनकी पकड़ में होगा।
 
दो दिन तक दर्ज नहीं की एफआईआर
 
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने गुमशुदगी की शिकायत करने के बावजूद इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, दो दिन तक एफआईआर भी दर्ज नहीं की। जब बच्ची मिल गई तब भी पुलिस ने कहा, बच्ची तो जिंदा मिल गई अब खुश रहो।
 
परिजनों ने यह आरोप भी लगाया कि उन्हें पुलिस ने दो हजार रुपए देने का ऑफर कर मामले को रफादफा करने और मीडिया से बात न करने की सलाह भी दी। उन्होंने अस्पताल के बारे में भी कहा कि उन्हें बच्ची के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही थी। 2000 रुपए की पेशकश के आरोप में भी पुलिस ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। जांच की रिपोर्ट आने तक गांधीनगर थाने के एसएचओ धर्मपाल सिंह और जांच अधिकारी महावीर सिंह को निलंबित कर दिया है।
 
पुलिस के रवैए के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए दयानंद अस्पताल के बाहर सैकड़ों लोग सुबह से ही जमा हो गए और मांग उठने लगी कि बच्ची को बेहतर इलाज के लिए एम्स शिफ्ट किया जाए। इस दौरान यहां कई पार्टियां सियासत करने पहुंच गईं। नेताओं के प्रति लोगों ने जमकर गुस्सा दिखाया।
 
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अशोक कुमार वालिया से हाथापाई की गई। लोगों का गुस्सा इस कदर था कि वहां पीड़ित बच्ची का हाल लेने पहुंचे नेताओं पूर्वी दिल्ली के सांसद संदीप दीक्षित, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल को विरोध के नारे झेलने पड़े। शिक्षा मंत्री प्रो. किरण वालिया को बेरंग लौटना पड़ा। उधर, शाम को एम्स में शिफ्ट किए जाने के बाद भी अस्पताल परिसर के बाहर विभिन्न छात्र व महिला संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। 
 
सोनिया बेहद नाराज
 
देर शाम कोरग्रुप की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़ा किया कि यह क्या चल रहा है। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे संतुष्ट नहीं कर पाए। प्रधानमंत्री से कहा, फौरन सख्त कार्रवाई के निर्देश दें। 
 
घटना विचलित करने वाली :
 
मैं इस घटना से विचलित हूं। पुलिस का रवैया अस्वीकार्य है।’ -मनमोहन सिंह, प्रधानमंत्री 
 
विरोध कर रही लड़की पर ही जड़ दिए एसीपी ने तमाचे :
 
बच्ची से दुष्कर्म के खिलाफ प्रदर्शन कर रही एक लड़की पर दिल्ली पुलिस के एसीपी बीएस अहलावत ने जोर दिखाया। एसीपी ने न केवल लड़की से बदसलूकी की बल्कि उसकी कनपटी पर तीन-चार तमाचे जड़ दिए। पिटाई से लड़की के कान से खून बहने लगा। घटना की तस्वीर चैनलों पर आने के बाद पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने एसीपी को निलंबित कर दिया है। घटना के लिए नीरज कुमार ने अफसोस भी जताया है।
 
बच्ची के लिए अगले दो दिन बेहद अहम :
 
बच्ची का इलाज कर रहे दयानंद अस्पताल के आरके बंसल के अनुसार, बच्ची के लिए अगले 24 से 48 घंटे बेहद संवेदनशील हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची के निजी अंग, छाती, होठ और गाल पर चोट है, गले में भी खरोंच के निशान हैं जिससे यह लगता है कि उसका गला घोंटने की कोशिश भी की गई। उसके निजी अंगों से बाहरी वस्तुएं निकालकर संक्रमण थामने की दवा लगातार दी जा रही थी। डॉक्टरों के मुताबिक, उसकी सर्जरी कर घ्लास्टिक की शीशी और मोमबत्ती निकाल गई।  शुक्रवार को दो बार शिफ्ट करने के बाद आखिर में उसे एम्स में भर्ती कराया गया है। 
 
पिता के तीन आरोप :
 
14 अप्रैल को बच्ची गुम हुई। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पर गांधीनगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।
17 अप्रैल को खुद ही खोजा। फिर पुलिस के पास गए। लेकिन दुष्कर्म का केस दर्ज नहीं किया।
18 अप्रैल की रात पुलिस वाले आए और दो हजार रुपए देकर कहा-लोगों में बात मत ले जाओ। बदनामी होगी।
 
महिला आयोग की अध्यक्ष बोलीं-कल मिलूंगी :
 
पांच वर्षीय मासूम के साथ हैवानियत से हर तबके में भारी आक्रोश है लेकिन बच्चों और महिलाओं के हक से जुड़ी सरकारी संस्थाएं फिक्रमंद नजर नहीं आईं। शुक्रवार पूरे दिन दिल्ली में जनाक्रोश उमड़ता रहा लेकिन जिम्मेदार संस्थाओं में कोई भी बच्ची या परिवार का सुध लेने नहीं पहुंचा।
 
महिलाओं के खिलाफ होने वाले हर उत्पीड़न पर फौरन पुलिस और प्रशासन को आड़े हाथों लेने वाली राष्ट्रीय महिला आयोग प्रमुख ममता शर्मा के बयान ने सबसे ज्यादा हैरान किया है। 
 
शुक्रवार को एक टीवी को इस हैवानियत भरी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए महिला आयोग प्रमुख ने कहा, ‘आज छुट्टी है। कल मैं इस मामले को टेक-अप करके पीड़िता से मिलने जाऊंगी। जो भी मदद बन सकेगी, हम करेंगे।’
 
बाल संरक्षण आयोग प्रमुख को कोई जानकारी नहीं
 
बच्चों के अधिकारों पर काम करने वाली संस्था ‘राष्ट्रीय बाल अधिकार व संरक्षण आयोग ’ का एक भी अधिकारी पीड़िता से मिलने नहीं जा सका। सबसे हैरान करने वाला तथ्य है कि आयोग की प्रमुख शांता सिन्हा की मौजूदा स्थिति के बारे में भी किसी को कोई जानकारी नहीं है। केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। इसी तरह आयोग के अन्य सदस्यों को भी उनके दिल्ली से बाहर जाने के बारे में जानकारी नहीं है।
 
महिला व बाल विकास राज्यमंत्री नहीं गई बच्ची से मिलने
 
दुष्कर्म की खबर सुनने के बाद एम्स में कई नेताओं और अधिकारियों का तांता लग गया। लेकिन पूरे दिन इसमें खुद महिला व बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा तीरथ मासूम से मिलने नहीं जा सकीं। जबकि मंत्री जी के घर से एम्स की दूरी दो किलोमीटर से भी कम है।
 
16 दिसंबर की घटना के बाद लगा था कि लोगों की सोच में बदलाव आएगा। लेकिन हालात और बिगड़े हैं। ये पुलिस वाले महिलाओं की सुरक्षा क्या इन्हें मारने-पीटने का ही काम करेंगे।’ - सुषमा स्वराज, भाजपा नेता

कुरान का सन्देश

दोस्तों किसी ने कहा है के में तो अकेला ही चला था अपनी जानिबे मंजिल लोग मिलते गए और कारवाँ बनता चला गया .

दोस्तों किसी ने कहा है के में तो अकेला ही चला था अपनी जानिबे मंजिल लोग मिलते गए और कारवाँ  बनता चला गया ..जी हा दोस्तों यह बात पंजाब के कुरुशेत्र से आये दया सिंह जी के लियें शत प्रतिशत लागु होती है वोह देश में अमन चेन सुकून चाहते है और इसीलियें हक्के अमन के नाम से राईट टू  पीस के अधिकार की मांग को लेकर देश भर के लोगों में अमन का पैगाम बांटने के लियें निकल पढ़े है ..अकेले सत्तर वर्षीय दया सिंह पिछले दो सालों से इस यात्रा पर है इन्होने पहले वर्ष दो हजार ग्यारह में यह यात्रा निकाली फिर बारह में निकाली अब फिर से पन्द्राह से बाईस अप्रेल तक की यह संक्षिप्त यात्रा दिल्ली से निकल कर जयपुर अलवर कोटा होते हुए बाईस अप्रेल को अजमेर के पुष्कर में समाप्त होगी .....दया सिंह अपनी इस यात्रा का संदेश देने आज कोटा प्रवास पर थे उन्होंने देश भर के उलेमा ..देश भर के सियासी लोगों की नब्ज़ टटोली है और इस नतीजे पर पहुंचे है के देश में अगर तरक्की चाहिए ..देश में अगर इंसाफ चाहिए ..देश में अगर सुरक्षा चाहिए ..सुकून चाहिए तो सभी लोगों को हक्के अमन जो उनका संवेधानिक अधिकार है देना होगा और इसके लियें हमारे देश के नागरिकों को भी जागरूक होकर अपने इस अधिकार को हांसिल करने के लियें अपने कर्तव्यों को निभाना होगा ...उन्होंने कहा के देश के पचियांनवे फीसदी से भी ज्यादा लोग अमन चेन सुकून चाहते है केवल पांच प्रतिशत लोग देश का माहोल बिगाड़ रहे है उनका कहना है के इन पांच फीसदी लोगों को हम सब मिलकर अमन चेन के रस्ते पर चलने के लियें मजबूर कर सकते है ..उन्होंने कहा के राजस्थान में सद्भाविक माहोल है कोटा की फिजा अमन सुकून की है जो यहाँ बनी रहे ...इस मामले में शीघ्र ही राज्यस्तर की एक सेमिनार हक्के अमन पर कोटा या जयपुर में आयोजित की जायेगी ....उनके साथ कानपूर के रामसिंह यादव एडवोकेट भी थे ..कोटा में राजस्थान मदरसा बोर्ड के सदस्य डोक्टर इकराम खान ....मोमीन कोंफ्रेंस के हाजी अब्दुल रजाक अंसारी ...रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य हाफिज रशीद कादरी ...राजस्थान वक्फ विकास परिषद के सदस्य वफाती खान ..एडवोकेट अख्तर खान अकेला ...पेरातिचर्स संघ के रमीज़ राजा .....युवा कोंग्रेसी शाहनवाज़ अली ..सहित सभी सिक्ख और मुस्लिम भाइयों ने उनका स्वागत किया उन्होंने कहा के मुस्लिम  और सिक्ख तबका ही देश में अमन चेन बिगड़ने से सबसे ज्यादा आहत हुआ है ....और किसी  भी घटना को लेकर सिक्ख और मुस्लिम समुदाय के लोगों को शक के घेरे में लेकर शर्मसार किया जाता है इससे सभी की भावनाए आहत होती है अब इस विचार में बदलाव की जरूरत है .. जी हाँ दोस्तों दया सिंह इसी अमन यात्रा में अकेले निकले थे लेकिन अब उनका अमन का पैगाम एक करवा एक विचार एक मिशन बन गया है और देश इस सच को जानने लगा है के देश की तरक्की एकता और अमन सुकून में है ..देश में प्रत्येक व्यक्ति को अगर अमन शांति का संवेधानिक अधिकार मिला तो देश फिर से सोने की चिड़िया बनने की तरफ बढ़ जाएगा .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दोस्तों कोटा में चम्बल नदी हो जो भीलवाड़ा तक की प्यास बुझा रही हो और कोटा के ही लोग चम्बल तट पर रहने के बाद भी प्यासे रहकर बूंद बूंद पानी को तरसे तो क्या कहिये

दोस्तों कोटा में चम्बल नदी हो जो भीलवाड़ा तक की प्यास बुझा रही हो और कोटा के ही लोग चम्बल तट पर रहने के बाद भी प्यासे रहकर बूंद बूंद पानी को तरसे तो क्या कहिये ..जी जनाब कोटा के लोगों का यही हाल है यहाँ के अधिकारी वाटर मेनेजमेंट में फेल है और नेता लोग कोटा का पानी बाहर भेजने की कोशिशों में कोटा वालों को बूंद बूंद पानी के लियें आंसुओं से रुला रहे है ...कोटा में वाटर वर्क्स है यहाँ पानी के प्लांट है ..पानी है लेकिन जलदाय विभाग के अधिकारीयों को ठेकेदारों से फुर्सत नहीं है हालात यह है के बहर की नये कोटा की बस्तियों का तो बुरा हाल है ही सही लेकिन जहाँ कभी चोबीस घंटे पानी आया करता था अब वहां पानी का प्रेशर कम कर दिया गया है नतीजन केथुनीपोल ..श्रीपुरा ..बाबरापड़ा  और पाटनपोल जेसी बस्तियों में पानी को लोग तरसने लगे है .....वेसे  भी बरसात के पानी को फिर से जमीन में जज्ब करने की योजना बेकार है यहाँ सडकों के जरिये सारा बरसात का पानी नालियों के जरिये बहकर नदी में बह जाता है और इसीलिए कोटा का जलस्तर घटकर निरंतर घातक स्थिति में पहुंच रहा है ..इतना सब होने के बाद भी कोटा के कोंग्रेस और विपक्ष के नेता जिंदाबाद हो रहे है और जनता के आंसू तक पहुंचने की उनकी फुर्सत नहीं है ..अब तक जल्दी विभाग के लोगों के इस मामले में वाटर मेनेजमेंट के लियें कान तक नहीं उमेठे गए है ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दोस्तों एक पकिस्तान की अदालत है

दोस्तों एक पकिस्तान की अदालत है जहां अदालत के जजों को अपमानित करने वाले पूर्व राष्ट्रपति और जनरल परवेज़ मुशर्रफ के खिलाफ सख्ती बरत कर उन्हें उनके कारनामे के लियें गिरफ्तार कर लिया गया है ...दूसरी तरफ हमारे देश में राजस्थान की अदालत है जहां जयपुर की पुलिस ने अदालत में घुस कर आंसू गेस के गोले छोड़े ..वकीलों को मारा ...जज को मारा ...प्रकरण अदालत में चलाया गया है लेकिन अभी तक स्टेटस रिपोर्ट तक ही मामला सीमित है जज को पीटने वाले किसी भी पुलिस कर्मी को  सरकार ने गिरफ्तार नहीं किया  है ना ही निलम्बित किया गया है वाह भाई वाह है न मजेदार फर्क भारत और पकिस्तान की सरकारों  में .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Siya Sachdev दिल्ली में पांच साल की बच्ची के साथ दरिंदगी फिर शर्मसार किया

दिल्ली में पांच साल की बच्ची के साथ दरिंदगी फिर शर्मसार किया गया इंसानों के बीच छिपे भेड़ियों ने इंसानियत को ... जंगलराज में जी रहे है हम । जहाँ कानून महज़ दिखावा है, और उस पर पुलिस का कारनामा देखिये की बच्ची के परिजनों को २००० रु दे रही है और कह रही है कि मीडिया में ना जाया जाए! जहाँ आज देश में कन्या पूजन हो रहा है और एक तरफ ५ साल की मासूम बच्ची के साथ इस तरह की शर्मनाक हरकत ......आज हमारे देश में रोज बच्चियां के साथ बलात्कार की घटनाये हो रही है ,,इतनी लचर है हमारे यहाँ की कानून व्‍यवस्‍था और तंत्र ?..आखिर कब तक चलेगा ये सब कब तक मूक दर्शक बने अपनी बेबसी का तमाशा देखते रहगे लोग .....अब तो खुलेआम ऐसे मुजरिमों को फाँसी पर लटका देना चाहिए ....अगर कानून और पुलिस के बस में नहीं कुछ तो जनता के हवाले कर दे ऐसे मुजरिमों को ....जनता खुद फैसला करे उसे क्या करना है ऐसे दरिन्दों के साथ

रात के ख्वाबों की ताबीर तुझे बताऊँ कैसे


रात के ख्वाबों की ताबीर तुझे बताऊँ कैसे
बेरंग जिंदगी को हसीं रंगों से सजाऊं कैसे

जीवन के कैनवास पर रंगों का मेला है
मजबूरियों की ओट से मैं हट जाऊं कैसे

मेरी नींद सर्द रातों से बैर रखती है
जागती आँखोंमें हसीं ख़्वाब सजाऊं कैसे

बेखबर थे तो गुलाब भी चोट दे गए हमको
होश ओ हवास में खुद का दर्द बताऊँ कैसे

चांदनी रात में मैं भीग जाऊं कैसे
बारिश से भला जंग कर जाऊं कैसे

हो बेखबर खुद के मुकद्दर से लड़ पड़ी मैं
जो लकीरों में ना था उसे लिखवाऊं कैसे ........अंजना

"हम वर्ष में दो बार नौ देवियों की उपासना करते हैं

"हम वर्ष में दो बार नौ देवियों की उपासना करते हैं ...वर्ष में दो बार कन्याओं को 8 -8 दिन पूजते हैं . इस अवसर पर हर छह माह के अंतराल पर प्रथमा से अष्ठमी तक आठ दिनों तक विभिन्न स्वरूपों में नारी शक्ति की आराधना उपासना करते हैं ...कन्याओं के साथ साथ हम बालकों को भी भोजन और भेंट देते हैं ...यह धर्म के स्वरुप में नारी प्रतीक शक्ति और नन्हें नागरिकों के निर्माण का सामाजिक उत्सव है ...सामाजिक संकल्प है ...क्या हम इसके प्रति ईमानदार हैं ? या यह महज एक पाखण्ड है ? ....भारत में नारी प्रतीकों में सबसे ज्यादा "काली" की पूजा होती है किन्तु दुनियाँ में "Fair & Lovely" का सबसे बड़ा बाजार भारत ही है ...हम पूजते काली को हैं और खरीदते "फेयर एण्ड लवली" हैं बहू चाहिए गोरी ,पत्नी चाहिए गोरी ,फिल्म की हीरोइन चाहिए गोरी ...हम साल में दो बार आठ-आठ बार यानी 16 दिन घर पर पूजते बेटियों को हैं पर सड़क पर हमारी बेटियाँ फिर भी असुरक्षित हैं ...बलात्कार की घटनाएं निरंतर बढ़ रही है और हमारी बेटियाँ भी सरस्वती और गार्गी से प्रेरणा नहीं ले रहीं पहनावे में उनकी प्रेरणा श्रोत हैं मल्लिका शेहरावत ,सन्नी लियोने,राखी सावन्त सरीखी मुम्बैया वेश्याएं ...जिस बंगाल में दुर्गा पूजा की धूम दर्शनीय है उसकी ही राजधानी कलकत्ता में दुनियाँ के सबसे बड़े वैश्यालय हैं ..."यस्य नारियंती पूज्यन्ते ..." के देश भारत की बेटी विश्व की हर सातवीं बाल वैश्या है ...हर साल 50 लाख से अधिक दहेज़ हत्याएं हो रही हैं ...हम उस देश में नारी गरिमा का पाखण्ड करते हैं जहां आज भी दूर देहात में महिलायें खुले में शौच जाने को अभिशिप्त हैं ....हम अखण्ड पाखण्ड से उबरें ...नारी शक्ति को सामाजिक सम्मान और सुरक्षा दें ---दुर्गाष्ट्मीं /रामनवमीं के रूप में मनाये जाते शक्ति पर्व की शुभ कामनाएं ." ----राजीव चतुर्वेदी

वो एक पगली

वो एक पगली

वो दिन भर बाते करती थी ...
कुछ चुपके - चुपके कहती थी |
मेरी सांसों में अक्सर ...
उसके होने की खुशबु मिलती थी |
हर आने वाली आहट ...
मुझे बेवक्त जगा कर जाती थी ...
वो दूर बहुत दूर रहकर भी
अहसास जगा फिर जाती थी |
दिन रात वो ख्वाब सजाती थी ...
मुझको कहने से घबराती थी |
वो जान से मुझको प्यारी थी ...
पर मुझसे वो कतराती थी |
न वक़्त कभी ऐसा आया ...
मैं उससे न फिर मिल पाया |
वो साया बनकर अब मेरे साथ...
दिन - रात सफर में रहती थी |
आँखे अब जब नम होती है ...
उसकी यादें संग होती है |
वो पगली मेरे ख्वाबों की ...
अक्सर शहजादी होती थी |
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